बुधवार, 9 मार्च 2022

एक्ट्रेस उर्फी ने अपना सेंसेशनल वीडियो शेयर किया

एक्ट्रेस उर्फी ने अपना सेंसेशनल वीडियो शेयर किया    

कविता गर्ग       
मुंंबई। बॉलीवुड बेबाक अंदाज और बोल्ड लुक्स से कहर बरपाने वाली उर्फी जावेद एक बार फिर अपने किलर एटीट्यूड से जलवे बिखेर रही हैं। फैंस उर्फी के नए लुक का इंतजार ही कर रहे थे और एक्ट्रेस ने अपना सेंसेशनल वीडियो शेयर करके उन्हें खुश कर दिया है। खास बात यह है कि नए वीडियो में उर्फी के लुक्स के साथ उनके सॉन्ग सेलेक्शन की भी खूब चर्चा हो रही है।उर्फी ने अपनी अदाओं से बिखेरा जलवा
फैशन डीवा उर्फी जावेद अपने नए वीडियो में बिना कुछ कहे और बिना कुछ डांस स्टेप्स किए ही अपनी अदाओं से जलवे बिखेर रही हैं। उर्फी ने अपना नया वीडियो ;अवारा हूं। ' गाने पर बनाया है। इस गाने पर उर्फी इस तरह से एक्सप्रेशंस दे रही हैं, जैसे वो किसी से कुछ कहना चाहती हैं और साथ ही नाराजगी भी जाहिर कर रही हैं। अब उर्फी इस वीडियो के जरिए किसे क्या मैसेज देना चाहती हैं ये तो वही बेहतर बता सकती हैं। लेकिन एक्ट्रेस का अंदाज देखकर हम तो यही कहेंगे कि उर्फी आप सच में छा गईं।
उर्फी ने इस बार अपने लुक के साथ ज्यादा एक्सपेरिमेंट तो नहीं किया है, लेकिन फिर भी उन्होंने अपनी बोल्डनेस का जलवा बखूबी बिखेरा है।  वीडियो में उर्फी ब्रा स्टाइल ब्लैक कलर की रिवीलिंग क्रॉप टॉप में नजर आ रही हैं, जिसे उन्होंने ब्लैक शॉर्ट्स के साथ टीम अप किया है। एक्ट्रेस ने ब्लैक रिवीलिंग आउटफिट के साथ न्यूड मेकअप किया है। हाफ टाई ओपन हेयर लुक में उर्फी की खूबसूरती की जितनी तारीफ करें वो कम ही लगेगी।
फैंस उर्फी के इस वीडियो पर उनके लुक्स के साथ उनके सॉन्ग सेलेक्शन की भी खूब तारीफें कर रहे हैं। एक यूजर ने लिखा- क्या सॉन्ग सेलेक्शन है यार। वहीं, उर्फी के लुक्स की भी फैंस तारीफें कर रहे हैं। एक यूजर ने लिखा- गॉर्जियस, एक दूसरे यूजर ने लिखा-उफ्फ बेबी, वहीं एक अन्य यूजर ने लिखा- हाय...। ब्लैक में तो और भी जहर लग रही हो।
वीडियो देखकर हम तो बस यही कहेंगे कि उर्फी जावेद आप जो भी करती है हमेशा छा जाती है।

ब्रिटेन की एक जेल में दिखा 'अदृश्य' शरीर का चेहरा

ब्रिटेन की एक जेल में दिखा 'अदृश्य' शरीर का चेहरा    

अखिलेश पांडेय      

रॉथरहैम। ब्रिटेन के रॉथरहैम स्थित एक जेल में भूतों को पकड़ने वाले और पति-पत्नी लिंजी और ली स्टीयर घूमने गए। दोनों प्रोजेक्ट रिवील घोस्ट ऑफ ब्रिटेन नाम की संस्था चलाती है। जो भूतों को लेकर जागरुकता फैलाते हैं। उन्होंने जेल के अंदर एक तस्वीर ली, जिसमें फोटो लेते समय कुछ नहीं दिख रहा था। लेकिन बाद में फोटो में एक चेहरा दिखाई दे रहा था।

