मंगलवार, 10 अगस्त 2021

लक्ष्यों की पूर्ति हेतु कारगर प्रयासों की जरूरत बताईं

पंकज कपूर                    
देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राज्य के वित्तीय प्रबंधन पर विशेष ध्यान देने, आय के संसाधनों को बढ़ाने, राजस्व हानि रोकने के प्रयासों के साथ ही बजट के निर्धारित लक्ष्यों की पूर्ति हेतु कारगर प्रयासों की जरूरत बताईं है। राज्य से गरीबी, बेरोजगारी एवं पलायन से मुक्ति के लिये संतुलित एवं समावेशी विकास पर भी ध्यान देने के निर्देश मुख्यमंत्री ने दिये है। राज्य की वार्षिक विकास दर, औद्योगिक विकास दर, कृषि एवं सम्बद्ध विकास दर को बढ़ाने के प्रयासों पर भी उन्होंने ध्यान देने को कहा है।
सोमवार को देर रात तक मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मुख्य सचिव, अपर मुख्य सचिव, सचिव वित्त, वित्त के विभिन्न विभागों के उच्चाधिकारियों के साथ राज्य की वित्तीय स्थिति की समीक्षा की। सचिव वित्त अमित नेगी ने व्यापक प्रस्तुतीकरण के माध्यम से राज्य की वित्तीय स्थिति आय-व्ययक आदि से सम्बन्धित विषयगत जानकारी मुख्यमंत्री के समक्ष रखी। उन्होंने बताया कि राजय का इस वर्ष का बजट 58 हजार करोड़ है।
मुख्यमंत्री ने राज्य में आय के संसाधनों तथा पूंजी निवेश को बढ़ाने के प्रयासों पर बल देते हुए कहा कि कोविड 19 के दृष्टिगत वित्तीय स्थिति पर भी इसका प्रभाव पड़ा है। बावजूद इसके बेहतर वित्तीय प्रबंधन के द्वारा हमें इस स्थिति में सुधार लाने के प्रयास करने होंगे।
मुख्यमंत्री ने आय के संसाधनों को बढ़ावा देने वाली योजनाओं के क्रियान्वयन, राज्य के 70 प्रतिशत वन भूमि से वन उपज आदि को आय के संसाधनों से जोड़ने, खनन की व्यवहारिक नीति बनाने, कर राजस्व आदि पर ध्यान देने पर बल दिया।
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि जिन योजनाओं के लिये केन्द्र से वित्तीय मदद मिलनी है उनके प्रस्ताव तैयार किये जाए। उन्होंने उ0प्र0 से परिवहन, ऊर्जा एवं अन्य विभागों से सम्बन्धित प्रकरणों के त्वरित निस्तारण के भी निर्देश दिये।
इस अवसर पर मुख्य सचिव डॉ एस.एस. संधु, अपर मुख्य सचिव मनीषा पंवार, आनन्द वर्द्धन, अपर प्रमुख सचिव अभिनव कुमार, विशेष सचिव पराग मधुकर धकाते, प्रभारी सचिव वी षणमुगम, अपर सचिव अरूणेन्द्र सिंह चौहान, अमिता जोशी सहित कोषागार, ऑडिट, पेंशन स्टेट जी.एस.टी. स्टाम्प रजिस्ट्रेशन, रजिस्ट्रार सोसायटी आदि विभागों के उच्चाधिकारियों मौजूद रहे।

सामने हुई भिडंत में 2 लोगों की मौंत हुईं, 3 घायल

मनोज सिंह ठाकुर                    
भोपाल। मध्यप्रदेश के भोपाल जिले के बैरसिया थाना क्षेत्र के भौंरा जोड़ पर दो मोटरसायकलों की आमने सामने हुई भिडंत में दो लोगों की मौत हो गई और तीन लोग गंभीर रूप से घायल हो गए हैं।
पुलिस सूत्रों ने आज बताया कि अनुसार विदिशा जिले के भूतपरासी गांव का निवासी विनोद मीणा (30) अपने परिचित मनोहर अहिरवार के साथ कल शाम को भोपाल जा रहे थे। इसी दौरान उनकी मोटरसायकल भौंरा जोड के पास बैरसिया के वार्ड नंबर-7 के निवासी सलीम बेलदार (25) के मोटरसायकल से टकरा गई, जो अपने परिचित शफीक और छोटे भाई के साथ विदिशा की तरफ जा रहे थे। घटना के बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने सभी घायलों स्वास्थ्य केंद्र बैरसिया पहुंचाया। जहां चिकित्सकों ने परिक्षण उपरांत विनोद मीणा और सलीम बेलदार को मृत घोषित कर दिया। हादसे में घायल हुए मनोहर अहिरवार, शफीक और एक अन्य की हालत अस्तपाल में स्थिर बताई गई।

