सोमवार, 25 मई 2020

30 लाख से अधिक प्रवासी वापस लौटे

लखनऊ। कोविड 19 संक्रमण के खौफ़ के बीच लंबे लॉकडाउन के दौरान रोजगार के सभी रास्त खत्म हो जाने से 30 लाख से अधिक प्रवासी ​श्रमिक अन्य राज्यों से उत्तर प्रदेश वापस लौट आये हैं। जहां आज मजदूर बेहद बुरे दौर से जूझ रहे हैं, वहीं इनके नाम पर राजनैतिक गलियारों में जबदस्त राजनीति चल रही है। शिव सेना के मुखपत्र सामना में छपे संपादकीय में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर न केवल तीखी टिप्पणियां की गई हैं, बल्कि उनकी तुलना हिटलर से कर दी गई है। जिस पर मुख्यमंत्री ने पलटवार किया है। योगी ने ट्वीट कर कहा है, ”एक भूखा बच्चा ही अपनी मां को ढूंढता है। अगर महाराष्ट्र सरकार ने ‘सौतेली मां’ बनकर भी सहारा दिया होता तो महाराष्ट्र को गढ़ने वाले हमारे उत्तर प्रदेश के निवासियों को वापस न आना पड़ता।” आपको याद दिला दें कि शिवसेना प्रवक्ता और सामना के संपादक संजय राउत ने एक लेख में कहा था कि उत्तर प्रदेश में मजदूरों को वापस नहीं घुसने दिया जा रहा। उनके साथ अमानवीय बर्ताव हो रहा है। राउत ने योगी को नसीहत भी दी थी कि उन्हें मन की आंखें खोलनी चाहिए। इसके बाद से ही उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र राज्यों के इन दोनों मुख्यमंत्रियों के बीच प्रवासी मजदूरों को लेकर जुबानी जंग शुरू हो चुकी है।


प्रदेशवासियों को मिलना चाहिए प्रवेश

मुंबई। महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के अध्यक्ष राज ठाकरे ने सोमवार को मांग की कि भविष्य में राज्य सरकार को अन्य राज्यों से आने वाले प्रवासियों में से केवल उनको प्रवेश की अनुमति देनी चाहिए, जो वास्तविक रूप से यहां के हैं। उन्होंने कहा कि अब के बाद जब प्रवासी राज्य में प्रवेश करते हैं, तो उन्हें पंजीकृत होना चाहिए और उनका पूरा व्यक्तिगत विवरण और पहचानपत्र पुलिस के पास पेश करना चाहिए।


ठाकरे ने कहा, “अगर इन आवश्यकताओं को पूरी लगन के साथ पूरा किया जाता है, तभी उन्हें (प्रवासियों को) महाराष्ट्र में प्रवेश करने की अनुमति दी जाएगी।” उनकी टिप्पणी उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के एक कथित बयान के जवाब में आई है कि अगर किसी राज्य को उनके लोगों की सेवाओं की आवश्यकता है, तो इसके लिए उत्तर प्रदेश सरकार की पूर्व अनुमति अनिवार्य होगी। ठाकरे ने कहा, अगर ऐसा है तो महाराष्ट्र में प्रवेश करने वाले किसी भी प्रवासी को महाराष्ट्र सरकार और राज्य पुलिस से अनुमति लेने की जरूरत होगी। महाराष्ट्र सरकार को इस मामले को गंभीरता से देखने की जरूरत है। यह याद किया जा सकता है कि 2008 में ये मामला उस समय खासा उछला था जब उत्तर प्रदेश, बिहार और अन्य राज्यों के प्रवासियों को कई महीनों तक निशाना बनाकर आंदोलन चलाया गया था। इस कारण बड़े पैमाने पर सामाजिक-राजनीतिक उपद्रव हुए थे और बाद में ठाकरे और अन्य के खिलाफ अदालती मामले दर्ज किए गए थे।


लगभग 14 साल बाद फिर ऐसा ही मुद्दा उठ रहा है। मोटे अनुमान के मुताबिक, मुंबई और पुणे महानगरीय क्षेत्रों के समृद्ध औद्योगिक-वाणिज्यिक बेल्ट से सबसे बड़ी संख्या में ऑटोरिक्शा, टैक्सियों, बसों, ट्रेनों आदि के द्वारा पिछले दो महीनों में एक लाख से अधिक प्रवासी महाराष्ट्र छोड़ चुके हैं।


