सोमवार, 21 जून 2021

देश में वोट देने का अधिकार खत्म होना चाहिए: गिरी

बृजेश केसरवानी        

प्रयागराज। साधु संतो की सर्वोच्च संस्था अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेन्द्र गिरी ने योगी सरकार जनसंख्या नियंत्रण के लिए तैयार किए जा रहे कानूनी मसौदे का पुरजोर समर्थन करते हुए कहा कि दो से अधिक बच्चे पैदा करने वाले व्यक्ति को देश में वोट देने का अधिकार खत्म होना चाहिए। परिषद के अध्यक्ष महंत गिरि ने सोमवार को कहा कि साधु संत पहले से ही ये मांग करते आए हैं कि देश में लगातार बढ़ रही जनसंख्या पर नियंत्रण होना चाहिए। जनसंख्या वृद्धि को कानून लाकर रोका नहीं गया तो आने वाले दिनों में बड़ा जनसंख्या विस्फोट हो सकता है। 

जनसंख्या नियंत्रण कानून के तहत यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि सभी समुदाय को जनसंख्या नियंत्रण पर ध्यान देना चाहिए। जनसंख्या नियंत्रण से आने वाली अनेकों समस्याओं से निजात मिलेगी। महंत नरेंद्र गिरी ने कहा है कि दो से ज्यादा बच्चे पैदा करने वाले व्यक्ति को भारत में वोट देने का अधिकार खत्म कर देना चाहिए और सरकार से मिलने वाली सुविधाओं से वंचित किया जाना चाहिए। ऐसे लोगों का वोटर कार्ड और आधार भी नहीं बनना चाहिए। इसके साथ ही साथ ऐसे लोगों को सरकार से मिलने वाली सुविधाओं से भी वंचित किया जाना चाहिए।

14.81 करोड़ लाभार्थियों को मुफ्त राशन वितरण

हरिओम उपाध्याय              
लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से तीन महीने तक 14.81 करोड़ लाभार्थियों को मुफ्त राशन वितरण रविवार से शुरू हो गया। प्रदेश सरकार 80 हजार कोटेदारों के माध्‍यम से गरीब व बेसहारा लोगों को राशन वितरण कर रही है। वहीं, प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना तहत जो लाभार्थियों को राशन वितरण किया जा रहा है। वह भी पूर्व की तरह जारी रहेगा। ऐसे में इतने विशाल स्तर पर निःशुल्क राशन वितरण का यह अपनी तरह का सबसे बड़ा अभियान है। मुख्‍यमंत्री ने कोविड प्रोटोकाल के तहत सरकारी राशन की दुकानों से टोकन सिस्‍टम के तहत राशन वितरित किए जाने के निर्देश दिए हैं। 
बता दें कि राज्‍य सरकार की ओर से अंत्योदय और पात्र गृहस्थी राशन कार्डधारकों को 30 जून तक राशन दिया जाएगा। इसके अलावा जुलाई और अगस्त में भी मुफ्त राशन दिया जाएगा। वहीं, अंत्योदय कार्डधारकों को न्यूनतम दर पर तीन किलो चीनी भी दी जाएगी। अन्त्योदय कार्डधारकों को 35 किलो राशन (20 किलो गेहूं और 15 किलो चावल) और पात्र गृहस्थी राशन कार्डों से सम्बद्ध यूनिटों पर पांच किलो राशन प्रति यूनिट (तीन किलो गेहूं और दो किलो चावल) दिया जाएगा। वहीं, ‘प्रधानमंत्री गरीब अन्न कल्याण योजना’ के तहत भी नवम्बर तक राशन लाभार्थियों को मुफ्त दिया जाएगा। राज्य सरकार के एक प्रवक्ता ने बताया कि अन्त्योदय राशन कार्डधारक 1 करोड़ 30 लाख 07 हजार 969 और पात्र गृहस्थी राशन कार्डधारक 13करोड़ 41 लाख 77 हजार 983 मिलाकर कुल लगभग 14.81 करोड़ लाभार्थियों को राशन वितरण किया जाना है। इस योजना से दिहाड़ी मजूदर, पटरी दुकानदार, व ठेला लगाने वाले सैकड़ों लोगों को बड़ी राहत मिलेगी। 
इसके अलावा प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत प्रदेश में जो राशन वितरण किया जा रहा है। वह पहले की तरह जारी रहेगा। उन्होंने बताया कि कोविड प्रोटोकाल के तहत उचित दर की दुकानों पर राशन वितरण के दौरान टोकन सिस्‍टम लागू किया जाएगा। इसमें दुकान पर एक समय में पांच उपभोक्‍ता ही मौजूद रहेंगे। सोशल डिस्‍टेंसिंग बनाए रखने के लिए दो उपभोक्‍ताओं के बीच दो गज की दूरी रखी जाएगी। वहीं, ई पॉस से वितरण के दौरान दुकानों पर सेनीटाइजर, साबुन व पानी अनिवार्य रूप से रखना होगा। इसके उपयोग के बाद ही उपभोक्‍ता ई पॉस मशीन का प्रयोग करेगा।

