शनिवार, 6 जून 2020

लोनी विधायक की उपेक्षा करना अनुचित

लोनी विधायक की उपेक्षा करना अनुचित 

अकाशुं उपाध्याय 

गाजियाबाद। उत्तर-प्रदेश विधानसभा में मौजूदा सभी विधायकों में यदि लोकप्रियता की प्रती-स्पर्धा कराई जाए, तो निश्चित रूप से लोनी विधायक नंदकिशोर को संभावित प्रथम स्थान ही प्राप्त होगा। भाजपा पार्टी की योगी सरकार को भ्रष्टाचार के संबंध में आईना दिखाने का कार्य करने का मादा रखना, सबके बस की बात नहीं है। क्षेत्र की समस्याओं पर इतनी पैनी दृष्टि बनाए रखना भी सबके बस की बात नहीं है। जिसके चलते विधायक को पाकिस्तान से फोन पर धमकी भी मिली है। इससे अनुमान लगाया जा सकता है कि विरोधी शक्तियां इस लोकप्रियता से खिन्न हो गई है। हालांकि धमकीयां देना एक कायरता पूर्ण कार्य है। जिसकी सभ्य समाज निंदा करता है।

 परंतु इसके विपरीत कोरोना महामारी के कारण 'लॉक डाउन' में उत्पन्न कठोर परिस्थितियों में विधायक और उनके सहयोगियों के द्वारा किया गया राहत कार्य सदैव सराहना पाता रहेगा। इस बीच उन्होंने खुद बढ़-चढ़कर राहत कार्यों में भाग लिया है। विधायक के द्वारा अपने दायित्व का निर्वाह करने में कोई चूक नहीं की गई। लेकिन स्वास्थ्य विभाग के द्वारा अपने कार्य में अवश्य चूक की गई है। लोनी विधायक की कोरोना जांच में इतनी देरी करने के पीछे विभाग की क्या मंशा है? यह तो स्पष्ट नहीं है। किंतु जनप्रिय विधायक की उपेक्षा करना पूरी तरह अनुचित है। विभाग और प्रशासन के लिए यह गले की फांस न बन जाए। जन सेवा में रत सभी लोगों की जांच प्राथमिकता से होनी चाहिए थी। किंतु यह व्यवस्था हमारी अक्षमता उसे बाहर है। परंतु स्थानीय जनप्रतिनिधियों की जांच तो प्राथमिकता से होनी चाहिए थी। उनका जीवन जनता के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। हालांकि यह जिला प्रशासन की अपनी कार्यप्रणाली पर निर्भर करता है। हो सकता है जिला प्रशासन ऐसा करने की योजना पर कार्य कर रहा हो, समय अनुरूप भविष्य में उसे स्वरूपित करेगा।

प्रभारी निरीक्षक की जांच के दिए आदेश

एडीजी जोन बरेली से शिकायत के बाद प्रभारी निरीक्षक सेहरामऊ उत्तरी पर जांच के निर्देश

पीलीभीत। सोशल मीडिया प्रिंट मीडिया एवं समाजसेवी संस्थाओं द्वारा मामला संज्ञान में लेने के बाद खबर को लगातार वायरल किया गया जिस पर संज्ञान लेते हुए एडीजी जोन बरेली ने पीलीभीत पुलिस को तलब करते हुए जांच मांगी है पीलीभीत पुलिस ने भी आनन-फानन में क्षेत्राधिकारी पूरनपुर को जांच कर आरोपियों के खिलाफ आवश्यक कार्यवाही करने के निर्देश दिए हैं।

प्रभारी निरीक्षक पर लगाए गए आरोप

1.पीड़ित महिला पुलिसकर्मी को प्रधान की पर्सनल गाड़ी से मेडिकल कराने अकेले क्यों भेजा।

2. मेडिकल कराने गई महिला पुलिसकर्मी पीड़ित महिला को छोड़कर आखिर एटीएम से पैसे निकालने पूर्व प्रधान के साथ अकेले क्यों गई।

3. मेडिकल के दौरान महिला पुलिसकर्मी को वही होना चाहिए था जिससे मेडिकल में गड़बड़ी ना हो सके।

4.उच्च अधिकारियों के संज्ञान में लेने के बाद ही क्योंकि एफ आई आर दर्ज पहले मामला निपटाने का क्यों किया प्रयास।

