शुक्रवार, 12 जून 2020

छूट से देश में विकट हालात पैदा हुए

दिल्ली। देश में लॉकडाउन में छूट देने के बाद कोरोना से विकट हालात पैदा हो गए हैं। इससे देश की राजधानी दिल्ली बुरी तरह प्रभावित हुई है। अब दिल्ली की जामा मस्जिद के प्रशासन ने इसे लेकर बड़ा फैसला किया है। दिल्ली स्थित जामा मस्जिद के मैनेजमेंट ने राजधानी में कोरोना की भयावहता को लेकर फैसला लिया है कि अब वहां एक बार फिर लोग सामूहिक नमाज नहीं पढ़ पाएंगे। राजधानी में कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप के बीच जामा मस्जिद के शाही इमाम सैयद अहमद बुखारी ने बताया कि विद्वानों से सलाह और जनता की राय लेने के बाद यह फैसला लिया गया है कि अब 30 जून तक जामा मस्जिद में सामूहिक नमाज नहीं अदा की जाएगी।

 

गौरतलब है कि दिल्ली में कोरोना संक्रमण बहुत तेजी से फैल रहा है। राज्य सरकार ने इससे निपटने के लिए केंद्र सरकार से मदद भी मांगी है। इसी संकट को देखते हुए जामा मस्जिद प्रशासन ने मस्जिद में सामूहिक नमाज पर रोक लगा दी है। दिल्ली में हालत खराब होने के चलते कई धार्मिक स्थलों को अभी तक आम जनता के लिए नहीं खोला गया है। जामा मस्जिद ने भी अब एहतियातन ये कदम उठाया है।

सरकार को मजदूरी भुगतान का आदेश

नई दिल्ली। निजी नियोक्ताओं, कारखानों, उद्योगों के खिलाफ सरकार कोई कठोर कदम नहीं उठाएगी, जो लॉकडाउन के दौरान श्रमिकों को मजदूरी देने में विफल रहे। ये व्‍यवस्‍था देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि राज्य सरकार के श्रम विभाग वेतन भुगतान के संबंध में कर्मचारियों और नियोक्ताओं के बीच बातचीत करवाएं। मजदूरों को 54 दिन के लॉकडाउन की मजदूरी के भुगतान के लिए बातचीत करनी होगी। उद्योग और मज़दूर संगठन समाधान की कोशिश करें। इसके साथ ही कोर्ट ने केंद्र सरकार को 29 मार्च के अपने आदेश की वैधानिकता पर जवाब दाखिल करने के लिए 4 और सप्ताह दिए, जिसमें सरकार ने मजदूरी के अनिवार्य भुगतान का आदेश दिया गया था। अगली सुनवाई जुलाई के अंतिम सप्ताह में होगी।लॉकडाउन के दौरान निजी कंपनियों व फ़ैक्टरियों आदि के कर्मचारियों को पूरा वेतन देने के सरकारी आदेश पर पिछली में सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि इस मामले में सुप्रीम कोर्ट का आदेश आने तक कर्मचारियों को पूरा वेतन देने में असमर्थ रहे कंपनी मालिकों के खिलाफ कोई कार्रवाई न की जाए। सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट में सरकार ने कहा कि जब लॉकडाउन शुरू हुआ था तो कर्मचारियों को काम वाली जगह को छोड़कर अपने गृहराज्यों की ओर पलायन करने से रोकने के मंशा के तहत तब अधिसूचना जारी की थी। लेकिन अंततः ये मामला कर्मचारियों और कंपनी के बीच का है और सरकार इसमें दखल नहीं देगी।


इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई थी जो अपने स्टाफ़ को वेतन देने में असमर्थता जता रहे कुछ उद्योगों ने दायर की थी। सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि लॉकडाउन से जुड़े सरकार के नए नोटिफिकेशन में लॉकडाउन के दौरान कर्मचारियों को पूरा वेतन देने की शर्त को हटा दिया गया है। सरकार ने कहा कि निजी कंपनियां लॉकडाउन के दौरान अपने श्रमिकों की वेतन कटौती के लिए स्वतंत्र हैं। उद्योगों के वकीलों ने सरकार के इस कदम को नाकाफी कहा। कुछ याचिकाकर्ताओं ने पूरा वेतन न देने के आदेश का विरोध किया। याचिकाकर्ता का कहना था कि लॉकडाउन में कामकाज बिलकुल ठप पड़ा है, कोई कमाई नहीं है, जेबें ख़ालीपड़ी हैं, कारोबार चला पाना संभव नहीं है, ऐसे में स्टाफ़ की सेलरी कहांं से दें।


इसके अलावा अन्य याचिका कई उद्योगों की तरफ से दाखिल गई है, जिसमें कहा गया था कि आवश्यक सेवा से जुड़े उद्योगों को लॉकडाउन में काम करने की इजाजत दी गई, लेकिन सभी कर्मचारियों को पूरा वेतन देने के केंद्र सरकार के आदेश का फायदा उठाकर ज़्यादातर कर्मचारी काम पर नहीं आ रहे हैं। ऐसे में कोरोना के दौरान पहले से संकट का सामना कर रहे उद्योगों को उन्हें पूरा वेतन देने के लिए बाध्य नहीं किया जाना चाहिए।“


राजस्थान में जिंक खनन से जुड़े निर्माण कार्य करने वाली कंपनी ने कहा है जो मजदूर ड्यूटी कर रहे हैं और जो मज़दूर काम पर नहीं आ रहे हैं, उन्हें एक बराबर दर्जा कैसे दिया जा सकता है? ऐसा करना काम करने वाले मजदूरों के साथ भेदभाव होगा।“कंपनी की तरफ से यह दलील रखी गई कि उद्योग काम बंद हो जाने के चलते पहले ही संकट का सामना कर रहे हैं। ऐसे में जिन उद्योगों ने विशेष अनुमति के बाद काम करना शुरू कर दिया है। उन्हें सभी कर्मचारियों का वेतन देने के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता। काम पर न आने वालों के वेतन में कटौती का आदेश बांबे हाई कोर्ट ने दिया है। उसे पूरे देश में लागू करना चाहिए। कंपनी ने दलील दी कि जो कर्मचारी काम कर रहे हैं, वह पूरे वेतन के हकदार हैं। लेकिन जो काम नहीं कर रहे, कंपनी को उनको 30 फ़ीसदी वेतन देने को ही कहा जाना चाहिए। अगर सरकार चाहे तो बाकी 70 फीसदी कर्मचारी बीमा निगम या पीएम केयर्स फंड के पैसों से दे।“ ऐसे ही याचिका कुछ और उद्योगों की तरफ से भी दाखिल की गई थी ।


तीन राज्यों में वायरस ने कहर बरपाया

नई दिल्ली। कोरोना वायरस (कोविड-19) ने देश में सबसे ज्यादा कहर महाराष्ट्र, गुजरात और दिल्ली में बरपाया है तथा इन तीनों राज्यों में इस महामारी से अब तक 6060 लोगों की मौत हो चुकी है, जो देश में इस संक्रमण से हुई कुल मौतों का 71.31 प्रतिशत है।


केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से शुक्रवार को जारी आंकड़ों के अनुसार देश में पिछले 24 घंटे में कोरोना वायरस के 10956 नये मामले सामने आये हैं, जिसके बाद कुल संक्रमितों की संख्या 2,97,535 पर पहुंच गई है। देश में इस महामारी से कुल 8498 लोगों की मौत हुई है तथा 147194 लोग स्वस्थ हुए हैं। देश में इस समय कोरोना के 141842 सक्रिय मामले हैं।


