गुरुवार, 9 फ़रवरी 2023

कौशाम्बी: एक दिवसीय वार्षिक उत्सव का आयोजन 

कौशाम्बी: एक दिवसीय वार्षिक उत्सव का आयोजन 


वार्षिकोत्सव कार्यक्रम में छात्र-छात्राओं ने मचाया धमाल

कौशाम्बी। एमबीओ कॉलेज टेढ़ीमोड के तत्वावधान में गुरुवार को विद्यालय प्रांगण में एक दिवसीय वार्षिक उत्सव का आयोजन किया गया। जिसमें विद्यालय के छात्र - छात्राओं ने सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत कर उपस्थित लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया है। वार्षिकोत्सव में छात्र-छात्राओं ने कार्यक्रम प्रस्तुत कर धमाल मचाया है। जिसकी भूरि-भूरि सराहना की गई है। विद्यालय की ओर से आयोजित वार्षिक उत्सव 2023 के मौके पर कार्यक्रम की शुरुआत वंदना गीत से हुई।

उसके बाद तरह-तरह के देशभक्ति नाटक और सांस्कृतिक गीतों की प्रस्तुति कर छात्र-छात्राओं ने उपस्थित लोगों को ताली बजाने पर मजबूर कर दिया है। विद्यालय द्वारा आयोजित वार्षिकोत्सव कार्यक्रम में क्षेत्र के अभिभावक कार्यक्रम देखने के लिए विद्यालय परिसर में पहुंचे और छात्राओं द्वारा प्रस्तुत कार्यक्रम से आनंदित हुए। बेहतर प्रस्तुति करने वाले छात्र - छात्राओं को विद्यालय प्रबंध तंत्र ने सम्मानित कर उनका हौसला अफजाई किया है। इस मौके पर इलाके के गणमान्य व्यक्ति स्कूल के शिक्षक अभिभावक छात्र - छात्राएं मौजूद रही।

राजकुमार

कंपनियां: 9 परिसंपत्तियों की नीलामी करेगा 'सेबी'

कंपनियां: 9 परिसंपत्तियों की नीलामी करेगा 'सेबी'

अकांशु उपाध्याय 

नई दिल्ली। भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) ने बृहस्पतिवार को कहा कि निवेशकों के पैसे की वसूली के लिए वह आगामी 13 मार्च को चार कंपनियों- इनफिनिटी रियलकॉन, भारत कृषि समृद्धि इंडस्ट्रीज, रवि किरन रियल्टी इंडिया और सनहेवन एग्रो इंडिया की नौ परिसंपत्तियों की नीलामी करेगा।

इन कंपनियों ने नियामकीय नियमों का पालन किए बिना निवेशकों से धन जुटाया था। सेबी ने एक अधिसूचना में बताया कि जिन नौ संपत्तियों की नीलामी की जाएगी, उनमें पूरे पश्चिम बंगाल में स्थित कुछ जमीन और एक बहुमंजिला इमारत शामिल हैं। इन संपत्तियों की कीमत तीन करोड़ रुपये आंकी गई है।

सेबी ने नीलामी के लिए निविदाएं आमंत्रित करते हुए कहा कि नीलामी 13 मार्च को सुबह 10.30 बजे से 12.30 बजे तक ऑनलाइन माध्यम से की जाएगी। नीलामी वाली कुल नौ संपत्तियों में से चार भारत कृषि समृद्धि इंडस्ट्रीज, तीन इनफिनिटी रियलकॉन और एक-एक सनहेवन एग्रो इंडिया और रवि किरन रियल्टी इंडिया की हैं।

मोदी सरकार पर 'क्रोनी कैपिटलिज्म' का आरोप: रेड्डी 

मोदी सरकार पर 'क्रोनी कैपिटलिज्म' का आरोप: रेड्डी 

इकबाल अंसारी 

हैदराबाद। तेलांगना कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष एवं कांग्रेस सांसद कैप्टन एन. उत्तम कुमार रेड्डी ने अडाणी समूह पर लगे आरोपों की जांच के लिए संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) के गठन की मांग दोहराते हुए मोदी सरकार पर 'क्रोनी कैपिटलिज्म' का आरोप लगाया है। रेड्डी ने बुधवार रात लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर अपनी बात रखी। उन्होंने लगाया कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाली सरकार द्वारा अडानी समूह के साथ पक्षपात किया गया है।

