रविवार, 3 जनवरी 2021

एक्ट्रेस कंगना को हाईकोर्ट ने दिया बड़ा झटका

कंगना को कोर्ट से बड़ा झटका
 मनोज सिंह ठाकुर
मुंबई। उद्धव ठाकरे सरकार के खिलाफ लगातार हमलावर रहीं कंगना रनौत को कोर्ट से बड़ा झटका लगा है। फ्लैट्स में अनधिकृत निर्माण गिराए जाने को रोकने के लिए दायर की गई कंगना की याचिका को कोर्ट ने खारिज कर दिया। कोर्ट ने कहा कि कंगना ने नियमों का उल्लंघन कर तीन फ्लैट्स का आपस में मर्जर कर लिया अब इस पर कंगना का बयान सामने आया है। कंगना ने ट्वीट कर कहा, ये महाविनाशकारी सरकार का फेक प्रोपेगैंडा है। मैंने कोई फ्लैट आपस में नहीं जोड़े हैं। पूरी बिल्डिंग इसी तरह बनी हुई है। हर फ्लोर पर एक अपार्टमेंट है। मैंने ऐसे ही ये फ्लैट खरीदा था। बीएमसी मुझे पूरी बिल्डिंग में प्रताड़ित कर रही है। हम उच्च न्यायालय में लड़ेंगे।

