शनिवार, 6 जून 2020
लोनी विधायक की उपेक्षा करना अनुचित
प्रभारी निरीक्षक की जांच के दिए आदेश
अलगः झूम कॉल्स ने तेजी से पसारे पैर
मेक्सिको। कोरोना वायरस की वजह से दुनिया वो समय देख रही है, जिसकी किसी ने कल्पना भी नहीं की थी। इस वायरस ने दुनिया कई देशों को लॉकडाउन कर दिया। फैक्ट्रीज, दुकानें, ऑफिस, स्कूल-कॉलेज सब बंद हो गए। ऐसे में वीडियो कॉल ही अब अपने काम को आगे बढ़ाने का विकल्प बन सामने आया। ख़ासतौर पर लॉकडाउन में जूम कॉल्स ने काफी तेजी से अपने कदम जमाए हैं। कई संस्थानों, चाहे ऑफिशियल हो या एजुकेशनल, जूम कॉल से ही मीटिंग्स कर रहे हैं। इस बीच मेक्सिको में सत्ताधारी सरकार ने जूम कॉल पर अपने नेताओं के साथ मीटिंग की। इसमें सरकार के सभी मंत्री मौजूद थे। लेकिन अचानक एक नेता उठी और अपने कपड़े उतारने लगी। इसे सभी ने देखा तो ऑनलाइन मीटिंग में ही हड़कंप मच गया। दरअसल, एक ग़लतफ़हमी के कारण ऐसा हुआ था। ये किसी के साथ भी हो सकता है। बाद में खुद महिला मंत्री ने इसका खुलासा किया…
मामला 29 मई का है। जब मेक्सिकन गवर्नमेंट ऑनलाइन मीटिंग कर रही थी। इस मीटिंग में सरकार में शामिल सारे नेता, सीनेटर शामिल थे। तभी 66 साल की सीनेटर मार्था लुसिया मीचेर उठी और सबके सामने अपने कपड़े उतरने लगी। ये देख मीटिंग में शामिल सभी लोग हैरान रह गए। इस मीटिंग में नेशनल रिजनरेशन मूवमेंट पॉलिटिकल पार्टी के नेता, बैंक ऑफ़ मेक्सिको के कर्मचारी और कई पत्रकार भी शामिल थे। इनके सामने ही सीनेटर ने कपड़े उतार दिए।
इस मीटिंग के स्क्रीनशॉट्स काफी तेजी से वायरल हो रहे हैं। ये मीटिंग कोरोना के कारण देश के आर्थिक स्थिति पर पड़ रहे असर को लेकर आयोजित थी। इस मीटिंग में शामिल किसी सदस्य ने इसका स्क्रीनशॉट वायरल कर दिया। इस घटना के बाद सीनेटर मार्था ने सबसे माफ़ी मांगी। उन्होंने बताया कि गलती से ऐसा हो गया। उन्होंने कपड़े चेंज करने से पहले वीडियो ऑफ किया था। लेकिन गलती से उन्होंने सिर्फ ऑडियो म्यूट कर दिया और कपड़े चेंज करने लगी।
तस्वीर के वायरल होने के बाद लोगों ने सीनेटर मार्था पर जमकर निशाना साधा। कई लोगों ने इस हरकत को पब्लिसिटी स्टंट कहा। कई ने सीनेटर का मजाक भी उड़ाया। लेकिन सीनेटर ने आलोचकों को जोरदार जवाब दिया। उन्होंने कहा कि जो भी हुआ, वो नहीं होना चाहिए था। उनसे एक ग़लतफ़हमी के कारण ऐसा हो गया। लेकिन उन्हें जिस तरह से बुली किया जा रहा है, वो गलत है। उन्हें बॉडी शेम किया जा रहा है, जो गलत है।
उन्होने कहा कि उन्हें अपनी बॉडी पर कोई अफ़सोस नहीं है। वो खूबसूरत हैं और उन्हें इसका मलाल नहीं है। जो हुआ वो दुर्घटना थी। लेकिन अब जिसने भी इसका स्क्रीनशॉट वायरल किया है, उसकी तलाश की जा रही है। साथ ही फोटो वायरल करने वाले पर कार्यवाई की जाएगी।
40 टीवी चैनल बंद होने के कगार पर