ब्रिटिश अखबार द मिरर में छपी खबर के मुताबिक लिंजी और ली स्टीयर ने बताया कि दशकों से वो लोग भूतों के पीछे भाग रहे हैं, लेकिन आजतक ऐसी तस्वीर नहीं मिली। दोनों के पास 20 साल का एक्सपीरियंस है घोस्ट हंटिंग का। ये दोनों परालौकिक गतिविधियों को देखने, उनका अनुभव करने और उनकी रिकॉर्डिंग करने उन स्थानों पर जाते हैं, जहां आमतौर पर इंसान डर के मारे नहीं जाते।
प्रोजेक्ट रिवील घोस्ट ऑफ ब्रिटेन अपने हर भूतिया मिशन की डिटेल अपनी संस्था के फेसबुक पेज पर डालते हैं। कई बार लाइव शेयर करते हैं। लिंजी ने कहा कि मैं तो नई तस्वीर देखकर हैरान रह गई। यह बेहद स्पष्ट और अलग है। हमलोग प्राचीन स्कॉटिश इन्वेरेरी जेल घोस्ट हंटिंग के लिए गए थे। वहीं पर यह तस्वीर कैमरे में कैद हुई।
लिंजी ने बताया कि हमलोग अक्सर भूतों को देखने जाते हैं। कई बार आमना-सामना होता है, कई बार कुछ पता ही नहीं चलता। इन्वेरेरी जेल से लौटने के बाद जब हमने वहां की तस्वीरें देखनी शुरू की तो हैरान रह गए। जेल और कोर्टरूम की तस्वीरों में हमें कुछ विचित्र आकृतियां देखने को मिलीं। यहां पर एक मोम की मूर्ति के पीछे एक आकृति दिखाई दे रही है।
लिंजी ने बताया कि ली स्टीयर उस समय कैमरे और यंत्र तैनात कर रहे थे। लिंजी वीडियो बना रही थीं। और फोटो ले रही थीं। लेकिन लिंजी जब फोटो या वीडियो बना रही थीं, तब एक भी आकृति उन्हें नहीं दिख रही थी। लेकिन जब बाद में उन्होंने फोटो को अपनी संस्था के फेसबुक प्रोफाइल पर डाला और उसे चेक किया तो उसमें चेहरे जैसी आकृतियां दिख रही हैं। लिंजी और ली स्टीयर ने तस्वीर देखने के बाद दोबारा उस जगह पर जाकर जांच की, लेकिन कहीं कुछ नहीं मिला। न ही उस जगह कोई डमी रखी थी। न ही कोई पुरानी मूर्ति। लिंजी ने बताया कि वह इंसान तो कतई नहीं था। लेकिन उसका रंग देखकर आप अंदाजा लगा सकते हैं कि वह क्या था। वह काफी ज्यादा मात्रा में पारदर्शी था।
भूतों और आत्माओं पर अध्ययन करने के लिए 1882 में सोसाइटी फॉर फिजिकल रिसर्च बनाई गई थी। इस सोसाइटी की प्रेसीडेंट और इन्वेस्टिगेटर इलेनॉर सिडविक नाम की महिला थीं। इन्हें असली फीमेल घोस्टबस्टर कहा जाता था। अमेरिका में 1800 के अंत में भूतों पर काफी रिसर्च आर काम किया गया। लेकिन बाद में पता चला कि इसका मुख्य जांचकर्ता हैरी होडिनी एक फ्रॉड है। वैज्ञानिक तौर पर भूतों पर रिसर्च इसलिए मुश्किल हो जाता है क्योंकि हैरतअंगेज तरीके से इन्हें लेकर अजीब-गरीब और अप्रत्याशित घटनाएं होती हैं। जैसे- दरवाजों का खुद खुलना या बंद होना, चाभी का गायब हो जाना, किसी मृत रिश्तेदार का दिखना। सड़क पर परछाइयों का घूमना। आदि। सोशियोलॉजिस्ट डेनिस एंड मिशेल वासकुल ने साल 2016 में एक किताब लिखी. किताब का नाम था। इसमें कई लोगों के द्वारा भूतों के अनुभव पर कहानियां थीं।
इस किताब में यह बात सामने आई कि बहुत से लोग इस बात को लेकर पुख्ता नहीं थे कि उन्होंने सच में भूत ही देखा है। यह पैरानॉर्मल यानी परालौकिक प्रक्रिया हुई भी है या नहीं। क्योंकि जिस तरह की चीजें उन्होंने देखी वो परंपरागत भूत की इमेज से मिलती नहीं है। ज्यादातर लोगों ने कहा कि उन्होंने ऐसी चीजें और घटनाएं महसूस की हैं, जिन्हें परिभाषित करना मुश्किल हैं। ये रहस्यमयी हैं। डरावनी या शॉक देने वाली हैं। लेकिन इनमें भूतों की इमेज नहीं दिखी।
लोग अपने हिसाब से भूतों को नाम देते हैं, जैसे- पोल्टरजिस्ट्स  डरने वाला भूत, रेसीड्यूल हॉटिंग्स अवशिष्ट भूतिया, इंटेलिजेंट स्पिरिट्स बुद्धिमान आत्माएं और शैडो पीपुल यानी परछाइयों की तरह दिखने वाले लोग। इन नामों से ऐसा लगता है कि इंसानों ने भूतों की कई प्रजातियां बना दी हैं। जिनकी कोई तय संख्या नहीं है। ये अलग-अलग इंसान के हिसाब से बनती-बिगड़ती रहती हैं।
विज्ञान की भाषा में जब भूतों के बारे में सोचा जाता है तो सबसे पहले ये बात सामने आती है कि क्या ये वस्तु हैं या नहीं। यानी क्या ये ठोस पदार्थ के बीच में से निकल सकते हैं, बिना उन्हें बिगाड़े। या वो दरवाजों को खुद खोल या बंद कर सकते हैं। या एक कमरे से कोई चीज दूसरी जगह पर फेंक सकते हैं। इन चीजों को लेकर कई विवाद हैं। अगर तार्किक तौर पर फिजिक्स के फॉर्मूले से देखें तो सवाल उठता है कि अगर भूत इंसानी आत्माएं हैं तो वो कपड़ों में क्यों दिखती हैं। उनके हाथों में डंडे, टोपी और कपड़े क्यों रहते हैं।
जिन लोगों की हत्या हो जाती है, कई बार उनकी आत्माएं बदला लेने के लिए किसी को माध्यम बनाकर मामले की जांच करवाती हैं। हत्यारे की पहचान करवाती हैं। लेकिन ये सच है या नहीं। इसपर सवाल बने हुए हैं। क्योंकि भूतों को लेकर कोई तार्किक वजह नहीं है. भूतों को पकड़ने या मारने वाले यानी घोस्ट हंटर्स अलग-अलग तरीके अपनाते हैं। ताकि भूतों, आत्माओं की मौजूदगी का पता कर सके। ज्यादातर तरीके वैज्ञानिक होते हैं। भूतों को देखने और उनकी मौजूदगी जांचने के लिए अत्याधुनिक मशीनों का सहारा लिया जाता है।
इन मशीनों में सबसे ज्यादा प्रचलित हैं गीगर काउंटर्स, इलेक्ट्रोमैग्नेटिक फील्ड डिटेक्टर्स, आयन डिटेक्टर्स, इंफ्रारेड कैमरा और सेंसिटिव माइक्रोफोन्स। लेकिन आजतक इनमें से किसी भी यंत्र में भूतों को सही से पकड़ा या देखा नहीं है।  सदियों से ऐसा माना जा रहा है कि आग की लपट भूतों की मौजूदगी में नीली हो जाती है। लेकिन सच तो ये नहीं है। घर की एलपीजी गैस में ज्यादातर नीली रोशनी निकलती है तो क्या सिलेंडर से भूत निकलते हैं या आपके किचन में भूत रहते हैं।
वर्तमान में वैज्ञानिकों का मानना है कि फिलहाल ऐसी कोई तकनीक है ही नहीं जिससे भूतों की मौजूदगी या उनके आकार, व्यवहार का पता किया जा सके। लेकिन सवाल ये भी उठता है कि अक्सर लोगों के फोटोग्राफ्स या वीडियो में पीछे से भागते, मुस्कुराते, झांकते, डरते भूत दिख जाते हैं। इनकी रिकॉर्डिंग्स हैं लोगों के पास और वैज्ञानिकों के पास भी। इनकी आवाजों की रिकॉर्डिंग्स भी लोगों के पास हैं। अगर भूत होते हैं तो वैज्ञानिकों को इनकी जांच करने के लिए पुख्ता सबूत की जरूरत है, जो फिलहाल नहीं है।