सभा: नाराज पीएम मोदी ने सांसदों की लिस्ट मांगी

अकांशु उपाध्याय                            
नई दिल्ली। संसद की कार्यवाही से सामान्यता नदारद रहकर महत्वपूर्ण मुददों पर सरकार की किरकिरी होने की स्थिति पैदा कराने वाले भाजपा सांसदों से नाराज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ऐसे सांसदों की लिस्ट मांगी है। जो बंक मारकर संसद से नदारद रहने में माहिर हो चुके हैं।
मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राजधानी में चल रहे मानसून सत्र के दौरान संसद की कार्यवाही से भाजपा सांसदों के नदारद रहने पर गहरी नाराजगी जताई है। संसद से बंक मारकर अपनी जिम्मेदारी से दूर भागने वाले भाजपा सांसदों की प्रधानमंत्री ने लिस्ट मांगी है। जिससे अनुमान लगाया जा रहा है कि सामान्य तौर पर संसद की कार्यवाही से दूर भागने वाले भाजपा सांसदों के खिलाफ पार्टी स्तर पर अब कार्यवाही की जा सकती है? गौरतलब है कि राज्यसभा में सोमवार को पेश किए गए अधिकरण सुधार विधेयक-2021 को पारित किए जाने के दौरान भाजपा के कई सांसद अनुपस्थित रहे थे। जिसके चलते मत विभाजन के दौरान सरकार के सामने बड़ी ही विकट स्थिति उत्पन्न हो गई थी। 
शायद यही कारण है कि भाजपा संसदीय दल की बैठक में सांसदों के संसद सत्र से दूर रहने पर गहरी नाराजगी जताते हुए प्रधानमंत्री ने ऐसे सांसदों की सूची मंगवाई है जो सोमवार को राज्यसभा में पेश किए गए विधेयक के पारित होने के दौरान सदन से नदारद रहे थे। हालांकि सोमवार को राज्यसभा के पटल पर रखे गए अधिकरण सुधार विधेयक-2021 को विपक्षी सदस्यों के हंगामे के बीच मामूली चर्चा के बाद मंजूरी दे दी गई थी। इस विधेयक में चलचित्र कानून, सीमा शुल्क कानून और व्यापार चिन्ह कानून समेत कई कानूनों में संशोधन करने का प्रस्ताव किया गया है। विपक्ष ने इस विधेयक को प्रवर समिति में भेजने का प्रस्ताव रखा और बाद में उसके ऊपर मत विभाजन कराने की मांग की। हालांकि मत विभाजन के दौरान सदन ने 44 के मुकाबले 79 मतों से विपक्ष के प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया। उल्लेखनीय है कि राज्यसभा में भाजपा के वर्तमान समय में कुल 94 सांसद हैं। जिसके चलते कई बार ऐसे हालात उत्पन्न हो जाते हैं कि भाजपा सांसदों की अनुपस्थिति से सरकार की किरकिरी होने का अंदेशा बना रहता है।

शहीद हुए कौशल के परिजनों को गिरफ्तार किया

हरिओम उपाध्याय                  
आगरा। पुलवामा हमले में वीरगति को प्राप्त हुए सीआरपीएफ के जवान कौशल किशोर रावत के परिवारजनों के दुख को साझा करने के लिए गांव पहुंचे राष्ट्रीय लोकदल के अध्यक्ष जयंत चौधरी ने कहा है कि योगी सरकार के इशारे पर जिस तरह से आगरा पुलिस द्वारा अपनी समस्याओं की बाबत सीएम से मिलने जा रहे पुलवामा आतंकी हमले में शहीद हुए कौशल किशोर रावत के परिजनों को गिरफ्तार किया गया है। वह देश के सामने योगी सरकार की दमनकारी नीति का जीता जागता प्रमाण है।
मंगलवार को राष्ट्रीय लोकदल के राष्ट्रीय अध्यक्ष जयंत चौधरी ने आगरा जनपद के कहरई गाँव में पहुंचकर पुलवामा में वीरगति को प्राप्त हुए सीआरपीएफ के जवान कौशल किशोर रावत की माताजी, पत्नी ममता रावत और पुत्र अभिषेक से मुलाकात कर उनके दुःख को साझा किया।
इस दौरान राष्ट्रीय लोकदल के राष्ट्रीय अध्यक्ष जयंत चौधरी ने कहा कि उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार के इशारे पर जिस तरह से आगरा पुलिस द्वारा पुलवामा आतंकी हमले में शहीद हुए कौशल किशोर रावत के परिजनों को गिरफ्तार किया गया है। वह देश के सामने सरकार की दमनकारी नीति को प्रमाणित करता है।
उन्होंने सवालिया लहजे में पूछा कि सरकार द्वारा की गई घोषणाओं को पूरा करने की माँग को लेकर मुख्यमंत्री से मिलना क्या कोई गुनाह है उत्तर प्रदेश में।
रालोद मुखिया जयंत चौधरी ने कहा कि प्रशासन को सात दिन का समय दिया जाता है। शहीद के परिजनों की सभी माँगों पर सुनवाई कर उन्हें पूरा करे। राष्ट्रीय लोकदल का प्रतिनिधिमंडल लखनऊ में भी महामहिम राज्यपाल से मुलाकात कर इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना से अवगत कराएगा। उन्होंने कहा है कि यह शहीदों का बड़ा ही दुर्भाग्य है कि देश के लिए हंसते हंसते अपने प्राण न्यौछावर करने वाले एक शहीद के परिवार को अपनी जायज माँगों के लिए सरकार के सामने गिडगिडाते हुए उसके दरवाजे खटखटाने पड़ रहे है। इस मामले में मुख्यमंत्री की नैतिक जिम्मेदारी बनती है कि वह खुद कौशल किशोर रावत के घर जाकर परिजनों से मुलाकात कर उनकी माँगों पर विचार करते।

