शुक्रवार, 10 जुलाई 2020

एशिया के बड़े सोलर प्लांट का उद्घाटन

रीवा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को मध्यप्रदेश के रीवा स्थित एशिया के सबसे बड़े सौर प्लांट का उद्घाटन किया। प्रधानमंत्री ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए इसकी शुरुआत की। राज्य में दोबारा शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में बनी भाजपा सरकार में प्रधानमंत्री मोदी पहली बार किसी बड़ी योजना की शुरुआत कर रहे हैं। मध्यप्रदेश के रीवा में 750 मेगावाट की सौर ऊर्जा परियोजना शुरू की जा रही है। इसके बारे में प्रधानमंत्री मोदी ने खुद जानकारी दी थी। उन्होंने ट्वीट कर कहा था, '10 जुलाई को सुबह 11 बजे वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से मध्यप्रदेश के रीवा में बने 750 मेगावाट की सौर परियोजना का उद्घाटन करूंगा। यह सौर परियोजना 2022 तक नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता बढ़ाने की हमारी प्रतिबद्धता को गति प्रदान करती है।' रीवा की इस परियोजना में 250-250 मेगावाट की तीन सौर उत्पादन इकाइयां शामिल हैं। इससे लगभग 15 लाख टन कार्बन डाइऑक्साइड के बराबर कार्बन उत्सर्जन की संभावना है।            

 

26506 संक्रमित, आंकड़ा 8 लाख पार

नई दिल्ली। देश में तेजी से फैल रहा कोरोना अब भयावह आंकड़ों की ओर बढ़ चला है, देश में इस समय कोरोना संक्रमितों की संख्या लगभग आठ लाख के करीब पहुंच चुकी है, यही नहीं बीते 24 घंटों में सबसे बड़ी रिकॉर्ड बढ़ोतरी दर्ज की गई है, पिछले 24 घंटों में 26506 नए मरीज मिले हैं, यदि स्थिति यही रही, तो भारत संक्रमितों के मामले में नंबर-1 पर पहुंच जाएगा, इसलिए केंद्र और राज्य सरकारों को अभी सख्त लॉकडाउन लागू करने की जरूरत है, वरना आगे स्थिति भयावह हो सकती है | केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक पिछले 24 घंटे में 26 हजार 506 नए मामले सामने आए हैं, जबकि 475 लोगों की मौत हुई है, यह अब तक एक दिन में सबसे अधिक आंकड़ा है, इसके बाद देशभर में कोरोना पॉजिटिव मामलों की कुल संख्या 7 लाख 93 हजार 802 हो गई है, जिनमें से 2 लाख 76 हजार 685 सक्रिय मामले हैं, इस महामारी से 4 लाख 95 हजार 513 लोग ठीक हो चुके हैं. देश में अब तक 21 हजार 604 लोगों की मौत हो चुकी है |                


'अमरनाथ यात्रा' पर रोक के लिए याचिका


  • अमरनाथ यात्रा शुरू होने से कोरोना वायरस फैलने का खतरा

  • श्रद्धालुओं के लिए लाइव दर्शन के इंतजाम करने की मांग

  • अमरनाथ बर्फानी लंगर संगठन ने SC में लगाई है याचिका


नई दिल्ली। कोरोना संकटकाल में इस साल होने वाली अमरनाथ यात्रा पर रोक लगाने की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई है। याचिका अमरनाथ बर्फानी लंगर संगठन ने दायर की है, जिसमें कहा गया है कि अमरनाथ यात्रा में सालाना 10 लाख से ज्यादा भक्त आते हैं। इतनी संख्या में लोगों के आने से कोरोना फैलने का खतरा बना रहेगा।


याचिका में मांग की गई कि अमरनाथ यात्रा पर रोक लगाने के साथ ही सरकार इंटरनेट और टीवी चैनलों के जरिए अमरनाथ गुफा में बाबा बर्फानी के लाइव दर्शन का इंतजाम कराए, ताकि कोरोना काल में भी करोड़ों भक्त बाबा बर्फानी के दर्शन कर सकें।


अमरनाथ बर्फानी लंगर संगठन ने याचिका में कहा कि अमरनाथ यात्रा पर रोक लगाना श्रद्धालुओं के हित में भी है। याचिका में सलाह दी गई कि मौजूदा हालात को देखते हुए श्रद्धालुओं और प्रशासन दोनों के लिए अमरनाथ यात्रा शुरू करना सही नहीं है।


