बुधवार, 18 सितंबर 2019

तस्वीरें कुछ सिद्ध नहीं करती:एससी

अयोध्या सुनवाई: शेर का चित्र मिलने पर सुप्रीम कोर्ट ने मुस्लिम पक्ष से किया सवाल- क्या मस्जिदों में भी पाए जाते हैं ऐसे चित्र


नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद मामले में मंगलवार को मुस्लिम पक्षों से अब ध्वस्त किए जा चुके विवादित ढांचे पर शेरों, पक्षियों और फूलों के चित्र होने के बारे में सवाल पूछे। इसने पूछा कि क्या मस्जिदों में इस तरह के चित्र पाए जाते हैं।


मुस्लिम पक्षों ने कहा कि किसी मस्जिद में भगवान की कोई तस्वीर नहीं पाई जाती, लेकिन क्योंकि कुछ फूल और तस्वीरें पाई गई हैं, महज इस आधार पर यह नहीं कहा जा सकता कि स्थल ”कुरान के अनुरूप नहीं” है और इस्लामी सिद्धांतों के खिलाफ है।


उन्होंने प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई के नेतृत्व वाली पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ से कहा कि 'सिंह द्वार' पर शेरों और एक पक्षी के चित्र तथा ”कसौटी स्तम्भों” पर फूलों की कुछ तस्वीरें पाए जाने से हिन्दू पक्ष को यह साबित करने में मदद नहीं मिलती कि वहां मस्जिद की जगह मंदिर था।
पीठ ने कहा, ”यह (दो शेरों और एक पक्षी की 1950 में ली गई तस्वीर) 'सिंह द्वार' पर है। इसमें दो शेर और एक 'गरुड़' है।” इसने यह भी कहा कि वह बेहतर तस्वीर देखना चाहती है। पीठ ने कहा, ”किसी मस्जिद में फूलों, जानवरों की तस्वीरें नहीं हो सकतीं। श्री धवन क्या आप एक संक्षिप्त नोट बना सकते हैं और हमें मस्जिदों की तस्वीरें दे सकते हैं।”


सुन्नी वक्फ बोर्ड और वास्तविक वादी एम सिद्दीक सहित अन्य की ओर से आठवें दिन दलील दे रहे राजीव धवन ने पीठ से कहा कि हिन्दू पक्षों के इन तस्वीरों पर विश्वास से ”कुछ भी साबित नहीं होता।


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