बुधवार, 6 अक्तूबर 2021

चैम्पियनशिप के मैच में जीत दर्ज करना चाहेगी टीम

ढाका।  बांग्लादेश की 10 खिलाड़ियों की टीम से 1-1 से ड्रा खेलने के बाद भारतीय फुटबॉल टीम के आत्मविश्वास पर असर पड़ा होगा। लेकिन टीम जल्द ही इससे उबरकर गुरूवार को यहां श्रीलंका के खिलाफ सैफ चैम्पियनशिप के दूसरे मैच में जीत दर्ज करना चाहेगी। भारत को बांग्लादेश के खिलाफ पिछले मैच में निराशा हाथ लगी जिसके खिलाफ उसने ज्यादातर समय दबदबा बनाया हुआ था और कप्तान सुनील छेत्री की बदौलत बढ़त भी हासिल कर ली थी जिसे देखते हुए उसे जीत दर्ज करनी चाहिए थी।
लेकिन ऐसा नहीं हो सका जिससे भारतीय टीम टूर्नामेंट की पहली जीत दर्ज करने के लिये बेताब होगी। श्रीलंका के खिलाफ उसने रिकार्ड सात बार जीत हासिल की है। ‘ब्लू टाइगर्स’ के मुख्य कोच इगोर स्टिमक हाल में भारत के मैचों में जीत दर्ज करने में विफलता के कारण आलोचनाओं से घिरे हुए हैं और गुरूवार को वह काफी दबाव में होंगे। बांग्लादेश के खिलाफ निराशा के बावजूद भारत को निचली रैंकिंग की श्रीलंकाई टीम के खिलाफ जीत का भरोसा है जो अभी तक टूर्नामेंट में जूझती नजर आयी है।
उसने अभी तक दोनों मैच गंवाये हैं जिसमें उसने चार गोल खाये और दो गोल किये हैं। छेत्री ने पिछले मैच में भारत को बढ़त दिला दी थी जिसके बाद बांग्लादेश के बिश्वनाथ घोष को दूसरे हाफ में रेड कार्ड दिखा दिया गया। यासिर अराफात ने बाद में अपनी टीम के लिये गोल कर मैच ड्रा कराने में अहम भूमिका निभायी।
यह भारतीय करिश्माई फुटबॉलर फिर गोल करके अपने गोल की संख्या बढ़ाना चाहेगा। छेत्री अंतरराष्ट्रीय गोल के मामले में ब्राजील के सुपरस्टार पेले की बराबरी से महज एक गोल पीछे है। श्रीलंका के खिलाफ उनके लिये अपने चमकदार करियर में एक और उपलब्धि करने का मौका होगा। लेकिन ऐसा करने के लिये उन्हें टीम से सहयोग की जरूरत होगी, तभी वह मैच में पूरे अंक दिला पायेंगे। बांग्लादेश के खिलाफ ड्रा की निराशा के बाद स्टिमक ने अपनी टीम को दोषी ठहराया था।

हत्यारों को बचाने का प्रयास कर रहीं सरकार: सीएम

अकांशु उपाध्याय          
नई दिल्ली। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में किसानों की हत्या की गई और अब सरकार हत्यारों को बचाने का प्रयास कर रही है। केजरीवाल ने संवाददाता सम्मेलन में आज यहाँ कहा कि दिन-दहाड़े किसानों को गाड़ी से कुचल दिया गया और इस मामले में दोषियों को अब तक गिरफ़्तार नहीं किया गया। इस मामले में हत्यारे को जिस प्रकार बचाया जा रहा है वैसा तो हिंदी फ़िल्मों में देखने को मिलता था। पूरी सरकार हत्यारे को बचाने में लगी।
उन्होंने कहा कि कोई नेता हो या बड़ा आदमी हो तो क्या वह किसी को कुचल देगा। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से आग्रह किया कि पूरा देश लखीमपुर खीरी का सच जानना चाहता है इसलिए आपको किसानों का दर्द बाँटना और सच्चाई को सामने लाने देना चाहिए। उन्होंने कहा कि ऐसा क्या छुपाया जा रहा है घटनास्थल पर विपक्ष के नेताओं पत्रकारों को जाने से रोका जा रहा है।
उन्होंने कहा पूरा देश एक तरफ़ आज़ादी का अमृत महोत्सव मना रहा है वहीं दूसरी तरफ़ पीड़ित किसानों से मिलने जो जा रहे हैं उनको गिरफ़्तार किया जा रहा है। केजरीवाल ने कहा कि एक साल से किसान सीमा पर बैठे हैं उनमें से छह सौ किसानों की मौत हो गई है और अब उनपर गाड़ी चढ़ाकर मारा जा रहा है आख़िर किसानों से इतनी नफ़रत क्यों है। उन्होंने कहा कि लखीमपुर में किसानों को नहीं कुचला गया बल्कि पूरी व्यवस्था को कुचला गया है।