अमरनाथ यात्रा के दौरान पुलिस, सुरक्षा बल, श्रमिकों, घोड़े वालों, सामान ढोने वालों और दुकानदारों का एक जगह इकट्ठा होना कोरोना वायरस के खतरे के मद्देनजर सही नहीं होगा। इसीलिए अमरनाथ यात्रा इस बार आयोजित ही नहीं होनी चाहिए।


आपको बता दें कि अमरनाथ यात्रा शुरू करने को लेकर जोरशोर से तैयारियां चल रही हैं। इसके मद्देनजर सुरक्षा के पूरे इंतजाम किए जा रहे हैं। इस बार सिर्फ बालटाल रूट से अमरनाथ यात्रा कराने की योजना बनाई जा रही है। हेलीकॉप्टर से यात्रा पर भी विचार किया जा रहा है, लेकिन अब तक इस पर कोई फैसला नहीं हुआ है।


इनके साथ क्या रवैया अपनाएगी सरकार

अनिल मिश्रा


लखनऊ। राजनीति और अपराध जगत का आत्मीय संबंध भी सुर्खियों में आ जाता है। उत्तर प्रदेश की सियासी जमीन पर कई ऐसे नेता उपजे हैं। जिन्होंने इस सूबे की राजनीति को प्रभावित किया है। ऐसे ही यूपी का पूर्वांचल ऐसे ही प्रभावी नेताओं का गढ़ माना जाता है । अपराधियों को नेताओं का समर्थन हो या नेताओं की अपराधियों को कानून के शिकंजे से बचाने की कोशिश, आखिर दलों पर अपराधियों का ये कैसा असर है। छह दशक के भारतीय लोकतंत्र में अपराधी इतने महत्वपूर्ण हो गए हैं कि कोई भी राजनीतिक दल उन्हें नज़रअंदाज़ नहीं कर पा रहा। पार्टियां उन्हें नहीं चुनती बल्कि वे चुनते हैं कि उन्हें किस पार्टी से लड़ना है। उनके इसी बल को देखकर उन्हें बाहुबली का नाम मिला है


अतीक अहमद देश की सियासत में कई ऐसे नेता हैं जिन्होंने जुर्म की दुनिया से निकलकर राजनीति की गलियों में कदम रखा और वे राजनीति में आकर भी अपनी माफिया वाली छवि से बाहर नहीं निकल पाए। उनके कारनामों ने हमेशा उन लोगों को सुर्खियों में बनाए रखा। यूपी की सियासत का एक ऐसा ही नाम है अतीक अहमद। इलाहाबाद के रहने वाले अतीक अहमद को एक खतरनाक बाहुबली नेता के तौर पर जाने जाते हैं। अतीक अहमद फूलपुर से सांसद रह चुके हैं। इस लोकसभा सीट से कभी देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू सांसद चुने गए थे। अतीक के 2014 के चुनाव में अपने हलफनामे के अनुसार उनके खिलाफ 42 मामले लंबित हैं। जिसमें हत्या की कोशिश, 6 अपहरण, 4 हत्या का आरोप हैं। इसमें सबसे सनसनीखेज मामला बसपा विधायक राजू पाल का है।


राजनीति में पहला कदम अपराध की दुनिया में नाम कमा चुके अतीक अहमद को समझ आ चुका था कि सत्ता की ताकत कितनी अहम होती है। इसके बाद अतीक ने राजनीति का रुख कर लिया। वर्ष 1989 में पहली बार इलाहाबाद (पश्चिमी) विधानसभा सीट से विधायक बने अतीक अहमद ने 1991 और 1993 का चुनाव निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में लड़ा और विधायक भी बने। 1996 में इसी सीट पर अतीक को समाजवादी पार्टी ने टिकट दिया और वह फिर से विधायक चुने गए।


बसपा विधायक राजू पाल की हत्या का आरोप 2004 के आम चुनाव में फूलपुर से सपा के टिकट पर अतीक अहमद सांसद बन गए थे। इसके बाद इलाहाबाद पश्चिम विधानसभा सीट खाली हो गई थी। इस सीट पर उपचुनाव हुआ। सपा ने अतीक के छोटे भाई अशरफ को टिकट दिया था। मगर बसपा ने उसके सामने राजू पाल को खड़ा किया और राजू ने अशरफ को हरा दिया। उपचुनाव में जीत दर्ज कर पहली बार विधायक बने राजू पाल की कुछ महीने बाद 25 जनवरी, 2005 को दिनदहाड़े गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इस हत्याकांड में सीधे तौर पर सांसद अतीक अहमद और उनके भाई अशरफ को आरोपी बनाया गया था।


