मंगलवार, 2 जून 2020

एनडीआरएफ की टीमों ने संभाला मोर्चा

मुंबई। अरब सागर में हवा का कम दबाव का क्षेत्र बन गया है, जिसके एक विकराल चक्रवाती तूफान में बदलने की आशंका है, जो तीन जून को उत्तरी महाराष्ट्र और दक्षिण गुजरात तटों से होकर गुजरेगा। इससे मुंबई के अत्याधिक प्रभावित होने की आशंका है। ऐसे में वहां तैयारियां तेज हो गई हैं। चक्रवाती तूफान के उत्तर कोंकण के किनारे आने के अनुमान के चलते NDRF की टीमें संभावित इलाकों में तैनात कर दी गई हैं। मुम्बई, ठाणे के साथ पालघर में भी रेड अलर्ट जारी किया गया है। पालघर में NDRF की दो टीमें तैनात की गई हैं। जो आज सुबह से समुद्र किनारे बसे गांवो में जाकर मकानों के सर्वे करेंगी। जिला प्रशासन की तरफ से कच्चे मकानों में रहने वालों को स्कूल और दूसरे सुरक्षित ठिकानों पर ले जाने का आदेश कल ही जारी कर दिया गया था। साथ ही  मछुआरों को भी अपनी नाव वापस लाने को कहा गया है। बीएसमी ने ट्विटर के माध्यम से जानकारी दी है कि सभी लोगों को सुरक्षित इलाकों में पहुंचाया जा रहा है।


बीएमसी ने मुंबई के बड़े औद्योगिक प्रतिष्ठानों पेट्रोकेमिकल कंपनियों को निर्देश दिए हैं कि वह अपने सामानों और संसाधनों की सुरक्षा के लिए जरूरी कदम उठाएं। इसके अलावा सभी अस्पतालों को भी निर्देश दिए गए हैं कि किसी भी स्थिति में अस्पतालों में बिजली आपूर्ति बधित नहीं होनी चाहिए, वह अपने जेनरेटरों व दूसरी व्यवस्थाओं को पूरी दुरुस्त रखें। चक्रवाती तूफान की चपेट में रायगढ़ का समुद्र किनारा भी आ सकता है इसलिए वहां भी एतिहाति कदम उठाए जा रहे हैं। महाराष्ट्र में अलग अलग इलाकों में कुल 10 NDRF की टीमें तैनात की गई हैं।


मौसम विज्ञान विभाग ने सोमवार को कहा कि दबाव बढ़कर गहरे दबाव क्षेत्र में बदलेगा और आज शाम तक वह किसी भी चक्रवात के तीसरे या चौथे चरण में पहुंच जाएगा। आईएमडी के चक्रवात चेतावनी प्रभाग ने कहा कि दो जून तक यह एक चक्रवाती तूफान का रूप ले लेगा। चक्रवात चेतावनी प्रभाग ने कहा, ‘‘ इस तूफान के दो जून सुबह उत्तर की ओर बढ़ने की आशंका है और फिर यह उत्तर-पूर्व की ओर मुड़ेगा और तीन जून शाम या रात को हरिहरेश्वर (रायगढ़, महाराष्ट्र) और दमन के बीच उत्तर महाराष्ट्र और दक्षिण गुजरात के तटों को पार करेगा'। रायगढ़ और दमन के बीच लगभग 260 किलोमीटर में फैला यह हिस्सा देश के सबसे अधिक जनसंख्या घनत्व वाले स्थानों में से एक है। मुंबई के अलावा, इससे ठाणे, नवी-मुम्बई, पनवेल, कल्याण-डोम्बिवली, मीरा-भयंदर, वसई-विरार, उल्हासनगर, बदलापुर और अंबरनाथ जैसे शहर भी प्रभावित होंगे।


बिहार में भाजपा ने फूंका चुनावी बिगुल

पटना। कोरोना संकट काल के बीच भाजपा ने अपने 6 साल पूरे किए हैं। केंद्र में भारतीय जनता पार्टी ने इस दौरान कई तरह के काम किए हैं। चाहे वो कश्मीर का मुद्दा हो या तीन तलाक का मुद्दा इत्यादि। लेकिन अब आगामी  विधानसभा चुनाव के मद्देनजर बिहार भाजपा ने चुनावी बिगूल फूंक दिया है। पार्टी ने दो बड़ी डिजिटल रैली करने की घोषणा की है। पहली वर्चुअल यानी डिजिटल रैली नौ जून को होगी, जिसे गृह मंत्री अमित शाह संबोधित करेंगे। दूसरी रैली की तिथि जल्द घोषित होगी जिसे भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा संबोधित करेंगे


सोमवार को बिहार भाजपा अध्यक्ष डॉ संजय जायसवाल ने मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का एक साल पूरा होने पर सरकार की उपलब्धियों के साथ ही पार्टी की गतिविधियों की विस्तार से जानकारी दी। डॉ जायसवाल ने दावा किया कि पीएम के मन की बात को बिहार में 60 हजार बूथों पर सप्तऋषि टीम के साथ सुना गया। 38 हजार बूथों की तस्वीर आ चुकी है।इसी से प्रेरित होकर पार्टी ने नौ जून को डिजिटल रैली करने का निर्णय लिया है। पार्टी के प्रदेश से लेकर जिला व मंडल स्तरीय पदाधिकारियों के साथ ही आम लोग भी चाहें तो वे ऑडियो,वीडियो कांफ्रेंसिंग या फेसबुक के माध्यम से गृह मंत्री अमित शाह को सुन व देख सकेंगे। दूसरी रैली की तिथि भी जल्द ही घोषित होगी जिसे भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा संबोधित करेंगे।


बिहार को 74 फीसदी राशि दे रहा केंद्र


एक सवाल के जवाब में प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि केंद्र सरकार के लिए बिहार हमेशा प्राथमिकता में रहा है।  बिहार को केंद्र से मिलने वाली हिस्सेदारी से दोगुनी राशि दी जा रही है। महाराष्ट्र का अपना संसाधन 74 फीसदी है तो केंद्र से 26 फीसदी राशि मिलती है जबकि बिहार का अपना संसाधन 26 फीसदी तो केंद्र से 74 फीसदी राशि मिलती है। गोपालगंज हत्याकांड पर कहा कि दोषी कोई भी हो, कानून अपना काम करेगा। दोषी बख्शे नहीं जाएंगे। डिजिटल चुनाव का फैसला चुनाव आयोग को लेने की बात करते हुए डिजिटल चुनावी तैयारी जारी रखने पर बल दियाबिहार भाजपा अध्यक्षने केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह की ओर से ब्रह्मेश्वर मुखिया को शहीद कहे जाने से अनभिज्ञता जताई। विधायक अनिल शर्मा पर कार्रवाई के सवाल पर कहा कि वे अपनी बीमारी बेटी को कोटा से लाने गए थे। कोरोना काल में 20 लाख करोड़ का पैकेज मिलने से लेकर मोदी सरकार की ओर से किए गए तमाम कार्यों पर प्रदेश अध्यक्ष ने विस्तार से अपनी बात रखी। कहा कि बिहार के जो भी योग्य लोग होंगे, उन्हें छोटे-बड़े उद्योग लगाने में सहायता मिलेगी। मौके पर देवेश कुमार, राजीव रंजन, सुरेश रूंगटा आदि नेता मौजूद थे।


