शनिवार, 20 मार्च 2021

जापान में महसूस किए गए भूकंप के झटके

टोक्यो। उत्तरी जापान के पास शनिवार को भूकंप का तगड़ा झटका महसूस किया गया। जिससे टोक्यो में भी इमारतें हिल गईं जबकि उत्तरी तट के एक हिस्से के लिए सूनामी की चेतावनी जारी की गई। भूकंप में किसी क्षति या किसी के घायल होने की तत्काल कोई सूचना नहीं है। अमेरिकी भूगर्भीय सर्वेक्षण के अनुसार भूकंप की तीव्रता 7.0 मापी गई और इसकी गहराई 54 किलोमीटर थी।
भूकंप के झटके शाम 6:10 बजे से पहले शुरू हुए। भूकंप का केंद्र देश के उत्तरपूर्व हिस्से में मियागी प्रान्त के तट के पास केंद्रित था, जिसे 2011 के भूकंप और सुनामी के दौरान भारी क्षति पहुंची थी। जापान की मौसम विज्ञान एजेंसी ने भूकंप के तुरंत बाद मियागी प्रान्त के लिए एक मीटर तक की सूनामी की चेतावनी जारी की लेकिन इसे लगभग 90 मिनट बाद वापस ले लिया। जापान के सरकारी एनएचके टेलीविजन ने कहा कि हो सकता है। कि सुनामी पहले से ही मियागी तट के कुछ हिस्सों में पहुंच गई हो। वहां के अधिकारियों ने कहा कि नुकसान की तत्काल कोई सूचना नहीं है। एनएचके ने कहा कि भूकंप के चलते कुछ क्षेत्रों में अस्थायी तौर पर बिजली की आपूर्ति रूक गई और बुलेट ट्रेन सेवाएं निलंबित हो गई।
परमाणु नियामक प्राधिकरण ने कहा कि फुकुशिमा दाइची परमाणु संयंत्र सहित क्षेत्र में परमाणु ऊर्जा संयंत्रों में कोई असामान्यता नहीं पाई गई है। जो 2011 के भूकंप और सुनामी में प्रभावित हुए थे। मियागी प्रान्त में टोम शहर की एक संकट प्रबंधन अधिकारी अकीरा वेकिमोतो ने कहा कि भूकंप आने पर वह अपने अपार्टमेंट में थीं। और उन्होंने अपने कमरे में लंबे समय कंपन महसूस किया।
तटीय शहर ओफुनातो एक होटल के कर्मचारी शोतारो सुजुकी ने कहा कि बिजली अस्थायी तौर पर कट गई थी। और लिफ्ट की सेवा थोड़ी देर के लिए बंद हो गई थी। लेकिन बिजली की आपूर्ति अब बहाल हो गई है। और कोई अन्य समस्या नहीं है। सुजुकी ने एनएचके से कहा, ”हमारे मेहमान चिंतित लग रहे थे। लेकिन वे सभी अब अपने कमरों में लौट गए हैं।

