शुक्रवार, 23 जुलाई 2021

गृहमंत्री शाह को तुरंत इस्तीफा दें देना चाहिए: कांग्रेस

अकांशु उपाध्याय
नई दिल्ली। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा है कि फोन टैपिंग करना एक हथियार है और मोदी सरकार ने इस हथियार का इस्तेमाल विपक्ष तथा संसदीय संस्थानों के खिलाफ किया है और यह काम गृहमंत्री अमित शाह के बिना नही हो सकता। इसलिए उन्हें तुरंत इस्तीफा देना चाहिए। गांधी ने शुक्रवार को यहां संसद भवन के बाहर संवादाताओं से कहा कि उनका फोन भी टैप हुआ है। इसी तरह से कई अन्य लोगो के फोन टैप हुए हैं और इस मामले की न्यायिक जांच करना ज़रूरी है। 
उन्होंने कहा कि फोन टेपिंग का काम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह की संस्तुति के बिना संभव नहीं है। इसलिए इस मामले में सबसे पहले गृह मंत्री को इस्तीफा देना चाहिए और उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश की देखरेख में मामले में प्रधानमंत्री की भूमिका की भी निष्पक्ष जांच होनी चाहिए। कांग्रेस नेता ने कहा कि इजरायल में इस तरह के काम को हथियार कहा जाता है और मोदी सरकार ने इस हथियार का इस्तेमाल संवैधानिक संस्थाओं, विपक्ष के नेताओं तथा सुरक्षा से जुड़े प्रमुख लोगों के खिलाफ किया है। इसलिए इसकी जांच जरूरी है। 

भर्ती प्रक्रिया को कलंकित करने पर कठोर कार्यवाही

हरिओम उपाध्याय             

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि हमारी सरकार में दी गई एक भी नौकरी पर कोई संदेह नहीं कर सकता। पहले की सरकारों में जब कोई भर्ती निकलती थी तो वे लोग वसूली के लिए झोला लेकर निकल पड़ते थे। हमारी एजेंसी उसे लेकर सतर्क है। हमने जेलें भी इसीलिए खाली करवाई हैं ताकि प्रदेश के नौजवानों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने, भर्ती प्रक्रिया को कलंकित करने वालों के खिलाफ कठोरता से कार्यवाही की जा सके।
मुख्यमंत्री योगी शुक्रवार को लोकभवन के सभागार में मिशन रोजगार के तहत बेसिक शिक्षा विभाग के 6,696 सहायक अध्यापकों को नियुक्ति पत्र वितरण सरोह को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने आगे कहा कि विपक्ष को परेशानी इस बात से है कि बच्चों को उप्र सरकार दो-दो यूनिफॉर्म, बैग, बुक्स, जूते-मोजे उपलब्ध करा रही है। गरीबों को जाति व क्षेत्र के आधार पर बांटने वाले लोग इन सब चीजों से परेशान हैं। अब इन बेईमान व भ्रष्ट लोगों को कोई पूछेगा नहीं। इन्हें चिंता है कि यह सब लोग आगे बढ़ जाएंगे तो फिर इनकी वंशवाद व जातिवाद की पूरी राजनीति समाप्त हो जाएगी। अब गरीब का बच्चा भी अच्छा जूता-मोजा पहनेगा, स्कूल जाएगा। वह जाड़े में ठिठुरेगा नहीं, उसे स्वेटर दिया जाएगा।

उन्होंने कहा कि पिछली सरकारों में 1 लाख, 35 हजार से अधिक बेसिक शिक्षा परिषद के विद्यालयों की स्थिति स्थिति अत्यंत दयनीय थी। भवन जर्जर थे। भवन है तो शिक्षक नहीं, शिक्षक है तो छात्र नहीं है, छात्र है तो बुनियादी सुविधाएं नहीं। छात्रों के पास यूनिफार्म नहीं होता था। बच्चों को नंगे पांव स्कूल जाना पड़ता था। उन्होंने यह भी कहा कि देश की सबसे बड़ी परीक्षा कराने जा रहे हैं, जिसमें आवेदकों की संख्या 30 लाख है। देखिएगा! कहीं तिनका नहीं हीलेगा।। 

