गुरुवार, 3 फ़रवरी 2022
राष्ट्रीय महासचिव ने नामांकन-पत्र दाखिल किया: सपा
आईपीएल 2022 में नहीं खेलने का फैसला: जैमीसन
आईपीएल 2022 में नहीं खेलने का फैसला: जैमीसन
मोमीन मलिक वेलिंग्टन। न्यूजीलैंड के तेज गेंदबाज काइल जैमीसन ने इस साल क्वारंटीन और बायो बबल से दूर रहकर घर पर समय बिताने और अपने खेल में सुधार के लिए आईपीएल 2022 में नहीं खेलने का फैसला किया है। उन्होंने न्यूजीलैंड के घरेलू क्रिकेट के फर्स्ट क्लास टूर्नामेंट प्लेंकेट शील्ड में अपनी टीम ऑकलैंड के पहले मुकाबले से पहले यह जानकारी दी। जैमीसन पिछले साल आईपीएल में दूसरे सबसे महंगे खिलाड़ी थे। उन्हें रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर ने 15 करोड़ रुपये में खरीदा था। वे आईपीएल 2021 के ऑक्शन में दूसरे सबसे महंगे खिलाड़ी थे। लेकिन यह सीजन उनके लिए कुछ खास नहीं रहा था। उन्होंने आरसीबी के लिए नौ मुकाबले खेले थे और नौ विकेट लिए थे। यानी उनका एक विकेट आरसीबी के लिए 1.66 करोड़ रुपये का पड़ा था।
जैमीसन ने ‘ईएसपीएन क्रिकइन्फो’ से कहा, ‘मैंने कई कारणों से यह फैसला लिया है। पिछले बारह महीने बायो बबल और क्वारंटीन में काफी समय बिताय। अगले 12 महीने के शेड्यूल को देखते हुए अब परिवार के साथ समय बिताना चाहता हूंं। दूसरी बात यह है कि मैं अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में बहुत नया हूं। दो ही साल हुए हैं तो मैं अपने खेल पर मेहनत करना चाहता हूं। मुझे लगता है कि जहां पर मुझे होना चाहिये, उस स्तर पर नहीं पहुंच सका हूं। अगर तीनों फॉर्मेट में खेलना है तो अपने खेल पर मेहनत करनी होगी।
आरपीआई सपा-रालोद गठबंधन को समर्थन किया
निर्दलीय प्रत्याशी 1 नारी, 4 प्रत्याशियों पर भारी
भिक्षुक कौन 'संपादकीय'
रूस व यूक्रेन के बीच तनाव को बढ़ाने की कोशिश
महामारी: यूएसए में जुर्म की घटनाएं कई गुना बढ़ीं
अर्थशास्त्रियों के बीच परिणामों को लेकर छिड़ी बहस
'कच्छी' को 8वीं अनुसूची में शामिल करने की मांग
'कच्छी' को 8वीं अनुसूची में शामिल करने की मांग
अकांशु उपाध्याय नई दिल्ली। राज्यसभा में गुरुवार को सदस्यों ने कन्नड़ भाषा के लिए राष्ट्रीय शिक्षक पात्रता परीक्षा रद्द करने, ओडिशा में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत छह लाख आवास जोडऩे और कच्छी भाषा को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल किए जाने की मांग की। कर्नाटक से कांग्रेस के सदस्य एल हनुमंथैया ने विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) द्वारा कन्नड़ भाषा के लिए राष्ट्रीय शिक्षक पात्रता परीक्षा में कन्नड़ प्रश्न पत्रों को हिंदी भाषा में पूछे जाने का मामला उठाया और इस परीक्षा को रद्द करने की मांग की।