मुख्तार अंसारी पूर्वांचल से यू तो कई नेता आए लेकिन एक ऐसा भी नेता इस क्षेत्र से आया जो अपराध की दुनिया से राजनीति में आकर पूर्वांचल का रॉबिनहुड बन गया। उस बाहुबली नेता का नाम है मुख्तार अंसारी। प्रदेश के माफिया नेताओं में मुख्तार अंसारी का नाम पहले पायदान पर माना जाता है। मुख्तार अंसारी भी पूर्वांचल में बाहुबली नेता के तौर पर जाने जाते हैं। मऊ विधानसभा क्षेत्र में एक रिकॉर्ड चार बार से विधानसभा के एक सदस्य के रूप में निर्वाचित हो रहे हैं। उनके ऊपर बीजेपी के बाहुबली नेता कृष्णानंद राय की हत्या करवाने का आरोप है। हालांकि इस मामले में दोष सिद्ध नहीं हो सका है। कभी माफिया बृजेश सिंह और मुख्तार अंसारी के बीच शुरू हुई दुश्मनी से पूर्वांचल की धरती लाल हो गई थी। हालांकि दोनों गुटों के बीच हुए एक मुठभेड़ में बृजेश सिंह की मौत की खबर आई। लेकिन कई सालों के बाद बृजेश सिंह को नाटकीय अंदाज में जिंदा पकड़ लिया गया। अंसारी का कब्जा अब ठेकेदारी, खनन, स्क्रैप, शराब, रेलवे ठेकेदारी में है। जिसके दम उसने बहुत बड़ा व्यवसाय खड़ा कर लिया है। अब वह पूरी तरह राजनीति में सक्रिय है। 2014 के लोकसभा चुनाव में उसकी हर चाल ने प्रधानमंत्री पद के दावेदार नरेंद्र मोदी और और पूरी टीम को परेशान करके रख दिया था।


अपराध की दुनिया में कदम1988 में पहली बार हत्या के एक मामले में उनका नाम आया था। हालांकि उनके खिलाफ कोई पुख्ता सबूत पुलिस नहीं जुटा पाई थी। लेकिन इस बात को लेकर वह चर्चाओं में आ गए थे। 1990 का दशक मुख्तार अंसारी के लिए बड़ा अहम था। छात्र राजनीति के बाद जमीनी कारोबार और ठेकों की वजह से वह अपराध की दुनिया में कदम रख चुके थे। पूर्वांचल के मऊ, गाजीपुर, वाराणसी और जौनपुर में उनके नाम का सिक्का चलने लगा था।


राजनीति में पहला कदम और गैंगवार1995 में मुख्तार अंसारी ने राजनीति की मुख्यधारा में कदम रखा। 1996 में मुख्तार अंसारी पहली बार विधान सभा के लिए चुने गए। उसके बाद से ही उन्होंने ब्रजेश सिंह की सत्ता को हिलाना शुरू कर दिया। 2002 आते आते इन दोनों के गैंग ही पूर्वांचल के सबसे बड़े गिरोह बन गए। इसी दौरान एक दिन ब्रजेश सिंह ने मुख्तार अंसारी के काफिले पर हमला कराया। दोनों तरफ से गोलीबारी हुई इस हमले में मुख्तार के तीन लोग मारे गए। ब्रजेश सिंह इस हमले में घायल हो गया था. उसके मारे जाने की अफवाह थी। इसके बाद बाहुबली मुख्तार अंसारी पूर्वांचल में अकेले गैंग लीडर बनकर उभरे. मुख्तार चौथी बार विधायक हैं।


उत्तरप्रदेश की योगी सरकार क्या अब इन अपराधियो के साथ भी विकास दुबे जैसा व्यवहार करेगी।क्या इन बड़े माफियाओं की संपत्ति को भी जप्त या नष्ट करने का कार्य होगा।आम जनता को योगी सरकार से काफी अपेक्षा है।अपराध जगत से संलिप्त माफियाओं का सफाया होना ही चाहिए।ये अपराधी राजनीति में आकर अपने आपको सुरक्षित करना चाहते है।ऐसे अपराधियो का राजनीति में आना पूरी तरह से बंद होना चाहिए। इस विषय पर देश के सभी राजनितिक दलो को मनन करना चाहिए।जब तक अतीक अहमद और अंसारी जैसे अपराधियो को राजनीति में आना बंद नही होगा तब तक हम स्वस्थ समाज के साथ स्वस्थ राजनीती की अपेक्षा नही रख सकते है। अब इनके जैसे सभी अपराधियो के साथ विकास दुबे जैसा ही रवैया अपनाने का समय है।तब ही ये गंदगी दूर होगी।           