 मुख्यमंत्री ने कहा कि अब टीईटी जो एक बार उत्तीर्ण करेगा, उसकी मान्यता आजीवन रहेगी। विपक्ष पर व्यंग्य वाण चलाते हुए कहा कि पारदर्शी व्यवस्था जिनको अच्छी नहीं लग रही है, वे कुछ तो बोलेंगे। वे चाहते ही नहीं कि ईमानदार प्रयास हो, व्यवस्था पारदर्शी बने, योग्यता के अनुसार लोगों को अवसर मिले, आरक्षण के नियमों का पालन हो। उन्होंने कहा कि जिनको अपनी प्रॉपर्टी जप्त करवानी हो, ऐसे लोग ही युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ करेंगे। भर्ती की प्रक्रिया ईमानदारी और शुचितापूर्ण संपन्न होने से युवाओं को अपने लक्ष्य को प्राप्त करने में मददगार साबित हो रहा है। आज यही कारण है कि बुरा उन लोगों को लग रहा है, जिनकी अवैध कमाई का जरिया बंद हो गया।

उन्होंने कहा कि हमारी सरकार में एक लाख, 20 हजार शिक्षकों की नियुक्ति केवल बेसिक शिक्षा परिषद में हुई है। माध्यमिक शिक्षा परिषद की अलग है, उच्च शिक्षा की अलग है, तकनीकी शिक्षा की अलग है, मेडिकल शिक्षा की अलग है, अगर उन सभी शिक्षाओं को हम एक साथ जोड़ लें तो अकेले शिक्षा विभाग में ही सरकार ने डेढ़ लाख से भी ज्यादा शिक्षकों की तैनाती की है। उन्होंने बताया कि विगत सवा चार वर्ष के दौरान डेढ़ लाख से अधिक शिक्षकों की भर्ती केवल शिक्षा से जुड़े हुए विभागों में उत्तर प्रदेश के अंदर हुई है और लगभग साढ़े चार लाख भर्ती की प्रक्रिया में तेजी से हम आगे बढ़ रहे हैं। यही नहीं प्रदेश के अंदर सुरक्षा का भी एक बेहतर वातावरण दिया गया है।

उन्होंने सवाल करते हुए कहा कि बेसिक शिक्षा से जुड़े विद्यालयों का प्रदेश की 24 करोड़ जनता को लाभ मिलना चाहिए कि नहीं? यह लाभ किस रूप में मिलना चाहिए। कहाकि हमारी बेसिक शिक्षा परिषद की स्कूल भी किसी पब्लिक स्कूल, किसी कान्वेंट स्कूल का मुकाबला करते हुए दिखाई दें। विपक्ष पर प्रहार करते हुए कहा कि जो लोग यह चाहते थे कि अपने बच्चों को और स्वयं ऑस्ट्रेलिया, इंग्लैंड या अन्य देशों में पढ़ने के लिए भेजते थे, इस मानसिकता के लोग जब सत्ता में बैठे तो सरकारी सभी विद्यालयों को जर्जर छोड़ दिए। ताकि गरीब का बच्चा ना पढ़ पाए। कहा कि मैं भी प्राथमिक विद्यालय से पढ़ा हूं।

 मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में बेसिक शिक्षा परिषद के 01 लाख, 35 हजार विद्यालय जर्जर थे, कोई पूछता नहीं था, आखिर 2017 के पहले भी तो सरकारें थी। वे लोग क्या कर रहे थे? बजट भी था, पैसा भी खर्च होता था, वेतन भी निकलता था। भवन के नाम पर भी पैसा जाता था, लेकिन विद्यालय जर्जर रहते थे। भवनों में बड़े-बड़े पेड़ उगे हुए थे, कहीं पीपल का तो कहीं बरगद का। कहीं-कहीं तो जमीन भी नहीं दिखाई देती थी, लेकिन विद्यालय के जर्जर भवन जरूर दिखाई देते थे। योगी ने कहा कि हमारी सरकार ने ऑपरेशन कायाकल्प मार्च 2017 में प्रारंभ किया। प्रत्येक विद्यालय के लिए सभी जनप्रतिनिधियों का आवाह्न किया गया, पुरातन छात्र परिषद का गठन किया गया। सभी बेसिक शिक्षा परिषद से कहा गया कि जितने छात्र हैं वह यूपी के हैं। कोई नौकरशाह, कोई जनप्रतिनिधि तो कोई व्यवसायी है। ऐसे सभी लोगों को ऑपरेशन कायाकल्प से जोड़ा गया। उसका परिणाम प्रदेशवासियों के सामने है। 

