बुधवार, 28 सितंबर 2022

'पीएफआई' को गैरकानूनी संघ के रूप में घोषित किया

'पीएफआई' को गैरकानूनी संघ के रूप में घोषित किया

अकांशु उपाध्याय 

नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने पीएफआई (पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया) और उसके सहयोगियों या मोर्चों को तत्काल प्रभाव से पांच साल की अवधि के लिए एक गैरकानूनी संघ के रूप में घोषित किया। इससे पहले देशभर में पीएफआई के ठिकानों पर छापेमारी के दौरान उसके 200 से अधिक नेताओं व कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया गया था। केंद्र सरकार द्वारा आज 5 साल के लिए PFI को बैन और उसके सहयोगियों को गैरकानूनी घोषित करने के बाद शाहीन बाग इलाके में PFI कार्यालय के आसपास सुरक्षा कड़ी कर दी गई है। केंद्र सरकार ने बुधवार सुबह पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) को 5 साल के लिए बैन कर दिया। पहले इस संगठन पर दिसंबर तक बैन लगाने की तैयारी थी। PFI के अलावा 8 और संगठनों पर कार्रवाई की गई है। गृह मंत्रालय ने इन संगठनों को बैन करने का नोटिफिकेशन जारी किया है।

गृह मंत्रालय की तरफ से जारी अधिसूचना में पीएफआई के काले कारनामों को पूरा कच्चा चिट्ठा खोलकर रख दिया गया है। बता दें कि दो दिन की रेड के बाद पीएफआई के कम से कम 250 लोगों को गिरफ्तार किया गया था। एनआईए के छापेमारी में भी कई ऐसे सबूत मिले हैं जिससे पीएफआई के टेरर लिंक की पुष्टि होती है। पीएफआई लंबे समय से एजेंसियों के रडार पर था।

क्या बोले ओवैसी ?

(AIMIM) प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि PFI प्रतिबंध का समर्थन नहीं किया जा सकता है…अपराध करने वाले कुछ व्यक्तियों के कार्यों का मतलब यह नहीं है कि संगठन को ही प्रतिबंधित किया जाए।

PFI बैन पर यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि राष्ट्र विरोधी गतिविधियों में संलिप्त पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) और उसके अनुषांगिक संगठनों पर लगाया गया प्रतिबंध सराहनीय एवं स्वागत योग्य है। यह ‘नया भारत’ है, यहां आतंकी, आपराधिक और राष्ट्र की एकता व अखंडता तथा सुरक्षा के लिए खतरा बने संगठन एवं व्यक्ति स्वीकार्य नहीं।

कांग्रेस सांसद ने की RSS पर प्रतिबंध लगाने की मांग...

पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) पर पांच साल के प्रतिबंध के बाद सियासत शुरू हो गई है। गृह मंत्रालय के फैसेल पर कांग्रेस सांसद ने आरएसएस पर भी प्रतिबंध लगाने की मांग की है। केरल में कांग्रेस सांसद और लोकसभा में मुख्य सचेतक कोडिकुन्निल सुरेश ने इस फैसले पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा, पीएफआई पर प्रतिबंध लगाना कोई उपाय नहीं है। हम आरएसएस पर भी प्रतिबंध लगाने की मांग करते हैं। आरएसएस पूरे देश में हिंदू सांप्रदायिकता फैला रहा है। पीएफआई और आरएसएस एक समान हैं, इसलिए सरकार को दोनों पर प्रतिबंध लगाना चाहिए।

अजय मिश्र टेनी की प्रतिक्रिया...

PFI पर बैन को लेकर केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र टेनी ने कहा कि NIA के द्वारा जांच की जा रही थी, उसी के अनुरूप ये कार्रवाई की गई है। आने वाले समय में भी जैसे सूचनाएं मिलेंगी उसी के अनुसार कार्रवाई की गई। वहीं, कांग्रेस सांसद द्वारा RSS पर बैन की मांग पर केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र टेनी ने कहा कि कांग्रेस को राजस्थान में जो कहना चाहिए, वो कह नहीं पा रहे… ऐसी किसी भी बात के लिए जो राष्ट्रविरोधी ताकतों को मदद करने वाली हो वो खुलकर सामने आ जाते हैं। मैं यही कहूंगा कि राष्ट्रनिर्माण में अपना योगदान करें।

अन्य नेताओं की प्रतिक्रिया भी देखें...

भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव अरुण सिंह ने कहा कि राजस्थान में भी जिस प्रकार कई ज़िलों में दंगा हुआ, उसी समय हम कह रहे थे कि PFI का इसमें हाथ था। यहां पर भी जब सिद्धारमैया कि सरकार था उस समय भी 23 से अधिक लोगों की हत्या हुई थी। देश को अखंड रखने के लिए इसपर (PFI) बैन जरूरी था।

असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि मैं भारत सरकार द्वारा PFI पर प्रतिबंध लगाने के फैसले का स्वागत करता हूं। सरकार यह सुनिश्चित करने के लिए दृढ़ है कि भारत के खिलाफ विभाजनकारी या विघटनकारी डिजाइन से सख्ती से निपटा जाएगा।

PFI बैन पर कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने कहा कि इस संगठन पर प्रतिबंध लगाने का समय आ गया था। भारत सरकार ने सही फैसला लिया है। यह सभी राष्ट्र विरोधी समूहों के लिए एक संदेश है। मैं लोगों से ऐसे संगठनों से नहीं जुड़ने का आग्रह करता हूं।

PFI बैन पर यूपी के उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक ने कहा कि PFI की असामाजिक गैरकानूनी गतिविधियां लगातार जारी थी। विभिन्न जांच एजेंसियां जांच कर रही थी। जो तथ्य प्रकाश में आए हैं उन्हें देखते हुए गृह मंत्रालय ने जो निर्णय लिया है उसकी पूरे देश ने सराहना की है।

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा कि PFI के लोग पाकिस्तान ज़िंदाबाद के नारे लगाते हैं, उनको इस देश में ऐसे नारे लगाने का अधिकार नहीं है। केंद्र सरकार ने ये अच्छा फैसला किया है। ये देश भक्तों का देश है और यहां देशद्रोही बयान कोई किसी पर नहीं कर सकता।

हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज ने कहा कि देश के बाहर बैठे दुश्मनों से देश के अंदर बैठे दुश्मन ज्यादा खतरनाक हैं। PM मोदी ने PFI पर प्रतिबंध लगाकर देश को सुरक्षित रखने का काम किया है। PM द्वारा जो देश का शुद्धीकरण अभियान चलाया जा रहा है, हर भारतवासी उनके साथ है।

PFI बैन पर राजस्थान के मंत्री प्रताप खचरियावास ने कहा कि आतंकवादी गतिविधियों को रोकने के लिए सरकार कोई कदम उठाएगी तो हम सरकार का विरोध नहीं करेंगे लेकिन उस कदम में सच्चाई और ईमानदारी नजर आनी चाहिए। ये बैन आप पहले कर देते। इसकी डिमांड तो मैं पहले उठा चुका हूं। तो आप इतने दिन क्या कर रहे थे।

केंद्रीय रक्षा राज्यमंत्री अजय भट्ट ने कहा कि देश के हित में जो उचित है वही किया गया है। देश की सुरक्षा का मामला है। देश में सभी लोगों की मांग है कि अराजक तत्व कोई भी हो उनसे देश को बचाया जाए। जो भी कार्रवाई की गई है वो जनहित में की गई है। वो स्वागत योग्य है।

भाजपा नेता एवं केंद्रीय मंत्री वी मुरलीधरन ने पीएफआई व उससे संबद्ध कई अन्य संगठनों पर प्रतिबंध लगाए जाने के केंद्र सरकार के निर्णय की बुधवार को सराहना की। उन्होंने कहा कि यह कदम दर्शाता है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार उन ताकतों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही करती है, जिनका उद्देश्य देश में शांति व स्थिरता को बाधित करना होता है।

PFI पर 5 साल के बैन पर हिमाचल प्रदेश CM जयराम ठाकुर ने कहा कि मैं केंद्र सरकार के इस फैसले का स्वागत करता हूं। भारत में इनकी गतिविधियां संदिग्ध थीं। एक बार नहीं कई बार इसके प्रमाण सामने आए थे और कार्रवाई करने की दिशा में कुछ कदम उठाने की जरूरत थी।इनकी गतिविधियां देश और समाज हित में नहीं है।

केंद्र सरकार द्वारा PFI पर 5 साल का प्रतिबंध लगाने पर त्रिपुरा के सीएम माणिक साहा ने कहा कि देश की अखंडता के लिए ये होना बहुत जरूरी है। इस घोषणा से मैं बहुत खुश हूं।

केंद्र सरकार द्वारा PFI पर 5 साल का प्रतिबंध लगाने पर उत्तर प्रदेश के मंत्री दयाशंकर सिंह ने कहा कि देश की सुरक्षा के लिए ये बहुत बड़ा कदम उठाया गया है मैं इसके लिए केंद्रीय गृह मंत्री और उत्तर प्रदेश की सरकार को धन्यवाद करता हूं।

पीएफआई से जुड़े किन संगठनों पर बैन...

PFI के सहयोगी संगठनों पर भी बैन लगाया गया है। गृह मंत्रालय का कहना है कि पीएफआई ने समाज के विभिन्न वर्गों, युवाओं, छात्रों और कमजोर वर्गों को टारगेट करने के लिए सहयोगी संगठनों की स्थापना की है। इसका एकमात्र उद्देश्य प्रभाव और फंड जुटाने की क्षमता को बढ़ाना है। इन संगठनों में कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया, रिहैब इंडिया फाउंडेशन, ऑल इंडिया इमाम काउंसिल, नेशनल कन्फेडेरेशन ऑफ ह्यूमन राइट्स ऑर्गनाइंजेशन, विमेंस फ्रंट, जूनियर फंर्ट, एंपावर इंडिया फाउंडेशन, रिहैब फाउंडेशन शामिल हैं।

ISIS से लिंक...

