शनिवार, 18 जुलाई 2020

हत्यारोपी ने तिहाड़ जेल में की आत्महत्या

मनोज सिंह ठाकुर


नई दिल्‍ली। तिहाड़ सेंट्रल जेल में एक कैदी आत्महत्या कर ली। वह तिहाड़ की जेल नंबर-4 में बंद था। इससे पहले भी वह 2019 में POCSO और रेप मामले में करीब नौ महीने तक जेल में बंद रहा था। जेल अधिकारियों के मुताबिक, जेल नंबर 4 में हत्‍या का एक 38 वर्षीय आरोपी कैद था। शुक्रवार को उसके आत्‍महत्‍या करने का पता चला। तिहाड़ जेल के अडिश्नल आईजी राजकुमार ने मामले की पुष्टि करते हुए बताया कि मृतक का नाम रवि है। उसे उसकी सास की हत्या के आरोप में जेल में लाया गया था। इसके बारे में शनिवार सुबह पता लगा। उन्होंने बताया कि इस बारे में अभी यही पता लगा है। आगे की तहकीकात करने के बाद ही पता लगेगा कि आखिर उसने यह कदम क्यों उठाया।


इससे पहले भी जेल में कई कैदियों ने आत्महत्या की हैं। जबकि जेल प्रशासन दावा करता है कि वह यहां आने वाले विचाराधीन कैदियों की मनोस्थिति का भी आंकलन करता है। फिर उसके हिसाब से अगर कोई कैदी तनाव में होता है तो उसकी काउंसलिंग भी कराई जाती है। लेकिन बावजूद इसके समय-समय पर यहां कैदी स्यूसाइड कर रहे हैं।


दो दिन पहले ही हुआ था अरेस्‍ट
रवि दो दिन पहले ही अपनी सास की बर्बर हत्‍या के आरोप में पकड़ा गया था। मामला 16 जुलाई की रात का है। पुलिस के अनुसार, वारदात स्थल से कुछ दूरी पर बीट और पेट्रोलिंग स्टाफ मौजूद थे। उन्हें जैसे ही जानकारी मिली वह मौके पर पहुंचे। पूछताछ में पता चला कि रवि ने अपनी सास पर बर्फ तोड़ने वाले सुए से कई वार किए हैं। पेट्रोलिंग टीम ने आरोपी रवि को दबोचा। रवि (38) ने अपनी पत्नी, बच्चे और ससुर को भी घायल किया था, इसलिए पुलिस ने घायलों को तुरंत पास के तारक अस्पताल में शिफ्ट करवाया।


सास को रास्‍ते से हटाना चाहता था
चिकित्सकों ने शशि बाला (62) को मृत घोषित कर दिया। अन्य तीन को इलाज के लिए डीडीयू अस्पताल शिफ्ट कर दिया गया है। पुलिस के मुताबिक, आरोपी रवि नशे का आदी है और उस पर उगाही, हत्या के प्रयास और रेप केस पहले भी दर्ज हैं। वह कुछ समय के लिए जेल में भी रहा है। 2019 में पॉक्सो और रेप केस में वह 9 महीने जेल में रहा। 26 नवंबर 2019 को जेल से बाहर आकर उसे पता चला कि उसकी पत्नी और बेटी मायके में शिफ्ट हो गए हैं। उसे लगा कि उसकी सास ही इन सब के पीछे है। तभी से वह उन्हें रास्ते से हटाना चाहता था।


बचाने की किसी में नहीं हुई हिम्‍मत
चार दिन पहले उसने एक दुकान से बर्फ तोड़ने वाला सुआ खरीदा। 16 जुलाई को उसकी सास अपने एक रिश्तेदार को छोड़ने घर के बाहर आई और उसे हत्या करने का मौका मिल गया। वारदात के समय उसकी पत्नी और बेटा कुछ दूर खड़े थे। उसी दौरान उसे मौका मिल गया और उसने हमला कर दिया। सास के पेट, हाथ और सीने पर सुए से कई बार किए। गली में हुई इस वारदात में दामाद की दरिंदगी देख आसपास के लोगों की हिम्मत नहीं हुई कि वह आरोपी को रोक सकें।