जन मानसिकता बदली, डर का माहौल

नई दिल्ली। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने मोदी सरकार पर एकतरफा फैसले लेने का आरोप लगाते हुए कहा है कि लॉकडाउन भी इसी तरह का कठोर निर्णय था जिसने लोगों की मानसिकता बदली और डर का माहौल पैदा हुआ।श्री गांधी ने अमेरिकी राजनयिक एवं हावर्ड विश्वविद्यालय में अंतरराष्ट्रीय मामलों के प्रोफेसर निकाेलस बर्न्स से शुक्रवार को बातचीत में कहा कि मोदी सरकार ने जिस तरह से लॉकडाउन किया, उसके कारण लोगों की मानसिकता बदली है और काफी डर का माहौल पैदा हुआ है। यह वायरस बहुत घातक है और वायरस के साथ ही इस डर को भी धीरे-धीरे दूर किया जाना चाहिए।



उन्होंने कहा “डर का यही भाव कुछ दिनों पहले मैंने भारत के एक बड़े व्यवसायी में देखा। बातचीत में उन्होंने मुझे बताया कि उनके दोस्तों ने मुझसे बात करने के लिए उन्हें मना किया और कहा कि मुझसे बात करना उनके लिए नुकसानदेह होगा। इसका मतलब डर का माहौल तो है।आप एकतरफा फैसले लेते हैं, दुनिया में सबसे बड़ा और कठोर लॉकडाउन करते हैं। आपके पास लाखों दिहाड़ी मजदूर हैं, जो हजारों किलोमीटर पैदल घर लौटते हैं। तो यह एकतरफा नेतृत्व है,जहां आप आते हैं, कुछ करते हैं और चले जाते हैं। यह बहुत विनाशकारी है। यह हर जगह है और हम इससे लड़ रहे हैं।”


काेरोना से बचाव के लिए सावधानी को लेकर कांग्रेस नेता ने कहा “मैं किसी से हाथ तो नहीं मिला रहा लेकिन मास्क और सुरक्षा के साथ लोगों से मिलता हूं क्योंकि सार्वजनिक सभाएं संभव नहीं हैं और भारत में जन सभाएं राजनीति के लिए संजीवनी है। सोशल मीडिया और ज़ूम के जरिए काफी बातचीत हो रही है। इसके कारण राजनैतिक क्षेत्र में कुछ आदतें निश्चित ही बदलने जा रही है।”श्री गांधी ने कहा कि उन्हें लगता है कि कोरोना के कारण लोगों में एकजुटता का भाव बढ़ रहा है और यूरोप में भी ऐसा ही है। जर्मनी, इटली, ब्रिटेन के बीच वही हो रहा है जो बाकी विश्व में है। दुनिया में कुछ ऐसा हो रहा है, जहां लोग अपने आप में एक होते जा रहे हैं, समझदारी बनती जा रही है और मुझे लगता है कि कोविड संकट के कारण इस भाव में तेजी आयी है।


उन्होंने कहा “मैं अपने देश के डीएनए को समझता हूं। मैं जानता हूं कि हजारों वर्षों से मेरे देश का डीएनए एक प्रकार का है और इसे बदला नहीं जा सकता। हां, हम एक खराब दौर से गुजर रहे हैं। कोविड एक भयानक समय है, लेकिन मैं कोविड के बाद नए विचारों और नए तरीकों को उभरते हुए देख रहा हूं।मैं लोगों को पहले की तुलना में एक-दूसरे का बहुत अधिक सहयोग करते हुए देख सकता हूं। अब उन्हें एहसास हुआ कि वास्तव में संगठित होने के फायदे हैं। एक-दूसरे की मदद करने के फायदे हैं इसलिए वे ऐसा कर रहे हैं।”


नेपाल पुलिस की अंधाधुन फायरिंग, मौत

सीतामढ़ी। इस वक्त की बड़ी खबर बिहार के सीतामढ़ी से आ रही है, जहां भारत-नेपाल सीमा पर नेपाल पुलिस की ओर से जबरदस्‍त फायरिंग की गई है। फायरिंग की इस घटना में जहां 4 भारतीयों को गोली लगी है, वहीं एक शख्स की मौत भी हो गई है। बता दें कि भारत और नेपाल के बीच सीमा को लेकर विवाद चल रहा है। नेपाली संसद ने इसको लेकर एक प्रस्‍ताव भी पारित किया है, जिसमें भारत के कई सीमावर्ती हिस्‍सों को नेपाल का बताया गया है। इसको लेकर दोनों देशों के बीच तनाव है।
गोली लगने से घायल होने वाले में से दो की हालत फिलहाल नाजुक बताई जा रही है, जिन्हें इलाज के लिए निजी अस्पतालों में भर्ती कराया गया है। घटना सीतामढ़ी के सोनबरसा बॉर्डर इलाके के जानकीनगर गांव की है। जानकारी के मुताबिक भारत-नेपाल सीमा पर विवाद हुआ था, जिसके बाद नेपाल पुलिस की ओर से अंधाधुंध फायरिंग की गई। फायरिंग की इस घटना के बाद से सीमा पर तनाव की स्थिति बनी हुई है। मौके पर जिला प्रशासन के कई वरीय अधिकारी रवाना हो चुके हैं। इस मामले में विस्तृत जानकारी की प्रतीक्षा की जा रही है।

75 वर्ष बाद संयुक्त राष्ट्र महासभा यात्रा ?

न्यूयॉर्क। संयुक्त राष्ट्र के 75 वर्ष के इतिहास में पहली बार विश्व के नेता इस वर्ष सितंबर में होने वाले महासभा के वार्षिक अधिवेशन में शामिल होने के लिए न्यूयॉर्क की यात्रा नहीं करेंगे। संयुक्त राष्ट्र महासभा के अध्यक्ष तिजानी मोहम्मद बंदे ने कल संवाददाता सम्मेलन में बताया कि कोविड-19 महामारी की वजह से ऐसा करना पड़ रहा है।


संयुक्त राष्ट्र महासभा का ऐतिहासिक 75वां अधिवेशन 15 सितंबर और इसमें होने वाली उच्चस्तरीय बहस 22 सितंबर से शुरू होने की संभावना है। दुनिया भर में कोविड-19 के प्रकोप को देखते हुए आने वाले महीनों में विश्व के नेताओं के संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय पहुंचने में परेशानियां आ सकती हैं। हालांकि, संयुक्त राष्ट्र ने अधिवेशन और इसमें होने वाली बहस के कार्यक्रम में कोई बदलाव नहीं किया है। ऐसे में अधिवेशन के ऑनलाइन होने की संभावना है।पिछले महीने संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतरेश ने सुझाव दिया था कि बहस में विश्व के नेताओं के पहले से रिकॉर्ड किए गए संदेशों को सुनाया जाना चाहिए।


संयुक्त राष्ट्र महासभा की आम बैठक का इस वर्ष विशेष महत्व है, क्योंकि इस विश्व संगठन के गठन को 75 साल हो गए हैं। अगर कोरोना महामारी का प्रकोप नहीं होता, तो इस अवसर पर संयुक्त राष्ट्र के एक सौ 93 सदस्य देशों के ज्यादतर नेताओं के शामिल होने की संभावना थी।