संक्रमण के संबंध में महत्वपूर्ण रिसर्च

सिंगापुर। वैज्ञानिकों ने पता लगाया है कि कोरोना वायरस के मरीज 11 दिनों के बाद संक्रमण नहीं फैलाते, भले ही वे 12वें दिन वे कोरोना पॉजिटिव ही बने रहें। न्यूयॉर्क पोस्ट की रिपोर्ट के मुताबिक, सिंगापुर नेशनल सेंटर फॉर इंफेक्शस डिजीजेज (NCID) एंड अकेडमी ऑफ मेडिसीन की स्टडी में ये बात पता चली है। अब तक ये समझा जाता रहा है कि कोरोना मरीज जब तक पॉजिटिव हैं, कोरोना संक्रमण फैला सकते हैं। वहीं रिसर्चर्स ने यह भी कहा है कि लक्षण दिखने के 2 दिन पहले से कोरोना मरीज संक्रमण फैला सकते हैं।


वैज्ञानिकों ने कहा है कि स्टडी के दौरान देखा गया कि कोरोना मरीजों में लक्षण दिखने के 7 से 10 दिन बाद तक संक्रमण फैलाने की क्षमता होती है। सिंगापुर नेशनल सेंटर फॉर इंफेक्शस डिजीजेज ने करीब 73 कोरोना मरीजों पर स्टडी की जिस दौरान उन्हें नई बात पता चली। वैज्ञानिकों ने कहा कि ये देखा गया कि 11 दिन के बाद कोरोना वायरस को आइसोलेट या Cultured नहीं किया जा सकता। वैज्ञानिकों ने कहा है कि लक्षण दिखने के एक हफ्ते बाद कोरोना मरीजों में एक्टिव वायरल रेप्लिकेशन घटने लगता है। नई जानकारी के आधार पर हॉस्पिटल इस बारे में फैसला ले सकते हैं कि मरीजों को कब डिस्चार्ज किया जाए। अमेरिका सहित दुनिया के कई देशों में दो बार निगेटिव टेस्ट आने के बाद ही डॉक्टर ये मानते हैं कि कोरोना मरीज ठीक हो गए। हालांकि, सिंगापुर में की गई स्टडी का सैंपल साइज छोटा था लेकिन नई जानकारी डॉक्टरों के लिए महत्वपूर्ण हो सकती है।


सिंगापुर के NCID की एग्जेक्यूटिव डायरेक्टर लिओ यी सिन ने स्ट्रेट टाइम्स से कहा कि सैंपल साइज छोटा होने के बावजूद नई जानकारी को लेकर रिसर्चर्स विश्वस्त हैं। रिसर्चर्स का मानना है कि बड़े सैंपल साइज में भी ऐसे ही परिणाम देखने को मिलेंगे। लिओ यी सिन ने कहा- वैज्ञानिक दृष्टि से मैं काफी आश्वस्त हूं, इस बात के पर्याप्त सबूत हैं कि कोरोना मरीज 11 दिन बाद संक्रामक नहीं होते हैं।


बता दें कि दुनियाभर में कोरोना वायरस के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। सोमवार सुबह तक दुनिया में कोरोना के मामलों की संख्या 54 लाख से अधिक हो चुकी है।दुनियाभर में कोरोना से 3 लाख 45 हजार से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। भारत में भी कोरोना के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। एक तरफ दुनिया में कोरोना के मामले लगातार बढ़ रहे हैं, लेकिन कई देशों में लॉकडाउन में ढील दी जा रही है। हालांकि, दुनिया के कई देश वैक्सीन की खोज में जुटे हुए हैं।


ब्रिटेन की ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में तैयार की जा रही कोरोना वैक्सीन से पूरी दुनिया को उम्मीदें हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन के साथ मिलकर यूनिवर्सिटी ChAdOx1 नाम की वैक्सीन पर काम कर रही है। लेकिन ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के ही एक वैज्ञानिक ने ये कहकर चौंका दिया है कि ChAdOx1 वैक्सीन के ट्रायल के सफल होने की उम्मीद 50 फीसदी ही है। उन्होंने अत्यधिक उम्मीद करने को लेकर चेतावनी दी।