सोनू पंजाबन ने भी की आत्‍महत्‍या की कोशिश!
देह व्‍यापार के आरोप में तिहाड़ में कैद सोनू पंजाबन ने भी आत्‍महत्‍या की कोशिश की है। उसने सिरदर्द की शिकायत की थी जिसके बाद डॉक्‍टर्स ने दवाइयां दीं। जेल सूत्रों के मुताबिक, उसने अधिक मात्रा में दवाइयां लेकर जान देने की कोशिश। हालांकि जेल अडिश्नल आईजी ने आत्‍महत्‍या की कोशिश से इनकार किया है। उनका कहना है कि ओवरडोज हो गई थी, और कोई बात नहीं है। सोनू को बाद में डीडीओ अस्‍पताल में भर्ती कराया गया था जहां अब उसकी हालत स्थिर है।               


सीएम ऑफिस के सामने मां-बेटी ने लगाई आग

लखनऊ/अमेठी। उत्तर प्रदेश के अमेठी जिले की एक महिला और उसकी बेटी ने शुक्रवार शाम लखनऊ के हजरतगंज इलाके में मुख्यमंत्री कार्यालय के गेट नंबर 3 के बाहर आत्मदाह का प्रयास किया। दोनों को सिविल हॉस्पिटल में एडमिट कराया गया है। महिलाओं का आरोप है कि एक महीने से पुलिस अधिकारियों का चक्कर लगा रही हैं, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही है‌।


जानकारी के मुताबिक अमेठी के जमाई की रहने वाली पीड़ित महिला गुड़िया ने अपनी बेटी के साथ लोक भवन के बाहर अचानक अपने आप को आग लगा लिया। इस दौरान मां 80% जल गई जबकि उनसकी बेटी 40% जल गई। मां की स्थिति गंभीर बताई जा रही है। मिली जानकारी के मुताबिक अमेठी के जामो क्षेत्र में नाली विवाद को लेकर दबंगों ने महिला की पिटाई कर दी। मामले को लेकर थाने में शिकायत भी की गयी। इसके बावजूद थाने के बाहर और बाद में जमकर पिटाई की, और यह भी धमकी दी कि एक्सीडेंट कर देंगे और उसमें नाम डलवा देंगे। सुनवाई न होने से नाराज मां-बेटी शुक्रवार को लखनऊ पहुंचकर मुख्यमंत्री से अपनी गुहार लगाना चाह रही थीं।


बताया जा रहा है कि मां-बेटी पिछले एक महीने से चक्कर लगा रही थीं. इस दौरान मंत्री से मुलाकात हुई। लेकिन दोनों ने शुक्रवार को लोक भवन के बाहर खुद को आग लगा लिया। इस घटना में मां 80 फीसदी जल गयी है, उसकी हालत गंभीर है। दोनों को अस्पताल में एडमिट करवाया गया है, जहां दोनों महिलाओं का इलाज चल रहा है। वहीं पुलिस पूरे मामले की जांच की जा रही है। ये घटना अत्यंत कड़ी सुरक्षा वाली जगह पर हुई, जहां विधान भवन और लोकभवन हैं। लोक भवन में ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का कार्यालय है।


इस पूरी घटना पर पूर्व मुख्यमंत्री और सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने भी राज्य की योगी सरकार को घेरा है। अखिलेश ने ट्वीट किया, ‘लखनऊ में लोकभवन के सामने दो महिलाओं द्वारा दबंगों के खिलाफ़ कोई कार्रवाई न होने से हताश होकर आत्मदाह करने की दुःखद ख़बर आयी है। सपा ने लोकभवन इसलिए बनवाया था कि वहां बिना भेदभाव आम जनता अपनी शिकायतों के निवारण के लिए जा सके, लेकिन इस भाजपा सरकार में गरीबों की कोई सुनवाई नहीं।