दिल्ली सरकार ने मंत्रालय में बड़ा फेरबदल किया

दिल्ली सरकार ने मंत्रालय में बड़ा फेरबदल किया     

अकांशु उपाध्याय      

नई दिल्ली। दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार ने मंत्रालय में बड़ा फेरबदल किया है। परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत को महिला एवं बाल विकास विभाग की भी ज़िम्मेदारी दी गई है। इससे पहले पहले मंत्री राजेंद्र पाल गौतम  महिला एवं बाल विकास मंत्रालय संभाल रहे थे। आपको बता दें कि इससे पहले 23 फ़रवरी को पीडब्ल्यूडी विभाग सत्येंद्र जैन से लेकर मनीष सिसोदिया को सौंप दिया गया था। वहीं, दिल्ली होई कोर्ट ने सोमवार को शहर के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत की भारतीय जनता पार्टी के नेता विजेंदर गुप्ता को मुकदमे की सुनवाई के दौरान कोई भी आपत्तिजनक ट्वीट करने से रोकने के लिए दाखिल अंतरिम आवेदन को खारिज कर दिया। गुप्ता ने दिल्ली परिवहन निगम द्वारा 1,000 लो फ्लोर बसों की खरीद में कथित अनियमितताओं के बयान दिए थे। न्यायमूर्ति आशा मेनन ने अंतरिम आदेश पारित किया और मुकदमे पर सुनवाई के लिए 12 जुलाई की तारीख तय की।

अदालत ने कहा कि सरकारी लेन-देन व कार्यों को लेकर किसी भी व्यक्ति को अपने विचार प्रस्तुत करने से नहीं रोका जाना चाहिए, जब तक कि ये राष्ट्रीय हितों पर प्रतिकूल प्रभाव डालने वाले नहीं हों। न्यायमूर्ति आशा मेनन ने कहा कि इसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता कि गहलोत और गुप्ता दोनों ही लोकप्रिय हस्ती हैं और दोनों ही विधानसभा के सदस्य हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे में गुप्ता को रोके जाने का आदेश देना, उन्हें जनहित के मुद्दों को उठाने से रोकने के समान माना जाएगा। गहलोत ने अपनी लंबित दीवानी मानहानि के मुकदमे में अंतरिम आवेदन दाखिल किया था। उन्होंने मानहानि के मुकदमे में लो फ्लोर बसों की खरीद में अनियमितताओं से संबंधित कथित तौर पर सनसनीखेज बयान देने के लिए गुप्ता से पांच करोड़ रुपये का हर्जाना मांगा है। मंत्री ने अपने खिलाफ सोशल मीडिया पर गुप्ता द्वारा दिए कथित मानहानिजनक बयान और साझा की गयी पोस्ट हटाने पर अंतरिम आदेश देने का अनुरोध किया था। खंडपीठ ने 28 अगस्त 2021 को एकल न्यायाधीश के उस आदेश में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया था जिसमें गहलोत के खिलाफ सोशल मीडिया पर गुप्ता के कथित मानहानिजनक बयानों और पोस्ट्स को हटाने पर अंतरिम आदेश देने से इनकार कर दिया गया था। 

