सोमवार, 30 मई 2022

गुणवत्तापूर्ण शिक्षा दिलाने के मुद्दे पर 'निरंतर ध्यान'

गुणवत्तापूर्ण शिक्षा दिलाने के मुद्दे पर 'निरंतर ध्यान' 

इकबाल अंसारी  
श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने सोमवार को कहा कि प्रशासन समाज के वंचित तबके को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा दिलाने के मुद्दे पर “निरंतर ध्यान” दे रहा है। जो लंबे समय से अपने अधिकारों से वंचित था। सिन्हा आदिवासी समुदाय के कल्याण के लिए 51 करोड़ रुपये से अधिक की परियोजनाओं की आधारशिला रखने के मद्देनज़र पुलवामा जिले में थे। उन्होंने एक आदर्श जनजातीय पारगमन आवासीय विद्यालय, छात्रावास और समुदाय के लिए 18 अन्य परियोजनाओं का उद्घाटन किया।
सिन्हा ने कहा, “यह सुनिश्चित करने के लिए निरंतर ध्यान दिया जा रहा है कि गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उन लोगों तक पहुंचाई जाए जो लंबे समय से अपने अधिकारों से वंचित थे।” सिन्हा ने कहा, “नए छात्रावास, आधुनिक कक्षाएं और आदिवासी छात्रों के लिए रिकॉर्ड संख्या में छात्रवृत्ति आर्थिक समृद्धि और सर्वांगीण विकास के नए द्वार खोलेंगे।” उन्होंने कहा कि ये परियोजनाएं सामाजिक न्याय और समानता की हमारी प्रतिबद्धता का प्रमाण हैं।
सिन्हा ने कहा कि वर्तमान में जम्मू-कश्मीर में आदिवासी समुदाय के लिए संभावनाएं उज्ज्वल हैं, क्योंकि समुदाय के लाभ के लिए कई योजनाएं शुरू की गई हैं। उन्होंने कहा, ‘‘जनजातीय समुदाय की संभावनाएं पहले कभी उतनी उज्ज्वल नहीं थीं, जितनी अब हैं। वन अधिकार अधिनियम, प्रधानमंत्री वन धन योजना, स्वास्थ्य देखभाल, परिवहन सुविधाएं, छात्रावास, पर्यटक गांव, कौशल विकास आदि हर एक पहल का उद्देश्य न्यायपूर्ण, निष्पक्ष और न्यायसंगत तरीके से जम्मू-कश्मीर की प्रगति सुनिश्चित करना है।
’’ सिन्हा ने आरोप लगाया कि आजादी के बाद से जम्मू-कश्मीर में आदिवासियों की उपेक्षा की गई और उनके साथ भेदभाव किया गया। उन्होंने कहा, “1976 से 2020 के बीच आदिवासी छात्रों के लिए केवल 26 छात्रावास स्थापित किए गए थे, जबकि 2023 तक 37 नए छात्रावास खोले जाएंगे।” सिन्हा ने कहा कि पिछले 21 महीनों में, सभी हाशिए पर पड़े लोगों और कमजोर समूहों के सशक्तीकरण के लिए कदम उठाए गए हैं।