ऑक्सफोर्ड की कोरोना वैक्सीन डेवलपमेंट टीम का नेतृत्व करने वाले वैज्ञानिकों में शामिल एड्रियन हिल ने कहा कि आने वाले ट्रायल में 10 हजार वॉलेंटियर्स को शामिल किया जा रहा है। लेकिन हो सकता है कि इससे कोई रिजल्ट ना मिले क्योंकि ब्रिटेन में तेजी से कोरोना वायरस के मामले घट रहे हैं। बीते हफ्ते अमेरिकी कंपनी मॉडर्ना ने अपनी कोरोना वैक्सीन के पहले राउंड के ट्रायल की जानकारी दी थी। पहले राउंड में सिर्फ आठ लोगों को वैक्सीन दी गई थी। लेकिन कंपनी ने कहा कि वैक्सीन सुरक्षित मालूम पड़ती है और इम्यून रेस्पॉन्स पैदा करती है। वहीं, चीन में बनाई गई एक कोरोना वैक्सीन का करीब 108 लोगों पर ट्रायल किया गया। मेडिकल जर्नल The Lancet में प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक, ट्रायल के दौरान पता चला कि वैक्सीन वायरस के खिलाफ इम्यून रेस्पॉन्स पैदा करती है और कारगर साबित हो सकती है।


शीत युद्ध के कगार पर धकेलने की कोशिश

बीजिंग। चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने अमेरिका पर आरोप लगाया है कि उसने कोरोना वायरस महामारी के बारे में ‘षड्यंत्र और झूठ’ फैलाने का आरोप लगाया है, इससे दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ गया है। बीबीसी ने बताया कि रविवार को चीन के संसदीय सत्र के दौरान एक वार्षिक समाचार सम्मेलन में वांग ने कहा, “अमेरिका में कुछ राजनीतिक ताकतें चीन-अमेरिका संबंधों को बंधक बना रही हैं।”


उन्होंने यह स्पष्ट नहीं किया कि वे कौन सी ताकतें हैं, लेकिन वे ‘हम दोनों देशों को एक नए शीतयुद्ध के कगार पर धकेलने’ की कोशिश कर रही हैं।उन्होंने कहा, “कोरोना वायरस के कारण होने वाली तबाही के अलावा, वे अमेरिका के माध्यम से एक राजनीतिक वायरस भी फैल रही हैं। यह राजनीतिक वायरस चीन पर हमला करने और धब्बा लगाने के हर अवसर का उपयोग कर रहा है।”बीबीसी ने वांग के हवाले से लिखा है, “कुछ राजनेताओं ने बुनियादी तथ्यों की पूरी तरह से अवहेलना की है और चीन को निशाना बनाते हुए कई झूठ भी गढ़े हैं।”


हालांकि उन्होंने प्रकोप से निपटने के लिए वाशिंगटन और बीजिंग के बीच सहयोग का आह्वान किया।वांग ने कहा, “हम दोनों विश्व शांति और विकास के लिए एक बड़ी जिम्मेदारी वहन करते हैं .. चीन और अमेरिका सहयोग से लाभ उठाने और टकराव से हारने के लिए


जापान में पीएम ने आपातकाल हटाया

जापान में नए संक्रमितों की संख्या में गिरावट, पीएम शिंजो आबे ने हटाया आपातकाल 
टोक्यो। जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे ने नए मामलों की संख्या में भारी गिरावट के बाद कोरोना वायरस का मुकाबला करने के लिए राष्ट्रीय स्तर पर लगाए गए आपातकाल की स्थिति को हटा दिया है।नेपाल में एक दिन में सर्वाधिक 72 नए मामले, संक्रमितों की संख्या 675 हुई। नेपाल में सोमवार को कोरोना वायरस के 72 नए मामले सामने आए हैं। जिसके बाद देश में कुल संक्रमितों की संख्या बढ़कर 675 हो गई है।
स्वास्थ्य अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
नेपाल ने कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिए देशव्यापी लॉकडाउन दो जून तक के लिए बढ़ा दिया है। नेपाल उन देशों में से है जहां कोराना वायरस के मामले सबसे कम आए हैं।