स्कूली छात्र की चाकू मारकर हत्या, जांच शुरू की

स्कूली छात्र की चाकू मारकर हत्या, जांच शुरू की    

संदीप मिश्र     

प्रतापगढ़। उत्तर प्रदेश में प्रतापगढ़ जिले के कंधई क्षेत्र में बुधवार सुबह एक स्कूली छात्र की चाकू मार कर हत्या कर दी गयी। पुलिस सूत्रों ने बताया कि इंटरमीडिएट के छात्र सागर सिंह की कंधई के कालूराम इंटर कालेज के पास चाकू मार कर हत्या कर दी गयी है। 

मृतक करमाही गांव का निवासी था और आज सवेरे कोचिंग के लिये घर से निकला था। पुलिस के अनुसार मृतक के परिजनों ने अभी तक कोई तहरीर नही दी है। शव को पोस्टमार्टम के लिये भेजा गया है और मामले की जांच की जा रही है।

किसानों का हित, आंदोलन से सुरक्षित: टिकैत

 किसानों का हित, आंदोलन से सुरक्षित: टिकैत

संदीप मिश्र      

बुलंदशहर। भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा है कि किसानों का हित, आंदोलन से भी सुरक्षित है। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के परिणाम घोषित होने के बाद किसान आंदोलनों की आगे की रणनीति निर्धारित की जाएगी। भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के भाकियू अध्यक्ष मांगेराम त्यागी के आवास पर पहुंचने के बाद उनके बीमार भाई मुकेश त्यागी का हालचाल जाना। इस मौके पर आयोजित की गई पत्रकार वार्ता में मीडिया कर्मियों से बातचीत करते हुए राकेश टिकैत ने कहा है कि अगर सरकार एमएसपी के आधार पर किसानों के गेहूं की खरीद नहीं करती है तो जिलाधिकारी कार्यालय पर गेहूं की तौल की जाएगी। उन्होंने कार्यकर्ताओं से कहा है कि विधानसभा चुनाव के परिणाम के दिन वह अपने घरों पर रहे और किसी भी तरह के विवाद में ना पड़े। 

प्रदेशों के भीतर किसी भी पार्टी की भले ही सरकार पर बने, लेकिन उसे किसानों को बिजली, स्वास्थ्य सेवाएं एवं उनके बच्चों को निशुल्क शिक्षा मुहैया कराने के बंदोबस्त करने चाहिए।उन्होंने डीजल एवं पेट्रोल के दामों की बढ़ोतरी को लेकर लगाई जा रही अटकलों के संबंध में कहा है कि अगर पेट्रोल एवं डीजल के दामों में बढ़ोतरी की जाती है तो इसका सीधा असर आम जनता पर पड़ेगा और उनके आर्थिक हालात बुरी तरह से प्रभावित होंगे। प्रेस वार्ता में डॉक्टर इरफान, मांगेराम त्यागी और सतीश त्यागी के अलावा अनेक लोग मौजूद रहे।

मैसेज फॉरवर्ड को लेकर कई अपडेट जारी: व्हाट्सएप

मैसेज फॉरवर्ड को लेकर कई अपडेट जारी: व्हाट्सएप   

अकांशु उपाध्याय             

नई दिल्ली। व्हाट्सएप यूजर एक्सपीरियंस को बेहतर करने के लिए लगातार नए-नए फीचर्स जोड़ता रहता है। अगर आप एक व्हाट्सएप यूजर हैं, तो इसके मैसेज फॉरवर्ड फीचर से परिचित होंगे। जल्द ही व्हाट्सएप इस फीचर को सीमित कर सकता है। जिसकी वजह से आप किसी मैसेज को एक ग्रुप से ज्यादा फॉर्वर्ड नहीं कर सकते हैं। फिलहाल, व्हाट्सएप इस फीचर को टेस्ट कर रहा है। अगर ऐप ये अपडेट जारी करता है, तो बहुत से यूजर्स के लिए व्हाट्सएप मैसेज फॉर्वर्ड करना मुश्किल हो सकता है। व्हाट्सएप इस कदम से 'फर्जी न्यूज' या 'गलत जानकारी' को फैलने से रोकने की कोशिश कर रहा है।