जोगी की प्रतिमा स्थापित, स्थान आवंटित करने की मांग

जोगी की प्रतिमा स्थापित, स्थान आवंटित करने की मांग 

दुष्यंत टीकम  
जगदलपुर। जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ ने 29 मई को छत्तीसगढ़ के प्रथम मुख्यमंत्री माननीय अजीत जोगी की पुण्यतिथि के उपलक्ष्य में 30 मई को उनकी स्मृत्ति अजीत जोगी का स्मरण कर उन्हें श्रद्धांजलि दी और उनकी जनसेवा को याद किया।
जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) के बस्तर जिला, अध्यक्ष व बस्तर अधिकार मुक्ति मोर्चा के मुख्य संयोजक नवनीत चांद के नेतृत्व, शहर, एवं जिला ब्लाक के पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं ने अपर कलेक्टर को ज्ञापन सौंपकर छत्तीसगढ़ के प्रथम मुख्यमंत्री माननीय अजीत जोगी की प्रतिमा स्थापित करने के लिए स्थान आवंटित करने की मांग, सरकार से की।  
जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) के जिला अध्यक्ष व मुक्ति मोर्चा के मुख्य संयोजक नवनीत चांद ने  कहा कि छत्तीसगढ़ के प्रथम मुख्यमंत्री माननीय अजीत जोगी एक युग पुरुष थे। छत्तीसगढ़ की माटी में एक गरीब आदिवासी के यहाँ जन्मे श्री जोगी ने गरीबी, लाचारी और असहाय से भरे विषम काल में पल-बढ़ कर, परिस्थितियों से लड़ कर, एक दक्ष गोल्ड मेडलिस्ट इंजीनियर, प्रोफेसर, आईपीएस एवं आईएएस बने और छत्तीसगढ़ राज्य बनने के उपरान्त प्रथम मुख्यमंत्री बनकर उन्होंने छत्तीसगढ़ की अस्मिता का मान बढ़ाया और सदैव किसानों व गरीबों का मसीहा बने रहें, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, असहाय और पिछड़ों के उत्थान और सेवा के लिए कार्य किया एवं संपूर्ण जीवन न्यौछावर किया।
नवनीत चांद ने कहा कि युगपुरुष माननीय अजीत जोगी जी छत्तीसगढ़ महतारी के सच्चे पुत्र थे।छत्तीसगढ़ के लोगों को जोगी से अपार स्नेह था और आम लोगों ने उन्हें कभी भी नेता नहीं, बल्कि घर के एक सदस्य के रूप में मान दिया। छत्तीसगढ़ के ढाई करोड़ जनता की जनभावनाओं का सम्मान करते हुए, छत्तीसगढ़ मुख्यमंत्री माननीय अजीत जोगी की प्रतीमा के लिए सरकार  सार्वजनिक स्थान पर जमीन आवंटित करें‌। ताकि उनकी प्रतीमा के स्वरुप से उनके आदर्श लोगों के हृदय में अविस्मरणीय बने रहें। माननीय अजीत जोगी जी की जीवनी, उनका परिश्रम और जनसेवा भाव उनकी प्रतीमा के प्रतीक के रूप में आने वाली पीढ़ी के लिए प्रेरणादायक बने। उक्त कार्यक्रम में प्रमुख रूप से जिला अध्यक्ष नवनीत चांदमुक्ति मोर्चा जिला अध्यक्ष भरत कश्यप जिला उपाध्यक्ष , जगदलपुर विधानसभा प्रभारी नीलाम्बर सेठिया जगदलपुर ग्रामीण ब्लॉक अध्यक्ष अजय बघेल ,शैलेन्द्र वर्मा,धनशाय बघेल ,मोहन मौर्य, कमल गजविर, गीता भारती,पाकलू, पीतम ,दयतारी, गुरमीत कौर, पिंकी तिलक, गीता नाग, कृष्णा, हीरालाल धर्मेंद्र, कुंदन ,बौद्धनाथ आदि सैकड़ों की संख्या में उपस्थित थे।