कार नहीं पलटती तो सरकार पलट जाती

अकाशुं उपाध्याय


कानपुर। विकास दुबे के एनकाउंटर के यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने ट्वीट कर पुलिस और सरकार की कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान लगाया है। उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश ने अपने ट्वीट में उस वाहन के दुर्घटनाग्रस्त होने पर सवाल उठाए हैं, जिसमें विकास दुबे को उज्जैन से कानपुर लाया गया था।


पूर्व मुख्यमंत्री  अखिलेश यादव ने अपने एक ट्वीट में लिखा, दरअसल ये कार नहीं पलटी है, राज़ खुलने से सरकार पलटने से बचाई गई है। अखिलेश यादव समेत तमाम राजनेताओं ने पहले ही इस बात का शक जताया था कि विकास दुबे के पीछे यूपी सरकार के तमाम रसूखदार लोगों का संरक्षण प्राप्त था।


पूर्व मुख्यमंत्री  अखिलेश यादव ने अपने ट्वीट में भी इसी तरह की बात का संकेत दिया है। अखिलेश ने ट्वीट में कहा है कि कार पलटने और विकास दुबे के मरने से सरकार के कई राज खुलने से बच गए हैं। आपको जानकारी के लिए बता दें कि उत्तर प्रदेश पुलिस के आठ जवानों की बर्बर हत्‍या का मुख्‍य आरोपी विकास दुबे फिल्‍मी अंदाज में मारा गया है। यूपी एसटीएफ की गाड़ी विकास को लेकर कानपुर आ रही थी। स्‍पीड तेज थी। पुलिस के मुताबिक, बर्रा के पास अचानक रास्‍ते में गाड़ी पलट गई। इस हादसे में विकास दुबे और एक सिपाही को भी चोटें आईं। इसके बावजूद विकास की नजरें पुलिस के चंगुल से बचकर भागने पर थी।


पुलिस का कहना है कि उसने मौका पाकर एसटीएफ के एक अधिकारी की पिस्टल छीनकर भागने की कोशिश की। इसी के बाद मुठभेड़ शुरू हो गई। एसटीएफ ने विकास से हथियार रखकर सरेंडर करने को कहा। वह इसके बावजूद नहीं माना तो पुलिस को मजबूरन एनकाउंटर करना पड़ा।            


पाक एयरलाइंस उड़ानों पर लगी रोक

नीरज जिंदल


सिडनी। अमेरिका ने पाकिस्तान को एक बड़ा झटका देते हुए पाकिस्तान की सबसे बड़ी एयरलाइन पीआईए की उड़ानों को प्रतिबंधित कर दिया है। अमेरिका के डिपार्टमेंट ऑफ ट्रांसपोर्टेशन ने कहा है कि हमने पाकिस्तानी इंटरनेशनल एयरलाइंस को परमिशन ​देने से जुड़ा फैसला बदल दिया है। इसके तहत पाकिस्तानी इंटरनेशनल एयरलाइंस अमेरिका में चार्टर फ्लाइट्स चला सकती थीं लेकिन अब इन्हें प्रतिबंधित कर दिया गया है। अमेरिका ने इसके पीछे पाकिस्तानी पायलटों के सर्टिफिकेशंस को लेकर फेडरल एविएशन एडमिनिस्ट्रेशन की चिंताओं का हवाला दिया है।
बता दें कि पाकिस्तान अपने कई पायलटों पर रोक लगा चुका है। पिछले महीने पाकिस्तान ने अपने तीसरे पायलट को फर्जी लाइसेंस के चलते हटा दिया था। वहीं अब यूरोपियन यूनियन एविएशन सेफ्टी एजेंसी ने पीआईए के ऑथराइजेशन को सस्पेंड कर दिया है यह रोक 6 महीने के लिए लगाई गई है।  पीआईए ने कहा कि एयरलाइंस को लेकर जिन जरूरी सुधारों की जरूरत है, उस पर वो काम करेगा। पाकिस्तान ने ऐसे पायलट जिनके लाइसेंस और क्वालिफिकेशंस को लेकर गलत जानकारियां दी गईं थीं, इनकी जांच एक विमान हादसे के बाद शुरू की थी। इसी साल मई में एक पीआईए जेट क्रैश हो गया थी फ्लाइट में सवार 97 यात्रियों की मौत हो गई थी।            


