शनिवार, 29 मई 2021

लोगों के लिए काम करने की इजाजत दें सरकार

मिनाक्षी लोधी               

कोलकाता। भाजपा के नेतृत्व वाले केंद्र पर “बदले की राजनीति” का आरोप लगाते हुए पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने शनिवार को केंद्र सरकार से अनुरोध किया कि वह मुख्य सचिव अलपन बंदोपाध्याय को बुलाने के फैसले को वापस ले और वरिष्ठ नौकरशाह को कोविड-19 संकट के दौरान लोगों के लिए काम करने की इजाजत दे। 

उन्होंने दावा किया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह उनकी सरकार के लिये हर कदम पर मुश्किल पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं। क्योंकि वे अब भी विधानसभा चुनावों में भाजपा की हार को पचा नहीं पाए हैं। बनर्जी ने आगे कहा कि अगर बंगाल की वृद्धि और विकास के लिये उनसे मोदी के चरण छूने को कहा जाएगा तो वह इसके लिये तैयार हैं।

कौशाम्बी: डीएम ने कोरोना पर ग्रामीणों से चर्चा की

कौशाम्बी। जिलाधिकारी कौशांबी सिराथू तहसील के निन्धियावा गांव पहुंचे हैं और वहां पर प्राइमरी स्कूल में कैंप लगाकर उन्होंने कोविड 19 से बचाव के तौर-तरीकों पर ग्रामीणों से चर्चा की है। उन्होंने कहा कि कोविड-19 की बैक्सीन ग्रामीण लगवाएं साथ ही इस मौके पर जिलाधिकारी ने कहा कि गांव में ग्राम समाज की भूमि पर अवैध कब्जे को उप जिलाधिकारी ग्राम प्रधान के सहयोग से खाली कराया जाए साथ ही उन्होंने कहा कि ग्राम पंचायत की कार्ययोजना में शामिल कर गांव में खेल के मैदान को विकसित किया जाए और गांव में स्ट्रीट लाइट लगवाया जाए उन्होंने कहा कि विकास कार्यो में किसी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नही की जाएगी। इस मौके पर उप जिलाधिकारी कड़ा वीडियो श्वेता सिंह सहित ग्राम प्रधान गांव की आमजनमानस मौजूद रही। 

टिड्डी दल के संभावित आक्रमण को लेकर कृषकों एडवाइजरी जारी कर बताया गया कि संयुक्त राष्ट्र के खाद्य एवं कृषि संगठन से जारी पूर्व अनुमान के अनुसार राजस्थान में टिड्डी दल के आक्रमण की संभावना व्यक्त की गई है। उसके मद्देनजर जनपद में भी निगरानी की जाय ताकि किसी भी स्तर के प्रकोप की दशा में समय से टिड्डी दल पर नियंत्रण पाया जा सके। टिड्डी दल के प्रकोप की दशा में तमाम तरह के उपाय पटाखे टिन के डब्बों में आवाज सहित तमाम कीटनाशक रासायनिक  सुझाव ,बलुई मिट्टी में टिड्डियों के प्रजनन  की संभावना अधिक होती है। इसलिए ऐसी अवस्था में खेतों में पानी भर दिए जाय।
सन्तलाल मौर्य 

हापुड़: गंदगी को लेकर महिलाओं ने किया प्रदर्शन

अतुल त्यागी              
हापुड़। पीने के पानी की समस्या और क्षेत्र में फैली गंदगी को लेकर महिलाओं ने प्रदर्शन किया। नगर पंचायत का घेराव कर अधिशासी अधिकारी नमिता चौधरी के खिलाफ जमकर की नारेबाजी, अधिशासी अधिकारी पर अपने अधीनस्थ कर्मचारियों द्वारा महिलाओं से अभद्रता करवाने का आरोप। लोगों की समस्या बिना सुने ही अपनी कार्यालय के अंदर चली गई अधिशासी अधिकारी। कर्मचारियों पर लोगो को कार्यालय के अंदर जाने से रोकाने का भी आरोप। कोरोना काल में भी क्षेत्र में बीते 3 महीने से साफ-सफाई और सैनिटाइजेशन न होने से जनता में रोष।

