शुक्रवार, 10 फ़रवरी 2023

एससी ने कंपनी 'गूगल' की याचिका को खारिज किया 

एससी ने कंपनी 'गूगल' की याचिका को खारिज किया 

अकांशु उपाध्याय 

नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को प्रौद्योगिकी कंपनी 'गूगल' की एक याचिका को खारिज कर दिया। इसमें न्यायालय के 19 जनवरी के आदेश में संशोधन की अपील की गई थी। न्यायालय ने कहा कि कंपनी राष्ट्रीय कंपनी विधि अपीलीय न्यायाधिकरण (एनसीएलएटी) में अपनी अपील की सुनवाई के दौरान अपने मुद्दों को उठा सकती है।

प्रधान न्यायाधीश डी.वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति पी.एस. नरसिम्हा व जे.बी. पारदीवाला की पीठ ने कहा कि वह 19 जनवरी के आदेश में ज्यादा से ज्यादा ‘बिना किसी पूर्वाग्रह के’ जोड़ सकती है और कुछ नहीं कर सकती। अमेरिका की कंपनी की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता मनिंदर सिंह ने कहा कि 19 जनवरी के आदेश के कुछ अंशों को हटाए जाने की जरूरत है।

पीठ ने कहा कि आदेश खुली अदालत में दिया गया था और इसिलए कुछ भी स्पष्ट करने या संशोधित करने की जरूरत नहीं है। भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) की तरफ से पेश अधिवक्ता ने कहा कि गूगल एलएलसी की अपील एनसीएलएटी के समक्ष सुनवाई के लिए अगले सप्ताह सूचीबद्ध है और वे अपनी शिकायतें वहां रख सकते हैं।

शीर्ष अदालत ने 19 जनवरी के अपने आदेश में गूगल को झटका देते हुए एनसीएलएटी के उस आदेश को उचित ठहराया था जिसमें जिसमें प्रतिस्पर्धा नियामक द्वारा ‘एंड्रायड मोबाइल उपकरण पारिस्थतिकी तंत्र’ में अपनी दबदबे की स्थिति का कथित तौर पर दुरुपयोग करने के लिए इस अमेरिकी कंपनी पर लगाए गए 1,337 करोड़ रुपये का जुर्माना आदेश पर अंतरिम रोक लगाने से इनकार कर दिया गया था।

अंतरिक्ष अभियान ‘गगनयान' की तैयारी करेगा इसरो

अंतरिक्ष अभियान ‘गगनयान' की तैयारी करेगा इसरो

अकांशु उपाध्याय/इकबाल अंसारी 

नई दिल्ली/श्रीहरिकोटा। भारतीय अंतरीक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के प्रमुख एस सोमनाथ ने शुक्रवार को कहा कि इसरो वर्ष 2023 में कई अभियानों को शुरू करने के साथ अपने मानवयुक्त अंतरिक्ष अभियान ‘गगनयान’ की भी तैयारी करेगा। इसरो के मुताबिक, गगनयान परियोजना के तहत मानवयुक्त अंतरिक्षयान की क्षमता को दर्शाने के लिए तीन अंतरिक्ष यात्रियों को तीन दिनों के मिशन के तहत 400 किलोमीटर की कक्षा में भेजा जाएगा और फिर उन्हें सुरक्षित तरीके से हिंद महासागर में उतारा जाएगा।

उन्होंने कहा कि शुक्रवार को एलवी डी 2 के सफल प्रक्षेपण ने इस साल इसरो के व्यस्त कार्यक्रम को लय कायम कर दी है और इस साल के लिए कई धुव्रीय उपग्रह प्रक्षेपण यान (पीएसएलवी) और भू-स्थिर उपग्रह प्रक्षेपण यान (जीएसएलवी) से जुड़े अभियान निर्धारित किए गए। लघु उपग्रह प्रक्षेपण यान (एसएसएलवी) डी2 के सफल प्रक्षेपण के बाद उन्होंने यहां संवाददाताओं से कहा कि फिलहाल हम जीएसएलवी एमके-तीन के अगले प्रक्षेपण की तैयारी कर रहे हैं और एलवीएम 3 एम3 मिशन के तहत मध्य मार्च तक वनवेब इंडिया-2 का प्रक्षेपण होगा जिसमें 36 उपग्रह होंगे। एसएलवी प्रक्षेपण के तुरंत बाद इसरो ने पीएसएलवी सी 55 मिशन के प्रक्षेपण अभियान की शुरुआत कर दी।

