मंगलवार, 2 फ़रवरी 2021

"आत्मनिर्भर भारत'' 'संपादकीय'

'आत्मनिर्भर भारत'
ऑक्सफोर्ड लैंग्विजेज ने आत्मनिर्भर 'भारत' को 2020 का हिंदी भाषा का शब्द घोषित किया गया है। यह शब्द भाषा विशेषज्ञों कृतिका अग्रवाल पूनम निगम सहाय और इमोगन फॉक्सेल के एक सलाहकार पैनल द्वारा चुना गया है। ऑक्सफोर्ड हिंदी शब्द से यहां तत्पर्य ऐसे शब्द से है। जो पिछले साल के लोकाचार, मनोदशा या स्थिति को प्रतिबिंबित करे और जो सांस्कृतिक महत्व के एक शब्द के रूप में लंबे समय तक बने रहने की क्षमता रखता हो। ऑक्सफोर्ड लैंग्विज’ ने एक बयान में कहा कि प्रधानमंत्री ने जब कोविड-19 से निपटने के लिए पैकेज की घोषणा की थी। तो उन्होंने वैश्विक महामारी से निपटने के लिए देश को एक अर्थव्यवस्था के रूप में एक समाज के रूप में और व्यक्तिगत तौर पर आत्मनिर्भर बनाने पर जोर दिया था। उसने कहा कि इसके बाद ही आत्मनिर्भर भारत शब्द का इस्तेमाल भारत के सार्वजनिक शब्दकोष में एक वाक्यांश और अवधारणा के रूप में काफी बढ़ गया। इसका एक बड़ा उदाहरण भारत का देश में कोविड-19 के टीका का निर्माण करना भी है। गणतंत्र दिवस पर राजपथ पर आत्मनिर्भर भारत अभियान को रेखांकित करते हुए एक झांकी भी निकाली गई थी। ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी प्रेस इंडिया’ के प्रबंध निदेशक शिवरामकृष्णन वेंकटेश्वरन ने कहा कि आत्मनिर्भर 'भारत’ को कई क्षेत्रों के लोगों के बीच पहचान मिली क्योंकि इसे कोविड-19 से प्रभावित अर्थव्यवस्था से निपटने के एक हथियार के तौर पर भी देखा गया। गौरतलब है, कि इससे पहले 2017 में आधार 2018 में नारी शक्ति और 2019 में संविधान को ऑक्सफोर्ड ने हिंदी भाषा का शब्द चुना था। 
चंद्रमौलेश्वर शिवांशु 'निर्भयपुत्र'

संपूर्ण समाधान दिवस पर 20 अधिकारी गैरहाजिर

अमेठी। संपूर्ण समाधान दिवस पर 20 अधिकारी गैरहाजिर, वेतन रोकने के निर्देश

अमेठी। जनपद की चारों तहसीलों में लोगों की शिकायतों के त्वरित निस्तारण के लिए संपूर्ण समाधान दिवस का आयोजन किया गया। तहसील अमेठी में जिलाधिकारी अरुण कुमार की अध्यक्षता में संपूर्ण समाधान दिवस आयोजित हुआ। इस दौरान  जिलाधिकारी ने सबसे पहले 10:04 बजे उपस्थिति रजिस्टर चेक किया, जिसमें 20 अधिकारी अनुपस्थित पाए गए। जिलाधिकारी ने अधिकारियों का एक दिन का वेतन रोकने और स्पष्टीकरण देने के लिए कहा है। साथ ही भविष्य में संपूर्ण समाधान दिवस में समय से उपस्थित होने के निर्देश दिया।
अनुपस्थित पाए गए अधिकारियों में प्रभागीय वनाधिकारी, अपर मुख्य अधिकारी जिला पंचायत, जिला कृषि अधिकारी, अधिशासी अभियंता विद्युत वितरण खंड प्रथम, अधिशासी अभियंता ग्रामीण अभियंत्रण विभाग, अधिशासी अभियंता शारदा सहायक खंड 41, सहायक महा निरीक्षक स्टाम्प, सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी, सहायक जिला निर्वाचन अधिकारी, जिला खाद्य एवं विपणन अधिकारी, परियोजना अधिकारी नेडा, जिला अर्थ एवं संख्या अधिकारी, मुख्य कार्यकारी अधिकारी मत्स्य, मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी, जिला उद्योग अधिकारी, सहायक श्रम आयुक्त, जिला खादी ग्राम उद्योग अधिकारी, जिला क्रीड़ा अधिकारी, जिला अग्रणी बैंक प्रबंधक तथा मुख्य खाद्य सुरक्षा अधिकारी शामिल हैं। जिलाधिकारी ने कहा कि शासन जनता की समस्याओं को लेकर अत्यंत गंभीर है। जन सामान्य की शिकायतों के निस्तारण में किसी भी स्तर पर लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। इस दौरान उन्होंने संपूर्ण समाधान दिवस में संबंधित अधिकारियों को समय से उपस्थित होने के निर्देश दिए।