टोक्यो और चार अन्य प्रांतों में आपातकाल हटाने को तैयार है जापान
एक विशेष सरकारी पैनल के विशेषज्ञों ने टोक्यो और चार अन्य प्रान्तों में कोरोना वायरस आपातकाल हटाने की योजना को मंजूरी दे दी है। इसके बाद प्रधानमंत्री शिंजो आबे के लिए व्यवसायों को धीरे-धीरे फिर से शुरू करने की अनुमति देकर आपातकाल हटाने का मार्ग प्रशस्त हो गया है।
अर्थव्यवस्था मंत्री यासुतोषी निशिमुरा ने संवाददाताओं से कहा कि सरकार द्वारा गठित पैनल के विशेषज्ञों ने डेढ़ महीने से अधिक समय तक चले आपातकाल की स्थिति को समाप्त करने की योजना को मंजूरी दे दी है।


दक्षिण अफ्रीका में 1 जून से मिलेगी छूट

दक्षिण अफ्रीका में एक जून से लॉकडाउन में मिलेगी छूट
दक्षिण अफ्रीकी राष्ट्रपति ने एक जून से कोरोना वायरस लॉकडाउन के पाबंदियों में रियायत देने की घोषणा की है।


तुर्की में 32 और लोगों की मौत, 1141 नए मामले सामने आए
प्रिटोरिया। तुर्की में कोविड-19 से 32 और लोगों की मौत हो गई, जिससे देश में संक्रमण से मरने वालों की संख्या बढ़कर 4,340 हो गई है। स्वास्थ्य मंत्री फाहरेतिन कोका ने यह जानकारी दी।
कोका ने रविवार को ट्वीट किया कि पिछले 24 घंटे में कोविड-19 के 1,141 नए मामले भी सामने आए हैं, जिसके साथ ही देश में संक्रमण के मामले बढ़कर 1,56,827 हो गए हैं। अमेरिका के जॉन्स हॉपकिंस विश्वविद्यालय की वैश्विक सूची में तुर्की नौंवे नंबर पर है। वहीं विशेषज्ञों का मानना है कि यह संख्या बताई गई संख्या से कहीं अधिक हो सकती है।
अमेरिका कोरोना वायरस से निपटने के लिए पाकिस्तान को देगा 45.6 करोड़ रुपये। अमेरिका ने कहा कि वह कोरोना वायरस वैश्विक महामारी से निपटने के पाकिस्तान के प्रयासों में मदद के लिए उसे करीब 45 करोड़ 60 लाख 45 हजार रुपये (60 लाख डॉलर) देगा।
पाकिस्तान में अमेरिकी राजदूत पॉल जोन्स ने शनिवार को एक वीडियो संदेश में कहा कि यह धनराशि पाकिस्तान को उन स्वास्थ्यकर्मियों को और प्रशिक्षण देने में काम आएगी जो अस्पतालों में कोरोना वायरस संक्रमण के गंभीर हालत वाले मरीजों की देखभाल करते हैं। इससे चिकित्सा केन्द्रों में कोरोना वायरस फैलने से रुकेगा। इसके अलावा इससे संक्रमित इलाकों में रहने वाले पाकिस्तानी नागरिकों की जांच के लिए मोबाइल प्रयोगशाला भी बनाई जाएगी।


नवाज के बाद बरसाई अंधाधुंध गोलियां

इस्लामाबाद। पाकिस्तान के अशांत उत्तर-पश्चिम कबायली क्षेत्र में ईद पर कुछ अज्ञात बंदूकधारियों ने देश के एक शीर्ष सूचना अधिकारी और उनके दो रिश्तेदारों की हत्या कर दी। हमलावरों ने तीनों पर अंधाधुंध गोलीबारी की और मौके से फरार हो गए।


जिला पुलिस अधिकारी शफीउल्ला गांदापुर ने बताया कि जबीआदुल्ला दावर पाकिस्तान हाउजिंग सोसाइटी के निदेशक के तौर पर तैनात थे। वह उत्तर वजीरिस्तान में ईद की नमाज के बाद अपने दो रिश्तेदारों के साथ घर लौट रहे थे। रास्ते में बाइक सवार हमलावरों ने उन पर हमला किया।
अधिकारी ईद मनाने इस्लामाबाद से अपने गांव आए थे। उनकी मौके पर ही मौत हो गई। इस घटना में उनके रिश्तेदार भी मारे गए। पुलिस ने जांच शुरू की है लेकिन अभी तक कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है।


पाकिस्तान में रविवार को ईद मनाई गई। ईद देश के प्रमुख शहरों और नगरों में खुले स्थानों, मस्जिदों और ईदगाहों में मनाई गई। इस दौरान एक-दूसरे से दूरी बनाए रखने और अन्य एहतियाती उपायों का पालन करने की अपील की गई है।