डीएम ने आयुष रक्षा किट वितरित किया

हल्द्वानी। उत्तराखण्ड सरकार द्वारा आयुर्वेदिक व यूनानी विभाग के माध्यम से फ्रंटलाइन कोरोना वारियर्स, नगर निगम के सफाई कर्मियों, स्वास्थ्य एवं सुरक्षा कर्मियों को जिलाधिकारी सविन बंसल ने कैम्प कार्यालय में आयुष रक्षा किट वितरित किये गये। जिलाधिकारी श्री बंसल ने कहा कि आयुष रक्षा किट के औषधियों से लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढेगी।


बंसल ने कहा कि आयुर्वेदिक यूनानी विभाग द्वारा जनपद में एक लाख आयुष रक्षा किट फ्रंटलाइन कोरोना वारियर्स, सफाई कर्मियों, स्वास्थ्य, सुरक्षा के साथ ही अन्य विभागीय कर्मचारियों जो कोरोना मे कार्य कर रहे है को वितरित किया जयेगा ताकि वे स्वंय स्वस्थ रहकर कोरोना महामारी मे कार्य कर सकें।


जिला आयुर्वेदिक यूनानी अधिकारी डा. एमएस गुंज्याल ने बताया कि आयुष रक्षा किट रोग प्रतिरोधक औषधि का वितरण कोरोना वारियर्स को किया जा रहा है जिससे इम्युनिटी पावर बढेगी। आयुष किट में अश्वगंधा वटी, संशमनी वटी के साथ ही आयुष रक्षा क्वाथ में गिलोई, वासा, तुलसी,मधुयष्ठी, मारिच, पिप्पली, सौठ औषधि मिक्स है, जिससे व्यक्ति की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढेगी व कोरोना से बचाव होगा।


उन्होने बताया कि अभी पन्द्रह सौ किट विभाग को प्राप्त हुये है जिनका वितरण किया जा रहा है। 85 हजार किट शीघ्र वितरण के लिए मिलने वाली है, जिनका वितरण कोरोना वारियर्स को किया जायेगा। मौके पर अपर जिलाधिकारी एसएस जंगपांगी, नगर आयुक्त चन्द्र सिह मर्तोलिया, उपजिलाधिकारी गौरव चटवाल,नोडल अधिकारी आयुष्य मिशन डा. प्रदीप महरा आदि मौजूद


9 माह का बच्चा संक्रमित, अस्पताल में छोड़ा

रामपुर। दिल्ली के एम्स में नौ महीने के एक शिशु की मौत हो गई और उसके बाद पता चला कि बच्चा कोरोनावायरस से संक्रमित था। उसके बाद उसके माता-पिता उस बच्चे के शव को छोड़ कर रामपुर अपने घर को लौट आए। बच्चे के माता-पिता का पता लकागर अब उन्हें क्वारंटीन कर दिया गया है।


रामपुर के मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉ.सुबोध शर्मा ने कहा कि 29 मई को ब्रेन ट्यूमर से मौत होने से कुछ दिनों पहले ही कोरोनोवायरस परीक्षण के लिए बच्चे के नमूने एकत्र किए गए थे। सीएमओ ने कहा, “जब रिपोर्ट में मृत्यु के बाद बच्चे के संक्रमित होने की पुष्टि हुई, तो उसके माता-पिता ने एम्स अधिकारियों को यह लिखकर दिया कि वे अपने बेटे के शव को नहीं लेना चाहते हैं, जिसके बाद अधिकारियों ने उसका अंतिम संस्कार किया।”हालांकि, एम्स अधिकारियों ने रामपुर प्रशासन को मामले की जानकारी दी, जिसके बाद भैंसोरी शरीफ गांव में उनके होने का पता लगाया गया और रामपुर के ही एक नर्सिग होम में उन्हें क्वारंटीन किया गया। दिल्ली ले जाने से पहले बच्चे का ट्रीटमेंट यही चल रहा था।


रामपुर के जिलाधिकारी आंजनेय कुमार सिंह ने कहा, “एम्स के अधिकारियों ने मुझे फोन पर सूचित किया कि रामपुर जिले से एक नौ महीने के बच्चे की सर्जरी होने पहले ही ब्रेन ट्यूमर के कारण अस्पताल में मौत हो गई है। हालांकि जब जांच के नतीजे में बच्चे के कोरोनावायरस से संक्रमित होने की पुष्टि हुई, तब उसके माता-पिता शव को वहीं अस्पताल में छोड़कर वापस आ गए।”उन्होंने आगे कहा कि नर्सिग होम को सील करने का आदेश दिया गया, जहां बच्चे का पहले इलाज चल रहा था और वहां के सभी डॉक्टर्स व स्टाफ को क्वारंटीन किया गया। उनके नमूने कोरोना परीक्षण के लिए भेजे जा रहे हैं। सीएमओ ने कहा कि हालांकि बच्चे के माता-पिता ने कहा है कि एम्स में कोरोना के लिए उनके जांच के नतीजे नेगेटिव आए हैं, लेकिन फिलहाल के लिए उन्हें भी क्वारंटीन में रखा गया है और उनके नमूनों की फिर से जांच की जाएगी।


एमएसपी से किसान को फायदा नहीं होगा

नई दिल्ली। कांग्रेस ने कहा है कि न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) घोषित होने से किसान का फायदा नहीं होगा बल्कि इसके लिए फसल की खरीद जरूरी है और सरकार जिस तरह के कदम उठा रही है, उससे 10 साल तक भी किसान की आय दोगुनी नहीं होने वाली नहीं है।


कांग्रेस नेता सुनील जाखड़ ने मंगलवार को यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा कि महज एमएसपी की घोषणा से कुछ होने वाला नहीं है, इसका फायदा तब ही होगा जब किसान की फसल की खरीद की जाएगी। किसानों की फसलों की मंडी से जब सीधी खरीद होगी तब ही उसे फसल का लाभ मिल सकेगा लेकिन बिहार जैसे राज्यों में कहीं भी यह व्यवस्था विकसित ही नहीं की गयी है और किसान की खरीद के लिए कोई मंडी नहीं है तो किसान अपनी फसल कहां बेचेगा।


जाखड़ ने कहा कि एमएसपी बढाने की सरकार की घोषणा सुनने में बहुत अच्छी लगती है लेकिन किसान को यथार्थ में इन घोषणाओं का फायदा मिलता नहीं है। किसान की आय दोगुनी करने की बात भी सुनने में अच्छी लगती है लेकिन जो कदम उठाए जा रहे हैं उनको देखकर लगता है कि किसान की आय दस साल में भी दोगुनी नहीं होगी। किसानों के गोदाम भरे पड़े हैं लेकिन उनकी फसल की खरीद नहीं की जा रही है और उसे एमएसपी से भी बहुत कम दाम पर अपनी फसल बेचने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है।


