शुक्रवार, 27 नवंबर 2020

मतदान किया तो व्हाइट हाउस छोड़ दूंगाः ट्रंप

ट्रंप बोले- सहयोगी एलेक्ट्रॉल्स ने बाइडेन के लिए किया मतदान तो छोड़ दूंगा व्हाइट हाउस-


वाशिंगटन डीसी। अमेरिका में हाल ही में राष्ट्रपति चुनाव हारने के बाद डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि यदि उनके सहयोगी एलेक्ट्रोलस जो बाइडेन के पक्ष में वोट कर देंगे तो वह व्हाइट हाउस छोड़ देंगे। ट्रंप से गुरुवार देर शाम को जब यह पूछा गया कि अगर उनके सहयोगी एलेक्ट्रोलस जो बाइडेन के पक्ष में मतदान करेंगे तो क्या वह व्हाइट हाउस छोड़ देंगे तो उन्होंने कहा आप जानते है। कि ऐसी स्थिति में मैं निश्चित रूप से व्हाइट हाउस छोड़ दूंगा। सत्ता हस्तांतरण के लिए जिम्मेदार संघीय एजेंसी जीएसए की प्रमुख ने कहा था। कि वह बाइडन को व्हाइट हाउस में आने के लिए जरूरी संसाधन मुहैया कराएंगी जिसके बाद ट्रंप का यह बयान आया है। ट्रंप ने हालांकि इस बात पर भी जोर दिया कि वह लड़ाई जारी रखेंगे और जीत हासिल करेंगे। अमेरिका में तीन नवम्बर को हुए चुनाव में राष्ट्रपति पद के लिए बाइडन और उप राष्ट्रपति पद के लिए कमला हैरिस को विजेता घोषित किया गया है।
ट्रंप के अभियान दल ने चुनाव प्रक्रिया में गड़बड़ी एवं धोखाधड़ी के कई मुकदमे दर्ज कराए हैं। जिनमें से कई को अदालतें खारिज भी कर चुकी है। जनरल सर्विस एडमिनिस्ट्रेटर (जीएसए) एमिली मर्फी द्वारा नव-निर्वाचित राष्ट्रपति जो बाइडन को पत्र लिख कर ट्रंप प्रशासन के आधिकारिक तौर पर सत्ता हस्तांतरण की प्रक्रिया शुरू करने के लिए तैयार होने की जानकारी देने के कुछ घंटों बाद ट्रंप ने इस संबंध में ट्वीट किया। ट्रंप ने ट्वीट किया मैं जीएसए की एमिली मर्फी का देश के प्रति उनके समर्पण और निष्ठा के लिए धन्यवाद देना चाहता हूं। उनको परेशान किया गया धमकाया गया और गालियां दी गई और मैं नहीं चाहता कि यह उनके उनके परिवार या जीएसए के किसी भी कर्मचारी के साथ हो। हमारी लड़ाई जारी रहेगी और मुझे विश्वास है। कि हम जीतेंगे। निवर्तमान राष्ट्रपति ने कहा हमारे देश के हित में मैं एमिली और उनके दल को प्रारंभिक प्रोटोकॉल के संबंध में जो किया जाना चाहिए उसे करने का सुझाव देता हूं और मैंने अपनी टीम से भी यही कहा है।                                         


जर्मनी में जल्द हाइड्रोजन से चलेंगे 'रेल इंजन'

