मंगलवार, 2 फ़रवरी 2021

यूपी: पीएफआई ने बोर्ड के प्रवक्ता को धमकी दी

लखनऊ। उत्‍तर प्रदेश के कानपुर में सूफी इस्लामिक बोर्ड के राष्ट्रीय प्रवक्ता और संगठन प्रभारी कौसर हसन मजीदी को पीएफआई ने जान से मारने की धमकी दी है. जूही थाना क्षेत्र के परमपुरवा में रहने वाले मजीदी को धमकी भरा पत्र आया है। जिसमें पीएफआई की मुखालफत करने के लिए उनका सिर कलम करने की बात लिखी गयी है। इसके बाद पीड़ित ने मामले की जानकारी पुलिस को दी। वहीं, कानपुर पुलिस अब मामले की जांच में जुटी हुई है। धमकी भरा पत्र उर्दू में लिखा हुआ है।
गौरतलब है कि परमपुरवा के रहने वाले एसआरए पब्लिक स्कूल संचालक व सूफी इस्लामिक बोर्ड के राष्ट्रीय प्रवक्ता कौसर हसन मजीदी बीते कुछ महीनो से पीएफआई को बैन किये जाने की मुहिम चला रहे हैं।उन्‍होंने नवम्बर 2020 मे प्रेस कान्फ्रेंस कर पीएफआई को बैन किये जाने की मांग की थी। इसी कड़ी में बोर्ड ने हैशटैग पीएफआई बैन ट्रेंड कराया था। काफी समय तक हैशटैग पीएफआई बैन ट्विटर ट्रेंड में बना रहा था। इसके साथ ही बोर्ड पीएफआई को बैन कराने के लिए लगातार मुखर है और सोशल मीडिया पर भी बैन किये जाने की मांग कर रहा है। इस घटना की कौसर हसन मजीदी ने पुलिस को जानकारी दे दी है। सूचना के कुछ ही देर में पुलिस मौके पर पहुंची और पत्र की जांच में जुट गई है. बाबूपुरवा क्षेत्राधिकारी आलोक सिंह ने बताया की मामला संज्ञान में आया है। जिसके बाद पत्र को कब्जे में लेकर पढ़वाया गया है और उसमें धमकी भारी भाषा का इस्तेमाल किया गया है। मामले की जांच की जा रही है।हालांकि अभी तक तहरीर प्राप्त नहीं हुई है। जबकि कौसर हसन मजीदी के घर के बाहर पुलिस तैनात कर दी गयी है।

अर्जी पर एचसी ने कहा, 1 मार्च को पेश हो कंगना

मनोज सिंह ठाकुर 
मुंबई। मानहानि केस में मुंबई की अंधेरी मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट आरआर खान ने कंगना रनौत को समन जारी कर दिया। मजिस्ट्रेट ने मानहानि केस में जावेद अख्तर की ओर से एडवोकेट जय कुमार भारद्वाज की दलीलों को सुनने के बाद उन्हें समन जारी किया। गीतकार ने एक्ट्रेस के खिलाफ नेशनल टेलिविजन पर कथित रूप से बदनाम करने के लिए मानहानि का केस किया हुआ है। समन में कंगना रनौत को 1 मार्च 2021 को अदालत में पेश होने को कहा गया है।
जुहू पुलिस स्टेशन ने मुंबई के अंधेरी मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट को बताया है कि कंगना रनौत के खिलाफ लगाए गए आरोपों की और जांच किए जाने की आवश्यकता है। बॉलीवुड गीतकार जावेद अख्तर और उनके वकील निरंजन मुंदरगी की सुनवाई के बाद मजिस्ट्रेट अदालत ने जुहू पुलिस को दिसंबर 2020 में मानहानि के आरोप में रिपोर्ट दर्ज करने का आदेश दिया था. अदालत ने जुहू पुलिस को 18 जनवरी, 2021 को एक रिपोर्ट दर्ज करने का आदेश दिया था, हालांकि उन्होंने और समय मांगा था।
पेश की गई रिपोर्ट में कहा गया कि कंगना रनौत के खिलाफ लगाए गए आरोपों की आगे जांच किए जाने की जरूरत है। जुहू पुलिस की रिपोर्ट में आम गवाह के बयान शामिल थे, जिसमें एक डॉक्टर का बयान भी शामिल था। डॉक्टर ने यह भी गवाही दी कि इंटरव्यू में कंगना रनौत ने कथित रूप से ऐसी कोई बातचीत नहीं की थी।