एनकाउंटर के साथ दफन हुए कई राज

नीरज जिंदल


कानपुर। गैंगस्टर विकास दुबे की गिरफ्तारी के 24 घंटों के अंदर ही उसका एनकाउंटर हो गया। उज्जैन से खुद की गिरफ्तारी करवाने वाले विकास दुबे ने आज यूपी वापसी के दौरान भागने की कोशिश की। इस दौरान पुलिस ने उसे मुठभेड़ में मार गिराया। हालाँकि 7 दिनों से उसकी तलाश में लगी यूपी पुलिस ने कई बड़े खुलासे किये थे। कई पुलिसकर्मियों के साथ उसके सम्पर्क थे, वहीं नेताओं से भी उसका सम्बन्ध था। उम्मीद की जा रही थी कि विकास की गिरफ्तारी के बाद कई चेहरों से पर्दे हटेंगे लेकिन विकास की मौत के साथ ही ये राज बनकर दफ़न हो गए।  उज्जैन से महाकाल से विकास दुबे की गिरफ्तारी के बाद माना जा रहा था कि अब कई बड़े नामों का खुलासा हो सकता है। दरअसल, विकास को पहले से एनकाउंटर की जानकारी थी, वहीं इसके पहले भी उसने एक मंत्री की हत्या कर दी थीं। इन सब के बावजूद वह आजाद था। ऐसे में विकास के संबंध कई राजनेताओं और पुलिस के लोगों से होने की बात सामने आ रही थी लेकिन मुठभेड़ में मारे जाने के बाद अब ऐसा कोई खुलासा नहीं हो सकेगा।
कुख्यात गैंगेस्टर विकास दुबे का आपराधिक साम्राज्य बिना राजनीतिक संरक्षण के चलना मुश्किल था। उसपर प्रदेश के बड़े राजनीतिक दलों का हाथ रहा। विकास 15 साल बसपा, 5 साल बीजेपी और 5 साल सपा के साथ रहा था। वहीं पंचायत चुनाव में बसपा के समर्थन में रहा, जबकी उसकी पत्नी को सपा की आजीवन सदस्य्ता मिली थी। राजनीतिक दलों के संरक्षण में उसने कानपुर में अपना रसूख कायम किया। कई जमीनों पर अवैध कब्जे भी किए। एक दौर ऐसा आया कि जेल में बंद होने के बाद भी हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे ने शिवराजपुर से नगर पंचायत चुनाव लड़ा और जीत हासिल की। राजनाथ सिंह की सरकार के कार्यकाल में 11 नवंबर 2001 को कानपुर के थाना शिवली के अंदर विकास दुबे ने मंत्री संतोष शुक्ला की गोली मारकर उनकी हत्या कर दी थी, हालाँकि जब कोर्ट में मामला गया तो कई पुलिसकर्मियों ने अपने बयान बदल दिए और वह बरी हो गया। कानपुर काण्ड के बाद जब वह फरार हुआ तो उसकी तलाश में लगी पुलिस ने कई बड़े खुलासे किये। उसके कॉल डिटेल निकलवाई तो पता चला कि 24 पुलिसकर्मियों के साथ विकास का सम्पर्क था। एनकाउंटर की रात भी विकास को पता था कि पुलिस रेड देने वाली है। वहीं उसके गाँव की बिजली भी थाने से कटवाई गयी। मामले में चौबेपुर थाने के दारोगा और कुछ सिपाही सस्पेंड हुए और पूरा थाना लाइन हाजिर हुआ। पूर्व एसएसपी अनंत देव भी जांच के दायरे में आ गए लेकिन विकास की मौत के बाद उसके वर्दी वाले साथी संगियों के नाम से पर्दा नहीं हट सका।           