गृह मंत्रालय ने नोटिफिकेशन में कहा है कि पीएफआई के वैश्विक आतंकवादी समूहों जैसे कि आईएसआईएस से लिंक के उदाहरण मिले हैं। इससे जुड़ी संस्थाएं देश में असुरक्षा की भावना पैदा कर कट्टरपंथ को बढ़ाने का काम कर रही हैं। पीएफआई के संस्थापक कई सदस्य सिमी के भी सदस्य रह चुके हैं। बता दें कि सिमी भी सरकार की तरफ से प्रतिबंधित कर दिया गया था।

सरकार ने गिनाए काले कारनामे...

सरकार ने पीएफआई के काले कारनामों को गिनाते हुए कहा है कि यह आतंकी मामलों में सामिल रहा है और देश के संवैधानिक प्राधिकार का अनादर करता है और बाहरी स्रोतों से फंड प्राप्त करके भारत की आंतरिक सुरक्षा को नुकसान पहुंचाने का काम कर रहा है। इसके अलावा यह भी स्पष्ट हुआ है कि पीएफआई हिंसक और विध्वंसक कार्यों में लिप्त है। एक कॉलेज के प्रोफेस का हाथ काटना, अन्य धर्मों का पालन करने वाले संगठनों से जुड़े लोगों की निर्मम हत्या करना, प्रमुख लोगों और स्थानों को निशाना बनाने के लिए विस्फोटक प्राप्त करना और सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के सबूत हासिल हुए हैं।

सरकार ने बताया है कि कई लोगों की हत्या में भी पीएफआई का हाथ रहा है। तमिनलनाडु के वी रामलिंगम, केरल के नंदू, कर्नाटक के आर रूद्रेश, प्रवीण पुजारी, तमिलनाडु के शशि कुमार और प्रवीण नेतारू हत्याकांड में भी पीएफआई का ही हाथ रहा है। इसके अलावा पीएफआई के सदस्य सीरिया, ईराक और अफगानिस्तान जाकर आतंकी समूहों में भी शामिल हुए हैं। इसके अलावा पीएफआई हवाला और डोनेशन के जरिए भारत में कट्टरपंथ फैलाने के लिए धन इकट्ठा कर रहा है।

देश में अघोषित आपातकाल: एसडीपीआई

सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया (SDPI) ने केंद्र सरकार के फैसले का विरोध किया है। पार्टी की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है कि पीएफआई पर बैन लगाना भारतीय संविधान और लोकतंत्र पर हमला है। बयान में कहा गया है कि देश में अघोषित आपातकाल लागू है।

लड्डू बांटे और पटाखे फोड़े...

वहीं, महाराष्ट्र के पुणे में MNS (महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना) के कार्यकर्ताओं ने केंद्र सरकार द्वारा PFI पर लगाए गए प्रतिबंध का जश्न मनाते हुए स्थानीय लोगों के बीच लड्डू बांटे और पटाखे फोड़े। केंद्र सरकार द्वारा PFI पर 5 साल के प्रतिबंध के बाद कानपुर में जश्न मनाया गया।

RSS पर भी लगे बैन : लालू यादव

RJD के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव ने पार्टी अध्यक्ष पद के लिए नामांकन दाखिल किया। लालू प्रसाद यादव ने कहा कि PFI पर जांच हो रही है। PFI की तरह जितने भी संगठन हैं सभी पर प्रतिबंध लगाना चाहिए जिसमें RSS भी शामिल है। सभी पर प्रतिबंध लगाया जाए…. सबसे पहले RSS को बैन करिए, ये उससे भी बदतर संगठन है।

पीएफआई पर बैन गलत : सपा सांसद

संभल से सपा सांसद शफीक उर रहमान बर्क ने कहा कि पीएफआई पर बैन गलत है, वह एक राजनीतिक पार्टी है। देश के अंदर जम्हूरियत है, लोकतंत्र है, ऐसी पॉलिटिकल पार्टियां बहुत सी हैं। मेरी राय में ये कदम ठीक नहीं है। उन्होंने कहा कि पीएफआई में जो गिरफ्तारियां हुई हैं, वो भी गलत हैं। उन्होंने कहा, जिस तरह से बीजेपी काम कर रही है। 2024 में जनता उन्हें सबक सिखाएगी।

कानून के मुताबिक कार्रवाई हो : आप सांसद

पीएफआई बैन पर आप सांसद संजय सिंह ने कहा, देश में कोई भी संस्था जो गैर कानूनी काम करती है, नफरत फैलाने का काम करती है, उनके खिलाफ कानून सम्मत कार्रवाई होनी ही चाहिए। जांच एजेंसियों ने जो साक्ष्य जुटाए हैं वे सामने रखेंगे।