5.थाना क्षेत्र में रदबंगों एवं खनन माफियाओं के हौसले बुलंद, भ्रष्टाचार रोकने में सेहरामऊ उत्तरी पुलिस नाकाम क्यों।

क्या है पूरा मामला

2 दिन पहले थाना क्षेत्र के एक ही परिवार के दो पक्षों में लड़ाई झगड़ा हो गया था जिसमें महिलाओं को भी चोट आई थी जिसमें पूर्व प्रधान पीड़ित पक्ष को लेकर थाने पहुंचे,जख्मी महिलाओं का मेडिकल कराने के लिए प्रभारी निरीक्षक ने पूर्व प्रधान की पर्सनल गाड़ी से जख्मी पीड़ित महिला उसकी बेटी और एक महिला पुलिसकर्मी को जिला मुख्यालय भेज दिया पीड़ित महिला को अस्पताल छोड़ने के बाद महिला पुलिसकर्मी ने एटीएम से पैसे निकालने की बात कही तब पूर्व प्रधान अपनी गाड़ी से एटीएम पर उसे लेकर चला गया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार इसी दौरान पूर्व प्रधान ने महिला के साथ छेड़छाड़ की जिसपर नाराजगी जताते महिला पुलिसकर्मी ने कई खरी-खोटी कही महिला पूर्व प्रधान की गाड़ी से उतर गई और थाने में फोन से सूचना दी पूर्व प्रधान पीड़ित महिला और उसकी बेटी का मेडिकल कराकर थाने पहुंचे तब तक पीछे से महिला पुलिसकर्मी भी पहुंच गई महिला पुलिसकर्मी ने उक्त आरोपी प्रधान पर कार्रवाई करने की बात की जिस पर प्रभारी निरीक्षक ने मामला निपटाने का प्रयास किया जब महिला पुलिसकर्मी नहीं मानी और उसने उच्च अधिकारियों को फोन किया तब सेहरामऊ उत्तरी पुलिस ने मजबूरन पूर्व प्रधान के खिलाफ कई संगीन धाराओं में अभियोग पंजीकृत करने के बाद उसे जेल भेज दिया सूत्रों से यह भी जानकारी मिल रही है कि पूर्व प्रधान प्रभारी निरीक्षक सेहरामऊ उत्तरी का करीबी है जो आए दिन घंटों थाने में प्रभारी निरीक्षक के आवास में बैठता है व साथ में ही नाश्ता पानी करता है।

अलगः झूम कॉल्स ने तेजी से पसारे पैर

मेक्सिको। कोरोना वायरस की वजह से दुनिया  वो समय देख रही है,  जिसकी किसी ने कल्पना भी नहीं की थी। इस वायरस ने दुनिया कई देशों को लॉकडाउन कर दिया। फैक्ट्रीज, दुकानें, ऑफिस, स्कूल-कॉलेज सब बंद हो गए। ऐसे में वीडियो कॉल ही अब अपने काम को आगे बढ़ाने का विकल्प बन सामने आया। ख़ासतौर पर लॉकडाउन में जूम कॉल्स ने काफी तेजी से अपने कदम जमाए हैं। कई संस्थानों, चाहे ऑफिशियल हो या एजुकेशनल, जूम कॉल से ही मीटिंग्स कर रहे हैं। इस बीच  मेक्सिको में सत्ताधारी सरकार ने जूम कॉल पर अपने नेताओं के साथ मीटिंग की। इसमें सरकार के सभी मंत्री मौजूद थे। लेकिन अचानक एक नेता उठी और अपने कपड़े उतारने लगी। इसे सभी ने देखा तो ऑनलाइन मीटिंग में ही हड़कंप मच गया। दरअसल, एक ग़लतफ़हमी के कारण ऐसा हुआ था। ये किसी के साथ भी हो सकता है। बाद में खुद महिला मंत्री ने इसका खुलासा किया…