सबसे ज्यादा सैलरी पाने वाले सीईओ भी बनें, मस्क

सबसे ज्यादा सैलरी पाने वाले सीईओ भी बनें, मस्क 

अकांशु उपाध्याय/सुनील श्रीवास्तव       
नई दिल्ली/वाशिंगटन डीसी। दुनिया के सबसे बड़े रईस एलन मस्क सबसे ज्यादा सैलरी पाने वाले सीईओ भी बन गए हैं। टेस्ला और स्पेसएक्स के सीईओ को साल 2021 में 23.5 अरब डॉलर यानी 1.82 लाख करोड़ रुपये की सैलरी मिली। इसमें स्टॉक ऑप्शन भी शामिल है। ये स्टॉक ऑप्शन 2018 में जारी किया गया था और इसे भुनाने की डेडलाइन 2021 तक थी। फॉर्चून-500 कंपनियों की सैलरी के मामले में मस्क पहले नंबर पर हैं। इस लिस्ट में सबसे ज्यादा सैलरी पाने वाले 10 सीईओ टेक और बायोटेक कंपनियों के हैं। इनमें ऐपल के टिम कुक, नेटफ्लिक्स के रीड हेस्टिंग्स और माइक्रोसॉफ्ट के सत्या नडेला शामिल हैं।
मस्क को 2021 में जितना पैसा मिला, वह भारतीय अरबपति लक्ष्मी मित्तल की कुल नेटवर्थ से अधिक है। मस्क को 23.5 अरब डॉलर की सैलरी मिली। फॉर्चून-500 कंपनियों में टेस्ला 65वें नंबर पर है। साल 2021 में कंपनी का रेवेन्यू पिछले साल के मुकाबले 71 फीसदी उछलकर 53.8 अरब डॉलर रहा। इलेक्ट्रिक वीकल बनाने वाली यह कंपनी दुनिया की सबसे मूल्यवान ऑटो कंपनी है।
ऐपल के सीईओ टिम कुक को 2021 में सैलरी के रूप में 77.55 करोड़ डॉलर रही। इसमें अधिकांश हिस्सा शेयरों का रहा। 10 ईयर ग्रांट के रूप में उनके पास 1.7 अरब डॉलर के शेयर हैं। फॉर्चून-500 कंपनियों की लिस्ट में ऐपल तीसरे नंबर पर रही। दुनियाभर में चिप की कमी के कारण कंपनी को चुनौतियों का सामना करना पड़ा। NVIDIA के कोफाउंडर जेनसेन हुआंग 2021 में सबसे ज्यादा सैलरी पाने वाली सीईओ की लिस्ट में तीसरे नंबर पर हैं। इस दौरान उन्हें सैलरी के रूप में 50.7 करोड़ डॉलर मिले। नेटफ्लिक्स के रीड हेस्टिंग्स इस लिस्ट में चौथे नंबर पर हैं। उन्हें सैलरी के रूप में 4.08 करोड़ डॉलर रही।

राष्ट्रीय प्रवक्ता टिकैत पर काली स्याही फेंकी गई

राष्ट्रीय प्रवक्ता टिकैत पर काली स्याही फेंकी गई 

इकबाल अंसारी
बेंगलुरु। भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत पर सोमवार को बेंगलुरु में काली स्याही फेंकी गई। यह घटना उस समय हुई जब किसान नेता टिकैत प्रेस कॉन्फ्रेंस कर रहे थे। मंच पर राकेश टिकैत के साथ युद्धवीर सिंह पर भी काली स्याही फेंकी गई है। पुलिस ने आरोपियों को हिरासत में ले लिया है।
राकेश टिकैत सोमवार को बेंगलुरु में गांधी भवन में पत्रकारों से बात कर रहे थे। राकेश टिकैत के साथ मंच पर किसान नेता युद्धवीर सिंह समेत अन्य नेता भी मौजूद थे। ये दोनों एक चैनल के स्टिंग ऑपरेशन के वीडियो पर सफाई देने आए थे, जिसमें कर्नाटक के किसान नेता कोडिहल्ली चंद्रशेखर को पैसे मांगते हुए पकड़ा गया था। राकेश और युद्धवीर ये कहने पहुंचे थे कि वे इसमें शामिल नहीं हैं और धोखेबाज किसान नेता कोडिहल्ली चंद्रशेखर के खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए।
प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कुछ लोगों ने बहस शुरू कर दी। बहस के दौरान उन पर काली स्याही फेंक दी। उसके बाद कार्यक्रम में तोड़फोड़ की। टिकैत के मुताबिक स्याही फेंकने और हंगामा करने वाले किसान नेता चंद्रशेखर के समर्थक थे। स्याही फेंकने के बाद वहां की पुलिस ने आरोपियों को हिरासत में ले लिया है। बताया जा रहा है कि आरोपी पत्रकार बनकर वहां घुसे थे।

