गुरुवार, 8 सितंबर 2022

दिल्ली जल्द ही झीलों का शहर बन जाएगी: केजरीवाल 

दिल्ली जल्द ही झीलों का शहर बन जाएगी: केजरीवाल 

अकांशु उपाध्याय 

नई दिल्ली। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बृहस्पतिवार को कहा कि दिल्ली जल्द ही झीलों का शहर बन जाएगी। केजरीवाल की घोषणा को समझाते हुए उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि सरकार शहर की 50 झीलों का कायाकल्प और सौंदर्यीकरण कर रही है। सिसोदिया ने उत्तर-पश्चिम दिल्ली के बवाना में सन्नोथ झील पर किए जा रहे कार्य का जायजा लिया।

उन्होंने ट्वीट किया, “अरविंद केजरीवाल जी के, दिल्ली को झीलों का शहर बनाने के मिशन के तहत, सन्नोथ झील में हो रहे जीर्णोद्धार व सौंदर्यीकरण के काम का जायजा लिया।” उन्होंने कहा कि इस परियोजना से दिल्ली में पानी की कमी की समस्या का भी समाधान होगा। सिसोदिया ने लिखा, “अपनी पहचान खो चुकीं, दिल्ली की ऐसी 50 झीलों का जीर्णोद्धार किया जा रहा है, जिससे भू-जल रिचार्ज होगा और पानी की कमी खत्म होगी।

इस प्रोजेक्ट को पूरा होते ही, दिल्लीवासी अपने परिवारों के साथ यहां आकर इसकी सुंदरता का लुत्फ़ उठा सकेंगे।” केजरीवाल ने सिसोदिया के ट्वीट को साझा करते हुए लिखा, “तिरंगों का शहर बनने के बाद दिल्ली झीलों का शहर बनने के लिए तैयार है। पूरी दिल्ली में कई सुंदर झीलें होंगी। वे स्थानीय लोगों को सुकून देने वाले स्थान और बाहरी लोगों के लिए पर्यटन स्थल के रूप में कार्य करेंगी।”

सीएम ने एक बार फिर मोदी सरकार पर हमला बोला 

सीएम ने एक बार फिर मोदी सरकार पर हमला बोला 

अकांशु उपाध्याय/मिनाक्षी लोढी 

नई दिल्ली/कोलकाता। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने एक बार फिर मोदी सरकार पर हमला बोला है। ममता बनर्जी ने इस बार नेताजी की मूर्ति के उद्घाटन और बांग्लादेश की प्रधानमंत्री की भारत यात्रा को लेकर मोदी सरकार को आड़े हाथों लिया है। उन्होंने कहा कि मुझे बुरा लगता है कि वे अब दिल्ली में नेताजी की मूर्ति बना रहे हैं। पहले से मौजूद मूर्ति के बारे में क्या? मुझे एक अंडर सेक्रेटरी का पत्र मिला है जिसमें कहा गया है कि प्रधानमंत्री आज प्रतिमा का उद्घाटन करेंगे और कार्यक्रम शुरू होने से पहले आप वहां आ जाएं। क्या मैं उनकी बंधुआ मजदूर हूं?

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा 2024 में हम बंगाल से एक खेल की शुरूआत करेंगे। हेमंत (सोरेन), अखिलेश (यादव), नीतीश (कुमार), मैं और अन्य साथी एकजुट होंगे, फिर वे (भाजपा) सरकार कैसे बनाएंगे? भाजपा सरकार की कोई जरूरत नहीं है।

भव्य प्रतिमा का अनावरण...
बता दें कि, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज सेंट्रल विस्टा एवेन्यू का उद्घाटन करेंगे। साथ ही पीएम इंडिया गेट के पास नेताजी सुभाष चंद्र बोस की एक भव्य प्रतिमा का भी अनावरण करेंगे। अनावरण समारोह प्रधानमंत्री द्वारा संशोधित सेंट्रल विस्टा एवेन्यू परियोजना के उद्घाटन का हिस्सा होगा। पीएम कर्तव्य पथ (पहले राजपथ) का भी उद्घाटन करेंगे, जो राष्ट्रपति भवन से इंडिया गेट तक फैला है।