यह प्रक्षेपण न्यू स्पेस इंडिया लिमिटेड (एनएसआईएल) के लिए होगा जो एक वाणिज्यिक प्रक्षेपण है। अन्य योजनाओं के तहत ‘रीयूजेबल प्रक्षेपण यान‘ का ‘लैंडिंग प्रदर्शन’ भी शामिल है। सोमनाथ ने कहा, ‘‘फिलहाल टीम चित्रदुर्ग स्थित केंद्र पर है। हमें उम्मीद है कि कुछ दिनों में शुरुआती तैयारी हो जाएगी और हम लैंडिंग प्रदर्शन करने में समर्थ होंगे।’’ उन्होंने कहा कि निसार (नासा-इसरो सार अभियान) की शुरुआत इस साल के अंत में की जाएगी।

लाखों करोड़ रुपये के नुकसान पर चिंता जताई: एससी

लाखों करोड़ रुपये के नुकसान पर चिंता जताई: एससी

अकांशु उपाध्याय 

नई दिल्ली। अडानी ग्रुप मामले में शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट  ने भारतीय निवेशकों को हुए लाखों करोड़ रुपये के नुकसान पर चिंता जताई है। कोर्ट ने भविष्य में ऐसी स्थिति से बचने और व्यवस्था सुधार के लिए सेबी से सुझाव भी मांगे हैं। वहीं कोर्ट ने एक विशेषज्ञ कमेटी बनाने का भी संकेत भी दिया। इस मामले में सोमवार को फिर सुनवाई होगी। याचिकाकर्ता की तरफ से पेश वकील विशाल तिवारी ने कहा कि मैं जांच कमेटी बनाने की मांग कर रहा हूं। इसपर सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि मैं सेबी के लिए पेश हुआ हूं। कोर्ट जो सवाल करेगी, उसका जवाब दूंगा। सीजेआई ने कहा कि हमारी चिंता यह है कि हम भारतीय निवेशकों के हित कैसे सुरक्षित रख सकते हैं।

कहा- कि रिपोर्ट्स के हिसाब से निवेशकों का लाखों करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है और वह भी ऐसे कारण से जो भारत से बाहर का है। उन्होंने कहा कि अभी तुरंत इस पर कुछ कहना सही नहीं होगा, लेकिन हम कोर्ट की चिंता से सहमत हैं। सीजेआई ने कहा कि आप सोमवार को बताइए कि मौजूदा व्यवस्था क्या है और इसमें कैसे सुधार हो सकता है?

इस पर भी विचार करें कि क्या हम एक विशेषज्ञ कमेटी बना सकते हैं जिसमें जानकार लोग हों, कोई पूर्व जज भी हो। कहा कि सिर्फ धनी लोग निवेश नहीं करते, मध्यम वर्ग के लोग भी करते हैं। आप वित्त मंत्रालय, सेबी वगैरह से चर्चा कर हमें बताएं। कमेटी की बात हम तक पहुंचाने के लिए एमिकस क्यूरी की भी नियुक्ति कर सकते हैं। 

भाजपा के खिलाफ ‘वोटों की सुनामी’ आएगी: गठबंधन 

भाजपा के खिलाफ ‘वोटों की सुनामी’ आएगी: गठबंधन 

इकबाल अंसारी 

अगरतला। त्रिपुरा में विधानसभा चुनाव लड़ रहे कांग्रेस-वाम गठबंधन का मानना है कि सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के खिलाफ ‘‘वोटों की सुनामी’’ आएगी, क्योंकि लोग सीमावर्ती राज्य में पांच साल से जारी ‘‘राजनीतिक हिंसा’’ से ‘‘निराश’’ हैं। कांग्रेस की त्रिपुरा इकाई के नेता सुदीप राय बर्मन ने दिए एक वीडियो साक्षात्कार में कहा कि गठबंधन प्रस्तावित ‘ग्रेटर टिपरालैंड’ राज्य की मांग का समर्थन नहीं करता। उन्होंने कहा कि उनको लगता है कि चुनाव के बाद के परिदृश्य में टिपरा मोथा का एक ‘‘व्यावहारिक दृष्टिकोण’’ होगा।