भारतः कोरोना के सक्रिय मामलों में गिरावट जारी

अकांशु उपाध्याय
नई दिल्ली। देश में कोरोना को शिकस्त देने वालों की संख्या में निरंतर इजाफे से सक्रिय मामले ढायी लाख से कम हो गये हैं। जिससे इसकी दर में लगातार गिरावट जारी है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से रविवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक पिछले 24 घंटे में 18,177 नये मामले सामने आये जिससे संक्रमितों की कुल संख्या एक करोड़ तीन लाख 23 हजार से अधिक हो गयी है। इसी दौरान 20,923 मरीजों के स्वस्थ होने से कोरोनामुक्त होने वालों की संख्या 99.27 लाख तथा रिकवरी दर बढ़कर 96.16 प्रतिशत हो गयी। सक्रिय मामले 2963 घटकर 2.47 लाख रह गये और इनकी दर 2.39 प्रतिशत रह गयी। इसी अवधि में 217 मरीजों की मौत होने से मृतकों का आंकड़ा बढ़कर 1,49,435 हो गया है। और मृत्यु दर अभी 1.45 फीसदी है।
केरल में पिछले 24 घंटों के दौरान सक्रिय मामले 322 बढ़कर 65,560 हाे गये है। वहीं मृतकों की संख्या 3116 तथा कोरोनामुक्त होने वालों का आंकड़ा 7.02 लाख हो गया है। सक्रिय मामलों में केरल अभी पहले स्थान पर है। महाराष्ट्र में सक्रिय मामलाें में सर्वाधिक 1057 की बढ़ोतरी हुई है। और इनकी संख्या 54,288 हो गयी है। वहीं 18.34 लाख लोग इस संक्रमण से निजात पा चुके हैं। जबकि 51 और मरीजों की मौत से मृतकों का आंकड़ा बढ़कर 49,631 हो गया है।
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में भी सक्रिय मामलों में निरंतर कमी आ रही है। और इनकी संख्या 5342 रह गयी। वहीं 14 मरीजों की मौत हुई है। जिससे मृतकों की संख्या बढ़कर 10,571 हो गयी है। दिल्ली में 6.10 लाख से ज्यादा मरीज कोरोनामुक्त हुए हैं। दक्षिणी राज्य कर्नाटक में कोरोना के सक्रिय मामलों की संख्या 10,853 रह गयी है। राज्य में मृतकों का आंकड़ा 12,099 हो गया है। तथा अब तक करीब 8.98 लाख मरीज स्वस्थ हुए हैं। आंध्र प्रदेश में इस दौरान सक्रिय मामले घटकर 3194 रह गये। राज्य में अब तक कोरोना से 7111 लोगों की मौत हुई है। और 8.72 लाख से अधिक लोग संक्रमणमुक्त हुए हैं।
आबादी के हिसाब से देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश में पिछले 24 घंटों में सक्रिय मामले 515 कम होकर 13,316 रह गये। इस महामारी से 8387 लोगों की मौत हो चुकी है। तथा अब तक 5.65 लाख से अधिक मरीज स्वस्थ हुए हैं। तमिलनाडु में सक्रिय मामलों की संख्या घटकर 8272 रह गयी है। तथा अभी तक 12,146 लोगाें की मौत हुई है। राज्य में अब तक 7.99 लाख से अधिक लोग संक्रमणमुक्त हुए हैं। ओडिशा में सक्रिय मामले 15 बढ़कर 2272 हो गये हैं । वहीं करीब 3.25 लाख लोग इस संक्रमण से निजात पा चुके हैं। जबकि मृतकों की संख्या 1880 हो गयी है। तेलंगाना में कोरोना के सक्रिय मामले 183 घटकर 5388 रह गये हैं। और 1549 लोगों की मौत हो चुकी है। जबकि 2.80 लाख से अधिक लोग इस महामारी से ठीक हुए हैं। पश्चिम बंगाल में कोरोना के सक्रिय मामले 608 कम होकर 11,008 रह गये हैं और 9766 लोगों की मौत हुई है। राज्य में अब तक 5.33 लाख से अधिक लोग स्वस्थ हुए हैं। पंजाब में सक्रिय मामले कम होकर 3429 रह गये हैं तथा संक्रमण से निजात पाने वालों की संख्या 1.58 लाख से अधिक हो गई है। जबकि अब तक 5364 लोगों की मौत हो चुकी है। मध्य प्रदेश में सक्रिय मामलों की संख्या 9089 रह गयी है। तथा अब तक 2.30 लाख से ज्यादा लोग स्वस्थ हो चुके हैं। जबकि 3627 लोगों की इस बीमारी से मौत हो चुकी है। छत्तीसगढ़ में सक्रिय मामले सर्वाधिक 827 कम होकर 10,517 रह गये हैं। राज्य में 2.67 लाख लोग कोरोनामुक्त हो चुके हैं वहीं 11 और मरीजों की मौत होने के साथ मृतकों की संख्या 3386 हो गयी है। गुजरात में सक्रिय मामले 9477 रह गये हैं। तथा 4314 लोगों की मौत हुई है और 2.32 लाख से अधिक लोग इस बीमारी से स्वस्थ भी हुए हैं। बिहार में सक्रिय मामले 153 कम होकर 4792 रह गये हैं। राज्य में कोरोना से 1403 लोगों की मौत हुई है। जबकि 2.46 लाख से अधिक लोग संक्रमणमुक्त हुए हैं। कोरोना महामारी से अब तक हरियाणा में 2915, राजस्थान में 2705, जम्मू-कश्मीर में 1885, उत्तराखंड में 1522, असम में 1051, झारखंड में 1034, हिमाचल प्रदेश में 938, गोवा में 739, पुड्डुचेरी में 633, त्रिपुरा में 385, मणिपुर में 357, चंडीगढ़ में 319, मेघालय में 139, सिक्किम में 129, लद्दाख में 127, नागालैंड में 79, अंडमान निकाेबार द्वीप समूह में 62, अरुणाचल प्रदेश में 56, मिजोरम में आठ तथा दादर-नागर हवेली एवं दमन-दीव में दो लोगों की मौत हुई है।