उन्होंने कहा कि कन्नड़ भाषा के प्रश्न पत्र को हिंदी में छपा हुआ देखकर सभी छात्र हैरान थे। उन्होंने कहा, ''यूजीसी ने इस परीक्षा के लिए राष्ट्रीय परीक्षण प्राधिकरण को आउटसोर्स किया है। प्रश्न पत्र में केवल 10 प्रश्न कन्नड़ में थे और बाकी 90 हिंदी में थे। उन्होंने कहा कि कुछ दिनों बाद दूसरी परीक्षा में भी यही स्थिति रही और इसे लेकर अनेक प्रकार की शिकायतें छात्रों द्वारा की गई। बाद में परिणाम आने के बाद सुधार के लिए आवेदन करने का हवाला देकर छात्रों से प्रति प्रश्न एक हजार रुपये की मांग की गई। उन्होंने मांग की कि इस परीक्षा को तत्काल रद्द किया जाना चाहिए ताकि छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ न हो। सभापति एम वेंकैया नायडू ने इस मामले को गंभीर बताते हुए सदन में मौजूद शिक्षा राज्यमंत्री सुभाष सरकार से उचित कदम उठाने को कहा।
बीजू जनता दल के सदस्य सस्मित पात्रा ने प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत ओडिशा में जनजातीय समुदाय के लोगों के लिए छह लाख घर दिए जाने का मामला उठाया। उन्होंने कहा, ''पिछले तीन सालों में मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने इसे लेकर तीन बार केंद्र सरकार को चि_ी लिखी और आग्रह किया कि लगभग छह लाख घर प्रधानमंत्री आवास योजना से जुडऩे चाहिए। उन्होंने कहा कि इनमें से ज्यादातर घर आदिवासियों के लिए हैं। उन्होंने कहा, ''मगर तीन साल में आवास पोर्टल नहीं खोला गया। दुख की बात यह है कि इसी साल 13 जनवरी को कर्नाटक के लिए आवास पोर्टल खोला गया, जिससे वे 25 लाख आवास को जोड़ सकते हैं। मेरी सरकार से अपील है कि जिस प्रकार आवास पोर्टल खोलकर कर्नाटक के लिए 25 लाख आवास आवंटित किया गया, उसी प्रकार ओडिशा के लिए भी कदम उठाए जाएं। बीजद के अमर पटनायक और सुजीत कुमार सहित अन्य सदस्यों ने पात्रा की इस मांग का समर्थन किया। कुमार ने कहा कि ओडि़शा के साथ भेदभाव नहीं किया जाना चाहिए।
गुजरात से कांग्रेस सदस्य शक्ति सिंह गोहिल ने कच्छी भाषा को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल किए जाने का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि यह ऐसी भाषा है, जो कच्छ के अलावा देश के कई हिस्सों और दक्षिण अफ्रीका में भी बोली जाती है। उन्होंने यह भी कहा कि कच्छ का भौगोलिक क्षेत्र कई छोटे राज्यों के मुकाबले बहुत अधिक है। उन्होंने कहा, ''कच्छ के लोगों की भावना को देखते हुए, कच्छी भाषा को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल किया जाए। सभापति नायडू ने गोहिल से कहा कि वह दो पंक्तियां कच्छी भाषा में बोलकर अपनी बात रखें। इसके बाद गोहिल ने अपनी कुछ बातें कच्छी भाषा में भी सदन के सामने रखी। मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के इलामारम करीम ने तिरुवनंतपुरम-कासरगोड सेमी हाई-स्पीड रेल कॉरिडोर, सिल्वर लाइन का मुद्दा उठाया और कहा कि केंद्र सरकार ने अभी तक इस परियोजना को मंजूरी नहीं दी है। उन्होंने इस परियोजना को जल्दी मंजूरी देने की मांग की। बीजद के सुभाष चंद्र सिंह ने तेंदू पत्ता पर 'जीएसटी नहीं लगाए जाने की मांग की वहीं भाजपा के विकास महात्मे ने दिल्ली व मुंबई जैसे शहरों में शराब की होम डिलीवरी का, कांग्रेस की अमी याज्ञनिक ने बाल कुपोषण और मनोनीत सदस्य राकेश सिन्हा ने बेगूसराय के काबर झील को विकसित करने का मुद्दा उठाया।
चुनाव 2017 की तुलना में सियासी समीकरण बदलें