ममता का मोदी पर सब कुछ बेचने का आरोप

कोलकाता। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने शनिवार को भाजपा की आलोचना करते हुए उसे दुनिया में ”सबसे बड़ी तोलाबाज (वसूली करने वाली)” पार्टी बताया और कहा कि उसे राज्य में कभी भी सत्ता में नहीं आने देना चाहिए। पूर्वी मेदिनीपुर जिले के हल्दिया में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए बनर्जी ने भगवा पार्टी पर दंगों की साजिश रचने, लोगों की हत्या करने तथा दलित लड़कियों को प्रताड़ित करने का भी आरोप लगाया। उन्होंने कहा भाजपा दुनिया में सबसे बड़ी ‘तोलाबाज’ है। देखिए पीएम केयर फंड के तहत उसने कितना पैसा इकट्ठा किया। अगर पश्चिम बंगाल के लोग शांति और दंगों से मुक्त राज्य चाहते हैं तो तृणमूल कांग्रेस ही एकमात्र विकल्प है। टीएमसी सुप्रीमो ने आरोप लगाया, लोगों की हत्या के लिए जिस पार्टी ने दंगे करवाए उसे कभी बंगाल में शासन करने मत देना। भाजपा में तो महिलाएं भी सुरक्षित नहीं हैं।’ बनर्जी ने कहा कि भाजपा लोकतांत्रिक तरीके से चुनाव नहीं लड़ सकती। पश्चिम बंगाल में आठ चरणों में 27 मार्च से चुनाव होंगे। मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर सब कुछ बेचने का आरोप लगाया। इस महीने की शुरुआत में चुनाव प्रचार के दौरान चोटिल हुईं बनर्जी अभी व्हीलचेयर पर हैं। उन्होंने कहा, ”प्रधानमंत्री ने हर चीज बेच दी है। उन्होंने भारतीय अर्थव्यवस्था को बर्बाद कर दिया। सरकार पहले ही रेलवे, कोयला क्षेत्र, बीएसएनएल, बीमा क्षेत्र और बैंकों का निजीकरण कर रही है। किसी दिन हल्दिया बंदरगाह भी बिक सकता है।
बनर्जी ने कहा चुनाव शुरू होने से पहले ईवीएम की 30 बार जांच होनी चाहिए ताकि यह सुनिश्चित हो कि उसमें कोई गड़बड़ी नहीं है। लेकिन अगर किसी मशीन में गड़बड़ी होती है तो उसके ठीक होने तक कृपया शांति रखे।
उन्होंने यह भी कहा कि उनकी सरकार संपर्क बढ़ाने के लिए हल्दिया और नंदीग्राम के बीच एक पुल बनाएगी। टीएमसी सुप्रीमो ने कहा हल्दिया में मछलियों के विकास के लिए एक केंद्र बनाया जाएगा। ताजपुर में 15,000 करोड़ रुपये की लागत से एक बंदरगाह बनाया जा रहा है। जिससे 25,000 नौकरियां पैदा होंगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के किसानों को दी जाने वाली वित्तीय मदद 6,000 रुपये से बढ़ाकर 10,000 रुपये प्रति वर्ष की जाएगी और उनके घरों में निशुल्क राशन दिया जाएगा।

4 देशों की महिलाओं से शादी पर लगाईं रोक

रियाद। सऊदी अरब ने अपने पुरुषों को पाकिस्तान, बांग्लादेश, चाड म्यांमार की महिलाओं से शादी करने पर रोक लगा दी है। सऊदी मीडिया में एक रिपोर्ट के हवाले से इसकी जानकारी दी है। एक आंकड़ों के अनुसार इन चारों देशों की लगभग 5,00,000 महिलाएं फिलहाल सऊदी अरब में रह रही हैं।
मक्का के पुलिस महानिदेशक मेजर जनरल असफ अल-कुरैशी के हवाले से कहा गया है।कि विदेशी महिलाओं से शादी करने के इच्छुक सऊदी पुरुषों को अब सख्त नियमों का सामना करना पड़ेगा। इस कदम का उद्देश्य सऊदी पुरुषों को विदेशी महिलाओं से शादी करने से रोकना है। अगर फिर भी कोई विदेशी महिला से निकाह करने का इच्छुक है।तो उसे पहले सरकार की सहमति लेनी होगी और आधिकारिक चैनलों के माध्यम से विवाह के लिए प्रार्थनापत्र देना होगा। इसके साथ ही तलाकशुदा पुरुषों को तलाक के छह महीने के भीतर दूसरी शादी के लिए प्रार्थना पत्र दाखिल करने की अनुमति नहीं दी जाएगी।
कुरैशी ने बताया कि आवेदकों की उम्र 25 साल से अधिक होनी चाहिए और प्रार्थना पत्र के साथ स्थनीय जिला महापौर के दस्तखत किए पहचान पत्रों के साथ ही फैमिली कार्ड की कॉपी भी अटैच करनी होगी। उन्होंने कहा कि यदि आवेदक पहले से ही शादीशुदा है तो उसे अस्पताल की एक रिपोर्ट अटैच करनी होगी। जिससे यह साबित हो सके कि उसकी पत्नी विकलांग है या क्रोनिक डिजीज से पीड़ित है या फिर बांझ है।
 

झांसी: पत्रकारिता में प्रतिदिन गिरावट क्यों ?