नई दिल्ली। कोविड-19 की वजह से हुए लॉकडाउन ने टीवी उद्योग को बहुत प्रभावित किया है और ऐसा माना जा रहा है कि इस हफ्ते मनोरंजन चैनल एएक्सएन और एएक्सएन एचडी और न्यूज़ चैनल दिल्ली आज तक का प्रसारण बंद हो सकता है। ऐसा माना जा रहा है कि यह मामले और बढ़ सकते हैं।
सोनी पिक्चर्स नेटवर्क्स इंडिया ने इस महीने घोषणा की कि वह 1 जुलाई 2020 से अपने लोकप्रिय अंग्रेजी मनोरंजन चैनलोंं और axn को बंद कर देगा। उसी दिन, जो इंडिया टूडे समूह का ही एक हिंदी समाचार चैनल है आपकी टेलीविजन स्क्रीन से गायब हो जाएगा। टेलीविज उद्योग में यह विकट स्थिति लॉकडाउन की वजह से विज्ञापन में रेवेन्यू में कमी और ठप शूटिंग की वजह से लेना पड़ा है। लॉकडाउन की वजह से टेलीविजन उद्योग पर गहरी मार पड़ी है। हालांकि चैनल ने अपने बयान में चैनल बंद होने का कारण कोविड -19, लॉकडाउन को नहीं बताया है लेकिन इस उद्योग से जुड़े सूत्रों का कहना है कि लॉकडाउन की वजह से प्रसारण व्यवसाय पर बुरा प्रभाव पड़ा है। अप्रैल में बार्क- निलसन रिपोर्ट के अनुसार, सामान्य मनोरंजन चैनल अकेले जनवरी की तुलना में लॉकडाउन की वजह से विज्ञापन नहीं मिलने के कारण 26 फीसदी तक घाटे में रहे हैं। समाचार चैनल भी प्रभावित हुए हैं। लॉकडाउन के दौरान उनकी बढ़ी व्यूअरशिप ने विज्ञापन और रेवेन्यू जेनरेट करने में कोई मदद नहीं की है।
रेटिंग एजेंसी आसीआरए ने गुरुवार को कहा कि कोविड -19 के प्रभाव के कारण फिल्म निर्माण और प्रदर्शनी, प्रिंट मीडिया और टेलीविजन प्रसारण क्षेत्रों का क्रेडिट आउटलुक निगेटिव रहा है। तीन चैनल हो रहे हैं बंद
एएक्सएन और एएक्सएन- इंडिया जिसने भारतीय दर्शकों को अंतरराष्ट्रीय शो जैसे शेरलॉक एंड सेक्स और दि सिटी जैसे शो दिखाए. कथित तौर पर भारत के शीर्ष अंग्रेजी मनोरंजन चैनलों में इसे रैंक हांसिल हैं। सोनी पिक्चर्स नेटवर्क्स इंडिया ने उद्योग से जुड़ी खबरों के लिए एक पोर्टल ड्रीमडीटीएच को बताया कि वह इन चैनलों को बंद करने की निर्णय की घोषणा करते हुए कंपनी के ‘विकास रणनीति’ को ध्यान में रखे हुए हैं और ‘चैनल पोर्टफोलियो’को ध्यान में रख कर कर रहे हैं।उन्होंने कहा,’यही वजह है कि हमने AXN और AXN HD को बंद करने का फैसला किया है। इसी बीच इंडिया टूडे बीएसई की अपनी फाइलिंग में बताया है कि दिल्ली-एनसीआर की खबरों पर ध्यान केंद्रित करने वाली दिल्ली आजतक ने 2019-20 में कंपनी के राजस्व में 1 फीसदी से भी कम का योगदान दिया है।
‘डीएटी (Dilli Aaj Tak) का व्यवसाय पिछले कुछ वर्षों में विकसित नहीं हुआ है, इसलिए डीएटी के प्रसारण और संचालन को जारी रखना व्यवहार्य नहीं है, इस चैनल में काम करने वाले कुछ लोगों ने कहा है कि उन्हें 2 जून को यह सूचना दी गई जिसके अनुसार उनके प्रमुख चैनल ‘आजतक’ में उन्हें अधिक प्रभावी ढंग से काम करने का मौका मिल सकता है।हालांकि, उद्योग जगत से जुड़े अंदरूनी सूत्रों ने कहा कि चैनलों में मौजूदा नौकरियां प्रभावित नहीं होंगी क्योंकि कर्मचारी को दूसरे वर्टिकल में शामिल किया जाएगा।अनुमान है 30-40 चैनल होंगे प्रभावित