गले की खराश, आजमाएं घरेलू नुस्खे

गले में ख़राश चिड़चिड़ापन पैदा करती है। हालांकि, ये कोरोना वायरस के शुरुआती कुछ लक्षणों में से भी है। गले में ख़राश के साथ सूखी खांसी का मतलब है वायरल संक्रमण, जिसका समय रहते इलाज न किया जाए तो कोफी बढ़ सकता है।
घरेलू उपाय आज़माएं :-
कोरोना वायरस में फौरन इलाज की ज़रूरत होती है, हालांकि, कुछ ऐसे घरेलू उपाय हैं, जो आपको गले की ख़राश से राहत दे सकते हैं। हम आज आपको बता रहे हैं ऐसे 5 उपाय जो आपकी ऐसे समय में मदद कर सकते हैं।
अदरक और शहद :-
अदरक और शहद का मिश्रण बिल्कुल काढ़े की तरह करता है और कीटाणु और फैलते संक्रमण से लड़ता है। अदरक, गले की खराश को कम करता है, तो शहद में मौजूद एंटी-इंफ्लामेट्री गुण इम्यूनिटी को मज़बूत करते के साथ गले में राहत पहुंचाता है। अदरक और शहद का मिश्रण बलग़म को ख़त्म करता है, साथ ही गले में ख़राश पैदा कर रही तकलीफ को दूर करता है।
इसके लिए आपको चाहिए :-
अदरक ( कद्दूकस किया हुआ)
कच्चा शहद
ज़ैतून का तेल
आटा
टिशू/रुमाल
गॉज़
टेप
शहद और आटे मिला लें, फिर इसमें कद्दूकस किया हुआ अदरक और ज़ैतून के तेल की 2-3 बूंदें मिला लें। जब ये तैयार हो जाए, तो एक रुमाल या टिशू में इसे रखें। फिर गॉज़ और टेप की मदद से इसे सीने पर लपेट लें। इसे सोने से पहले लगाएं।
नमक के पानी से ग़रारे :-
नमक के पानी से ग़रारे से बेहतर उपाय और कुछ नहीं है। ऐसा करने से न सिर्फ गले की ख़राश से राहत मिलती है, बल्कि रोगाणु और वायरस भी खत्म होते हैं। इसे रोज़ाना कम से कम 3-4 दिनों तक करना चाहिए, उसके बाद ही आपको इसका असर देखने को मिलेगा। हालांकि, ये अभी तक सिद्ध नहीं हो पाया है कि नमक का पानी कीटाणु या फिर कोरोना वायरस को ख़त्म कर सकता है। नमक का पानी गले में आई सूजन और ख़राश को कम कर सकता है। इसके लिए गुनगुने पानी में आधा बड़ा चम्मच नमक मिलाएं और ग़रारे करें। ध्यान रहे कि आप इसे निगले नहीं, बल्कि थूक दें। इसे दिन में 2-3 बार करें। याद रहे, कि गर्म पानी या नमक का पानी कोरोना वायरस को ख़त्म करने का तरीका नहीं है।
मुलैठी खाएं :-
मुलैठी एक आयुर्वेदिक जड़ीबूटी है, जिसे कई बार चाय में भी डाला जाता है। इसके अलावा कई लोग गले की ख़राश के लिए भी इसे खाते हैं। गले में ख़राश के वक्त खुजली से भी राहत दिलाती है मुलैठी। मुलैठी में ज़रूरी एंटी-वायरल गुण होते हैं, जो बीमारी फैलाने वाले वायरस को ख़त्म करती है।
सेब का सिरका भी है मददगार :-
एप्पल साइडर वेनेगर यानी सेब के सिरके में एंटी-इंफ्लामेट्री गुण होते हैं। यह गले में ख़राश से राहत देने में विशेष रूप से सहायक है क्योंकि इसमें मौजूद एसिड खराब बैक्टीरिया को फैलाने वाले संक्रमण को ख़त्म करने में मदद करती है, जिससे गले में सूजन होती है। ख़राश से राहत पाने के लिए, गुनगुने पानी में एक बड़ा चम्मच सेब का सिरका मिला लें और इसे पी लें। स्वाद के लिए आप इसमें शहद भी मिला सकते हैं।
नारियल तेल :-
गले की ख़राश को दूर करने का ये एक पारंपरिक तरीका है। नारियल तेल को मुंह में करीब 20 मिनट तक रखने के बाद थूक देने से कीटाणु ख़त्म होते हैं। ये साथ ही नासिका मार्ग को भी साफ करता है। नारियल तेल गले को राहत पहुंचाता है और इसके साइड-इफेक्ट भी नहीं होते।
इल लेख में दिए गए उपाय गले में ख़राश को दूर करने के लिए बताए गए हैं। हालांकि, ये उपाय कोरोना वायरस को ख़त्म नहीं कर सकते, लेकिन उसके लक्षणों में राहत ज़रूर दे सकते हैं। अगर आपको कोविड-19 के लक्षण महसूस होते हैं, तो फौरन डॉक्टर से संपर्क करें।                     


बोलिविया की राष्ट्रपति कोरोना संक्रमित

लापाज। बोलिविया की राष्ट्रपति जिनिन नॉवेल कोरोना वायरस से संक्रमित हैं। उन्होंने यह जानकारी स्वयं गुरुवार को दी। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि वो ठीक थीं और आइसोलेशन में काम कर रहीं हैं। उन्होंने कहा, ‘एक साथ मिलकर हम इससे निकल जाएंगे।’बोलिवियाई सरकार ने इस बात की पुष्टि की है कि स्वास्थ्य मंत्री समेत करीब 7 मंत्री संक्रमित हैं और घर में ही रहकर इलाज करवा रहे हैं। उन्होंने बताया कि उनकी टीम में कई लोग बीमार थे इसलिए उन्होंने अपना टेस्ट कराया। उन्होंने कहा, ‘मैं ठीक हूं, आइसोलेशन में रहकर मैं अपना काम जारी रहूंगी। मैं बोलिविया के सभी नागरिकों को धन्यवाद कहना चाहती हूं जो इस स्वास्थ्य संकट में हमारी मदद कर रहे हैं।’ बोलिविया में 6 सितंबर को आम चुनाव होगा। पहले यह मई में आयोजित होना था लेकिन महामारी के कारण इसे टाल दिया गया था।                