झांसी। बदलते समय और बदलती सोच के साथ पत्रकारिता के क्षेत्र में दिन-प्रतिदिन गिरावट आ रही है। इस मुद्दे पर आज देश में गर्मा-गर्म बहस भी छिड चुकी है। देश के लोकतंत्र का मजबूत चौथा स्तम्भ (शेर) कहा जाने वाला पत्रकारिता का क्षेत्र भी अब इस भ्रष्टाचार से अछूता नही रहा। आज शनिवार को पैसे की चमक ने पत्रकारिता के मिशन को व्यवसाय बना दिया। ये ही कारण है कि आज देश में भ्रष्टाचार के कारण हाकाहार मचा है। मंहगाई आसमान छू रही है। राजनेता, अफसर देश को लूटने में लगे है और गुण्डे मवाली, सफेद खद्दर में संसद भवन में पिकनिक मना रहे है। पूंजीपतियो, राजनेताओ, अफसरो के बडे बडे विज्ञापनो ने पैसे के बल पर आज मीडिया के जरिये आम आदमी की समस्या और उस की उठने वाली आवाज को दबा कर रख दिया है। दूसरा सब से बडा सवाल आज पत्रकारिता के क्षेत्र में दिन प्रतिदिन बड़ती तादाद में अशिक्षित, कम पढे लिखे और अप्रशिक्षित संवाददाओ की एक बडी दिशाहीन सेना का प्रवेश भी पत्रकारिता के क्षेत्र में भ्रष्टाचार बढाने में बडा योगदान दे रहा है। ये वो लोग है, जो जेब में कलम लगाकर रोज सुबह शाम सरकारी अफसरो और दफ्तरो के चक्कर काटते रहते है। और ये भ्रष्ट अफसर इन लोगो को समय समय पर विज्ञापन, शराब और भोज का भोग लगाना नही भूलते...क्यो कि आज पत्रकारिता वो पत्रकारिता नही रही जब देश की आजादी में पत्रकारिता और पत्रकारो की एक अहम भूमिका हुआ करती थी। अंग्रेजी सरकार के विरूद्व देशवासियो को जागरूक करने में देश के समाचार पत्रो की भूमिका निर्णायक थी। उस समय प्रकाशित समाचार पत्र किसी निजी या विदेशी कंपनी के नही होते थे बल्कि कुछ सिरफिरे लोग समाचार पत्र या पत्रिका का प्रकाशन देशहित में करते थे। यह उनका देश प्रेम होता था। जो आम आदमी को पीडित होते देख खुद पीडा से कांप उठते थे और उन की कलम एक जुनून का रूप धारण कर लेती थी। एक पत्रकार की कलम ऐसी होनी चाहिए जो हजारो को देश हित में खड़ा कर सके।
आजादी की लड़ाई में पत्रकारो की अहम भूमिका थी।
इस काल के पत्रकार, लेखक, शायर, कवि बेहद सादा गरीबी रेखा से नीचे का जीवन व्यतीत करता था। उस की समाज में विशेष छवि हुआ करती थी। दिन भर मेहनत मजदूरी करने के बाद शाम को लालटेन की रोशनी में टाटल के कलम और रोशनाई में अपना खून पसीना मिलाकर अपने कलम के जौहर दिखाता था। आज शायद ही देश के किसी कोने में इस तरह के पत्रकार अपनी जीविकोपार्जित करने के बाद पत्रकारिता कर रहे हो।
आज यदि देश के मीडिया में व्याप्त भ्रष्टाचार पर नज़र डाली जाये तो मालूम होता है कि बडे स्तर पर तथाकथित रूप से प्रेस से जुडकर कुछ पूँजीपतियो ने अपने नापाक उद्देश्यों की पूर्ति के लिये देश के सब से शक्तिशाली संसाधन मीडिया को गुपचुप तरीके से कारपोरेट मीडिया का दर्जा दिला दिया। कारपोरेट मीडिया से मेरी मुराद है. मीडिया प्रोड़क्शन, मीडिया डिस्ट्रीब्यूशन, मीडिया प्रोपट्री। इन लोगो द्वारा मीडिया में पूंजीनिवेश कर एक ऐसी व्यवस्था बना दी गई है। जिस में मल्टीनेशनल उद्योगिक प्रतिष्ठानों और व्यापारिक घरानो का होल्ड होता चला गया। इस व्यवस्था में पूंजीनिवेशको, शेयर होल्डरो, और