रविवार, 10 अक्तूबर 2021

विधानसभा सीट उपचुनाव के लिए नामांकन किया

अविनाश श्रीवास्तव       

पटना। तेज प्रताप यादव का आशीर्वाद प्राप्त करके संजय कुमार ने तारापुर विधानसभा सीट उपचुनाव के लिए अपना नामांकन कर दिया। मगर दो दिन के अंदर ही तेजस्वी ने बड़ा खेल कर दिया। तेजस्वी ने शनिवार शाम संजय कुमार को अपने आवास पर बुलाया और उनसे मुलाकात की। जिसके बाद उन्होंने अपना नामांकन वापस लेने का ऐलान कर दिया और आरजेडी में भी शामिल हो गए।

तारापुर सीट से अपना नामांकन वापस लेने के संजय कुमार के फैसले पर तेज प्रताप यादव ने ट्वीट कर कर अपनी प्रतिक्रिया दी और कहा कि संजय कुमार के तारापुर से नामांकन करने या अब अपना नामांकन वापस लेने के इस पूरे मामले में उनका कोई लेना देना नहीं है। इस पूरे मामले में अपना नाम घसीटे जाने को लेकर तेज प्रताप ने तेजस्वी यादव के राजनीतिक सलाहकार संजय यादव पर हमला बोला।

लखीमपुर की घटना ने पूरे देश को हिलाकर रखा

अकांशु उपाध्याय      
नई दिल्ली। कांग्रेस ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से पत्र लिखकर मुलाकात का समय मांगते हुए कहा है कि पार्टी का एक प्रतिनिधिमंडल पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के नेतृत्व में उनसे मिलना चाहता है। जो लखीमपुर की घटना को लेकर उनसे बात कर उन्हें विस्तृत ज्ञापन सौंपेगा। कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने रामनाथ कोविंद को लिखे पत्र में कहा है कि लखीमपुर की घटना के प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि जिस गाड़ी ने किसानों को रौंदा है। उसे गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा का पुत्र चला रहा था। लेकिन सरकार इस मामले में कोई कर्रवाई नहीं कर रही है।
उन्होंने राष्ट्रपति से आग्रह किया कि कांग्रेस का प्रतिनिधि मंडल इस मुद्दे पर गांधी के नेतृत्व में उनसे मुलाकात कर उन्हें सारी स्थिति से अवगत कराना चाहता है। पत्र में कहा गया है कि इस प्रतिनिधिमंडल में राहुल गांधी की अलावा पूर्व केंद्रीय मंत्री एके एंटनी, राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे, लोकसभा में पार्टी के नेता अधीर रंजन चौधरी , वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद, पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा और के सी वेणुगोपाल शामिल होंगे।
पत्र में वेणुगोपाल ने कहा है कि लखीमपुर की घटना ने पूरे देश को हिला कर के रख दिया है और गृह राज्य मंत्री पर इसको लेकर आरोप लगाए जा रहे हैं लेकिन भारतीय जनता पार्टी की सरकार उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं कर रही है।

घटना को हिन्दू बनाम सिख बनाने की कोशिश की

अकांशु उपाध्याय     
नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद वरुण गांधी ने रविवार को आरोप लगाया कि लखीमपुर खीरी में पिछले दिनों हुई हिंसा की घटना को हिन्दू बनाम सिख बनाए जाने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने कहा कि यह कोशिश ना सिर्फ ‘अनैतिक व गलत धारणा’ पैदा करने वाली है बल्कि ‘खतरनाक’ भी है। वरुण गांधी किसानों के मुद्दे पर लगातार अपनी राय रख रहे हैं। लखीमपुर खीरी में पिछले दिनों हुई हिंसा को लेकर भी उन्होंने वीडियो साझा किए थे और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी।
इसके बाद भाजपा की नवगठित राष्ट्रीय कार्यसमिति से वरूण को बाहर कर दिया गया था। उन्होंने एक ट्वीट में कहा कि लखीमपुर खीरी की घटना को हिन्दू बनाम सिख की लड़ाई बनाने की एक कोशिश हो रही है। यह ना सिर्फ अनैतिक व गलत विमर्श पैदा करने वाली है बल्कि ऐसी कोई रेखा खींचना और उनके घावों को हरा करने का प्रयास, जिसे भरने में पीढ़ियां खप गईं, खतरनाक है। हमें राजनीतिक फायदे के लिए राष्ट्रीय एकता को ताक पर नहीं रखना चाहिए।
गौरतलब है कि लखीमपुर खीरी जिले के तिकोनिया क्षेत्र में गत रविवार को उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के दौरे का विरोध करने के दौरान हिंसा में चार किसानों समेत आठ लोगों की मौत हो गई थी। इस मामले में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष समेत कई लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। उत्तर प्रदेश पुलिस के एक विशेष जांच दल (एसआईटी) ने हिंसा के सिलसिले में आशीष मिश्रा को शनिवार को करीब 12 घंटे की पूछताछ के बाद गिरफ्तार कर लिया।