दुर्घटनाग्रस्त हुए विमान के मलबे से 14 शव बरामद

दुर्घटनाग्रस्त हुए विमान के मलबे से 14 शव बरामद

सुनील श्रीवास्तव
काठमांडू। नेपाल में 'तारा एअर' के पर्वतीय मुस्तांग जिले में दुर्घटनाग्रस्त हुए विमान के मलबे से बचाव कर्मियों ने 14 शव बरामद कियें हैं। बचावकर्मियों के हवाले से बताया कि विमान के मलबे से 14 शवों को निकाला गया है।
विमानन कंपनी की ओर से जारी यात्रियों की सूची के मुताबिक विमान में मौजूद भारतीयों की पहचान अशोक कुमार त्रिपाठी, उनकी पत्नी वैभवी बांडेकर त्रिपाठी और बच्चों-धनुष त्रिपाठी व ऋतिका त्रिपाठी के तौर पर हुई है। यह परिवार महाराष्ट्र के ठाणे जिले का रहने वाला है।
सोमवार को नेपाल की सेना ने बताया कि रविवार सुबह दुर्घटनाग्रस्त हुए यात्री विमान का मलबा उत्तर-पश्चिमी नेपाल के मुस्तांग जिले के थसांग-2 स्थित सनोसवेयर में मिला है। यह विमान करीब 20 घंटे से लापता था।
'तारा एअर' के ‘ट्विन ओट्टर 9एन-एईटी’ विमान ने पोखरा से रविवार सुबह करीब 10 बजे उड़ान भरी थी, लेकिन 15 मिनट बाद ही उसका संपर्क टूट गया। विमान में चार भारतीय, दो जर्मन और 13 नेपाली नागरिकों सहित कुल 22 लोग सवार थे।
सेना के प्रवक्ता ब्रिगेडियर नारायण सिल्वाल ने ट्वीट किया कि सैनिकों और बचावकर्मियों ने दुर्घटनास्थल का पता लगा लिया है। इससे जुड़ी विस्तृत जानकारी जल्द साझा की जाएगी। उन्होंने एक तस्वीर साझा करते हुए लिखा कि दुर्घटनास्थल मुस्तांग जिले के थसांग-2 के सनोसवेयर में है। तस्वीर विमान के मलबे की प्रतीत होती है।
नारायण सिल्वाल ने बताया कि पुलिस निरीक्षक लेफ्टिनेंट मंगल श्रेष्ठ और एक गाइड दुर्घटनास्थल पर पहुंच चुके हैं। उन्होंने कहा कि विभिन्न एजेंसियों के अन्य बचाव दल छोटे हेलीकॉप्टर के जरिये दुर्घटनास्थल पर पहुंचने की कोशिश कर रहे हैं। वहां पहुंचने के लिए हर संभव साधन के इस्तेमाल पर विचार किया जा रहा है।

छत्तीसगढ़: टमाटर के भाव में इजाफा देखने को मिला

छत्तीसगढ़: टमाटर के भाव में इजाफा देखने को मिला 

दुष्यंत टीकम           
जशपुर। आम आदमी पर महंगाई की मार लगातार जारी है। लोगों की मुश्किलें कम होने का नाम ही नहीं ले रही। कुछ दिन पहले जहां नींबू का भाव आसमान छू रहा था तो वहीं अब टमाटर भी अपने लाल तेवर दिखा रहा है। 5 दिन पहले टमाटर 25 से 30 रुपये किलो मिल रहा था, जो अब फुटकर में 60 से 80 रुपये प्रति किलो मिल रहा है।
छत्तीसगढ़ के पत्थलगांव में पानी के मोल बिकने वाले टमाटर के भाव में इजाफा देखने को मिला है। 60 रुपये प्रति किलोग्राम बिकने वाला टमाटर आज 80 से 100 रुपये प्रति किलो पर पहुंच गया है। इसका मुख्य कारण ये है कि प्रदेश में रेल सेवाओं की कमी होने से सब्जी व्यापारियों को परिवहन खर्च ज्यादा हो रहा है, जिसके कारण महंगे दामों पर टमाटर बेचने पड़ रहे है।
वहीं सर्वाधिक उपज लेने के लिए प्रसिद्ध पत्थलगांव सब्जी मंडी में स्थानीय किसानों के खेतों के बजाय बैंगलुरू और नागपुर से टमाटर मंगाया जा रहा है। ग्राहकों का भी कहना है कि छत्तीसगढ़ की रेल सेवाओं में कमी की वजह से उन्हें साग सब्जियों में भारी मंहगाई की मार झेलनी पड़ रही है।पत्थलगांव, लुड़ेग, बगीचा सब्जी मंडी से पहले हर दिन टमाटर दूसरे राज्यों में भेजा जाता था, लेकिन अब बाहर से टमाटर मंगाना पड़ रहा है। इसकी वजह से भी टमाटर महंगे दामों में बेचा जा रहा है। जिसका सीधा असर जनता की जेब पर पड़ा रहा है।