व्हाट्सएप ने इससे पहले भी मैसेज फॉरवर्ड को लेकर कई अपडेट जारी किए हैं। जिसके बाद यूजर्स एक वक्त में किसी मैसेज को सिर्फ 5 चैट को भी फॉर्वर्ड कर सकते हैं। साथ ही व्हाट्सएप ने किसी मैसेज के लगातार फॉर्वर्ड होने को भी सीमित कर दिया है। इससे पहले व्हाट्सएप ने फॉर्वर्ड किए गए मैसेज पर लेबल लगाना शुरू कर दिया है। ऐसा लगा रहा है कि व्हाट्सएप इस फीचर को एक्सपैंड करने की कोशिश कर रहा है। वाबीटेनफो के मुताबिक, व्हाट्सएप मैसेज फॉर्वर्ड को सिर्फ एक ग्रुप चैट तक सीमित करने की प्लानिंग कर रहा है। रिपोर्ट के मुताबिक, जब किसी मैसेज पर फॉर्वर्ड का लेबल लग जाता है, तो उसे एक वक्त में एक से ज्यादा ग्रुप में फॉर्वर्ड नहीं किया जा सकेगा। अगर आप एक ग्रुप से ज्यादा चैट में फॉर्वर्ड करना चाहते हैं, तो आपको मैसेज दोबारा सलेक्ट करना होगा और उसे वापस फॉर्वर्ड करना होगा।
आसान भाषा में समझें तो आप किसी एक मैसेज को एक बार में ही कई ग्रुप या चैट्स को फॉर्वर्ड नहीं कर सकते हैं। इसके अलावा भी व्हाट्सएप कई नए फीचर जोड़ने वाला है। इन फीचर्स की मदद से यूजर्स का एक्सपीरियंस बेहतर होगा। हाल में आई रिपोर्ट्स की  व्हाट्सएप पर जल्द ही पोल फीचर भी जुड़ने वाला है, जिसकी मदद से यूजर्स वोटिंग कर सकेंगे। हालांकि, यह फीचर कब तक लॉन्च होंगे। इसकी जानकारी फिलहाल नहीं है।

वीडियो फुटेज की सत्यता, जांच कराएगी सरकार

वीडियो फुटेज की सत्यता, जांच कराएगी सरकार     

कविता गर्ग       

मुंबई। राकांपा प्रमुख शरद पंवार ने बुधवार को कहा कि महाराष्ट्र सरकार निश्चित तौर पर भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस द्वारा सौंपी गई वीडियो फुटेज की सत्यता की जांच कराएगी। फडणवीस ने आरोप लगाया है कि महाराष्ट्र का सत्तारूढ़ गठबंधन अपने राजनीतिक विरोधियों के खिलाफ षड्यंत्र रच रहा है। पंवार ने पत्रकारों से बातचीत में यह भी कहा कि उनके नाम का कथित षड्यंत्र के संबंध में ”प्रत्यक्ष/अप्रत्यक्ष” तौर पर जिक्र किया गया है। लेकिन उनका इससे कोई लेना-देना नहीं है। 

पूर्व मुख्यमंत्री ने दावा किया कि पेन ड्राइव में 125 घंटे की वीडियो रिकार्डिंग है, जिसमें यह देखा जा सकता है कि पुलिस और एमवीए (शिवसेना, राकांपा तथा कांग्रेस) के सदस्यों ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेताओं को झूठे मामलों में फंसाने के लिए किस तरह से साजिश रची। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के प्रमुख इस आरोप पर हंसते नजर आए कि वह फडणवीस और भाजपा नेता गिरीश महाजन का राजनीतिक करियर खत्म करना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि, ऐसा लगता है कि इसमें कुछ हास्यास्पद जानकारी भी है। किसी को भी इस तरह खत्म नहीं किया जा सकता। अगर यह सच है कि फडणवीस द्वारा सौंपी गई रिकॉर्डिंग 125 घंटे की है तो किसी शक्तिशाली एजेंसी के इस्तेमाल की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता और ऐसी एजेंसियां केवल भारत सरकार के तहत काम करती हैं।

उन्होंने कहा कि महा विकास अघाडी (एमवीए) सरकार अपने विरोधियों पर निशाना साधने के लिए सत्ता का दुरुपयोग नहीं कर रही है। उन्होंने कहा कि, एक चीज गौर करने वाली है कि केंद्र और उसकी सभी एजेंसियों की सभी शक्तियां उन लोगों के हाथ में हैं जो देवेंद्र फडणवीस जैसी विचारधारा का अनुसरण करते हैं। पंवार ने दावा किया कि राज्य में एमवीए सरकार को अस्थिर करने की कोशिशें कामयाब नहीं हुईं और इसलिए उसे गिराने के लिए ”ऐसे विकल्प” तलाशे जा रहे हैं। राकांपा प्रमुख ने कहा कि वह उम्मीद करते हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी केंद्रीय एजेंसियों के कथित दुरुपयोग के संबंध में शिवसेना सांसद संजय राउत द्वारा उठाई गई शिकायत की जांच कराएंगे।