मामला 29 मई का है। जब मेक्सिकन गवर्नमेंट ऑनलाइन मीटिंग कर रही थी। इस मीटिंग में सरकार में शामिल सारे नेता, सीनेटर शामिल थे। तभी 66 साल की सीनेटर मार्था लुसिया मीचेर उठी और सबके सामने अपने कपड़े उतरने लगी। ये देख मीटिंग में शामिल सभी लोग हैरान रह गए। इस मीटिंग में नेशनल रिजनरेशन मूवमेंट पॉलिटिकल पार्टी के नेता, बैंक ऑफ़ मेक्सिको के कर्मचारी और कई पत्रकार भी शामिल थे। इनके सामने ही सीनेटर ने कपड़े उतार दिए।


इस मीटिंग के स्क्रीनशॉट्स काफी तेजी से वायरल हो रहे हैं। ये मीटिंग कोरोना के कारण देश के आर्थिक स्थिति पर पड़ रहे असर को लेकर आयोजित थी। इस मीटिंग में शामिल किसी सदस्य ने इसका स्क्रीनशॉट वायरल कर दिया। इस घटना के बाद सीनेटर मार्था ने सबसे माफ़ी मांगी। उन्होंने बताया कि गलती से ऐसा हो गया। उन्होंने कपड़े चेंज करने से पहले वीडियो ऑफ किया था। लेकिन गलती से उन्होंने सिर्फ ऑडियो म्यूट कर दिया  और कपड़े चेंज करने लगी।


तस्वीर के वायरल होने के बाद लोगों ने सीनेटर मार्था पर जमकर निशाना साधा। कई लोगों ने इस हरकत को पब्लिसिटी स्टंट कहा। कई ने सीनेटर का मजाक भी उड़ाया। लेकिन सीनेटर ने आलोचकों को जोरदार जवाब दिया।  उन्होंने कहा कि जो भी हुआ, वो नहीं होना चाहिए था। उनसे एक ग़लतफ़हमी के कारण ऐसा हो गया। लेकिन उन्हें जिस तरह से बुली किया जा रहा है, वो गलत है। उन्हें बॉडी शेम किया जा रहा है, जो गलत है।


उन्होने कहा कि उन्हें अपनी बॉडी पर कोई अफ़सोस नहीं है। वो खूबसूरत हैं और उन्हें इसका मलाल नहीं है। जो हुआ वो दुर्घटना थी। लेकिन अब जिसने भी इसका स्क्रीनशॉट वायरल किया है, उसकी तलाश की जा रही है। साथ ही फोटो वायरल करने वाले पर कार्यवाई की जाएगी।


40 टीवी चैनल बंद होने के कगार पर

नई दिल्ली। कोविड-19 की वजह से हुए लॉकडाउन ने टीवी उद्योग को बहुत प्रभावित किया है और ऐसा माना जा रहा है कि इस हफ्ते मनोरंजन चैनल एएक्सएन और एएक्सएन एचडी और न्यूज़ चैनल दिल्ली आज तक का प्रसारण बंद हो सकता है। ऐसा माना जा रहा है कि यह मामले और बढ़ सकते हैं।


सोनी पिक्चर्स नेटवर्क्स इंडिया ने इस महीने घोषणा की कि वह 1 जुलाई 2020 से अपने लोकप्रिय अंग्रेजी मनोरंजन चैनलोंं और axn को बंद कर देगा। उसी दिन, जो इंडिया टूडे समूह का ही एक हिंदी समाचार चैनल है आपकी टेलीविजन स्क्रीन से गायब हो जाएगा। टेलीविज उद्योग में यह विकट स्थिति लॉकडाउन की वजह से विज्ञापन में रेवेन्यू में कमी और ठप शूटिंग की वजह से लेना पड़ा है। लॉकडाउन की वजह से टेलीविजन उद्योग पर गहरी मार पड़ी है। हालांकि चैनल ने अपने बयान में चैनल बंद होने का कारण कोविड -19, लॉकडाउन को नहीं बताया है लेकिन इस उद्योग से जुड़े सूत्रों का कहना है कि लॉकडाउन की वजह से प्रसारण व्यवसाय पर बुरा प्रभाव पड़ा है। अप्रैल में बार्क- निलसन रिपोर्ट के अनुसार, सामान्य मनोरंजन चैनल अकेले जनवरी की तुलना में लॉकडाउन की वजह से विज्ञापन नहीं मिलने के कारण 26 फीसदी तक घाटे में रहे हैं। समाचार चैनल भी प्रभावित हुए हैं। लॉकडाउन के दौरान उनकी बढ़ी व्यूअरशिप ने विज्ञापन और रेवेन्यू जेनरेट करने में कोई मदद नहीं की है।