गाय का दूध सबसे पॉपुलर ऑप्शन हैं: न्यूट्रिशनिस्ट

गाय का दूध सबसे पॉपुलर ऑप्शन हैं: न्यूट्रिशनिस्ट 

अकांशु उपाध्याय      
नई दिल्ली। किसी व्यक्ति के दूध ना पीने की कई वजह हो सकती हैं। कुछ लोग हेल्थ से जुड़ी समस्याओं की वजह से दूध नहीं पीते हैं और कुछ लोग एक खास डाइट को फॉलो करने के लिए भी ऐसा करते हैं। खैर, उनकी वजह जो भी हो, इससे पहले कि आप भी दूध छोड़ने का मन बनाएं और अपने मेन्यू में कोई और ऑप्शन शामिल करें, आपके लिए कुछ बातों का ध्यान रखना ज़रूरी है। न्यूट्रिशनिस्ट भक्ति कपूर ने हाल ही में अपने इंस्टाग्राम पोस्ट के ज़रिए ये समझाने की कोशिश की है कि नॉन डेयरी मिल्क ऑप्शंस आज पॉपुलैरिटी में आसमान छू रहे हैं, लेकिन ये जानने की भी ज़रूरत है कि ये गाय के दूध के मुकाबले कैसे ढेर हो जाते हैं ?
न्यूट्रिशनिस्ट ने अपनी इंस्टाग्राम पोस्ट के कैप्शन में लिखा, “गाय का दूध सबसे पॉपुलर ऑप्शन है, खासकर बच्चों के लिए। ये फैट, प्रोटीन समेत ज़रूरी विटामिन और मिनरल्स से नेचुरली मिलने वाली कैलोरी का एक बेहतर बैलेंस प्रदान करता है, जैसे विटामिन डी और कैल्शियम, क्योंकि ज़रूरी न्यूट्रिएंट्स प्रदान करना बच्चों की ग्रोथ और विकास के लिए ज़रूरी है।
उन्होंने बताया है कि दूध के विकल्प की तलाश करते समय इन चीजों पर ज़रूर विचार करें।
ऐसे न्यूट्रिशनल प्रोफ़ाइल की तलाश करें, जो असली दूध के समान हो।
बिना स्वाद के और बिना मीठे वाले विकल्प चुनें और छिपी हुई शुगर से सावधान रहें।
जब भी संभव हो, एडिटिव्स (कुछ मिला हुआ) से बचें।
ऐसे किसी भी प्रोडक्ट से बचें जो एलर्जी को ट्रिगर कर सकता है।
न्यूट्रिशनिस्ट का कहना है, “सुबह आपकी कॉफी में दूध लेने की अगर बात आती है, तो आप इसे बादाम के दूध से बदल सकते हैं। बादाम का दूध यहां अच्छा काम करता है। वहीं, जब बेकिंग की बात आती है, तो सोया दूध या जई का दूध  गाय के दूध का बेहतरीन विकल्प हो सकता है। ज्यादातर रेसिपी में आप दूध के किसी भी ऑप्शन को 1:1 के अनुपात (Ratio) में बदल सकते है।
यदि आपको दूध से एलर्जी है।
 ये आपका एक निजी या नैतिक निर्णय है।
इसकी कोई मेडिकल वजह है।
आपको दूध पीना अच्छा नहीं लगता है और जानते हैं कि इससे किन न्यूट्रिएंट्स को बदलना है।
यदि आपका डाइट कल्चर आपको ऐसा करने को कहता है।
कोई डॉक्युमेंट्री आपको ऐसा करने से डराती है।
आपको असली दूध का स्वाद पसंद है, लेकिन आप खुद को बदलने के लिए मजबूर कर रहे हैं।
आपको लगता है कि हर विकल्प पौष्टिक रूप से वास्तविक दूध के बराबर है।

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