गुरुवार, 3 फ़रवरी 2022

चुनाव 2017 की तुलना में सियासी समीकरण बदलें

चुनाव 2017 की तुलना में सियासी समीकरण बदलें   
संदीप मिश्र    
कानपुर। यूपी विधानसभा चुनाव 2022 में शहर की तीन विधानसभा सीटें ऐसी हैं। जहां 2022 में बीते विधानसभा चुनाव 2017 की तुलना में सियासी समीकरण बदल गए हैं। इन सीटों पर किस दल का परचम फहरेगा ये तो आने वाली दस मार्च को ही पता चलेगा। बहराल, शहरियों की जुबां पर इन दिनों इन सीटों के सियासी समीकरण की चर्चा जोरो पर है।कानपुर ये तीन सीटे हैं कैंट, सीसामऊ और आर्यनगर। दरअसल, 2017 के पिछले चुनाव में ये तीनों ही सीटें भाजपा जीत नहीं सकी थी। इन तीनों ही सीटों पर कांग्रेस-सपा गठबंधन के प्रत्याशियों को जीत मिली थी। कैंट से जहां सोहले अख्तर अंसारी जीते थे तो वहीं सीसामऊ से इरफान सोलंकी ने जीत दर्ज की थी। आर्य़नगर सीट से सपा के अमिताभ बाजपेयी ने जीत दर्ज की थी।

तीनों ही सीटों पर मुस्लिम मतदाताओं की संख्या अच्छी खासी है। खासकर दो सीटों यानी कैंट और सीसामऊ में तो मुस्लिम मतदाता प्रत्याशी को जिताने की स्थिति में हैं। पिछली बार सपा और कांग्रेस का गठबंधन था। इस वजह से इन दोनों ही दलों के वोट एक ही प्रत्याशी की झोली में गिरे थे और वे जीत गए थे। इस बार सपा और कांग्रेस की राहें अलग-अलग हैं। ऐसे में जाहिर है वोटों में भी बंटवारा होगा। यहीं नहीं एक सीट पर दो दलों के मुस्लिम प्रत्याशी लड़ने से वोट तेजी से बंट जाएंगे, ऐसे में सपा और कांग्रेस दोनों ही इसे लेकर चिंतित हैं। अगर मौजूदा समय की बात की जाए तो कैंट से सपा ने जहां मोहम्मद हसन रुमी को चुनाव मैदान में उतार दिया है तो वहीं कांग्रेस से सोहिल अख्तर दोबारा मैदान में हैं। ऐसे में इन दोनों ही प्रत्याशियों के बीच मुस्लिम मत बंटना तय है यानि पिछली बार की तरह किसी एक को पूरे वोट नहीं मिलेंगे। मौजूदा समय में इस सीट से भाजपा प्रत्याशी रघुनंदन भदौरिया हैं। वह 2012 के विधानसभा चुनाव में जीते जबकि 2017 के विधानसभा चुनाव में वह हार गए थे।कमोबेश यही स्थिति सीसामऊ सीट की भी है। सपा ने इरफान सोलंकी को टिकट देकर उन्हें प्रत्याशी बनाया है, तो वहीं कांग्रेस ने हाजी सुहेल अहमद को पहली बार चुनाव लड़ने का मौका दिया है। सपा और कांग्रेस के दोनों प्रत्याशी मुस्लिम हैं। यह विधानसभा मुस्लिम बाहुल्य वाली सीट है। ऐसे में यहां भी मुस्लिम मतों का बिखराव होना तय है जबकि पिछली बार ऐसा नहीं था। इस सीट से भाजपा की ओर से पूर्व विधायक सलिल विश्नोई हैं। उन्हें इस बार आर्यनगर विधानसभा के बजाए इस सीट से पार्टी ने टिकट थमाया है। 2017 का चुनाव वह हार गए थे।

बात, अगर आर्यनगर की करें तो यहां सपा से अमिताभ बाजपेई के सामने भाजपा ने ब्राह्मण चेहरे के तौर पर सुरेश अवस्थी को टिकट थमा दिया है। विशेषज्ञ मान रहे हैं, कि इस सीट पर भी ब्राह्मण वोटों का बंटवारा होना तय है। कुल मिलाकर इस सीट के भी समीकरण इस बार बदल गए हैं। सपा के अमिताभ बाजपेई को वोट मिले करीब 70 हजार, भाजपा के सलिल विश्नोई को वोट मिले करीब 65 हजार। सपा के इरफान सोलंकी को वोट मिले करीब 73 हजार, भाजपा के सुरेश अवस्थी को वोट मिले लगभग 67 हजार। कांग्रेस के सोहिल अख्तर को वोट मिले करीब 81 हजार, भाजपा के रघुनंदन सिंह भदौरिया को वोट मिले लगभग 72 हजार।