राजनीति: भ्रम फैलाने की कोशिश कर रहे हैं राहुल

अकांशु उपाध्याय     
नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने कहा है कि उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में हुई हिंसा को लेकर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी भ्रम फैलाने की कोशिश कर रहे हैं और उनका गैर जिम्मेदाराना रवैया हिंसा को भड़काने का काम कर रहा है। गांधी ने बुधवार को लखीमपुर खीरी हिंसा को लेकर एक संवाददाता सम्मेलन में केंद्र सरकार पर हमला बोला जिसके बाद भाजपा प्रवक्ता संम्बित पात्रा ने यहाँ संवाददाता सम्मेलन में पलटवार करते हुए कहा कि जब लखीमपुर खीरी हिंसा मामले की जांच चल रही है , तब  गांधी इस तरह के बयान नहीं दे जिससे जांच पर असर हो। वह लोगों को भड़काने का काम कर रहे है।
उन्होंने कहा , “ लखीमपुर में जो भी हुआ वह दुखद है। किसानों और प्रशासन के बीच में समझौता हुआ है। हमने उसके पश्चात देखा है कि चाहे किसान संगठन हो, चाहे प्रशासन दोनों ने मिलकर बातचीत कर रहे हैं। दोनों के बीच समन्वय हुआ। दोनों ने बातचीत करके कुछ निष्कर्ष निकाल लिया।
मुख्यत: जो निष्कर्ष था वह एक निष्पक्ष जांच का था। पोस्टमार्टम पर किसी ने यदि सवाल नहीं उठाए, तो गांधी उसके विशेषज्ञ न होने के बावजूद भी उस पर भ्रम फैलाकर वातावरण को अशांत करने का प्रयास कर रहे हैं।” भाजपा प्रवक्ता ने आरोप लगाया कि गांधी परिवार का किसानों से कोई लेना देना नहीं। इस परिवार का व्यापारियों से, हिंदुस्तान के किसी वर्ग से कोई लेना-देना नहीं है।

गांधी परिवार का केवल और केवल अपने परिवार से ही लेना-देना है। लखीमपुर खीरी में जो हुआ उसको एक राजनीतिक अवसर के रूप में देखना निंदनीय है। उल्लेखनीय है कि आज कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने केंद्र और उत्तर सरकार पर हमला करते हुए कहा कि लोकतंत्र खत्म हो चुका है। किसानों को लखीमपुर में कुचला गया है लेकिन अब तक केंद्रीय मंत्री पर कोई कार्रवाई नहीं की गयी।

याचिका: प्रतिबंध के खिलाफ सुनवाई करेगा एचसी

अकांशु उपाध्याय     
नई दिल्ली। दिल्ली उच्च न्यायालय ने बुधवार को कहा कि दिवाली के दौरान राष्ट्रीय राजधानी में पटाखों की बिक्री, भंडारण और इस्तेमाल पर पूर्ण प्रतिबंध के खिलाफ याचिका पर वह 22 अक्टूबर को सुनवाई करेगा। साथ ही उसने कहा कि वह इस मुद्दे पर उच्चतम न्यायालय की सुनवाई के नतीजे का इंतजार करेगा। 
मुख्य न्यायाधीश डी एन पटेल और न्यायमूर्ति ज्योति सिंह की पीठ ने राहुल सांवरिया और तनवीर की याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा, ”हमें इंतजार करने दीजिए कि उच्चतम न्यायालय क्या निर्देश दे रहा है।” याचिकाकर्ताओं ने दावा किया कि दिल्ली सरकार का पूर्ण प्रतिबंध लगाने का फैसला ”अधिकार से परे” हैं क्योंकि उच्चतम न्यायालय ने राष्ट्रीय राजधानी में पटाखों की बिक्री पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने का कभी आदेश नहीं दिया।
मुख्य न्यायाधीश ने कहा, ”तो आप कह रहे हैं कि यह (प्रतिबंध) उच्चतम न्यायालय की अवमानना है? फिर अवमानना का मामला दायर कीजिए।” याचिकाकर्ताओं की ओर से पेश वकील गौतम झा ने कहा, ”मैं इस पर इतना जोर नहीं दे रहा हूं। मैं सिर्फ यह कह रहा हूं कि उच्चतम न्यायालय का आदेश इसकी अनुमति नहीं देता।
दिल्ली सरकार के वकील संतोष कुमार त्रिपाठी ने कहा कि यह मुद्दा सुनवाई के लिए उच्चतम न्यायालय के समक्ष आया है। झा ने कहा कि उन्होंने 15 सितंबर के आदेश में सुधार का अनुरोध किया है जिसमें प्रदूषण की चिंता के कारण दिवाली के दौरान सभी तरह के पटाखों के भंडारण, बिक्री और जलाने पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया गया है। उन्होंने कहा कि पूर्ण प्रतिबंध के कारण प्राधिकारी हरित पटाखों का विकल्प चुन सकती थी। याचिकाकर्ताओं ने दावा किया कि यह प्रतिबंध मनमाने, अतार्किक और अतिशय है।

