शुक्रवार, 28 मई 2021

नोजवानों की नजरों में खलनायक बन गए सुशील

राणा ओबराय              
नई दिल्ली। भारत को ओलम्पिक खेलो में कुश्ती स्पर्द्धा में दो बार पदक जिताने वाले पहलवान सुशील आज एकाएक देश के नोजवानो की नजरों में खलनायक बन गए हैं। भारत देश ने सुशील को नाम, पैसा शोहरत सब कुछ दिया। फिर क्या ऐसी जरूरत आन पड़ी की वह ऐसे घिनोने कार्य मे संलिप्त हो गया ? मशहूर पहलवान के इस कुकर्म से लोग युवा पहलवानों को भी संशय की नजरों से देखेंगे। पहलवानों की धरती कहे जाने वाले हरियाणा की बात करे तो अब यहां पहलवानों की आड़ में जम कर पैसा इकट्ठा करने का काम चल रहा है। राज्य में बड़े व्यापारियों को धमकी देने और पैसे वसूलने के मामले सामने आते रहते हैं। एक रिपोर्ट के अनुसार गुरुग्राम में कौशल गैंग ने पुष्पांजलि हॉस्पिटल और ओम स्वीट्स के मालिकों को धमकी दी थी। इस गैंग के कुछ सदस्यों के नाम फरीदाबाद के कांग्रेसी नेता विकास चौधरी को भी वसूली के कारण गोली मार कर हत्या करने के मामले में सामने आए थे। अंत मे युवा खिलाड़ियों को इतना कहना चाहेंगे कि पैसे सब कुछ नही है।

भू-माफियां व क्षेत्रीय 'अधिकारियों' की मिली भगत

अतुल त्यागी             
हापुड़। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ एक तरफ जहां अधिकारियों को भू-माफियाओं पर ताबड़तोड़ कार्यवाही करने के निर्देश दे रहे हैं। लेकिन, वहींं कुछ छोटे अधिकारी उनका सहयोग कर रहे हैं। ऐसा ही मामला धौलाना तहसील के गांव शेखूपर खिंचरा मै मुस्लिम समाज के कब्रिस्तान में दबंग भू माफिया जमीन घेरकर कार्य करवा रहे हैं। अब यह पता लगाना अभी बाकी है। दबंग भू माफिया किसकी सह पर कर रहे हैं। कब्रिस्तान की जमीन पर अवैध निर्माण स्थानीय पुलिस को लेखपाल को जानकारी होते हुए भी क्यों नहीं हो रही है ? कार्रवाई कहीं मिली तो नहीं, अधिकारियों के जांच का विषय होगी। कार्यवाई यह दबा दिया जाएगा। मामला फिलहाल कब्रिस्तान के जमीन पर कार्य चल रहा है। अभी देखना है, कि कार्यवाही होगी या नहीं।