विज्ञापनदाताओ के हितो की रक्षा तथा अधिक से अधिक धन बटौरने के सिद्वांतो पर तेजी से चला जाने लगा और मीडिया के असल मकसद जनहित और राष्ट्रहित को पीछे छोड दिया गया। मीडिया में प्रवेश करते ही इन पूंजीपतियो ने प्रेस की विचारधारा बदलने के साथ ही लोगो की सोच भी बदल दी। माहौल को अपनी इच्छापूर्वक बनाने के अलावा व्यापार, उघोग, धर्म, राजनीति, संस्कृति, सभ्यता आज जीवन का कोई क्षेत्र ऐसा नही बचा जिस में मीडिया का प्रयोग वैध या अवैध रूप से न किया जा रहा हो। आज समाचार पत्रो पर विज्ञापनो का प्रभाव इस सीमा तक बढ गया है, कि कई समाचार पत्रो में संपादक को समाचार पत्र में विज्ञापन और मालिक के दबाव में अपना संपादकीय तक हटाना पड जाता है। वही संपादक लेख और समाचारो का चयन पाठक की रूची के अनुसार नही, बल्कि विज्ञापन पर उनके प्रभाव के अनुसार करता है।
दरअसल ये सारा का सारा बिगाड़ 1990 से तब फैला जब भारत ने अर्तंराष्ट्रीय मॉनेटरी फण्ड और विश्व बैंक के दबाव में वैश्वीकरण के नाम पर अपने दरवाजे अर्तंराष्ट्रीय कम्पनियो व पूंजीपतियो के लिये खोल दिये। भारत 30-35 करोड़ दर्शको और लगभग 50 करोड़ से ऊपर अखबारी पाठको का विश्व का सब से बडा बाजार है इसी लिये कई मल्टीनेशनल कम्पनिया तेजी के साथ भारत में दाखिल हुई और मीडिया के एक बडे क्षेत्र पर अपना कब्जा जमा लिया। वैश्वीकरण की नीतियो के कारण सरकार का मीडिया पर से नियंत्रण समाप्त हो गया और देश के लोकतंत्र का चौथा स्तम्भ देश और जनता के हितो की सुरक्षा करने के बजाय चंद पूंजीपतियो की सेवा और इनके हाथो की कठपुतली बन गया। आज समाचार पत्र प्रकाशित करना एक उद्योग का रूप धारण कर चुका है। सरकार को डराने के साथ ही सरकार गिराने और बनाने में भी सहयोग प्रदान करने के साथ ही लोगो के विचारो को दिशाहीन कर उन्हे भटकाने का कार्य भी करने लगा है। आज किसी नामचीन गुण्डे को सिर्फ चंद घंटो में मीडिया अपने हुनर से माननीय, सम्मानीय, वरिष्ट समाजसेवी, राजनीतिक गुरू, महापुरूष एक लेख या विज्ञापन के द्वारा बना सकता है। वही आज समाचार पत्र और टीवी चैनल ऐसे मुद्दो को ज्यादा महत्व देते है जो विवादित हो।
प्रेस का व्यवसायीकरण होने के बाद अखबार मालिक का पत्रकारिता के प्रति नजरिया ही बदल गया। पैसे की चकाचौध में कारपोरेट मीडिया के नजदीक आम आदमी मंहगाई से मरे या भूख से, सरकारी गोदामो के आभाव में गेंहू बारिश में भीगे या जंगली जानवर खाये, सरकार भ्रष्ट हो या ईमानदार समाचार पत्र में मेटर हो या न हो। इस से फर्क नही पडता क्योंकि आज अखबार मालिको के ये सब लक्ष्य नही है। अधिक से अधिक विज्ञापन की प्राप्ति ही आज हर एक अखबार का असल लक्ष्य हो चुका है। सवाल ये उठता है कि मीडिया का उद्देश्य और लक्ष्य ही जब विज्ञापन प्राप्त करना हो जाये तो फिर सच्ची और मिशन पत्रकारिता का महत्व ही समाप्त हो जाता। क्यो कि जिन लोगो से पत्र बडे बडे विज्ञापन लेगा उनके खिलाफ वो अपने पत्र में कैसे लिखेगा, ये ही कारण है, कि आज शनिवार को पैसे की चमक ने पत्रकारिता मिशन को भ्रष्ट और बदनाम करने के साथ ही कुछ पत्रकारो को पत्रकारिता की आड़ में व्यवसायी बना दिया।