उन्होंने कहा कि किसान सरकार से भीख नहीं मांग रहा है बल्कि अपनी मेहनत का पैसा मांग रहा है लेकिन मोदी सरकार का किसानों के प्रति सकारात्मक रुख नहीं है इसलिए उनके हितों के लिए कोई कदम नहीं उठाए जा रहे हैं। सरकार यदि किसानों की हितैषी होती तो उनके लिए सिर्फ घोषाणाएं करने की बजाय उन्हें फायदा देती और अगर उनकी सही तरह से मदद होती तो किसान आत्महत्या करने पर मजबूर नहीं होते।


कांग्रेस नेता ने कहा कि 80 फीसदी किसान एक या दो एकड़ जमीन का मालिक है। अगर उसकी पैदावार बेचने के लिए व्यवस्था नहीं की जायेगी और उसे उसकी मेहनत का पैसा नहीं मिलेगा तो बेचारा किसान मारा जाएगा। किसानों की फसल की खरीद उसकी ही जमीन पर होनी चाहिए क्योंकि वह अपनी फसल बेचने के लिए दूर नही जा सकता है। किसान के गोदामों में पड़ी उपज को वहीं से खरीदने की व्यवस्था की जानी चाहिए।


दिल्लीवासियों के लिए विशेष 'ऐप' जारी

नई दिल्ली। दिल्ली सरकार ने मंगलवार को एक विशेष ऐप जारी किया है। इस ऐप के जरिए कोरोना रोगी दिल्ली के विभिन्न अस्पतालों में अपने लिए बेड और वेंटिलेटर ढूंढ सकते हैं। दिल्ली सरकार द्वारा जारी किया गया है यह ऐप दिल्ली के अस्पतालों की जानकारी देगा। इसमें दिल्ली के सरकारी और प्राइवेट दोनों ही तरह के अस्पताल शामिल हैं।


दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने मंगलवार को यह ऐप लॉन्च किया। इस मौके पर उन्होंने कहा, “रोगियों की संख्या के मुकाबले अस्पताल के बेडए आईसीयू और वेंटिलेटर की कमी हो तो लोगों को दिक्कतें आएंगी। लेकिन दिल्ली में ऐसा नहीं है। यहां अभी 6731 बेड हैं जबकि केवल 2600 रोगी अस्पतालों में भर्ती हैं और दिल्ली में अभी भी करीब 4100 बेड खाली हैं।”


दिल्ली सरकार द्वारा लांच किया गया ऐप ‘दिल्ली कोरोना’ गूगल प्ले स्टोर से डाउनलोड किया जा सकता है या फिर 1031 हेल्पलाइन नंबर पर फोन करके इसकी जानकारी ली जा सकती है। इसके अलावा दिल्ली सरकार ने उसके लिए वेब पेज भी बनाया है।


मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा, “जिन अस्पतालों में यह ऐप खाली बेड दिखाता है और वहां जाने पर यदि कोरोना रोगी को अस्पताल में भर्ती न किया जाए तो ऐसे व्यक्ति 1031 नंबर पर फोन करके इसकी शिकायत दर्ज करा सकते हैं। यह शिकायत सीधे दिल्ली सरकार के स्पेशल हेल्थ सेक्रेट्री के पास जाएगी। वह तुरंत कार्रवाई करते हुए रोगी के लिए अस्पताल में बेड सुनिश्चित करवाएंगे।”


हालांकि इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने कहा, “यदि डॉक्टर रोगी को कहें कि उसे अस्पताल में भर्ती होने की आवश्यकता नहीं है तो ऐसे में लोगों को डॉक्टर की सलाह माननी चाहिए। ऐसे व्यक्ति जिनमें लक्षण नहीं है या फिर काफी हल्के लक्षण हैं उनका उपचार घर पर किया जा सकता है। हमारी टीम दिन में 2 बार ऐसे रोगियों से संपर्क करेगी। अगर घर में उपचार के दौरान स्थिति सीरियस होती है तो फिर आपके लिए अस्पताल में बेड सुनिश्चित किया जाएगा।”


17.77 करोड़ परिवारों में खाद्यान्न आवंटन

लखनऊ। कोरोना संकट के दौरान यूपी सरकार की संवेदनशीलता दिखी। गरीबों को न सिर्फ जरूरत के मुताबिक सहयोग मिला बल्कि लॉकडाउन के दो माह की अवधि में 17़ 77 करोड़ गरीब परिवारों व जरूरतमंदों को 29़ 66 लाख मीट्रिक टन राशन भी आवंटित हुआ। कोरोना संकट में उप्र ने सबसे ज्यादा राशन बांट कर एक कीर्तिमान बनाया है।


लॉकडाउन में जिस वक्त गरीब तबका इस बात को लेकर चितिंत था कि उसके भोजन की व्यवस्था कैसे होगी, उस वक्त मुख्यमंत्री योगी की अगुवाई वाली सरकार ने बिना देर किए अनाज के सरकारी गोदामों को जनता के लिए खोल दिया। दो महीने से 3़ 55 करोड़ लोगों को हर महीने दो बार राशन मुहैया करवाना शुरू किया और पांच चरणों में चले इस अभियान के तहत 17़ 77 करोड़ लोगों को चावल, चना और गेहूं उपलब्ध कराया गया। मुख्यमंत्री योगी की मंशा के अनुरूप खाद्य एवं रसद विभाग ने प्रत्येक लाभार्थी को सही समय पर खाद्यान्न तो उपलब्ध कराया ही, पहली जून से शुरू हुए पांचवें चरण के पहले दिन ही मुख्यमंत्री कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार, ” 31 लाख 12 हजार 258 राशन कार्ड पर 81,438़163 मीट्रिक टन खाद्यान्न को गरीबों व जरूरतमन्दों तक पहुंचाया है। इसमें 78,325़ 90 मीट्रिक टन चावल और 3,112़ 25 मीट्रिक टन चना शामिल रहा। इतना ही नहीं, इसके अलावा 11 लाख 34 हजार 942 राशन काडोर्ं पर 35,493़ 292 मीट्रिक टन निशुल्क खाद्यान्न भी बांटा गया।”


मुख्यमंत्री कार्यालय ने बताया कि देश के अन्य राज्यों से वापस हुए प्रवासी 1212 श्रमिकों को 16़ 696 मीट्रिक टन खाद्यान्न उपलब्ध करवा कर प्रदेश सरकार ने अपनी सहृदयता दिखाई है। इनमें 440 शहरी श्रमिकों में 6़ 409 मीट्रिक टन और ग्रामीण क्षेत्र के 772 श्रमिकों को उपलब्ध कराया गया 10़ 287 मीट्रिक टन खाद्यान्न शामिल है। इन्हें भी चावल, चना के साथ गेहूं दिया गया है। लॉकडाउन में प्रदेश सरकार ने अब तक चार चरणों में राशन आवंटित किया है। पांचवां चरण चल रहा है। अप्रैल में शुरू हुए प्रथम चरण में 3 करोड़ 53 लाख 63 हजार 963 लोगों में 747,324़ 650 मीट्रिक टन खाद्यान्न का आवंटन हुआ था। इसमें 96 लाख 22 हजार 404 लोगों को 265,360़ 285 मीट्रिक टन खाद्यान्न निशुल्क वितरित हुआ है।