उन्होंने कहा, ‘‘ भाजपा के खिलाफ वोटों की सुनामी आएगी। लोग निरंतर हिंसा से तंग आ चुके हैं, जिसकी आड़ में सत्ताधारी पार्टी द्वारा किए गए कोई भी विकास कार्य नजर नहीं आते।’’ उन्होंने कहा, ‘‘ भाजपा सरकार ने हमें जंगलराज की तरह पेश किया, विपक्ष की आवाज का गला घोंटा, कानून का कोई शासन नहीं है... मेरी भविष्यवाणी है कि कांग्रेस-वाम गठबंधन चुनाव में जीत हासिल करेगा।’’

पांच बार के विधायक एवं राज्य के एक लोकप्रिय पूर्व मुख्यमंत्री के बेटे बर्मन 2016 में छह कांग्रेस विधायकों के साथ तृणमूल कांग्रेस में शामिल हो गए थे। हालांकि ममत बनर्जी नीत पार्टी के राज्य पर अधिक ध्यान न देने का हवाला देते हुए वह एक साल बाद ही भाजपा में शामिल हो गए। ऐसा माना जाता है कि उनके समर्थकों के साथ उनके दलबदल ने 2018 विधानसभा चुनाव में भाजपा की जीत में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।

राय राज्य में भाजपा नीत सरकार में स्वास्थ्य मंत्री भी रह चुके हैं। पिछले साल फरवरी में वह कांग्रेस में शामिल हो गए थे। उन्होंने कहा, ‘‘ हमारा मानना है कि इतनी अधिक संख्या में वोट हमारे पक्ष में पड़ेंगे कि अगर चुनाव में धांधली की कोशिश भी की जाए, तो भी कोई फायदा नहीं होगा। यहां तक कि अगर वे (भाजपा) किसी पार्टी (के विधायकों को) को तोड़ने में कामयाब भी हो जाते हैं, तो भी कोई फायदा नहीं होगा क्योंकि उनके पास संख्याबल होने की संभावना नहीं है... खरीद-फरोख्त यहां मुश्किल होगी, यहां के लोग राजनीतिक रूप से बहुत जागरूक हैं। ’’

त्रिपुरा के पूर्व शाही परिवार के वारिस द्वारा एक साल पहले शुरू की गई टिपरा मोथा पार्टी की ‘ग्रेटर टिपरालैंड’ की मांग पर बर्मन ने कहा, ‘‘ यह एक व्यावहारिक मांग नहीं है क्योंकि त्रिपुरा की सीमा तीन ओर से बांग्लादेश से लगती हैं, हम इस मांग का समर्थन नहीं करते हैं।’’ प्रस्तावित ‘ग्रेटर टिपरालैंड’ राज्य में विभिन्न राज्यों के हिस्से और यहां तक कि बांग्लादेश का एक हिस्सा भी शामिल है। बर्मन ने कहा कि स्वदेशी समुदाय के नेतृत्व को मांग करने का अधिकार है, हालांकि आदिवासी क्षेत्रों में अधिक विकास की मांग पूरी करने के कई तरीके हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘ हमारे स्वदेशी लोगों में उन क्षेत्रों में विकास की रफ्तार को लेकर नाराजगी है जहां वे रहते हैं ... हमें लगता है कि संवैधानिक परिवर्तनों की जरूरत है।’’ बर्मन ने कहा कि संसद में लंबित 125वें संशोधन विधेयक के पारित होने से इस दिशा में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा, ‘‘ इसके पारित होने का मतलब त्रिपुरा जनजातीय क्षेत्र स्वायत्त जिला परिषद (टीटीएएडीसी) को अधिक धन मिलेगा, त्रि-स्तरीय पंचायत प्रणाली, अधिक कार्यकारी शक्तियां सुनिश्चित होंगी और हम उन उपायों का समर्थन करने के लिए तैयार हैं।’’ राय प्रतिष्ठित अगरतला निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव लड़ रहे हैं।

त्रिपुरा की 60 सदस्यीय विधानसभा के लिए 16 फरवरी को मतदान होगा और मतगणना दो मार्च को होगी। राज्य में कांग्रेस और मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) ने मिलकर विधानसभा चुनाव लड़ने का फैसला किया है।