कांग्रेस और राहुल 'समसामयिक'

कॉंग्रेस और राहुल   'समसामयिक'
बैक फुट की जगह अब फ्रंट फुट पर दिखाई देने लगे !
 2014 के बाद 7 साल में यदि राजनीतिक परिपेक्ष में कॉन्ग्रेस और राहुल गांधी का राजनीतिक विश्लेषण करें तो, दोनों का ज्यादातर समय बैकफुट पर खेलते हुए दिखाई दिया। ऐसा भी नहीं था कि राहुल गांधी और कांग्रेस ठीक से नहीं खेलें। उन्होंने 7 सालों में कई बार चौके और छक्के भी मारे। लेकिन वह या तो रन आउट  होते हुए दिखाई दिए या फिर केंद्र की सत्ताधारी भाजपा सरकार के नेताओं ने उन्हें कैच आउट कर दीया।
 नोटबंदी, जीएसटी, राफेल सौदा, भारत-चीन तनाव, समान नागरिकता बिल, तीन कृषि बिल जैसे मुद्दों को लेकर राहुल गांधी ने खूब चौके छक्के मारे। लेकिन वह या तो रन आउट हुए या फिर सरकार में बैठे नेताओं ने  कैच लपक कर आउट कर दिया।
लेकिन कोविड-19 एक ऐसा मैच बनकर आया, जिसमें राहुल गांधी खूब चौके छक्के मार रहे हैं। सत्ताधारी भाजपा ना तो राहुल गांधी को रन आउट कर पा रही है और ना ही उनका कैच लपक पा रही है। बल्कि, भाजपा सरकार ही राहुल गांधी को जमकर खेलने का मौका दे रही है ? कोविड-19 के आगमन से लेकर अभी तक राहुल गांधी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा सरकार को कोरोना महामारी के  बढ़ते प्रकोप को लेकर निरंतर आगाहा करते आ रहे हैं और बीमारी से किस प्रकार से निपटा जाए इसके लिए वह सुझाव भी दे रहे हैं। मगर भाजपा सरकार में बैठे नेता ना केवल राहुल गांधी के सुझाव को दरकिनार कर रहे हैं। बल्कि राहुल गांधी का मजाक भी बनाते हुए दिखाई दिए। 
मौजूदा वक्त में राहुल गांधी अच्छी बैटिंग इसलिए भी कर रहे हैं। क्योंकि दूसरे छोर पर श्रीमती प्रियंका गांधी  राहुल गांधी का मजबूती के साथ खड़े होकर साथ दे रही हैं।
 राहुल गांधी रन आउट और कैच आउट इसलिए भी हो जाते थे क्योंकि नोटबंदी को यदि छोड़ दे तो, भाजपा सरकार ने अन्य जिन योजनाओं पर काम कर लागू किया है। वह योजनाएं कांग्रेस शासन के समय से अटकी पड़ी हुई थी। उन्हें भाजपा ने सत्ता में आकर लागू किया, जिसमें जीएसटी, एफडीआई, समान नागरिकता बिल, कृषि कानून, धारा 370 और राफेल विमान सौदा जैसे अनेक योजनाएं थी जो लंबित पड़ी हुई थी। जिन्हें भाजपा ने सत्ता में आकर लागू किया।
जब कॉन्ग्रेस और उसके नेता राहुल गांधी इन योजनाओं का विरोध करते थे या हैं तो भाजपा के नेता इन योजनाओं को कांग्रेस शासन काल की लंबित योजनाएं बताकर कांग्रेस और राहुल गांधी को चुप करा दिया करते थे। और कांग्रेस बैकफुट पर आ जाया करती है। लेकिन कोरोना महामारी ने कांग्रेस और राहुल गांधी को फ्रंट फुट पर खेलने का मौका दे दिया है। भाजपा के नेताओं के पास इसका तोड़ अभी तक नजर नहीं आ रहा है। जबकि कांग्रेस के पास कहने के लिए और भाजपा सरकार का विरोध करने के लिए बहुत कुछ है। क्योंकि देश में आजादी के बाद बीमारियां और महामारी पहले भी आए हैं। तब सीमित संसाधन और सीमित धन होने के बाद भी कांग्रेस सरकार ने बीमारियों और महामारियो का जमकर मुकाबला किया और जनता को मुफ्त में दवाइयां और मुफ्त टी के भी लगवाए थे।
 28 मई शुक्रवार को राहुल गांधी ने एक बार फिर से प्रेस वार्ता की और सरकार को सुझाव देकर घेरा भी, लेकिन पूर्व की तरह शुक्रवार को भी भाजापा के बड़े नेता राहुल गांधी की काट के लिए पत्रकारों के सामने आए।
कोविड-19 में राहुल गांधी के द्वारा भाजपा सरकार के खिलाफ उठाए गए मुद्दे और सरकार को दिए गए सुझाव इस समय जनता के दिलों दिमाग में छा गए हैं। जनता को लगने लगा है कि राहुल गांधी ठीक कह रहे हैं। लेकिन सरकार मान नहीं रही है, भाजपा के रणनीतिकार ही क्या राहुल गांधी को राजनीतिक ताकत दे रहे हैं। यह बड़ा सवाल है ? राहुल गांधी इस समय पूर्ण कालीन राजनीति भी करते हुए दिखाई दे रहे हैं। जबकि उन पर पहले आरोप लगता था कि राहुल गांधी अवसर देखकर राजनीति करते हैं। क्योंकि राहुल गांधी कई मौकों पर देश से नदारद हो जाते थे।
 देवेंद्र यादव 