विपक्षी एकता को लेकर किया बड़ा ऐलान...
गौरतलब है कि शेख हसीना दोनों देशों के बीच समग्र संबंधों का विस्तार करने के लिए चार दिवसीय दौरे पर सोमवार को नई दिल्ली पहुंचीं थीं। ममता बनर्जी ने कहा कि, “मैं बाहरी मामलों या द्विपक्षीय संबंधों के बारे में बात नहीं करना चाहती, लेकिन मैंने देखा है कि जब भी मुझे किसी देश में आमंत्रित किया जाता है तो केंद्र मुझे रोकने की कोशिश करता है। मैं यह जानना चाहती हूं कि केंद्र सरकार मेरे किसी विदेशी गणमान्य अतिथि से मुलाकात करने को लेकर चिंतित क्यों हैं।” ममता बनर्जी ने विपक्षी एकता को लेकर भी बड़ा एलान किया और कहा कहा कि नीतीश कुमार, हेमंत सोरेन, मैं और अन्य नेता 2024 के लोकसभा चुनाव में एक साथ आएंगे।

पुलिस-प्रशासन के समक्ष नक्सलियों का आत्मसमर्पण 

पुलिस-प्रशासन के समक्ष नक्सलियों का आत्मसमर्पण 

दुष्यंत टीकम 

सुकमा। छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में 9 नक्सलियों ने पुलिस-प्रशासन के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया है। पुलिस सूत्रों ने आज बताया कि जिले में चलाए जा रहे पूना नम ( नई सुबह) अभियान से प्रभावित होकर मरईगुड़ा थाना व कैंप में नौ नक्सलियों ने पुलिस अधिकारियों के समक्ष कल आत्मसमर्पण कर दिया है। आत्मसमर्पण करने वालों में एक लाख के इनामी DKMS अध्यक्ष सहित आठ मिलिशिया कमांडर शामिल हैं।

आत्समर्पण किये गये नक्सलियों में उईका बाला, सुन्नम धर्मा, बेड़मा रामचेट्टी, पोड़ियाम बुधरा, उईका भीमा, बेड़मा कामा, डीएकेएमएस अध्यक्ष सो-सजय़ी कोसा, सीएनएम अध्यक्ष पोड़ियम सोना एवं भट्टीगुड़ा आरपीसी में आर्थिक कमेटी सदस्य बेड़मा रामा शामिल हैं। सरेंडर करने वाले नक्सलियों को 10 हजार रुपए की प्रोत्साहन राशि के अलावा पुनर्वास नीति का लाभ मिलेगा।

कमजोर बच्चों को निशुल्क शिक्षा व छात्रवृति देगी, इम्पा

कमजोर बच्चों को निशुल्क शिक्षा व छात्रवृति देगी, इम्पा

कविता गर्ग 

मुंबई। फिल्म निर्माताओं के संगठन इंडियन मोशन पिक्चर्स प्रोड्यूसर एसोसिएशन (इम्पा) आर्थिक रूप से कमजोर बच्चों को निःशुल्क शिक्षा और छात्रवृति देगी। इम्पा ने आर्थिक रूप से कमजोर हुए अपने सदस्यों के बच्चों के लिए एक मजबूत सराहनीय कदम उठाया है, जिसके तहत वे ऐसे सदस्यों के बच्चों को मुफ्त शिक्षा देंगी। साथ ही उनके हायर एजुकेशन के लिए बच्चों को छात्रवृति भी देगी।

इम्पा के अध्यक्ष अभय सिन्हा ने कहा कि फ़िल्म निर्माता जिनकी वित्तीय स्थिति वास्तव में अच्छी नहीं है और अपने बच्चों को उचित शिक्षा प्रदान करने में सक्षम नहीं हैं, उन्हें मुफ्त शिक्षा दी जायेगी। साथ ही उनके हायर एजुकेशन के लिए छात्रवृति भी दी जायेगी।