द्वितीय चरण के अप्रैल में ही शुरू हुए प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत 3 करोड़ 57 लाख 39 हजार 226 लोगों को 686,145़ 660 मीट्रिक टन चावल का उपलब्ध कराया गया था। जिसमें 3 करोड़ 32 लाख 43 हजार 846 लोगों को 686,145़ 660 मीट्रिक टन नि शुल्क चावल बांटा गया है। मई में शुरू हुए तीसरे चरण के खाद्यान्न वितरण कार्यक्रम के तहत 3 करोड़ 53 लाख 19 हजार 530 लोगों को 756,626़ 490 मीट्रिक टन खाद्यान्न वितरित किया गया था। इनमें से 95 लाख 17 हजार 698 लोगों को 264,372़ 405 मीट्रिक टन निशुल्क उपलब्ध कराया गया तो इसी माह में चौथे चरण में शुरू हुए प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत 3 करोड़ 55 लाख 43 हजार 683 लोगों को 694,468़ 060 मीट्रिक टन खाद्यान्न वितरण कर प्रदेश सरकार ने गरीबों की पीड़ा को कम करने का प्रयास किया था। इसमें भी 3 करोड़ 34 लाख 85 हजार 84 लोगों को नि:शुल्क खाद्यान्न उपलब्ध कराने का कार्य परवान चढ़ाया गया था।


उत्तराखंडः 41 नए मामले, आंकड़ा एक हजार

देहरादून। उत्तराखंड में कोरोना का कहर जारी है। आज उत्तराखंड में कुल 41 मामले आए जिसके बाद प्रदेश में कोरोना मरीजों का आंकड़ा 100 के लगभग पहुँच गया है। वहीं बीते दिन रिकॉर्ड तोड़ मामले सामने आए हैं। हर दिन संक्रमितों का ग्राफ तेजी से बढ़ रहा है। दरअसल अकड़ा 1000 के करीब पहुंच गया है। शासन द्वारा जारी दोपहर 02 बजे के हेल्थ बुलेटिन के अनुसार कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या में 41 मरीजों की बढ़ोतरी हुई है। इसी के साथ राज्य में कुल संक्रमितों की संख्या 999 हो गई है। वही अब तक 243 मरीज स्वस्थ भी हो चुके है। अभी तक मिले मरीजों में चमोली 03, देहरादून 26 , हरिद्वार 01 और टिहरी में मरीज़ बढे। कोरोना वायरस थमने का नाम नहीं ले रहा।


क्वींस मैरी अस्पताल से नवजात को चुराया

लखनऊ। एक महिला ने क्वींस मैरी अस्पताल से एक नवजात को चुरा लिया। इसके बाद महिला समेत उसके पति को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है। महिला ने बच्चे के आगमन की खुशी में पड़ोसियों को केक बांटे थे। इससे घटना के बारे में सुराग मिला था।


डॉक्टरों ने सीमा शुक्ला नाम की एक महिला को बताया था कि वह मां नहीं बन सकती है। ऐसे में 24 मई को सीमा ने 12 दिन के एक बच्चे को अस्पताल से चुरा लिया था। क्वींस मैरी अस्पताल के पास नमकीन वगैरह बेचने वाले उसके पति ने ही अपनी पत्नी को इस बच्चे के बारे में बताया था। लापता बच्चे के पिता जगदीश ने इस संबंध में चौक पुलिस स्टेशन में एक प्राथमिकी दर्ज कराई थी।


जगदीश की पत्नी ममता ने 13 मई को सी-सेक्शन के जरिए अपने बच्चे को जन्म दिया, लेकिन 24 मई को उन्हें एक और सर्जरी करानी पड़ी थी। ममता को जब सर्जरी के लिए ले जाया जा रहा था, तब उसके पति जगदीश ने बच्चे को एक महिला को सौंप दिया, जिसका चेहरा ढंका हुआ था। उन्होंने अनुमान लगाया होगा कि शायद उक्त महिला अस्पताल की ही कोई स्टॉफ होगी। वापस आने पर उन्होंने देखा कि महिला बच्चे समेत गायब है। शिकायत दर्ज कराने के बाद पुलिस ने अस्पताल की सीसीटीवी फूटेज को खंगाला। करीब 250 परिवारों से पूछताछ की गई। इसके बाद सोमवार को सीमा और संजय पकड़े गए। स्टेशन हाउस ऑफिसर विश्वजीत सिंह ने कहा, “हमने अस्पताल के आस-पास के क्षेत्रों के सीसीटीवी फुटेज को स्कैन किया। महिला को रिक्शा पर सवार होकर डालीगंज चौराहे पर देखा गया। वहां से उसे रिवर बैंक कॉलोनी की ओर जाते देखा गया। इलाके में रहने वाले विभिन्न परिवारों से पूछताछ के दौरान एक व्यक्ति ने सूचित किया कि एक अर्धनिर्मित घर के पास केक बांटे गए थे, जहां दंपत्ति किराये पर रहते थे।


संजय ने पूछताछ के दौरान अपना जुर्म कबूल कर लिया।” इस बीच, संजय ने कहा कि एक गर्भपात हो जाने के बाद से उसकी पत्नी अवसाद में थी और डॉक्टरों ने उसे बताया था कि वह दोबारा गर्भवती नहीं हो पाएगी।


संकट के समय देश में उद्योग की ताकत

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना संकट के समय देश के उद्योग की ताकत की सराहना करते हुए मंगलवार को कहा कि आज देश में रोजाना तीन लाख पीपीई किट यानी पर्सनल प्रोटेक्टिव इक्वीपमेंट किट बनाए जा रहे हैं।


प्रधानमंत्री ने कहा कि कोरोना संकट का सामना करने के लिए महज तीन महीने में पीपीई किट बनाने वाली सैकड़ों कंपनियां खुल गई और इस तरह एक इंडस्ट्री खड़ी हो गई। प्रधानमंत्री यहां भारतीय उद्योग परिसंघ यानी सीआईआई की 125 साल गिरह पर वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिए देश के उद्योग जगत को संबोधित कर रहे थे। इस मौके पर उन्होंने कहा कि भारत जल्द ही अपने विकास की रफ्तार को वापस हासिल करेगा। मोदी ने कहा, “वी विल गेट ग्रोथ बैक यानी हम विकास की रफतार वापस हासिल करेंगे।”


कोरोना आधारित विश्व का पहला 'उपन्यास'

नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश में कानपुर के एक युवा कॉलेज छात्र ने कोरोना महामारी पर लॉकडाउन में अंग्रेजी में एक उपन्यास लिख डाला है जिसका लोकार्पण 10 जून को होने वाला है। अठारह वर्षीय छात्र यश तिवारी ने दावा किया है कि उनका यह उपन्यास भारत का ही नही बल्कि दुनिया का कोरोना संकट पर पहला उपन्यास है।