71 दिनः कृष्ण जन्म स्थान के द्वार खुले

मथुरा। करोना संकटकाल काल में लॉक डाउन होने से 71 दिनों के बाद भगवान श्री कृष्ण ने अपने जन्म स्थान के द्वारा भक्तों के लिए खोले। लंबे समय से अपने आराध्य को आतुर भक्तजन दर्शन लिए आतुर दिखे। मंदिर के द्वार से लेकर भगवान के गर्भगृह तक कोरोना सुरक्षा के तय मानकों का पूरी तरह पालन किया गया। 


लॉक डाउन में 2 माह से भी ज्यादा समय तक बृज के मंदिरों के दर्शन बंद रहे हैं। इस दौरान बार-बार मंदिरों को खोलने की मांग उठती रही और भक्तों में अपने आराध्य के दर्शनों की लालसा दिन प्रतिदिन प्रबल होती गई।


केंद्र सरकार द्वारा 8 जून को आम श्रद्धालुओं के लिए दर्शन की पाबंदी हटाने के बाद बृजभूमि में आज सबसे पहले मथुरा के श्री कृष्ण जन्मस्थान ने आम लोगों के लिए दर्शनों को खोला। जिसके बाद धीरे-धीरे स्थानीय श्रद्धालुओं का आने का क्रम शुरु हुआ।


भक्तजन प्रभु दर्शन की लालसा लिए मंदिर के बाहर दर्शनों के लिए सुबह 7:00 बजे से कतारबद्ध हो गए। इस दौरान सोशल डिस्टेंसिंग के मानकों का पूरी तरह पालन किया गया और सभी लोग मास्क पहने हुए थे। श्रद्धालुओं की थर्मल स्क्रीनिंग करने के साथ ही सेनेटाइज भी किया जा रहा है। वहीं मंदिर के मुख्य गेट संख्या 01 पर पुलिसकर्मी पीपीई किट पहनकर तैनात दिखे। श्रद्धालुओं ने सिर्फ अपने आराध्य के दर्शन किए। किसी तरह का चढावा फूल, प्रसाद मंदिर में नहीं चढाया गया। 


मंदिर के गेट पर तैनात सिपाही की तबीयत बिगड़ी


8 जून की सुबह श्री कृष्ण जन्मस्थान के मुख्य द्वार पर तैनात सिपाही सुशील कुमार की अचानक तबीयत बिगड़ गई। उसे चक्कर आ गए और वह गिर गया। तभी आसपास खड़े अन्य कर्मियों और सुरक्षाकर्मियों ने उसे संभाला और श्रीकृष्ण जन्मस्थान की एम्बूलेंस से उसे उपचार क लिए भेजा। इस घटना से मंदिर के मुख्य द्वारा पर कुछ समय के लिए हलचल मच गई। बताया जा रहा है कि सिपाही ने पीपीई किट पहन रखी थी, उसमें उसे घुटन सी महसूस हो रही थी। 


जन्मस्थान मंदिर में सबसे पहले इन्होंने किए दर्शन 


कृष्ण जन्म स्थान मंदिर खुलते ही सबसे पहले श्री कृष्ण जन्मस्थान सेवा संस्थान के सचिव कपिल शर्मा, प्रबंध समिति सदस्य को गोपेश्वरनाथ चतुर्वेदी, लीगल एडवाइजर मुकेश खण्डेलवाल तथा संस्थान की सुरक्षा में मौजूद पुलिस अधिकारियों ने ठाकुर जी के दर्शन किए तथा समस्त मानवता को कोरोनावायरस के प्रकोप से बचाने के लिए प्रार्थना की।


खुला बाजार, दुकानदारों के चेहरों पर आई रौनक


कोरोना संक्रमण काल में जहां देश-दुनिया में लोग बीमारी का डर और परेशानी से भरी खबरें आ रही है। वहीं मथुरा ने जिंगदी को फिर से पटरी पर लाने और कोरोना से जंग जीतने का संकेत दिया है। कृष्ण जन्म स्थान मंदिर खुलन के पहले दिन ही क्षेत्र का बाजार भी 71 दिनों के बाद खुला है। हालांकि बाजार पूरी तरह से नही खुला है। लेकिन अधिकांश खिलौने और पूजा, श्रृंगार के सामान की दुकानें खुली। दुकानदारों के चेहरे पर खुशी देखी गई।


सैनिक ने सीएम योगी से मांगा इंसाफ

सियाचिन में तैनात जवान ने वीडियो बनाकर मांगा इंसाफ, कहा- यूपी पुलिस परिवार को कर रही है परेशान

अनपरा थाना क्षेत्र के रेनूसागर का रहने वाला जवान

जवान ने पुलिसकर्मियों पर रिश्वतखोरी व प्रताड़ित करने का आरोप लगाया

सैनिक मांगे इन्साफ

अनपरा/सोनभद्र। सियाचीन में तैनात उत्तर प्रदेश के सोनभद्र जिले के जवान राधा रमण राय का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। वायरल वीडियो में जवान राधा रमण का कहना है कि उसने चोरी की एक शिकायत दर्ज करवाई थी। लेकिन अनपरा थाना क्षेत्र के रेनुसागर चौकी पुलिस उसने पिता व भाई को परेशान करने के लिए रात में छापे मारती है। इतना ही नहीं, उनसे पैसे भी मांगती है। वीडियो वायरल होने के बाद पुलिस विभाग में हड़कंप मच गया। इस मामले में पुलिस अधीक्षक आशीष श्रीवास्तव ने बताया- मामले की जांच सीओ पिपरी को सौंपी गई है।अनपरा थाना क्षेत्र के रेनुसागर निवासी राधा रमण राय सियाचिन में तैनात हैं। उनके मेरे माता-पिता रेनूसागर कोलगेट में रहते हैं। राधा रमण का आरोप है कि दो साल पहले पिता ने घर बनवाने की कोशिश की तो रेनुसागर चौकी इंचार्ज ने 25 हजार रूपए की मांग की। इस पर उनके पिताजी ने पांच हजार रुपए एक सिपाही को दे दिया लेकिन पुलिसकर्मी फिर भी उनके परिजनों को परेशान करते रहे। उनका कहना है कि उनके घर में तीन बार बिना कारण छापा मारा गया। बेवजह पिता को थाने में लाकर चार दिनों तक बंद रखा।

मां कैंसर की मरीज हैं, फिर भी वो अनपरा थाने के चक्कर लगाती रहीं। पुलिस की प्रताड़ना से तंग आकर मेरे माता-पिता रेनुसागर का घर छोड़कर गांव चले गए। इस दौरान लॉकडाउन में 28 अप्रैल को रेनुसागर स्थित मेरे घर में चोरी हो गई। लेकिन, पुलिस ने मामला दर्ज करने से इंकार कर दिया। पांच मई तक एफआईआर नहीं लिखी गई तो एसपी, आईजी, डीजीपी से शिकायत की तो एफआईआर लिखी गई। लेकिन, एफआईआर लिखने के बाद भी आरोपी पर कार्रवाई नहीं की गई। बल्कि मेरे माता-पिता और भाई को फंसाने की कोशिश की जा रही है। मैं मुख्यमंत्री से न्याय की गुहार लगाता हूं, मैं मजबूरी में यह वीडियो बना रहा हूं।

