बुधवार, 16 मार्च 2022

शिक्षा प्राप्त करने के अधिकार को झटका करार

शिक्षा प्राप्त करने के अधिकार को झटका करार    

इकबाल अंसारी            

बेंगलुरु। मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) ने हिजाब पर कर्नाटक उच्च न्यायालय के फैसले को बिना किसी भेदभाव के शिक्षा प्राप्त करने के सार्वभौमिक अधिकार के लिए एक ‘‘झटका’’ करार देते हुए कहा कि यह फैसला मुस्लिम युवतियों को कर्नाटक में शैक्षणिक संस्थानों से बाहर कर देगा।  भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) ने बुधवार को एक बयान में कहा कि फैसले के कई पहलू संदिग्ध हैं, जो बिना किसी भेदभाव के शिक्षा प्राप्त करने के सार्वभौमिक अधिकार को एक ‘‘झटका’’ है और इस अधिकार की गारंटी कानून तथा भारत के संविधान द्वारा दी गई है। 

पार्टी ने कहा कि, कक्षाओं में हिजाब पहनने पर वस्तुतः प्रतिबंध लगाने वाले कर्नाटक सरकार के इस दोषपूर्ण आदेश को बरकरार रखने का परिणाम कर्नाटक में शैक्षणिक संस्थानों से मुस्लिम युवतियों का बाहर होना होगा।’’ माकपा ने कहा कि उच्चतम न्यायालय को बिना देरी किए याचिकाओं पर सुनवाई करनी चाहिए और उम्मीद है कि शीर्ष अदालत ‘‘संवैधानिक गारंटी को बनाए रखेगी और न्याय करेगी। गौरतलब है कि उच्चतम न्यायालय कक्षाओं में हिजाब पहनने की अनुमति देने से इनकार करने के कर्नाटक उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर होली के अवकाश के बाद सुनवाई करने के लिए बुधवार को राजी हो गया।

लाभार्थियों को राशन कार्ड रखने की जरूरत नहीं

लाभार्थियों को राशन कार्ड रखने की जरूरत नहीं     

अकांशु उपाध्याय       
नई दिल्ली। उपभोक्ता, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्री पीयूष गोयल ने बुधवार को लोकसभा में स्पष्ट किया कि एक राष्ट्र, एक राशन कार्ड योजना का लाभ उठाने के लिये लाभार्थियों को वास्तविक रूप में अपने साथ राशन कार्ड रखने की जरूरत नहीं है और उन्हें देश में कहीं भी अपनी पसंद की उचित दर की दुकान पर अपने राशन कार्ड का नंबर अथवा आधार संख्या दर्ज कराना होता है। लोकसभा में मलूक नागर, हेमा मालिनी, महुआ मोइत्रा और फारूक अब्दुल्ला के पूरक प्रश्न के उत्तर में केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने यह बात कही।
गोयल ने बताया कि प्रौद्योगिकी का उपयोग करके व्यवस्था में सुधार किया जा रहा है और इसी के तहत एक राष्ट्र, एक राशन कार्ड योजना शुरू की गई है। उन्होंने कहा कि, वर्तमान में एक राष्ट्र, एक राशन कार्ड योजना देश के लगभग 77 करोड़ लाभार्थियों (लगभग 96.8 प्रतिशत) को कवर करते हुए देश के 35 राज्य/केंद्र शासित प्रदेशों में लागू की गई है।  केंद्रीय मंत्री ने कहा कि देश में कहीं भी अपनी पसंद की उचित दर की दुकान पर अपने राशन कार्ड का नंबर अथवा आधार संख्या दर्ज करायें और अपना राशन उठायें।
उन्होंने कहा कि अगर कोई पूरा राशन एक साथ नहीं उठाना चाहता है तब वह बारी बारी से राशन उठा सकता है। उन्होंने कहा कि इस व्यवस्था से प्रौद्योगिकी के जुड़ने के बाद कोई नये कार्ड की जरूरत नहीं है । उपभोक्ता, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्री ने कहा कि एक राष्ट्र, एक राशन कार्ड योजना के तहत राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के लाभार्थियों को नया राशन कार्ड जारी करने के संबंध में राज्य या संघ राज्य प्रशासनों को कोई निर्देश नहीं दिये गए हैं ।
उन्होंने कहा कि फिर भी लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत सुधारों के रूप में अगर समग्र भारत में एकरूपता लाने के उद्देश्य से राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के लाभार्थियों को जब भी नया राशन कार्ड जारी करने के संबंध में राज्य/संघ राज्य क्षेत्र कोई निर्णय करते हैं तब उन्हें राशन कार्डो का मानक प्रारूप अपनाने का सुझाव दिया गया है।
मंत्री ने कहा कि राशन कार्ड योजना की राष्ट्रव्यापी सुगम उपयोगिता के लिये तकनीक आधारित ‘‘एक राष्ट्र, एक राशन कार्ड योजना’’ देश के सभी राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के लाभार्थियों को सशक्त बनाती है ताकि वे देश में किसी भी स्थान पर पसंद की किसी उचित दर की दुकान पर अपनी पात्रता के अनुसार खाद्यान्न उठा सकें । गोयल ने कहा कि, ‘एक राष्ट्र, एक राशन कार्ड योजना का लाभ उठाने के लिये लाभार्थियों को वास्तविक रूप में अपने साथ राशन कार्ड रखने की जरूरत नहीं है और उन्हें देश में कहीं भी अपनी पसंद की उचित दर की दुकान पर अपने राशन कार्ड का नंबर अथवा आधार संख्या दर्ज कराना होता है।
प्रश्नकाल के दौरान भाजपा की हेमा मालिनी ने सवाल किया कि उचित मूल्य की दूकान पर अनियमितता की शिकायतों को देखते हुए क्या सरकार खाद्यान्न योजना को लेकर प्रत्यक्ष नकद अंतरण (डीबीटी) लागू करने पर विचार कर रही है। इस पर पीयूष गोयल ने कहा कि इस बारे में कई बार विचार हुआ और इसके दो पहलू भी हैं । इसमें एक विचार यह है कि सीधा लाभार्थियों के खाते में पैसा जाए और इससे सरकार का अनाज पहुंचाने का खर्च भी बचेगा । दूसरा विचार यह आया कि अगर पैसा गृहणी तक नहीं पहुंचा और किसी अन्य ने खर्च कर दिया तब इसका मकसद पूरा नहीं होगा।
 गोयल ने कहा कि, ऐसे में यह तय हुआ है कि इस योजना को वर्तमान रूप में ही चलाया जाए । ’’ उन्होंने कहा कि हमने इसके जमीनी स्तर पर ऑडिट की व्यवस्था की है। पश्चिम बंगाल में योजना को लेकर मंत्री ने कहा कि राज्य लम्बे समय तक इस योजना में शामिल नहीं हुआ था और बाद में इससे जुड़ा हुआ।