सब्सिडी की व्यवस्था में बदलाव का अनुमान: योजना

सब्सिडी की व्यवस्था में बदलाव का अनुमान: योजना   
अकांशु उपाध्याय    
नई दिल्ली। रसोई गैस पर सब्सिडी पाने वाले ग्राहकों के लिए एक अहम खबर है। उज्ज्वला योजना के तहत मुफ्त एलपीजी गैस कनेक्शन पर मिलने वाली सब्सिडी में बड़ा बदलाव हो सकता है। इसलिए अगर आप भी उज्ज्वला योजना के तहत मुफ्त एलपीजी कनेक्शन लेने की योजना बना रहे हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, उज्ज्वला योजना के तहत नए कनेक्शन के लिए सब्सिडी की मौजूदा व्यवस्था में बदलाव हो सकता है। बताया जा रहा है कि पेट्रोलियम मंत्रालय ने दो नए तरीकों पर काम शुरू कर दिया है और इसे जल्द ही जारी किया जाएगा।
यानी अब सरकार एडवांस पेमेंट मॉडल में बदलाव कर सकती है।जानकारी के मुताबिक, अब रसोई गैस कनेक्शन देने वाली कंपनी (भारत, एचपी या इंडेन) एडवांस पेमेंट के रूप में 1600 रुपए की राशि एकमुश्त वसूलेगी। मौजूदा व्यवस्था में यह राशि ईएमआई में देना की छूट है। शेष 1600 रुपए की सब्सिडी सरकार देती है। अच्छी बात यह है कि सरकार की ओर से मिलने वाली 1600 रुपए की राशि में कोई बदलाव नहीं किया जा रहा है।
बता दें, मोदी सरकार की उज्ज्वला योजना के तहत ग्राहकों को 14.2 किलो का एक सिलेंडर और चूल्हा दिया जाता है। इसकी लागत लगभग 3200 रुपये है और इसे सरकार से 1600 रुपये की सब्सिडी मिलती है जबकि तेल विपणन कंपनियां (ओएमसी) 1600 रुपये अग्रिम देती हैं। उज्ज्वला योजना के लिए रजिस्ट्रेशन करना बहुत ही आसान है।
उज्ज्वला योजना के तहत बीपीएल परिवार की महिला गैस कनेक्शन के लिए आवेदन कर सकती है। फॉर्म में आवेदन करने वाली महिला को अपना पूरा पता, जन धन बैंक खाता और परिवार के सभी सदस्यों का आधार नंबर भी देना होगा। फॉर्म का अध्ययन करने के बाद देश की तेल विपणन कंपनियां पात्र लाभार्थी को एलपीजी कनेक्शन जारी करती हैं।

सिविलियन कैटेगरी में 45 पदों पर भर्ती, आवेदन

सिविलियन कैटेगरी में 45 पदों पर भर्ती, आवेदन    
अकांशु उपाध्याय       
नई दिल्ली। सरकारी नौकरी कर देश सेवा करने की तैयारी कर रहे युवाओं के लिए अच्छी खबर है। भारतीय सेना के मैकेनाइज्ड इन्फैंट्री रेजिमेंटल सेंटर ने ग्रुप-सी सिविलियन कैटेगरी में 45 पदों पर भर्ती निकली है। इसमें, कुक, वॉशरमैन, सफाईवाला, नाई और लोअर डिवीजन क्लर्क के 11 पद शामिल हैं। इसके लिए दसवीं पास अभ्यर्थी 12 फरवरी तक भारतीय सेना की वेबसाइट पर जाकर ऑनलाइन आवेदन कर सकेंगे। इन पदों पर भर्ती के लिए उम्मीदवार की आयु 18 साल से 25 साल के बीच होनी चाहिए।
रसोइया – उम्मीदवारों को कक्षा 10वीं पास होने के साथ इंडियन कूकिंग का नॉलेज होना चाहिए।
धोबी – कक्षा 10वीं उत्तीर्ण होना चाहिए।
सफाईवाला (एमटीएस) – उम्मीदवारों को किसी भी मान्यता प्राप्त बोर्ड से कक्षा 10वीं उत्तीर्ण होना चाहिए।
नाई – 10वीं उत्तीर्ण होना चाहिए।
एलडीसी – 12वीं पास होने के साथ कंप्यूटर पर अंग्रेजी में 35 शब्द प्रति मिनट और हिंदी में 30 शब्द प्रति मिनट की टाइपिंग स्पीड होनी चाहिए।
इन पदों पर भर्ती के लिए चयन लिखित परीक्षा के साथ स्किल टेस्ट और प्रैक्टिकल टेस्ट के आधार पर किया जाएगा।
आवेदन करने वाले सामान्य श्रेणी के अभ्यर्थी की उम्र 18 से 25 साल के बीच होनी चाहिए। जबकि ओबीसी के लिए 18 से 28 साल और एससी-एसटी के लिए 18 से 30 साल निर्धारित की गई है।
अभ्यर्थी को चयनित होने पर कुक और एलडीसी के पद पर 19,900 रुपए से 63,200 रुपए महीने तक का सैलरी दी जाएगी। जबकि अन्य पदों के लिए हर महीने 18,000 रुपए से 56,900 रुपए महीने का भुगतान किया जाएगा।