सांसों की दुर्गंध दूर करने का तरीका

मनोज सिंह ठाकुर


चेहरे की सुंदरता काफी हद तक हमारी स्माइल पर निर्भर करती है और हमारी स्माइल को सुंदर बनाते हैं हमारे दांत। अगर आपके दांत पीले या भद्दे होते हैं तो चेहरा कितना ही खूबसूरत क्यों ना हो आपका आकर्षण कम हो ही जाता है। साथ ही सांसों की दुर्गंध से मन खराब होता है। यहां जानें, दांतों का पीलापन और सांसों की दुर्गंध दूर करने के आसान और घरेलू तरीके…
काले कोयले से सफेद दांत
कोयले से मंजन करना, जानकर आपको थोड़ा अजीब जरूर लगेगा कि आखिर काला कोयला दांत कैसे चमका सकता है? लेकिन सच्चाई यही है कि यह आपके दांत मोतियों की तरह चमका सकता है। पता कीजिए पहले गांवों में कोयले के चूर्ण से ही दांत साफ किए जाते थे। आप बाजार से लकड़ी का जला हुआ कोयला ला सकते हैं और इसका चूर्ण बनाकर दांतों को चमका सकते हैं।
सरसों का तेल और नकम
नमक में सरसों का तेल मिलाकर इस मिक्चर से सुबह के वक्त और रात को सोने से पहले मंजन करें। नमक और सरसों तेला का यह मिश्रण कुछ ही दिनों के इस्तेमाल से आपके दांतों चमक बढ़ा देगा।
नींबू का रस
नींबू में साइट्रिक एसिड होता है, जो सफेद चीजों की चमक बढ़ाने का काम करता है। साथ ही नींबू से सांसों की दुर्गंध दूर होती है। आप दांतों पर नींबू का छिलका हर रोज दिन में दो बार करीब 10-10 मिनट के लिए रगड़ेंगे तो आपको फायदा जरूर होगा। इस छिलके से दांत रगड़ते वक्त इस पर सरसों तेल और नमक का मिश्रण भी लगा सकते हैं।
बेकिंग सोडा और नमक
बेकिंग सोडा और नमक बराबर मात्रा में मिलाकर इससे मंजन करने से दांतों का पीलापन दूर होता है और मुंह में पायरिया की दिक्कत नहीं होती। इसके साथ ही सांसों में ताजगी रहती है।               


कार्रवाई पर मंगलवार तक लगाई रोक

जयपुर। सचिन पायलट और उनके खेमे के विधायकों को राहत देते हुए, राजस्थान हाईकोर्ट ने मंगलवार तक विधानसभा स्पीकर द्वारा इन विधायकों की अयोग्यता के मामले पर किसी भी तरह की कार्रवाई करने पर रोक लगा दी है। संशोधित याचिका पर सुनवाई कर रही दो जजों की पीठ ने कहा कि सुनवाई सेामवार को भी जारी रहेगी।


एक विधायक की तरफ से पेश वकील अनुज भंडारी ने कहा, “सुनवाई सोमवार को भी जारी रहेगी और इसके सोमवार को ही समाप्त होने की आशा है। इसलिए कोर्ट ने मंगलवार तक पायलट खेमे के खिलाफ स्पीकर द्वारा किसी भी कार्रवाई पर रोक लगा दी है।”पायलट खेमे ने मंगलवार को स्पीकर सी.पी. जोशी द्वार उनलोगों को भेजे नोटिस की वैधता को चुनौती दी थी। स्पीकर ने उन्हें पूछा था कि क्यों न उन्हें विधानसभा की सदस्यता से अयोग्य घोषित कर दिया जाए, क्योंकि उन्होंने पार्टी व्हिप का उल्लंघन किया है।


पृथ्वी राज मीणा और 18 अन्य विधायकों द्वार दाखिल रिट याचिका में कहा गया है कि खुले तौर पर बोलने को पार्टी विरोधी गतिविधि नहीं ठहराया जा सकता है।               


छत्तीसगढ़ः नियम तोड़ने पर भारी जुर्माना

रायपुर। छत्तीसगढ़ में कोरोना के बढ़ते संक्रमण और रोकथाम के लिए, सार्वजनिक स्थानों पर थूकने पर ₹100/, मास्क नहीं पहनने पर ₹100/, दुकानों मे सोशलडिस्टैंसिंग का पालन नहीं करने पर ₹200/ और होम क्वारंटाईन का उल्लंघन करने पर ₹1000/- रुपये के जुर्माने की अधिसूचना आज जारी की गई है। बता दें कि दुकानों पर सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं करने 200 रु का चालान कटेगा, वहीं होमक्वारंटाइन का उल्लंघन करने वालों से 1000 रु वसूला जाएगा, सार्वजनिक स्थानों पर थूकने और मास्क नहीं पहनने पर 100 रु का जुर्माना लगेगा।


