शुक्रवार, 10 जुलाई 2020

रूस और चीन में वैक्सीन ट्रायल शुरू

नई दिल्ली। कोरोना वायरस वैक्‍सीन पर आज दो बड़े अपडेट हैं। रूस की डिफेंस मिनिस्‍ट्री ने जो वैक्‍सीन बनाई है, वह ट्रायल के आखिरी दौर में पहुंच गई है। वैक्‍सीन जिन्‍हें दी गईं, उनमें कोरोना वायरस के प्रति इम्‍यूनिटी डेवलप होते देखी गई है। वहीं दूसरी तरफ, चीन की झिफेई ने अपनी कोविड वैक्‍सीन के फेज 2 ट्रायल शुरू कर दिया है। कंपनी ने तीन हफ्ते पहले ही क्लिनिकल ट्रायल शुरू किया है। कोरोना वैक्‍सीन बनाने के मामले में चीन सबसे व्‍यापक स्‍तर पर कोशिशें कर रहा है। उसकी दुनिया के 19 लीडिंग प्रोग्राम्‍स में से कम से कम 6 में सक्रिय भागीदारी है। भारत में तैयार हुई कोरोना वैक्‍सीन COVAXIN का ह्यूमन ट्रायल जल्‍द शुरू होने वाला है। उससे पहले वैक्‍सीन के बैच की टेस्टिंग CDL कसौली में चल रही है।


इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) – नैशनल इंस्‍टीट्यूट ऑफ वायरलॉजी (NIV) और भारत बायोटेक ने मिलकर COVAXIN नाम से कोरोना वैक्‍सीन बनाई है। इसके क्लिनिकल ट्रायल की मंजूरी मिलने के बाद फिलहाल वालंटियर्स का एनरोलमेंट हो रहा है। फिलहाल इस वैक्‍सीन के बैच CDL कसौली में चेक किए जा रहे हैं ताकि इंसानों को दिए जाने से पहले उनकी सेफ्टी, शुद्धता, पोटेंसी और स्‍टेबिलिटिी कन्‍फर्म की जा सके।


चीन की फार्मा कंपनी Zhifei ने वैक्‍सीन का फेज 2 ट्रायल शुरू कर दिया है। कंपनी ने पहले कहा था कि फेज 1 ट्रायल 21 जुलाई तक खत्‍म होगा। उसने फेज 1 ट्रायल के डिजाइन या रिजल्‍ट्स को लेकर कोई जानकारी नहीं दी है। Zhifei की वैक्‍सीन चीन की उन 8 वैक्‍सीन में से एक हैं जिनका इंसानों पर ट्रायल चल रहा है।


रशियन डिफेंस मिनिस्‍ट्री की वैक्‍सीन क्लिनिकल ट्रायल के फाइनल स्‍टेज में पहुंच गई है। मंत्रालय के मुताबिक, जिन्‍हें वैक्‍सीन दी गई है उनको कोई दिक्‍कत महसूस नहीं हो रही। न ही वैक्‍सीन के किसी तरह के साइड इफेक्‍ट्स देखनो को मिले हैं। वालंटियर्स पर टेस्टिंग में सामने आया कि वे कोरोना के प्रति इम्‍यूनिटी डेवलप कर रहे हैं। प्रोटोकॉल के तौर पर वालंटियर्स का रेगुलरली ऐंटीबॉडी टेस्‍ट किया जाता है।


अमेरिका की दिग्‍गज फार्मा कंपनी Moderna ने यूरोपियन कंपनी ROVI से हाथ मिलाया है। यह सौदा वैक्‍सीन के बड़े पैमाने पर प्रॉडक्‍शन और डिस्‍ट्रीब्‍यूशन के लिए किया गया है। ROVI वॉयल फिलिंग और पैकेजिंग उपलब्‍ध कराएगी। Moderna ने mRNA-1273 नाम से वैक्‍सीन बनाई है। इस वैक्‍सीन का फेज 2 ट्रायल जल्‍द शुरू होने वाला है।


वर्ल्‍ड हेल्‍थ ऑर्गनाइजेशन ने 2021 तक कोविड-19 वैक्‍सीन की 2 बिलियन डोज तैयार करने का लक्ष्‍य बनाय है। भारत दुनिया की वैक्‍सीन जरूरत का 60 फीसदी सप्‍लाई करता है। इस लिहाज से उसकी भूमिका इसमें बेहद अहम होगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी कहा है कि भारत वैक्‍सीन डेवलपमेंट और डिस्‍ट्रीब्‍यूशन में बड़ी भूमिका निभाने को तैयार है।             


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