एससी ने एनजीटी के आदेश पर मुहर लगाईं, याचिका

अकांशु उपाध्याय             

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने नेशनल ग्रीन ट्रिब्युनल (एनजीटी) के उस आदेश पर मुहर लगा दी है। जिसमें एनजीटी ने कोरोना संकट के दौरान एनसीआर के सभी शहरों में पटाखों की बिक्री और इस्तेमाल पर रोक लगाने का आदेश दिया था। जस्टिस एएम खानविलकर की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा कि एनजीटी का फैसला सही है और इसमें दखल की एनजीटी ने दो दिसम्बर, 2020 को देश के उन शहरों में भी पटाखों की बिक्री और इस्तेमाल पर रोक लगा दिया था। जहां की वायु गुणवत्ता की श्रेणी खराब या उससे भी ऊपर की हो। एनजीटी ने कहा था कि जिन शहरों की वायु प्रदूषण की क्वालिटी मॉडरेट या उससे नीचे की रहेगी वहां केवल ग्रीन पटाखे बेचने या इस्तेमाल करने की अनुमति होगी। संबंधित राज्य सरकारें किसी खास त्योहार पर दो घंटे ग्रीन पटाखे बेचने की अनुमति दे सकती हैं। त्योहारों को छोड़कर उन शहरों में पटाखों के सीमित इस्तेमाल की पूर्व अनुमति डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट से लेनी होगी। डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट पटाखों के इस्तेमाल की अनुमति शहर की वायु गुणवत्ता के आधार पर देंगे।

एनजीटी ने कहा था कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक जिन शहरों की वायु प्रदूषण की क्वालिटी मॉडरेट या उससे नीचे की होगी। वहां क्रिसमस या न्यू ईयर पर रात 11 बजकर 55 मिनट से लेकर साढ़े 12 बजे तक ग्रीन पटाखे के इस्तेमाल की अनुमति होगी। एनजीटी ने निर्देश दिया था कि हर जिला मुख्यालय में वायु गुणवत्ता की मानिटरिंग के लिए एयर क्वालिटी मानिटरिंग स्टेशन स्थापित किया जाए। जहां ऐसे मानिटरिंग स्टेशन नहीं हैं। वहां तीन महीने के अंदर एयर क्वालिटी मानिटरिंग स्टेशन स्थापित किए जाएं। हर जिले की वायु गुणवत्ता संबंधी डाटा जिले की वेबसाईट पर अपलोड करने के अलावा शहर के मुख्य स्थानों पर प्रदर्शित किया जाए। 

6,100 पदों पर आवेदन की तारीख नजदीक आईं

अकांशु उपाध्याय                  
नई दिल्ली। स्टेट बैंक ऑफ इंडिया में अप्रेंटिस के 6100 से अधिक पदों पर आवेदन की अंतिम तारीख नजदीक आ गई है। नोटिफिकेशन के मुताबिक अप्रेंटिस के इन पदों पर आवेदन की अंतिम तारीख 26 जुलाई 2021 है। एग्जाम पास करने वाले कैंडिडेट्स को एक साल अप्रेंटिसशिप का मौका मिलेगा।
स्टेट बैंक ऑफ इंडिया में अप्रेंटिस के 6100 से अधिक पदों पर आवेदन की अंतिम तारीख नजदीक आ गई है। अगर आपने अब तक इन पदों के लिए आवेदन नहीं किया है या फिर आप इन पदों के लिए आवेदन करना चाहतें हैं तो जल्द एसबीआई की वेबसाइट पर जाकर एप्लीकेशन फॉर्म भर दें।एप्लीकेशन प्रोसेस पूरा होने के बाद एसबीआई की ओर से इन पदों पर भर्ती के लिए एग्जाम डेट की तारीखों की घोषणा की जाएगी।
बता दें कि इस एग्जाम को पास करने वाले कैंडिडेट्स को एक साल की अप्रेंटिसशिप का मौका मिलेगा और इसके साथ ही खास बात यह है कि उन्हें इस दौरान 15,000 रुपए प्रति महीने स्टाइपेंड मिलेगा।
2021नोटिफिकेशन के मुताबिक अप्रेंटिस के इन पदों पर आवेदन की अंतिम तारीख 26 जुलाई 2021 है। सभी कैंडिडेट्सों को 26 जुलाई तक एप्लीकेशन फीस जमा करके फॉर्म सबमिट करना होगा।
एसबीआई ने जो नोटिफिकेशन जारी किया था, उसके मुताबिक किसी भी स्ट्रीम से ग्रेजुएशन की डिग्री हासिल करने वाले 20 से 28 साल तक के कैंडिडेट इन पदों के लिए आवेदन कर सकते हैं वहीं रिजर्व कैटेगरी के कैंडिडेट्सों को आयु सीमा में नियमों के अनुसार छूट दी जाएगी।
जनरल, ओबीसी और ईडब्ल्यूएस कैटेगरी के कैंडिडेट्स को 300 रुपये एप्लीकेशन फीस जमा करनी होगी और अन्य सभी कैटेगरी के लिए आवेदन निशुल्क है। आवेदन शुल्क डेबिट कार्ड या क्रेडिट कार्ड से भी जमा किया जा सकता है।