कोरोना संक्रमण की दर में तेजी से गिरावट दर्ज की

हरिओम उपाध्याय                 
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के यूपी मॉडल से उत्तर प्रदेश में कोरोना संक्रमण की दर में तेजी से गिरावट दर्ज की गई है। प्रदेश में तेजी से घटते कोरोना संक्रमण के मामले ट्रिपल टी, टीकाकरण और उचित रणनीति का सकारात्मक परिणाम है। प्रदेश में योगी सरकार द्वारा समय पर लिए गए सफल निर्णय से आज प्रदेश के 74 जिलों में 200 से कम एक्टिव केस दर्ज किए गए हैं। वहीं, 55 जिले ऐसे हैं, जहां कुल एक्टिव केस डबल डिजिट में ही दर्ज किए जा रहे हैं। प्रदेश के अब ज्यादातर जिलों में संक्रमण के नए मामले नहीं मिल रहे, तो कई जिले ऐसे हैं। जहां नए केस इकाई में आ रहे हैं। 
पिछले 24 घंटों में प्रदेश में महज 251 कोरोना के नए मामले सामने आए। इस अवधि में 561 लोग स्वस्थ होकर डिस्चार्ज किए गए। प्रदेश में पिछले 24 घंटों में दो लाख 63 हजार 769 सैम्पल की जांच की गई। अब तक पांच करोड़ 52 लाख 64 हजार 533 कोविड की जांच की जा चुकी हैं। प्रदेश की टेस्ट पॉजिटिविटी दर लगातार एक फीसदी से कम बनी हुई है। प्रदेश में पॉजिटिविटी दर 0.1 प्रतिशत और रिकवरी रेट 98.4 प्रतिशत दर्ज किया गया। जो प्रदेशवासियों के लिए एक सुखद खबर है। 
प्रदेश में कोरोना के मामलों में गिरावट होने और लगातन संक्रमण के प्रसार में कमी होने पर सोमवार से योगी सरकार कोरोना कर्फ्यू में छूट देने जा रही है। इस विषय में शासन द्वारा तय गाइडलाइन का सभी जिलों में कड़ाई से अनुपालन हो इसके लिए मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं। राज्य सकार के एक प्रवक्ता ने बताया कि प्रदेश स्तरीय स्वास्थ्य विशेषज्ञ परामर्श समिति ने कोरोना की तीसरी लहर के मद्देनजर अध्ययन रिपोर्ट तैयार कर ली है। विशेषज्ञों की रिपोर्ट को ध्यान में रखते हुए प्रदेश के सभी जिलों में आवश्यक तैयारियां करने के निर्देश सीएम ने दिए। उन्होंने अधिकारियों को आदेश दिए कि तीसरी लहर की आशंका के अनुसार प्रदेशवासियों की सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए सभी ठोस कदम समय से उठाए। 
प्रवक्ता ने बताया कि प्रदेश के सभी मेडिकल कॉलेजों में पीडियाट्रिक आईसीयू और नियोनेटल आईसीयू की स्थापना की जा रही है। बीते दिन सीएम के निर्देशानुसार बेड की संख्या में विस्तार करते हुए 100 बेड और बढ़ाए गए हैं। प्रत्येक मेडिकल कॉलेजों में न्यूनतम 100 बेड बढ़ाने की कार्यवाही की जा  रही है। जिला अस्पतालों और सीएचसी को भी इसी तर्ज पर सुविधायुक्त किया जा रहा है। सीएम ने पीकू और नीकू स्थापना की यह कार्यवाही इसी माह पूर्ण करने के आदेश देते हुए चिकित्सा शिक्षा मंत्री को इस संबंध में निरीक्षण कर अगले दो दिवस के भीतर अपनी आकलन रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं। 