चेन्नई से घरेलू हवाई यात्रा सेवा शुरू की

चेन्नई। दो महीने के अंतराल बाद सोमवार को चेन्नई हवाईअड्डे पर घरेलू हवाई सेवा शुरू हुई। यहां से इंडिगो एयरलाइंस की उड़ान 116 यात्रियों के साथ दिल्ली के लिए रवाना हुई। घरेलू उड़ानों को कोविड-19 लॉकडाउन उपायों के हिस्से के रूप में निलंबित कर दिया गया था।


इस पहली फ्लाइट में 120 यात्रियों को दिल्ली जाने वाले विमान में यात्रा करने के लिए निर्धारित किया गया था, लेकिन अधिकारियों ने चार यात्रियों को बोर्ड करने की अनुमति नहीं दी, क्योंकि उनमें खांसी और सर्दी के लक्षण दिखे थे।


बाद में एक स्पाइसजेट विमान दिल्ली के लिए रवाना हुआ। एयर इंडिया भी यहां से अपनी उड़ान संचालित करने वाली है।अधिकारियों के अनुसार, सोमवार को कई इनकमिंग और आउटगोइंग फ्लाइट संचालित की जानी हैं। इसमें दिल्ली, कोच्चि, मदुरै, हैदराबाद और बेंगलुरू जैसे शहरों में फ्लाइट आनी-जानी हैं।हर यात्री को अपने टिकट को एक बड़ी टीवी स्क्रीन से जुड़े कैमरे से दिखाना होता है। यात्रियों को मास्क पहनना पड़ता है और हवाईअड्डे पर सामाजिक दूरी बनाए रखनी पड़ती है।


रविवार को, तमिलनाडु सरकार घरेलू हवाई यात्रियों के लिए एक मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) लेकर आई थी। एसओपी के अनुसार, बगैर लक्षण वाले यात्रियों को 14 दिनों के लिए होम क्वोरंटीन में रहना होगा।सभी यात्रियों को हवाईअड्डे से बाहर जाने की अनुमति देने से पहले तारीख के साथ ‘संगरोध’ शब्द के साथ मुहर भी लगाई जाएगी।


यदि कोई यात्री में कोरोनावायरस जैसे लक्षण विकसित होते हैं, तो वह 1077 पर जिला कॉल सेंटर को सूचित करेगा या जिला नोडल अधिकारी के कहने पर निकटतम सरकारी अस्पताल जाएगा।


जो जैसा कर्म करेगा, वैसा फल मिलेगा

सब कर्मों का फल है

 

एक स्त्री थी जिसे 20साल तक संतान नहीं हुई। कर्म संजोग से 20वर्ष के बाद वो गर्भवती हुई और उसे पुत्र संतान की प्राप्ति हुई किन्तु दुर्भाग्यवश 20दिन में वो संतान मृत्यु को प्राप्त हो गयी।वो स्त्री हद से ज्यादा रोई और उस मृत बच्चे का शव लेकर एक सिद्ध महात्मा के पास गई। महात्मा से रोकर कहने लगी मुझे मेरा बच्चा बस एक बार जीवित करके दीजिये, मात्र एक बार मैं उसके मुख से" माँ " शब्द सुनना चाहती हूँ। स्त्री के बहुत जिद करने पर महात्मा ने 2मिनट के लिए उस बच्चे की आत्मा को बुलाया। तब उस स्त्री ने उस आत्मा से कहा तुम मुझे क्यों छोड़कर चले गए?मैं तुमसे सिर्फ एक बार ' माँ ' शब्द सुनना चाहती हूँ। तभी उस आत्मा ने कहा कौन माँ?कैसी माँ !!मैं तो तुमसे कर्मों का हिसाब किताब करने आया था।स्त्री ने पूछा कैसा हिसाब!!आत्मा ने बताया पिछले जन्म में तुम मेरी सौतन थी,मेरे आँखों के सामने मेरे पति को ले गई;मैं बहुत रोई तुमसे अपना पति मांगा पर तुमने एक न सुनी।तब मैं रो रही थी और आज तुम रो रही हो!!बस मेरा तुम्हारे साथ जो कर्मों का हिसाब था वो मैंने पूरा किया और मर गया। इतना कहकर आत्मा चली गयी।उस स्त्री को झटका लगा।उसे महात्मा ने समझाया देखो मैने कहा था न कि ये सब रिश्तेदार माँ,पिता,भाई बहन सब कर्मों के कारण जुड़े हुए हैं ।हम सब कर्मो का हिसाब करने आये हैं। इसिलए बस अच्छे कर्म करो ताकि हमे बाद में भुगतना ना पड़े। वो स्त्री समझ गयी और अपने घर लौट गयी ।