रूस और चीन में वैक्सीन ट्रायल शुरू

नई दिल्ली। कोरोना वायरस वैक्‍सीन पर आज दो बड़े अपडेट हैं। रूस की डिफेंस मिनिस्‍ट्री ने जो वैक्‍सीन बनाई है, वह ट्रायल के आखिरी दौर में पहुंच गई है। वैक्‍सीन जिन्‍हें दी गईं, उनमें कोरोना वायरस के प्रति इम्‍यूनिटी डेवलप होते देखी गई है। वहीं दूसरी तरफ, चीन की झिफेई ने अपनी कोविड वैक्‍सीन के फेज 2 ट्रायल शुरू कर दिया है। कंपनी ने तीन हफ्ते पहले ही क्लिनिकल ट्रायल शुरू किया है। कोरोना वैक्‍सीन बनाने के मामले में चीन सबसे व्‍यापक स्‍तर पर कोशिशें कर रहा है। उसकी दुनिया के 19 लीडिंग प्रोग्राम्‍स में से कम से कम 6 में सक्रिय भागीदारी है। भारत में तैयार हुई कोरोना वैक्‍सीन COVAXIN का ह्यूमन ट्रायल जल्‍द शुरू होने वाला है। उससे पहले वैक्‍सीन के बैच की टेस्टिंग CDL कसौली में चल रही है।


इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) – नैशनल इंस्‍टीट्यूट ऑफ वायरलॉजी (NIV) और भारत बायोटेक ने मिलकर COVAXIN नाम से कोरोना वैक्‍सीन बनाई है। इसके क्लिनिकल ट्रायल की मंजूरी मिलने के बाद फिलहाल वालंटियर्स का एनरोलमेंट हो रहा है। फिलहाल इस वैक्‍सीन के बैच CDL कसौली में चेक किए जा रहे हैं ताकि इंसानों को दिए जाने से पहले उनकी सेफ्टी, शुद्धता, पोटेंसी और स्‍टेबिलिटिी कन्‍फर्म की जा सके।


चीन की फार्मा कंपनी Zhifei ने वैक्‍सीन का फेज 2 ट्रायल शुरू कर दिया है। कंपनी ने पहले कहा था कि फेज 1 ट्रायल 21 जुलाई तक खत्‍म होगा। उसने फेज 1 ट्रायल के डिजाइन या रिजल्‍ट्स को लेकर कोई जानकारी नहीं दी है। Zhifei की वैक्‍सीन चीन की उन 8 वैक्‍सीन में से एक हैं जिनका इंसानों पर ट्रायल चल रहा है।


रशियन डिफेंस मिनिस्‍ट्री की वैक्‍सीन क्लिनिकल ट्रायल के फाइनल स्‍टेज में पहुंच गई है। मंत्रालय के मुताबिक, जिन्‍हें वैक्‍सीन दी गई है उनको कोई दिक्‍कत महसूस नहीं हो रही। न ही वैक्‍सीन के किसी तरह के साइड इफेक्‍ट्स देखनो को मिले हैं। वालंटियर्स पर टेस्टिंग में सामने आया कि वे कोरोना के प्रति इम्‍यूनिटी डेवलप कर रहे हैं। प्रोटोकॉल के तौर पर वालंटियर्स का रेगुलरली ऐंटीबॉडी टेस्‍ट किया जाता है।


अमेरिका की दिग्‍गज फार्मा कंपनी Moderna ने यूरोपियन कंपनी ROVI से हाथ मिलाया है। यह सौदा वैक्‍सीन के बड़े पैमाने पर प्रॉडक्‍शन और डिस्‍ट्रीब्‍यूशन के लिए किया गया है। ROVI वॉयल फिलिंग और पैकेजिंग उपलब्‍ध कराएगी। Moderna ने mRNA-1273 नाम से वैक्‍सीन बनाई है। इस वैक्‍सीन का फेज 2 ट्रायल जल्‍द शुरू होने वाला है।


वर्ल्‍ड हेल्‍थ ऑर्गनाइजेशन ने 2021 तक कोविड-19 वैक्‍सीन की 2 बिलियन डोज तैयार करने का लक्ष्‍य बनाय है। भारत दुनिया की वैक्‍सीन जरूरत का 60 फीसदी सप्‍लाई करता है। इस लिहाज से उसकी भूमिका इसमें बेहद अहम होगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी कहा है कि भारत वैक्‍सीन डेवलपमेंट और डिस्‍ट्रीब्‍यूशन में बड़ी भूमिका निभाने को तैयार है।             