बैन हल नहीं : येचुरी

भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (एम) के नेता सीताराम येचुरी ने कहा कि हमें लगता है कि पीएफआई की चरमपंथी गतिविधियां खत्म होनी चाहिए, केरल में पीएफआई और आरएसएस के कार्यकर्तांओं की हत्याओं और जवाबी हत्याओं के कारण हिंसा होती है। दोनों पर रोक लगनी चाहिए। उन्होंने कहा, बैन हल नहीं है. उन्होंने कहा कि गांधी की हत्या के बाद आरएसएस पर तीन बार बैन लगा, लेकिन क्या इससे कुछ रुका।

राहुल गांधी की यात्रा से डरकर लगाया बैन : अधीर रंजन

अधीर रंजन ने यह भी कहा कि महात्मा गांधी की हत्या करने के बाद RSS को प्रतिबंधित किया गया था। इसी आरएसएस और हिंदू संगठनों से जुड़े लोगों को कभी ट्रेन विस्फोट मामले में कभी मस्जिद में विस्फोट में गिरफ्तार किया गया । तब आरएसएस को क्यूं प्रतिबंधित नहीं किया गया। ऐसे में जो अब नीति की बात कर रहे हैं उन्हें अपने अतीत में झांकने की ज़रूरत है। वैसे पीएफआई को लेकर हमें कोई सिरदर्द नहीं है।

कांग्रेस सांप्रदायिकता के खिलाफ : जयराम रमेश

कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि कांग्रेस पार्टी हमेशा से सभी प्रकार के सांप्रदायिकता की खिलाफ रही है, हम बहुसंख्यकवाद या अल्पसंख्यकवाद के आधार पर धार्मिक उन्माद में फर्क नहीं करते. कांग्रेस की नीति हमेशा से बिना किसी डर के, बिना किसी समझौते के सांप्रदायिकता से लड़ने की रही है। हम हर उस विचारधारा और संस्था के खिलाफ हैं जो हमारे समाज का धार्मिक ध्रुवीकरण करने के लिए पूर्वाग्रह, नफरत, कट्टरता और हिंसा का सहारा लेती है। हम भारत के बहुलतावाद को संरक्षित और संवर्धित करने की लड़ाई प्राथमिकता से लड़ रहे हैं और राष्ट्रवादी उत्सव में भारत के सेक्युलर और सामूहिकता के तानेबाने को आगे ले जा रहे हैं।

सबूत अगर हैं तो होनी चाहिए कड़ी कार्रवाई : कमलनाथ

मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने केंद्र सरकार द्वारा पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) को प्रतिबंधित किए जाने पर आज कहा कि अगर सबूत हैं तो हर संगठन पर कार्रवाई होनी चाहिए, लेकिन पीएफआई अगर पहले से आतंकवादी गतिविधियों में लिप्त रहा तो केंद्र सरकार इतने समय से क्या कर रही थी।

खेल: अर्जेंटीना ने मैच में जमैका को 3-0 से हराया

खेल: अर्जेंटीना ने मैच में जमैका को 3-0 से हराया

मोमीन मलिक 

हैरिसन/ब्यूनस आयर्स। लियोनेल मेस्सी के दो गोल की बदौलत अर्जेंटीना ने फुटबॉल विश्व कप से पूर्व अपने अंतिम अभ्यास मैच में मंगलवार को यहां जमैका को 3-0 से हराया। मेस्सी ने दो गोल किए और इस दौरान दो बार प्रशंसक मैदान पर घुस आए। इस जीत से साथ अर्जेन्टीना का अजेय अभियान 35 मैच का हो गया है। टीम ने पिछले तीन साल में कोई मुकाबला नहीं गंवाया है।

अर्जेंटीना के कोच लियोनल स्कालोनी ने कहा, आपको मेस्सी का लुत्फ उठाना होगा। इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि आपका देश कौन सा है, हर कोई यही करता है। मैं उनका कोच हूं, लेकिन मैं उन्हें देखने के लिए टिकट खरीदूंगा। जूलियन अल्वारेज ने 13वें मिनट में अर्जेंटीना को बढ़त दिलाई। मेस्सी 56वें मिनट में मैदान पर उतरे और उन्होंने 86वें और 89वें मिनट में गोल दागकर अर्जेन्टीना की आसान जीत सुनिश्चित की। मेस्सी के 164 अंतरराष्ट्रीय मैच में 90 गोल हो गए हैं। उन्होंने करियर में 17वीं बार किसी अंतरराष्ट्रीय मुकाबले में एक से अधिक गोल किए।