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प्राधिकृत प्रकाशन विवरण

प्राधिकृत प्रकाशन विवरण 


1. अंक-335, (वर्ष-05)

2. शुक्रवार, सितंबर 9, 2022

3. शक-1944, भाद्रपद, शुक्ल-पक्ष, तिथि-चतुर्दशी, विक्रमी सवंत-2079।

4. सूर्योदय प्रातः 05:51, सूर्यास्त: 06:56। 

5. न्‍यूनतम तापमान- 29 डी.सै., अधिकतम-36+ डी.सै.। उत्तरभारत में बरसात की संभावना। 

6. समाचार-पत्र में प्रकाशित समाचारों से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है। सभी विवादों का न्‍याय क्षेत्र, गाजियाबाद न्यायालय होगा। सभी पद अवैतनिक है। 

7.स्वामी, मुद्रक, प्रकाशक, संपादक राधेश्याम व शिवांशु,(विशेष संपादक) श्रीराम व सरस्वती (सहायक संपादक) संरक्षण-अखिलेश पांडेय, ओमवीर सिंह, वीरसेन पवार, योगेश चौधरी आदि के द्वारा (डिजीटल सस्‍ंकरण) प्रकाशित। प्रकाशित समाचार, विज्ञापन एवं लेखोंं से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं हैं। पीआरबी एक्ट के अंतर्गत उत्तरदायी। 

8. संपर्क व व्यवसायिक कार्यालय- चैंबर नं. 27,प्रथम तल, रामेश्वर पार्क, लोनी, गाजियाबाद उ.प्र.-201102। 

9. पंजीकृत कार्यालयः263, सरस्वती विहार लोनी, गाजियाबाद उ.प्र.-201102http://www.universalexpress.page/ www.universalexpress.in 

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 (सर्वाधिकार सुरक्षित)

बुधवार, 7 सितंबर 2022

8 सितंबर को मनाया जाएगा 'विश्व साक्षरता दिवस'

8 सितंबर को मनाया जाएगा 'विश्व साक्षरता दिवस' 

सरस्वती उपाध्याय 

हर साल 8 सितंबर को दुनियाभर में 'विश्व साक्षरता दिवस' मनाया जाता है। इसे मनाने की शुरुआत साल 1966 में हुई थी, जब यूनेस्को ने शिक्षा के प्रति लोगों में जागरूकता बढ़ाने और दुनियाभर के लोगों का इस तरफ ध्यान आकर्षित करने के लिए हर साल आठ सितंबर को 'विश्व साक्षरता दिवस' मनाने का फैसला किया था। चूंकि इस बार दुनियाभर में कोरोना महामारी फैली है, इसलिए इस बार साक्षरता दिवस की थीम 'साक्षरता शिक्षण और कोविड -19: संकट और उसके बाद' पर रखी गई है। आइए जानते हैं, इस दिवस के बारे में खास बातें, जैसे कि इसे क्यों मनाया जाता है, इसका महत्व क्या है और इससे समाज में क्या बदलाव आया है। 

कब आया अंतरराष्ट्रीय साक्षरता दिवस मनाने का विचार ? 

इसे मनाने की घोषणा भले ही 26 अक्तूबर 1966 को हुई हो, लेकिन सबसे पहले इसका विचार ईरान के तेहरान में शिक्षा से जुड़े मंत्रियों के विश्व सम्मेलन के दौरान आया था। यह सम्मेलन साल 1965 में हुआ था, जिसमें निरक्षरता को खत्म करने के लिए दुनियाभर में एक जागरूकता अभियान चलाने पर चर्चा की गई थी। 

क्यों मनाया जाता है अंतरराष्ट्रीय साक्षरता दिवस ? 