कानपुर में जागरण कालेज में पत्रकारिता के छात्र यश तिवारी का कहना है कि ‘पैनेडेमिक 2020′ नामक उनका यह उपन्यास पहले ई बुक के रूप में और उसके बाद प्रिंट के रूप में निकल रहा है। दस जून को इसे ऑनलाइन लांच किया जा रहा है । यह किंडल और अमेज़न पर भी उपलब्ध होगा।


उन्होंने बताया कि कोरोना पर किताबें तो आई है लेकिन यह पहला उपन्यास है। अंग्रेजी में 50 हज़ार शब्दों के उपन्यास को ही उपन्यास माना जाता है। उनका उपन्यास 14 अध्यायों में है। इसमे चार देश की घटनाएं शामिल हैं जिनमें भारत के अलावा चीन अमेरिका और इटली भी शामिल है। इस उपन्यास की घटनाएं सत्य है पर पात्र काल्पनिक हैं। यश तिवारी 16 साल की उम्र में पहला अंग्रेजी उपन्यास ‘ए सेलिबरेशन इन टरबुलेंस’ लिख चुके हैं और उन्हें कई पुरस्कार भी मिले है। वह एक प्रेरक वक्ता भी हैं।


कई आतंकियों को मुख्यधारा में ले आए

श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर में पुलवामा जिले के त्राल में मंगलवार तड़के घेराबंदी एवं तलाश अभियान के दौरान सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में दो आतंकवादी मारे गये। पुलिस महानिदेशक दिलबाग सिंह ने बताया कि पुलवामा जिले में त्राल के सोइमोह गांव में आतंकवादियों के छुपे होने की खुफिया जानकारी मिलने पर राष्ट्रीय राइफल्स, जम्मू-कश्मीर पुलिस के विशेष अभियान समूह और केंद्रीय सशस्त्र अर्धसैनिक बल के जवानों ने तड़के करीब तीन बजे संयुक्त अभियान चलाया।


उन्होंने बताया कि सुरक्षा बलों के जवान जब गांव में एक लक्षित क्षेत्र की ओर बढ़ रहे थे, वहां छुपे आतंकवादियों ने उन पर अत्याधुनिक स्वचालित हथियारों से गोलीबारी शुरू कर दी। सिंह ने बताया कि सुरक्षा बलों ने इलाके की चारो ओर से घेराबंदी करने के बाद आतंकवादियों को आत्मसमर्पण के लिए कहा लेकिन वे गोलीबारी करते रहें। इस पर सुरक्षा बलों को भी जवाबी कार्रवाई करनी पड़ी जिसमें एक आतंकवादी मारा गया। इसके बाद कुछ समय तक गोलीबारी रुकी रही। थोड़ी देर बाद दोबारा शुरू हुई मुठभेड़ में दूसरा आतंकवादी भी मारा गया। उनके पास से भारी मात्रा में गोला-बारूद और हथियार बरामद किये गये हैं।उन्होंने बताया कि सुरक्षा बलों का अभियान समाप्त हो गया है लेकिन तलाशी अभी जारी है। पुलिस महानिदेशक ने बताया कि कुलगाम में पिछले दिनों हुई मुठभेड़ के दौरान भी सुरक्षा बल आतंकवादियों से आत्मसमर्पण के लिए कहते रहें लेकिन वे नहीं माने। उन्होंने कहा, “हम उनके आत्मसमर्पण के लिए प्रयास करते हैं, हम उनकी जान बचाना चाहते हैं लेकिन पाकिस्तानी एजेंसियां उन्हें हिंसा के लिए उकसाती हैं।”


सिंह ने कहा, “हम अपने प्रयासों और आतंकवादियों के माता-पिता की मदद से कई आतंकवादियों को मुख्यधारा में वापस लाने में सफल रहे हैं। हम युवाओं से दोबारा हिंसा की राह छोड़कर मुख्यधारा में लौटने की अपील करते हैं। हम उन्हें सामान्य जीवन जीने में मदद करने के लिए तैयार हैं।”


हम विकास की रफ्तार हासिल करेंगे

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को कहा कि आत्मनिर्भर भारत पैकेज देश के एमएसएमई यानी सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम के इंजन के लिए ईंधन का काम करेगा। प्रधानमंत्री भारतीय उद्योग परिसंघ यानी सीआईआई के 125 साल पूरे होने पर वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिए देश के उद्योग जगत को संबोधित करते हुए कहा कि भारत अपने ग्रोथ की रफ्तार को जल्द हासिल करेगा।


मोदी ने कहा, “वी विल गेट ग्रोथ बैक यानी हम विकास की रफ्तार वापस हासिल करेंगे।” उन्होंने एमएसएमई की परिभाषा में बदलाव के सरकार के फैसले का जिक्र करते हुए कहा कि इससे देश में उद्योग को बढ़ावा मिलेगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि कोरोना महामारी के संकट के समय सरकार ने देश के 74 करोड़ लोगों के घरों तक राशन पहुंचाया।


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि हम निश्चित तौर पर अपना विकास हासिल करेंगे और अर्थव्यवस्था को ट्रैक पर लौटाना सरकार की पहली प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि हम निश्चित तौर पर अपना विकास हासिल करेंगे। पीएम ने सीआईआई के वार्षिक सत्र 2020 को संबोधित करते हुए कहा कि देश अब लॉकडाउन के दौर से निकल चुका है और अब अर्थव्यवस्था के खुलने का समय आ गया है।



 


हनुमान मेरे लिए मुसलमान हैः नवाब

खनऊ। एमएलसी बुक्कल नवाब ने हनुमान चालीसा का जाप किया। बड़े मंगल के मौके पर कल्ला कोठी शनि मंदिर चौक पर विशेष आयोजन किया गया था। इसमें कोरोना वायरस से बचाव के लिए विशेष प्रार्थना भी की गई। भाजपा के एमएलसी बुक्कल नवाब कार्यक्रम के मुख्य आयोजक भी थे। वह मंच पर तिलक लगाकर बैठे हुए थे और उन्होंने हनुमान चालीसा का पाठ किया।


बुक्कल नवाब हनुमान जी को लेकर उस वक्त भी चर्चा में आ चुके हैं, जब उन्होंने हनुमान जी को मुसलमान बता डाला था। उन्होंने कहा था कि हनुमान का नाम मुसलमानों से मिलता है। हमारा मानना है कि कई ऐसे नबी आए हैं जिनका नाम मालूम नहीं है तो हनुमान मेरे लिए मुसलमान हैं। हालांकि बाद में उन्होंने अपने इस बयान के लिए माफी मांग ली थी।