जम्मू: क्षेत्र में पर्यटकों की संख्या में गिरावट दर्ज की

अनुच्छेद 370 हटने के बाद जम्मू-कश्मीर में हुआ ये काम, केंद्र सरकार ने जारी किया बयान
पालूराम  
श्रीनगर। केंद्र सरकार ने मंगलवार को बताया कि जम्मू एवं कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाए जाने के बाद इस संघ शासित क्षेत्र में पर्यटकों की संख्या में गिरावट दर्ज की गई और इसका सबसे अधिक असर कश्मीर घाटी में हुआ है। राज्यसभा में एक सवाल के लिखित जवाब में पर्यटन मंत्री प्रह्लाद सिंह पटेल ने बताया कि पिछले कुछ माह से पर्यटकों की आवक में वृद्धि दर्ज की गई है। पटेल ने कहा पांच अगस्त 2019 से जम्मू एवं कश्मीर में आने वाले पर्यटकों की संख्या में गिरावट आई है। जम्मू की तुलना में यह प्रभाव कश्मीर घाटी में अधिक दिखा। हालांकि पिछले कुछ माह से जम्मू एवं कश्मीर में पर्यटक आगमन में क्रमिक रूप से वृद्धि हो रही है। उन्होंने बताया कि जम्मू एवं कश्मीर और लद्दाख संघ शासित क्षेत्र के प्रशासन के अनुसार अगस्त 2019 से अब तक कश्मीर में 84, 326 पर्यटक आए जबकि जम्मू में 87,94,837 और लद्दाख में 1,00,931 पर्यटक आए। इस दौरान धार्मिक यात्रा पर जम्मू आने वाले पर्यटकों की कुल संख्या 76,80,775 रही। पांच अगस्त 2019 के बाद इन संघ शासित क्षेत्रों में पर्यटन और हस्तशिल्प क्षेत्रों में समाप्त हुई नौकरियों का ब्योरा पूछे जाने पर मंत्री ने बताया कि रोजगार के नुकसान के आकलन के लिए पर्यटन मंत्रालय ने कोई औपचारिक अध्ययन नहीं किया है। पटेल ने हालांकि कहा कि हस्तशिल्प क्षेत्र में जम्मू एवं कश्मीर में इस अवधि के दौरान रोजगार की कोई उल्लेखनीय कमी नहीं आयी है। उन्होंने कहा विभिन्न हस्तशिल्प कार्यकलापों में संलग्न कारीगर अपना कार्य कर रहे हैं। और सरकार विभिन्न योजनाओं के माध्यम से उन्हें सहायता प्रदान कर रही है। केंद्र सरकार की विभिन्न योजनाओं के माध्यम से भी जम्मू एवं कश्मीर के कारीगरों को हरसंभव सहायता प्रदान करने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं।
ज्ञात हो कि पांच अगस्त, 2019 को ही केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को समाप्त कर दिया था। और जम्मू एवं कश्मीर को राज्य से संघ शासित प्रदेश बना दिया गया था। लद्दाख को भी संघ शासित प्रदेश का दर्जा दिया गया था।

राज्य कैबिनेट की बैठक में हुए महत्वपूर्ण फैसले

देहरादून: राज्य कैबिनेट की बैठक में हुए यह महत्वपूर्ण फैसले
पंकज कपूर   
देहरादून। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की अध्यक्षता में प्रदेश कैबिनेट की बैठक संपन्न हुई। जिसमें जनहित में यह महत्वपूर्ण फैसले लिए गए। राज्य कैबिनेट की महत्वपूर्ण बैठक में 5 प्रस्ताव आये जिनमे से 4 प्रस्ताव पर मोहर लगी। शासकीय प्रवक्ता मदन कौशिक ने जानकारी देते हुए बताया कि 2021 में होने वाले बजट सत्र की तारीख 1 मार्च से लेकर 10 मार्च तक चलेगा।
इसके साथ ही 4 मार्च को राज्य का बजट पेश होगा।
इसके साथ 5 मार्च से बजट पर चर्चा होगी।
इसके साथ ही उत्तराखंड पुलिस निरीक्षक उप निरीक्षक नियमावली में संशोधन किया गया। जल जीवन मिशन में 97 नियुक्ति किये जाने को भी मंजूरी मिली।
इसके साथ ही स्वच्छ भारत मिशन की कमेटी में अब सांसद व विधायको के प्रतिनिधि शामिल हो सकेंगे।