अंतरराष्ट्रीय साक्षरता दिवस मनाने का मुख्य उद्देश्य व्यक्तिगत, सामुदायिक और सामाजिक रूप से साक्षरता के महत्व पर प्रकाश डालना है। इस दिवस के माध्यम से दुनियाभर में लोगों को शिक्षा के प्रति जागरूक किया जाता है, ताकि वो अपने आने वाले कल को बेहतर बना सकें। 

साक्षरता के मामले में भारत कहां ? 

राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) के आंकड़ों पर आधारित एक रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में साक्षरता दर 77.7 फीसदी है। अगर देश के ग्रामीण इलाकों की बात करें तो वहां साक्षरता दर 73.5 फीसदी है जबकि शहरी इलाकों में यह आंकड़ा 87.7 फीसदी है। साक्षरता के मामले में देश का शीर्ष राज्य केरल है, जहां 96.2 फीसदी लोग साक्षर हैं। वहीं आंध्र प्रदेश इस मामले में सबसे निचले पायदान पर है। वहां की साक्षरता दर महज 66.4 फीसदी ही है। 

पहले के मुकाबले भारत में काफी बढ़ी है साक्षरता दर...

अगर हम आजादी से वर्तमान साक्षरता दर का आंकलन करें तो स्थिति थोड़ी बेहतर नजर आती है। आजादी के बाद से देश में साक्षरता दर में 57 फीसदी की वृद्धि हुई है। एक रिपोर्ट के मुताबिक, ब्रिटिश शासन के दौरान देश में सिर्फ 12 फीसदी लोग ही साक्षर थे।

बागपत: योजना के अंतर्गत कार्यक्रम का आयोजन 

बागपत: योजना के अंतर्गत कार्यक्रम का आयोजन 


छात्राओं को सैनेट्री पैड किए वितरित

बाम गांव के उच्च प्राथमिक विद्यालय में कार्यक्रम हुआ आयोजित

गोपीचंद/भानु प्रताप उपाध्याय 

बागपत। सारथी वेलफेयर फाउंडेशन के तत्वाधान में बुधवार को उत्तर प्रदेश सरकार की योजना के अंतर्गत उच्च प्राथमिक विद्यालय बाम में कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमे छात्राओं को सेनेटरी पैड वितरण कर उनके इस्तेमाल करने के तरीके भी छात्राओं को बताएं। सारथी वेलफेयर फाउंडेशन की चेयरपर्सन वंदना गुप्ता ने छात्राओं को हेल्पलाइन नंबर 1070 ,1090, 1076 मुख्यमंत्री हेल्पलाइन नंबर 181 ,यूपी 112 आदि के विषय में जानकारी दी। इस दौरान स्कूल की प्रधानाचार्य पूनम देवी,इंदु हजेला, सुजाता मलिक  व छात्राएं मोजूद रही।

अभिनेत्री ने मैगजीन हैलो के लिए फोटोशूट किया 

अभिनेत्री ने मैगजीन हैलो के लिए फोटोशूट किया 

कविता गर्ग 

मुंबई। बॉलीवुड अभिनेत्री कियारा आडवाणी ने फेमस मैगजीन हैलो के लिए फोटोशूट किया है। कियारा ने हैलो मैगजीन का फोटोशूट करवाया है, जिसका एक वीडियो उन्होंने अपने इंस्टाग्राम पर शेयर किया है। इस वीडियो में कियारा ने अलग-अलग आउटफिट को कैरी किया है। वह इन सभी ऑउटफिट में स्टनिंग लग रही हैं।

कियारा ने इस वीडियो को शेयर करते हुए कैप्शन में ‘हैलो’ लिखा है। कियारा के इन लुक्स की फैंस खूब तारीफ कर रहे हैं। कियारा इन दिनों कार्तिक आर्यन के साथ फिल्म ‘सत्य प्रेम की कथा’ में काम कर रही हैं।