रेटिंग एजेंसी आसीआरए ने गुरुवार को कहा कि कोविड -19 के प्रभाव के कारण फिल्म निर्माण और प्रदर्शनी, प्रिंट मीडिया और टेलीविजन प्रसारण क्षेत्रों का क्रेडिट आउटलुक निगेटिव रहा है। तीन चैनल हो रहे हैं बंद
एएक्सएन और एएक्सएन- इंडिया जिसने भारतीय दर्शकों को अंतरराष्ट्रीय शो जैसे शेरलॉक एंड सेक्स और दि सिटी जैसे शो दिखाए. कथित तौर पर भारत के शीर्ष अंग्रेजी मनोरंजन चैनलों में इसे रैंक हांसिल हैं। सोनी पिक्चर्स नेटवर्क्स इंडिया ने उद्योग से जुड़ी खबरों के लिए एक पोर्टल ड्रीमडीटीएच को बताया कि वह इन चैनलों को बंद करने की निर्णय की घोषणा करते हुए कंपनी के ‘विकास रणनीति’ को ध्यान में रखे हुए हैं और ‘चैनल पोर्टफोलियो’को ध्यान में रख कर कर रहे हैं।उन्होंने कहा,’यही वजह है कि हमने AXN और AXN HD को बंद करने का फैसला किया है। इसी बीच इंडिया टूडे बीएसई की अपनी फाइलिंग में बताया है कि दिल्ली-एनसीआर की खबरों पर ध्यान केंद्रित करने वाली दिल्ली आजतक ने 2019-20 में कंपनी के राजस्व में 1 फीसदी से भी कम का योगदान दिया है।


‘डीएटी (Dilli Aaj Tak) का व्यवसाय पिछले कुछ वर्षों में विकसित नहीं हुआ है, इसलिए डीएटी के प्रसारण और संचालन को जारी रखना व्यवहार्य नहीं है, इस चैनल में काम करने वाले कुछ लोगों ने कहा है कि उन्हें 2 जून को यह सूचना दी गई जिसके अनुसार उनके प्रमुख चैनल ‘आजतक’ में उन्हें अधिक प्रभावी ढंग से काम करने का मौका मिल सकता है।हालांकि, उद्योग जगत से जुड़े अंदरूनी सूत्रों ने कहा कि चैनलों में मौजूदा नौकरियां प्रभावित नहीं होंगी क्योंकि कर्मचारी को दूसरे वर्टिकल में शामिल किया जाएगा।अनुमान है 30-40 चैनल होंगे प्रभावित
पिछले महीने जारी ताजा फिक्की-ईवाई रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय मीडिया और मनोरंजन क्षेत्र – जिसमें समाचार पत्र, समाचार और मनोरंजन टीवी चैनल, रेडियो और सिनेमा शामिल हैं, का मूल्य 1.82 ट्रिलियन रुपये है. इसने 2018 में 9 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की। लेकिन यह लॉकडाउन से बहुत प्रभावित हुआ है, जिसने समग्र रूप से अर्थव्यवस्था पर भारी असर डाला है। उद्योग के एक सूत्र ने कहा कि छोटे खिलाड़ियों को इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा, अगर स्थिति में सुधार नहीं हुआ तो लगभग 40 टीवी चैनल बंद हो सकते हैं. ‘ हम अनुमान लगा रहे हैं कि अगर स्थिति में सुधार नहीं हुआ तो लगभग 30-40 टेलीविजन चैनलों को अपना ऑपरेशन बंद करना पड़ेगा। सूत्र के अनुसार, कई उद्योग निकायों ने केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्रालय से कई मामलों में राहत मांगी है, जो इस क्षेत्र की देखरेख करता है। ‘अब तक उद्योग की मांगों पर कोई प्रगति नहीं हुई है। सरकार को उद्योग को पुनर्जीवित और सुधार के लिए सुझाए गए कदमों पर काम करना बाकी है। तीन चीजों पर तुरंत लेना होगा एक्शन
उद्योग जगत के एक दूसरे शीर्ष सूत्र ने कहा कि सरकार को दिए गए सुझावों में से कम से कम तीन उपायों पर गौर करने की तत्काल आवश्यकता है, जिसमें भारत के वॉचडॉग टेलीविजन नियामक प्राधिकरण (ट्राई) द्वारा ‘लगातार हस्तक्षेप’ करना शामिल है, जिसमें वो व्यापार मॉडल और निवेश के फैसले को बाधित करने का दावा करते हैं भी शामिल हैं।