उन्होंने उदाहरणों का हवाला देते हुए कहा कि जब अहमदाबाद, लखनऊ, मैंगलोर, जयपुर, गुवाहाटी और तिरुवनंतपुरम में छह हवाईअड्डों के लिए बोली लगाई गई थी, तो नीति आयोग और वित्त मंत्रालय ने अडानी समूह जैसे बोलीदाताओं पर हवाई अड्डा प्रबंधन का कोई अनुभव नहीं होने को लेकर गंभीरता से आपत्ति जताई थी। उन्होंने यह भी सलाह दी कि एक कंपनी को दो से अधिक हवाई अड्डे नहीं दिए जाने चाहिए।  रेड्डी ने कहा कि हालांकि, सत्ता के निर्देश पर सभी नियमों को तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया और सभी छह हवाई अड्डे अडानी समूह को दे दिए गए। उन्होंने कहा कि अडानी को छह हवाई अड्डों को 50 साल के लिए दिया जाना, मौजूदा दिशानिर्देशों की अनदेखी है।

उन्होंने कहा कि पहले हवाई अड्डों के लिए रियायत समझौते 30 साल के लिए हुआ करते थे। उन्होंने कहा कि 22 मई 2014 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शपथ लेने के बाद से अब तक गौतम अडानी को 12 पोर्ट और टर्मिनल, आठ हवाई अड्डे, 14 सिटी गैस डिस्ट्रीब्यूशन लाइसेंस, 27 ट्रांसमिशन लाइन, हजारों मेगावाट की बिजली परियोजनाएं, रक्षा अनुबंध और कई अन्य सरकारी परियोजनाएं दी गई।

उन्होंने कहा कि राजग सरकार ने 2014 में आंध्र प्रदेश के विभाजन के समय जारी राष्ट्रपति की अधिसूचना का सम्मान नहीं किया। उन्होंने कहा कि काजीपेट में रेलवे कोच फैक्ट्री, बय्याराम में स्टील प्लांट, आदिवासी विश्वविद्यालय, बीबीनगर में एम्स, सूचना प्रौद्योगिकी निवेश क्षेत्र (आईटीआईआर) जैसे वादों को पूरा नहीं कर भाजपा सरकार द्वारा तेलंगाना के साथ अन्याय किया गया है। उन्होंने कहा,“ आंध्र प्रदेश के लोगों की ओर से मैं विजाग स्टील प्लांट के निजीकरण के कदम को रद्द करने की मांग करता हूं।”

हंगामा: सदन की कार्यवाही दिनभर के लिए स्थगित 

हंगामा: सदन की कार्यवाही दिनभर के लिए स्थगित 

अकांशु उपाध्याय 

नई दिल्ली। राज्य सभा में गुरुवार को सत्तापक्ष के सदस्यों के हंगामे के कारण सदन की कार्यवाही दो बार के स्थगन के बाद दिनभर के लिए स्थगित करनी पड़ी। सभापति जगदीप धनखड़ ने दूसरे स्थगन के बाद 5.15 बजे जब सदन की कार्यवाही आरंभ करते हुए कांग्रेस के अरुण सिंह गोहिल को बोलने के लिए पुकारा तो सत्ता पक्ष के सदस्यों ने फिर नारेबाजी शुरू कर दी। इस पर धनखड़ ने सदस्यों से शांत होने और सदन संचालन में सहयोग की अपील की, लेकिन नारेबाजी कर रहे सदस्यों पर इसका कोई असर नहीं हुआ। अंत में उन्होंने कहा कि मात्र पांच मिनट के भीतर ही सदन की कार्यवाही स्थगित की जाती है।

इससे पहले सदन की कार्यवाही दो बार स्थगित की गयी थी। पहले स्थगन के बाद 4.30 मिनट पर सदन की कार्यवााही शुरू करते हुए गोहिल का नाम केंद्रीय बजट 2023-24 पर चर्चा शुरू करने के लिए पुकारा तो सत्ता पक्ष के सदस्यों ने नारेबाजी शुरू कर दी और कुछ सदस्य आसन के समक्ष आनेे के लिए तैयार हो गये। धनखड ने सदस्यों ने शांत होने और सदन संचालन में सहयोग की अपील की।

उधर, विपक्ष के सदस्यों ने भी जोर-जोर से बोलना आरंभ कर दिया। इससे सदन में शाेरगुल होने लगा और सभापति ने लगभग तीन मिनट के बाद सदन की कार्यवाही 5.15 बजे तक के लिए स्थगित कर दी। इससे पहले भोजनावकाश के बाद राष्ट्रपति के अभिभाषण का धन्यवाद प्रस्ताव पारित कराने के पश्चात केंद्रीय बजट पर चर्चा शुरु कराने के लिए गोहिल का नाम पुकारा तो सत्तापक्ष के सदस्यों ने नारेबाजी शुरू कर दी।