कर्मचारियों के महंगाई भत्ते में 4 फीसदी की बढ़ोतरी

कर्मचारियों के महंगाई भत्ते में 4 फीसदी की बढ़ोतरी

अकांशु उपाध्याय 

नई दिल्ली। पीएम मोदी ने केंद्रीय कर्मचारियों को बड़ी सौगात दी है। कैबिनेट की बैठक में केंद्रीय कर्मचारियों के महंगाई भत्ते में 4 फीसदी की बढ़ोतरी कर दी है। यानी अब केंद्रीय कर्मचारियों को 34 से बढ़कर 38 फीसदी डीए मिलेगा। कैबिनेट कमेटी ऑफ इकोनॉमिक अफेयर्स की बैठक 4 फीसदी डीए पर लगी मुहर से केंद्रीय कर्मचारियों के वेतन में अच्छा इजाफा होगा। सरकार ने केन्द्रीय कर्मचारियों के महंगाई भत्ते में इस वर्ष एक जुलाई से चार प्रतिशत की बढोतरी करने का निर्णय लिया है। अभी केन्द्रीय कर्मचारियों का महंगाई भत्ता 34 प्रतिशत है और इस निर्णय के बाद यह 38 प्रतिशत हो जायेगा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में हुयी केन्द्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में इस आशय के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई।

आधिकारिक सूत्रों के अनुसार इस बढोतरी से केन्द्रीय राजस्व पर 12852.5 करोड़ रुपये वार्षिक बोझ पड़ेगा। सूत्रों के अनुसार इससे 41.85 लाख केन्द्रीय कर्मचारियों और 69.76 लाख केन्द्रीय पेंशनभोगियों को लाभ होगा। कुल मिलाकर 1.10 करोड़ से अधिक लोगों को इसका लाभ होगा। इससे पहले मोदी सरकार ने मार्च के महीने में 3 फीसदी का महंगाई भत्ते में इजाफा किया था। जिससे 31 फीसदी डीएम कर्मचारियों को मिलने लगा था। लेकिन अब मोदी सरकार ने केंद्रीय कर्मचारियों को फिर से तोहफा दिया है।

कांग्रेस पद के लिए नामांकन दाखिल करेंगे, दिग्विजय 

कांग्रेस पद के लिए नामांकन दाखिल करेंगे, दिग्विजय 

अकांशु उपाध्याय 

नई दिल्ली। कांग्रेस अध्यक्ष पद के चुनाव को लेकर सरगर्मियां तेज हो गई हैं। कांग्रेस अध्यक्ष पद के चुनाव की रेस में दिग्विजय सिंह के होने की बड़ी खबर मिल रही है। जानकारी के मुताबिक, दिग्विजय सिंह भी कांग्रेस पद के लिए नामांकन दाखिल करेंगे। दिग्विजय सिंह ने कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा में भी भाग लिया था। राहुल गांधी के साथ लगातार दिखाई दिए थे।

दिग्विजय सिंह के नाम आने से पहले शशि थरूर का नाम सामने आया था। थरूर30 सितंबर को नामांकन दाखिल करेंगे, लेकिन अशोक गहलोत को लेकर अभी भी संशय बना हुआ है।

सार्वजनिक सूचनाएं एवं विज्ञापन

सार्वजनिक सूचनाएं एवं विज्ञापन



प्राधिकृत प्रकाशन विवरण 

प्राधिकृत प्रकाशन विवरण 


1. अंक-354, (वर्ष-05)

2. बृहस्पतिवार, सितंबर 29, 2022

3. शक-1944, आश्विन, शुक्ल-पक्ष, तिथि-चतुर्थी, विक्रमी सवंत-2079।

4. सूर्योदय प्रातः 06:20, सूर्यास्त: 06:25। 

5. न्‍यूनतम तापमान- 22 डी.सै., अधिकतम-34+ डी.सै., उत्तर भारत में भारी बरसात की संभावना है।

6. समाचार-पत्र में प्रकाशित समाचारों से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है। सभी विवादों का न्‍याय क्षेत्र, गाजियाबाद न्यायालय होगा। सभी पद अवैतनिक है। 

7.स्वामी, मुद्रक, प्रकाशक, संपादक राधेश्याम व शिवांशु,(विशेष संपादक) श्रीराम व सरस्वती (सहायक संपादक) संरक्षण-अखिलेश पांडेय, ओमवीर सिंह, वीरसेन पवार, योगेश चौधरी आदि के द्वारा (डिजीटल सस्‍ंकरण) प्रकाशित। प्रकाशित समाचार, विज्ञापन एवं लेखोंं से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं हैं। पीआरबी एक्ट के अंतर्गत उत्तरदायी। 

8. संपर्क व व्यवसायिक कार्यालय- चैंबर नं. 27, प्रथम तल, रामेश्वर पार्क, लोनी, गाजियाबाद उ.प्र.-201102। 

9. पंजीकृत कार्यालयः263, सरस्वती विहार लोनी, गाजियाबाद उ.प्र.-201102

http://www.universalexpress.page/ www.universalexpress.in 

email:universalexpress.editor@gmail.com 

संपर्क सूत्र :- +919350302745--केवल व्हाट्सएप पर संपर्क करें, 9718339011 फोन करें।