विकास दुबे एनकाउंटर पर उठे सवाल

हाथ बंधे क्यों नहीं थे? विकास दुबे के एनकाउंटर को लेकर उठ रहे हैं ये 5 सवाल


सुदेश उपाध्याय


कानपुर। 8 पुलिसकर्मियों के हत्यारे गैंगस्टर विकास दुबे शुक्रवार सुबह पुलिस एनकाउंटर में मारा गया। उज्जैन से कानपुर लाए जाने के दौरान बर्रा इलाके में एसटीएफ की वह गाड़ी पलट गई जिसमें दुबे भी मौजूद था। पुलिस का कहना है कि दुर्घटना का फायदा उठाकर विकास दुबे ने एक पुलिसकर्मी से हथियार छीनकर भागने की कोशिश की और मारा गया। हालांकि, पुलिस की इस थ्योरी पर कई सवाल भी उठ रहे हैं, जिनका अभी जवाब दिया जाना बाकी है।
सवाल 1: पहला सवाल यह है कि क्या आखिर काफिले की वही गाड़ी अचानक कैसे पलटी जिसमें विकास मौजूद था। यदि इसे संयोग मान लिया जाए तो भी बड़ा सवाल यह है कि जब इतने बड़े अपराधी को पुलिस गाड़ी में ला रही थी तो उसके हाथ खुले क्यों थे? क्या उसे हथकड़ी नहीं लगाई गई थी?
सवाल 2: एक दिन पहले जिस तरह विकास दुबे की गिरफ्तारी हुई उसको लेकर भी सवाल उठ रहे हैं। बताया जा रहा है कि उसने खुद मंदिर परिसर में कुछ लोगों को अपनी पहचान बताई थी। यदि वह गिरफ्तारी के लिए तैयार नहीं था तो एक हाई सिक्यॉरिटी जोन में क्यों गया? यदि कल गिरफ्तारी के लिए तैयार था तो आज उसने भागने की कोशिश क्यों की? 
सवाल 3: गुरुवार को प्रभात और शुक्रवार को विकास दुबे, इन दोनों का जिस तरह दो दिन में एनकाउंटर हुआ और पूरे घटनाक्रम को देखें तो यह सवाल जरूर उठता है कि क्या यह संयोग है? प्रभात के एनकाउंटर के बाद पुलिस ने इसी तरह का घटनाक्रम बताया था कि पहले पुलिस की गाड़ी पंक्चर हुई फिर प्रभात पुलिसकर्मियों से पिस्टल छीनकर भागने की कोशिश करने लगा और फिर एनकाउंटर में मारा गया। आज भी सबकुछ ठीक उसी तरह से हुआ है। 
सवाल 4: दो दिन में दो बार अपराधी पुलिसकर्मियों से हथियार छीन लेते हैं। जानकार सवाल उठा रहे हैं कि क्या पुलिसकर्मियों ने अपने हथियार रखने में लापरवाही बरती जो उनके गिरफ्त में मौजूद कोई बदमाश हथियार छीन लेता है। 
सवाल 5: मीडियाकर्मियों का दावा है कि वे भी उस काफिले के साथ ही उज्जैन से आ रहे थे, लेकिन दुर्घटना स्थल से कुछ पहले मीडिया और सड़क पर चल रही निजी गाड़ियों को रोक दिया गया था। न्यूज एजेंसी एएनआई ने भी इसका फुटेज जारी किया है। आखिर क्यों मीडिया को आगे बढ़ने से कुछ देर के लिए रोक दिया गया था? यदि विकास ने भागने की कोशिश की तो उसके पैर में गोली क्यों नहीं मारी गई? इस तरह के और भी कई सवाल उठ रहे हैं, जिनका अभी पुलिस को जवाब देना होगा।             


प्राधिकृत प्रकाशन विवरण

यूनिवर्सल एक्सप्रेस    (हिंदी-दैनिक)


 जुलाई 11, 2020, RNI.No.UPHIN/2014/57254


1. अंक-333 (साल-01)
2. शनिवार, जुलाई-11, 2020
3. शक-1943, श्रावण, कृष्ण-पक्ष, तिथि- षष्टि, विक्रमी संवत 2077।


4. सूर्योदय प्रातः 05:31,सूर्यास्त 07:27।


5. न्‍यूनतम तापमान 26+ डी.सै.,अधिकतम-39+ डी.सै.। बरसात की संभावना।


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