रविवार, 13 दिसंबर 2020

मजदूरी मांगने पर मजदूर की हत्या, कुएं में फेंका शव

मजदूरी मांगने पर भट्ठा मालिक ने मजदूर की हत्या कर कुएं में फेकी लाश।  
अजीत कुशवाहा
कौशांबी। पश्चिम शरीरा थाना क्षेत्र के जजौली गांव के एक मजदूर भट्ठे में बकाया मजदूरी मांगने भट्ठा मालिक के पास गया था। जहां मजदूर की हत्या कर लाश कुएं में फेंक दी गई है। मजदूर की पत्नी की तहरीर पर कोखराज पुलिस ने भट्ठा मालिक को हिरासत में लेकर कड़ाई से पूछताछ किया तो सारा रहस्य उजागर हो गया भट्ठा मालिक की निशानदेही पर पुलिस ने लाश को कुएं से निकालकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।
घटनाक्रम के मुताबिक पश्चिम शरीरा थाना क्षेत्र के जजौली गांव निवासी रामबदन रैदास उम्र 40 वर्ष पुत्र राम आसरे कोखराज थाना क्षेत्र के लोहरा के एक ईंट भट्ठे में मजदूरी करते थे। 8 दिसंबर को वह भट्ठा मालिक के पास बकाया मजदूरी मांगने गए थे। बताया जाता है। कि भट्ठे में काम करने के दौरान उनके लाखों रुपए मजदूरी भट्ठा मालिक पर बकाया है। लेकिन भट्ठा मालिक के घर जाने के बाद रामबदन वापस नहीं लौट सके जिस पर भट्ठा मजदूर की पत्नी ने भट्ठा मालिकानो सहित चार लोगों को नामजद कर पति की हत्या का आरोप लगाया। तहरीर मिलने के बाद कोखराज पुलिस ने नामजद भट्ठा मालिकानों को गिरफ्तार कर लिया। जब पुलिस ने भट्ठा मालिकों से कड़ाई से पूछताछ किया तो भट्ठा मालिकों ने मजदूर की हत्या किए जाने और लाश कुएं में फेंके जाने की बात कबूल कर ली भट्ठा मालिकों की निशानदेही पर पुलिस ने लोहरा गांव स्थित एक भट्टे के पीछे के कुएं से पुलिस ने लाश बरामद कर ली है। कुआं से लाश निकालने के बाद पुलिस ने भट्ठा मजदूर की लाश को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। मजदूर की हत्या किए जाने की जानकारी मिलते ही घटनास्थल पर पश्चिम शरीरा थाना पुलिस कोखराज थाना पुलिस और पुलिस अधिकारी घटनास्थल पर पहुंच गए हैं।

सरकार को गोला लाठी की जरूरत है: टिकैत

सरकार को गोला लाठी की जरूरत हैंः टिकैत 
अकांशु उपाध्याय 
नई दिल्ली। गाजीपुर बॉर्डर पर सभा को संबोधित करते हुए चौ.राकेश टिकैत ने कहा कि सरकार को गोला लाठी की जरूरत है। हमनें किसानों से कहा है। कि कृषि यंत्रों के साथ गाजीपुर बॉर्डर पहुँचे। अब सरकार को गोला लाठी देने का समय आ गया है। चौ. टिकैत ने कहा कि देशभर में ऐतिहासिक प्रदर्शन होगा। जो किसान व्यस्त है। या साधन के कारण नही आ पा रहे है।वह सब स्थानीय स्तर पर प्रदर्शन कर रहे है। किसान कौम एक साथ है। यह आंदोलन एक ऐतिहासिक आंदोलन है। सरकार किसानों की एकता को तोड़ना चाहती है।लेकिन किसान इनको जान गया है।
धरने पर चरखी दादरी के विधायक सोमवीर सांगवान ने कहा कि मैं किसान पुत्र हूं। विधायक बाद में हूं। किसान हित में हरियाणा सरकार से अपना समर्थन वापस कर चुका हूं। पूरा हरियाणा किसानों के साथ है। किसानों का आंदोलन सफल होगा क्योंकि इसमें सभी कौम इकटठा है। राष्ट्रीय बाल्मीकि महासंघ शादीपुर के अध्यक्ष मदन लाल बाल्मीकि ने भी राकेश टिकैत की अपना समर्थन पत्र दिया।