मरीजों को इलाज की सुविधा दिलाएं जाने की मांग

कौशाम्बी। भरवारी के मेहता अस्पताल में मरीजों को मिलने वाली सुविधाएं लोग अभी तक भूल नहीं सके हैं। मेहता अस्पताल में इलाज के नाम पर मिल रही सुविधाएं अभी तक सरकारी अस्पतालों में उपलब्ध नहीं हो पाई है। इस अस्पताल में जनभावना से मरीजों की सेवा चिकित्सक और स्वास्थ्य कर्मी करते थे। चार दशक तक लगातार इस अस्पताल में इलाके के मरीजों को संपूर्ण इलाज की सुविधाएं उपलब्ध थी। लेकिन प्रबंध तंत्र की खींचतान के चलते यह अस्पताल धीरे-धीरे बंद हो गया। लोगों ने एक बार फिर से अस्पताल को शुरू करा कर मरीजों को इलाज की सुविधा दिलाए जाने की मांग जिलाधिकारी से की है।
बी एस मेहता अस्पताल की शुरुआत 1956 में आधार शिला रख कर गिरधारी लाल मेहता ने की थी। इस अस्पताल में मरीजों के इलाज के लिए संपूर्ण सुविधाएं उपलब्ध थी। सैकड़ों किलोमीटर दूर के मरीज इस अस्पताल तक पहुंच कर सस्ता सुलभ इलाज कराकर स्वस्थ जीवन जीते थे। अस्पताल में प्रतिदिन हजारों मरीजों को इलाज मिलता था। सैकड़ों मरीज अस्पताल में भर्ती किए जाते थे। जिनकी देखरेख और इलाज की बेहतर सुविधाएं अस्पताल में मौजूद थी। प्रबंध तंत्र की अवस्थाओं के चलते यह अस्पताल धीरे-धीरे बंद हो गया और वर्तमान में यह अस्पताल अपने आप मे आशु बहा रहा है। इस अस्पताल का निर्माण कस्बे के बीच सत्रह हेक्टेयर जमीन पर बलदेवराम सालिगराम मेहता ट्रस्ट द्वारा किया गया था। बन्द पड़े इस अस्पताल पर यदि जिलाधिकारी कौशाम्बी की निगाह पड़ जाए तो इस क्षेत्र की जनता के साथ-साथ आसपास के जिलों के हजारों मरीजों के लिए यह अस्पताल वरदान से कम नही साबित होगा इस वक्त वैश्विक महामारी में इतना बड़े अस्पताल की सरकार को आवश्यकता है। इस अस्पताल की सिर्फ मररमती करण होने मात्र से अस्पताल चल पड़ेगा और लोगो को एक बहुत अच्छी सुबिधा मिल सकेगी।
राजू सक्सेना 

सीएम की ममता, पीएम मोदी को कराया इंतजार

मीनाक्षी लोधी   
कोलकाता। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार को बंगाल और ओड़िशा में चक्रवात यास तूफान से हुए नुकसान का जायजा लेने पहुंचे। दोनों राज्यों में पीएम मोदी ने समीक्षा बैठक की। बंगाल में मोदी के साथ समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी 30 मिनट की देरी से पहुंचीं। उनके साथ राज्य के मुख्य सचिव भी देरी से पहुंचे। यहां मुख्यमंत्री चक्रवाती से राज्य में हुए नुकसान से जुड़े कुछ दस्तावोज सौंपकर चली गईं।
सीएम ममता ने बताया कि राज्य के मुख्य सचिव ने पीएम नरेंद्र मोदी को यास चक्रवात से सूबे में हुए नुकसान के संबंध में रिपोर्ट सौंपी है। पीएम नरेंद्र मोदी की मीटिंग में देरी से पहुंचने और तुरंत निकलने पर बाद में ममता बनर्जी ने 30 मिनट देरी से पहुंचने पर सफाई देते हुए कहा कि उन्हें इसकी जानकारी ही नहीं थी। इस मीटिंग के दौरान राज्य के गवर्नर जगदीप धनखड़ पूरे समय मौजूद रहेमुख्यमंत्री बनर्जी ने कहा कि ‘मैं नहीं जानती थी कि पीएम मोदी ने मीटिंग बुलाई है। मैं कलाईकुंडा गई थी और पीएम नरेंद्र मोदी को रिपोर्ट सौंपकर 20 हजार करोड़ रुपए की मदद की मांग की है। 10 हजार करोड़ की मांग दीघा और 10 हजार करोड़ सुंदरबन के विकास के लिए मांगे हैं। मैंने उनसे कहा कि राज्य के अधिकारी मुझसे मिलना चाहते हैं। इसके बाद मैंने उनसे परमिशन ली और निकल गईं।’

बता दें कि पीएम मोदी आज यास तूफान को लेकर बंगाल और ओडिशा में राज्य सरकारों के साथ समीक्षा बैठक की। लेकिन बंगाल के मीटिंग में बीजेपी नेता शुभेंदु अधिकारी को भी न्योता दिया गया। इससे पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी नाराज हो गईं। पहले ही बता दिया गया कि सीएम ममता बैठक में ही शामिल नहीं होंगी। यास तूफान को लेकर पीएम की मीटिंग में बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ भी मौजूद थे। कहा जा रहा है कि शुभेंदु अधिकारी के कारण ही ममता बनर्जी बैठक में शामिल नहीं हुईं।