कांग्रेस ने स्टार प्रचारकों की सूची जारी की: मतदान

कांग्रेस ने स्टार प्रचारकों की सूची जारी की: मतदान    

पंकज कपूर           देहरादून। उत्तराखंड विधानसभा चुनाव 2022 के लिए कांग्रेस ने स्टार प्रचारकों की सूची जारी कर दी है। स्टार प्रचारकों की सूची में 30 नेताओं का नाम शामिल है। बीजेपी से निकाले के बाद कांग्रेस में शामिल हुए पूर्व कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत को भी पार्टी ने स्टार प्रचारक बनाया है। उत्तराखंड विधानसभा चुनाव 2022 के लिए 14 फरवरी को मतदान होना है। सभी पार्टियों ने चुनावी प्रचार-प्रसार में पूरी ताकत झोंक दी है। बुधवार 2 फरवरी को कांग्रेस ने अभी उत्तराखंड चुनाव के लिए अपने स्टार प्रचारकों की लिस्ट जारी की। स्टार प्रचारकों में केंद्रीय नेताओं से लेकर राज्य सरकार के 30 नेताओं के नाम है।

खास बात यह है कि इस सूची में हरक सिंह रावत को भी स्टार प्रचारक के रूप में पार्टी ने जिम्मेदारी दे दी है। कांग्रेस ने जो स्टार प्रचारकों की सूचा जारी की है, उसमें कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी, कांग्रेस राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी, पूर्व केंद्रीय मंत्री गुलाम नबी आजाद, उत्तराखंड में कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव, पूर्व सीएम हरीश रावत, कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल, नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल, पंजाब सीएम चरणजीत सिंह चन्नी और मुकुल वासनिक समेत कई नेताओं को जगह दी गई है। इस सूची में 21वें नंबर पर यशपाल आर्य और 22 वे नंबर पर हरक सिंह रावत को भी स्टार प्रचारक के रूप में सूची में शामिल किया गया है। 

राजीव युवा मितान क्लब योजना का शुभारंभ: राहुल

राजीव युवा मितान क्लब योजना का शुभारंभ: राहुल   

दुष्यंत टीकम            रायपुर। छत्तीसगढ़ को ब्रहस्पतिवार को चार ऐतिहासिक सौगातें मिलेंगी। सांसद राहुल गांधी ‘राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना’ का शुभारंभ करेंगे। गांधी ‘सेवाग्राम’ और ‘छत्तीसगढ़ अमर जवान ज्योति’ की आधारशिला रखेंगे। राजीव युवा मितान क्लब योजना का शुभारंभ करेंगे। थीम आधारित विकास प्रदर्शनी 3 से 5 फरवरी तक आयोजित होगी।

लोकसभा सांसद राहुल गांधी आज राजधानी रायपुर के साईंस कॉलेज मैदान में छत्तीसगढ़ शासन की महत्वाकांक्षी ‘राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना’ और ‘राजीव युवा मितान क्लब योजना’ का शुभारंभ करेंगे। साथ ही महात्मा गांधी की स्मृतियों को संजोने के लिए नवा रायपुर में स्थापित किए जाने वाले ‘सेवाग्राम’ और ‘छत्तीसगढ़ अमर जवान ज्योति’ का भूमिपूजन करेंगे।

भारत: 24 घंटे में 72,433 नए मामलें सामने आए

भारत: 24 घंटे में 72,433 नए मामलें सामने आए    

अकांशु उपाध्याय          नई दिल्ली। देश में जानलेवा कोरोना वायरस महामारी के मामले कल की तुलना में आज बढ़े हैं। देश में पिछले 24 घंटों में कोरोना वायरस के एक लाख 72 हजार 433 नए केस सामने आए हैं और 1008 लोगों की मौत हो गई। कल की तुलना में ब्रहस्पतिवार को कोरोना के 6.8 फीसदी केस ज्यादा आए हैं। जानिए देश में कोरोना की ताजा स्थिति क्या है।

केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक, देश में अब एक्टिव मामलों की संख्या घटकर 15 लाख 33 हजार 921 हो गई है। वहीं, इस महामारी से जान गंवाने वालों की संख्या बढ़कर 4 लाख 98 हजार 983 हो गई है। पकडो के मुताबिक, कल दो लाख 81 हजार 109 लोग ठीक हुए, जिसके बाद अभी तक 3 करोड़ 97 लाख 70 हजार 414 लोग संक्रमण मुक्त हो चुके हैं। बता दें कि कर्नाटक में पिछले 24 घंटों में 20 हजार 505 नए मामले सामने आए और 40 हजार 903 मरीज़ ठीक हुए। वहीं 81 मरीज़ों की मौत हुई। राज्य में अब सक्रिय मामलों की संख्या एक लाख 77 हजार 244 है। उधर तमिलनाडु में पिछले 24 घंटों में 14 हजार 13 नए मामले सामने आए और 24 हजार 576 मरीज़ ठीक हुए। यहां 37 मरीज़ों की मौत हुई। राज्य में अब सक्रिय मामलों की संख्या एक लाख 77 हजार 999 है।

भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद ने बताया है कि भारत में कल कोरोना वायरस के लिए 15 लाख 69 हजार 449 सैंपल टेस्ट किए गए, जिसके बाद कल तक कुल 73 करोड़ 41 लाख 92 हजार 614 सैंपल टेस्ट किए जा चुके हैं। राष्ट्रव्यापी टीकाकरण मुहिम के तहत अभी तक कोरोना वायरस रोधी टीकों की 167 करोड़ से ज्यादा खुराक दी जा चुकी हैं। कल 55 लाख 10 हजार 693 डोज़ दी गईं, जिसके बाद अबतक वैक्सीन की 167 करोड़ 87 लाख 93 हजार 137 डोज़ दी जा चुकी हैं।

बेघर लोगों के वैक्सीनेशन पर हलफनामा दाखिल

बेघर लोगों के वैक्सीनेशन पर हलफनामा दाखिल    

अकांशु उपाध्याय         नई दिल्ली। केंद्र सरकार की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल कर बताया गया है कि बिना पहचान-पत्र वाले चार लाख से ज्‍यादा लोगों को वैक्सीन लगाई गई है। इस पर जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि यह आंकड़ा काफी छोटा है। मामले पर सरकार का पक्ष करते हुए अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल ने बताया कि अब यह आंकड़ा 77 लाख पहुंच गया है और 14 लाख ऐसे लोगों को वैक्सीन की दूसरी डोज लगाई गई है। केंद्र की तरफ से ऐश्वर्या भाटी ने कहा कि भिखारियों और बेघर लोगों के वैक्सीनेशन को लेकर नया हलफनामा दाखिल करेंगी। सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार से भी हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया।

इससे पहले वैक्सीनेशन को लेकर सुप्रीम कोर्ट में केंद्र ने हलफनामा दाखिल कर कहा था कि कोविड-19 वैक्सीनेशन अनिवार्य नहीं है और ना ही किसी भी व्यक्ति को उसकी इच्छा के विरुद्ध वैक्सीनेशन के लिए मजबूर किया जा सकता है। वैक्सीनेशन कोई जनादेश नहीं है। सरकार ने कोई भी एसओपी जारी नहीं किया। जो किसी भी उद्देश्य से वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट को अनिवार्य बनाता हो। केंद्र की गाइडलाइन संबंधित व्यक्ति की सहमति प्राप्त किए बिना किसी भी जबरन वैक्सीनेशन की परिकल्पना नहीं करते।

केंद्र ने कहा है कि कोविड -19 वैक्सीनेशन व्यापक जनहित में है और विभिन्न प्रिंट और सोशल मीडिया प्लेटफार्मों के माध्यम से विधिवत सलाह, विज्ञापन और संचार किया गया है कि सभी नागरिकों को वैक्सीनेशन करवाना चाहिए। किसी भी व्यक्ति को उसकी इच्छा के विरूद्ध वैक्सीनेशन के लिए मजबूर नहीं किया जा सकता है। केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने कहा है कि भारत सरकार ने कोई भी एसओपी जारी नहीं की है। जो किसी भी उद्देश्य के लिए वैक्सीनेशन प्रमाण पत्र को अनिवार्य बनाता है। 20 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था। जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की बेंच ने कहा था कि इस मामले में सॉलिसिटर जनरल अदालत की सहायता करें। केंद्र सरकार बताए कि इस महत्वपूर्ण मामले में क्या क्या कदम उठाए जा रहे हैं। दरअसल सुप्रीम कोर्ट में इवारा फाउंडेशन ने याचिका दाखिल कर दिव्यांग लोगों को घर-घर जाकर वैक्सीन लगाने की मांग की है। याचिका में कहा गया है कि ये लोग केंद्रों पर जाकर वैक्सीन नहीं लगवा सकते।

सीएम ने जनसभा कर, मतदाताओं से संवाद किया

सीएम ने जनसभा कर, मतदाताओं से संवाद किया  संदीप मिश्र  बरेली। बरेली के आंवला में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को सुभाष इंटर कॉलेज ग्...