यूपी: सोमवार से मॉल-होटल और रेस्त्रां गुलजार होंगे

अश्वनी उपाध्याय                  
गाजियाबाद। करीब पौने दो माह के लॉकडाउन के बाद सोमवार से मॉल-होटल और रेस्त्रां गुलजार होंगे। कोरोना प्रोटोकॉल एवं शासन के गाइडलाइन के अनुसार 50 फीसदी क्षमता के साथ ये सभी खुलेंगे। मॉल-रेस्त्रां में साफ-सफाई से लेकर सैनेटाइजेशन की तैयारी शुरू कर दी गई है। बिना मॉस्क और तापमान मापे अंदर प्रवेश नहीं दिया जाएगा। कोरोना की दूसरी लहर फैलने के बाद करीब पौने दो माह से मॉल, होटल रेस्त्रां आदि बंद कर दिए गए थे। मॉल के अलावा होटलों और रेस्टोरेंटों में बैठकर नाश्ता और खाना खाने पर रोक थी। संक्रमण को बढ़ते देख 30 अप्रैल के बाद से जनपद में संपूर्ण लॉकडाउन लागू होने से पूर्ण रुप से तालाबंदी हो गई। कुछ रेस्टोरेंटो से होम डिलीवरी की सिर्फ छूट दी गई थी। बीते 15 जून को उप्र के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 21 जून से 50 फीसदी क्षमता के साथ मॉल-होटल-रेस्त्रां को छूट देने के आदेश दिए थे। 
इसके बाद जनपद में इस क्षेत्र के कारोबारियों ने शनिवार से तैयारी शुरू कर दी है।
आरडीसी के कृष्णा सागर होटल-रेस्टोरेंट के प्रबंधक अमित शर्मा ने बताया कि शनिवार को साफ-सफाई और फर्नीचर आदि की सफाई की गई। पुराने खराब सामानों को फेंक दिया गया। रविवार को विशेष सफाई के साथ सैनेटाइजेशन किया जाएगा। कुर्सियों और मेज को दूरी के साथ लगवाया जाएगा। ताकि खाने या नाश्ता करने वाले ग्राहकों को कुछ अंतराल पर बैठाया जा सके।
प्रवेश गेट पर सैनेटाइजर और मॉस्क के बाद ही सभी को प्रवेश दिया जाएगा। कविनगर के तुषार होटल के मालिक तुषार मक्कर का कहना है कि होटल में सफाई और सेनेटाइजेशन का काम रविवार को पूरा कर लिया जाएगा। जिला प्रशासन के गाइडलाइन का इंतजार किया जा रहा है। गाइडलाइन का पालन करते हुए ही होटल संचालित कराया जाएगा। 
उधर, टीएचए में एक दर्जन से अधिक मॉल है। वहीं, रेस्टोरेंट भी अधिक तादाद में है। वैशाली सेक्टर-तीन के महागुन मॉल के प्रबंधक फैसल खां ने बताया कि प्रशासन के कोरोना गाइडलाइन का इंतजार किया जा रहा है। गाइडलाइन के अनुसार ही 21 जून से पंचास फीसदी क्षमता और कोरोना संक्रमण के बचाव के उपायों के साथ मॉल खोले जाएंगे। मॉल के प्रवेश द्वार पर सैनेटाइजेशन और थर्मल स्क्रीनिंग के बाद प्रवेश दिया जाएगा। सुरक्षा कर्मियों से सामाजिक दूरी के पालन कराने पर नजर रहेगी। बगैर मास्क पहने लोगों को अंदर प्रवेश की अनुमति नहीं दी जाएगी।