पिछले महीने जारी ताजा फिक्की-ईवाई रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय मीडिया और मनोरंजन क्षेत्र – जिसमें समाचार पत्र, समाचार और मनोरंजन टीवी चैनल, रेडियो और सिनेमा शामिल हैं, का मूल्य 1.82 ट्रिलियन रुपये है. इसने 2018 में 9 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की। लेकिन यह लॉकडाउन से बहुत प्रभावित हुआ है, जिसने समग्र रूप से अर्थव्यवस्था पर भारी असर डाला है। उद्योग के एक सूत्र ने कहा कि छोटे खिलाड़ियों को इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा, अगर स्थिति में सुधार नहीं हुआ तो लगभग 40 टीवी चैनल बंद हो सकते हैं. ‘ हम अनुमान लगा रहे हैं कि अगर स्थिति में सुधार नहीं हुआ तो लगभग 30-40 टेलीविजन चैनलों को अपना ऑपरेशन बंद करना पड़ेगा। सूत्र के अनुसार, कई उद्योग निकायों ने केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्रालय से कई मामलों में राहत मांगी है, जो इस क्षेत्र की देखरेख करता है। ‘अब तक उद्योग की मांगों पर कोई प्रगति नहीं हुई है। सरकार को उद्योग को पुनर्जीवित और सुधार के लिए सुझाए गए कदमों पर काम करना बाकी है। तीन चीजों पर तुरंत लेना होगा एक्शन
उद्योग जगत के एक दूसरे शीर्ष सूत्र ने कहा कि सरकार को दिए गए सुझावों में से कम से कम तीन उपायों पर गौर करने की तत्काल आवश्यकता है, जिसमें भारत के वॉचडॉग टेलीविजन नियामक प्राधिकरण (ट्राई) द्वारा ‘लगातार हस्तक्षेप’ करना शामिल है, जिसमें वो व्यापार मॉडल और निवेश के फैसले को बाधित करने का दावा करते हैं भी शामिल हैं।
‘हस्तक्षेप’ में इस साल जनवरी में जारी किया गया नया टैरिफ ऑर्डर (NTO) शामिल है। एनटीओ प्रति चैनल 12 रुपये की एमआरपी अनिवार्य करता है, जो पहले 19 रुपये थी। यह प्रतिबंध की चैनल के समूह को ऑफर को यह प्रमोट करने से रोकता कि कौन कौन सा चैनल देखना चाहता है। उद्योग के अंदरूनी सूत्रों का कहना है कि ब्रॉडकास्टरों को इस तरह के प्रतिबंधों से बाध्य नहीं किया जाना चाहिए। उनका दावा क हैं कि इस से उपभोक्ताओं के लिए खर्च बढ़ेगा और उद्योग भी प्रभावित होगा। सूत्र ने यह भी बताया, सरकार ने इस मामले में हस्तक्षेप करने से इसलिए इनकार कर दिया कि यह मामला अदालत में हैं। बता दें कि ब्रॉडकास्टरों ने एनटीओ के खिलाफ केस दायर किया है। अदालत ने मामले में मार्च में अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है। अर्थव्यवस्था को पुनर्जीवित करने के लिए प्रधानमंत्री के आह्वान का हवाला देते हुए, सूत्र ने कहा, मंत्रालय को तुरंत एनटीओ पर रोक लगाना चाहिए। दूसरे, सूत्र