गोवंश के अवशेष मिलने पर किया चक्काजाम

कौशांबी। चरवा थाना क्षेत्र के ग्राम कमालपुर के पास 2 दिन पहले गोवंश के अवशेष मिलने से लोगों में काफी आक्रोश दिख रहा है। कमालपुर गांव के लोगों ने गुंगवा के बाग तिराहे पर किया चक्काजाम लोगों का कहना है, कि जल्द से जल्द ऐसे लोगों की गिरफ्तारी होनी चाहिए इस मौके पर चक्का जाम कर रहे ग्रामीणों ने कहा, कि जल्द से जल्द ऐसी लोगों की गिरफ्तारी करवाएं। धरना-प्रदर्शन चक्का जाम कर रहे ग्रामीणों को समझाते हुए चायल सीओ ने कहा कि मुकदमा दर्ज है। हमारे चरवा थाने के प्रशासन के लोग पूरा प्रयास कर रहे हैं।क्षेत्राधिकारी के समझाने के बाद प्रदर्शनकारी माने हैं और उन्होंने क्षेत्राधिकारी के आश्वासन पर प्रदर्शन समाप्त कर दिया है। इस मौके पर तमाम ग्रामीण मौजूद रहे।
विजय कुमार 

जनस्वास्थ्य विभाग में मिला गड़बड़ी का मामला

राणा ओबराय           
रोहतक। जनस्वास्थ्य विभाग में गड़बड़ियों का मामला एक बार फिर से सामने आया है। एक ठेकेदार ने पिछले सप्ताह विभाग के इंजीनियर इन चीफ और चीफ इंजीनियर से पंचकूला पहुंचकर शिकायत की थी। उस दौरान अपना शपथ पत्र देते हुए ठेकेदार ने गड़बड़ियों के गंभीर आरोप लगाए थे। एक बार फिर से पूरे मामले में ठेकेदार ने विभाग के अधीक्षण अभियंता यानी एसई को शपथ-पत्र के साथ शिकायत सौंपी है। यह भी दावा किया है, कि यदि मेरी शिकायत गलत हों तो मेरे खिलाफ पुलिस केस किया जाए। जनस्वास्थ्य विभाग के अधीक्षण अभियंता राजीव गुप्ता को सौंपी शिकायत में ठेकेदार वीरेंद्र सचदेवा ने आरोप लगाए हैं, कि बीते साल दिसंबर में लेबर की सेलरी के लिए 35 टेंडर लगाए गए थे। जब इस प्रकरण में शिकायत की तो फरवरी में इन्हीं टेंडरों की संख्या गुपचुप तरीके से 35 के बजाय 22 कर दी। आरोप हैं, कि दिसंबर तक 50 हजार रुपये तक के टेंडर आफ लाइन लगाए जाते थे। साथ ही प्रति मजदूर 12-13 हजार रुपये ही होते थे। जनवरी में यह टेंडर आनलाइन किए गए तो प्रति व्यक्ति मजदूरी 10700 रुपये कर दी गई।
इनका दावा है कि करीब 150-170 कर्मचारियों को वेतन देने में भारी अनियमितताएं बरती गई हैं। इसलिए इस प्रकरण में निष्पक्षता से जांच होनी चाहिए। यह भी मांग की है कि पूरे प्रकरण में अधिकारी मामले को जुटे हुए हैं। इन्होंने इस प्रकरण में शिकायत शपथ-पत्र पर देते हुए दावा किया है, कि गलत शिकायत है तो मेरे खिलाफ केस हो अन्यथा मैं गड़बड़ियों के खिलाफ कार्रवाई कराने कोर्ट में जाने के लिए बाध्य हो जाऊंगा।