मेट्रो ने महत्वपूर्ण उपलब्धियां हासिल की: डीएमआरसी

अकांशु उपाध्याय                      
नई दिल्ली। दिल्ली मेट्रो रेल कॉपोर्रेशन (डीएमआरसी) ने कुछ महीनों में कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर के चलते सामने आईं अनेक बाधाओं के बावजूद अपने चौथे चरण कॉरिडोर का निमार्ण कार्य जारी रखा है और कुछ महत्वपूर्ण उपलब्धियां भी हासिल की हैं। अप्रैल 2021 में लॉकडाउन लगने से पहले डीएमआरसी की साइटों पर मजदूरों की संख्या 4000 से अधिक थी। तथापि लॉकडाउन के बाद अनेक मजदूर इन साइटों से अपने मूल निवास स्थलों को चले गए। इसके अतिरिक्त अनेक मजदूर जो पहले होली के त्यौहार के लिए चले गए थे वे भी वापस नहीं लौटे। इससे कार्यस्थलों पर मजदूरों की संख्या धीरे-धीरे घटकर लगभग 2500 रह गई।
डीएमआरसी ने रुके रह गए अपने मजदूरों की न केवल डाक्टरी और आवास इत्यादि संबंधी देखभाल की बल्कि अपने चौथे चरण के निमार्ण कार्य में कुछ महत्वपूर्ण उपलब्धियां भी हासिल कीं। इस अवधि के दौरान सरकार द्वारा समय-समय पर जारी कोविड संबंधी सभी दिशानिर्देशों का भी सख्ती से पालन किया गया है। कोविड संबंधी प्रतिबंध समाप्त होने के बाद डीएमआरसी की साइटों पर उपलब्ध श्रमशक्ति में अब क्रमिक बढ़ोतरी हुई है। जनकपुरी पश्चिम - आर के आश्रम मार्ग कॉरिडोर पर जनकपुरी पश्चिम और कृष्णा पार्क एक्सटेंशन के बीच सुरंगों के कार्य के लिए डीएमआरसी ने चौथे चरण के पहले भूमिगत सेक्शन में इस अवधि के दौरान कई महत्वपूर्ण लक्ष्य हासिल किए हैं। इन महीनों में डीएमआरसी ने 2.8 किलोमीटर लंबी दोहरी सुरंगों में से एक सुरंग में 500 मीटर की टनलिंग का कार्य पूरा कर लिया है। 
दिल्ली मेट्रो ने कास्टिंग यार्ड में टनल के 50 प्रतिशत से अधिक सेगमेंट का कार्य भी पूरा कर लिया है। इस खंड पर पहली दोहरी सुरंगों के इस वर्ष सितंबर से पहले तक पूरा होने की उम्मीद है। इसी खंड पर डीएमआरसी ने पिछले महीने मुकरबा चौक पर इसी चरण के सबसे पहले टी-गर्डर का निमार्ण करके एक अन्य बड़ी उपलब्धि हासिल की है। ये टी-गर्डर प्री-टेंशन्ड हैं और इनकी कास्टिंग मुंडका स्थित कास्टिंग यार्ड में की जाती है। कास्टिंग के बाद इन गर्डरों को साइट पर लाया जाता है और 400 मी.टन क्षमता वाली दो विशालकाय क्रेनों की मदद से इन्हें लांच किया जाता है। इनमें प्रत्येक गर्डर की लंबाई 37 मीटर है तथा भार लगभग 90 मी.टन है। जिन खंबों पर पहला गर्डर रखा गया है उनकी ऊंचाई भूमितल से लगभग 18 मीटर है। 
इसके अतिरिक्त लांचर की लोड टैस्टिंग मजलिस पार्क में की गई है और लांचर के साथ यू-गर्डर की लांचिग मजलिस पार्क से मुकरबा चौक के इसी खंड पर शुरु की जाएगी। मजलिस पार्क-मौजपुर कॉरिडोर पर भी श्रमशक्ति की कमी के बावजूद कार्य में निरंतर प्रगति हुई है। यू-गर्डरों, टी-गर्डरों की कास्टिंग, यू-गर्डर का इरेक्शन, स्टेशनों व वायाडक्ट स्थलों पर पीयर कैप्स बनाने का कार्य भी जारी रहा है। इसी कॉरिडोर के अंतर्गत यमुना नदी पर सिगनेचर ब्रिज के समीप दिल्ली मेट्रो के पांचवे पुल का निमार्ण भी किया जा रहा है। यह कॉरिडोर महत्वपूर्ण है क्योंकि इसके पूरा होने से पिंक लाइन पर कनेक्टिविटी का संपूर्ण रिंग पूरा हो जाएगा।
तुगलकाबाद-एयरोसिटी कॉरिडोर पर पंचशील पार्क स्थित कास्टिंग यार्ड पर बड़ी-बड़ी क्रेनें खड़ी करने के साथ साथ समस्त आवश्यक उपकरण इंस्टाल कर लिए गए हैं। यू-गर्डरों और खंबों की कास्टिंग का कार्य भी जारी है। 
अप्रैल और मई 2021 में डीएमआरसी के चौथे चरण के भूमिगत सेक्शनों के लिए चार प्रमुख सिविल टेंडर भी जारी किए गए थे। यह चारों सेक्शन जाइका के माध्यम से प्राप्त ऋण से वित्तपोषित होंगे। तीन टेंडर एयरोसिटी-तुगलकाबाद कॉरिडोर के हैं। जबकि एक टेंडर जनकपुरी पश्चिम - आर के आश्रम मार्ग कॉरिडोर से संबद्ध है। सभी टेंडर प्रोसेसिंग के विभिन्न चरणों में है। देश में कोविड-19 के मामलों में हुए सुधार के चलते आने वाले दिनों में निमार्ण कार्य में और तेजी संभव हो सकेगी। साइटों पर मजदूरों के लिए टीकाकरण कैंप लगाए गए हैं तथा और कैंप लगाए जाने की संभावना है। 
मजदूरों के बीच टीकाकरण से होने वाले लाभ के बारे में जागरुकता उत्पन्न करने के लिए एक अभियान भी चलाया जा चुका है। हालिया दिनों में डीएमआरसी अपने चौथे चरण के विस्तार के एक भाग के रूप में प्राथमिकता वाले तीन कॉरिडोरों पर 65 कि.मी. नई लाइनों के निमार्ण में लगी है। इन कॉरिडोरों के वर्ष 2०25 तक पूरा होने की संभावना है। हालांकि कोविड के हालात को देखते हुए कार्य पूरा किए जाने के लिए लक्ष्यों की तदनुसार समीक्षा की जाएगी।