भारत में पहली बार लिथियम के भंडार मिलें: जीएसआई

भारत में पहली बार लिथियम के भंडार मिलें: जीएसआई

अकांशु उपाध्याय/इकबाल अंसारी 

नई दिल्ली/श्रीनगर। जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (जीएसआई) ने बताया कि भारत में पहली बार लिथियम के भंडार मिलें हैं। जीएसआई ने बताया कि जम्मू-कश्मीर के रियासी जिले में 59 लाख टन के लिथियम अनुमानित संसाधन (G3) का पता लगा है। भारत फिलहाल लिथियम, निकल और कोबॉट के लिए आत्मनिर्भर नहीं है। दरअसल, लिथियम ईवी बैटरी में एक मुख्य घटक है। फिलहाल इस लिथियम पर ऑस्ट्रेलिया और चीन की बादशाहत है। इन दोनों देशों को पास कई लाख टन का लिथियम के रिजर्व हैं। लेकिन भारत के खनन मंत्रालय ने बहुत बड़ी खबर दी है।

सरकार ने गुरुवार को कहा कि देश में पहली बार जम्मू-कश्मीर में लिथियम के भंडार का पता लगा है। खान मंत्रालय के अनुसार, भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण ने पहली बार जम्मू-कश्मीर के रियासी जिले के सलाल-हैमाना क्षेत्र में 5.9 मिलियन टन के लिथियम अनुमानित संसाधन (G3) का पता लगाया है। खनन सचिव विवेक भारद्वाज ने कहा, "पहली बार लीथियम के भंडार की खोज की गई है और वह भी जम्मू-कश्मीर में पाए गए हैं।" भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (जीएसआई) द्वारा अन्वेषण पर, जम्मू और कश्मीर के रियासी जिले में लिथियम के भंडार पाए गए हैं।

दरअसल लिथियम एक ऐसी अलौह धातु है जो किसी भी बैटरी में एक अहम घटकों में से एक है। इससे पहले, खान मंत्रालय ने कहा था कि उभरती तकनीकों के लिए महत्वपूर्ण खनिज सप्लाई चेन को मजबूत करने के लिए सरकार ऑस्ट्रेलिया और अर्जेंटीना से लिथियम सहित खनिजों को सुरक्षित करने के लिए कई सक्रिय उपाय कर रही है। वर्तमान में, भारत लिथियम (lithium), निकल (nickel) और कोबाल्ट (cobalt) जैसे कई खनिजों के लिए आयात पर निर्भर है।

केंद्रीय भूवैज्ञानिक प्रोग्रामिंग बोर्ड की 62वीं बैठक में खनन सचिव विवेक भारद्वाज ने कहा कि चाहे वह मोबाइल फोन हो या सोलर पैनल, हर जगह महत्वपूर्ण खनिजों की आवश्यकता होती है। उन्होंने कहा कि आत्मनिर्भर बनने के लिए देश के लिए महत्वपूर्ण खनिजों का पता लगाना और उन्हें संसाधित करना बहुत जरूरी है। उन्होंने यह भी कहा कि अगर सोने का आयात कम किया जाता है, तो "हम आत्मनिर्भर बन जाएंगे।"

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प्राधिकृत प्रकाशन विवरण

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1. अंक-121, (वर्ष-06)

2. शनिवार, फरवरी 11, 2023

3. शक-1944, पौष, कृष्ण-पक्ष, तिथि-षष्ठी, विक्रमी सवंत-2079‌‌।

4. सूर्योदय प्रातः 07:09, सूर्यास्त: 06:01। 

5. न्‍यूनतम तापमान- 11 डी.सै., अधिकतम- 22+ डी.सै.।

6. समाचार-पत्र में प्रकाशित समाचारों से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है। सभी विवादों का न्‍याय क्षेत्र, गाजियाबाद न्यायालय होगा। सभी पद अवैतनिक है। 

7.स्वामी, मुद्रक, प्रकाशक, संपादक राधेश्याम व शिवांशु  (विशेष संपादक) श्रीराम व सरस्वती (सहायक संपादक) संरक्षण-अखिलेश पांडेय, ओमवीर सिंह, वीरसैन पवार, योगेश चौधरी आदि के द्वारा (डिजीटल सस्‍ंकरण) प्रकाशित। प्रकाशित समाचार, विज्ञापन एवं लेखोंं से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं हैं। पीआरबी एक्ट के अंतर्गत उत्तरदायी।

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(सर्वाधिकार सुरक्षित)

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