पुलिस मुख्यालय की तर्ज पर निगम का मुख्यालय

अयोध्या: पुलिस मुख्यालय की तर्ज पर बनेगा नगर निगम का मुख्यालय

अयोध्या। केंद्र और प्रदेश की भाजपा सरकार के केंद्र बिंदु में रही राम नगरी अयोध्या को त्रेता कालीन वैभव के अनुरूप ढालने के लिए नित नई-नई योजनाओं का खाका तैयार किया जा रहा है। सुप्रीम फैसले के बाद सरकार ही नहीं सभी विभाग योजनाओं का खाका तैयार करने में जुटे हैं। वर्ष का कार्यकाल पूरा कर चुका नगर निगम भी अपने कार्यालय को आकर्षक और आधुनिक बनाने की कवायद में जुटा है। अयोध्या नगर निगम की ओर से इसका जिम्मा लखनऊ की स्पेस जीएनएस को सौंपा है। स्पेस जी एन एस के पार्टनर आर्किटेक्ट कपिल भाटिया मैं अयोध्या पहुंच शनिवार को नगर निगम कार्यालय में प्रस्तावित डिजाइन का प्रेजेंटेशन दिया। नगर निगम के कार्यालय की बिल्डिंग भी पुलिस मुख्यालय सिगनेचर बिल्डिंग के तर्ज पर बनेगी।
3 वर्ष का कार्यकाल पूरा कर चुका नगर निगम भी अपने कार्यालय को आकर्षक और आधुनिक बनाने की कवायद में जुटा है। अयोध्या नगर निगम की ओर से इसका जिम्मा लखनऊ की स्पेस जीएनएस को सौंपा है। स्पेस जी एन एस के पार्टनर आर्किटेक्ट कपिल भाटिया मैं अयोध्या पहुंच शनिवार को नगर निगम कार्यालय में प्रस्तावित डिजाइन का प्रेजेंटेशन दिया। नगर निगम के कार्यालय की बिल्डिंग भी पुलिस मुख्यालय सिगनेचर बिल्डिंग के तर्ज पर बनेगी
अयोध्या नगर निगम के अनुबंध पर स्पेश जीएनएस नामक संस्था ने प्रस्तावित निगम कार्यालय के भवन का खाता तैयार किया है। संस्था ने वास्तुकार की मदद से पांच मंजिला आधुनिक और हाईटेक बिल्डिंग का डिजाइन तैयार कराया है। शनिवार को डिजाइन तैयार करने वाले वास्तुकार कपिल भाटिया ने पूरी योजना का खाका अयोध्या नगर निगम के आयुक्त विशाल सिंह और महापौर ऋषिकेश उपाध्याय के समक्ष प्रस्तुत किया। डिजाइन करने वाली संस्था ने 80 हज़ार वर्ग फुट में निर्माण और विकास की कुल लागत 49 करोड़ रुपये आंकी है।
अयोध्या नगर निगम के आयुक्त  विशाल सिंह ने बताया कि प्रस्तावित नगर निगम मुख्यालय  पांच मंजिला होगा और  इसका  विभिन्न प्रकार से इस्तेमाल किया जा सकेगा। निर्माण के बाद इसके रखरखाव की कीमत वसूलने के लिए प्रस्तावित भवन में कैसे एरिया का निर्माण होगा। ग्राउंड फ्लोर पार्किंग और अन्य मंजिलों पर मल्टीपरपज हॉल व नगर निगम का कार्यालय बनाया जाएगा। नगर निगम परिसर में  बनने वाली  इस आधुनिक  भवन में नगर आयुक्त व महापौर के कार्यालय कार्यालय के अतिरिक्त विभिन्न विभागों के कक्ष और कार्यालय बनाए जाएंगे। उन्होंने कहा कि उम्मीद है कि 15 जनवरी के पूर्व ही भूमि पूजन संपन्न करा लिया जाएगा।

देश में कोरोना संक्रमण के 18,177 नए मामले

देश में कोरोना संक्रमण के 18,177 नए मामले, 99 लाख से अधिक संक्रमण मुक्त
अकांशु उपाध्याय
नई दिल्ली। देश में रविवार को कोरोना वायरस संक्रमण के 18,177 नए मामले सामने आने के बाद अब तक संक्रमित हो चुके लोगों की संख्या बढ़कर 1,03,23,965 हो गई, जिनमें से 99,27,310 लोग संक्रमणमुक्त हो चुके हैं। देश में संक्रमण से स्वस्थ होने की राष्ट्रीय दर 96.15 प्रतिशत हो गई है।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के सुबह आठ बजे के अद्यतन आंकड़ों के अनुसार, पिछले 24 घंटे में 217 और लोगों की मौत होने के बाद देश में संक्रमण से अब तक मारे गए लोगों की संख्या बढ़कर 1,49,435 हो गई है। देश में कोविड-19 के कारण मृत्यु दर 1.45 प्रतिशत है। आंकड़ों के अनुसार, देश में इस समय 2,47,220 संक्रमित लोगों का उपचार चल रहा है।
आईसीएमआर के अनुसार, देश में दो जनवरी तक 17,48,99,783 नमूनों की जांच की जा चुकी है। जिनमें से 9,58,125 नमूनों की जांच शनिवार को की गई।