671 लोगों की मौत, 34,884 नए संक्रमित

अकांशु उपाध्याय


 नई दिल्ली। अमेरिका के बाद सबसे ज्यादा कोरोना के मामले ब्राजील में नहीं भारत में आए हैं। देश में कोरोना संक्रमितों की संख्या 10 लाख पार पहुंच गई है। पिछले 24 घंटे में इस संक्रमण के सबसे ज्यादा 34,884 नए मामले सामने आए और 671 लोगों की मौत हुई है। जबकि ब्राजील में 33,959 नए मामले आए हैं। भारत में कुल संक्रमितों की संख्या 10,38,716 हो गई है। इनमें 358,692 एक्टिव केस हैं तो वहीं 653,751 लोग ठीक हो चुके हैं। 26,273 लोगों ने अबतक जान गंवाई है।


कोरोना संक्रमितों की संख्या के हिसाब से भारत दुनिया का तीसरा सबसे प्रभावित देश है। अमेरिका, ब्राजील के बाद कोरोना महामारी से सबसे ज्यादा प्रभावित भारत है। लेकिन अगर प्रति 10 लाख आबादी पर संक्रमित मामलों और मृत्युदर की बात करें तो अन्य देशों की तुलना में भारत की स्थिति बहुत बेहतर है। भारत से अधिक मामले अमेरिका (3,766,605), ब्राजील (2,048,697) में हैं. देश में कोरोना मामले बढ़ने की रफ्तार भी दुनिया में तीसरे नंबर पर बनी हुई है। आंकड़ों के मुताबिक, देश में इस वक्त साढ़े तीन लाख कोरोना के एक्टिव केस हैं। सबसे ज्यादा एक्टिव केस महाराष्ट्र में हैं। महाराष्ट्र में एक लाख से ज्यादा संक्रमितों का अस्पतालों में इलाज चल रहा है। इसके बाद दूसरे नंबर पर तमिलनाडु, तीसरे नंबर पर कर्नाटक, चौथे नंबर पर आंध्र प्रदेश और पांचवे नंबर पर दिल्ली है। इन पांच राज्यों में सबसे ज्यादा एक्टिव केस हैं। एक्टिव केस मामले में दुनिया में भारत का चौथा स्थान है। यानी कि भारत ऐसा चौथा देश है, जहां फिलहाल सबसे ज्यादा संक्रमितों का अस्पतालों में इलाज चल रहा है।


प्राधिकृत प्रकाशन विवरण

यूनिवर्सल एक्सप्रेस    (हिंदी-दैनिक)


 जुलाई 19, 2020, RNI.No.UPHIN/2014/57254


1. अंक-341 (साल-01)
2. रविवार, जुलाई-19, 2020
3. शक-1943, श्रावण, कृष्ण-पक्ष, तिथि- चतुर्दशी-महाशिवरात्रि, विक्रमी संवत 2077।


4. सूर्योदय प्रातः 05:29,सूर्यास्त 07:23।


5. न्‍यूनतम तापमान 23+ डी.सै.,अधिकतम-36+ डी.सै.। भारी बरसात की संभावना।


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शुक्रवार, 17 जुलाई 2020

भारत में सामुदायिक संक्रमण नहीं हैं


नई दिल्ली। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के मुताबिक भारत में अभी कोरोनावायरस कोविड-19 का सामुदायिक संक्रमण नहीं है। डब्ल्यूएचओ की ताजा जारी कोविड-19 स्थिति रिपोर्ट में 16 जुलाई तक के आंकड़े दिए गए हैं। डब्ल्यूएचओ ने अपनी इस रिपोर्ट में कहा है कि दक्षिण पूर्वी एशियाई देशों में मात्र 2 देश बांग्‍लादेश और इंडोनेशिया में कोरोना का सामुदायिक संक्रमण है। भारत, नेपाल, थाईलैंड, मालदीव, श्रीलंका और म्यांमार में सामुदायिक संक्रमण नहीं है। भूटान और पूर्वी तिमोर में कोरोना संक्रमण के बहुत कम मामले हैं। गत 16 जुलाई तक के आंकड़ों के मुताबिक भूटान में कोरोना संक्रमण के 84 मामले और पूर्वी तिमोर में 24 मामले हैं।             