राजनीतिः स्मृति ने सोनिया को दिया जवाब

अमेठी। केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने ट्वीट्स की एक श्रृंखला में अपने निर्वाचन क्षेत्र अमेठी से उनकी ‘अनुपस्थिति’ पर सवाल उठाने के लिए कांग्रेस पर पलटवार किया है। स्मृति ईरानी के ‘लापता’ बताने वाले इस पोस्टर को सोमवार अमेठी में देखा गया। कांग्रेस एमएलसी दीपक सिंह द्वारा अपने ट्विटर हैंडल से स्मृति की अनुपस्थिति को लेकर सवाल उठाए गए।


उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा, “अमेठी में कोरोना ने पहली बार तब कदम रखा, जब आपके नेताओं ने लॉकडाउन के नियम तोड़े। अब आप चाहते हैं कि मैं लोगों को अपने घरों से बाहर निकलने के लिए प्रोत्साहित करूं ताकि आप ट्विटर-ट्विटर खेल सकें? अमेठी शायद आपको प्यारी न होगी, लेकिन मुझे है। लोगों की जिंदगी के साथ खिलवाड़ करना बंद करें।”एक अन्य ट्वीट में केंद्रीय मंत्री ने लिखा, “सभी नियमों को ध्यान में रखते हुए अब तक 22,150 प्रवासी मजदूर बस से और 8322 ट्रेन से अमेठी में लौट आए हैं। मैं एक-एक परिवार, एक-एक व्यक्ति का नाम बता सकती हूं। क्या सोनिया जी रायबरेली के लिए यही विवरण दे सकती हैं?”


उनके खिलाफ लगाए गए लापता पोस्टर पर बात करते हुए स्मृति ने ट्वीट किया, “अगर आपने पोस्टर लगाए हैं, तो कम से कम अपना नाम भी दे देतें। इतना क्यों शर्माना? क्या ऐसा इसलिए है क्योंकि आप जानते हैं कि जनता शायद उन्हें कभी माफ नहीं करेगी जिन्होंने शर्मनाक ढंग से उस वाक्ये का हवाला दिया है, जहां मैं एक स्थानीय नेता के दाह संस्कार में शामिल हुई थी?”उन्होंने आगे कहा कि वह लगातार जिला अधिकारियों के संपर्क में रही हैं और यह सुनिश्चित करने के लिए प्रयास किया है कि हर संबंधित व्यक्ति को प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना का लाभ मिल सकें। उन्होंने पूछा, “कृपया हमें बताएं कि कितनी बार सोनिया जी ने अपने निर्वाचन क्षेत्र के लिए इस तरह के प्रयास किए हैं?”


स्मृति ने आगे यह भी कहा, “मैं आठ महीने में दस बार अमेठी गई हूं और 14 दिन अमेठी में बिताए हैं। सोनिया जी कितनी दफा गई हैं अपने निर्वाचन क्षेत्र में?” स्मृति ईरानी के खिलाफ इस लापता पोस्टर को कांग्रेस के विभिन्न नेताओं द्वारा सोशल मीडिया प्लेटफार्मों पर व्यापक रूप से साझा किया गया, हालांकि उन्होंने इस तथ्य को स्वीकारने से इंकार कर दिया कि पोस्टर पार्टी के नेताओं द्वारा ही लगाए गए हैं।पोस्टर में बताया गया कि बीजेपी सांसद ने 2019 का चुनाव जीतने के बाद केवल दो ही बार महज कुछ घंटों के लिए जिले का दौरा किया है।


इस ब्लैक एंड व्हाइट पोस्टर में स्मृति की तस्वीर के साथ आगे यह भी लिखा है, “हमने आपको ट्विटर के माध्यम से अंताक्षरी खेलते हुए देखा है। हमने आपके माध्यम से एकात व्यक्ति को लंच देते हुए देखा है, लेकिन अमेठी के सांसद होने के नाते से आज इस विपरीत समय में अमेठी की मासूम जनता अपनी आवश्यकताओं और परेशानियों के लिए आपको ढूंढ़ रही है, बिगत कई महीनों की परेशानियों के बीच में यूं ही अमेठी की जनता को निराश्रित छोड़ देना यह दर्शाता है कि शायद अमेठी आपके लिए महज टूर हब है। क्या अब आप अमेठी में सिर्फ कंधा ही देने आयेंगी?” ऑल इंडिया महिला कांग्रेस के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से इस पोस्टर को शेयर किया गया है।


सीमा बंद करना अनुचित, हस्तक्षेप करे केंद्र

नई दिल्ली। बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष मायावती ने कोरोना महामारी के मद्देनजर राज्यों की सीमाओं को बंद करने के प्रयासों को अनुचित बताते हुए केंद्र सरकार के हस्तक्षेप की मांग की है।


मायावती ने मंगलवार को एक ट्वीट श्रंखला में कहा कि कोरोना महामारी से निपटने के लिए राज्यों के बीच सद्भावना और सहयोग की जरूरत है। इसके लिए सीमाएं बंद नहीं की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि स्थिति को देखते हुए केंद्र सरकार को इस मामले में हस्तक्षेप करना चाहिए। मायावती ने कहा, “कोराेना के बढ़ते मरीजों और मौतों के मद्देनजर केन्द्र तथा देश के विभिन्न राज्यों के बीच तालमेल एवं सद्भावना के बजाय उनके बीच बढ़ता आरोप-प्रत्यारोप तथा राज्यों की आपसी सीमाओं को बंद करना अनुचित और कोरोना के विरूद्ध संकल्प को कमजोर करने वाला है। इसमें केन्द्र का प्रभावी हस्तक्षेप जरूरी है।


दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कोरोना महामारी के प्रकोप को देखते हुए राज्य की सीमा बंद करने के निर्देश दिए हैं। केजरीवाल के इस निर्णय पर गंभीर सवाल उठाए गए हैं। खासकर हरियाणा और उत्तर प्रदेश से जुड़े राजनेताओं ने इसकी कड़ी आलोचना की है और कहा है कि दिल्ली देश की राजधानी है और इस पर सभी का हक समान है।


संक्रमित रेडियोलॉजिस्ट पूरी तरह स्वस्थ

बरेली। रामपुर गार्डन के कोरोना पॉजिटिव रेडियोलॉजिस्ट अभी तक पूरी तरह से स्वस्थ्य हैं। उनमें कोरोना के कोई भी लक्षण नहीं मिले हैं। रेडियोलॉजिस्ट का मंगलवार को सैंपल लिया जाएगा। इसकी रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद उन्हें अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया जाएगा।


28 मई को रामपुर गार्डन के एक रेडियोलॉजिस्ट के संक्रमित मिलने के बाद उनका उपचार अब एल-1 कोविड अस्पताल एसआरएमएस में चल रहा है। रेडियोलॉजिस्ट को क्वारंटाइन कर उनके संपर्क में आने वाले उनकी पत्नी और बच्चे को घर में ही जबकि स्टाफ समेत नौ लोगों को चिह्नित कर होम क्वारंटाइन रहने के लिए कहा गया गया था।