आसमान में छाया कोहरा, वायु 'गुणवत्ता' बहुत खराब

आसमान में छाया घना कोहरा, वायु गुणवत्ता 'बहुत खराब' 
अकांशु उपाध्याय 
नई दिल्ली। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में रविवार सुबह आसमान में घना कोहरा छाया रहा तथा सुबह आठ बजे यहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 354 दर्ज किया गया। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र गाजियाबाद, नोएडा, फरीदाबाद और गुरुग्राम में हवा की गुणवत्ता बहुत खराब हो गयी, जबकि पड़ोसी शहरों में एक-दो निगरानी केंद्रों में सूचकांक मूल्य 401 से ऊपर रहा जो 'गंभीर' श्रेणी में आता है।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने बताया कि घना कोहरा छाये रहने और सापेक्ष आर्द्रता का स्तर 90 प्रतिशत होने से अंधेरा छाया रहा जिसकी वजह से लोगों को कठिनाइयों का सामना करना पकड़ा। मौसम विभाग ने बताया कि राष्ट्रीय राजधानी से सटे शहरों में भी वायु की गुणवत्ता बहुत खराब श्रेणी में रही। गाजियाबाद में कई जगहों पर वायु की गुणवत्ता खराब रही जबकि नोएडा और ग्रेटर नोएडा में एक निगरानी केंद्र पर एक्यूआई 401 से अधिक दर्ज की गई। घना कोहरा छाये रहने के कारण वाहन चालकों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। मौसम विभाग ने यहां पर सोमवार को न्यूनतम तापमान आठ डिग्री सेल्सियस रहने के साथ ही कोहरा छाये रहने का अनुमान लगाया है।

साल का आखिरी 'सूर्य' ग्रहण, रखें विशेष ध्यान

साल का आखिरी सूर्य ग्रहण, इन बातों का रखें विशेष ध्यान
हरिओम उपाध्याय  
नई दिल्ली। इस साल यानी 2020 का आखिरी सूर्य ग्रहण सोमवार 14 दिसंबर को लगने वाला है। भारतीय समय के अनुसार यह सूर्य ग्रहण 14 दिसंबर की शाम 7 बजकर 02 मिनट से शुरू होगा जो 15 दिसंबर की रात के 12 बजकर 23 मिनट पर खत्म होगा। इस सूर्य ग्रहण की कुल अवधि 5 घंटा 21 मिनट की होगी। इससे पहले साल का पहला सूर्य ग्रहण 21 जून को लगा था। यह सूर्य ग्रहण मार्गशीर्ष अमावस्या पर लगेगा। सूर्य ग्रहण वृश्चिक राशि और ज्येष्ठा नक्षत्र में लगेगा। साल 2020 ज्योतिष और खगोलशास्त्र के नजरिए से काफी महत्वपूर्ण रहा है। इस साल कुल मिलाकर 6 ग्रहण लगे, जिसमें से छठा और आखिरी ग्रहण 14 दिसंबर को लगेगा।
यह ग्रहण सूर्य ग्रहण होगा। इससे पहले 30 नवंबर को उपछाया चंद्रग्रहण लगा था। 14 नवंबर को ग्रहण के बाद साल 2020 की विदाई हो जाएगी। यह सूर्य ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा जिस कारण से इसका सूतक काल मान्य नहीं होगा। यह सूर्य ग्रहण दक्षिण अमेरिका, साउथ अफ्रीका अटलांटिक, हिंद महासागर और प्रशांत महासागर के कुछ हिस्सों में दिखाई देगा। इसके साथ ही यह सूर्य ग्रहण सऊदी अरब, कतर, सुमात्रा, मलेशिया, ओमान, सिंगापुर, नॉर्थन मरिना आईलैंड, श्रीलंका और बोर्नियो में भी दिखाई देगा। चूंकि यह ग्रहण भारत में नजर नहीं आएगा इसलिए इसका भी कोई सूतक काल नहीं होगा और यहां इसका कोई खास प्रभाव भी नहीं रहेगा। भले ही भारत में इस सूर्य ग्रहण का सूतक मान्‍य नहीं होगा लेकिन प्रभाव जरूर देखा जाएगा। ऐसे में ग्रहण काल के दौरान जीन चीजों की मनाही है उसका लोगों को पालन करना चाहिए। ग्रहण काल में भोजन करना, कुछ पीना, तेज आवाज से बोलना, शुभ कार्य, मांगलिक कार्य आदि नहीं किए जाते हैं। ग्रहण काल में बाहर निकलने से बचना चाहिए।

