बुधवार, 21 अगस्त 2019

गुरु तेग बहादुर अस्पताल की सिल्वर-जुबली

कानपुर। शहर की निजी स्वास्थ्य सेवाओं में लाजपत नगर स्थित गुरु तेग बहादुर हॉस्पिटल ने अपनी सेवाओं की सिल्वर जुबली जिस सेवा में मनाई है। यह मुकाम एक से नये-नये व पुराने-पुराने अत्याधुनिक व वातानुकूलित नर्सिंग होमो को भी हासिल नहीं है। जिनकी कभी न कभी स्वास्थ्य सेवाएं विवादित रही हैं। किन्तु यह हॉस्पिटल मरीजों की तत्पर सेवाओं का मामला हो या किफायती रेटों पर आम मरीजों का इलाज हो। यह अस्पताल प्रबंधक ने अस्पताल के शुरुआत होने से लेकर बखूबी पूर्वक आज तक निभाया है। इतना ही नही डॉक्टर सेवाओं में जो तत्परता कुछ वर्गीय मरीजों में दिखाई जाती है। वहीं तत्परता नि:शुल्क इलाज करा रहे गरीबों के साथ भी उपलब्ध रहती है। यही कारण है। कि अस्पताल स्टाफ को गरीबों की पल-पल दुआये मिलती हैं।


जिससे यह हॉस्पिटल शहर की नर्सिंग होम की सेवाओं के मुकाबले में नम्बर वन में है। ऐसा नहीं है कि गुरु तेग बहादुर हॉस्पिटल प्रबंधन ने उच्च क्वालिटी के नर्सिंगहोमों से अपने यहां सेवाएं व अत्याधुनिक बंदोबस्त काम किये हो। हॉस्पिटल में जनरल वार्ड ए०सी० क्यूबिकल, सेमी प्राइवेट वार्ड एवं डीलक्स प्राइवेट रूमों तक के बंदोबस्त हैं। इसके अलावा वेन्टिलेटर, सघन चिकित्सा कक्ष (आई० सी० यू०) व नवजात शिशु चिकित्सा कक्ष (एन०आई०सी०यू०) सुविधाएं भी उपलब्ध है। इस हॉस्पिटल कीरीड की हड्डी माने जाने वाले आर्थोपेडिक सर्जन डॉ श्री दीपक श्रीवास्तव बताते हैं। कि चिकित्सा सेवाओं के क्रम में अत्याधुनिक वातानुकूलित माड्यूलर ऑपरेशन थियेटर, दूरबीन विधि द्वारा पित्त थैली गुर्दे की पथरी, प्रोस्टेट व अन्य पेट के ऑपरेशन।


सी-आर्म मशीन द्वारा सूक्ष्म चीरे से हड्डी के सभी प्रकार के ऑपरेशन, डायलिसिस की सुविधा, ज्वाइन्ट रिप्लेसमेन्ट एवं आर्थोस्कोपिक सर्जरी, फेको विधि से मोतियाबिन्द का ऑपरेशन, दर्द रहित प्रसव एवं बच्चेदानी कॉर्पोरेशन, नवजात शिशु में पीलिया के इलाज के लिए फोटोथिरेपी यूनिट,बच्चों का टीका करण बेड साइड अल्ट्रासाउंड, ईसीएचओ, ई० सीजी एक्सरे। 24 घण्टे इमरजेन्सी से वाएं और साथ ही 5 किमी० दूर तक की मुक्त सेवा एम्बुलेन्स सुविधा भी उपलब्ध है। डॉ० श्रीवास्तव बताते हैं। कि देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की आयुष्मान योजना के तहत गरीब पात्र मरीजों के मुफ्त इलाज, बीमा कम्पनियों के चिंहित मरीज के पास ये सब के प्रमाण पत्र नहीं है। वह गरीब है। अगर वह किसी तरह से अस्पताल ले आया गया तो उसकी स्वास्थ्य सेवाएं पैसे के अभाव में नहीं रोकी जाती हैं। बल्कि अस्पताल स्टाफ ऐसे मरीज का खास ख्याल रखते हैं। यह अस्पताल प्रबंधन की हर कर्मी को विशेष हिदायत है कि पैसे के अभाव में किसी का इलाज बंद ना हो।


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