वनरक्षक और वनपाल के 2,399 पदों पर भर्तियां

वनरक्षक और वनपाल के 2,399 पदों पर भर्तियां 

अकांशु उपाध्याय       

नई दिल्ली। आप भी अगर सरकारी नौकरी की तलाश में हैं और तो यह खबर आपके लिए खबर आपके लिए बहुत खास हो सकती है। दरअसल राजस्थान सरकार के वन विभाग में वनरक्षक और वनपाल के 2,399 पदों पर भर्तियां निकाली गई हैं। इन पदों के लिए उम्मीदवारों का चयन राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड (आरएसएमएसएसबी), जयपुर द्वारा किया जायेगा। बता दें बोर्ड द्वारा जारी किए गए नोटिस के आधार पर पता चलता है कि आवेदन करने के लिए उम्मीदवारों को एक मौका और दिया जा रहा है।इस भर्ती के पदों के लिए इच्छुक उम्मीदवार 14 मार्च से लेकर के 29 मार्च आवेदन कर सकते हैं। इच्छुक उम्मीदवार इस भर्ती के लिए आवेदन आरएसएमएसएसबी की आधिकारिक वेबसाइट rsmssb.rajasthan.gov.in पर उपलब्ध ऑनलाइन एप्लीकेशन फॉर्म के आधार पर कर सकते है। आवेदन करने के लिए इच्छुक उम्मीदवारों को निर्धारित आवेदन शुल्क 450 किसी भी ऑनलाइन माध्यम से प्रदान करना होगा। बता दें इस भर्ती के तहत, वन रक्षक के पदों के लिए आवेदन करने के इच्छुक उम्मीदवारों को किसी मान्यता प्राप्त बोर्ड से मैट्रिक (10वीं) परीक्षा पास होना जरूरी है।वहीं, वनपाल पदों के लिए उम्मीदवारों को सीनियर सेकेंडरी (12वीं) या समकक्ष परीक्षा पास होना चाहिए। वन रक्षक पद पर आवेदन करने के लिए उम्मीदवार की उम्र 18 से लेकर 24 वर्ष, वनपाल के लिए उम्र 18 से लेकर 40 वर्ष निर्धारित की गई है। वहीं राज्य के आरक्षित वर्गों के इच्छुक उम्मीदवारों को अधिकतम आयु सीमा में विशेष छूट प्रदान की जाएगी। इच्छुक उम्मीदवार अन्य किसी भी जानकारी के लिए आधिकारिक साइट की मदद ले सकते हैं।