उत्तराखंड में 4 दिन कंप्लीट लॉकडाउन

देहरादून। शुक्रवार को 120 नए कोरोनावायरस मामले आने के बाद राज्य में 4102 कोरोनावायरस का आंकड़ा पहुंच गया है। जिसे देख आखिरकार सरकार ने शनिवार और रविवार को 4 जिलों में लॉकडाउन किए जाने का निर्णय लिया है। लगातार राज्य में बढ़ रहे कोरोनावायरस के संक्रमण को देखते हुए सरकार ने यह फैसला लिया है।


मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने शुक्रवार के दोपहर में ही लॉकडाउन की बात कही थी और देर शाम इसकी गाइडलाइंस भी जारी हो गई है देखिए क्या रहेगी गाइडलाइंस। शासन ने रविवार और शनिवार को की जाने वाली तालाबंदी को लेकर आज नए आदेश जारी किए हैं। जिसके तहत शनिवार और रविवार को देहरादून, हरिद्वार, उधमसिंह नगर, नैनीताल कंप्लीट लॉकडाउन रहेगा इसमें आवश्यक सेवाएं शामिल नहीं होगी जैसे औद्योगिक क्षेत्रों में काम किया जाता रहेगा कृषि व निर्माण कार्य भी चलते रहेंगे लिकर शॉप होटल मूवमेंट ऑफ पर्सन और गाड़ी जो इन कार्य से जुड़ी होगी उन को मंजूरी दी जाएगी। उत्तराखंड में यात्रा करने से पहले बाहरी राज्यों के लोगों को पोर्टल पर पंजीकरण करना होगा। अगर किसी ने कोरोना जांच 72 घंटे पहले कराई है और वो नेगेटिव है तो बिना क्वारंटाइन रूल के एंट्री मिलेगी। अपनी मेडिकल रिपोर्ट को स्मार्ट देहरादून पोर्टल पर अपलोड करना होगा जो कि सीमा पर चैक होगी।                         


अमरनाथ-यात्रा पर चरमपंथियों का साया

नई दिल्ली। भारतीय सेना के खुफिया सूत्रों को जानकारी मिली है कि चरमपंथी अमरनाथ यात्रा के दौरान श्रदालुओं को निशाना बना सकते हैं। इसकी जानकारी देते हुए सेक्टर कमांडर 9 आरआर ब्रिगेडियर वीएस ठाकुर ने मीडिया को बताया कि चरमपंथी नेशनल हाइवे-44 पर हमले की योजना बना रहे हैं। उन्होंने कहा कि ये पूरा इलाका बेहद संवेदनशील है और भारतीय सेना अमरनाथ यात्रा को शांतिपूर्वक कराने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। अमरनाथ यात्रा 21 जुलाई से शुरू होने वाली है। इससे पहले सेना को अपने खुफ़िया सूत्रों से जानकारी मिली है कि दक्षिण कश्मीर में इस वक्त 100 से ज़्यादा चरमपंथी मौजूद हैं जिसमें 25 से 30 विदेशी भी हैं। इस साल हर दिन महज 500 लोगों को अमरनाथ यात्रा जाने की इजाजत मिली है। यात्रा पर जाने वाले श्रदालुओं का यात्रा से पहले स्क्रीनिंग होगी, टेस्ट लिए जाएंगे।               


18 पॉजिटिव केस से विभाग में हड़कंप

भानु प्रताप उपाध्याय


शामली। जनपद में कोरोना का कहर ज़ारी है। अब ग्रामीण क्षेत्रो में भी निकल रहें है। कोरोना पॉजिटिव एक साथ अट्ठारह कोरोना पॉजिटिव केस सामने आने से मचा स्वास्थ्य विभाग में हड़कम, कोरोना पॉजिटिव मरीज़ो को लेने के लिये स्वास्थ्य विभाग की टीमें रवाना ज़िले में अब एक्टिव कोरोना पॉजिटिव मरीज़ो की संख्या हुई 59 ज़िला अधिकारी ने की पुष्टि।                 


आज की चिंता 'संपादकीय'