किसानों से खरीद की गारंटी सुनिश्चित करने की मांग

हरिओम उपाध्याय                             
लखनऊ। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की महासचिव प्रियंका गांधी ने यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर किसानों के खरीद की गारंटी सुनिश्चित करने की मांग की है। मुख्यमंत्री को भेजे गए पत्र में प्रियंका गांधी ने लिखा है कि प्रदेश के तमाम जिलों से मुझे लगातार सूचनाएं आ रहीं हैं कि गेहूं की खरीद में किसानों को बहुत परेशानियां उठानी पड़ रही हैं। 1 अप्रैल से गेहूं की खरीद शुरू हुई लेकिन कोरोना माहमारी के चलते क्रय केंद्रों पर ताला लटकता रहा। जैसे ही किसानों गेहूं का क्रय केंद्रों पहुँचने लगा उसी समय खरीद को कम करके आधा कर दिया गया।
प्रियंका गांधी ने पत्र में लिखा है कि पंजाब और हरियाणा जैसे प्रदेशों में गेहूं की सरकारी ख़रीद कुल उत्पादन का 80-85% तक होती है।
जबकि उत्तरप्रदेश में 378 लाख मीट्रिक टन उत्पादित गेहूं के मात्र 14% हिस्से की सरकारी केंद्रों पर खरीद हुई है। बहुत सारे किसान अपना गेहूं नहीं बेच पाए हैं। अब क्रय केंद्रों पर किसानों के गेहूं खरीद में सरकारी फरमानों के चलते अफसर ना नुकूर कर रहे हैं। महासचिव प्रियंका गांधी ने पत्र में लिखा है कि मुख्यमंत्री ने कहा था कि हम अंतिम किसान तक गेहूं खरीद की सुविधा देंगे, लेकिन बहुत सारे गाँवों में क्रय केंद्र बंद हो गए हैं और किसानों को दूर मंडियों में जाने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। प्रदेश के कई हिस्सों में लगातार बारिश हो रही है, नमी के कारण गेहूं के सड़ने का खतरा है। इस स्थिति में किसान अपनी गाढ़ी पसीने की कमाई को औने पौने दाम पर बेचने को मजबूर होंगे। 
उन्होंने पत्र में लिखा है कि कोरोना महामारी और महंगाई के चलते किसानों की हालत पहले से ख़राब है, ऐसे में उनकी फसल की खरीद न हो पाने या औने-पौने दामों में गेहूँ बेचने के लिए मजबूर होने जैसी स्थिति किसानों की कमर तोड़ देगी। महासचिव प्रियंका गांधी ने मांग की है कि क्रय केंद्रों पर 15 जुलाई तक किसानों के गेहूं खरीद की गारंटी की जाए। उन्होंने मुख्यमंत्री को लिखा है कि प्रत्येक क्रय केंद्र पर खरीद की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए ताकि किसानों को अपना अनाज बेचने के लिए भटकना न पड़े। महासचिव प्रियंका गांधी ने लिखा है कि कई जिलों से इस तरह की खबरें आ रहीं हैं कि एक किसान से एक बार में अधिकम 30 या 50 कुंतल गेहूं खरीदा जा रहा है। इससे किसान बहुत परेशान हैं। इसपर तत्काल प्रभाव से रोक लगाकर किसानों से अधिकतम खरीद की जाए।