81 वर्षिय बुजुर्ग, 22 साल के युवा से विवाह

रोम। प्यार की कोई उम्र, कोई सीमा नहीं होती। प्यार तो प्यार होता है। इसका जीता-जागता उदाहरण दुनिया ने देखा जब 2017 में केंट के रामसगाते में रहने वाले 81 साल के फिलिप क्लेमेंट्स ने तब 22 साल के फ़्लोरिन मरीन को अपना जीवनसाथी बनाने का फैसला किया था। उम्र में इतने फासले के बावजूद इस कपल ने 2017 में शादी कर ली। अब जब फिलिपि की मौत हो गई है, तो उसके वसीयत के कारण फ़्लोरिन फिर चर्चा में है। 81 की उम्र में दुनिया छोड़ने वाले फिलिप अपने जवान पति से इतना प्यार करते थे कि अपनी पूरी संपत्ति उसी के नाम कर दी। अब इस वसीयत ने नया विवाद शुरू कर दिया है….।


फिलिप के रिश्तेदारों ने उसकी मौत के बाद संपत्ति पर अपना हक़  जताया है। हालांकि, फिलिप ने सबकुछ अपने पति फ़्लोरिन के नाम कर दिया है। इस कपल ने 2017 में शादी की थी। अपने पति से 54 साल छोटे फ़्लोरिन को अब सारी जायदाद की देखभाल करनी है। फिलिप के वसीयत के बाद हड़कंप ही मच गया। उसके रिश्तेदारों ने फ़्लोरिन को गोल्ड डिगर तक कहना शुरू कर दिया है। उनका कहना है कि 27 साल के इस मॉडल ने दौलत के लालच में ही फिलिप से शादी की थी। फिलिप की मौत के बाद अब 27 साल के फ़्लोरिन, जो रोमानिया में एक मॉडल भी है, उसकी जायदाद के वारिस बन गए हैं। इस बात ने नया विवाद शुरू कर दिया है। उम्र में 54 साल का फासला होने के बाद भी दोनों के बीच इतना गहरा प्यार हो गया था कि फिलिप ने 2017 में फ़्लोरिन से शादी ही कर ली थी। अपनी शादी के दिन दोनों बेहद खुश थे। जब फिलिप की वसीयत खुली तो पता चला कि उसने अपनी 1 करोड़ 44 लाख की प्रॉपर्टी और एक फ़्लैट अपने विधवा पति फ़्लोरिन के नाम कर दी है। अपने भाइयों के लिए उसने दो फैमिली फोटोज छोड़ी थी। फ़्लोरिन को 1 करोड़ 44 लाख के अलावा लाइफ इंश्योरेंस के पैसे, एक 96 लाख रूपये का घर और हर महीने फ़्लोरिन के पेंशन के 1 लाख 92 हजार रुपए मिलेंगे।


'पीपल्स को-ऑपरेटिव' का लेन-देन बंद

नई दिल्ली। आरबीआई-भारतीय रिजर्व बैंक ने उत्तर प्रदेश के कानपुर में स्थित पीपुल्स को-ऑपरेटिव बैंक की कमजोर फाइनेंशियल स्थिति को देखते हुए उस पर छह महीने के लिये नये कर्ज़ देने और जमा स्वीकार करने से रोक दिया है। आरबीआई ने 11 जून को इसकी जानकारी दी।
खाताधारक नहीं निकाल पाएंगे अपने पैसे- आरबीआई ने कहा कि पीपुल्स को-ऑपरेटिव सहकारी बैंक से किसी जमाकर्ता को राशि की निकासी करने की भी सुविधा फिलहाल नहीं मिलेगी।
पीपुल्स को-ऑपरेटिव पर लगी ये रोक-आरबीआई की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि 10 जून, 2020 को व्यवसाय बंद होने के बाद, बैंक रिजर्व बैंक की लिखित अनुमति के बिना कोई नया कर्ज़ देने या पुराने बकाये को रिन्यु नहीं कर सकेगा. इसके अलावा बैंक कोई नया निवेश नहीं कर सकेगा और न ही नया जमा स्वीकार कर सकेगा।
रिजर्व बैंक ने सहकारी बैंक के ऊपर किसी संपत्ति को बेचने, स्थानांतरित करने या उसका निपटान करने से रोक दिया है।
केंद्रीय बैंक ने कहा, विशेष रूप से, सभी बचत बैंक या चालू खाते या जमाकर्ता के किसी भी अन्य खाते में कुल शेष राशि को निकालने की अनुमति नहीं दी जा सकती है।
यह निर्देश 10 जून को कारोबार बंद होने के छह महीने बाद तक लागू रहेंगे और समीक्षा के अधीन होंगे। हालांकि रिजर्व बैंक ने यह स्पष्ट किया कि इस निर्देश को सहकारी बैंक के बैंकिंग लाइसेंस को रद्द करने के रूप में नहीं लिया जाना चाहिये. बैंक अपनी वित्तीय स्थिति में सुधार होने तक प्रतिबंधों के साथ बैंकिंग व्यवसाय करना जारी रखेगा।
मई में भी रद्द हो चुका एक बैंक का लाइसेंस-आपको बता दें कि मई में RBI ने महाराष्ट्र के सीकेपी को-ऑपरेटिव बैंक का लाइसेंस रद्द कर दिया। महाराष्ट्र के इस को-ऑपरेटिव बैंक पर वित्तीय अस्थितरता के चलते आरबीआई ने यह फैसला लिया.
30 अप्रैल के बाद से ही आरबीआई ने बैंक के सभी ऑपरेशन रोक दिए थें। निवेशकों का फैसला बचाने के लिए रिजर्व बैंक को यह फैसला लेना पड़ा।
आरबीआई ने बैंक के लाइसेंस को वित्तीय अस्थिरता के आधार पर ही रद्द किया है। बैंक प्रतिकूल परिस्थितियों का सामना कर रहा है और वित्तीय संकट से जूझ रहा है।


सेंसेक्स 32867.19 के स्तर पर खुला

नई दिल्ली। शेयर बाजार में शुक्रवार को भारी गिरावट देखी गई। बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज का प्रमुख इंडेक्स सेंसेक्स 865.18 अंक (2.58 फीसदी) नीचे 32867.19 के स्तर पर खुला। वहीं नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 2.77 फीसदी यानी 274 अंकों की गिरावट के साथ 9628 के स्तर पर खुला। अमेरिकी फेडरल रिजर्व के इस साल स्थानीय अर्थव्यवस्था में साढ़े छह फीसदी की मंदी की आशंका जताने से गुरुवार को वहाँ शेयर बाजारों में छह से सात प्रतिशत की गिरावट देखी गई। इसका असर एशियाई बाजारों पर आज दिखा।


गुरुवार को 33,538.37 अंक पर बंद होने वाला बीएसई का सेंसेक्स चौतरफा बिकवाली के बीच 1101.68 अंक लुढ़ककर 32,436.69 अंक पर खुला और खुलते ही 32,348.10 अंक तक टूट गया। बाद में इसकी गिरावट कुछ कम हुई और यह 792.45 अंक यानी 2.36 प्रतिशत की गिरावट में 32,745.92 अंक पर था। निफ्टी 351.05 अंक की गिरावट के साथ 9,544.95 अंक पर खुला और खुलते ही 9,544.35 अंक तक उतर गया। बैंकिंग एवं वित्तीय कंपनियों ने बाजार पर सबसे अधिक दबाव बनाया। सेंसेक्स में इंडसइंड बैंक का शेयर छह प्रतिशत से अधिक टूट गया।