 (सर्वाधिकार सुरक्षित)

मंगलवार, 27 सितंबर 2022

'दुर्गा' की पूजा कर मां भगवती की स्थापना: बागपत 

'दुर्गा' की पूजा कर मां भगवती की स्थापना: बागपत 


सारथी वेलफेयर फाउंडेशन ने किया मां दुर्गा का पूजन

गोपीचंद/भानु प्रताप उपाध्याय 

बागपत। नगर के गुराना रोड गली न. 3 में मंगलवार को मां दुर्गा की पूजा कर मां के लाडले ग्रुप द्वारा मां भगवती की स्थापना की गई। जिसमे सारथी वेलफेयर फाउंडेशन को आमंत्रित कर पूजा अर्चना करने का सोभाग्य प्राप्त हुआ। पूजा के दौरान माँ के लाडले ग्रुप द्वारा माँ की प्रतिमा देकर सारथी वेलफेयर फाउंडेशन की चैयरपर्सन वंदना गुप्ता को उनके सामाजिक कार्यो को देखते हुए स्मानित किया गया।

इस मौके पर हिमांशु अग्रवाल ने कहा, जिसे सच्चे मन से मां बुलाती है, वो ही माँ के दरबार मे माँ के दर्शन प्राप्त करता है। ये सौभाग्य आज सारथी वेलफेयर फाउंडेशन के पूरे परिवार को सौभाग्य प्राप्त हुआ। इस दौरान शालू गुप्ता, रेणु गुप्ता, भारती, शिवांगी, हिमांशु अग्रवाल, विकास गुप्ता, संजय गुप्ता, प्रवीण, आदित्या भारद्वाज, ऋषभ जैन, सचिन , अनिकेत, रिंकू, नितिन, हर्ष, आजाद, वंश आदि मौजूद रहे।

पुलिस व प्लेटफॉर्म 'ट्विटर' को दोबारा समन जारी 

पुलिस व प्लेटफॉर्म 'ट्विटर' को दोबारा समन जारी 

अकांशु उपाध्याय/सुनील श्रीवास्तव 

नई दिल्ली/वाशिंगटन डीसी। दिल्ली महिला आयोग ने दिल्ली पुलिस और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'ट्विटर' को चाइल्ड पोर्नाग्राफी से सम्बन्धित अकाउण्ट्स के मामलें में संतोषजनक जवाब नहीं मिलने के कारण दोबारा समन जारी किया है। आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने आज कहा, "ट्विटर एक सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म है, जहां देश के आमजन से लेकर खास तक के अकाउंट्स हैं। ऐसे प्लेटफॉर्म पर खुलेआम चाइल्ड पोर्नोग्राफी और दुष्कर्म वीडियो बिक रहे हैं। यह अत्यन्त स्तब्ध और परेशान करने वाली बात है कि दिल्ली पुलिस ने अभी तक इस मामले में किसी को गिरफ्तार नहीं किया है और न ही पीड़ितों तक पहुंच सकी है।

इसके अलावा, ट्विटर को उनकी प्रक्रिया में सुधार करना चाहिए जिनके माध्यम से यह सुनिश्चित हो कि इस तरह के आपत्तिजनक वीडियो अब ट्विटर प्लेटफॉर्म पर अपलोड न हों और जो इस तरह के अवैध वीडियो मौजूद हैं। उन्हें हटा दिया जाए। ट्विटर को देश के लोगों के प्रति जवाबदेह होना चाहिए और अपने प्लेटफॉर्म पर अवैध कृत्यों को नहीं होने देना चाहिए।" दिल्ली महिला आयोग ने 20 सितंबर को दिल्ली पुलिस और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'ट्विटर' को ट्विटर पर कई चाइल्ड पोर्नाग्राफी से सम्बन्धित ट्वीट्स एवं उनसे सम्बन्धित एकाउण्ट्स को लेकर समन जारी किया था। ये ट्वीट खुले तौर पर बच्चों से जुड़े यौन कृत्यों के वीडियो और तस्वीरों को प्रदर्शित कर रहे थे।

समन के जवाब में, ट्विटर इंडिया पॉलिसी हेड समीरन गुप्ता और अनुपालन अधिकारी विनय प्रकाश 26 सितंबर को आयोग के समक्ष उपस्थित हुए। उन्होंने बताया कि आयोग द्वारा चिह्नित किए गए सभी खातों को निष्क्रिय कर दिया गया है। हालांकि, उन्होंने आधा अधूरा जवाब दिया। उनके द्वारा विस्तृत जवाब प्रेषित करने के लिए आयोग से समय मांगा गया था। आयोग ने ट्विटर को विस्तृत बिंदुवार जवाब देने के लिए 30 सितंबर तक का समय दिया गया है। इसके अलावा, दिल्ली पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी भी आयोग के समक्ष उपस्थित हुए और बताया कि इस मामले में सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की धारा 67/67A/67B के तहत दिनांक 20 सितंबर 2022 को ही प्राथमिकी दर्ज कर ली गई है।