मंहगाई के भाव, साग-सब्जियों को लोगों से दूर किया

अकांशु उपाध्याय               
नई दिल्ली। लोगों को कोरोना संक्रमण की महामारी के साथ दो अन्य मोर्चे पर भी बुरी तरह से जूझना पड़ रहा है। राहत की आस में लगे लोगों का जहां रोजाना आवश्यक वस्तुओं के बढ रहे दामों ने करारा झटका दिया है। वही रोजाना बढ़ रहे डीजल पेट्रोल के आसमान छूते दामों ने माल ढुलाई भाड़े में वृद्धि से साग-सब्जियों को लोगों से दूर करना शुरू कर दिया है। 
मौजूदा समय में लोगों को कोरोना संक्रमण की महामारी के साथ कई अन्य मोर्चों पर भी दो-दो हाथ करने पड़ रहे हैं। 
डीजल पेट्रोल की कीमतों में रोजाना हो रही बेतहाशा बढ़ोतरी का सीधा असर घर की रसोई पर पड़ रहा है। डीजल के दामों में बढ़ोतरी होने से माल भाड़े की कीमतों में 20 से लेकर 30 प्रतिशत तक की वृद्धि हुई है। दिल्ली में प्याज और टमाटर की कीमतें एकदम से दोगुनी तक हो गई है। आसपास के इलाकों से आने वाली सब्जियां भी कीमतों के लिहाज से पीछे नहीं हैं। उनके दामों में भी 50 प्रतिशत तक का इजाफा हो गया है। खाद्य तेल 200 प्रति लीटर खरीदकर लोगों को खाना पड़ रहा है। वही दालों की कीमत 120 से लेकर 140 रूपये प्रति किलो तक पहुंचने से लोगों के घरों की रसोई का बजट बिगड़ गया है। 
एशिया की सबसे बड़ी फल और सब्जी मंडी आजादपुर में आलू की कीमत 4 से लेकर 16 रूपये प्रति किलो के बीच थी। खुदरा बाजार में यही आलू 15 से लेकर 20 रूपये प्रति किलो में बेचा जा रहा था। 1 महीने पहले आलू की यही कीमते लगभग आधी थी। इसी प्रकार प्याज की कीमतें शनिवार को साडे 12 प्रति किलो से लेकर साढे 27 रूपये प्रति किलो थी जो बाजार में 40 से लेकर 60 रूपये प्रति किलो तक बिक रही थी। प्याज की कीमतों में भी लगभग दोगुनी वृद्धि हुई है। व्यापारी इसे सीधे तौर पर डीजल की कीमतों में हो रही बढ़ोतरी का असर बता रहे हैं। सब्जियों के अलावा रसोई की सबसे महत्वपूर्ण चीज खाद्य तेलों की कीमतों में भी रिकॉर्ड तोड़ बढ़ोतरी हुई है। 
सरसों के तेल की कीमत 200 रूपये प्रति लीटर है तो रिफाइंड तेल की कीमत भी 180 से लेकर 190 और 250 रूपये प्रति लीटर तक जा पहुंची है। दाल की कीमतें 90 और 100 रूपये प्रति किलो से बढ़कर 120 व 130 रूपये प्रति किलो पहुंच गई है। उल्लेखनीय है कि आज रविवार 20 जून को दिल्ली में पेट्रोल की कीमत 29 पैसे प्रति लीटर की बढ़त के साथ 97.22 रुपये प्रति लीटर हो गई है तो डीजल भी 28 पैसे प्रति लीटर की बढ़त के साथ 87.97 रुपये प्रति लीटर हो चुका है। देश के अनेक हिस्सों में पेट्रोल-डीजल के दाम 100 रुपये प्रति लीटर से ज्यादा हो चुके हैं।