निकम्मेपन के खुलासे से हांफ रहा स्वास्थ्य विभाग

विनोद मिश्रा
बांदा। डीएम आनंद सिंह इन दिनों स्वास्थ विभाग पर कड़ी निगाहें “निगहबान ” किये हुये हैं। इसके चलते जिले का स्वास्थ विभाग निकम्मेपन के खुलासे से “हांफ” रहा है। ऐसा ही एक मामला जब जब डीएम आनंद सिंह नें देखा तो उनकी त्योरियां चढ़ गई।
दरअसल, डीएम आबकारी विभाग का प्रस्तावित आक्सीजन प्लांट लगाने के लिए नरैनी सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र का निरीक्षण करने गये थे।वहां सफाई व्यवस्था पर असंतोष जताते हुए 50 बेडों के लिए चिन्हित कक्षों और आक्सीजन पाइपलाइन बिछाने का मानचित्र शीघ्र उपलब्ध कराने को कहा ।सफाई व्यवस्था के लिये अधीक्षक को निर्देश दिये।नरैनी से बांदा लौटते समय जिलाधिकारी सिंह ने देवरार गांव स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र का औचक निरीक्षण किया। निरीक्षण में प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र बन्द मिला। इस नजारे ने जिलाधिकारी को आश्चर्य में डाल दिया। उन्होंने नाराजगी व्यक्त कर साथ चल रहे मुख्य चिकित्साधिकारी एनडी शर्मा को निर्देशित किया कि सम्बंधित प्रभारी चिकित्साधिकारी समेत सभी कर्मचारियों का स्पष्टीकरण तत्काल प्रस्तुत किया जाए। डीएम आनंद सिंह के कठोर रुख से आजकल स्वास्थ विभाग हांफ रहा है। उनमें भय है कि लापरवाही मिली कि कार्यवाई हुई।