हालांकि उनके परिवार में उनकी पत्नी, बच्ची समेत उनके स्टाफ के लोगों की रिपोर्ट भी निगेटिव आई है। बदायूं की संक्रमित महिला के अल्ट्रासाउंड करने की वजह से वह भी संक्रमित हो गए थे। हालांकि उन्होंने पूरे कोविड प्रोटोकोल और सावधानी पूर्वक ही अल्ट्रासाउंड किया था। स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक रेडियोलॉजिस्ट कि हालत स्थिर बनी हुई है। एसआरएमएस का माहौल भी अच्छा है। खुद डाक्टरों का मानना हैकि रेडियोलॉजिस्ट जल्द ही स्वस्थ्य होकर लौटेंगे।


रेडियोलॉजिस्ट पूरी तरह से ठीक हैं। अभी तक उनमें कोरोना के कोई लक्षण नहीं हैं। वह अपने दिन की शुरूआत योगा से करते हैं और इम्युनिटी बढ़ाने के लिए काढ़ा पी रहे हैं। – डा. वीके शुक्ला, सीएमओ


रेडियोलॉजिस्ट पूरी तरह से स्वस्थ्य हैं। उनमे कोरोना का कोई लक्षण नहीं दिख रहा। मंगलवार को उनका सैंपल लिया जाएगा। रिपोर्ट निगेटिव आते ही उन्हें अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया जाएगा।
– डा. रंजन गौतम, जिला सर्विलांस अधिकारी, स्वास्थ्य विभाग


यूनिट्स को क्रियाशील करने की योजना

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्य में आर्थिक, व्यवसायिक तथा औद्योगिक गतिविधियों का संचालन में पूरी सावधानी और सर्तकता बरतने के निर्देश दिये है। अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश कुमार अवस्थी ने सोमवार को यहां बताया कि मुख्यमंत्री ने आर्थिक, व्यावसायिक एवं औद्योगिक गतिविधियों का संचालन मे सर्तकता बरतने के निर्देश दिये है।


उन्होंने कहा कि बाजारों में भीड़ एकत्र न हो इसके लिये सुरक्षा और पेट्रोलिंग की प्रभावी व्यवस्था की जाय। राजस्व प्राप्ति के लिए गम्भीरता से प्रयास किए जाएं। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने क्वारंटीन सेन्टर तथा कम्युनिटी किचन व्यवस्था को पूर्व की भांति सुचारु रूप से संचालित किए जाने के निर्देश दिए हैं।प्रदेश आने वाले कामगारों/श्रमिकों को क्वारंटीन सेन्टर ले जाकर उनकी मेडिकल स्क्रीनिंग की जाए। स्क्रीनिंग में स्वस्थ पाए गए कामगारों/श्रमिकों को अनिवार्य रूप से राशन किट उपलब्ध कराते हुए होम क्वारंटीन के लिए घर भेजा जाए। अस्वस्थ लोगों के उपचार के प्रबन्ध किए जाएं। अवस्थी ने बताया कि कामगाराें/श्रमिकों का पूरा डेटाबेस राजस्व विभाग द्वारा कलेक्ट किया जा रहा है।


अब तक 23-24 लाख लोगों का डेटाबेस तैयार कर लिया गया है। अब तक प्रदेश में आये लगभग 30 लाख लोगों के स्वरोजगार, पुर्नवास एवं स्किलिंग आदि की व्यवस्था राजस्व विभाग द्वारा तैयार किये जा रहे डेटाबेस के आधार पर सुनिश्चित की जायेेगी। शीघ्र ही कामगार/श्रमिक (सेवायोजन एवं रोजगार) कल्याण आयोग के गठन का कार्य पूर्ण कर लिया जायेगा। उन्होंने कहा कि अस्पतालों में साफ-सफाई समेत अन्य सभी व्यवस्थाएं चुस्त-दुरुस्त हों, ताकि मरीजों को कोई असुविधा न होने पाए। डाॅक्टर एवं नर्सिंग स्टाफ नियमित राउण्ड लें। समय से मरीजों को दवा उपलब्ध कराई जाए।अपनी पाली में ड्यूटी ज्वाइन करते समय तथा ड्यूटी समाप्त होने के पूर्व डाॅक्टर तथा नर्स द्वारा अनिवार्य रूप से राउण्ड लेते हुए मरीजों के उपचार के सम्बन्ध में आवश्यक कार्यवाई की जाएं। अवस्थी ने बताया कि मुख्यमंत्री ने कहा है कि कोविड-19 के संक्रमण को रोकने में निगरानी समितियाें की महत्वपूर्ण भूमिका है।


ग्रामीण व शहरी इलाकों में निगरानी समितियों को सक्रिय रखा जाए। उन्होंने कहा है कि प्रभावी सर्विलांस व्यवस्था से इन्ट्रा-स्टेट बस सेवा सहित विभिन्न गतिविधियों को प्रारम्भ करने में आसानी होगी। उन्होंने नोडल अधिकारियों से क्वारंटीन सेन्टर, कम्युनिटी किचन तथा कोविड अस्पतालों में साफ-सफाई सहित अन्य विषयों के सम्बन्ध में निरन्तर फीडबैक प्राप्त किए जाने के निर्देश भी दिए हैं। उन्होंने कहा कि याेगी ने कहा है कि अधिक से अधिक रोजगार के अवसर सृजित करने के उद्देश्य से सिक इन्डस्ट्रियल यूनिट्स को क्रियाशील करने की कार्य योजना तैयार की जाए। इसके लिए ऐसी औद्योगिक इकाइयों की मैपिंग की जाए। उन्होंने आम के निर्यात के सम्बन्ध में कार्य योजना बनाने के निर्देश भी दिए हैं। लघु मध्यम एवं वृहद श्रेणी की 3,18,223 इकाईयां तथा सूक्ष्म श्रेणी की 77,830 औद्योगिक इकाईयां क्रियाशील हैं जिनमें 28.89 लाख श्रमिक कार्य कर रहे हैं।


निसर्ग से निपटने को स्थिति-तैयारी का जायजा

ई दिल्ली। केंद्रीय गृमंत्री अमित शाह ने अरब सागर के ऊपर बन रहे चक्रवात निसर्ग से निपटने की तैयारियों और स्थिति का जायजा लेने के लिए यहां सोमवार को एक बैठक की। शाह ने राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए), राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ), भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की। केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय भी बैठक में मौजूद थे।


अभी कुछ ही दिनों पहले देश का पूर्वी हिस्सा चक्रवाती तूफान अम्फान से बुरी तरह प्रभावित हुआ था, और अब एक नया चक्रवात पश्चिमी तट पर अरब सागर के ऊपर बनना शुरू हो गया है और महाराष्ट्र व गुजरात के कुछ हिस्सों से टकरा सकता है। आईएमडी ने सोमवार को उत्तरी महाराष्ट्र और दक्षिण गुजरात तट के लिए एक ‘येलो’ चेतावनी जारी की। आईएमडी ने आगाह किया कि चक्रवाती तूफान निसर्ग मुंबई सहित महाराष्ट्र के तटीय जिलों को गुजरात और अन्य पड़ोसी राज्यों से अधिक प्रभावित करेगा।