पूर्व 'पीएम' राजीव की हत्या मामलें में जमानत मंजूर

पूर्व 'पीएम' राजीव की हत्या मामलें में जमानत मंजूर  

अकांशु उपाध्याय    

नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या के मामले में उम्रकैद की सजा काट रहे ए. जी. पेरारिवलन की जमानत बुधवार को मंजूर कर ली। न्यायमूर्ति एल. नागेश्वर राव और न्यायमूर्ति बी. आर. गवई की पीठ ने उन दलीलों का संज्ञान लिया, जिसमें कहा गया है कि दोषी पेरारिवलन 30 साल तक जेल में रहा है और उसका व्यवहार संतोषजनक रहा है, चाहे वह जेल के भीतर हो या पैरोल की अवधि के दौरान। शीर्ष अदालत 47-वर्षीय पेरारिवलन की उस याचिका पर सुनाई कर रही थी, जिसमें उसने एमडीएमए जांच पूरी होने तक उम्रकैद की सजा निलंबित करने का अनुरोध किया है। राजीव गांधी की हत्या 21 मई, 1991 को तमिलनाडु के श्रीपेरुम्बदुर में एक चुनावी रैली के दौरान महिला आत्मघाती विस्फोट के जरिये कर दी गयी थी। आत्मघाती महिला की पहचान धनु के रूप में की गयी थी। धनु सहित 14 अन्य लोगों की मौत हो गयी थी।

गांधी की हत्या देश में संभवत: पहली ऐसी घटना थी जिसमें किसी शीर्षस्थ नेता की हत्या के लिए आत्मघाती बम का इस्तेमाल किया गया था। न्यायालय ने मई 1999 के आदेश में चारों दोषियों – पेरारिवलन, मुरुगन, संथन और नलिनी- को मौत की सजा बरकरार रखी थी। शीर्ष अदालत ने 18 फरवरी 2014 को पेरारिवलन, संथन और मुरुगन के मृत्युदंड को कम करके उम्रकैद में तब्दील कर दी थी। न्यायालय ने केंद्र सरकार द्वारा उनकी दया याचिकाओं के निपटारे में 11 साल की देरी के आधार पर फांसी की सजा को उम्रकैद में बदलने का निर्णय लिया था।

सुष्मिता ने एक्ट्रेस के तौर पर विश्व में पहचान बनाई

सुष्मिता ने एक्ट्रेस के तौर पर विश्व में पहचान बनाई   

कविता गर्ग      

मुंबई। सुष्मिता सेन ने एक मॉडल और एक्ट्रेस के तौर पर ना सिर्फ भारत, बल्कि पूरे विश्व में पहचान बनाई है। उनको ग्लैमर वर्ल्ड में तकरीबन तीन दशक का समय हो गया है। सुष्मिता सेन ने 1994 में मिस यूनिवर्स का खिताब जीता था। 18 साल की उम्र में इस खिताब को जीतने वाली को पहली भारतीय थीं। इस खिताब को जीतने के 28 साल बाद उन्होंने बताया है कि फाइनल राउंड में एक सवाल को वो ठीक से समझ नहीं सकी थीं क्योंकि वो काफी मुश्किल अंग्रेजी में पूछा गया था।

सुष्‍म‍िता सेन ने अपनी बेटी अलीशा के स्‍कूल मैगजीन के लिए एक इंटरव्यू दिया है। इसमें उन्होंने बताया है कि उनकी पढ़ाई हिन्दी मीडियम स्कूल से हुई है और शुरू में उनकी इंग्लिश बहुत अच्छी नहीं थी। ऐसे में जब 18 साल की उम्र में वो मिस यूनिवर्स प्रतियोगिता में शामिल हुईं तो एक मौका ऐसा भी आया जब उनको सवाल ही समझ नहीं आया था क्योंकि वो काफी मुश्किल अंग्रेजी में था। सुष्‍म‍िता ने बताया कि मिस यूनिवर्स फाइनल राउंड में उनसे पूछा गया था कि एक महिला होने का एसेंस (सार) क्या है? जवाब में सुष्‍म‍िता ने कहा, एक महिला होना ही अपने आप में गॉड गिफ्ट है। बच्चे का जन्‍म मां से ही होता है, जो एक महिला होती हे। वह पुरुषों को यह दिखाती और समझाती है कि देखभाल करना, शेयर करना और प्यार करना क्या है। मेरे लिए एक महिला होने का यही मतलब है।

सुष्‍म‍िता सेन ने आगे कहा, मैं एक हिंदी मीडयम स्‍कूल में पढ़ी हूं, उन दिनों मुझे अच्छी अंग्रेजी नहीं आती थी। मुझे नहीं पता कि मैंने तब सवाल में पूछे गए ‘एसेंस ऑफ वुमन’ का मतलब कैसे समझा और उसका जवाब कैसे दिया। मुझे लगता है कि उस वक्‍त अच्छी किस्मत से मैं ये जवाब दे पाई। सुष्मिता सेन ने 1994 में मिस यूनिवर्स का खिताब जीता था। 18 साल की उम्र में इस खिताब को जीतने के बाद साल 1996 में ने हिंदी सिनेमा में बतौर एक्ट्रेस कदम रखा था। 1996 में दस्तक रिलीज हुई थी। इसके बाद उन्होंने कई फिल्मों में काम किया है। कई हिट फिल्में उनके नाम पर हैं। बता दें कि सुष्मिता की दो बेटियां रिनी और अलीशा हैं।