लॉकडाउन-कर्फ्यू के पक्ष में नहीं है स्वास्थ्य मंत्री

राणा ओबराय      
चंडीगढ। हरियाणा में रफ्तार पकड़ रहे कोरोना के मामलों पर लगाम कसने के लिए आज शनिवार को सूबे के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने प्रदेश के सभी उपायुक्त, सिविल सर्जन और पुलिस के आला अधिकारीयों के साथ बैठक की। वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिये हुई बैठक में मुख्यमंत्री मनोहर लाल भी मौजूद रहे। वहीं, इस बैठक में गृह मंत्री अनिल विज ने सभी अधिकारियों को कड़े शब्दों में प्रदेश में सख्ती बढ़ाने के निर्देश दिए। विज ने स्पष्ट कहा कि वो अभी किसी तरह के लॉक डाउन या नाईट कर्फ्यू के पक्ष में नहीं है। ऐसे में सख्ती ही एकमात्र बचाव का जरिया है। प्रदेश में फैल रही कोरोना की दूसरी लहर को लेकर हरियाणा सरकार गंभीर हो गई है। जिसके चलते आज हरियाणा में मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज की अध्यक्षता में अहम बैठक हुई। जिसमें वीसी के जरिये सूबे के गृह मंत्री अनिल विज ने प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग के अधिकारीयों, उपायुक्तों और पुलिस कप्तानों को प्रदेश में फिर से सख्ती बढ़ाने के निर्देश दिए। विज ने कहा कि बीते वर्ष कोरोना से इसी महीने में लड़ाई शुरू हुई थी। लेकिन इस बार अभी वो इस पक्ष में नहीं है कि लॉक डाउन या फिर नाईट कर्फ्यू लगाया जाये। विज ने अधिकारियों को कहा कि अधिकारी बिना मास्क घूमने वालों लोगों पर सख्ती के लिए हर चौक चौराहे पर चालान काटने की मुहिम शुरू करें ताकि कोई भी बिना मास्क के घर से बाहर न निकले।
वहीं विज ने इस बैठक में यह भी स्पष्ट कर दिया, कि अगर आने वाले समय कोरोना पर लगाम कसने के लिए कड़े कदम उठाने पड़े तो वो भी उठाये जायेंगे। लेकिन अभी वो लोगों का काम धंधा बंद नहीं करना चाहते।क्योंकि, लोग पहले लॉक डाउन में काफी सहन कर चुके हैं।

सीएम ने जनसभा कर, मतदाताओं से संवाद किया

सीएम ने जनसभा कर, मतदाताओं से संवाद किया  संदीप मिश्र  बरेली। बरेली के आंवला में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को सुभाष इंटर कॉलेज ग्...