हालांकि, उन्होंने कहा कि इस मामले में ट्विटर से जवाब न मिलने के कारण वे अभी तक कोई गिरफ्तारी करने में असमर्थ रहे हैं। आयोग ने इस पर कड़ा संज्ञान लिया और ट्विटर इंडिया से कहा कि वह जांच में सहायता करे और मामले में दिल्ली पुलिस द्वारा मांगी गई सभी जानकारी प्रदान करे। उन्होंने कहा कि अभी तक इस मामले में दिल्ली पुलिस सम्पूर्ण जानकारी देने में विफल रही है इसलिए दिल्ली पुलिस को दिनांक 30 सितम्बर को फिर से आयोग के समक्ष उपस्थित होने का निर्देश दिया गया है।

शराब नीति मामलें में विजय को अरेस्ट किया 

शराब नीति मामलें में विजय को अरेस्ट किया

अकांशु उपाध्याय 

नई दिल्ली। दिल्ली की शराब नीति मामलें में सीबीआई ने विजय नायर को अरेस्ट कर लिया है। विजय नायर एक इंटरनेटमेंट और इवेंट मीडिया कंपनी के पूर्व सीईओ हैं। विजय नायर की गिरफ्तारी पर बीजेपी ने दिल्ली की आम आदमी पार्टी को घेरा भी है। जानकारी के मुताबिक, कपिल मिश्रा ने सोशल मीडिया पर पोस्ट शेयर करते हुए कहा कि अब शुरुआत हो गई है। बहुत जल्दी आप की और अरविंद केजरीवाल की तमन्ना पूरी होगी। आगे कहा कि अब गिरफ्तारी के बाद सच सबके सामने आएगा।

शिंदे की याचिका की सुनवाई पर आगे बढ़ें, अनुमति

शिंदे की याचिका की सुनवाई पर आगे बढ़ें, अनुमति

अकांशु उपाध्याय

नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने असली शिवसेना के रूप में मान्यता देने और पार्टी का चुनाव चिह्न तीर-कमान आवंटित करने संबंधी महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की याचिका की सुनवाई पर आगे बढ़ने के लिए मंगलवार को निर्वाचन आयोग को अनुमति दे दी। न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली संविधान पीठ ने उद्धव ठाकरे नीत खेमे की याचिका खारिज कर दी, जिन्होंने ‘मूल’ शिवसेना होने के शिंदे खेमे के दावे पर फैसला करने से निर्वाचन आयोग को रोकने का अनुरोध किया था।

पीठ में न्यायमूर्ति एम आर शाह, न्यायमूर्ति कृष्ण मुरारी, न्यायमूर्ति हिमा कोहली और न्यायमूर्ति पी एस नरसिम्हा भी शामिल थे। संविधान पीठ ने कहा, ‘‘हम निर्देश देते हैं कि निर्वाचन आयोग के समक्ष कार्यवाही पर कोई रोक नहीं होगी।’’

हंगामा व नारेबाजी, सीएम ने विश्वास प्रस्ताव पेश किया

हंगामा व नारेबाजी, सीएम ने विश्वास प्रस्ताव पेश किया

अमित शर्मा 

चंडीगढ़। मंगलवार को विपक्ष के हंगामे के बीच मुख्यमंत्री भगवंत मान ने विश्वास प्रस्ताव पेश किया। विश्वास मत पेश करने से भड़के कांग्रेसियों ने सदन में जमकर नारेबाजी और हंगामा किया, जिससे सदन की कार्यवाही में व्यवधान पड़ा और कुछ भी स्पष्ट सुनायी नहीं दे रहा था। इसके बाद कांग्रेस ने सदन से बहिर्गमन किया। हंगामे के दौरान विधानसभा अध्यक्ष कुलतार सिंह संधवां ने विपक्ष के सदस्यों को अपनी सीटों पर जाने को कहा और सदन की कार्यवाही सुचारू रूप से चलने देने का कई बार आग्रह किया, लेकिन कांग्रेस सदस्य आसन के समीप जाकर नारेबाजी करते रहे। सदन में भारी हंगामा तथा नारेबाजी को देख संधवां ने मार्शल को आदेश दिया कि कांग्रेस के सभी सदस्यों को सदन से बाहर निकाला जाये।