वरुण गांधी ने कहा कि लखीमपुर खीरी में न्याय के लिए संघर्ष गरीब किसानों की निर्दयी हत्या को लेकर है और इसका किसी धर्म विशेष से कोई लेनादेना नहीं है। उन्होंने कहा कि प्रदर्शनकारी किसानों को खालिस्तानी बताया जाना ना सिर्फ हमारी सीमाओं की सुरक्षा के लिए लड़ने और खून बहाने वालों देश के महान सपूतों का अपमान है बल्कि राष्ट्रीय एकता के लिए खतरनाक भी है, यदि इससे गलत प्रकार की प्रतिक्रया हो जाए तो।

आईपीएल के पांच मुक़ाबले में प्रतिनिधित्व किया

आबुधाबी। आलराउंडर हार्दिक पांड्या ने संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) चरण में खेले गए इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) 2021 के पांच मुक़ाबले में प्रतिनिधित्व किया। लेकिन किसी में भी उन्होंने गेंदबाज़ी नहीं की जो आगामी टी20 विश्वकप में भारत के लिए चिंता का सबब बन सकता है। हालांकि मुंबई इंडियंस के कप्तान रोहित शर्मा काफ़ी आश्वस्त हैं और उन्होंने कहा है कि पांड्या दिन ब दिन बेहतर होते जा रहे हैं।
आईपीएल प्लेऑफ से बाहर हो चुके पांच बार के चैंपियन मुंबई के कप्तान रोहित ने कहा, “फ़िज़ियो, ट्रेनर और पूरी मेडिकल टीम उनपर ध्यान दे रही है, फ़िलहाल तो उन्होंने इस लेग में एक भी गेंद नहीं डाली है। लेकिन वह दिन ब दिन बेहतर होते जा रहे हैं, मुझे लगता है कि अगले हफ़्ते से वह गेंदबाज़ी करने के लिए भी फ़िट हो जाएंगे। इसके ऊपर सिर्फ़ फ़िज़ियो या मेडिकल टीम ही कुछ बता सकती है।”
इससे पहले मुंबई इंडियंस के कोच माहेला जयवर्धने भी कह चुके हैं कि अगर उनपर गेंदबाज़ी के लिए दबाव डाला गया तो इसका असर उनकी बल्लेबाज़ी पर भी पड़ सकता है। हार्दिक के लिए आईपीएल का ये सीज़न बेहद निराशाजनक रहा, उन्होंने 14.11 के औसत से महज़ 117 रन बनाए और इस दौरान उनका स्ट्राइक रेट भी 113.39 ही रहा।
रोहित शर्मा ने उनकी बल्लेबाज़ी को लेकर कहा, “जहां तक उनके बल्लेबाज़ी का सवाल है तो हम सभी उनकी प्रतिभा से वाक़िफ़ हैं। इससे पहले भी वह इन हालातों से वापसी कर चुके हैं और मुझे व्यक्तिगत तौर पर भी विश्वास है कि वह दोबारा शानदार रंग में दिखेंगे।”
हार्दिक के अलावा भारतीय टी-20 विश्वकप में चार और मुंबई इंडियंस के खिलाड़ी शामिल हैं – जसप्रीत बुमराह, इशान किशन, सूर्यकुमार यादव और राहुल चाहर। बुमराह के अलावा और सभी खिलाड़ियों का प्रदर्शन उनके नाम के अनुरूप नहीं रहा है। हालांकि इशान और सूर्यकुमार ने लीग चरण के अंतिम मुक़ाबलों में फ़ॉर्म में वापसी ज़रूर की है। जबकि चाहर यूएई लेग में खेले चार मैचों में सिर्फ़ दो विकेट ही ले पाए।

कार्रवाई करते हुए मंत्री के बेटे की गिरफ्तारी की

संदीप मिश्र       
बरेली। वित्तमंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने लखीमपुर हिंसा प्रकरण में कहा कि केंद्रीय गृह राज्यमंत्री के इस्तीफा देने का कोई आधार नहीं है। प्रकरण में वैधानिक कार्रवाई करते हुए मंत्री के बेटे की गिरफ्तारी की गई है। सरकार गोरखपुर कांड हो या लखीमपुर खीरी। दोनों प्रकरणों में सरकार जांच करा रही है। सर्किट हाउस में पत्रकार वार्ता करते हुए सुरेश खन्ना ने बताया कि हुलासनगरा रेलवे क्रॉसिंग जाम के मामले के निस्तारण को लेकर रास्ता निकाल रहे हैं। कई अन्य मुद्दों पर भी बात की।