फिल्म ‘शर्माजी नमकीन’ का पोस्टर रिलीज किया

फिल्म ‘शर्माजी नमकीन’ का पोस्टर रिलीज किया    

कविता गर्ग        
मुंंबई। इस फिल्म से हितेश भाटिया बतौर डायरेक्टर डेब्यू कर रहे हैं। ‘शर्माजी नमकीन’ ऐसी पहली हिंदी फिल्म है। जिसमें दो दिग्गज एक्टर ऋषि कपूर और परेश रावल एक साथ एक ही किरदार निभाते नजर आएंगे। इस फिल्म का प्रीमियर 31 मार्च को दुनिया भर के 240 देशों व क्षेत्रों में प्राइम वीडियो पर होगा।
इंस्टाग्राम पर फरहान अख्तर ने फिल्म का पोस्टर रिलीज किया है। पोस्टर में ऋषि कपूर का फर्स्ट लुक देखने को मिल रहा है।
नए पोस्टर में आप ऋषि कपूर की सुकून देने वाली मुस्कान देखी जा सकती है। पोस्टर को शेयर करते हुए फरहान अख्तर ने लिखा- आ रहे हैं शर्माजी, हमारी लाइफ में लगाने तड़का। 31 मार्च को वर्ल्ड प्रीमियर। कुछ ही देर में फरहान अख्तर की इस पोस्ट को लाखों लाइक्स मिल चुके हैं।आपको बता दें कि ये फिल्म एक रिटायर्ड व्यक्ति की कहानी है जो एक बेचैन महिला के किटी सर्कल में शामिल होने के बाद कुकिंग को लेकर जुनूनी हो जाता है। इस फिल्म हितेश भाटिया ने डायरेक्टर किया है। वहीं, एक्सेल एंटरटेनमेंट के बैनर तले बनी इस फिल्म को रितेश सिधवानी और फरहान अख्तर द्वारा मैकगफिन पिक्चर्स के बैनर तले बनाया है। इसके प्रोड्यूसर अभिषेक चौबे और हनी त्रेहान भी है। इस फैमिली ड्रामा में जूही चावला, परेश रावल, सुहैल नैय्यर, तारुक रैना, सतीश कौशिक, शीबा चड्ढा और ईशा तलवार ने लीड रोल प्ले किया है।

यूपी विधानसभा चुनाव में किसकी सरकार बनेगीं ?

यूपी विधानसभा चुनाव में किसकी सरकार बनेगीं ?    

संदीप मिश्र        

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव में भाजपा या समाजवादी पार्टी के बीच किसकी सरकार बनेगी। इसमें लगाए जा रहे अनुमान व आंकड़ों के बीच बदायूं के एक गांव से बड़ा ही दिलचस्प मामला सामने आया है। गांव के दो लोगों ने योगी सरकार या अखिलेश सरकार बनने को लेकर 4 बीघा खेती की जमीन पर दांव लगाया है। दोनों ने बकायदा लिखित शर्त पर हस्ताक्षर किए हैं जिस पर पूरे गांव को इस शर्त का गवाह बनाया गया है। यह पत्र सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है जिसके बाद यह सुर्खियों में छा गया है।

बताते चलें कि बदायूं के शेखूपुर विधानसभा क्षेत्र में बिरिया डांडी गांव है। इस गांव में रहने वाले 2 किसान विजय सिंह और शेर अली के बीच यूपी में 10 मार्च को बनने वाली सरकार को लेकर बहस शुरू हो गई। सपा और भाजपा मैं किसकी सरकार बनेगी इसको लेकर शुरू हुई इन दोनों के बीच बहस इतनी बढ़ गई कि मामला पंचायत तक जा पहुंचा। विजय सिंह जहां योगी सरकार बनने का दावा कर रहे थे तो वहीँ शेर अली अखिलेश यादव के जीतने का दावा कर रहे हैं।

दोनों के बीच हुई बहस को शांत कराने के लिए पंचायत बुलाई गई। इस पंचायत में दोनों ने यह शर्त लगाई कि यदि भाजपा की सरकार बनी तो शेर अली शाह अपनी 4 बीघा जमीन विजय सिंह को 1 साल तक खेती के लिए दे देंगे, और यदि सपा की सरकार बनी तो विजय सिंह अपनी 4 बीघा जमीन खेती के लिए शेर अली को दे देंगे। दोनों पक्षों में कोई मुकर न जाए इसके लिए गांव के प्रमुख लोग गवाह बने हैं। इस शर्त को लिखित रूप में लिखा गया है जिसका पत्र अब सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। जाहिर है कि इसका फैसला 10 मार्च को मतगणना के बाद ही होगा और यह भी साफ होगा कि विजय सिंह और शेर अली में से किसके पास खेती के लिए 4 बीघा जमीन आएगी।