इंटरनेट सेवा के विरोध में चंडीगढ़ हाई-वे जाम

इंटरनेट सेवा बंद करने के विरोध में किसानों ने किया जींद-चंडीगढ़ हाईवे जाम, कही यह बात
राणा ओबराय   
चंडीगढ़। किसान आंदोलन को देखते हुए सरकार द्वारा बंद की गई इंटरनेट सेवा जींद जिले समेत कई जिलों में चार दिन से दिन से बंद है। इसके विरोध में किसानों ने सोमवार देर सायं गांव कंडेला में जाम लगा दिया। सैकड़ों की संख्या में लोग जींद-चंडीगढ़ मार्ग पर इकट्ठे हो गए। ग्रामीणों ने कहा कि इंटरनेट बंद होने के विद्यार्थियों की पढ़ाई समेत बहुत सारे काम प्रभावित हो गए हैं।
फसल यंत्र के लिए ऑनलाइन फीस, मेरी फसल मेरा ब्योरा में रजिस्ट्रेशन सहित तहसील में सारे काम रुके हुए हैं। इससे गांव के लोगों समेत शहर के लोग भी परेशान हैं। किसान नेता टेकराम कंडेला ने कहा कि सरकार एक तरफ डिजिटल इंडिया का नारा दे रही है। दूसरी तरफ सच को रोकने के लिए इंटरनेट बंद कर रही है। जबकि पहले अफवाह को रोकने के लिए इंटरनेट बंद किया जाता है। सरकार देश को गुलामी की तरफ ले जा रही है। इसके साथ ही खटकड़ टोल पर भी किसानों ने मंगलवार को जाम लगाने की बात कही है। किसानों का कहना है। कि राशन डिपो में राशन बायोमैट्रिक मशीन होने से नहीं मिल रहा है। जो कार्य दुकानदार नेट से करते थे। वो प्रभावित हो रहे हैं। मंगलवार को इंटरनेट जरूरत बन गया है। विद्यार्थियों की परीक्षाएं भी चल रही हैं। ऐसे में इन दिनों इंटरनेट जब जरूरी है। तो आधे हरियाणा में इंटरनेट को बंद कर दिया गया है।
किसान नेताओं ने कहा कि सोमवार देर शाम तक इंटरनेट की सेवा बहाल नहीं हुई तो मंगलवार को खटकड़ टोल प्लाजा पर जींद-नरवाना मार्ग व बद्दोवाल टोल प्लाजा पर हिसार-चंडीगढ़ मार्ग को जाम कर देंगे। धरनों का नेतृत्व कर रहे सतबीर पहलवान, ईश्वर, रामनिवास, राममेहर ने कहा कि कई दिनों से इंटरनेट बंद होने से विद्यार्थियों की ऑनलाइन पढ़ाई प्रभावित हो रही है। सरकार सब कुछ ऑनलाइन कर रही है। लेकिन नेट बंद होने से सब कुछ रुक गया है। इंटरनेट से जो कार्य होते थे। वो सभी प्रभावित हो रहे हैं।

1 और किसान की मौत, 2 माह से आंदोलन में था

टिकरी बॉर्डर पर एक और किसान की मौत, 2 माह से आंदोलन में कर रहा था सेवा
अकांशु उपाध्याय   
नई दिल्ली। टिकरी बॉर्डर किसान आंदेलन में एक और किसान की मौत हो गई। जानकारी के अनुसार कैथल निवासी 75 वर्षीय किसान दिलीप सिंह की आंदोलन में मौत हो गई। बताया जा रहा है, कि किसान की मौत एक सड़क हादसे में हुई। किसान को सड़क पार करते समय कार ने टक्कर मार दी। जिसके चलते किसान की मौत हो गई। किसान दिलीप सिंह 2 महीने से टिकरी बॉर्डर पर किसान आंदोलन में सेवा कर रहा था। कैथल के जुलानी खेड़ा गांव में 2:00 बजे किसान का अंतिम संस्कार किया जाएगा।