पाक की चौकियां उड़ाई, एक सैनिक शहीद

राजौरी। पाकिस्तानी सेना को नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर नापाक हरकत एक बार फिर भारी पड़ी। पाक सेना ने राजौरी जिले के तरकुंडी सेक्टर में भारी गोलाबारी की, जिसमें भारतीय सेना के नायक शहीद हो गए। वहीं, सेना का एक जवान और छुट्टी पर घर आया एक पुलिसकर्मी घायल हो गए। भारतीय सेना की जवाबी कार्रवाई में पाक सेना की दो चौकियां पूरी तरह नष्ट हो गई। जबकि पाक सेना के एक मेजर रैंक के अधिकारी सहित पांच सैनिकों के मारे जाने की सूचना है। 


पाकिस्‍तान ने रिहायशी क्षेत्रों को निशाना बनाया


जानकारी के अनुसार, बुधवार रात करीब दस बजे पाक सेना ने राजौरी के तरकुंडी सेक्टर में भारी गोलाबारी शुरू कर दी। पाकिस्तान ने भारतीय सेना की अग्रिम चौकियों को निशाना बनाने के साथ रिहायशी क्षेत्रों को निशाना बनाकर मोर्टार दागना शुरू कर दिए। इसी दौरान एक मोर्टार सेना की चौकी पर आकर गिरा, जिसमें नायक गुरुचरण सिंह निवासी गुरदासपुर (पंजाब) शहीद हो गया। इस दौरान सेना का एक जवान और छुट्टी पर घर आया पुलिस का जवान निमायतउल्ला भी घायल हो गया। पाक गोलाबारी में नक्का पंजग्राई, नक्का, तरकुंडी में चार मवेशी मारे गए और कुछ मकानों को भी नुकसान पहुंचा। 


मेजर रैंक का अधिकारी समेत पांच पाकिस्‍तानी सैनिक मारे गए  


इसके बाद भारतीय सेना ने कड़ी जवाबी कार्रवाई कर सीमा पार पाक सेना की दो चौकियां पूरी तरह से तबाह कर दीं। इस कार्रवाई में पाक सेना के पांच जवान ढेर हो गए, जिनमें एक मेजर रैंक का अधिकारी भी शामिल है। इसके अलावा दो से तीन जवान घायल भी हुए हैं। इस बीच, गुरुवार सुबह शहीद नायक का पार्थिव शरीर मेडिकल कॉलेज राजौरी लाया गया, जहां पोस्टमार्टम करवाने के बाद पार्थिव शरीर को सैन्य अस्पताल लाया गया। जहां पर सेना के अधिकारियों ने शहीद को श्रद्धांजलि अíपत की उसके बाद सेना के विमान से शव को पंजाब रवाना कर दिया गया। 


पाक ने रात को मनकोट सेक्टर में की गोलाबारी


बुधवार को मुंह की खाने के बाद पाक सेना ने गुरुवार देर शाम पुंछ जिले की मेंढर तहसील के मनकोट सेक्टर में गोलाबारी शुरू कर दी, जो रात तक जारी रही। कई गोले गांवों में भी गिरे, जिससे दहशत फैल गई। भारतीय सेना ने भी पाकिस्तान को कड़ा जवाब दिया। रात तक दोनों तरफ से गोलाबारी जारी रही। 


अंतरराष्ट्रीय सीमा पर हीरानगर के गांवों में भी पाक गोलाबारी


जम्मू संभाग के कठुआ के हीरानगर सेक्टर में अंतरराष्ट्रीय सीमा (आइबी) पर पाकिस्तान आतंकियों की घुसपैठ कराने के लिए बार-बार गोलाबारी कर रहा है। बुधवार रात से गुरुवार तड़के तक पाक रेंजरों ने करोल माथरियां, करोल कृष्णा गांवों में भारी गोलाबारी की। बीएसएफ की 19 बटालियन के जवानों ने पाकिस्तान को मुंहतोड़ जवाब दिया है। वहीं, सुबह पुलिस के विशेष अभियान दल (एसओजी) और चकड़ा पुलिस ने घुसपैठ के मद्देनजर क्षेत्र में तलाशी अभियान भी चलाया।


प्रेमी की हत्या कर छिपाया, नशे में बताया

वाराणसी। वरुणापार का चर्चित हाशिमपुर गांव गुरुवार को फिर चर्चा में आ गया। लालपुर-पांडेयपुर थाना क्षेत्र के इस गांव में बनी शिवविहार कॉलोनी स्थित एक सेफ्टी टैंक से गुरुवार को 36 वर्षीय युवक का कंकाल बरामद हुआ है। युवक इसी साल फरवरी से गायब था। 12 फरवरी को उसकी गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी। अब खुलासा हुआ है कि प्रेमिका ने हत्या कराकर उसकी लाश सेफ्टी टैंक में छिपा दी थी। हत्या में युवती की मदद दूसरे प्रेमी ने की थी। शराब के नशे में अब चार महीने बाद दूसरे प्रेमी ने ही राज खोल दिया। प्रेमिका को गिरफ्तार लिया गया है। उसके दूसरे प्रेमी व अन्य लोगों की तलाश हो रही है। शिव विहार कॉलोनी में रहने वाला 36 वर्षीय ज्ञानचंद्र पटेल जले मोबिल आयल को रिफाइन कर बेचने का काम करता था। मोबिल आयल को रिफाइन करने का काम जिस घर में होता था वहां रहने वाली शीला राजभर से ज्ञानचंद्र का संबंध हो गया। पुलिस के मुताबिक शराब की शौकीन शीला का ज्ञानचंद्र के साथ ही बेनीपुर के ललित से भी संबंध हो गया था। ललित से जुड़ने के बाद वह ज्ञानचंद्र से दूरी बनाने लगी थी। ज्ञानचंद्र को भी ललित का शीला के घर आना नागवार लगता था। इसे लेकर मनमुटाव बढ़ा तो शीला ने ज्ञानचंद्र की हत्या की साजिश रच डाली। फरवरी में शीला और ललित ने खल-बट्टे से पीटकर ज्ञानचंद्र की हत्या कर दी। घर के आंगन में बने सेफ्टी टैंक में उसकी लाश डाल कर ऊपर से सीमेंट से प्लास्टर कर दिया। घर वालों ने लापता होने की रिपोर्ट लिखवाई लेकिन पुलिस चार महीने बाद भी उसका पता नहीं लगा सकी थी।


ललित ने नशे में खोला राज
ज्ञानचंद्र की हत्या का राज शीला के नए प्रेमी ललित ने ही शराब के नशे में खोल दिया। उसने नशे में गांव के एक युवक से हत्या के बाद ज्ञानचंद्र के शव को सेफ्टी टैंक में छिपाने की बात कह डाली। उस युवक ने यह बात ज्ञानचंद्र के परिजनों को बता दी। इसके बाद परिवार के लोग थाने पहुंचे और गुरुवार की शाम पुलिस टीम शीला के घर पहुंच गई। सेफ्टी टैंक तोड़ा गया तो उसमें से कंकाल निकला। ज्ञानचंद्र के कपड़े भी बरामद हुए। शीला को तत्काल गिरफ्तार कर लिया गया। पुलिस अब यह पता लगा रही है कि शीला और ललित के अलावा कितने लोग इस हत्या में शामिल थे। आशंका है कि परिवार वाले भी शामिल रहे होंगे। ललित और शीला के घर के लोगों की गिरफ्तारी के लिए टीमें लगा दी गई हैं।