जनरल एश्वर्या भाटी की दलीलों को रिकॉर्ड में रखा

अकांशु उपाध्याय      
नई दिल्ली। केंद्र ने उच्चतम न्यायालय को बुधवार को बताया कि विद्यार्थियों के हितों को ध्यान में रखते हुए, यह तय किया गया है कि नीट-सुपर स्पेशियलिटी परीक्षा के पैटर्न में किए गए बदलाव अकादमिक सत्र 2022-23 से लागू किए जाएंगे। न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़, न्यायमू्र्ति विक्रम नाथ और न्यायमूर्ति बी वी नागरत्न की पीठ ने अतिरिक्त सॉलीसिटर जनरल एश्वर्या भाटी की दलीलों को रिकॉर्ड में रखा और उन विद्यार्थियों की याचिकाओं का निपटान किया जिन्होंने इस वर्ष से नीट-सुपर स्पेशियलिटी के परीक्षा पैटर्न में बदलावों को लागू करने के केंद्र के पहले के फैसले को चुनौती दी थी। पीठ ने कहा कि परीक्षा के पैटर्न में किए गए बदलावों की वैधता के सवाल पर वह कुछ नहीं कह रही है। मंगलवार को, शीर्ष अदालत ने केंद्र को “अपने तरीके में सुधार” लाने का और नीट-सुपर स्पेशियलिटी परीक्षा 2021 में किए गए बदलावों को वापस लेने पर निर्णय लेने का केंद्र को एक आखिरी मौका दिया था।
नाराज शीर्ष अदालत ने कहा था कि चिकित्सा पेशा और शिक्षा एक व्यवसाय बन गया है, और अब, चिकित्सा शिक्षा का नियमन भी उस तरह से हो गया है जो देश की त्रासदी है। जुलाई में परीक्षा के लिए अधिसूचना जारी होने के बाद अंतिम समय में बदलाव करने के लिए केंद्र, राष्ट्रीय परीक्षा बोर्ड (एनबीई) और राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (एनएमसी) द्वारा दी गई दलील से शीर्ष अदालत संतुष्ट नहीं थी।
शीर्ष अदालत उन 41 स्नातकोत्तर चिकित्सकों और अन्य की याचिकाओं पर सुनवाई कर रही थी, जिन्होंने 13 और 14 नवंबर को होने वाली परीक्षा के लिए अधिसूचना जारी होने के बाद पाठ्यक्रम में अंतिम क्षणों में किए गए बदलाव को 23 जुलाई को चुनौती दी थी।

सुरक्षा के बजाय लाभ को तरजीह देने का आरोप

वाशिंगटन डीसी। फेसबुक की पूर्व डेटा वैज्ञानिक फ्रांसिस हौगेन ने सोशल नेटवर्क पर सुरक्षा के बजाय लाभ को तरजीह देने का आरोप लगाते हुए कांग्रेस से कहा कि उनका मानना ​​है कि सख्त सरकारी निरीक्षण से ही बच्चों को हो रहे नुकसान से लेकर राजनीतिक हिंसा को भड़काने से लेकर गलत सूचनाओं को बढ़ावा देने के मुद्दों को हल किया जा सकता है। हौगेन, आयोवा की 37 वर्षीय डेटा विशेषज्ञ हैं, जिनके पास कंप्यूटर इंजीनियरिंग में स्नातक डिग्री और हार्वर्ड से व्यवसाय में परास्नातक डिग्री है।
फेसबुक में काम करने से पहले, उन्होंने 15 साल तक उसने गूगल, पिंट्रेस्ट और येल्प सहित टेक कम्पनियों में काम किया। फेसबुक पर चुनाव को प्रभावित करने वाली कोई गतिविधि न हो, इसके लिए फ्रांसिस हौगेन को ‘प्रोडक्ट’ प्रबंधक के पद पर नियुक्त किया गया था। हौगेन ने उपभोक्ता संरक्षण पर सीनेट वाणिज्य उपसमिति के सामने अपना पक्ष रखते हुए फेसबुक की काफी निंदा की।