सीट बेल्ट व एयरबैग्स से जुड़े नियमों में बदलाव, तैयारी

सीट बेल्ट व एयरबैग्स से जुड़े नियमों में बदलाव, तैयारी

अकांशु उपाध्याय 

नई दिल्ली। टाटा संस के पूर्व चेयरमैन साइरस मिस्त्री की सड़क दुर्घटना में मौंत के बाद सरकार कार सेफ्टी नियमों को लेकर सख्त हो गई है। सरकार अब सीट बेल्ट और एयरबैग्स से जुड़े नियमों में बदलाव करने की तैयारी में है। केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा है कि सरकार कार निर्माता कंपनियों के लिए रियर सीट बेल्ट अलार्म सिस्टम को अनिवार्य करने की योजना बना रही है। वर्तमान में, सभी वाहन विनिर्माताओं के लिए सिर्फ आगे की सीट पर बैठे यात्रियों के लिए सीट बेल्ट ‘रिमाइंडर’ देना अनिवार्य है।

केंद्रीय मोटर वाहन नियम के नियम 138(3) के तहत पिछली सीट पर सीट बेल्ट नहीं लगाने पर 1,000 रुपये का जुर्माना लगाया जा सकता है। हालांकि, ज्यादातर लोग इस बात से अनभिज्ञ हैं कि यह नियम अनिवार्य है। यातायात पुलिसकर्मी भी पिछली सीट पर बैठे यात्रियों के सीट बेल्ट लगाने पर जुर्माना नहीं लगाते हैं।

केंद्र सरकार वाहन कंपनियों के लिए अक्टूबर से आठ सीट वाले वाहनों में कम से कम छ: ‘एयरबैग’ को अनिवार्य करने पर विचार कर रही है। नितिन गडकरी ने यह जानकारी देते हुए कहा कि यह कदम वाहनों में यात्रियों की सुरक्षा के लिहाज से उठाया जा रहा है। इससे पहले इसी साल सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने कहा था कि वाहन यात्रियों की सुरक्षा के लिए केंद्रीय मोटर वाहन नियम, 1989 में संशोधन का फैसला किया गया है, ताकि वाहनों में सुरक्षा को बढ़ाया जा सके।

छात्रवृत्ति समारोह में शामिल हुए, जयशंकर-हसीना

छात्रवृत्ति समारोह में शामिल हुए, जयशंकर-हसीना

अकांशु उपाध्याय/अखिलेश पांडेय 

नई दिल्ली/ढाका। विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर और बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना पुरस्कार वितरण बंगबंधु शेख मुजीबुर्रहमान छात्रवृत्ति समारोह में बुधवार को शामिल हुए। बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने कहा कि भारत-बांग्लादेश के बीच के सांख्यिकी साझेदारी पिछले दशक में और आगे बढ़ी है। 50 साल की मज़बूत संबंधों में दोनों देशों ने बहुत से क्षेत्रों में अपनी साझेदारी को आगे बढ़ाया है। हमने समुद्री और सीमा से संबंधित विवादों को सुलझाने के लिए चर्चा को आगे बढ़ाया है। भारत और बांग्लादेश संयुक्त तौर पर बंगबंधु शेख मुजीबुर्रहमान पर बायोपिक बना रहे हैं, जिसपर काम जारी है। हम इसके जल्द रिलीज होने की उम्मीद कर रहे हैं।

विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने कहा कि हमारे लिए भी बंगबंधु शेख मुजीबुर्रहमान एक प्रतिष्ठित व्यक्तित्व है। बांग्लादेश की तरह भारत में भी उन्हें याद किया जाता है। PM ने कहा कि बंगबंधु हमारे भी राष्ट्रीय नायक हैं। उनके सम्मान में दोनों देश उन पर एक बायोपिक बना रहे हैं जो पूरी होने वाली है। बता दें कि इंडिया के सबसे काबिल और दिग्गज फिल्ममेकर्स में गिने जाने वाले श्याम बेनेगल की नई फिल्म आ रही है। इसका नाम है- Mujib: The Making of a Nation ये बांग्लादेशी लीडर शेख मुजीबुर्रहमान की बायोपिक है।