2 लोगों को गिरफ्तार कर रैकेट का भंडाफोड़ किया

श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर पुलिस ने मंगलवार को पुंछ जिले में दो लोगों को गिरफ्तार कर हवाला रैकेट का भंडाफोड़ किया और 25.81 लाख रुपये बरामद किये।
पुलिस प्रवक्ता ने यहां बताया कि खुफिया सूचना के आधार पर पुलिस ने भारतीय सेना के साथ आज सुबह नियंत्रण रेखा के पास मेंढर क्षेत्र के कांगा भ्रूटी गांव में विभिन्न स्थानों पर छापे मारे। सुरक्षा बलों ने इस दौरान 25,81,500 रुपये जब्त किये, जो आतंक के वित्तपोषण के लिए थी।
इस सिलसिले में दो लोगों को गिरफ्तार किया गया है।जिनकी पहचान कांगा के मोहम्मद शकील और कांगा भ्रूटी के मोहम्मद इलियास के रूप में की गयी है। उन्होंने बताया कि संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी गयी है।

100 फुट की ऊंचाई पर 3 तिरंगे लगाएंगा विभाग

अकांशु उपाध्याय                  
नई दिल्ली। लोक निर्माण विभाग 15 अगस्त यानी देश के 75वें स्वतंत्रता दिवस तक ईस्ट किदवई नगर, रानी बाग और ईस्ट विनोद नगर में 100 फुट की ऊंचाई पर तीन तिरंगे लगाएगा। अधिकारियों ने मंगलवार को यह जानकारी दी। यह परियोजना दिल्ली सरकार के ”देशभक्ति बजट” के तहत पूरी की जा रही है।
लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) के अधिकारियों के अनुसार पहले उन्हें 15 अगस्त तक पांच स्थानों पर ध्वज स्थापित करने थे। लेकिन फिलहाल तीन तिरंगे ही लगाए जाएंगे। ईस्ट किदवई नगर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के निर्वाचन क्षेत्र नयी दिल्ली जबकि ईस्ट विनोद नगर उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के विधानसभा क्षेत्र पटपड़गंज में आता है।
रानी बाग पीडब्ल्यूडी मंत्री सत्येंद्र जैन के निवार्चन क्षेत्र शकूरबस्ती में है । पीडब्ल्यूडी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ”हम इसे बहुत कम समय में पूरा करने के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं। हमें यकीन है कि 15 अगस्त तक ईस्ट किदवई नगर, रानी बाग और ईस्ट विनोद नगर में 100 फुट की ऊंचाई पर तिरंगे लगा दिये जाएंगे। इन स्थानों पर काम भी शुरू हो चुका है।
उन्होंने कहा कि द्वारका और कालकाजी में दो और स्थानों की पहचान की गई है। लेकिन 15 अगस्त तक वहां 100 फुट की ऊंचाई पर तिरंगे झंडे स्थापित किये जाने की संभावना नहीं है। इस साल मार्च में, दिल्ली सरकार ने देशभक्ति पर आधारित अपने वार्षिक बजट की घोषणा की थी और इसे ‘देशभक्ति बजट’ नाम दिया था, जिसके तहत राष्ट्रीय राजधानी में 500 स्थानों पर ये तिरंगे स्थापित करने के लिए 45 करोड़ रुपये निर्धारित किए गए हैं।
एक अन्य पीडब्ल्यूडी अधिकारी ने कहा कि 15 अगस्त के बाद और स्थानों की पहचान कर अधिक 100 फुट की ऊंचाई पर तिरंगे लगाए जाएंगे। उन्होंने कहा, “ईस्ट किदवई नगर में नवनिर्मित आवासीय परिसर के पार्क में 100 फुट की ऊंचाई पर तिरंगा लगाया जा रहा है। पूर्वी विनोद नगर और रानी बाग में सार्वजनिक पार्कों में झंडे लगाए जा रहे हैं। हम 500 और स्थानों पर झंडे लगाने के लिए सार्वजनिक स्थानों, पार्कों, मैदानों, स्कूल भवनों व आवासीय परिसरों का सर्वेक्षण कर रहे हैं।
अधिकारी ने कहा कहा कि कनॉट प्लेस की तर्ज पर ऊंचे ध्वजस्तंभ पर ये तिरंगे इस तरह से लगाए जाएंगे कि वे कम से कम दो-तीन किलोमीटर की दूरी से दिखाई दें। इसके लिये निविदा भी आमंत्रित की जा चुकी हैं।