नाइजर में बडा आतंकी हमला, 56 लोगों की मौत

नाइजर में बड़ा आतंकी हमला, कम से कम 56 लोगों के मारे जाने की खबर
माली। अफ्रीकी देश नाइजर में हुए एक आतंकवादी हमले में 56 लोगों के मारे जाने की खबर है। रिपोर्ट के अनुसार, आतंकवादियों ने माली की सीमा पर स्थित एक गांव पर हमला कर 56 लोगों की हत्या कर दी। इस हमले में 20 से ज्यादा लोग घायल बताए जा रहे हैं। हमले वाले इलाके में हिंसा और गृहयुद्ध के कारण साल 2017 से ही आपातकाल लगा हुआ है।
एएफपी ने नाइजर के अधिकारियों के हवाले से बताया है। कि आतंकवादियों ने दो गांवों को निशाना बनाया है। इस हमलें में मरने वाले लोगों की तादाद 70 से भी अधिक हो सकती है। आतंकवादियों ने नाइजर के जिन दो गांवों पर हमला बोला वे टिल्लाबेरी इलाके के चोमोबांगोऊ और जारोमदारेय के नाम से जाने जाते हैं। यह गांव माली की सीमा के पास स्थित है।
इस इलाके मे कई आतंकी संगठन सक्रिय
नाइजर की सरकार का आरोप लगाती रहती है। कि माली के सशस्त्र गुट उसकी राज्य की सीमा में घुसकर आतंकी वारदातों को अंजाम देते हैं। हालांकि, इस हमले पर अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। इस क्षेत्र में अल कायदा और इस्लामिक स्टेट से जुड़े कई आतंकी संगठन सक्रिय हैं।

अधिवक्ता के पदों पर जल्द ही की जाएगी नियुक्ति

शासकीय अधिवक्ता के रिक्त पद, मांगे गए आवेदन

लखनऊ। जिला शासकीय अधिवक्ता (राजस्व) मण्डलीय न्यायालय तथा सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता के रिक्त एक-एक पदों पर जल्द ही नियुक्ति की जाएगी। इसके लिए जिलाधिकारी की ओर से योग्य अधिवक्ताओं से आवेदन मांगे गए हैं।
यह जानकारी देते हुए जिलाधिकारी ने बताया कि आगामी 25 जनवरी तक जिलाधिकारी कार्यालय में आवेदन जमा किए जा सकते हैं तथा अधिक जानकारी के लिए जिलाधिकारी कार्यालय में सम्पर्क किया जा सकता है।

एशिया के सबसे अमीर व्यक्ति बने मुकेश 'अंबानी'

मुकेश अम्बानी ने मारी बाजी, बने एशिया के सबसे अमीर व्यक्ति, शीर्ष पर रहा चीनी कारोबारी टाप टेन से हुआ बाहर

नई दिल्ली। किसान आन्दोलन के नाम पर रिलायंस समूह के मालिक मुकेश अम्बानी पर तरह तरह के आरोप लगाने के साथ उनके मोबाइल टावरो को नुकसान पहुचाया जा रहा है। वही दूसरी ओर उन्होेंनें एक बार फिर भारत का सिर उंचा किया है। एशिया के सबसे अमीर व्यक्तियों की सूची में उनहोेने पहला स्थान हासिल किया है।
एशिया के सबसे अमीर व्यक्तियों की सूची जारी करने वाले फोब्र्स रियल टाइम बिलेनियर्स इन्डेक्स के अनुसार रिलांयस प्रमुख मुकेश अम्बानी इस समय एशिया के सबसे अमीर कारोबारी हेैं इतना ही नही उन्होेनें विश्व मे सबसे अमीन लेागों की सुूची में नवां स्थान भी प्राप्त किया है। खास बात तो यह है। कि वर्ष 2020 के समाप्त होने के समय इस सूची से मुकेश अम्बानी को जिस शख्स ने बाहर किया था। बवह व्यक्ति इस सूची कें टाप टेन से ही बाहर हो गया हैं। ज्ञात हो कइस इन्डेक्स में वर्ष 2020 के अन्तिम समय में मुकेश अम्बानी टाप पर थे। परन्तु उन्हें चीन के कारोबारी झोंग शानशान ने दूसरे नम्बर पर ला दिया था।
फोबर््स के ताजा आंकडों के मुताबिक मुूकेश अम्बानी की कुल दौलत इस समय 76.8 अरब डालर है। जबकि झोंग शानशान की कुल सम्पत्ति इस समय 71.6 अरब डालर आंकी गयी है। जिसके अनुसार उन्है इस इन्डेक्स की टाप टेन की सूची से भी बाहर होना पडा है।
फोब्र्स ने विश्व के टाप टेन अमीरों की सूची भी जारी की है जिसमें मुकेश अम्बानी नौवें नम्बर पर हैं। तथा अमेजन के जेफ बेजोस 189.7 अरब डालर के साथ विश्व के सबसे अमीर व्यक्ति बने हुए है।