 

शिक्षा: हमेशा अच्छे कर्म करने चाहिए।

पत्नीः पति के सीने में उतारी 17 गोलियां

दूसरे की बीबी से प्यार करना पड़ा महंगा, सरेआम उसके साथ हुआ कुछ ऐसा

 

पत्नी ने ही पति के सीने में उतार दी 17 गोलियां

 

पटना। शादीशुदा महिला से इश्क लड़ाना पटना के एक युवक को महंगा पड़ा। उसे इस प्रेम संबंध के लिए अपनी जान देकर कीमत चुकानी पड़ी। बताया जाता है कि वह जिस महिला के साथ प्रेम में था, उसका पति आपराधिक प्रवृति का था। मंगलवार की रात पटना में प्रॉपर्टी डीलर धीरज कुमार की गोली मारकर हत्या कर दी। मंगलवार की शाम जब धीरज अपने घर आ रहे थे तो पहले से घात लगाए अपराधियों ने उसे गोली मार दी।

 

घटनास्थल से 17 गोलियां बरामद की है। बताया जाता है कि धीरज की मौत घटनास्थल पर ही हो गई। पुलिस ने इस हत्याकांड में पुनीत और टुनटुन साह नामक दो अपराधियों को गिरफ्तार किया है। साथ ही जिस बंदूक से धीरज को गोली मारी गई उसे भी बरामद कर लिया गया है।

 

धीरज जमीन खरीद-बिक्री का काम करता था। उसका अपराधी की पत्नी से साथ प्रेम संबंध था।

बाद मंगलवार की रात जब धीरज अपने घर लौट रहा था तब उसपर ताबड़तोड़ गोलियां चलाई गई। शुरुआत में मृतक के परिजनों ने इस घटना का कारण जमीन विवाद बताया था। लेकिन बाद में पुलिस ने जांच कर मामले का खुलासा किया।

खतराः बेरोजगारों को डाटा का बहाना

बेरोजगारों को काम के बहाने दिये डाटा लीक:सुरक्षा को खतरा

 

नई दिल्ली। देश में नौकरी ढूंढ़ने वाले करीब तीन करोड़ लोगों की जरूरी जानकारियां इंटरनेट पर लीक हो गई हैं। वहीं करीब 2,000 भारतीयों के पहचान पत्र जिनमें आधार कार्ड भी शामिल हैं, वो भी हैकिंग फोरम पर लीक देखे गए हैं। साइबर इंटेलिजेंस से जुड़ी फर्म साइबल ने ये जरूरी जानकारी साझा की है।

 

24 मई को लिखे अपने ब्लॉग में कंपनी ने बताया है कि पिछले 12 घंटे के भीतर भारतीयों के आधार कार्ड से जुड़ी जानकारी भी हैकर्स ने अलग-अलग फोरम पर साझा किया है। हालांकि, ये जानकारियां कहां से लीक की जा रही हैं, इस बारे में अब तक कोई खुलासा नहीं हो पाया है।

 

फर्म की तरफ से बताया गया है कि लीक हुए डाटा में मध्यप्रदेश के नागरिकों से जुड़ीं 18 लाख लोगों की जानकारियां एक्सेल शीट के फॉर्मेट में इंटरनेट पर उपलब्ध हैं।

 

साथ ही, दिल्ली-एनसीआर, कर्नाटक, पुणे, पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, मुंबई समेत देश के कई बड़े शहरों से जुड़े लोगों के और नौकरी से जुड़ी कई वेबसाइट्स के डाटा लीक होने का दावा किया गया है।

 

कंपनी ने 22 मार्च को बताया था कि डार्कवेब साइबर चोरों ने हैकिंग फोरम में करीब 2.3 जीबी की जिप फोल्डर शेयर किया था, जिसमें 2.9 करोड़ लोगों से जुड़ी जानकारियां हैं। जानकारी के मुताबिक उस फोल्डर में भारत में नौकरी तलाश कर रहे लोगों की अहम जानकारियां मसलन उनके नाम, पता, शिक्षा, मोबाइल नंबर और ईमेल आईडी जैसी अहम जानकारियां मौजूद थीं।