इकाई ने ‘भारतीय आर्थिक पार्टी’ का गठन किया

राणा ओबराय                 
लुधियाना। पंजाब में उद्योगपतियों की एक इकाई ने यहां ‘भारतीय आर्थिक पार्टी’ का गठन कर भारतीय किसान यूनियन (चढूनी) के प्रमुख गुरनाम सिंह चढूनी को 2022 में विधानसभा चुनाव में पार्टी का मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित किया है।
‘भारतीय आर्थिक पार्टी’ नाम की इस नई पार्टी ने किसानों, व्यापारियों और श्रमिकों का प्रतिनिधित्व करने का दावा किया है। हरियाणा के किसान नेता चढूनी की अध्यक्षता में विभिन्न व्यापारिक संगठनों के प्रतिनिधियों ने मुलाकात कर नई पार्टी की शुरुआत की।
एक व्यापारिक संगठन का नेतृत्व करने वाले तरुण बावा को नवगठित पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया गया। वहीं चढूनी को राज्य में 2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव में मुख्यमंत्री पद का चेहरा घोषित किया। चढूनी इस पार्टी में शामिल तो नहीं हुए लेकिन मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार के तौर पर उनके नाम की घोषणा के दौरान वह मंच पर मौजूद थे।
पिछले महीने चढूनी ने ‘मिशन पंजाब’ की बात करते हुए कहा था कि पंजाब में केंद्र के कृषि क़ानूनों के विरोध में प्रदर्शन करनेवाले संगठनों को पंजाब विधानसभा का चुनाव लड़ना चाहिए क्योंकि इससे  एक मॉडल पेश होगा कि तंत्र को कैसे बदला जाता है।
यहां सभा को संबोधित करते हुए चढूनी ने कहा कि ‘भारतीय आर्थिक पार्टी’ उनके ‘मिशन पंजाब-2022’ को सफल बनाने की दिशा में काम करेगी। उन्होंने कहा कि हमने पंजाब विधानसभा चुनाव-2022 में सभी 117 सीटों पर चुनाव लड़ने का फैसला किया है। उन्होंने दावा किया कि किसान, व्यापारी और श्रमिकों को कांग्रेस और भाजपा दोनों के हाथों लगातार उपेक्षा का सामना करना पड़ा है।
चढूनी ने आशा व्यक्त की कि ‘भारतीय आर्थिक पार्टी’ समाज के इन उपेक्षित वर्गों के लिए काम करेंगी। उन्होंने कहा कि किसी राजनीतिक पार्टी ने अब तक एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) के मुद्दे पर न तो कोई घोषणा की है और न किसानों को आश्वासन दिया है।
किसान नेता ने दावा किया कि नई पार्टी सदन में बहुमत हासिल करेगी और किसानों, व्यापारियों और श्रमिकों के हितों वाले क़ानून लाए जाएंगे। चढूनी ने शनिवार को संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) की सभी बैठकों से अलग रहने की घोषणा करते हुए आरोप लगाया कि इस आंदोलन का नेतृत्व कर रहे संयुक्त मोर्चे के कुछ नेता उनके और उनके समर्थकों के साथ भेदभाव कर रहे हैं।
हालांकि उन्होंने कहा कि वह इस संगठन के सभी फैसलों का पालन करेंगे क्योंकि वह नहीं चाहते हैं कि किसानों का आंदोलन कमजोर हो। पिछले महीने संयुक्त किसान मोर्चे ने चढूनी को यह कहने के बाद सात दिन के लिए निलंबित कर दिया था कि कृषि कानूनों का विरोध कर रहे पंजाब के किसान संगठनों को अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव में मैदान में उतरना चाहिए।

सीएम ने जनसभा कर, मतदाताओं से संवाद किया

सीएम ने जनसभा कर, मतदाताओं से संवाद किया  संदीप मिश्र  बरेली। बरेली के आंवला में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को सुभाष इंटर कॉलेज ग्...