जर्मनी में जल्द हाइड्रोजन से चलेंगे रेल इंजन, कार्बन उत्सर्जन घटाने की कोशिश 


बर्लिन। जर्मनी में जल्द हाइड्रोजन से चलेंगे रेल इंजन, कार्बन उत्सर्जन घटाने की कोशिश। जर्मनी में आने वाले दिनों में रेल इंजन हाइड्रोजन से चलेंगे। जर्मन रेल कंपनी डॉयचे बानऔर सीमेंस मोबिलिटी ने हाइड्रोजन से चलने वाली रेल इंजन को विकसित करने का फैसला किया है। दोनों कंपनी आने वाले दिनों में पर्यावरण की रक्षा के लिए स्थानीय रूट पर डीजल इंजन को हटाना चाहती हैं। कार्बन उत्सर्जन घटाने की कोशिश
दोनों कंपनियों ने उम्मीद जताई है। कि 2024 में इस तकनीक से चलने वाली ट्रेन और फिलिंग स्टेशन का परीक्षा शुरू हो जाएगा। यह फिलिंग स्टेशन 15 मिनट में हाइड्रोजन ट्रेन को यात्रा के लिए तैयार कर देगा। इन ट्रेनों की गति पारंपरिक डीजल इंजन से चलने वाली ट्रेन जितनी ही होगी। हाइड्रोजन से चलने वाली ट्रेन इंजन सेल हाइड्रोजन और ऑक्सीजन के बीच बैटरी की मदद से हुई प्रतिक्रिया के जरिए बिजली पैदा करते हैं। इस प्रतिक्रिया में बिजली के अलावा केवल भाप और पानी ही बाकी बचता है। ट्रनों को इसी बिजली की मदद से चला जाता है। डॉयचे बान बोर्ड की सदस्यता साबीना जेशके का कहना है। हम ट्रेनों में डीजल ट्रेन जितनी ही जल्दी ईधन भर सकेंगे। यह सच्चाई है। और इससे पता चलता है। कि पर्यावरण के इतिहास से बेहतर परिवहन संभव है।
देश में 1,300 डीजल इंजन हटाए जाएंगे
जर्मन रेल कंपनी 2050 तक कार्बन उत्सर्जन को शून्य करना चाहती हैं। इसका मतलब है। कि मौजूदा 1,300 डीजल इंजनों को हटाना होगा। जेशके ने कहा हम जीवाश्म ईंधन का उपयोग शून्य के स्तर पर लाना चाहते हैं। उसके बाद हम एक भी पारंपारिक डीजल इंजन नहीं चलाएंगे। जर्मन रेल नेटवर्क के करीब 39 फीसदी हिस्से में पटरी के ऊपर बिजली की तारे नहीं है। करीब 39 फीसदी हिस्से में पटरी के ऊपर बिजली के तार नहीं हैं। ऐसे रूट पर रेल चलाने के लिए ट्रेनों के इंजन में ही डीजल जैसा इंजन भरना होता है। जर्मनी के ट्यूबिंगन इलाके में परीक्षण के लिए करीब 600 किलोमीटर लंबी रेल मार्ग पर एक साल तक ऊर्जा से चलने वाली रेल चलाने का फैसला किया गया है। सीमेंस की यह ट्रेन एक साल में करीब 330 टन कार्बन डाइऑक्साइड गैस का उत्सर्जन रोकेगी।


                                     


सरकारः किसानों को एंट्री की इजाजत मिलीं

नई दिल्ली। भारतीय किसान यूनियन के बैनर तले “दिल्ली चलो” मार्च निकाल रहे किसानों को आखिरकार दिल्ली में प्रवेश की इजाजत मिल ही गई है। दिल्ली पुलिस कमिश्नर ने पुष्टि करते हुए बताया कि किसानों को राजधानी दिल्ली के बुराड़ी इलाके में निरंकारी समागम मैदान पर प्रदर्शन करने की इजाजत दे दी गई है। उधर क्रांतिकारी किसान यूनियन के अध्यक्ष दर्शन पाल ने भी कहा है कि हमें दिल्ली में दाखिल होने की अनुमति मिली हुई है। उन्होंने बताया कि केंद्रीय गृह मंत्रालय के अधिकारियों ने उन्हें दिल्ली के बुराड़ी में एक स्थान पर प्रदर्शन करने की अनुमति दी थी।                                        


पुलिस की लापरवाही बना जाम का कारण

एक तरफ रेलवे अधिकारियों की लापरवाही दूसरी तक यातायात पुलिस की घोर लापरवाही जाम का भना कारण


