उधमसिंहनगर/रुद्रपुर। दरसल मामला बीते 28 जुलाई का है वीडियो में साफ दिख रहा है कि तीन पुलिसकर्मी और एक एसपीओ के साथ केला खेड़ा के पास स्थित ढाबे में एक मुखबीर को लेकर पहुंचे थे ।जंहा पुलिस के अनुसार पुलिस ने इस ढाबे से मुखबिर की सूचना पर चरस बरामद की गई थी, यहां तक तो सब ठीक था । असल में जब पुलिस ने इस पूरे मामले में मुकदमा दर्ज किया तो वारदात स्थल को ढाबे से कुछ दूर आगे दिखाया बस यहीं पर मामला बिगड़ गया और फँस गए पुलिस के यह तेजतर्रार दरोगा जी और पुलिसकर्मी उधर बाद में जब पुलिस को एहसास हुआ कि ढाबे में सीसीटीवी लगे हुए हैं, तो दूसरे दिन 2 पुलिसकर्मी वापस मौके पर पहुंचकर ढाबे में मौजूद कर्मचारियों से जबरन सीसीटीवी फुटेज डिलीट करवा दी हालांकि ढाबा मालिक विपिन शर्मा ने एहतियात बरतते हुए पहले ही सीसीटीवी फुटेज पेन ड्राइव में सेव कर ली थी। ढाबे के मालिक अनिल शर्मा के अनुसार ढाबे में दाखिल हुए दरोगा और पुलिसकर्मी ने उनके छोटे भाई को ढाबे के बाहर से रात में ग्रिफ्तार कर लिया और बाद में यह दिखा दिया की ढाबे से कुछ दूर चरस के साथ पुलिस ने गिरफ्तार किया साथ ही अनिल शर्मा का यह भी कहना है कि उनके भाई को जब पुलिसकर्मी उठा कर ले जा रहे थे। तो पूरी घटना में लगे सीसीटीवी मैं रिकॉर्डिंग हो गयी हाई कोर्ट में पेश किए मामले मैं यह भी बताया है कि उनके भाई को बाद में पुलिसकर्मी ने जेल भेज दिया अभी तक 31 जुलाई को जमानत मिलने के बाद उनका भाई जेल से बाहर आ सका इस पूरे मामले ढाबे के मालिक ने पहले तो जिले के एसएसपी से शिकायत की और जब शिकायत का निस्तारण नहीं हुआ तो शिकायतकर्ता ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया और हाईकोर्ट ने आज इस पूरे मामले में सख्त रुख अपनाते हुए पूरे मामले की जांच सीबीआई को दे दी इस पूरे मामले को देखा जाए तो एसएसपी ने इस मामले में कानून का उल्लंघन करने वाले एक थानाध्यक्ष को लाइन हाजिर कर आरोपी चौकी इंचार्ज व तीन पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया है मौके पर पुलिसकर्मी एवं एसपीओ नीले रंग की टीशर्ट पहने हुए दिखाई दे रहा है उसके खिलाफ फिलहाल कोई कानूनी कार्रवाई क्यों नहीं की गई ..? आपको बता दें कि जिले के पूर्व कप्तान द्वारा कोरोना संक्रमण के मद्देनजर जिले में पुलिस द्वारा किए जा रहे कार्यों की मदद के लिए बड़े पैमाने पर जिले में एसपीओ (Special Police officer) तैनात किए गए गए थे लेकिन सीसीटीवी फुटेज में कैद हुए वीडियो में साफ जाहिर हो रहा है कि यह यह पुलिस की कितनी मदद कर रहे हैं । बरहाल जिस तरीके से आज हाईकोर्ट ने पूरे मामले को सख्ती से संज्ञान लिया है उससे साफ जाहिर होता है कि कानून का पालन जनता सहित सभी अधिकारी व कर्मचारी को भी करना है।कानून का उल्लंघन करने पर उन्हें भी जेल की हवा खानी पड़ सकती है।
जनकारी के मुताबिक पश्चिम बंगाल के रहने वाले से 9 लोग सूमो में सवार होकर महाराष्ट्र जा रहे थे, वे उनकी गाड़ी महसमुंद जिले के टेका के पास पहुंची थी, कि ड्राइवर को झपकी लग गई, जिसकी वजह से सूमो अनियंत्रित होकर पहले डिवाइडर से टकराई फिर खड़ी ट्रक में जा घुसी। हादसा इतना भीषण था, कि सूमो सवार 4 लोगों की मौके पर ही मौत हो गई, उनकी बॉडी सूमो में फंसी थी, घटना की जानकारी पर पहुंची पुलिस ने उन्हें निकाला, साथ ही घायलों को इलाज के लिए रायपुर रिफर किया गया है। पुलिस ने बताया कि रात लगभग 2:30 बजे नगर से 4 किमी दूर ग्राम टेका के पास पश्चिम बंगाल से काम करने महाराष्ट्र जा रहे थे, तभी सूमो WB 60 J 5598 के ड्राइवर को झपकी आ गई। और वाहन डिवाइडर से होते हुए सड़क के नीचे खड़ी एक ट्रक से टकरा गई। जिससे वाहन का सामने का हिस्सा ट्रक के पीछे धंस गया। वाहन में कुल 9 लोग सवार थे। हादसे के बाद सभी वाहन के अंदर फंस गए। दुर्घटना की सूचना के बाद थाना प्रभारी एन के स्वर्णकार दल बल के साथ तत्काल घटनास्थल NH53 रोड ग्राम टेका राजू ढाबा के पास पहुंचे। इस घटना में सूमो सवार 9 लोगों में से तीन की मौके पर ही मौत हो गई। जबकि बाकी 5 गम्भीर रूप से घायल हो गए, जिन्हें सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया, जहां प्राथमिक उपचार के बाद रायपुर मेकाहारा भेज दिया गया।
पुलिस ने बताया कि फंसे हुए लोगों को कड़ी मशक्कत के बाद बाहर निकाला गया एवं घायल व्यक्तियों को 108 वाहन से उपचार के लिए तत्काल सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पिथौरा में भर्ती कराया गया। सभी वाहन सवार लोगों को गंभीर चोटें आई थी एवं कोई भी बोल पाने की स्थिति में नहीं थे। इसमें से 3 व्यक्तियों की मौके पर ही मौत हो चुकी थी। जबकि एक अस्पताल पहुंचते रास्ते मे दम तोड़ दिया था। मृतकों के नाम भारत रविदास, मिथुन सिन्हा, समल सिन्हा एवं विजय दास हैं। जबकि राकेश सिन्हा (20), उतपल सिन्हा (19),गोकुल सिन्हा (20), चिरंजीव सिंह(22) एवं कृष्णा सिगो (22) गम्भीर रूप से घायल हैं। वहीं मृतकों का शव पोस्टमार्टम ग्रह में रखा गया है।