कोरोना उत्पत्ति की जांच में भारत से समर्थन मांगा

अकांशु उपाध्याय  
नई दिल्ली। भारत ने शुक्रवार को कोरोना वायरस की उत्पत्ति की जांच संबंधी वैश्विक मांग का समर्थन किया है। विदेश मंत्रालय में प्रवक्ता अरिंदम बागची ने इससे जुड़े एक प्रश्न के उत्तर में भारत के समर्थन की बात कही। उन्होंने कहा, “डब्ल्यूएचओ (विश्व स्वास्थ्य संगठन) ने कोविड-19 की उत्पत्ति पर वैश्विक अध्ययन की शुरुआत की है। यह एक महत्वपूर्ण पहला कदम है। इसके अगले चरण के अध्ययन के साथ-साथ आगे के आंकड़ों और अध्ययनों को मजबूत निष्कर्ष तक पहुंचाने की आवश्यकता पर बल दिया है।"
उन्होंने कहा, “डब्ल्यूएचओ की रिपोर्ट पर अनुवर्ती कार्रवाई और आगे के अध्ययन सभी की समझ और सहयोग के लिए जरूरी है।”
उल्लेखनीय है कि विश्व संस्था ने मार्च में एक जांच के बाद अपनी रिपोर्ट दी थी लेकिन उसे दुनिया के बड़े देशों ने विफल माना था। वहीं अमेरिकी राष्ट्रपति ने अपनी खुफिया एजेंसियों को वायरस की उत्पत्ति के संबंध में 90 दिन का समय दिया है। कोरोना वायरस की उत्पत्ति को लेकर कई अटकलें हैं। कुछ में इसे जानवरों से इंसानों में आने की बात कही जा रही है। वहीं कुछ में कहा गया है कि वायरस असल में चीन की लैब में तैयार किया गया है।

रामदेव के तेल में मिली मिलावट, फैक्ट्री की सीज

नरेश राघानी   

अलवर। बाबा रामदेव की परेशानियां कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। एलोपैथी पर बयान देकर फंसने के बाद अब रामदेव अपनी ही कंपनी के सरसों के तेल को लेकर मुश्किलों में घिर गए हैं। राजस्थान के अलवर में गुरुवार देर रात प्रशासन ने पंतजलि कंपनी के सरसों के तेल में मिलावट की आशंका के चलते खैरथल की सिंघानिया आयल मिल को सीज कर दिया है। इस कार्रवाई के दौरान खुद जिला कलेक्टर वहां मौजूद रहे साथ ही कार्रवाई की वीडियोग्राफी भी करवाई गई है।

खाद्य तेल संगठन पहले से ही पंतजलि के सरसों के तेल पर आपत्ति जता चुका था। दरअसल पंतजलि के सरसों तेल के एक विज्ञापन में यह दिखाया गया है कि पंतजलि छोड़ बाकी सभी कंपनियों के कच्ची घानी तेल में मिलावट है। इसी विज्ञापन के बाद ही खाद्य तेल संगठन ने अपनी आपत्ति जताई थी। हालांकि अब बाबा रामदेव की पतंजलि ब्रांड के नाम से सरसों के तेल की पैकिंग और मिलावट किये जाने की सूचना के बाद प्रशासन ने फैक्ट्री पर छापेमारी कार्ऱवाई करते हुए देर रात ही सीज कर दिया है।
फैक्ट्री में पतंजलि की भारी मात्रा में पैकिंग सामग्री बरामद की गई है। हालांकि फैक्ट्री में बाबा रामदेव की पतंजलि का पैकिंग किये जाने की अनुमति होने की बात प्रबंधन की ओर से बताई गई है। इसके अलावा एक और ब्रांड श्री श्री ऑयल ब्रांड के भी रैपर वहां से मिले हैं। फैक्ट्री में मौजूद सरसों के तेल कच्ची घानी ओर स्पेलर से निकाले गए तेल के स्टॉक और मौजूद कच्चे सामान के खाद्य निरीक्षकों और आयुर्वेद निरिक्षकों की टीम ने सैम्पल लिए हैं। प्रशासन का कहना है कि सैंपल रिपोर्ट के आने के बाद ही आगे की कार्यवाही की जाएगी।
प्रशासन ने कंपनी प्रबंधन को चेतावनी दी है कि किसी भी सूरत में सामान के साथ छेड़छाड़ नहीं की जानी चाहिए। जो समान जहां है वैसा ही होना चाहिए। बता दें कि इस फैक्ट्री से भारी मात्रा में सरसों का तेल बाबा रामदेव की कंपनी पतंजलि को जाता है। जिसके बाद पतंजलि इस तेल पर अपना ठप्पा लगाकर बाजारों में सप्लाई करती है। जिला कलेक्टर नन्नू मल पहाड़िया का कहना है कि प्रशासन को जैसी ही सरसों के तेल में मिलावट की बात पता चली तो शिकायत के आधार पर त्वरित कार्रवाई करते हुए अलवर के एसडीएम योगेश डागुर के नेतृत्व में तीन सदस्यीय कमेटी का गठन किया गया। इस कमेटी ने फैक्ट्री पर कार्रवाई करते हुए उसे सीज कर दिया है ताकि समान इधर-उधर ना हो सके। उन्होंने कहा कि मामले की जांच जारी है। सैंपल की रिपोर्ट आने के बाद ही इस मामले में कार्रवाई की जाएगी।