कौशाम्बी। जिले के सबसे व्यस्त कस्बा भरवारी नगर में सड़क जाम की समस्या लाइलाज बन चुकी है। जिसका खामियाजा नगर वासियों के साथ साथ बाहरी लोगों को भी झेलना पड़ रहा है। बार-बार लोगों ने जाम के झाम से निजात दिलाने की मांग प्रशासन के साथ जनप्रतिनिधि से की जिस पर गौरा रोड का वनवे कर दिया गया और जाम से निजात दिलाने के लिए यातायात पुलिस और होमगार्ड की ड्यूटी भी रेलवे फाटक पर लगाई गई। लेकिन यातायात पुलिस और ड्यूटी पर लगे होमगार्ड के जवान विक्रम टेंपो अप्पे बस आदि वाहनों से अवैध वसूली तक सीमित है। जिससे भरवारी कस्बे का जाम लाइलाज बन चुका है और इस जाम के चलते जहां जनता परेशान हो रही है. वही जाम का खामियाजा बीमार वृद्धजन भी उठा रहे हैं। यदि भरवारी कस्बे के इस जाम में किसी बीमार व्यक्ति का वाहन फंस गया तो उसका अस्पताल पहुंचना संभव होगा या नहीं यह भगवान भरोसे पर हो जाता है। पूर्व जिलाधिकारी ने भरवारी कस्बे के गौरा रोड को वनवे घोषित कर दिया था लेकिन यातायात पुलिस पूर्व जिलाधिकारी के आदेश का पालन नहीं करा पा रही है जो जाम का प्रमुख कारण है। वही भरवारी रेलवे के अधिकारियों ने भी इस जाम को बढ़ाने में अहम भूमिका निभाई है। रेलवे लाइन पर लगे फाटक को रेलवे अधिकारियों ने नीचे कर दिया है। पहले इस फाटक से बाइक साइकिल वाले फाटक के नीचे से झुक कर निकल जाते थे जिससे जाम कम लगता था लेकिन फाटक को नीचे कर दिए जाने के बाद अब बाइक और साइकिल वालों को फाटक से निकलने में दिक्कत होती है।जिससे वह भी बंद फाटक पर खड़े हो जाते हैं। वही रेलवे फाटक के दोनों तरफ विक्रम टेंपो बस ट्रके खड़ी हो जाती है।जिससे जाम बढ़ जाता है। वही रेलवे फाटक के आसपास विक्रम टेंपो प्राइवेट बस वाले वाहनों को खड़ी कर सवारियां भरते हैं जिससे रेलवे फाटक खुलने के बाद भी जाम में फंसे वाहनों को निकलने के लिए रास्ता नहीं मिल पाता है और फाटक खुलने के बाद 20 मीटर का रेलवे फाटक पार करने में घण्टो का समय लग जाता है। एक तरफ रेलवे अधिकारियों की लापरवाही दूसरी तरफ यातायात पुलिस की घोर लापरवाही जाम का कारण बन चुकी है। नगर वासियों ने भरवारी कस्बे के जाम को समाप्त करने के लिए कई बार जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों से मांग की है। लेकिन आम जनता की आवाज पर कार्यवाही नहीं की गई है। जिससे जाम की समस्या लाइलाज बनी हुई है।


राजू सक्सेना


घिनौनीं हरकत पर उतरी सरकार, इस्तीफा दे

किसान विरोधी मजदूर विरोधी सरकार घिनौनी हरकतों पर उतारा बहुजन समाज के एमपी एमएलए को इस्तीफा दो


मेरठ। किसान विरोधी मजदूर विरोधी जनता विरोधी बीजेपी सरकार घिनौनी हरकतों पर उतारू हो चुकी है और मनमर्जी से जनता के विरुद्ध फैसले ले रही है। बहुजन समाज के एम पी एम एल ए का इस्तीफा का जमीर गिर चुका है। अन्यथा सरकार चलाने लायक बीजेपी के लोग ना काबिले बर्दाश्त है। आज समस्त देश भुखमरी की कगार पर है। चारों ओर से बेरोजगार हो चुका है और लोग कंगले होने लगे हैं। बीजेपी सरकार क्या चाहती है। आखिर किसानों पर इस ठंड में ऐसे अत्याचार करना कहां का इंसाफ है। बीजेपी सरकार इतनी नीचता पर उतर आई है और अपनी मनमर्जी कर रही है। बहुजन मुक्ति पार्टी के आने पर सब बदले लिए जाएंगे। बहुजन मुक्ति पार्टी के पश्चिमांचल महासचिव एवं मेरठ मंडल अध्यक्ष आर डी गादरे ने अपने वक्तव्य में कहा कि आज भारतीय जनता पार्टी के केंद्र की सरकार और इसके सहयोगी दलों की सरकारें चारों ओर से जनता विरोधी साबित हो रही है। जनता के हक में कोई फैसले नहीं लिए जा रहे हैं जनता को लूटने पर लगी हुई है। जनता का सहयोग नहीं किया जा रहा है और अब बात सर से उतरने लगी है किसानों के विरुद्ध अध्यादेश लाकर कोई अच्छा कदम नहीं उठाया। आज किसान आंदोलन कर रहा है तो उस पर आंसू गैस के गोले पानी की बौछारें चारों तरफ से पुलिस फोर्स पल लाठियां बरसाई जा रही हैं। यह कहां का इंसाफ है जनता की किसानों की जमीन हड़पने पर लगी है। आज चारों ओर निजी करण कर दिया गया। सरकार क्या करेगी? सरकारी तंत्र को निजी करण में बदलाव लाकर सरकार लोकतंत्र खत्म कर रही है और आज जब किसान जाग रहे हैं तो इनसे बर्दाश्त नहीं रहा है और किसानों पर अत्याचार किए जा रहे हैं। उधर कोरोना में गरीब मजदूरों पर अत्याचार किए गए और केवल हिंदू मुस्लिम की राजनीति कर लोगों को मरवाया जाता है। आपस में भिड़ जाता है जबकि मूलनिवासी लोग इस बात को आज समझने लगे हैं। बहुजन मुक्ति पार्टी यह काम कर रही है। मुस्लिम कोई बाहर के नहीं है यह भी हमारे मूल निवासी हैं। फर्क इतना है कि वह पाखंडवाद छोड़कर समानता मसा वाद के धर्म में पहुंच गए सिख हो इसाई हो जैन हो लिंगायत हो या अन्य कोई धर्म हिंदुत्व की विचारधारा को छोड़कर अन्य धर्मों को कुबूल कर लिया वह भी तो हमारे मूल निवासी सब खूनी डी एन ए के भाई हैं। लेकिन बीजेपी आरएसएस के मंसूबे बहुत गलत चल रहे हैं और लोगों को भड़काया जा रहा है। लेकिन बहुजन मुक्ति पार्टी ऐसा कभी नहीं होने देगी और किसानों के हक में मजदूरों के हक में हमेशा से लड़ती आ रही है और आगे भी लड़ाई जारी रहेगी कभी झुकेगी नहीं 15 परसेंट विदेशियों ने इन 85 परसेंट मूल निवासियों को बहला-फुसलाकर इन से पैसे हड़प कर अपनी सरकार बना कर बैठी है, जबकि वह पैसा भी तो सब मूल निवासियों का है लेकिन मूल निवासियों को ही आपस में लड़ वाया जा रहा है। अब जागो मेरे मूलनिवासी भारतीय साथियों दोस्तों जागो।