तटीय इलाके में मानसून ने दी दस्तक

नई दिल्‍ली, एजेंसियां। दक्षिण-पश्चिम मानसून ने गुरुवार को महाराष्‍ट्र में दस्‍तक दे दी। राज्‍य के तटीय इलाकों समेत कुछ दूसरे क्षेत्रों में झमाझम बारिश दर्ज की गई है। समाचार एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक, मानसूनी बादलों ने ओडिशा पर भी डेरा जमा लिया है। मौसम विभाग (India Meteorological Department, IMD) ने राज्‍य के दक्षिण और तटीय जिलों खासतौर पर मलकानगिरी और कोरापुट में भारी से ज्‍यादा भारी बारिश का अलर्ट जारी किया गया है। मौसम विज्ञानियों का कहना है कि बंगाल की खाड़ी पर बने निम्न दबाव के चलते दक्षिण-पश्चिम मानसून काफी अच्छी प्रगति कर रहा है।


वहीं मौसम का पूर्वानुमान बताने वाली निजी एजेंसी स्‍काई मेट वेदर ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि दक्षिणी गुजरात और इससे सटे उत्तर-पूर्वी अरब सागर के ऊपर चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र पहले की तरह ही बरकरार है। एजेंसी की मानें तो अगले 24 घंटों के दौरान आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, विदर्भ, मराठवाड़ा, केरल, तटीय कर्नाटक, गंगीय पश्चिम बंगाल और पूर्वोत्तर भारत के कुछ हिस्सों में भारी से ज्‍यादा भारी बार‍िश हो सकती है। यही नहीं आंतरिक कर्नाटक, कोंकण और गोवा, गुजरात क्षेत्र और छत्तीसगढ़ के कुछ स्थानों हल्की से मध्यम बारिश का अनुमान है। दक्षिणी राजस्थान, झारखंड, पंजाब, बिहार, पूर्वी मध्य प्रदेश और उत्‍तर प्रदेश के कुछ हिस्सों में हल्की बारिश संभव है। समाचार एजेंसी ने मौसम विभाग के हवाले से कहा है कि आगे की ओर बढ़ता मानसून ओडिशा के विभिन्‍न इलाकों में अगले दो दिनों तक भारी से ज्‍यादा भारी बारिश कराएगा। मौसम विज्ञानियों का अनुमान है कि मुंबई समेत महाराष्ट्र के कुछ और हिस्‍सों जबकि कोलकाता समेत पश्चिम बंगाल के कुछ हिस्‍सों में अगले 24 से 48 घंटे में मॉनसून दस्तक दे सकता है। अनुमान है कि जैसे जैसे मानसून आगे की ओर बढ़ेगा देश के कई इलाकों में बारिश में तेजी आती जाएगी। खेती के लिए मानसून की यह बारिश संजीवनी का काम करेगी लेकिन देश के विभिन्‍न इलाकों में जारी टि‍ड्ड‍ियों के प्रकोप के चलते किसान चिंतित हैं। समाचार एजेंसी पीटीआइ के मुताबिक, मौसम विभाग ने 48 घंटों में महाराष्‍ट्र के विभिन्‍न इलाकों में भारी बारिश का पूर्वानुमान व्‍यक्‍त किया है। आईएमडी मुंबई सेंटर्स के डिप्टी डायरेक्टर जनरल केएस होसलिकर (KS Hosalikar) ने बताया कि मानसून की शुरुआती लाइन हरनई, सोलापुर, रामागुंडम (तेलंगाना) और जगदलपुर (छत्तीसगढ़) के ऊपर से गुजर रही है। चूंकि मानसून के आगे बढ़ने के लिए परिस्थितियां अनुकूल हैं इ‍सलिए अगले 48 घंटों में महाराष्ट्र के कुछ और हिस्सों में मानसून की बारिश संभव है। मौसम विभाग की मानें तो अगले तीन दिनों में मानसून झारखंड में भी दस्‍तक दे सकता है। हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के कृषि मौसम विज्ञान विभाग के अध्यक्ष डा. मदन खिचड़ ने बताया कि हरियाणा में 13 जून तक मौसम की आंखमिचौनी जारी रहेगी। 


शराब ठेके पर तीन लोगों ने मचाया उत्पात

गाजियाबाद: नया बस अड्डा के पास स्थित ठेके के बाहर तीन लोगों ने मचाया उत्पात, एक आरोपी को भीड़ ने दबोचा, दो आरोपी मौके से फरार होने में हुए कामयाब


अश्वनी उपाध्याय


गाज़ियाबाद। मामला आज सुबह 9 बजे का बताया जा रहा है जहां मुफ्त में शराब न देने पर 3 लोगों ने शराब ठेके के बाहर जमकर उत्पात मचाया। इतना ही नहीं आरोपियों ने ठेके पर पथराव भी कर दिया। घटना नगर कोतवाली क्षेत्र में नया बस अड्डा चौकी के पास स्थित शराब ठेके पर हुई। भीड़ ने एक आरोपी को दबोच कर पुलिस के हवाले कर दिया। जबकि दो आरोपी मौके से फरार होने में कामयाब हो गए।


शराब ठेकेदार की तहरीर पर पुलिस ने केस दर्ज कर लिया है। जानकारी के मुताबिक नेहरू नगर द्वितीय में रहने वाले सचिन नागर का न्यू बस स्टैंड के निकट शराब का ठेका है तीन युवक ठेके पर पहुंचे और शराब मांगने लगे। इस पर ठेके पर मौजूद कर्मचारियों ने रुपए मांगे तो तीनों युवक गाली-गलौच करने लगे। कर्मचारियों के विरोध करने पर युवकों ने जमीन पर पड़े पत्थर उठाकर ठेके पर पथराव शुरू कर दिया। इससे कर्मचारियों और आसपास के लोगों में अफरा-तफरी मच गई।


लोगों को मौके पर जमा होते देख हमलावर भागने लगे। जिसमें से एक हमलावर को लोगों ने दबोच लिया और पिटाई करने के बाद सूचना पर मौके पर पहुंची पुलिस के हवाले कर दिया। कोतवाल विष्णु कौशिक ने बताया कि पकड़े गए हमलावर का नाम सलीम है। इस संबंध में ठेके मालिक सचिन नागर ने रिपोर्ट दर्ज कराई है। सलीम से पूछताछ के बाद उसके फरार दो साथियों के बारे में जानकारी मिल गई है। उनकी गिरफ्तारी के प्रयास किए जा रहे हैं। उन्हें जल्द पकड़ लिया जाएगा।