योगी ने दोषियों पर एनएसए लगाने का आदेश दिया

बृजेश केसरवानी   
लखनऊ/अलीगढ़। जहरीली शराब ने एक बार फिर उजाड़ दी परिवारों की खुशियों को। इतनी सख्ती के बाद भी जहरीली शराब की बिक्री बंद नहीं हो पा रही है। ऐसा ही एक मामला उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में जहरीली खराब पीने से 7 लोगों की मौत हो गई है। बताया जा रहा है कि मरने वालों में अलीगढ़ एचपी गैस प्लांट के ट्रक ड्राइवर भी शामिल हैं। इसके अलावा लोधा क्षेत्र के करसुआ, निमाना, हैवतपुर, अंडला गांव के ग्रामीणों की भी मौत हुई है। अभी कई लोगों की हालत गंभीर है। उनका इलाज स्थानीय अस्पताल में चल रहा है।

इस मामले में सीएम योगी आदित्यनाथ एक्शन में आ गए हैं। उन्होंने अलीगढ़ के अधिकारियों से बात करके पीड़ितों की मदद करने का निर्देश दिया। साथ ही आरोपियों पर एनएसए लगाने का आदेश दिया है। इसके साथ ही सीएम योगी ने कहा कि अगर सरकारी ठेके से शराब खरीदी गई थी तो उसे सीज किया जाए और दोषियों की संपत्ति भी कुर्क की जाए।

इस बीच अलीगढ़ के गांवों में जहरीली शराब से मौत के बाद दहशत का माहौल है। इसके साथ ही लोगों में गुस्सा भी है. अलीगढ़ के जिलाधिकारी चंद्र भूषण सिंह ने कहा कि अभी तक 7 लोगों की मौत हुई है, मामले की जांच की जा रही है, जांच में जो भी निकल कर आएगा, उसी आधार पर कार्रवाई की जाएगी।अलीगढ़ के थाना लोधा क्षेत्र के अंतर्गत गांव करसुआ में जहरीली शराब पीने से सात लोगों की मौत हुई है। स्थानीय लोगों ने बताया है कि मरने वालों ने गांव ही ठेके से शराब खरीद कर पी थी। मरने वालों में दो करसुआ में स्थित एचपी गैस बॉटलिंग प्लांट के ड्राइवर हैं। मौके पर अफसर पहुंच गए हैं और शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है।

ग्रामीणों की शिकायत के बाद प्रशासनिक और पुलिस अधिकारियों ने देसी शराब के ठेके को सील करा दिया है. साथ ही शराब के सैंपल लिए जा रहे हैं. जांच के बाद ही पता चल पाएगा कि लोगों की मौत कैसे हुई? क्या ठेके पर नकली शराब बेची जा रही? इस बीच ग्रामीण गुस्से में हैं और कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।

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