हरियाणाः अधिकारियों का स्थानांतरण व नियुक्ति

राणा ऑबराय


चंडीगढ़। हरियाणा सरकार ने दो एचसीएस अधिकारियों के स्थानांतरण एवं नियुक्ति आदेश जारी किए हैं। जींद के अतिरिक्त उपायुक्त और क्षेत्रीय परिवहन प्राधिकरण (आरटीए), जींद के सचिव सत्येंद्र दुहन को पलवल का अतिरिक्त उपायुक्त और क्षेत्रीय परिवहन प्राधिकरण (आरटीए), पलवल का सचिव लगाया गया है।
उत्कर्ष सोसाइटी की प्रशासनिक अधिकारी, जिला परिषद, पंचकूला की मुख्य कार्यकारी अधिकारी और जिला ग्रामीण विकास एजेंसी, पंचकूला की मुख्य कार्यकारी अधिकारी निशु सिंघल को उनके वर्तमान कार्यभार के अलावा क्षेत्रीय परिवहन प्राधिकरण (आरटीए), पंचकूला के सचिव का कार्यभार सौंपा गया है।                                     


ठंड में गरीबों को कंबल बांटने निकले जिलाध्यक्ष

रात की ठिठुरती ठंड में गरीबो को राहत के लिए कंबल बांटने निकले सपा जिला अध्यक्ष युवजनसभा


गरीबो के लिए बने चन्द्रजीत यादव मसीहा


कौशाम्बी। समाजवादी पार्टी के युवजन सभा के जिला अध्यक्ष चन्द्रजीत यादव का एक और सराहनीय कार्य देखने को मिला है। प्रयागराज के सड़को पर ठंड से ठिठुर रहे गरीबो को देखते हुए चन्द्रजीत यादव उनके लिए बने मिशाल तत्काल मार्केट से कम्बल मंगा कर उन गरीबो को अपने हाथों से ढका ठिठुरते हाथों में आए, कंबल तो हाथ जोड़ कर मुंह से निकली दुआएं।
उत्तरप्रदेश में लाखों बेघर लोग कड़कड़ाती ठंड में सड़कों पर ही सोते है और उन बेसहारा लोगो के पास ठंड से बचने के लिए कोई गर्म कपड़े भी नही होते। उन्हें सर्दी से बचाने के प्रयास में समाजवादी पार्टी के युवजनसभा जिलाध्यक्ष चन्द्रजीत यादव जुट गए है, जो जरूरत मंद बेसहारा लोगो को संबलपुर जाने का कार्य किया यहाँ धमार्थ कार्य वो खुद वा अपने परिवार के वा मित्रो के साथ करते है। इन गरीब बेसहारा असहाय लोगो के लिए चंदजीत यादव बन गए है। फरिश्ता कंम्बल पाकर गरीबो के खिल उठे चेहरे।


गणेश साहू                     


लोगों के लिए 'पेयजल आपूर्ति' सुनिश्चित की जाएं

लोगों के लिए 'पेयजल आपूर्ति' सुनिश्चित की जाएं  इकबाल अंसारी  चेन्नई। तमिलनाडु में गर्मी दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है। इसे देखते हुए मु...