किसानों ने दी चेतावनी, सीमाओं पर पहरा सख्त

प्रदर्शनकारी किसानों ने हाइवे जाम का किया ऐलान पुलिस ने सीमाओं पर पहरा किया सख्त
अकांशु उपाध्याय
 नई दिल्ली। नए पारित कृषि कानून को लेकर पिछले करीब 16 दिनों से दिल्ली बॉर्डर पर किसान आंदोलनरत हैं। सरकार के साथ छह चरणों की वार्ता होने के बावजूद जब बात नहीं बन पाई तो अब किसानों ने अपना आंदोलन और बढ़ाने की घोषणा की है। टोल नाका फ्री कराने के बाद अब किसानों ने हाईवे जाम करने की घोषणा की है। जिसके बाद दिल्ली पुलिस द्वारा बॉर्डर की सीमाओं पर सुरक्षा बंदोबस्त बढ़ा दिए गए हैं।
गौरतलब है कि आंदोलनरत किसानों द्वारा 12 दिसंबर को टोल फ्री कराने के उपरांत भी बात न बन पाने के कारण उन्होंने अपना आंदोलन बढ़ाने की घोषणा करते हुए जयपुर-दिल्ली एवं दिल्ली-आगरा एक्सप्रेसवे को अवरुद्ध करने की घोषणा की है। जिसके मद्देनजर दिल्ली पुलिस ने शनिवार को शहर की सीमाओं पर सुरक्षा के बंदोबस्त बढ़ा दिए हैं।
सैन्यकर्मी तैनात- पुलिस एक वरिष्ठ अधिकारी द्वारा मीडिया को दी गई जानकारी के मुताबिक, सुरक्षा के पर्याप्त इंतजाम किए गए हैं। बॉर्डर पर बहुस्तरीय अवरोधक और पुलिस बल को तैनात किया गया है। प्रदर्शन की वजह से यात्रियों को किसी तरह की परेशानी न उठाने पड़े इसके मद्देनजर भी उपाय किए गए हैं। अधिकारी के अनुसार, दिल्ली यातायात पुलिस ने महत्वपूर्ण सीमाओं पर सैन्य कर्मियों को तैनात किया गया है।
यहां से जाएं लोग- इसके अलावा सोशल मीडिया, ट्विटर  के माध्यम से लोगों को बंद किए गए एवं खुले हुए मार्गों की जानकारी दी जा रही है। यातायात पुलिस द्वारा ट्वीट कर यात्रियों को सिंधू, औचंदी, प्याऊ मनियारी और मंगेश सीमाओं के बंद होने की वजह से लोगों को लामपुर, सफियाबाद, साबोली और सिंधू स्कूल टोल टैक्स सीमाओं से आने जाने की सलाह दी गई है।
ये हुए बदलाव-यातायात पुलिस की तरफ जानकारी दी गई कि मुकरबा और जीटीके रोड से मार्ग बदला है। इसके चलते लोगों को बाहरी रिंग रोड, जीटीके रोड और राष्ट्रीय राजमार्ग-44 पर जाने से बचना चाहिए। यह भी कहा गया कि आंदोलन के कारण नोएडा एवं गाजियाबाद से यातायात के लिए चिल्ला एयर गाजीपुर सीमाओं को बंद किया गया है। दिल्ली आने के लिए आनंद विहार, डीएनडी, अप्सरा एवं भोपरा सीमाओं का इस्तेमाल किया जा सकता है।

यूपी: सरकारी नौकरियों में बड़ा आरक्षण का कोटा

यूपी की सरकारी नौकरियों में बढ़ा आरक्षण का कोटा, जानिए अब कितने प्रतिशत होगा रिजर्वेशन
संदीप मिश्र 
लखनऊ। यूपी में सरकारी नौकरियों में अब कुल 60 फीसदी पदों पर आरक्षण होगा। आरक्षण का कोटा 10 फीसदी आर्थिक रूप से कमजारों को शामिल किए जाने के बाद बढ़ा है। प्रदेश के सभी भर्ती आयोग अब इसके आधार पर ही विज्ञापन निकालकर आवेदन मांगेंगे। उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग ने इसके लिए तैयारियां शुरू कर दी है और भर्ती के लिए जो प्रस्ताव पूर्व से आए थे उसे वापस भेजकर इसमें संशोधन कराया जा रहा है।
राज्य सरकार ने आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों को सरकारी नौकरियों में 10 फीसदी आरक्षण देने का फैसला किया है। इसके लिए उत्तर प्रदेश लोक सेवा (आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लिए आरक्षण) अधिनियम-2020 जारी किया जा चुका है। अपर मुख्य सचिव कार्मिक मुकुल सिंहल ने निर्देश भेज रखा है कि इसे कड़ाई से लागू किया जाए
इसके आधार पर आर्थिक रूप से कमजोरों को 10 फीसदी आरक्षण देना अनिवार्य हो गया है। इसका फायदा केवल यूपी में रहने वालों को ही मिलेगा। यूपी के बाहर वालों को इसका फायदा नहीं मिलेगा। प्रदेश में अनुसूचित जाति के लिए 21 फीसदी, अनुसूचित जनजाति दो फीसदी, अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए 27 फीसदी आरक्षण की व्यवस्था पहले से ही है। आर्थिक रूप से कमजारों को शामिल करने के बाद यह प्रतिशत 60 फीसदी हो जाएगा।
अधीनस्थ सेवा चयन आयोग इसके साथ ही भर्ती के लिए मौजूदा परीक्षा प्रणाली में बदलाव करना चाहता है। इसके लिए शासन के कार्मिक विभाग को प्रस्ताव भेजा जा चुका है। इसके मुताबिक प्रारंभिक और मुख्य परीक्षा का प्रस्ताव है। कार्मिक विभाग ने अधीनस्थ सेवा चयन आयोग से इस संबंध में कुछ जानकारियां मांगी थी, इसका जवाब भेजा चुका है।
प्रवीर कुमार, अध्यक्ष, अधीनस्थ सेवा चयन आयोग कहते हैं ;आयोग सभी भर्तियों में आर्थिक रूप से कमजोरों को 10 फीसदी आरक्षण देने के लिए प्रस्तावों को संशोधित करा रहा है। नए भर्ती विज्ञापनों में इसकी व्यवस्था कराई जाएगी, जिससे शासन की मंशा के अनुरूप इस वर्ग को आरक्षण का फायदा मिल सके।