यूपी में 10 आइएएस अफ़सरों के हुए तबादले

हरिओम उपाध्याय  
लखनऊ। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने देर रात 10 आईएएस अफसरों के तबादले कर दिए। मुख्य सचिव आरके तिवारी को आईडीसी का अतरिक्त चार्ज दिया गया है।इसके अलावा अपर मुख्य सचिव ऊर्जा अरविंद कुमार को हटाकर औद्योगिक विकास विभाग भेजा गया है। बताया जा रहा है कि विभागीय मंत्री श्रीकांत शर्मा से उनकी न बनने की वजह से इनका विभाग बदला गया है। हालांकि उन्हें महत्वपूर्ण विभाग औद्योगिक विकास विभाग व आईटी एवं इलेक्ट्रानिक का अपर मुख्य सचिव बनाया गया है। इसके अलावा अपर मुख्य सचिव वित्त संजीव मित्तल को वित्त विभाग से हटाते हुए राज्य कर यानी वाणिज्य कर विभाग का अपर मुख्य सचिव बनाया गया है।संजीव मित्तल के खिलाफ लगातार शिकायतें आ रही थीं कि वे वित्तीय प्रस्तावों पर अडंगा लगा रहे थे। एस राधा चौहान को अपर मुख्य सचिव व्यावसायिक शिक्षा एवं प्राविधिक शिक्षा, महिला कल्याण, बाल विकास एवं पुष्टाहार, महानिदेशक राज्य पोषण मिशन  से हटाकर अपर मुख्य सचिव वित्त बनाया गया है।आलोक कुमार द्वितीय को प्रमुख सचिव चिकित्सा स्वास्थ्य, परिवार कल्याण से हटाकर प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा बनाया गया है। अपर मुख्य सचिव चिकित्सा शिक्षा रजनीश दुबे को अपर मुख्य सचिव नगर विकास, नगरीय रोजगार, गरीबी उन्मूलन, राज्य मिशन निदेशक स्वच्छ भारत मिशन नगरीय की जिम्मेदारी दी गई है। एम देवराज को अध्यक्ष एवं एमडी पावर कार्पोरेशन, अध्यक्ष जल विद्युत निगम, अध्यक्ष राज्य विद्युत उत्पादन व पारेण निगम की जिम्मेदारी दी गई है। दीपक कुमार को प्रमुख सचिव आवास व अपर स्थानिक आयुक्त, आलोक कुमार तृतीय को सचिव मुख्यमंत्री के साथ व्यावसायिक शिक्षा व प्राविधिक शिक्षा का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है।

राजनीतिकरण का आरोप लगने पर दिया जवाब

टिकैत ने आंदोलन में राजनीतिकरण का आरोप लगने पर दिया जवाब, कहा- लोकतंत्र का मजाक बनाए जाने के बाद लिया राजनीतिक समर्थन