जीवन की कीमत का आकलन करना असंभव हैं

अकांशु उपाध्याय                
नई दिल्ली। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कोविड-19 महामारी के कारण जान गंवाने वाले लोगों के परिवारों को चार-चार लाख रुपये का मुआवजा देने में केंद्र द्वारा असमर्थता जताए जाने को लेकर सोमवार को नरेंद्र मोदी सरकार पर निशाना साधा और आरोप लगाया कि यह सरकार की क्रूरता है। उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘जीवन की क़ीमत लगाना असंभव है। 
सरकारी मुआवज़ा सिर्फ़ एक छोटी सी सहायता होती है लेकिन मोदी सरकार यह भी करने को तैयार नहीं। कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया, ‘‘कोविड महामारी में पहले इलाज की कमी, फिर झूठे आंकड़े और ऊपर से सरकार की यह  गौरतलब है। कि केंद्र ने उच्चतम न्यायालय में कहा है कि कोविड-19 से जान गंवाने वाले लोगों के परिवारों को चार चार लाख रुपये का मुआवजा नहीं दिया जा सकता क्योंकि यह वित्तीय बोझ उठाना मुमकिन नहीं है और केंद्र तथा राज्य सरकारों की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है।

फैक्ट्री में लगीं आग, 6 लोगों के फंसे होने की आशंका

अकांशु उपाध्याय                   
नई दिल्ली। दिल्ली के उद्योग नगर में सोमवार को सुबह जूते की एक फैक्ट्री में भीषण आग लग गई। जहां पांच से छह लोगों के फंसे होने की आशंका है। 
पुलिस उपायुक्त (बाहरी) परविंदर सिंह ने कहा कि उद्योग नगर में एक जूते की फैक्ट्री में आग लगने की जानकारी देने के लिए हमारे पास सुबह आठ बजकर 56 मिनट पर फोन आया। दमकल की 24 गाड़ियां और 15 अन्य वाहन मौके पर मौजूद हैं और आग पर काबू पाने का प्रयास जारी है।
पुलिस ने बताया कि परिसर में पांच से छह लोगों के फंसे होने की आशंका है। घटना में किसी के हताहत होने की अभी तक कोई खबर नहीं है। दिल्ली के दमकल विभाग के अधिकारियों ने बताया कि आग पर काबू पाने की कोशिश जारी है और किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए मौके पर दो सीएटीएस एम्बुलेंस भी मौजूद हैं। आग लगने का कारण अभी पता नहीं चल पाया है।

नोएडा से चल रहें धर्मांतरण रैकेट का भंडाफोड़ किया

हरिओम उपाध्याय                  
लखनऊ। यूपी एटीएस ने नोएडा से चल रहे धर्मांतरण रैकेट का भंडाफोड़ किया है। यूपी पुलिस ने मोहम्मद उमर गौतम और काजी जहांगीर कासमी को इस रैकेट के लिए गिरफ्तार किया है। यूपी के एडीजी लॉ एंड ऑर्डर प्रशांत कुमार ने बताया, कि नौकरी पैसों का लालच देकर दो साल से धर्मांतरण का रैकेट चल रहा था।
कुछ फाइलों से विदेशी फंडिंग के सबूत भी मिले हैं। पुलिस के अनुसार नोएडा 117 सेक्टर के बच्चों का धर्मांतरण कराया गया है। आरोप है कि 1000 से ज्यादा लोगों का इन लोगों ने बीते 2 साल में धर्म परिवर्तन किया है। जिनमें नोएडा के मूक बाघिर 18 बच्चे भी शामिल हैं। जानकारी के अनुसार ही है रैकेट नोएडा से चलाया जा रहा था।