इस हंगामे के बीच श्री गोहिल ने बोलने से इन्कार कर दिया। कई बार उनका नाम पुकारे जाने और उनके खड़े होने के बावजूद सत्तापक्ष शोर गुल के कारण वह अपना वक्तव्य शुरू नहीं कर सके। इसके बाद श्री धनखड़ ने चर्चा आगे बढ़ाने के लिए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अरुण सिंह का नाम पुकारा तो उन्होंने अपना वक्तव्य आरंभ किया। इस बीच, गोहिल ने केंद्रीय बजट पर अपना वक्तव्य देने की इच्छा प्रकट की। धनखड ने फिर से गोहिल का नाम पुकारा तो भाजपा के नेता भूपेंद्र यादव ने व्यवस्था का प्रश्न उठाते हुए कहा कि गोहिल को फिर से बोलने का अवसर देना नियमों के विरूद्ध है। उन्होंने कहा कि नियमों के अनुसार यदि कोई सदस्य अपने नंबर पर नहीं बोलता है, तो उसका नंबर बाद में आता है।

सभापति ने यादव को सुनने के बाद गोहिल को फिर से बाेलने की अनुमति दे दी। इस पर सत्तापक्ष के सदस्यों ने हंगामा शुरू कर दिया। स्थिति को देखते हुए धनखड़ ने चार बजे सदन की कार्यवाही 4.30 बजे तक लिए स्थगित करने की घोषणा कर दी। इससे पहले राष्ट्रपति के अभिभाषण के धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा का प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा उत्तर दिए जाने के दौरान कांग्रेस समेत विपक्ष के सदस्य नारेबाजी करते रहे थे।

सदस्यों की कमी, एयर इंडिया का परिचालन प्रभावित

सदस्यों की कमी, एयर इंडिया का परिचालन प्रभावित

अकांशु उपाध्याय/कविता गर्ग 

नई दिल्ली/मुंबई। चालक दल के सदस्यों की कमी की वजह से एयर इंडिया का परिचालन प्रभावित हो रहा है। एक सूत्र ने बताया कि इस कारण अमेरिका और कनाडा की कुछ उड़ानें या तो रद्द हो रही हैं या फिर उनकी रवानगी देरी से हो रही है। टाटा समूह की कंपनी एयर इंडिया को पिछले साल भी चालक दल के सदस्यों की कमी के कारण परेशानी का सामना करना पड़ा था।

एयर इंडिया देश की एकमात्र उड़ान सेवा है तो ‘अत्यधिक दूरी वाली उड़ानों’ का परिचालन करती है। इस श्रेणी में 16 घंटे से ज्यादा समय वाली उड़ानें आती हैं। एक सूत्र ने पीटीआई-भाषा को बताया, “लोगों की भारी कमी है, जिससे उड़ान संचालन, खासकर अमेरिका और कनाडा वाली उड़ानों पर समस्या हो रही है।”

सूत्र ने गोपनीयता की शर्त पर बताया, “पिछले पांच-छह दिन में कंपनी ने अमेरिका स्थित सैन फ्रांसिस्को के लिए तीन उड़ानें और कनाडा के वैंकूवर के लिए एक उड़ान रद्द की है। इन मार्गों पर कुछ उड़ानें 10-12 घंटे तक देरी से चल रही हैं।” इस संबंध में एयर इंडिया से प्रतिक्रिया मांगी गई, लेकिन उसकी ओर से कोई जवाब नहीं मिला है। पिछले दो माह में एयर इंडिया ने अपने बेड़े दो बड़े आकार के विमान बोइंग 777 शामिल किए हैं।

सरकार ने 10 प्रस्तावों पर पुनर्विचार करने को कहा

सरकार ने 10 प्रस्तावों पर पुनर्विचार करने को कहा

अकांशु उपाध्याय 

नई दिल्ली। सरकार ने सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम से उसके द्वारा दोबारा भेजे गए 10 प्रस्तावों पर पुनर्विचार करने को कहा है। कानून मंत्री किरेन रीजीजू ने बृहस्पतिवार को राज्यसभा को यह जानकारी दी। एक सवाल के लिखित जवाब में उन्होंने यह भी बताया कि इन 10 प्रस्तावों में से तीन मामलों में उच्चतम न्यायालय कॉलेजियम ने नियुक्ति के लिए अपनी पहले की सिफारिश को दोहराया है। उन्होंने कहा कि शेष सात प्रस्तावों पर कॉलेजियम ने उच्च न्यायालय कॉलेजियम से अतिरिक्त जानकारी मांगी है। 