शेख मुजीबुर्रहमान के बारे में जानिए...
शेख मुजीबुर्रहमान का बांग्लादेश की आज़ादी में उनका बड़ा हाथ था। उन्हें ‘बंगबंधु’ के नाम से भी जाना जाता था, जिसका मतलब होता है बंगाल का दोस्त। बायोपिक को इंडिया की नेशनल फिल्म डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन और बांग्लादेश फिल्म डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन ने मिलकर बनाया है।

शेख मुजीबुर्रहमान ने अवामी लीग पार्टी की स्थापना की थी। ये बांग्ला लोगों की पार्टी थी। इसी पार्टी ने ईस्ट पाकिस्तान को अलग देश बनाने के लिए आंदोलन शुरू किया था। 1970 में पाकिस्तान के पहले डेमोक्रेटिक इलेक्शन में उनकी पार्टी ने बड़ी जीत हासिल की। मेजॉरिटी हासिल करने के बावजूद उन्हें पाकिस्तान में सरकार नहीं बनाने दी गई। इस चीज़ से नाराज़ आबादी के एक बड़े हिस्से ने असहयोग आंदोलन शुरू कर दिया। देशभर में प्रोटेस्ट होने लगे। 7 मार्च, 1971 को ढाका के रामना रेस कोर्स में मुजीब ने 10 लाख लोगों के सामने एक भाषण दिया।

इस स्पीच में उन्होंने बांग्लादेश की आज़ादी की घोषणा कर दी। ईस्ट पाकिस्तान में हो रहे प्रोटेस्ट के जवाब में पाकिस्तानी आर्मी ने ऑपरेशन सर्चलाइट शुरू किया। इस ऑपरेशन के पहले फेज़ में मुजीब को गिरफ्तार कर पश्चिमी पाकिस्तान की किसी गुमनाम जगह पर कैद कर दिया गया। देश में कत्ल-ए-आम मच गया. मुजीब की गैर-मौजूदगी में लाखों लोगों ने गुरिल्ला आर्मी मुक्ति बाहिनी जॉइन कर ली। उन्होंने भारतीय सेना की मदद से पाकिस्तानी आर्मी को हरा दिया और ऐसे एक नए देश बांग्लादेश का जन्म हुआ। बांग्लादेश की आज़ादी के बाद पाकिस्तान पर इंटरनेशनल प्रेशर काफी बढ़ गया। इसकी वजह से उन्हें मुजीब को छोड़ना पड़ा। 1972 में मुजीब बांग्लादेश लौटे और देश के पहले प्रधानमंत्री बने। 15 अगस्त, 1975 को बांग्लादेशी आर्मी के कुछ अफसरों ने तख्तापलट की कोशिश की. इस प्रोसेस में 15 अगस्त की सुबह शेख मुजीबुर्रहमान समेत उनकी फैमिली के कई सदस्यों की हत्या कर दी गई। पिलहाल उनकी बेटी शेख हसीना बांग्लादेश की प्रधानमंत्री हैं।


पहले इस बायोपिक का नाम बंगबंधु था...
श्याम बेनेगल ने एक इंटरव्यू में बताया था कि पहले इस फिल्म का नाम बंगबंधु था, क्योंकि पब्लिक उन्हें उसी नाम से जानती थी। मगर फिर उन्होंने शेख हसीना से बात की. शेख हसीना ने उन्हें बताया कि बंगबंधु नाम काफी ज्यादा इस्तेमाल हो चुका है, इसलिए उन्हें इस फिल्म का नाम मुजीब रखना चाहिए। फिल्म का नाम बदलने के पीछे की एक वजह ये भी थी कि शेख मुजीबुर्रहमान को उनके आखिरी 6 सालों में बंगबंधु नाम से जाना गया। जबकि ये फिल्म उनकी पूरी लाइफ को कवर करती है। मुजीब- द मेकिंग ऑफ अ नेशन श्याम बेनेगल के लिए भी एक बड़ी उपलब्धि की तरह है। उन्होंने 87 साल की उम्र में कोविड-19 पैंडेमिक के दौरान फिल्म को पूरा किया। फिल्म की शूटिंग खत्म हो चुकी है। फिलहाल पोस्ट-प्रोडक्शन का काम चल रहा है।