उन्होंने आरोप लगाया कि आंतरिक शोध में कुछ किशारों को नुकसान पहुंचने की बात सामने आई थी, लेकिन इसके बावजूद इंस्टाग्राम बदलाव करने में विफल रहा और नफरत एवं गलत सूचना फैलाने के खिलाफ सार्वजनिक लड़ाई में भी खरा नहीं उतर पाया। कम्पनी की सामाजिक शुचिता इकाई की नौकरी छोड़ने से पहले हौगेन ने आंतरिक अनुसंधान दस्तावेजों के हजारों पृष्ठों की प्रति निकाल ली थी, जो हौगेन के आरोपों को सही साबित करते हैं।

हौगेन ने साथ ही फेसबुक के सोशल मीडिया मंचों को कैसे सुरक्षित बनाया जा सकता है, इस बारे में भी विचार पेश किए। हौगेन ने इसके लिए मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) मार्क जुकरबर्ग के साथ ही कम्पनी की ‘प्रॉफिट-ओवर-सेफ्टी’ (सुरक्षा पर लाभ को तरजीह देने) की रणनीति को सबसे अधिक जिम्मेदारी ठहराया, लेकिन साथ ही उन्होंने फेसबुक की दुविधा को लेकर सहानुभूति भी व्यक्त की।
हौगेन ने कहा कि फेसबुक के मंच किशोरों को नुकसान पहुंचा रहे हैं, विभाजन को बढ़ावा दे रहे हैं और हमारे लोकतंत्र को कमजोर कर रहे हैं। कम्पनी का नेतृत्व जानता है कि फेसबुक और इंस्टाग्राम को कैसे सुरक्षित बनाया जाए, लेकिन वे आवश्यक परिवर्तन नहीं करेंगे क्योंकि उन्होंने लोगों से अधिक अपने लाभ को तरजीह दी है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस की कार्रवाई जरूरी है। वे इस संकट से आपकी मदद के बिना नहीं निपट सकते हैं।

श्रद्धालुओं ने गंगा मैया में आस्था की डुबकी लगाई

हरिओम उपाध्याय      
गजरौला। पितृ विसर्जन अमावस्या पर सैकड़ों श्रद्धालुओं ने पतित पावनी गंगा मैया में आस्था की डुबकी लगाई। बृजघाट और तिगरी गंगा घाट पर भोर की पहली किरण से ही स्नान का दौर शुरू हो गया। एक तरफ श्रद्धालु पितरों के तर्पण के लिए स्नान कर रहे थे वहीं दूसरी ओर हाईवे पर लंबा जाम लग गया। करीब 6 किलोमीटर तक वाहनों की लाइन लगी रही। जिससे राहगीरों को परेशानियों का सामना करना पड़ा।
बुधवार को पितृ विसर्जन अमावस्या पर श्रद्धालुओं ने ब्रजघाट और तिगरी गंगा घाट पर स्नान कर पुण्य कमाया। अपने पितरों की याद में गंगा घाट पर पूजन किया और तर्पण कर आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की। हिंदू धर्म में पितृ विसर्जन अमावस्या का खासा महत्व है। गंगा किनारे श्रद्धालुओं ने पूजा पाठ कर दान पुण्य किया।
अधिकांश श्रद्धालु मंगलवार की शाम को ही बृजघाट और तिगरी पहुंच गए बुधवार की सुबह से ही स्नान का दौर शुरू हो गया। स्नान के चलते हाईवे पर लंबा जाम लग गया जिससे लोगों को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ा हाईवे के अलावा गजरौला तिगरी मार्ग पर भी जाम रहा। जाम को लेकर पुलिस के पसीने छूटते रहे।

सीएम ने जनसभा कर, मतदाताओं से संवाद किया

सीएम ने जनसभा कर, मतदाताओं से संवाद किया  संदीप मिश्र  बरेली। बरेली के आंवला में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को सुभाष इंटर कॉलेज ग्...