मक्का की खरीद करें, भ्रष्टाचार रोके

रायपुर। अखिल भारतीय किसान सभा के आह्वान पर छत्तीसगढ़ किसान सभा के कार्यकर्ताओं ने आज भी गांव-गांव में ठेका खेती को कानूनी दर्जा देने और मंडी कानून व आवश्यक वस्तु अधिनियम को खत्म करने वाले अध्यादेशों की प्रतियां जलाई। किसान सभा ने राज्य सरकार से आग्रह किया है कि किसानों को बर्बादी से बचाने के लिए पूरे राज्य में सोसाइटियों के जरिये न्यूनतम समर्थन मूल्य पर मक्का की खरीदी करे और क्वारंटाइन केंद्रों की आड़ में हो रहे भ्रष्टाचार पर रोक लगाते हुए प्रवासी मजदूरों को पौष्टिक भोजन और बुनियादी मानवीय सुविधा उपलब्ध कराए।
आज यहां जारी एक बयान में छग किसान सभा के अध्यक्ष संजय पराते और महासचिव ऋषि गुप्ता ने बताया कि पिछले दो दिनों में प्रदेश में बस्तर से लेकर सरगुजा तक सैकड़ों गांवों में केंद्र और राज्य सरकार की कृषि और किसान विरोधी नीतियों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन आयोजित किये गए हैं। ये प्रदर्शन घरों के आंगन, गांव की गलियों, खेतों और मनरेगा स्थलों में फिजिकल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए समूह बनाकर किये गए।
उन्होंने कहा कि तीन अध्यादेशों के जरिये कृषि क्षेत्र में जो परिवर्तन किए जा रहे हैं, वे खेती-किसानी को कॉर्पोरेट गुलामी की ओर ले जाने वाले हैं। इससे किसान समर्थन मूल्य तो दूर, लागत मूल्य से भी वंचित हो जाएंगे और धोखाधड़ी का शिकार होंगे। उन्होंने आरोप लगाया कि इन अध्यादेशों के जरिये मोदी सरकार खेती-किसानी के प्रति अपनी जिम्मेदारियों से पिंड छुड़ाना चाहती है। बिजली क्षेत्र का निजीकरण भी वह इसी उद्देश्य से कर रही है। इससे सीमांत और लघु किसान पूरी तरह से बर्बाद हो जाएंगे और देश में भूमिहीनता बढ़ेगी।
किसान सभा ने कांग्रेस सरकार द्वारा इस वर्ष किसानों का मक्का न खरीदे जाने की भी तीखी आलोचना की है। राज्य सरकार के इस कदम से किसान न्याय योजना ‘अन्याय योजना’ में बदल गई है और प्रदेश के किसानों को बाजार के भरोसे छोड़ने से उन्हें 1700 करोड़ रुपयों का नुकसान होने जा रहा है, जिससे किसानों की क्रय शक्ति में गिरावट आने से अर्थव्यवस्था में मांग की कमी आएगी।
किसान सभा नेताओं ने क्वारंटाइन केंद्रों की आड़ में सरकारी संरक्षण में भारी भ्रष्टाचार होने का भी आरोप लगाया तथा कहा कि इन केंद्रों में एक दर्जन से ज्यादा मौतें होना ही इन केंद्रों की बदहाली का प्रमाण है। उन्होंने मांग की कि इन केंद्रों में प्रवासी मजदूरों को पौष्टिक भोजन और मानवीय सुविधाएं दी जाएं और गांव वापसी पर हर मजदूर को एक स्वतंत्र परिवार मानकर राशन और मनरेगा में 200 दिनों का काम दिया जाएं। किसान सभा ने केंद्र सरकार से भी मांग की है कि हर ग्रामीण परिवार को अगले छह माह तक 10000 रुपयों की नगद मदद दी जाए।


सक्रिय संक्रमण में चौथे नंबर पर भारत

नई दिल्ली। दुनिया के 213 देश कोरोना महामारी से जूझ रहे हैं। इनमें से कुछ देशों में कोरोना वायरस का प्रभाव अब कम होता नजर आ रहा है तो कुछ देश में महामारी लगातार विकराल रूप लेती जा रही है। भारत भी इस महामारी की चपेट में बुरी तरह फंस चुका है. एशिया में सबसे ज्यादा कोरोना मामले भारत में ही हैं। वहीं दुनिया में भारत चौथे स्थान पर आ गया है। ये भारत के लिए बेहद चिंता की बात है।


शुक्रवार को भारत में एक दिन में अब तक के सबसे ज्यादा 10,956 मामले सामने आए। एक दिन में सबसे ज्यादा 396 मौतें हुई. कुल दो लाख 97 हजार लोग संक्रमित पाए जा चुके हैं. इनमें से कुल 8,498 की मौत हो गई है। एक लाख 41 हजार का अस्पतालों में इलाज चल रहा है। वहीं एक लाख 47 हजार इलाज के बाद अस्पताल से डिस्चार्ज हो चुके हैं।


स्पेन, ब्रिटेन को पछाड़ा
स्पेन और ब्रिटेन में हर दिन 500-1000 नए मामले दर्ज किए जा रहे हैं। जबकि भारत औसतन 10 हजार मामले हर दिन आ रहे. स्पेन और ब्रिटेन में क्रमश: कुल 289,787 और 291,409 कोरोना केस हैं। जबकि भारत में कुल 2,97,535 मामले हैं। हालांकि इन दोनों देशों की तुलना में भारत में मौत की संख्या एक चौथाई से भी कम है। भारत में साढ़ें आठ हजार करीब मौतें हुईं। स्पेन और ब्रिटेन में क्रमश: 27,136 और 41,279 मौतें हुईं।


अमेरिका और ब्राजील के बाद सबसे तेजी से भारत में बढ़ रहे केस
दुनिया में कोरोना केस बढ़ने की रफ्तार ब्राजील में सबसे ज्यादा है। ब्राजील में हर दिन औसतन 30 हजार नए मामले आ रहे। इसके बाद अमेरिका में औसतन 25 हजार नए केस आ रहे। इसके बाद तीसरे नंबर पर भारत में सबसे ज्यादा केस हर दिन दर्ज किए जा रहे हैं।


एक्टिव केस मामले में भारत का दुनिया में चौथा स्थान है। यानी कि भारत चौथा ऐसा देश है, जहां सबसे ज्यादा मरीजों का इलाज चल रहा है। अमेरिका, ब्राजील और रूस में सबसे ज्यादा एक्टिव केस हैं। चौथे नंबर पर भारत है। इसके बाद पेरू, पाकिस्तान, बांग्लादेश, फ्रांस में सबसे ज्यादा एक्टिव केस हैं।


'चांद' पर पेशाब करने वाला इंसान

नई दिल्ली। भारत आज चंद्रमा पर नया इतिहास रचने जा रहा है। शुक्रवार रात को चंद्रयान-2 का विक्रम लैंडर चांद पर अपना कदम रखेगा। इसके बाद भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन के नाम पर एक और कामयाबी दर्ज हो जाएगी।


चंद्रयान-2 की लैंडिंग का काउंटडाउन शुरू हो चुका है, तो इसी कड़ी में आज हम आपको चांद पर मानव मिशन से जुड़ी एक अनोखी घटना के बारे में बताने जा रहे हैं। जब भी कोई चांद पर किए गए मिशन का जिक्र करता है तो सबसे पहले हमारे दिमाग में अंतरिक्ष यात्री नील आर्मस्ट्रॉन्ग का नाम आता है। अपोलो 11 के मिशन पर गए नील आर्मस्ट्रॉन्ग, माइकल कॉलिन्स, और बज एल्ड्रिन ने 20 जुलाई 1969 को चांद की सतह पर लैंडिंग की थी।


अपोलो 11 मिशन पर गए नील आर्मस्ट्रांग ने अपना पहला कदम बाहर निकाला और इसी के साथ वह चांद पर पहुंचने वाले दुनिया के पहले इंसान बन गए। नील आर्मस्ट्रॉन्ग के बाद बज एल्ड्रिन ने भी चांद पर अपना कदम रखा। भले ही बज एल्ड्रिन ने चांद पर सबसे पहले कदम रखने का रिकॉर्ड नहीं बनाया लेकिन वह पहले ऐसे इंसान बन गए जिसने चांद पर पेशाब किया। ये तो जाहिर सी बात है एल्ड्रिन ने जानबूझकर ऐसा नहीं किया था। दरअसल जब वह अपोलो 11 लैंडर की सीढ़ी से उतरने की कोशिश कर रहे थे, उसी वक्त उनके स्पेस सूट में रखे एक खास बैग से पेशाब निकलकर चांद पर फैल गया। जिससे वह थोड़ी देर के लिए घबरा गये।