आईएमडी ने कहा कि अरब सागर में डिप्रेशन तीव्र होकर एक गंभीर चक्रवाती तूफान निसर्ग में परिवर्तित होने वाला है और तीन जून को रायगढ़ जिले में हरिहरेश्वर और दमन के बीच उत्तर महाराष्ट्र और गुजरात तटों को पार करेगा।


शेयर बाजार में तेजी का सिलसिला जारी

मुंबई। घरेलू शेयर बाजार में तेजी का सिलसिला मंगलवार को भी जारी रहा। सेंसेक्स आरंभिक कारोबार के दौरान तकरीबन 170 अंक उछला जबकि निफ्टी भी 50 अंक से ज्यादा की तेजी के साथ 9881 तक जा पहुंचा। सुबह 9.21 बजे सेंसेक्स पिछले सत्र से 59.25 अंकों यानी 0.18 फीसदी की तेजी के साथ 33362.77 पर कारोबार कर रहा था जबकि निफ्टी 22.95 अंकों यानी 0.23 फीसदी की तेजी के साथ 9849.10 पर बना हुआ था।


अंतर्राष्ट्रीय रेटिंग एजेंसी मूडीज द्वारा भारत की लंबी अवधि की सॉवरेन रेटिंग बीएए2 से घटाकर बीएए3 करने के बावजूद घरेलू शेयर बाजार में मंगलवार को आरंभिक कारोबार के दौरान तेजी का रूझान बना हुआ था। बंबई स्टॉक एक्सचेंज का 30 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक सेंसेक्स पिछले सत्र की क्लोजिंग के मुकाबले 146.67 अंकों की तेजी के साथ 33,450.19 पर खुला और 33,474.93 तक उछला।


नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का 50 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक निफ्टी ने भी पिछले सत्र के मुकाबले 54.70 अंकों की तेजी के साथ 988.85 पर खुला और 9881.10 तक चढ़ा। भारत में कोरोना वायरस संक्रमण के बढ़ते मामले के मद्देनजर मूडीज ने भारत की रेटिंग घटाई है। ग्लोबल रेटिंग एजेंसी ने भारत में बुनियादी कमजोरी और सुधार की मंद गति का जिक्र करते हुए रेटिंग में कटौती की है। लगातार चौथे सत्र में सेंसेक्स और निफ्टी सोमवार को जबरदस्त बढ़त के साथ बंद हुए थे।


संकट में कौशलता से समृद्धिः एनटीपीसी

नई दिल्ली। देश के सबसे बड़े बिजली उत्पादक एनटीपीसी ने अपने 19,000 से अधिक कर्मचारियों और उनके परिवार के सदस्यों को सीखने के अनेक नए अवसर प्रदान किए हैं। कोविड-19 महामारी के कारण लगाए गए लॉक डाउन से संबंधित शर्तों को पूरा करते हुए एनटीपीसी लर्निंग एंड डेवलपमेंट (एलएंडडी) रणनीति को गहन डिजिटलीकरण और ऑनलाइन प्रशिक्षण के माध्यम से इस तरह डिजाइन किया गया है कि इसकी सहायता से कर्मचारियों को और समृद्ध किया जा सके और वे इन सेवाओं को कहीं से भी हासिल कर सकें। इसके अलावा, कंपनी ने अपने कर्मचारियों को एक कड़े ऑनलाइन तकनीकी पाठ्यक्रम का हिस्सा बनने का मौका देने के लिए विश्व बैंक के साथ सहयोग किया है।


इस तरह कर्मचारी आभासी कक्षाओं में भाग ले सकेंगे, असेसमेंट दे सकेंगे और फिर प्रमाणपत्र प्राप्त कर सकेंगे। एनटीपीसी के अपेक्स एल एंड डी सेंटर पावर मैनेजमेंट इंस्टीट्यूट ने तकनीकी, कार्यात्मक, स्वास्थ्य और सुरक्षा से लेकर विभिन्न विषयों में 250 से अधिक प्रशिक्षण सत्र आयोजित किए हैं। इसके अलावा, पावर प्लांट परियोजनाओं में स्थित एनटीपीसी के क्षेत्रीय अध्ययन और विकास केंद्रों ने लगभग 100 से अधिक ऑनलाइन सीखने के अवसर पैदा किए हैं। एनटीपीसी निरंतर लर्निंग सत्रों के माध्यम से अपने कर्मचारियों को सीखने की ओर प्रेरित करने का प्रयास करता रहा है और ऐसी लर्निंग प्रणालियों को अपनाता रहा है। इनकी सहायता से विशिष्ट परिदृश्यों के लिए उन्हें प्रशिक्षित किया जा सके। कंपनी का मानना है कि संकट के दौर में भी अपने कौशल को बढ़ाना बेहद जरूरी है। इसलिए कंपनी ने एक और अनोखा कदम उठाते हुए ‘45-डे लर्निंग चैलेंज‘ के लिए साझेदारी की है, ताकि अपने कर्मचारियों को तकनीकी, वित्त और मानव संसाधन जैसे विभिन्न विषयों के बारे में 45 दिनों के दौरान पूरी तरह से प्रशिक्षित किया जा सके। यह प्रक्रिया कर्मचारी अपने घर से पूरी करते हैं और इसके बाद प्रमाणपत्र प्राप्त कर सकते हैं। अत्याधुनिक सत्र प्रदान करने वाली बाहरी एजेंसियों के साथ भी कंपनी ने सहयोग किया है और ‘आर्ट ऑफ लिविंग’ के सहयोग से एक समग्र कल्याण कार्यक्रम भी चलाया जा रहा है। सभी उम्र के कर्मचारी और परिवार के सदस्य इसमें भाग ले सकते हैं, जिससे वर्तमान मुश्किल हालात में उन्हें मजबूत और केंद्रित रहने में मदद मिल सके।


इसी तरह, कर्मचारी सहायता कार्यक्रम- ईएपी के माध्यम से परामर्श सेवाओं के आधार पर एक विशेष छह महीने की पहल, ‘स्नेहल 2.0’ को कर्मचारियों के परिवार के सदस्यों के लिए विस्तारित किया गया है। चैबीसों घंटे उपलब्ध ईएपी सेवा गोपनीय है और केवल चुनिंदा उपयोगकर्ताओं को ही उपलब्ध कराई जाती है। इसी तरह, पावर प्लांट से संबंधित अनिवार्य उपकरण जैसे टर्बाइन, बॉयलर, वाटर केमिस्ट्री, रिन्यूएबल एनर्जी और अन्य महत्वपूर्ण ओ एंड एम (ऑपरेशंस एंड मेंटेनेंस) क्षेत्रों में इन-हाउस के साथ-साथ गेस्ट फैकल्टीज की सहायता से भी कक्षाएं आयोजित की जा रही हैं। नई शिक्षण पद्धतियों में ऑनलाइन फोरम, वेबिनार, आंतरिक रूप से विकसित मोबाइल एप्लिकेशन ‘सम्वाद‘ के साथ-साथ इंटरनेट और इसके आंतरिक शिक्षण पोर्टल का लाभ उठाना शामिल है।


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