‘हस्तक्षेप’ में इस साल जनवरी में जारी किया गया नया टैरिफ ऑर्डर (NTO) शामिल है। एनटीओ प्रति चैनल 12 रुपये की एमआरपी अनिवार्य करता है, जो पहले 19 रुपये थी। यह प्रतिबंध की चैनल के समूह को ऑफर को यह प्रमोट करने से रोकता कि कौन कौन सा चैनल देखना चाहता है। उद्योग के अंदरूनी सूत्रों का कहना है कि ब्रॉडकास्टरों को इस तरह के प्रतिबंधों से बाध्य नहीं किया जाना चाहिए। उनका दावा क हैं कि इस से उपभोक्ताओं के लिए खर्च बढ़ेगा और उद्योग भी प्रभावित होगा। सूत्र ने यह भी बताया, सरकार ने इस मामले में हस्तक्षेप करने से इसलिए इनकार कर दिया कि यह मामला अदालत में हैं। बता दें कि ब्रॉडकास्टरों ने एनटीओ के खिलाफ केस दायर किया है। अदालत ने मामले में मार्च में अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है। अर्थव्यवस्था को पुनर्जीवित करने के लिए प्रधानमंत्री के आह्वान का हवाला देते हुए, सूत्र ने कहा, मंत्रालय को तुरंत एनटीओ पर रोक लगाना चाहिए। दूसरे, सूत्र ने कहा, प्रसारकों को भी राजस्व में गिरावट का सामना करना पड़ रहा है क्योंकि मल्टी-सिस्टम ऑपरेटर, जो कई केबल टेलीविजन सिस्टम चलाते हैं, उन्हें भुगतान नहीं कर रहे हैं क्योंकि वे खुद लॉकडाउन के कारण ग्राहकों से नकदी एकत्र करने में असमर्थ हैं। सूत्र ने कहा, ‘मौजूदा स्थिति में, सरकार के एक तत्काल हस्तक्षेप की जरूरत है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि ब्रॉडकास्टरों के भुगतान प्रभावित न हों और नकद राशि एकत्र की जा सके। सूत्र ने कहा कि जब छोटे फल व्यापारी और सब्जी बेचने वाले लोग पैसे विभिन्न डिजिटल एप्लीकेशन से एकत्र कर सकते हैं तो समझ नहीं आता कि एमएसओ को ऐसा करने के क्यों रोका जा रहा है।ब्रॉडकास्टर ने सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय से कहा है कि या तो वह तत्काल प्रभाव से एडवायजरी जारी कर एक अल्पकालिक उपाय जारी करें या ट्राई को आदेश दें, जिससे कि वितरक डिजिटल भुगतान कलेक्शन कर सकें। यही नहीं उद्योग ने सरकार को अपने 200 करोड़ के विज्ञापनों के ड्यू को जल्दी से जल्दी क्लीयर करने के लिए कई याचिका भी सबमिट की है। ब्यूरो ऑफ आउटरीच एंड कम्युनिकेशन (BOC),आईबी मंत्रालय के तहत एक इकाई है जो मीडिया रणनीति पर प्रशासन को सलाह देती है, छोटे और मध्यम प्रसारकों का सहारा भी देती है। सूत्र ने कहा कि अभी लिए गए ये कदम प्रसारण के क्षेत्र में सामान्य स्थिति लाने में बड़ा योगदान देंगे। शिकायतों के बारे में पूछे जाने पर, ‘आईबी मंत्रालय के सूत्रों ने कहा कि वे प्रसारकों के बकाया को जल्द से जल्द अदा करने को लेकर काम कर रहे हैं। साथ ही यह भी कहा कि बीओसी के ‘सीमित कर्मचारी’ एक चुनौती साबित हो रहे हैं. उन्होंने कहा कि सुझाए गए उपायों को ‘देखा’ जा रहा है।’ सरकार ने अब तक क्या किया है?
जैसा कि देश ने कई चरणों में लॉकडाउन को समाप्त करने की तैयारी की है, और महाराष्ट्र भारत के मनोरंजन उद्योग के ग्राउंड जीरो है ने सावधानियों के साथ फिल्म और टीवी शूट को फिर से शुरू करने के लिए विस्तृत दिशानिर्देश जारी किए हैं। पिछले कुछ हफ्तों में, सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने प्रसारण क्षेत्र के प्रमुख हितधारकों से मुलाकात की और उनकी चिंताओं को सुना है। 29 मई को, मंत्रालय ने टीवी धारावाहिकों से जुड़े उत्पादकों और प्रसारकों को कलाकारों के भुगतान को मंजूरी देने के लिए कहा, और कहा कि सरकार मीडिया उद्योग को अपने बकाया का भुगतान करने के लिए काम कर रही है। एक सरकारी बयान के अनुसार, जावड़ेकर ने फिल्म निर्माताओं, थिएटर मालिकों और अन्य फिल्म उद्योग के प्रतिनिधियों के साथ मंगलवार को बैठक की, जिसमें उन्होंने कोविड -19 लॉकडाउन के कारण आने वाली चुनौतियों पर चर्चा की।