चंद्रमा की गति पर आधारित सबसे पुराना कैलेंडर

 पूरी दुनिया ने अपने कैलेंडर बदलकर सोच लिया कि आज से दुनिया में सब कुछ बदल जाएगा ,लेकिन ये इतना आसान नहीं है। आसान इसलिए नहीं है क्योंकि सब कुछ केलेण्डर बदलने से नहीं बदलता । बदलाव की पहल न केवल सामूहिक स्तर पर करना पड़ती है बल्कि निजी स्तर पर भी करना पड़ती है। साल 2021 इस लिहाज से बेहद महत्वपूर्ण है। क्योंकि साल 2020 नए साल के जिम्मे ढेर सारी चुनौतियाँ छोड़कर रफूचक्कर हो गया है।
दुनिया में जबसे कैलेंडर बने हैं। तभी से शायद नया साल मनाने की प्रथा शुरू हुई होगी । मै तो नहीं मानता लेकिन दुनिया के पुरातत्वविद दावा करते हैं। कि एडर्बीनशायर इलाके में चंद्रमा की गति पर आधारित दुनिया का सबसे पुराना कैलेंडर खोजा है।उनका कहना है। कि कार्थेस किले में एक खेत की खुदाई में 12 गड्ढ़ों की एक श्रृंखला मिली है। जो चंद्रमा की अवस्थाओं और चंद्र महीने की तरफ संकेत करती है।बर्मिंघम विश्वविद्यालय के नेतृत्व वाली एक टीम के मुताबिक़ इस प्राचीन स्मारक को क़रीब 10 हज़ार साल पहले शिकारियों ने बनवाया था।
दुनिया ने कब कौन सा कैलेंडर ईजाद किया इसकी जानकारी आपको कम्प्यूटर महाशय एक क्लिक पर दे देंगे,मै तो आपसे ये कह रहा हों कि कैलेंडर बदलने से चुनौनियाँ नहीं बदलतीं,वे कोशिशों से ही बदलती हैं और बदली जाती हैं। आजकल पूरी दुनिया के सामने सबसे बड़ी चुनौती जानलेवा विषाणु कोरोना और उसके नए स्ट्रेन से निबटने की ह।। दुनिया के अनेक देशों ने इस विष्णु से निबटने के लिए ठीके ईजाद कर लिए हैं।उनके इस्तेमाल का श्रीगणेश हो गया है। लेकिन बात यहीं समाप्त नहीं होती।
नए साल में कोरोना और उसके नए स्ट्रेन के खिलाफ बनाये गए दुनिया के तमाम प्रतिरोधी टीकों की अग्निपरीक्षा होगी। यदि टीके कामयाब होते हैं। तो दुनिया में एक बार फिर जनजीवन मामूल पर आ जाएगा ,अन्यथा जो बदहवासी कल तक थी वो आगे भी रहेगी। अच्छी बात ये है। कि दुनिया उम्मीदों की तिपाई पर खड़ी रहती है। ये उम्मीदें ही हैं। जो जीवन को गति देती है। कोरोना के खिलाफ भी हमारी उम्मीद कमजोर नहीं हुई है। हालांकि हम अभी तक कोरोना और उसके स्ट्रेन के मूल की खोज नहीं कर पाए हैं। नए साल में हमें टीके के साथ ही इस बीमारी की जड़ की भी तलाश करना चाहिए।
नए साल की बात काटते हुए हमें हर हाल में गए साल की बात करना ही पड़ती है। दुनिया की छोड़िये ,हम अपने देश की बात करते है। हमारे देश में गया साल जिसक अभूतपूर्व किसान आंदोलन का प्रत्यक्षदर्शी बना था,नया साल भी उसके साथ ही खड़ा है। आने वाले दिनों में सरकार और किसान किसी सहमति के बिंदु पर आ जाएँ तो देश का तनाव कम हो। हम जैसे लेखक और साहित्यकार रोजाना एक से बढ़कर एक दुखद विषय पर लिखते है। अनेक बार तो हमें लिखने के बाद न्यायधीशों की तरह अपनी कलम के पाते तोड़ देना पड़ते हैं।क्योंकि जिस ह्रदय विदारक मांमले पर हम लोग लिखते हैं। उस पर दोबारा नहीं लिखना चाहते।
सूरज उगने के साथ ही हमलोग अक्सर सोचते हैं कि लिखने के लिए अब कोई विसंगति नहीं चुनना पड़ेगी ,लेकिन ऐसा नहीं हो पाता क्योंकि ,विसंगतियों का सिलसिला अंतहीन है। विसंगतियों की संगत में रहे बिना हम रह नहीं सकते। शायद ही ऐसा कोई क्षेत्र हो जिसमें विसंगतियां न हों। हमारे देश में तो विसंगतियों की इतनी प्रजातियाँ है कि गिनना मुश्किल हो जाए।
हम लेखकों की सबसे बड़ी विसंगति ये है। कि हम सबके मन का नहीं लिख पाते। सबके मन का न लिखा जा सकता है। और न कहा जा सकता ह। हमारे प्रधानमंत्री जी के मन की बात भी इसी तरह की विसंगतियों का जीवंत प्रमाण है। प्रधान जी जब अपने मन की बात करते हैं। तो शायद ही कोई माध्यम ऐसा होगा जिससे उसका प्रसारण न होता हो ,इस तरह उनके मन की बात तो सब तक पहुँच जाती है। लेकिन उन्हें सुनने वालों के मन की बात प्रधान जी तक नहीं पहुँच पाती।
बहरहाल नए साल में हम सब मिलकर देश,समाज और परिवार की समृद्धि और सुदृढ़ता के लिए प्रयत्नशील रहें तो ही कोई सार्थक परिणाम हासिल हो सकते हैं। अन्यथा नया साल भी गए साल की तरह अनपेक्षित दंश देकर हुआ आगे निकल जाएगा। हमें समय के साथ कदमताल करना होगी। दुनिया और हम सब इन्हीं विसंगतियों के साथ आगे बढ़कर खुशहाली तक अवश्य पहुंचेंगे। हमारे पास सभी समस्याओं के हल होना चाहिए । किसानों,मजदूरों,छात्रों,बेरोजगारों की समस्यायों के हल लम्बे आरसे से अनुत्तरित हैं। हमारा प्रयास होना चाहिए की हम नए साल में अपने निर्वाचित सदनों की गरिमा की रक्षा के लिए कृत संकल्प रहें। एक बार फिर नए साल की शुभकामनाएं एवं बधाइयाँ।