मुजीब- द मेकिंग ऑफ अ नेशन को इंडिया और बांग्लादेश की अलग-अलग लोकेशंस पर शूट किया गया है। फिल्म की कास्टिंग का प्रोसेस भी जटिल था, क्योंकि बांग्लादेशी लोगों की भाषा, पश्चिम बंगाल में बोली जाने वाली बांग्ला से थोड़ी अलग होती है, इसलिए श्याम बेनेगल इस फिल्म में बांग्लादेशी एक्टर्स को ही कास्ट करना चाहते थे। इस फिल्म में मुजीब का टाइटल कैरेक्टर प्ले किया है अरिफिन शुवु ने। उन्हें फिल्म ढाका अटैक के लिए बांग्लादेश नेशनल फिल्म अवॉर्ड मिल चुका है। उनके साथ डूब- नो बेड ऑप रोजेज फेम एक्ट्रेस नुशरत इमरोज़ तिशा, फज़लुर रहमान बाबू, चंचल चौधरी और नुसरत फारिया जैसे एक्टर्स ने भी इस फिल्म में काम किया है।

ट्यूबवेल के कनेक्शन नहीं काटने का ऐलान: सीएम 

ट्यूबवेल के कनेक्शन नहीं काटने का ऐलान: सीएम 

संदीप मिश्र 

लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्य के सूखे से प्रभावित जनपदों के किसानों को बड़ी राहत देते हुए ट्यूबवेलों के बिलों की वसूली को स्थगित करने के साथ बिलों का भुगतान नहीं होने की स्थिति में ट्यूबवेल के कनेक्शन नहीं काटने का ऐलान किया है। सरकार की ओर से सूखा प्रभावित इलाकों के किसानों को दलहन एवं तिलहन के अलावा सब्जी के बीज भी दिए जाएंगे। बुधवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश के सभी 75 जनपदों में सूखे की स्थिति के सर्वेक्षण के लिए आदेश दिए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा है कि सभी 75 जिलों में टीमें गठित कर सूखे से प्रभावित इलाकों का सर्वेक्षण करते हुए उसकी रिपोर्ट तैयार की जाए।

मुख्यमंत्री ने सभी जनपदों के जिलाधिकारियों को सर्वेक्षण की रिपोर्ट शासन को उपलब्ध कराने के लिए 7 दिनों का समय दिया है। सभी जनपदों के कलेक्टरों को 1 सप्ताह के भीतर सूखे से प्रभावित क्षेत्रों का मौका मुआयना करने के बाद रिपोर्ट तैयार कर शासन को भेज दी होगी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अफसरों को निर्देश देते हुए कहा है कि इस मामले में लापरवाही बरतने और देरी होने पर जिलाधिकारी की जवाबदेही होगी। उत्तर प्रदेश के 62 जनपदों में औसत से कम बारिश हुई है। मुख्यमंत्री ने सभी कलेक्टरों को निर्देश देते हुए कहा है कि सूखे से प्रभावित जनपदों में लगान स्थगित रहेंगे। सूखा प्रभावित इलाकों में ट्यूबवेल के बिलों की वसूली भी स्थगित रहेगी। इसके अलावा जिन किसानों ने बिलों का भुगतान नहीं किया है, उनकी ट्यूबवेल के कनेक्शन वितरित नहीं किए जाएंगे।

सीएम ने जनसभा कर, मतदाताओं से संवाद किया

सीएम ने जनसभा कर, मतदाताओं से संवाद किया  संदीप मिश्र  बरेली। बरेली के आंवला में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को सुभाष इंटर कॉलेज ग्...