रीजीजू ने कहा ‘‘उच्चतम न्यायालय कॉलेजियम द्वारा दोहराए गए दस प्रस्तावों को हाल ही में पुनर्विचार के लिए उसे वापस भेज दिया गया था। उन्होंने कहा कि सरकार को लगता है कि उसे मिली विभिन्न रिपोर्टों और सूचनाएं उसकी राय में कॉलेजियम द्वारा आगे विचार करने योग्य है, इसीलिए केंद्र ने इस तरह के दोहराए गए मामलों को पुनर्विचार के लिए उसे भेजा है, जैसा कि अतीत में भी किया गया था। उन्होंने कहा, "अतीत में ऐसे उदाहरण हैं जब उच्चतम न्यायालय कॉलेजियम ने सरकार द्वारा व्यक्त किए गए विचारों से सहमति जताई थी और अपनी दोहराई गई सिफारिशों को वापस ले लिया था।" 

यह देश किसी एक परिवार की 'जागीर' नहीं है: पीएम 

यह देश किसी एक परिवार की 'जागीर' नहीं है: पीएम 

अकांशु उपाध्याय 

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गांधी परिवार का नाम लिये बगैर जोरदार हमला करते हुए आज कहा कि यह देश किसी एक परिवार की जागीर नहीं है। मोदी ने राज्यसभा में विपक्ष के जोरदार हंगामे और नारेबाजी के बीच राष्ट्रपति के अभिभाषण के धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा का उत्तर देते हुए कहा कि यह देश सदियों पुराना है और जन जन की पीढ़ियों की परंपरा से बना हुआ है। यह देश किसी एक परिवार की जागीर नहीं है।

उन्होंने सवाल किया,“ देश के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू की पीढ़ी का कोई व्यक्ति नेहरू सरनेम रखने से शर्मिंदा क्यों हैं। नेहरू सरनेम रखने से क्या शर्मिंदगी हैं। इतने बड़े महान व्यक्ति के परिवार को यह मंजूर नहीं है और वे हम से हिसाब मांगते हैं। ” प्रधानमंत्री ने कांग्रेस के लंबे शासन काल के दौरान निर्वाचित सरकारों को गिराये जाने की घटनाओं का उल्लेख करते हुये कहा कि अनुच्छेद 356 का उपयोग कर देश में 90 बार सरकारें गिरायी गयी।

उन्होंने सवाल किया कि ऐसा करने वाले कौन थे। उन्होंने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने तो अपने कार्यकाल में इसका 50 बार उपयोग किया था। केरल में वामपंथी सरकार को गिराया गया था। इसके साथ ही एमजीआर, एनटीआर और करूणानिधि जैसे दिग्गज राजनेताओं की सरकारें गिरायी गयी थी।

उन्होंने कहा कि वर्ष 1980 में महाराष्ट्र में युवा नेता शरद पवार की सरकार गिरायी गयी थी। इसी प्रकार से वर्ष 2005 में झारखंड में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) को बहुमत था लेकिन राज्यपाल ने संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन की सरकार बनवा दी। यह कांग्रेस के कार्यकाल के दौरान हुआ था। सदन में भोजनावकाश के बाद दो बजे जब कार्यवाही शुरू हुयी तो विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने सदन में व्यवस्था का मामला उठाना चाहा लेकिन सभापति जगदीप धनखड़ ने इसकी अनुमति नहीं दी।

बाद में उन्होंने प्रधानमंत्री को वक्तव्य देने के लिए पुकारा। मोदी जैसे ही भाषण देने के लिए खड़े हुये तो आम आदमी पार्टी, तृणमूल कांग्रेस और कांग्रेस के सदस्य सदन के बीच में आ गये और नारेबाजी करने लगे। इस दौरान विपक्ष के तमाम सदस्य अपनी सीट के निकट खड़े रहे। प्रधानमंत्री के लगभग 85 मिनट के भाषण के दौरान विपक्षी दलों के सदस्यों की सदन में बीच में नारेबाजी और हंगामा जारी रहा। इस दौरान सत्ता पक्ष की ओर से भी मोदी मोदी के कई बार नारे लगाएं गए।

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