अपनी सेंट्रो कार छोड़कर भागे भैंस-चोर

अतुल त्यागी(मेरठ मंडल प्रभारी)

हापुड़। किसान के घर में तमंचा धारी बदमाशों का कहर तमंचे के बल पर भैंस खोल कर सेंट्रो कार से बांधकर दूसरी गाड़ी में भैंस चढ़ाने के दौरान ग्रामीणों पहुंचे मौके पर बदमाश सेंट्रो कार छोड़कर फरार।

जनपद हापुड़ के थाना धौलाना क्षेत्र में बदमाशों का कहर बदमाशों ने किसान के घर में तमंचे के बल पर घटना को दिया अंजाम इतना ही नहीं किसान की भैंस खोल कर सेंट्रो कार से बांधकर मौके से हुए फरार दूसरी गाड़ी में भैंस लेजाने का प्रयास ग्रामीणों में जाग होने के कारण काफी संख्या में एकत्रित होकर ग्रामीण पहुंचे मौके पर। सेंट्रो गाड़ी छोड़कर बदमाश हुए मौके से फरार ग्रामीणों ने तोड़ी बदमाशों की गाड़ी, काफी देर तक ग्रामीण करते रहे पुलिस को फोन लेकिन पुलिस के समय पर नहीं पहुंचने पर ग्रामीणों में रोष की लहर, जनपद हापुड़ के थाना धौलाना क्षेत्र के गांव सोलाना देर रात का मामला

क्वॉरेंटाइन में लोगों का निरीक्षण किया

प्रयागराज। जिलाधिकारी प्रयागराज श्री भानु चंद्र गोस्वामी ने वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक श्री सत्यार्थ अनिरुद्ध पंकज के साथ संयुक्त रूप से कोविड-19 के सुरक्षा के दृष्टिगत बनाए गए अस्थाई जेल का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान जेल अधीक्षक ने अवगत कराया कि जेल को पूरी तरह से विसंक्रमित कर दिया गया है।उन्होंने बताया कि वर्तमान में बैरक नंबर एक में कुल 96 कैदी तथा  बैरक नंबर दो में कुल 94 कैदी निरुद्ध हैं। निरीक्षण के दौरान बैरकों की साफ-सफाई संतोषजनक पाई गई। इस बारे में जानकारी लेने पर कैदियों ने बताया कि बैरकों में प्रतिदिन दो बार साफ सफाई कराई जाती है। कैदियों ने यह भी बताया कि नाश्ता व भोजन आदि पर्याप्त मात्रा में निश्चित समय पर उपलब्ध कराया जाता है। निरीक्षण के दौरान कैदियों से उनके स्वास्थ्य जैसे खांसी, बुखार या अन्य परेशानी के बारे में जानकारी भी ली गई। जिस पर कैदियों द्वारा बताया गया कि उन्हें अभी किसी प्रकार की परेशानी नहीं है फिर भी मौके पर उपस्थित जेल अधीक्षक को समय-समय पर कैदियों की थर्मल स्कैनिंग कराए जाने के लिए निर्देशित किया गया। बैरकों के हाते में कैदियों के लिए शौचालय व स्नानागार भी बनाया गया है।