ऐलान: मकर संक्रान्ति तक वैक्सीन हो जायेगी उपलब्ध

योगी ने किया ऐलान, मकर संक्रान्ति तक कोरोना वैक्सीन हो जायेगी उपलब्ध
हरिओम उपाध्याय
लखनऊ। उत्तर-प्रदेश वासियों के लिए बडी खुशखबरी आ रही है। प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस बात की घोषणा कर दी है, कि जनवरी में पडने वाले मकर संक्रान्ति तक प्रदेश के निवासियों के लिए कोरोना वैक्सीन उपलब्ध करा दी जायेगी।
अधिवक्ताओ के लिए भवन का शिलान्यास करने अपने दो दिवसीय दौरे पर पहुचें योगी आदित्यनाथ ने जहा कलेक्ट्ट एंव सदर तहसील में लगभग 9 करोड की लागत से बनने वाले अधिवक्ता भवन की आधारशिला रखी वही इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में लोगों को सम्बोधित भी किया। उन्होनें कहा कि अधिवक्ताओं संहित सभी का धन्यवाद करते हुए कहा कि आप सभी के सहयोग के चलते ही आज कोरोना उत्तर प्रदेश कोरोना की जगं में सबसे आगे चल रहा है।
उन्होनें कार्यक्रम में बडी घोषणा करते हुए कहा कि यदि सबकुछ ठीकठाक रहा तो मकंर संक्र्रान्ति तक प्रदेश वासियों के लिए कोरोना वैक्सीन उपलब्ध हो जायेगी। श्री योगी अपने दो दिवसीय दौरे में जिले के कैम्पियरगंज, सहजनवा तथा बांसगांव में भी अधिवक्ता भवन का शिलान्यास करेगें।