छोटी पर्ची का कमाल, डॉक्टर हो रहे मालामाल

छोटी परची का कमाल, डॉक्टर हो रहे हैं मालामाल, जानें पूरा मामला
चित्रकूट। कोरोना काल में चिकित्सकों व स्वास्थ्य कर्मियों की बेरुखी बढ़ गई है। मरीजों के निकट आते ही उन्हें दूर रहने की घुड़की के साथ बाहरी दवाओं की पर्ची थमा दी जाती है। डॉक्टर साहब कहीं नाराज न हो जाएं, इस डर से मरीज मेडिकल स्टोर से दवा खरीदने को मजबूर हैं। दवा प्रतिनिधियों से मिलने वाले उपहार व मोटे कमीशन की लालच में डॉक्टर साहब अस्पताल की दवा को खड़िया मिट्टी बता छोटी पर्ची थमा रहे हैं।
जिला चिकित्सालय  में कमीशन के लिए बाहर से दवाइयां लिखने का खुला खेल चल रहा है। सरकारी पर्ची के साथ डॉक्टर बिना रोक-टोक छोटी पर्ची पर बाहर की दवा लिख रहे हैं। इससे गरीबों की जेब ढीली हो रही है, डॉक्टरों की जेब गर्म। शासन से बाहर की दवाइयां लिखने पर पूर्णत: प्रतिबंध लगा है। शासन ने ऐेसे डॉक्टरों के खिलाफ सख्ता कार्रवाई के निर्देश दे रखे हैं लेकिन यहां जिम्मेदार आंख मूंदे बैठे हैं।

मेडिकल स्टोर से सेटिंग
सरकारी अस्पताल में दूर-दराज के गरीब अच्छा उपचार और नि:शुल्क दवाइयों की उम्मीद लिए पहुंचते हैं लेकिन यहां डॉक्टर मरीज की जेब पर आंख गड़ाए बैठे हैं। वे लगभग हर दूसरे मरीज को बाहर की दवाई लिख रहे हैं। मरीज और उनके परिजन मजबूरी में बाहर से महंगी दवा खरीद रहे हैं। इससे मेडिकल स्टोर संचालकों के वारे न्यारे हो रहे हैं। इसका मोटा कमीशन पर्ची लिखने वाले डॉक्टरों को पहुंच रहा है।
छोटी पर्ची देखकर कह देते हैं बाहर जाओ
जिला चिकित्साल में शनिवार  को जब हमारी टीम ने पड़ताल की तो पता चला कि यहां के डॉक्टर हर दूसरे मरीज को निजी मेडिकल स्टोर पर भेज रहे हैं। जिला चिकित्सालय के दवा वितरण केंद्र पर भी उपस्थित कर्मचारी जैसे ही अस्पताल की पर्ची के साथ छोटी पर्ची देखते हैं तो तपाक से बोल देते हैं कि ये दवा बाहर से लेना है। अब सोचने वाली बात यह है कि ऐसे में कैसे पूरा होगा सरकार का मुफ्त में इलाज करने का सपना । सरकार बड़ी बड़ी दावे करती है कि सरकारी अस्पतालों में मुफ्त में इलाज व जांच हो रही है लेकिन हकीकत तो कुछ और ही बया कर रहा है जो इस पर्ची में लिखी दवा से आप खुद अंदाजा लगा सकते हैं। 

पायलट ने फ्लाइट अटेंडेंट को प्रपोज किया

पायलट ने फ्लाइट अटेंडेंट को प्रपोज किया  अखिलेश पांडेय  वारसॉ। अक्सर लोग अपने प्यार का इजहार किसी खास जगह पर करने का सोचते हैं। ताकि वो पल ज...