दुर्भाग्य से एल्ड्रिन ने ल्यूनर मॉड्यूल की बहुत धीरे से लैंडिंग की जिससे मॉड्यूल जरूरत के हिसाब से सिकुड़ नहीं सका। नतीजा यह हुआ कि ल्यूनर मॉड्यूल से चांद की सतह तक जो एक छोटा कदम होता, वह एक छलांग में बदल गया। लैंडिंग के बाद इस झटके की वजह से एल्ड्रिन ने जो यूरीन इकठ्ठा करके एक डिवाइस में रखी थी, वह टूट गई और यूरीन उनके एक बूट्स पर गिर गया। जब एल्ड्रिन चांद की सतह पर चले तो ये वहां भी फैलता गया।


6 हजार के करीब पहुंचा संक्रमण

राणा ओबरॉय


चंडीगढ। हरियाणा में 389 नए मामलों के साथ हरियाणा में कोरोना के मरीजों की संख्या 5 हज़ार 968 हो गई है l जिनमे से 2260 मरीज ठीक हुए हैं वहीं 3644 मरीजों का प्रदेश के विभिन्न अस्पतालों में इलाज चल रहा है अब तक कोरोना के चलते 64 लोगों ने जान गंवाई है l
हरियाणा स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी ताज़ा आंकड़ों के मुताबिक हरियाणा में आज कुल 389 नए मरीज मिले जिनमे गुरुग्राम में 191, फरीदाबाद में 74 मरीजों को मिला कर कुल 389 नए मरीज सामने आये l


बिहारः विद्यालयों में ऑनलाइन नामांकन

बिहार के सभी विश्वविद्यालयों में होंगे ऑनलाइन नामांकन











बिहार। सभी विश्वविद्यालयों में नामांकन की प्रक्रिया ऑनलाइन होगी। इसके साथ ही निबंधन कार्य भी समय पर पूरे किये जाएंगे। ऑनलाइन डिग्री-वितरण एवं नेशनल एकेडमिक डिपोजिटरी की प्रभावी व्यवस्था भी विश्वविद्यालयों को करनी होगी। सभी विश्वविद्यालय में वीडियो कांफ्रेंसिंग कक्ष तैयार होंगे और उन्हें अपने शिक्षण सामग्री को आनलाइन वेबसाइट पर अपलोड करने होंगे। राज्यपाल सह कुलाधिपति फागू चौहान ने ये आदेश दिए। वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए उन्होंने गुरुवार को संबंधित कुलपतियों की मौजूदगी में बीआरए बिहार विवि मुजफ्फरपुर, जेपी छपरा, मगध विश्वविद्यालय बोधगया और पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय पटना की शैक्षणिक गतिविधियों की समीक्षा की।


राज्यपाल ने कहा कि किसी भी विश्वविद्यालय में स्नातक प्रथम वर्ष में निर्धारित सीटों से अधिक नामांकन नहीं हो। ज्यादा नामांकन होने पर संबंधित प्राचार्यों पर कार्रवाई करें। कहा कि आनलाइन कक्षाएं लेकर कोर्स पूरा कीजिए। मौजूदा शिक्षण अवधि (पांच घंटे) को एक घंटा बढ़ाने पर भी विचार हो रहा है। यूजीसी के मार्गनिर्देशों के अनुरूप सभी परीक्षाएं लेकर सितम्बर-अक्टूबर तक 2020 के सभी रिजल्ट घोषित हो जाएं ताकि अगले साल का सत्र समय पर शुरू हो सके। विश्वविद्यालयों को कहा कि यदि जरूरी हो कि आनलाइन टूचिंग को लेकर किसी उत्कृष्ट विश्वविद्यालय में अध्ययन दल भेजें। आनलाइन कक्षाओं में अध्यापन दोनों समानांतर व्यवस्था करना अभी समय की जरूरत बन गई है।


राज्यपाल ने कहा कि राज्य के विश्वविद्यालयों में परीक्षाओं के आयोजन, प्रश्न पत्रों के चयन और उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन की समरूप व्यवस्था होनी चाहिए। उन्होंने प्रधान सचिव चैतन्य प्रसाद को इसके लिए तीन कुलपतियों की एक कमेटी गठित करने का निर्देश दिया, जिसकी सुझाव पर इसे प्रदेश में लागू किया जाएगा। उन्होंने कालेजों, विश्वविद्यालयों को नैक मूल्यांकन की तैयारियों में तेजी लाने का निर्देश दिया। राज्यपाल ने कुलपतियों को छात्र-शिक्षक अनुपात को लेकर समानुपातीकरण करने का भी निर्देश दिया। साथ ही जिन कालेजों में क्वारंटाइन केन्द्र बने थे वहां अपने खर्चे से साफ-सफाई कराने को कहा ताकि आगे शिक्षण की व्यवस्था हो सके।


तीन विवि को दिया शिक्षकों के रिक्त पद भेजने का निर्देश 
समीक्षा के दौरान सामने आया कि सहायक प्राध्यापकों की रिक्तियों की सूची आयुक्त कार्यालय से ‘रोस्टर क्लीयरेंस’ कराते हुए शिक्षा विभाग को भेजने में मगध विश्वविद्यालय ने तत्परता बरती है, परन्तु बीआरए बिहार विश्वविद्यालय, मुजफ्फरपुर, जय प्रकाश विश्वविद्यालय, छपरा एवं पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय ने अबतक रोस्टर क्लीयरेंस कराते हुए शिक्षा विभाग को सूची नहीं भेजी है। राज्यपाल ने रिक्ति-सूची शीघ्र शिक्षा विभाग को भेजने को कहा।











प्राधिकृत प्रकाशन विवरण

यूनिवर्सल एक्सप्रेस    (हिंदी-दैनिक)


 जून 13, 2020, RNI.No.UPHIN/2014/57254


1. अंक-305 (साल-01)
2. शनिवार, जूूून 13, 2020
3. शक-1943, अषाढ़, कृष्ण-पक्ष, तिथि-अष्टमी, विक्रमी संवत 2077।


4. सूर्योदय प्रातः 05:39,सूर्यास्त 07:24।


5. न्‍यूनतम तापमान 24+ डी.सै.,अधिकतम-40+ डी.सै.।


6.समाचार-पत्र में प्रकाशित समाचारों से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है। सभी विवादों का न्‍याय क्षेत्र, गाजियाबाद न्यायालय होगा। सभी पद अवैतनिक है।
7. स्वामी, प्रकाशक, संपादक राधेश्याम के द्वारा (डिजीटल सस्‍ंकरण) प्रकाशित। प्रकाशित समाचार, विज्ञापन एवं लेखोंं से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहींं है।


8.संपादकीय कार्यालय- 263 सरस्वती विहार, लोनी, गाजियाबाद उ.प्र.-201102।


9.संपर्क एवं व्यावसायिक कार्यालय-डी-60,100 फुटा रोड बलराम नगर, लोनी,गाजियाबाद उ.प्र.,201102


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पायलट ने फ्लाइट अटेंडेंट को प्रपोज किया

पायलट ने फ्लाइट अटेंडेंट को प्रपोज किया  अखिलेश पांडेय  वारसॉ। अक्सर लोग अपने प्यार का इजहार किसी खास जगह पर करने का सोचते हैं। ताकि वो पल ज...