28 लोगों की मौंत, जांच कर रहे है एसएएचपीआरए

अकांशु उपाध्याय      

नई दिल्ली। साउथ अफ्रीकन हेल्थ प्रोडक्ट्स रेगुलेटरी अथॉरिटी (एसएएचपीआरए) ने कहा कि वह 28 लोगों की मौत की जांच कर रहे है। जिनकी मौत कोविड-19 का टीका लगने के बाद हुई थी। यह अध्ययन निर्धारित करने के लिए किया जाएगा कि क्या ये मौतें सीधे उस देश में टीकाकरण से जुड़ी हैं ? जहां जॉनसन एंड जॉनसन और फाइजर की खुराक का इस्तेमाल किया जा रहा है।

एसएएचपीआरए के सीईओ बोइटुमेलो सेमेटे-मकोकोटलेला ने कहा, हमें यह निर्धारित करने की आवश्यकता है कि हमने जो घटना देखी है वह वास्तव में टीके से संबंधित है या किसी और चीज से संबंधित है। ये बहुत व्यापक अध्ययन हैं। जांच शुरू की गई थी जब एसएएचपीआरए ने सांसदों को बताया कि फाइजर या जॉनसन एंड जॉनसन के टीकों के साथ लोगों को टीका लगाए जाने के बाद संक्रमण की खबरें थीं। 

ताजिकिस्‍तान ने सबसे बड़ा युद्धाभ्यास किया: चिंतित

काबुल। अफगानिस्तान में तालिबान की बढ़ती ताकत से उसके पड़ोसी देश सुरक्षा को लेकर काफी चिंतित हैं। तालिबान के किसी भी तरह के खतरे से निपटने के लिए पड़ोसी देश ताजिकिस्‍तान ने इतिहास का अब तक का सबसे बड़ा युद्धाभ्यास किया है। ताकि अगर तालिबान के साथ जंग होती है, तो वह उसका सामना कर सके। अफगानिस्तान में तालिबान की बढ़ती पकड़ को देखते हुए ताजिकिस्‍तान के राष्ट्रपति इमोमाली रखमोन  के आदेश पर सुबह चार बजे 230,000 जवानों वाली ताकतवर सेना को अलर्ट किया गया.समाचार एजेंसी एएफपी की रिपोर्ट के अनुसार, सोवियत संघ से अलग हुए इस देश को लगभग 30 साल हो गए हैं। तीन दशक के इतिहास में सेना की तैयारी का यह सर्वेक्षण सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण है।
इस युद्धाभ्यास में सेना ने सभी तरह के हथियारों का परीक्षण किया। जिसमें जमीनी हथियार, हवाई हथियार और तोपखाने तक शामिल थे। इस पूरे युद्धाभ्यास का प्रसारण ताजिकिस्‍तान के सरकारी टीवी पर किया गया। युद्धाभ्यास के आखिर में सेना ने खुद राष्ट्रपति इमोमाली रखमोन के नेतृत्व में एक परेड का आयोजन किया। राष्ट्रपति ने सेना से कहा कि वह क्षेत्र में शांति और स्थिरता स्थापित करने के लिए तैयार रहे। रखमोन ने कहा, ‘हमारे पड़ोसी देश अफगानिस्तान, खासकर हमारी सीमा के पास उत्तरी क्षेत्र में स्थिति अधिक जटिल और अस्थिर बनी हुई है। यह हर दिन हर घंटे जटिल होती जा रही है। उन्होंने सशस्त्र बलों से किसी भी संभावित खतरे से निपटने के लिए तैयार रहने को कहा ताकि देश की सीमा की रक्षा की जा सके।
रखमोन साल 1994 से सत्ता में हैं। उन्होंने मामले में अपने रूसी समकक्ष व्लादिमीर पुतिन से भी बात की है। रूस के राष्ट्रपति कार्यालय की ओर से कहा गया है कि दोनों नेताओं ने अफगानिस्तान की स्थिति पर चर्चा की। ये फोन कॉल ताजिकिस्‍तान की ओर से आया था  ताजिकिस्तान ने युद्धभ्यास ऐसे समय में किया है, जब रूस ने घोषणा की है कि वह अगले महीने ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान की सेना के साथ अफगान सीमा के पास एक बड़ा अभ्यास करेगा। इन दिनों तालिबान ने अफगानिस्तान में हमले तेज कर दिए हैं और देश की 90 फीसदी सीमाओं पर कब्जे का दावा किया है। अमेरिका का मानना है कि आधा देश तालिबान के हाथों में आ गया है। जिसमें 400 जिले शामिल हैं।
ताजिकिस्‍तान ने 20 हजार अतिरिक्त बलों को अफगानिस्तान से लगनी वाली सीमा पर भी भेजा है।