एग्जामिनेशन बोर्ड ने 12वीं के नतीजे घोषित कियें

एग्जामिनेशन बोर्ड ने 12वीं के नतीजे घोषित कियें 

अविनाश श्रीवास्तव      
पटना। बिहार स्कूल एग्जामिनेशन बोर्ड ने बुधवार को बिहार बोर्ड, 12वीं के नतीजे घोषित कर दिए हैं। बता दें बोर्ड ने इंटर के नतीजों को अपनी आधिकारिक वेबसाइट पर जारी किया है।जिन स्टूडेंट्स ने परीक्षा दी थी, वो अपने नतीजे वेबसाइट biharboardonline.bihar.gov.in पर देख कर सकते हैं। 
बिहार बोर्ड के नतीजों का ऐलान राज्य के शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी द्वारा किया गया।बता दें बिहार बोर्ड के 12वीं के नतीजों में कुल 80.15 फीसदी स्टूडेंट्स पास हुए हैं वहीं 82.39 फीसदी छात्राएं पास हुई हैं, जबकि 78.04 फीसदी छात्र पास हुए हैं। इसके अलाव कॉमर्स  में  90.38 फीसदी स्टूडेंट्स पास हुए हैं। साइंस में 79.85 प्रतिशत छात्र-छात्राएं पास हुए हैं। आर्ट्स में 79. 53  प्रतिशत बच्चे पास हुए हैं।

पेट्रोल-डीजल की कीमतों में कोई बदलाव नहीं किया

पेट्रोल-डीजल की कीमतों में कोई बदलाव नहीं किया  

अकांशु उपाध्याय       
नई दिल्ली। देश की प्रमुख तेल कंपनियों ने बुधवार, 16 मार्च के लिए पेट्रोल और डीजल की नई कीमतें जारी कर दी है। देशभर में बुधवार को पेट्रोल-डीजल की कीमतों में कोई बदलाव नहीं किया गया है। बता दें कि देश के अन्य महानगरों के मुकाबले राजधानी दिल्ली में तेल की कीमतें कम हैं। दिल्ली में पेट्रोल और डीजल की कीमतों में बदलाव हुए 4 महीने से भी काफी ज्यादा हो चुके हैं। उधर, दूसरी ओर अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में भारी गिरावट दर्ज की जा रही है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतें घटकर 100 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंच चुकी हैं।
कच्चे तेल की कीमतों में हो रही तेजी से गिरावट
oilprice.com से मिली। जानकारी के मुताबिक बुधवार, 16 मार्च को की कीमतें 96.85 डॉलर और  की कीमतें 100.5 डॉलर पर पहुंची हुई हैं। बता दें कि अभी कुछ दिनों पहले ही कच्चे तेल की कीमतें 140 डॉलर प्रति बैरल के करीब पहुंच गई थीं। हालांकि, अब कच्चे तेल की कीमतों में तेजी से गिरावट देखने को मिल रही है।
कच्चे तेल से सिर्फ पेट्रोल और डीजल ही नहीं बल्कि 2 हजार से भी ज्यादा चीजें बनाई जाती हैं। जी हां, दो हजार से भी ज्यादा चीजों को बनाने के लिए कच्चे माल के रूप में कच्चे तेल का ही इस्तेमाल होता है।‌ऐसे में कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट होना दुनिया के प्रत्येक आम इंसान के लिए राहत की खबर है।
अगर आप अपने शहर में पेट्रोल और डीजल की ताजा कीमतें देखना चाहते हैं तो इस लिंक पर क्लिक कर सकते हैं।