यूपी: अखिलेश ने वैक्सीन लगवाने से किया इनकार

अखिलेश ने दिया बचकाना बयान, वैक्सीन को बताया भाजपा की वैक्सीन, लगवाने से किया इन्कार
हरिओम उपाध्याय
लखनऊ। रविवार को पत्रकारों से बातचीत में सपा मुखिया अखिलेश यादव ने अपनी अपरिपक्वता का पूरा पूरा परिचय आखिर दे ही दिया। उन्होनें वैक्सीन को भाजपा का बताते हुए लगवाने से इन्कार कर दिया। माना जा रहा है। उनका यह बयान एक खास वर्ग को खुश करने के लिए दिया गया है। जिन्होनें अफवाहों को फैलाते हुए वैक्सीन लगवाने से इन्कार किया है।
जहां एक तरफ पूरा विश्व पिछले एक वर्ष से कोरेाना महामारी से मुक्ति पाने के लिए आ रही वैक्सीन को लेकर पूरी तरह आशान्वित है। ओैर जल्द से जल्द वैक्सीन लगवाने को लेकर आतुर है। वही भारत और खासकर उत्तर प्रदेश के राजनेता इस पर भी राजनीति करने से बाज नही आ रहे। इतना ही नही वे इस भंयकर बीमारी के प्रति अपनी बचकाना सोंच को भी जगजाहिर कर रहे है। कुछ इसी तरह का बयान समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने उस समय दिया जब वे एक कार्यक्रम में पत्रकारो से वार्ता कर रहे थे। अखिलेश ने वैक्सीन को भाजपा का बताते हुए इसे लगवाने से यह कहते हुए साफ इन्कार कर दिया कि यह वैक्सीन भाजपा की है जब उनकी सरकार 2022 में सत्ता में आयेगी तब वे वैक्सीन लगवायेगे। उन्होनें यह भी कहा कि उनकी सरकार आने पर सभी को फ्री वैक्सीन उपलब्ध करायी जायेगी। उन्होनें यह भी कहा कि यह भाजपा की वैक्सीन है मेैं इस पर विश्वास नही कर सकता, हम भाजपा वालों की वैक्सीन नही लगवायेगें।
अखिलेश के इस बयान के मायने यह भी लगाये जा रहे हेै कि उनका यह बयान उन लोगों को अपना परोक्ष समर्थन देने के लिए दिया गया है जो अफवाह फैलाने के साथ साथ वैक्सीन न लगवाने की अपील कर रहे हैं और यह अफवाह ओैर अपील एक खास वर्ग के धर्मगुरूओं द्वारा फैलाया जा रहा है। जिसे समाजवादी पार्टी का भरोसेमंद वोटर माना जाता है। 