कोलंबो के क्रिकेट स्टेडियम में खेला गया वनडे मैच

नई दिल्ली/कोलंबो। के बीच तीन मैचों की वनडे सीरीज का तीसरा वनडे मैच कोलंबो के आर प्रेमदासा क्रिकेट स्टेडियम में खेला जा रहा है। इस मुकाबले का टॉस भारत की टीम ने जीता है और पहले बल्लेबाजी करने का फैसला किया है। इस मैच में भारतीय टीम की प्लेइंग इलेवन देख टीम मैनेजमेंट के तीन फैसले समझ से बिल्कुल परे नजर आ रहे हैं। संजू सैमसन, नितीश राणा, के गौथम, राहुल चाहर और चेतन सकारिया को तीसरे वनडे में डेब्यू का मौका मिला है। एक साथ 5 खिलाड़ियों को डेब्यू का मौका देना काफी हैरान करता है, क्योंकि भारतीय टीम का गेंदबाजी आक्रमण पूरी तरह कमजोर नजर आ रहा है। 
ऐसे में भारतीय टीम को इस मुकाबले में हार का सामना भी करना पड़ा सकता है।
अगर कुछ खिलाड़ियों को दूसरे वनडे में ही डेब्यू का मौका मिल जाता, तो बेहतर होता। कहीं ना कहीं 5 खिलाड़ियों को एक साथ डेब्यू करवाने का फैसला समझ से परे लगता है। मनीष पांडे पहले मैच में 40 गेंदों पर मात्र 26 रन ही बना पाए थे। दूसरे वनडे में भी वह कुछ ख़ास नही कर पाए थे।  आईपीएल 2021 के पहले चरण में खराब फॉर्म से गुजर रहे थे। उनकी खराब फॉर्म के चलते सनराइजर्स हैदराबाद की टीम ने उन्हें प्लेइंग इलेवन से ड्राप भी किया था। हालांकि उनकी खराब फॉर्म के बावजूद टीम मैनेजमेंट ने उन्हें तीसरे वनडे की भी प्लेइंग इलेवन में मौका दिया है।
वहीं मनीष पांडे की वजह से देवदत्त पड्डीकल जैसे युवा खिलाड़ी को मौका नहीं मिल पाया है। ऐसे में चयनकर्ताओं का यह फैसला समझ से परे हैं कि मनीष पांडे को प्लेइंग इलेवन में क्यों जगह मिल गई। शुरूआती दोनों वनडे मैचों की प्लेइंग इलेवन में देवदत्त पड्डीकल को मौका नहीं मिल पाया था, ऐसे में फैंस को उम्मीद थी सीरीज जीतने के बाद कोच राहुल द्रविड़ तीसरे वनडे की प्लेइंग इलेवन में देवत्त पड्डीकल को डेब्यू का मौका देंगे, लेकिन ऐसा नहीं हो पाया क्योंकि भारतीय टीम मैनेजमेंट ने इस मैच में देवत्त पड्डीकल जैसे होनहार खिलाड़ी को प्लेइंग इलेवन में जगह नही दी है।
आईपीएल 2021 में यह युवा खिलाड़ी शानदार फॉर्म में था। इन्होने शतक भी लगाया था, लेकिन इसके बावजूद यह खिलाड़ी पहले वनडे में अपनी जगह नहीं बना पाया है।

सीएम ने जनसभा कर, मतदाताओं से संवाद किया

सीएम ने जनसभा कर, मतदाताओं से संवाद किया  संदीप मिश्र  बरेली। बरेली के आंवला में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को सुभाष इंटर कॉलेज ग्...