टीएमसी पार्टी ने बिहार के लोगों को ‘बीमारी’ बताया

टीएमसी पार्टी ने बिहार के लोगों को ‘बीमारी’ बताया    

मिनाक्षी लोढी      
कोलकाता। पश्चिम बंगाल में सीएम ममता बनर्जी की पार्टी के एक नेता का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। जिसमें उन्होंने बिहार के लोगों को ‘बीमारी’ बताया है और कहा है कि बंगाल को ‘बीमारी मुक्त’ होना चाहिए। वीडियो टीएमसी विधायक, मनोरंजन व्यापारी का है, जो एक जनसभा में बिहार विरोधी बयान देते दिखाई दे रहे हैं। उनके बयान से विवाद खड़ा हो गया है। वहीं, पश्‍च‍िम बंगाल विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष शुवेंदु अधिकारी ने टीएमसी पर जोरदार हमला बोला है।
सुवेंदु अध‍िकारी ने मनोरंजन व्‍यापारी के बयान का वीडियो टि्वटर पर शेयर किया है। वायरल वीड‍ियो में टीएमसी विधायक ने कहा क‍ि, अगर आपकी रगों में बंगाली खून दौड़ता है।
अगर खुदीराम और नेताजी (सुभाष चंद्र बोस) का खून आपकी नसों में बहता है और अगर आप अपनी मातृभूमि और मातृभाषा से प्रेम करते हैं, तो आपको जोर चिल्लाना होगा, ‘एक बिहारी, सौ बीमारी’। हम रोग नहीं चाहते हैं। बंगाल को रोग मुक्त बनाएं, जय बंग्ला, जय दीदी ममता बनर्जी। शुवेंदु अधिकारी ने इस वीडियो को ट्विटर पर शेयर करते हुए ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस पर निशाना साधा है। अधिकारी ने लिखा, ‘पहले उनकी नेता ममता बनर्जी बिहारियों और यूपी के लोगों (उत्तर प्रदेश के लोगों) पर ‘बोहिरागोटोस’ (बाहरी) का लेबल लगाती हैं और अब उनके विधायक बंगाल को बिहारियों से मुक्त करने का आह्वान करते हैं।’ बीजेपी विधायक ने कहा कि, बिहारी बाबू शत्रुघ्न सिन्हा से मेरा विनम्र प्रश्न? वे अपने नए राजनैतिक सहकर्मी के इन वाहियात बयानों पर क्या सफाई देंगे जब वह आसनसोल में चुनावी प्रचार के लिए जायेंगे? आपकी पार्टी के नए सहयोगी बिहारियों के प्रति अपनी भावनाओं के बारे में बहुत पारदर्शी हैं।

पीएलए ने एलएसी पर स्प्रिंग एरिया को खाली किया

पीएलए ने एलएसी पर स्प्रिंग एरिया को खाली किया   

अखिलेश पांडेय      
बीजिंग। चीन ने पहली बार दावा किया है कि पीएलए ने एलएसी पर हॉट स्प्रिंग एरिया को खाली कर दिया है। हालांकि इस मामले के जानकार लोगों का कहना है कि चीन झूठ बोल रहा है और पूर्वी लद्दाख के सभी इलाके अभी खाली नहीं किए गए हैं। चीन के विदेश मंत्री ने हिंदुस्तान टाइम्स से कहा कि भारत के साथ मिलकर काम किया जा रहा है और पूर्वी लद्दाख को लेकर जल्द समाधान निकाला जाएगा।
चीन ने दावा किया कि गलवान घाटी, पैंगोंग लेक और हॉट स्प्रिंग में डिसइंगेजमेंट हो गया है। बता दें कि दो साल से भारत और चीन ने कई बार वार्ता की है लेकिन अब तक कोई हल नहीं निकल पाया है। भारत को केवल पैंगोंग के दक्षिणी किनारे और गोगरा इलाके में डिसइंगेजमेंट की जानकारी है।
इससे पहले भारत और चीन के बीच 11 मार्च को 15वें चरम की कमांडर स्तर की वार्ता हुई थी। इस वार्ता के बाद जारी बयान में कहा गया था, ‘दोनों देश इस समाधान पर पहुंचे हैं कि गलवान घाटी, पैंगोंग लेक और हॉट स्प्रिंग को खाली किया जाएगा। ग्राउंड पर स्थिति शांत और नियंत्रण में हैं।’ यह बयान चीन की तरफ से जारी किया गया था। विदेश मंत्रालय की तरफ से कहा गया था कि दोनों देश स्वीकार्य समाधान पर पहुंचे हैं और आगे बातचीत जारी रखी जाएगी।
चीन के बयान में इस बात का जिक्र नहीं किया गया कि किस इलाके में अभी डिसइंगेजमेंट नहीं हुआ है और इतना समय क्यों लग रहा है। आखिरी बार 4 और 5 अगस्त को डिसइंगेजमेंट गोगरा पट्रोलिंग पॉइंट 17A पर हुआ था। 12वें चरण की बातचीत के बाद ये इलाका खाली किया गया था। गोगरा में दोनों तरफ की सेनाएं पीछे हट गई थीं।

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