निरीक्षण के दौरान बैरक के सामने लाइट हेतु ऊपर से लगाए गए तार को देखकर असंतोष व्यक्त करते हुए जिलाधिकारी ने कहा कि यहां तत्काल वायरिंग करा कर समुचित रूप से सुरक्षित व्यवस्था बनाई जाए। जिलाधिकारी ने जेल अधीक्षक को निर्देशित करते हुए कहा कि प्रतिदिन कम से कम 2 बार ब्लीचिंग युक्त घोल से पूरे बैरक को सैनिटाइज करवाया जाए। सभी कैदियों को आवश्यक रूप से मास्क उपलब्ध कराया जाए तथा सोशल डिस्टेंसिंग का समुचित अनुपालन सुनिश्चित किया जाए। जेल अधीक्षक ने बताया कि सभी कैदियों को निर्धारित मीनू के अनुसार अलग-अलग प्रकार का खाना उपलब्ध कराया जाता है उन्होंने यह भी बताया कि बैरक नंबर दो के सामने ही बने बैरक नंबर 3 को अस्थाई जेल के रूप में उपयोग किए जाने हेतु समस्त तैयारियां पूर्ण कर ली गई हैं जिसमें आज से निरुद्ध होने वाले कैदियों को रखा जाएगा। इस संबंध में जेल अधीक्षक को निर्देशित किया गया कि सुरक्षा की दृष्टि से समस्त आवश्यक व्यवस्थाएं तत्काल पूर्ण कराना सुनिश्चित करें तथा कोविड-19 हेतु जारी प्रोटोकॉल का पूर्णरूपेण अनुपालन सुनिश्चित किया जाए। इसमें किसी भी प्रकार की शिथिलता एवं लापरवाही ना बरती जाए।

रिपोर्ट बृजेश केसरवानी

गुंडागर्दी करने पर उपनिरीक्षक किया सस्पेंड

मुख्यमंत्री योगी ने दिखाई संवेदनशीलता

गुंडागर्दी पर दारोगा को सस्पेंड करने के बाद सैलरी रिकवरी करा के कराई गरीब दुकानदारों की भरपाई

 

प्रयागराज। एक बार फिर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का मानवीय चेहरा सामने आया है। सोशल मीडिया पर प्रयागराज के वायरल वीडियो का संज्ञान लेते हुए मुख्यमंत्री ने दारोगा सुमित आनंद को सस्पेंड कर दिया है। यही नहीं मुख्यमंत्री ने सब्जी विक्रेताओं के नुकसान की भरपाई दारोगा की तन्ख्वाह से किए जाने के निर्देश दिए हैं।

दरअसल प्रयागराज में घूरपुर इलाके में दारोगा सुमित आनंद ने अपनी वर्दी की हनक दिखाते हुए सब्जी विक्रेताओं की सब्जी को गाड़ी से रौंद दिया था। जिसका वीडियो वायरल हो गया। बात जब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ तक पहुंची तो उन्होंने तत्काल आरोपी दारोगा को निलंबित करने के आदेश दे दिया। यही नहीं जिन सब्जी विक्रेताओं का नुकसान हुआ था, उनकी रिकवरी दारोगा की तन्ख्वाह से कराई। इससे पहले भी कई बार मुख्यमंत्री ने मानवता दिखाते हुए वायरल वीडियो पर कार्रवाई के आदेश दिए हैं। हाल ही में मुख्यमंत्री ने लखनऊ के मोहनलालगंज के एक वायरल वीडियो का संज्ञान लेते हुए गरीब किसान रामसेवक को खाद्यान्न के साथ साथ दो लाख रुपये की आर्थिक सहायता भी दी थी।

बृजेश केसरवानी

सीएम ने जनसभा कर, मतदाताओं से संवाद किया

सीएम ने जनसभा कर, मतदाताओं से संवाद किया  संदीप मिश्र  बरेली। बरेली के आंवला में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को सुभाष इंटर कॉलेज ग्...