30 लीटर अवैध शराब, 5 कुन्तल लहन किया नष्ट

जब घर छोड़ भागे अवैध शराब कारोबारी
शराब कारोबारियो के धंधे पर पुलिस की सख्ती,सर्किल ऑफिसर ने कोतवाली पुलिस के साथ मारा छापा
30 लीटर शराब लगभग 5 कुन्तल अर्धनिर्मित लहन पुलिस ने कराया नष्ट
अझुवा कौशाम्बी। पुलिस अधीक्षक अभिनंदन सिंह के निर्देशानुसार सर्किल ऑफिसर योगेंद्र कृष्ण नारायण की मार्गदर्शन में सैनी कोतवाल तेजबहादुर सिंह ने मय हमराहियों नगर पंचायत अझुवा के सबसे बड़े अवैध शराब कारोबार में शुमार वार्ड नं 3 शान्ति नगर में छापा मार कर कई कुन्तल अर्धनिर्मित शराब लहन नष्ट करवाया एवं 30 लीटर अवैध शराब बरामद कर कुछ मदिरा का सेवन करने वालों को मौके से उठा ले गयी इस दौरान अवैध शराब कारोबारी घर छोड़कर फरार हो गए थे कुछ घर खुले मिल गए थे जहां कनस्तरों और छोटे ड्रमों में लहन भर कर जमीन में गाड़ दिए थे जिसे चालाक पुलिसकर्मियों ने खोदकर मिट्टी पानी कचड़ा मिला कर नष्ट कर दिया पूरे अझुवा क्षेत्र के अवैध शराब कारोबारी खेतो की तरफ भाग गए थे कुछ भी हो जिले के पुलिस कप्तान की इसी सतर्कता का परिणाम है जिले में अवैध शराब के सेवन से एक भी मौत सुनने देखने को नही मिली हैं।
इस छपामार अभियान में कोतवाल तेजबहादुर सिंह अझुवा चौकी इंचार्ज हरि कुमार सिंह उपनिरीक्षक केदारनाथ रॉय, उपनिरीक्षक अजहर जमाल,उपनिरीक्षक भगवान दास सहित भारी पुलिस बल मौजूद रहा!!
सन्तलाल मौर्य

महामारी: छात्रों से हास्टल खाली करने का आग्रह

अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय ने छात्रों से हास्टल खाली करने का किया आग्रह
अलीगढ़। कोविड-19 महामारी से छात्रों को सुरक्षा प्रदान करने के उद्देश्य से अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय ने अपने छात्रों को छात्रावास खाली करके अपने घरों को लौटने का आग्रह किया है। यह निर्णय गुरुवार को कुलपति प्रोफेसर तारिक मंसूर की अध्यक्षता में होने वाली प्रोवोस्ट्स और विश्वविद्यालय के अन्य अधिकारियों की एक ऑनलाइन बैठक के दौरान लिया गया। जिन छात्रावासों में वर्तमान में छात्र रह रहे हैं उनके प्रोवोस्ट द्वारा उन छात्रों के माता-पिता को एक अलग पत्र भेजा जाएगा। ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि उनके बच्चे छात्रावास खाली कर अपने घर वापस लौट जाएं। छात्रों के माता-पिता को यह पत्र ईमेल और डाक द्वारा भी भेजे जाएंगे। महामारी के मद्देनजर छात्र के स्वास्थ्य की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए यह आवश्यक है। बैठक के दौरान कुलपति ने सभी स्टाफ सदस्यों से कोविड का टीका लगवाने की भी अपील की। इसके सहित सभी विभागों, संकायों तथा कार्यालयों के प्रमुखों को भी सलाह दी गई है कि वे अपने कर्मचारियों को कोविन ऐप पर कोविड के टीकाकरण के लिए पंजीकरण कराने को प्रेरित करें और उन्हें जल्द से जल्द टीका लगवाएं।

सीएम ने जनसभा कर, मतदाताओं से संवाद किया

सीएम ने जनसभा कर, मतदाताओं से संवाद किया  संदीप मिश्र  बरेली। बरेली के आंवला में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को सुभाष इंटर कॉलेज ग्...