चुनाव: 10 को मतगणना के साथ पूरा होगा इंतजार

चुनाव: 10 को मतगणना के साथ पूरा होगा इंतजार     

संदीप मिश्र     

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव के दौरान सात चरण में 403 सीटों के लिये हुए मतदान का परिणाम उजागर होने का इंतजार 10 मार्च को मतगणना के साथ ही पूरा हो जायेगा। सात मार्च को सातवें और अंतिम चरण का मतदान होने के बाद चुनाव आयोग ने 10 मार्च को मतगणना की तैयारियां पूरी कर ली हैं। गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश सहित पांच राज्यों उत्तराखंड, पंजाब, गोवा और मणिपुर में विधानसभा चुनाव के लिये मतदान की प्रक्रिया पूरी हाेने के बाद सभी राज्यों के चुनाव की मतगणना एक साथ 10 मार्च को सुबह आठ बजे से शुरु होगी। उत्तर प्रदेश में मतदान की प्रक्रिया सबसे लंबी चली। 

पांचों राज्यों में विधानसभा चुनाव के लिये निर्वाचन आयोग ने आठ जनवरी को चुनाव कार्यक्रम जारी किया था। इसके तहत उत्तर प्रदेश में 10 फरवरी से 07 मार्च तक सात चरण में मतदान हुआ। चुनाव आयोग के आंकड़ों के मुताबिक पूरे प्रदेश में लगभग 60.16 प्रतिशत मतदान हुआ जबकि 2017 में 61.11 प्रतिशत मतदान हुआ था। पहले चरण में पश्चिमी उत्तर प्रदेश के 11 जिलों की 58 विधानसभा सीटों पर 10 फरवरी को 62.43 प्रतिशत मतदान हुआ था। वहीं, दूसरे चरण में पश्चिमी उत्तर प्रदेश के ही नाै जिलों की 55 सीटों पर 14 फरवरी को हुए मतदान में 64.66 प्रतिशत मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया। इसके बाद 20 फरवरी को तीसरे चरण में बुंदेलखंड और कानपुर संभाग के 16 जिलों की 59 सीटों पर 62.28 प्रतिशत, चौथे चरण में 23 फरवरी काे अवध और प्रयाग क्षेत्र के नौ जिलों की 59 सीटों पर 62.76 प्रतिशत, पांचवें चरण में 27 फरवरी को 12 जिलों की 61 सीटों पर 58.35 प्रतिशत, छठे चरण में 03 मार्च को पूर्वांचल के 10 जिलों की 57 सीटों पर 56.43 प्रतिशत और सातवें एवं अंतिम चरण में 07 मार्च को पूर्वांचल के ही वाराणसी सहित नौ जिलों की 54 सीटों पर 57.73 प्रतिशत मतदान हुआ। 

उत्तर प्रदेश के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक प्रशांत कुमार ने मतगणना की तैयारियों के बारे में बताया कि राज्य के सभी जिलों में 10 मार्च को मतगणना के मद्देनजर मतगणना स्थलों पर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किये गये हैं। इसके लिये केंद्रीय पुलिस बल की 250 कंपनी और 61 कंपनी पीएसी की तैनात की गयी है। इनमें से सुरक्षा बलों की 36 कंपनी ईवीएम की सुरक्षा में तैनात रहेंगी और 214 कम्पनी मतगणना केन्द्रों पर कानून व्यवस्था की निगरानी में तैनात रहेंगी। इस बीच समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने मतगणना में धांधली की कोशिशों का आरोप लगाते हुए ईवीएम की रखवाली के लिए 81 जिला प्रभारी नियुक्त किये हैं। 

गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश में 2017 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने 39.67 प्रतिशत मत हासिल कर 312 सीटें जीत कर इतिहास बनाया था। वहीं, सपा को 47 सीटाें से संतोष करना पड़ा था और बहुजन समाज पार्टी को 19 एवं कांग्रेस को सिर्फ सात सीटें मिल सकी थी। इस चुनाव में जिन प्रमुख उम्मीदवारों की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है। उनमें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और पूर्व मुख्यमंत्री तथा सपा अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के अलावा योगी सरकार के तमाम मंत्री शामिल हैं। योगी गोरखपुर सदर सीट से और अखिलेश मैनपुरी की करहल सीट से चुनाव मैदान में है। योगी को गोरखपुर सदर सीट पर सपा की सुभावती शुक्ला चुनौती दे रही हैं, जबकि करहल में केन्द्रीय मंत्री एसपी सिंह बघेल बतौर भाजपा उम्मीदवार अखिलेश के सामने चुनाव मैदान में हैं। अन्य प्रमुख उम्मीदवारों में कृषि मंत्री सूर्यप्रताप शाही देवरिया की पथरदेवा सीट, परिवहन मंत्री अनिल राजभर शिवपुर सीट से और ऊर्जा राज्य मंत्री रमाशंकर सिंह पटेल मड़िहान सीट से किस्मत आजमा रहे हैं। इनके अलावा सपा के वरिष्ठ नेता और सांसद आजम खान रामपुर सदर सीट से और उनके पुत्र अब्दुल्ला आजम खान रामपुर जिले की स्वार सीट से किस्मत आजमा रहे हैं। एक अन्य बाहुबली नेता मुख्तार अंसारी के पुत्र अब्बास अंसारी मऊ सीट से सुभासपा के उम्मीदवार के रूप में चुनाव मैदान में हैं।

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