हिमाचल: कार खाई में गिरने से पति-पत्नी की मौत

कार खाई में गिरने से पति-पत्नी दोनों की मौत, 7 दिसम्बर को हुई थी शादी
मनोज सिंह ठाकुर   
शिमला। 7 दिसम्बर को शादी के बंधन में पति-पत्नी की एक सड़क हादसे में मौत हो गई। हादसा उस वक्त हुआ, जब दोनों कार से शिमला से अंबाला आ रहे थे। रास्ते में उनकी सैंट्रो कार खाई में गिर गई। जिसके चलते दोनों की मौके पर ही मौत हो गई। लालकुर्ती में स्वर्ण जयंती पार्क के निकट रहने वाली 26 वर्षीय शिवानी का विवाह बीती 7 दिसंबर को लालकुर्ती के एसडी मंदिर में हुआ था। घटना की जानकारी मिलते ही शिवानी की मां व दो भाई शिमला के गांव समरहिल आंदड़ी के लिए रवाना हो गए। शिवानी के पिता एयरफोर्स से रिटायर्ड थे। जिनका देहांत 2009 में हो गया था। वह अपने दो भाइयों व मां के साथ लालकुर्ती में रह रही थी। उसकी एक बड़ी बहन भी है, जोकि विवाहित है।

गादरे ने किया आरजी टेक्चर हार्डवेयर का उद्घाटन

मेरठ। बहुजन मुक्ति पार्टी के पश्चिमांचल महासचिव एवं मेरठ मंडल अध्यक्ष आरडी गादरे ने रवि. वन प्रीमियम आरजी टेक्चर हार्डवेयर का उद्घाटन किया। रिबन प्रीमियम आर्किटेक्चरल हार्डवेयर के प्रोपराइटर साजिद ने बताया, कि इस फैक्ट्री में शीशों के डिजाइन और ग्लास का वर्क और सामान का कार्य किया जाएगा। जिससे लोग इधर-उधर ना भटके और उन लोगों को कम कीमत पर काम और सामान मिल सकेगा हापुड़ रोड निकट चुंगी पर यह कार्य शुरू किया गया। उद्घाटन में सुलेमान साहब रियाजुद्दीन, राष्ट्रीय किसान मोर्चा के जिला अध्यक्ष चौधरी इस्तियाक, मोहम्मद सलीम हरेंद्र चौधरी, सफीक अहमद, मोहम्मद आसिफ, आसिफ भारती नईमुद्दीन, ओमवीर सिंह, अतर सिंह गुप्ता, महेंद्र प्रताप, फहीमुद्दीन जबलपुर आल सिंह आदि मौजूद रहे।

प्रतिस्पर्धा: बादलपुर में पंचायत नहीं होगी, ग्रामवासी

गांव बादलपुर में किसी भी कीमत पर पंचायत नहीं होने देंगे ग्रामवासी
अश्विनी उपाध्याय  
गौतमबुद्ध नगर/दादरी। एक विशेष संगठन द्वारा आगामी 7 फरवरी को बादलपुर में महापंचायत का ऐलान सोशल मीडिया पर किया जा रहा है और इस पंचायत में लाखों की भीड़ जुटने का दावा किया जा रहा है। सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे इस मैसेज को संज्ञान में लेते हुए मंगलवार को बादलपुर गांव के लोगों ने एक पंचायत का आयोजन किया। जिसमें सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे महापंचायत के इस मैसेज के खिलाफ आवाज उठाई गई। इस दौरान ग्रामीणों द्वारा किसी भी कीमत पर गांव में इस तरह की कोई पंचायत ना होने देने का फैसला लिया। इस मौके पर जगदीश नंबरदार ने कहा कि कुछ लोग अपने राजनीतिक हित के लिए गांव की छवि खराब करना चाह रहे हैं। बादलपुर के ग्रामीणों ने हमेशा किसान मजदूर के हकों की आवाज उठाई है। ऐसे में किसानों के खिलाफ महापंचायत की ग्रामीण सोच भी नहीं सकते। सोशल मीडिया के माध्यम से गांव में महापंचायत की जो अफवाह फैलाई जा रही है। वह निराधार है ऐसी भी किसी भी पंचायत को हम बादलपुर गांव में नहीं होने देंगे। इस मौके पर वीर सिंह नेताजी ने कहा कि कुछ लोगों की मंशा बादलपुर गांव की छवि को धूमिल करने की है। जो लोग इस तरह की बातों का प्रचार कर रहे हैं उनका गांव और समाज से कोई लेना देना नहीं है। प्रत्येक गांव का नागरिक किसानों की इस लड़ाई में उनके साथ है। किसान विरोधी किसी भी व्यक्ति को हम पंचायत तो क्या गांव में घुसने भी नहीं देंगे। इस पंचायत में मुख्य रूप से जगदीश नम्बरदार, मुंशीराम, बीरसिंह नेताजी, अजबसिंह, रामबीर, अशोक प्रधान, धर्मपाल, मामराज, भगतसिंह, सिंह प्रधान, दीपक, निखिल, फिरेराम, वंश,अजयपाल, कमल, गजेंद्र,जगती, हरेंद्र, जितेंद्र प्रजापति आदि लोगो ने भाग लिया।