2021 के लिए अपने पुरस्कारों की घोषणा की

अकांशु उपाध्याय     
नई दिल्ली। वर्ष 1950 से निरंतर प्रकाशित हो रही चर्चित साहित्यिक पत्रिका ‘नई धारा’ ने 2021 के लिए अपने पुरस्कारों की घोषणा कर दी है। नई धारा’ के प्रधान संपादक डॉ. प्रमथराज सिंह ने पुरस्कारों की घोषणा करते हुए बताया कि वर्ष 2021 का पन्द्रहवां ‘उदयराज सिंह स्मृति सम्मान’ प्रसिद्ध लेखिका सूर्यबाला को दिया जाएगा, जिसके तहत उन्हें 1 लाख रुपए समेत सम्मान पत्र, प्रतीक चिह्न आदि भेंट किए जाएंगे।
इसके साथ ही लेखक विनोद कुमार सिन्हा (सीतामढ़ी), चर्चित लेखिका और भारतीय विदेश सेवा की वरिष्ठ अधिकारी अंजू रंजन (जोहान्सबर्ग) तथा चर्चित तेलुगु कवि डॉ. याकूब (हैदराबाद) वर्ष-2021 के ‘नई धारा रचना सम्मान’ से नवाजे जाएंगेI इन तीनों को 25-25 हजार रुपए समेत सम्मान-पत्र, प्रतीक चिह्न आदि भेंट किए जाएंगे।
डॉ. प्रमथराज सिंह ने बताया कि सम्मानों के चयन के लिए राष्ट्रीय स्तर पर साहित्य अकादमी के सचिव डॉ. के. श्रीनिवास राव की अध्यक्षता में एक समिति बनाई गई थी, जिसके अन्य सदस्य थे, दिल्ली विश्वविद्यालय के हिन्दी विभागाध्यक्ष प्रो. श्योराज सिंह ‘बेचैन’ तथा सुप्रतिष्ठ लेखक डॉ. हरिसुमन बिष्ट (दिल्ली)। समिति को ‘नई धारा’ में अप्रैल, 2020 से मार्च, 2021 तक के अंकों में प्रकाशित रचनाओं में से ही रचनाकारों का चयन करना था।
‘नई धारा’ के संपादक डॉ. शिवनारायण ने बताया कि वर्ष 2021 के सम्मान समारोह का आयोजन एक दिसम्बर, 2021 को पटना में किया जाएगा, जिसमें सभी रचनाकारों को सम्मानित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि बीते 72 वर्षों से निरंतर प्रकाशित हो रही ‘नई धारा’ में सम्मानों का आरंभ 2007 से हुआ।

विधिक सहायता सोसाइटी का गठन किया: एचसी

अकांशु उपाध्याय       
नई दिल्ली। दिल्ली उच्च न्यायालय के याचिकाकर्ताओं को मामूली शुल्क पर कानूनी सहायता प्रदान करने के लिए एक विधिक सहायता सोसाइटी का गठन किया गया है। सोसाइटी के शासी निकाय के सदस्य अधिवक्ता अनुराग अहलुवालिया ने कहा कि इसका उद्देश्य 60,000 रुपये प्रति माह या 7.5 लाख रुपये प्रति वर्ष आय वर्ग के याचिकाकर्ताओं को दिल्ली उच्च न्यायालय में मामूली शुल्क भुगतान पर कानूनी सहायता प्रदान करना है।
मुख्य न्यायाधीश डी एन पटेल ने पिछले महीने दिल्ली उच्च न्यायालय (मध्यम आय समूह) विधिक सहायता सोसाइटी के कार्यालय का उद्घाटन किया। सोसायटी के शासी निकाय में मुख्य संरक्षक न्यायमूर्ति पटेल और अध्यक्ष, न्यायमूर्ति विपिन सांघी समेत 12 सदस्य शामिल हैं।
सोसायटी के एक बयान में कहा गया है कि इसका उद्देश्य उन याचिकाकर्ताओं को कानूनी सहायता प्रदान करना है जो विधिक सेवा प्राधिकरण कानून, 1987 के तहत कानूनी सहायता के पात्र नहीं हैं, लेकिन उन्हें अपने मामूली साधनों के कारण कानूनी सहायता की आवश्यकता है। सेवाओं में अदालत में पेशी, याचिका तैयार करने, परामर्श लेने की सुविधाएं शामिल हैं।

सोसाइटी की सेवाओं का लाभ उठाने के लिए याचिकाकर्ता को एक निश्चित शुल्क का भुगतान करना होगा जो पूरे मामले के लिए 10,000 रुपये से 15,000 रुपये तक होगा। देश भर में प्रत्येक उच्च न्यायालय में सोसाइटी के गठन के लिए उच्चतम न्यायालय के निर्देश के अनुसार इसका गठन किया गया है।

लोगों के लिए 'पेयजल आपूर्ति' सुनिश्चित की जाएं

लोगों के लिए 'पेयजल आपूर्ति' सुनिश्चित की जाएं  इकबाल अंसारी  चेन्नई। तमिलनाडु में गर्मी दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है। इसे देखते हुए मु...