देश की शान व खाद सुरक्षा का आधार है किसान

हरिओम उपाध्याय  
नई दिल्ली। यह प्रमाणित हो गया है। कि पिछले ३८ दिनों से दिल्ली की सीमा पर जुटे किसान देश सबसे संपन्न किसान हैं| वे लंबे समय से देश की शान और इसकी खाद्य सुरक्षा के आधार रहे हैं। इसके साथ ही वे देश के अन्य किसानों की भांति प्रकृति के सबसे नजदीक होने से अन्य शहरियों के मुकाबले ज्यादा सम्पन्न हैं। सबके पेट भरने वाले किसान और किसानी की सूरत बदलने के लिए कुछ तथ्य और कथ्य ।
वर्ष १९५१ में रोजाना अन्न और दाल की प्रति व्यक्ति उपलब्धता क्रमशः ३३४.७ और ६०.७ ग्राम थी। अब यह आंकड़ा क्रमशः ४५१,७ और ५४.४ ग्राम है। साल २००१ में तो दालों की प्रति व्यक्ति उपलब्धता मात्र २९.१ ग्राम रह गयी थी| इससे इंगित होता है कि हमारे देश के किसान ने कितना परिश्रम किया है और हमारी राष्ट्रीय खाद्य नीति एक दिशा विशेष में चली है। इस प्राथमिकता का सबसे बड़ा उत्प्रेरक न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की नीति रही है। हालांकि एमएसपी के तहत २३ चीजें सूचीबद्ध हैं। पर व्यवहार में यह मुख्य रूप से धान और गेहूं के लिए है। ऐसे मूल्य दलहन और तिलहन के लिए हमेशा नहीं दिये जाते जिनके कारोबार में भारतीय आयातक विदेशी विक्रेताओं व उत्पादकों के साथ निकटता से जुड़े हुए हैं।
सबको यह मालूम होना चाहिए कि गेहूं व धान के अलावा अन्य अनाजों और कपास के लिए कोई समर्थन मूल्य नहीं है, केवल बातें होती हैं। एमएसपी कई तरह से भारत की खाद्यान्न प्रणाली की जड़ प्रकृति को प्रतिबिंबित करता है। जिसमें खरीद सबसे अधिक दाम पर होती है। और उसे सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) के तहत सबसे काम दाम पर बेचा जाता है। पीडीएस के अंतर्गत ८०.९ करोड़ भारतीय लाभार्थी हैं। यह संख्या कुल अनुमानित आबादी का ५९ प्रतिशत है। इसके बावजूद १० करोड़ से अधिक लोग इससे वंचित हैं। जिन्हें यह लाभ मिलना चाहिए| यह पूर्ति तभी हो सकती है। जब किसान संतुष्ट हो 
अभी तो एमएसपी मूल्य समुचित दाम पाने का अंतिम विकल्प होने की जगह पहला विकल्प है। इसका यह असर हुआ कि पंजाब, हरियाणा, उत्तरी तेलंगाना और तटीय आंध्र प्रदेश जैसे कुछ क्षेत्रों में अनाज का बहुत अधिक उत्पादन होने लगा और इस उत्पादन का बड़ा हिस्सा एमएसपी के तहत खरीदा जाने लगा इस साल पंजाब और अन्य राज्यों में बहुत अच्छी पैदावार होने से यह समस्या और भी बढ़ गयी
बहुत कम चावल खानेवाले राज्य पंजाब में इस साल धान का कुल उत्पादन पिछले साल की तुलना में लगभग ४० लाख मीट्रिक टन बढ़कर २१० लाख मीट्रिक टन से अधिक सम्भावित है|पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, तेलंगाना और आंध्र प्रदेश आदि अनेक राज्यों में एमएसपी पर खरीद २३ प्रतिशत से अधिक बढ़ गयी है। इसबार केंद्र ने दिसंबर के दूसरे सप्ताह तक ४११.५ लाख मीट्रिक टन धान की खरीद की है
देशभर में हुई इस खरीद में से अकेले पंजाब से ४९.३३ प्रतिशत यानी २०२,७७ लाख मीट्रिक टन की खरीद ३० नवंबर तक हुई है| सरकारी गोदामों में अनाज रखने की जगह नहीं है, पंजाब के लगभग ९५ प्रतिशत किसान एमएसपी प्रणाली के दायरे में हैं| इस कारण औसत पंजाबी किसान परिवार देश में सबसे धनी है| एक आम भारतीय किसान परिवार की सालाना आमदनी ७७,१२४ रुपये है, जबकि पंजाब में यह २,१६, ७०८ रुपये है।
उत्पादकता और सिंचाई की अच्छी व्यवस्था के साथ यह तथ्य भी अहम है कि पंजाब और हरियाणा में खेती की जमीन का औसत आकार क्रमशः ३.६२ और २.२२ हेक्टेयर है।| इसके मुकाबले भारत का राष्ट्रीय औसत १.०८ हेक्टेयर है।.हालांकि देश की ५५ प्रतिशत आबादी अभी भी खेती पर निर्भर है, लेकिन सकल घरेलू उत्पादन (जीडीपी) में इसका हिस्सा घटकर केवल १३ प्रतिशत रह गया है। और इसमें लगातार गिरावट आ रही है|
किसानों की आत्महत्या भारतीय किसान की स्थिति का परिचायक बन चुका है आबादी में ६० प्रतिशत किसान हैं, पर कुल आत्महत्याओं में उनका अनुपात मात्र १५.७ प्रतिशत है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, कृषि अर्थव्यवस्था के देश भारत में एक लाख आबादी में १३ आत्महत्याओं का अनुपात है, जो औद्योगिक धनी देशों के समान या उनसे कम है|भारत में उत्तर प्रदेश और बिहार जैसे गरीब राज्यों में आत्महत्या की दर कम है। जबकि अपेक्षाकृत धनी राज्यों, जैसे- गुजरात और पश्चिम बंगाल, में यह दर अधिक है। इससे स्पष्ट है। कि आत्महत्या और आमदनी का कोई संबंध नहीं है। कृषि में सरकारी आवंटन का बड़ा हिस्सा अनुदानों में जाता है। जो आज वृद्धि में बहुत मामूली योगदान देते हैं।उनसे सर्वाधिक लाभ धनी किसानों को होता है।

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