अकांशु उपाध्याय    
नई दिल्ली। भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने कहा कि संयुक्त किसान मोर्चा ने केन्द्र के नए कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन में राजनीतिक दलों को नहीं घुसने दिया था। लेकिन प्रदर्शन स्थलों पर लोकतंत्र का मजाक बनाए जाने के बाद ही उसने राजनीतिक समर्थन लिया। गाजीपुर में दिल्ली-मेरठ राजमार्ग पर प्रदर्शन स्थल पर सैकड़ों की संख्या में किसानों के जुटने की पृष्ठभूमि में टिकैत ने यह टिप्पणी की पश्चिमी उत्तर प्रदेश, हरियाणा, राजस्थान, उत्तराखंड से बड़ी संख्या में किसान गाजीपुर सीमा पर जुट रहे हैं। एक सवाल के जवाब में टिकैत ने कहा, संयुक्त किसान मोर्चा ने राजनीतिक दलों को अपने आंदोलन में प्रवेश नहीं करने दिया था, क्योंकि हमारा आंदोलन गैर राजनीतिक है। प्रदर्शन को लेकर लोकतंत्र का मजाक बनाए जाने के बाद, राजनीतिक दलों से समर्थन लिया गया. इसके बावजूद, नेताओं को किसान आंदोलन के मंच से दूर रखा गया है।गाजीपुर बॉर्डर पर टिकैत से मिलने आए शिअद प्रमुख सुखबीर सिंह बादल ने कहा, मोदी साब नु किसाना दी मन दी गल सुननी चाहिदी है।  शिअद कृषि कानूनों को लेकर केन्द्र में सत्तारूढ़ राजग से रिश्ता तोड़ चुका है।

यूपी में शुरू हुई बोर्ड के 12वीं कक्षा की परीक्षा

हरिओम उपाध्याय    
लखनऊ। उत्तर प्रदेश बोर्ड की शैक्षणिक सत्र 2020-21 की इंटरमीडिएट प्रैक्टिकल परीक्षा की तारीखें घोषित हो चुकी है। परीक्षा 2 चरणों में होगी। पहले चरण में 10 मंडलों के 39 जिलों में 10,58,617 परीक्षार्थी 12वीं की प्रैक्टिकल परीक्षा देंगे। बोर्ड ने पहले चरण की प्रैक्टिकल परीक्षा के लिए 7,505 परीक्षक नियुक्त किए हैं।
उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद के सचिव दिव्यकांत शुक्ला के अनुसार 12वीं की प्रैक्टिकल परीक्षा के लिए नियुक्त किए गए परीक्षकों के नियुक्ति पत्र बोर्ड की वेबसाइट पर विद्यालयों को ऑनलाइन उपलब्ध करा दिया गया है। नियुक्ति पत्र को अलग से भी जिलों को भेजा जा रहा है।
बोर्ड की ओर से कोविड गाइडलाइन का पालन कराते हुए परीक्षा कराने के निर्देश पहले ही जारी किए जा चुके हैं. 12वीं की प्रैक्टिकल परीक्षा के लिए 21 जनवरी 2021 को बोर्ड ने तारीख घोषित की थी।

जीवन में दुख भी जरूरी है

जीवन में दुःख भी जरूरी है
एक सूफी फकीर था, शेख फरीद। उसकी प्रार्थना में एक बात हमेशा होती थी। उसके शिष्य उससे पूछने लगे कि यह बात हमारी समझ में नहीं आती हैं कि हम भी प्रार्थना करते हैं, औरों को भी हमने प्रार्थना करते देखा है। लेकिन यह बात हमें कभी समझ में नहीं आती, तुम रोज-रोज यह क्या कहते हो कि हे प्रभु, थोड़ा दुःख मुझे तू रोज देते रहना ? यह भी कोई प्रार्थना है ? लोग प्रार्थना करते हैं, सुख दो; और तुम प्रार्थना करते हो, हे प्रभु, थोड़ा दुःख रोज देते रहना।
फरीद ने कहा कि सुख में तो मैं सो जाता हूँ और दुःख मुझे जगाता है। सुख में तो मैं अक्सर परमात्मा को भूल जाता हूँ और दुःख में मुझे उसकी याद आती है। दुःख मुझे उसके करीब लाता है। इसलिए मैं प्रार्थना करता हूँ, हे प्रभु, इतना कृपालु मत हो जाना कि सुख-ही-सुख दे दे। क्योंकि मुझे अभी अपने पर भरोसा नहीं है। तू सुख-ही-सुख दे दे तो मैं सो ही जाऊँ। जगाने को ही कोई बात नहीं रह जाए। अलार्म ही बंद हो गया। तू अलार्म बजाता रहना, थोड़ा-थोड़ा दुःख देते रहना, ताकि याद उठती रहे, मैं तुझे भूल न पाऊँ, तेरा विस्मरण न हो जाए।
सरस्वती-||

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