ने कहा, प्रसारकों को भी राजस्व में गिरावट का सामना करना पड़ रहा है क्योंकि मल्टी-सिस्टम ऑपरेटर, जो कई केबल टेलीविजन सिस्टम चलाते हैं, उन्हें भुगतान नहीं कर रहे हैं क्योंकि वे खुद लॉकडाउन के कारण ग्राहकों से नकदी एकत्र करने में असमर्थ हैं। सूत्र ने कहा, ‘मौजूदा स्थिति में, सरकार के एक तत्काल हस्तक्षेप की जरूरत है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि ब्रॉडकास्टरों के भुगतान प्रभावित न हों और नकद राशि एकत्र की जा सके। सूत्र ने कहा कि जब छोटे फल व्यापारी और सब्जी बेचने वाले लोग पैसे विभिन्न डिजिटल एप्लीकेशन से एकत्र कर सकते हैं तो समझ नहीं आता कि एमएसओ को ऐसा करने के क्यों रोका जा रहा है।ब्रॉडकास्टर ने सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय से कहा है कि या तो वह तत्काल प्रभाव से एडवायजरी जारी कर एक अल्पकालिक उपाय जारी करें या ट्राई को आदेश दें, जिससे कि वितरक डिजिटल भुगतान कलेक्शन कर सकें। यही नहीं उद्योग ने सरकार को अपने 200 करोड़ के विज्ञापनों के ड्यू को जल्दी से जल्दी क्लीयर करने के लिए कई याचिका भी सबमिट की है। ब्यूरो ऑफ आउटरीच एंड कम्युनिकेशन (BOC),आईबी मंत्रालय के तहत एक इकाई है जो मीडिया रणनीति पर प्रशासन को सलाह देती है, छोटे और मध्यम प्रसारकों का सहारा भी देती है। सूत्र ने कहा कि अभी लिए गए ये कदम प्रसारण के क्षेत्र में सामान्य स्थिति लाने में बड़ा योगदान देंगे। शिकायतों के बारे में पूछे जाने पर, ‘आईबी मंत्रालय के सूत्रों ने कहा कि वे प्रसारकों के बकाया को जल्द से जल्द अदा करने को लेकर काम कर रहे हैं। साथ ही यह भी कहा कि बीओसी के ‘सीमित कर्मचारी’ एक चुनौती साबित हो रहे हैं. उन्होंने कहा कि सुझाए गए उपायों को ‘देखा’ जा रहा है।’ सरकार ने अब तक क्या किया है?
जैसा कि देश ने कई चरणों में लॉकडाउन को समाप्त करने की तैयारी की है, और महाराष्ट्र भारत के मनोरंजन उद्योग के ग्राउंड जीरो है ने सावधानियों के साथ फिल्म और टीवी शूट को फिर से शुरू करने के लिए विस्तृत दिशानिर्देश जारी किए हैं। पिछले कुछ हफ्तों में, सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने प्रसारण क्षेत्र के प्रमुख हितधारकों से मुलाकात की और उनकी चिंताओं को सुना है। 29 मई को, मंत्रालय ने टीवी धारावाहिकों से जुड़े उत्पादकों और प्रसारकों को कलाकारों के भुगतान को मंजूरी देने के लिए कहा, और कहा कि सरकार मीडिया उद्योग को अपने बकाया का भुगतान करने के लिए काम कर रही है। एक सरकारी बयान के अनुसार, जावड़ेकर ने फिल्म निर्माताओं, थिएटर मालिकों और अन्य फिल्म उद्योग के प्रतिनिधियों के साथ मंगलवार को बैठक की, जिसमें उन्होंने कोविड -19 लॉकडाउन के कारण आने वाली चुनौतियों पर चर्चा की।
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