24 घंटे में कोरोना के 53,256 नए मामलें सामने आएं

अकांशु उपाध्याय                   
नई दिल्ली। भारत में 88 दिन बाद, 24 घंटे में कोविड-19 के सबसे कम 53,256 नए मामले सामने आने के बाद देश में संक्रमण कुल मामले बढ़ कर 2,99,35,221 हो गए। उपचाराधीन मरीजों की संख्या भी कम होकर 7,02,887 हो गई है। केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से सुबह आठ बजे जारी किए गए अद्यतन आंकड़ों के अनुसार, देश में संक्रमण से 1,422 और लोगों की मौत के बाद मृतक संख्या बढ़कर 3,88,135 हो गई। 
देश में 65 दिन बाद संक्रमण से मौत के इतने कम मामले सामने आए हैं। अभी 7,02,887 लोगों का कोरोना वायरस संक्रमण का इलाज चल रहा है, जो कुल मामलों का 2.35 प्रतिशत है। मरीजों के ठीक होने की राष्ट्रीय दर भी बढ़कर 96.36 प्रतिशत हो गई है। आंकड़ों के अनुसार, देश में अभी तक कुल 39,24,07,782 नमूनों की कोविड-19 संबंधी जांच की गई है, जिनमें से 13,88,699 नमूनों की जांच रविवार को की गई।
नमूनों के संक्रमित आने की दैनिक दर 3.83 प्रतिशत है, पिछले 14 दिन से यह पांच प्रतिशत से कम बनी है। नमूनों के संक्रमित आने की साप्ताहिक दर भी कम होकर 3.32 प्रतिशत हो गई है। संक्रमण मुक्त हुए लोगों की संख्या लगातार 39वें दिन संक्रमण के नए मामलों से अधिक रही।
देश में अभी तक कुल 2,88,44,199 लोग संक्रमण मुक्त हो चुके हैं। कोविड-19 से मत्यु दर 1.30 प्रतिशत है। देश में अभी तक कुल 28,0036,898 लोगों को कोविड-19 रोधी टीके लग चुके हैं। देश में पिछले साल सात अगस्त को संक्रमितों की संख्या 20 लाख, 23 अगस्त को 30 लाख और पांच सितम्बर को 40 लाख से अधिक हो गई थी।वहीं, संक्रमण के कुल मामले 16 सितम्बर को 50 लाख, 28 सितम्बर को 60 लाख, 11 अक्टूबर को 70 लाख, 29 अक्टूबर को 80 लाख, 20 नवम्बर को 90 लाख के पार हो गए। देश में 19 दिसम्बर को ये मामले एक करोड़ के पार और चार मई को दो करोड़ के पार चले गए थे।

कानूनों की वापसी पर अड़े किसान 6 माह तक डटें

अकांशु उपाध्याय                   
नई दिल्ली। कृषि कानूनों की वापसी पर अड़े किसान 6 महीने से ज्यादा वक्त से दिल्ली की सीमाओं पर डटे हुए हैं और सरकार से उनकी हर बातचीत अब तक बेनतीजा ही रही है। ऐसे में कई बार किसानों को मनाने को कोशिश हुई लेकिन कानूनों की वापसी से कम कुछ भी प्रदर्शनकारी किसानों को मंजूर नहीं है। अब भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने केंद्र सरकार को धमकी तक दे दी है।
राकेश टिकैत ने रविवार को ट्वीट करते हुए लिखा कि अब सरकार का इलाज करना पड़ेगा ये माननी वाली नहीं है। उन्होंने इसके साथ ही किसानों से ट्रैक्टर तैयार रखने को कहा है ताकि फिर से दिल्ली कूच किया जा सके। टिकैत ने केंद्र सरकार को आंदोलन तेज करने की चेतावनी भी दे डाली है।संयुक्त किसान मोर्चा की अगुवाई में करीब 40 किसान संगठन प्रदर्शन कर रहे हैं और इस प्रदर्शन को 26 जून को सात महीने पूरे होने जा रहे हैं। ऐसे में आंदोलन तेज होने की पूरी आशंका है। 26 जून को ही किसान नेता स्वामी सहजानंद सरस्वती की पुण्यतिथि भी है। 
किसान दिल्ली के गाज़ीपुर, टीकरी और सिंघू बॉर्डर पर 26 नंवबर से धरना दे रहे हैं। उनकी मांग है कि केंद्र सरकार तीन नए कृषि कानूनों को रद्द करे और न्यूनतम समर्थन मूल्य की कानूनी गारंटी दे।
सरकार और किसान यूनियनों के बीच अब तक 11 दौर की बातचीत हो चुकी है। आखिरी बार बातचीत 22 जनवरी को हुई थी। 26 जनवरी को किसानों की ट्रैक्टर रैली के दौरान हुई हिंसा के बाद दोनों पक्षों के बीच बातचीत रुक गई थी। इस बीच सुप्रीम कोर्ट ने भी 11 जनवरी 2021 को इन तीनों कृषि कानूनों के क्रियान्वयन को अगले आदेश तक के लिये स्थगित कर दिया था। साथ ही गतिरोध को दूर करने के लिये चार सदस्यीय कमेटी की नियुक्ति की थी।
हालांकि इस मुद्दे पर सरकार का रुख साफ है। केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने शुक्रवार को तीनों नए कृषि कानूनों को वापस लिये जाने से एक बार फिर इनकार किया है। उन्होंने कहा है कि सरकार इन कानूनों के विभिन्न प्रावधानों को लेकर आंदोलन कर रहे किसानों के साथ बातचीत फिर शुरू करने को तैयार है।

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