आंदोलन: "कानून वापसी नहीं, तो घर वापसी नहीं"

अकांशु उपाध्याय   

 नई दिल्ली। भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने संकेत दिया कि सरकार के तीनों कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का विरोध अक्टूबर से पहले खत्म नहीं होने जा रहा है। टिकैत ने कहा कि हमारा नारा है। ”कानून वापसी नहीं, तो घर वापसी नहीं।” उन्होंने आगे बताया कि यह आंदोलन जल्द समाप्त नहीं होगा।आपको बता दें कि दिल्ली की विभिन्न सीमाओं पर पंजाब, हरियाणा, पश्चिमी उत्तर प्रदेश समेत कई अन्य जगहों के किसान कानूनों के विरोध में पिछले दो महीनों से ज्यादा समय से आंदोलन कर रहे हैं। किसान नेता राकेश टिकैत ने मंगलवार को कहा, ”हमने सरकार को बता दिया कि यह आंदोलन अक्टूबर तक चलेगा। अक्टूबर के बाद आगे की तारीख देंगे। बातचीत भी चलती रहेगी। नौजवानों को बहकाया गया है और उनको लाल किले का रास्ता बताया गया कि पंजाब की कौम बदनाम हो। किसान कौम को बदनाम करने की कोशिश की गई है। प्रदर्शन वाली जगह पर तमाम नेताओं की आवाजाही पर राकेश टिकैत ने कहा कि किसानों का विरोध राजनीतिक नहीं है और किसी राजनीतिक दल के नेता को मंच पर स्थान नहीं दिया गया है। इससे पहले शिरोमणि अकाली दल, आम आदमी पार्टी, कांग्रेस, राष्ट्रीय लोक दल, समाजवादी पार्टी सहित अन्य दलों के नेताओं ने गाजीपुर का दौरा किया था। इस बीच आंदोलन वाली सीमा पर लोहे और कंक्रीट ढांचे से बैरीकेड लगा दिए गए और बाड़बंदी कर दी गई है। इसके अलावा सड़कों पर कीलें लगा दी गई ताकि कोई प्रदर्शनकारी दिल्ली की ओर नहीं बढ़ सके। विरोध स्थल पर इंटरनेट सेवा भी निलंबित कर दी गई है। गाजीपुर की सुरक्षा इतनी चाकचौबंद की गई है कि कई लेयर में सैकड़ों की तादात में सुरक्षाकर्मी बिल्कुल अलर्ट मोड पर तैनात हैं और सीनियर ऑफिसर उन्हें तैयारी को लेकर निर्देश दे रहे हैं। रास्ते को पूरी तरह ब्लॉक कर सुरक्षा का कड़ा पहरा है।