तीनों ही सीटों पर मुस्लिम मतदाताओं की संख्या अच्छी खासी है। खासकर दो सीटों यानी कैंट और सीसामऊ में तो मुस्लिम मतदाता प्रत्याशी को जिताने की स्थिति में हैं। पिछली बार सपा और कांग्रेस का गठबंधन था। इस वजह से इन दोनों ही दलों के वोट एक ही प्रत्याशी की झोली में गिरे थे और वे जीत गए थे। इस बार सपा और कांग्रेस की राहें अलग-अलग हैं। ऐसे में जाहिर है वोटों में भी बंटवारा होगा। यहीं नहीं एक सीट पर दो दलों के मुस्लिम प्रत्याशी लड़ने से वोट तेजी से बंट जाएंगे, ऐसे में सपा और कांग्रेस दोनों ही इसे लेकर चिंतित हैं। अगर मौजूदा समय की बात की जाए तो कैंट से सपा ने जहां मोहम्मद हसन रुमी को चुनाव मैदान में उतार दिया है तो वहीं कांग्रेस से सोहिल अख्तर दोबारा मैदान में हैं। ऐसे में इन दोनों ही प्रत्याशियों के बीच मुस्लिम मत बंटना तय है यानि पिछली बार की तरह किसी एक को पूरे वोट नहीं मिलेंगे। मौजूदा समय में इस सीट से भाजपा प्रत्याशी रघुनंदन भदौरिया हैं। वह 2012 के विधानसभा चुनाव में जीते जबकि 2017 के विधानसभा चुनाव में वह हार गए थे।कमोबेश यही स्थिति सीसामऊ सीट की भी है। सपा ने इरफान सोलंकी को टिकट देकर उन्हें प्रत्याशी बनाया है, तो वहीं कांग्रेस ने हाजी सुहेल अहमद को पहली बार चुनाव लड़ने का मौका दिया है। सपा और कांग्रेस के दोनों प्रत्याशी मुस्लिम हैं। यह विधानसभा मुस्लिम बाहुल्य वाली सीट है। ऐसे में यहां भी मुस्लिम मतों का बिखराव होना तय है जबकि पिछली बार ऐसा नहीं था। इस सीट से भाजपा की ओर से पूर्व विधायक सलिल विश्नोई हैं। उन्हें इस बार आर्यनगर विधानसभा के बजाए इस सीट से पार्टी ने टिकट थमाया है। 2017 का चुनाव वह हार गए थे।
बात, अगर आर्यनगर की करें तो यहां सपा से अमिताभ बाजपेई के सामने भाजपा ने ब्राह्मण चेहरे के तौर पर सुरेश अवस्थी को टिकट थमा दिया है। विशेषज्ञ मान रहे हैं, कि इस सीट पर भी ब्राह्मण वोटों का बंटवारा होना तय है। कुल मिलाकर इस सीट के भी समीकरण इस बार बदल गए हैं। सपा के अमिताभ बाजपेई को वोट मिले करीब 70 हजार, भाजपा के सलिल विश्नोई को वोट मिले करीब 65 हजार। सपा के इरफान सोलंकी को वोट मिले करीब 73 हजार, भाजपा के सुरेश अवस्थी को वोट मिले लगभग 67 हजार। कांग्रेस के सोहिल अख्तर को वोट मिले करीब 81 हजार, भाजपा के रघुनंदन सिंह भदौरिया को वोट मिले लगभग 72 हजार।
सब्सिडी की व्यवस्था में बदलाव का अनुमान: योजना
सिविलियन कैटेगरी में 45 पदों पर भर्ती, आवेदन
सीएम ने जनसभा कर, मतदाताओं से संवाद किया
सीएम ने जनसभा कर, मतदाताओं से संवाद किया संदीप मिश्र बरेली। बरेली के आंवला में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को सुभाष इंटर कॉलेज ग्...
-
यूपी में ग्रीष्मकालीन अवकाश की घोषणा: परिषद संदीप मिश्र/बृजेश केसरवानी लखनऊ/प्रयागराज। उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा परिषद की ओ...
-
महर्षि कश्यप के पुत्र पक्षीराज गरुड़ को भगवान विष्णु का वाहन कहा गया है। एक बार गरुड़ ने भगवान विष्णु से मृत्यु के बाद प्राणियों की स्थिति, ...
-
55 साल की उम्र में भी बरकरार है खूबसूरती कविता गर्ग मुंबई। 55 की उम्र में भी यह हसीना बेहद खूबसूरत दिखती है, और मलाइका की हॉटनेस उसकी ...