कांग्रेस के सदस्यों को सदन की शेष कार्यवाही से निलंबित कर दिया और इस बीच सदन की कार्यवाही दस मिनट के लिये स्थगित रही। कांग्रेस के सदस्यों ने सदन से बाहर आकर सरकार की कारगुजारी पर जमकर भड़ास निकाली। विपक्ष के नेता प्रताप सिंह बाजवा ने तो राज्यपाल से मान सरकार को भंग करने तथा 420 का मामला दर्ज करने की मांग की। अमरिंदर राजा वडिंग ने कहा कि आप सरकार को सत्ता का अहंकार आ गया है। बाजवा ने कहा कि पंजाब में सरकारी नौकरियों में भर्ती हो नहीं रही, लेकिन गैंगस्टरों की ऑनलाइन भर्ती जरूर हो रही हैं। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री मान पर मामला दर्ज होना चाहिये, क्योंकि राज्यपाल को जो सदन में होने वाली कार्यवाही का ब्यौरा दिया गया था उस पर बहस कराने के बजाय विश्वास मत पेश किया गया, जिसको लेकर राज्यपाल इससे पहले बुलाये गये सत्र का नामंजूर कर चुके थे।

उधर भाजपा ने भी विश्वास मत के विरोध में सदन से बहिर्गमन किया तथा विधानसभा के समानांतर जनता की विधानसभा लगायी जिसमें पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह, सुनील जाखड़, राजकुमार वेरका सहित कई नेताओं ने भाग लिया। शिरोमणि अकाली दल ने भी विश्वास मत के विरोध में मार्च निकाला तथा कहा कि जनता के पैसे को बर्बाद किया जा रहा है तथा सदन में असल मुद्दों पर चर्चा हो। विधानसभा सत्र की अवधि तीन अक्टूबर तक बढ़ा दी गई। विपक्ष की गैर मौजूदगी में विश्वास मत पर चर्चा जारी रही। समय सीमा को देखते हुये सदन की कार्यवाही 29 सितंबर तक के लिये स्थगित कर दी गई।

पार्टी के पर्यवेक्षकों ने लिखित रिपोर्ट गांधी को सौंपी

पार्टी के पर्यवेक्षकों ने लिखित रिपोर्ट गांधी को सौंपी

अकांशु उपाध्याय 

नई दिल्ली। कांग्रेस की राजस्थान इकाई में संकट को लेकर पार्टी के पर्यवेक्षकों ने अपनी लिखित रिपोर्ट मंगलवार शाम पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी को सौंप दी। सोनिया गांधी ने सोमवार को दोनों पर्यवेक्षकों मल्लिकार्जुन खड़गे और अजय माकन से लिखित रिपोर्ट सौंपने के लिए कहा था। सूत्रों का कहना है कि माकन ने मंगलवार शाम ईमेल के माध्यम से कांग्रेस अध्यक्ष को रिपोर्ट दी। इस रिपोर्ट में सियासी संकट के लिए अशोक गहलोत को जिम्मेदार नहीं ठहराते हुए क्लीन चिट देने की बात सामने आई है।

फिलहाल इस रिपोर्ट का विवरण सामने नहीं आ सका है। हालांकि, सूत्रों का कहना है कि इस रिपोर्ट के आधार पर ‘अनुशासनहीनता’ के लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के वफादार माने जाने वाले कुछ नेताओं के खिलाफ कार्रवाई की दिशा में कदम उठाया जा सकता है। जयपुर में विधायक दल की बैठक नहीं हो पाने और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के समर्थक विधायकों के वस्तुत: बागी रुख अपनाने के बाद खड़गे और माकन सोमवार को दिल्ली लौटे तथा कांग्रेस अध्यक्ष के आवास 10 जनपथ पहुंचकर सोनिया गांधी से मुलाकात की थी।

कांग्रेस के संगठन महासचिव के.सी. वेणुगोपाल भी बैठक में मौजूद थे। सोनिया गांधी के साथ डेढ़ घंटे से अधिक समय तक चली मुलाकात के बाद माकन ने कहा था कि जयपुर में रविवार शाम विधायक दल की बैठक मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की सहमति से बुलाई गई थी। माकन ने संवाददाताओं से यह भी कहा था, ‘‘मैंने और खड़गे जी ने राजस्थान के घटनाक्रमों के बारे में सोनिया जी को विस्तार से बताया।

कांग्रेस अध्यक्ष ने हमसे पूरे घटनाक्रम पर लिखित रिपोर्ट मांगी है। आज रात या कल सुबह तक हम यह रिपोर्ट दे देंगे।’’ उल्लेखनीय है कि राजस्थान में कांग्रेस विधायक दल की बैठक रविवार शाम को मुख्यमंत्री आवास पर होनी थी, लेकिन गहलोत के वफादार कई विधायक बैठक में नहीं आए। उन्होंने संसदीय कार्यमंत्री शांति धारीवाल के बंगले पर बैठक की और फिर वहां से वे त्यागपत्र देने के लिए विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सीपी जोशी से मिलने चले गए थे।

लोगों के लिए 'पेयजल आपूर्ति' सुनिश्चित की जाएं

लोगों के लिए 'पेयजल आपूर्ति' सुनिश्चित की जाएं  इकबाल अंसारी  चेन्नई। तमिलनाडु में गर्मी दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है। इसे देखते हुए मु...