गाजियाबादः सीडीओ ने केंद्रो का निरीक्षण किया

अश्वनी उपाध्याय   

गाजियाबाद। मुख्य विकास अधिकारी गाजियाबाद अस्मिता लाल एवं जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी बृज भूषण चौधरी ने मंगलवार को ब्लॉक संसाधन केंद्र लोनी में होने वाले प्रशिक्षण के लिए अधिकृत केंद्र का निरीक्षण किया गया। इस दौरान मुख्य विकास अधिकारी ने शिक्षकों द्वारा बनाए गए टीएलएम को देखा एवं सराहना की तथा सभी शिक्षकों से प्रशिक्षण को गंभीरता से प्राप्त करने के लिए निर्देशित किया। ब्लॉक संसाधन केंद्र लोनी पर मिशन प्रेरणा के अंतर्गत आधारशिला क्रियान्वयन संदर्शिका,समृद्ध हस्त पुस्तिका, प्रिंट रिच  मैटेरियल एवं गणित किट पर आधारित दो दिवसीय प्रशिक्षण का शुभारंभ खंड शिक्षा अधिकारी लोनी पवन कुमार भाटी द्वारा किया गया। इस प्रशिक्षण का उद्देश्य विद्यालय  खुलने से पूर्व शिक्षकों को प्रदत्त सामग्री के विषय में विस्तृत जानकारी देने के लिए तथा सत्र प्रारंभ होने पर समृद्ध मॉड्यूल के माध्यम से सौ दिवसीय उपचारात्मक शिक्षण करने  के लिए दिया जा रहा है। जिसके माध्यम से लंबे समय से विद्यालय ना आ रहे बच्चों के लर्निंगगैप  को दूर  करने के लिए कार्य किया जाएगा। सभी एसआरजी,एआरपी प्रशिक्षण के दौरान संदर्भ दाता की भूमिका में रहेंगे। विभाग द्वारा प्रदत्त सामग्री पर एक स्पष्ट समझ विकसित करने में यह प्रशिक्षण बहुत ही उपयोगी सिद्ध होगा। यह प्रशिक्षण लोनी ब्लॉक में 26 फरवरी 2021 तक चलेगा। संदर्भ दाता के रूप में लोनी ब्लॉक ए आर पी लता शर्मा, रेनू चौधरी, मनीष शर्मा, स्तुति वाजपेई एवं एसआरपी नीरव  शर्मा पूरे माह या प्रशिक्षण प्रदान करेंगे। इस अवसर पर जिला विकास अधिकारी भालचंद्र त्रिपाठी एवं एसआरजी पूनम शर्मा  भी उपस्थित रहे।

पहले दिन से ही कृषि कानूनों का विरोध: संजय

अश्वनी उपाध्याय    

गाजियाबाद। किसान आंदोलन को लेकर नेता अपनी जमीन तलाशने में लगे हुए हैं। जहां एक ओर गाज़ियाबाद की जनता किसानों और पुलिस द्वारा स्थापित सुरक्षा प्रबंधों के कारण हर दिन परेशान हो रहे है। वहीं गाजीपुर बॉर्डर पर राकेश टिकैत पश्चिमी उत्तर प्रदेश के किसानों को लेकर डटे हुए हैं। इन सब के बीच मंगलवार को शिवसेना के प्रवक्ता और राज्यसभा सांसद संजय राउत गाजीपुर बॉडर पहुंचे। यहां उन्होंने किसान नेता राकेश टिकैतसे मुलाकात की। यूपी गेट पर संजय राउत ने कहा कि हमने पहले दिन से ही कृषि कानूनों का विरोध किया है। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री और शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने मुझे विशेष तौर पर गाजीपुर बॉर्डर पर चल रहे किसान आंदोलन में भेजा है। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री ने किसान नेता राकेश टिकैत को मेरे द्वारा संदेश भेजा है कि शिवसेना और महाराष्ट्र सरकार पूरी तरह से किसानों के साथ खड़ी हुई है। संजय राउत ने बताया कि शिवसेना प्रमुख भी किसान नेता राकेश टिकैत से स्वयं बातचीत करेंगे। आंदोलन सड़क का है और सड़क पर रहेगा।उन्होंने कहा कि गाजीपुर बॉर्डर पर आंदोलनकारी किसानों को कुचलने की कोशिश की गई। ऐसे में महाराष्ट्र के लोगों का कर्तव्य बनता है कि राकेश टिकैत के साथ खड़े हों। मुझे लगता है कि देश के हर नागरिक का कर्तव्य है कि आंदोलन में पहुंचकर किसानों को समर्थन दें। महाराष्ट्र से हजारों की संख्या में आए किसान गाजीपुर बार्डर में आंदोलन कर रहे हैं। किसान संगठनों द्वारा तीन घंटे के लिए देशव्यापी चक्का जाम का जो ऐलान किया गया है। उसका भी शिवसेना पूरी तरह से समर्थन करती है।

सीएम ने जनसभा कर, मतदाताओं से संवाद किया

सीएम ने जनसभा कर, मतदाताओं से संवाद किया  संदीप मिश्र  बरेली। बरेली के आंवला में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को सुभाष इंटर कॉलेज ग्...