आज की चिंता    'संपादकीय'
 देश का प्रत्येक नागरिक अपने भविष्य को लेकर विचार-विमर्श के साथ-साथ परवाह भी करता है। अपने परिवार, राष्ट्र के प्रति यह प्रत्येक नागरिक का दायित्व भी है। इसके विपरीत देश के प्रधानमंत्री का देश के प्रति भी इसी प्रकार दायित्व बनता है। लेकिन परवाह उन्हीं लोगों की हो रही है जो देश की जनता को लूट-खसोट रहे हैं और भ्रष्टाचार में डूबे हुए हैं। देश की परवाह विपक्ष के लोग भी करते हैं। भले ही वे जलन से करते हो। जो दल और विचार तो नहीं मानते हैं केवल वर्ग-समुदाय के सीमित दायरे में रहते हैं। वे लोग भी खूब परवाह करते हैं। आखिरकार सभी लोग परवाह करते हैं। ऐसा नहीं है कि देश के प्रधानमंत्री ने देश की जनता की परवाह नहीं की है। उन्होंने एक उन्नत नीति के आधार पर महत्वपूर्ण योजना पर कार्य किया है। जिसे उन्होंने 'मेक इन इंडिया' का नाम भी दिया है। 'मेक इन इंडिया' के तहत अभी तक भारत की जनता को केवल समझाया जा रहा है। प्रशिक्षण दिया जा रहा है। भारत विकास कौशल और स्किल इंडिया जैसे कई अभियान चलाकर व्यापक स्तर पर प्रचार-प्रसार किया जा रहा है। हालांकि आर्थिक स्थिति पर बात करने की कोई जरूरत नहीं है। कोई भी काम किया जाए, पैसा तो खर्च होता ही है। प्रचार-प्रसार नहीं होगा जागृति कैसे आएगी? आप जानते हैं, जनता इतनी ढीठ होती है। 10-15 साल 'पकोड़े तलने' के काम को सीखने में लगा देती है। 'मेक इन इंडिया' को धरातल पर लाने के लिए लापरवाही बरती जा रही है। कई संगठन हाथ पर हाथ धरे हुए बैठे हैं। यदि प्रचार-प्रसार अधिक विस्तृत होगा, तो योजना का आवरण भी विस्तृत होगा। ठीक है मान लिया जाए, महामारी है, लॉक डाउन लागू किया गया है। तो उसके साथ-साथ अनाज, चावल और चना भी तो सब लोग मिल बांटकर ही खा रहे हैं। देश के युवा-वर्ग को 'मेक इन इंडिया' पर फोकस करने की सख्त आवश्यकता है। आखिरकार देश का स्वर्णिम भविष्य आप लोग ही तो हैं। अगर अभी भी दिमाग में कोई फितूर है तो उसे निकाल देना चाहिए। सरकारी नौकरी और 'मेक इन इंडिया' में बस थोड़ा सा अंतर है। भारतीय रेल के सभी पुर्जे और हिस्सों का निर्माण इंडिया में ही होगा। लेकिन रेल का निजीकरण कर दिया जाएगा। यह कम उपलब्धि नहीं है। कम से कम रेल के हिस्से और पुर्जे तो भारत में बनेंगे। जो लोग छोटा-मोटा व्यापार, काम-धंधा करते थे। उन लोगों को भी इस अभियान का हिस्सा बन जाना चाहिए और ज्यादा कुछ नहीं कम से कम 'स्पेशल चाय' बनाने की ट्रेनिंग तो ले लेनी चाहिए। कुछ एडवांस लोग ट्रेनिंग ले चुके हैं। उन्हें देश हित में प्रशिक्षण संस्थानों की स्थापना करनी चाहिए। जो लोग इस अभियान में अधिक सहयोग नहीं कर सकते हैं। कम से कम इस अभियान की परवाह तो करें।


"अब बैठकर आंख भिढ़ाने के अलावा कोई काम नहीं है।
गुजरता वक्त बना देगा निकम्मा, यूं ही हम बदनाम नहीं है।
वफा तो अब करनी होगी, कुत्तों का ही यह काम नहीं है।
हर गले पर लटका है फंदा, बचेगा वही जिसे जुकाम नहीं है।
ऐ मेरे वतन के लोगों, पहले वाली तो यह सुबह-शाम नहीं है। जितना बेचैन है आलिम तू, उसी तरह मुझे भी आराम नहीं है।


राधेश्याम 'निर्भयपुत्र'           


पायलट ने फ्लाइट अटेंडेंट को प्रपोज किया

पायलट ने फ्लाइट अटेंडेंट को प्रपोज किया  अखिलेश पांडेय  वारसॉ। अक्सर लोग अपने प्यार का इजहार किसी खास जगह पर करने का सोचते हैं। ताकि वो पल ज...