 

फर्म का कहना है कि वो अभी जानकारी लीक करने वाले लोगों का पता लगाने में जुटे हैं लेकिन शुरुआती जानकारी के मुताबिक ये काम किसी रिज्यूम एग्रीगेटर का लगता है जिसने नौकरी देने वाले तमाम पोर्टल से आंकड़े इकट्ठा किए होंगे। इन आंकड़ों में भारत के कई राज्यों के लोगों से जुड़ी अहम जानकारियां शामिल हैं।

 

स्पैम ईमेल और एसएमएस भेज रहे: जानकारों का दावा है कि साइबर सुरक्षा से खिलवाड़ करने वाले चोर ऐसी ही निजी जानकारियों का इस्तेमाल कर लोगों को स्पैम ईमेल और एसएमएस भेजकर उन्हें अपना शिकार बनाते हैं। ऐसे लोग स्पैम ईमेल में नौकरी का झांसा देने वाली जानकारी भेजने या फिर लॉटरी की रकम देने का दावा करता हुआ लिंक भेजते हैं जिसे क्लिक करते ही व्यक्ति का मोबाइल या फिर लैपटॉप उनके कब्जे में चले जाने की आशंका रहती है। लीक हुईं जानकारियों का इस्तेमाल चोर, उनके प्रोफाइल से मैच होने वाले संदेश भेजने में कर सकते हैं।

 

सरकार की सलाह: गृह मंत्रालय की तरफ से साइबर सुरक्षा को मजबूत करने के लिए चलाए जा रहे अभियान वाले ट्विटर हैंडल साइबर दोस्त में साफ कहा गया है कि ऐसे लोगों से सावधान रहें। सरकार कहती है कि याद रखें इंटरनेट पर मिलने वाली बहुत कम सामग्रियां मुफ्त होती हैं। मुफ्त में चीजें देने के एवज में साइबर ठग आप को फंसा सकते हैं, इसलिए ऑनलाइन फ्री ऑफर्स से सावधान रहें। यही नहीं, जॉब सर्च पोर्टल रजिस्ट्रेशन के लिए भी गृह मंत्रालय की तरफ से सलाह दी गई है कि ऐसी जगहों पर रजिस्ट्रेशन के पहले भली-भांति उनकी प्राइवेसी पॉलिसी को पढ़ लें ताकि आपको पता रहे कि आपकी जानकारी का किन हाथों में इस्तेमाल किया जाने वाला है। आपके तमाम तरह के इंटरनेट लॉगिन का कोई गलत इस्तेमाल न कर पाए, इसके लिए समय-समय पर पासवर्ड बदलते रहने की भी सलाह दी गई है।

 

डाटा लीक से खतरा: साइबर मामलों के विशेषज्ञ पवन दुग्गल ने ‘हिन्दुस्तान’ से बातचीत में इस लीक को भविष्य के लिहाज से बेहद गंभीर बताया है। उन्होंने कहा कि अमूमन ऐसी जानकारियां लोग बेचते हैं लेकिन मुफ्त में ये तमाम चीजें साइबर स्पेस के लिए बड़ा खतरा बन गई हैं। पवन दुग्गल के मुताबिक इनमें 2.9 करोड़ लोगों की निजी जानकारियों के साथ-साथ उनके स्कूल और नौकरियों के संस्थानों से जुड़ी अहम जरूरी जानकारियां होंगी जो आने वाले दिनों में सभी के लिए खतरा पैदा कर सकती हैं। उन्होंने कहा कि भारत अगर अब भी साइबर सुरक्षा और उससे जुड़े कानूनों के प्रति गंभीर नहीं होता है तो आने वाले दिनों में भयानक परिणाम देखने पड़ सकते हैं।

 

प्रताप सिंह 

भ्रष्ट आईएएस अधिकारी पर गिरी गाज

आईएएस अफसर पर गिरी गाज,सवा करोड़ में वीसी कानपुर की कुर्सी खरीदने का किया था प्रयास,15 लाख दिए थे एडवांस, 3 हुए है गिरफ़्तार

 

लखनऊ। सवा करोड़ रुपये खर्च करके कानपुर में विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष की कुर्सी हासिल करने के प्रयास के आरोप में आईएएस अधिकारी के खिलाफ कार्यवाही शुरू हो गयी है,प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अफसर को राजस्व परिषद् में भेज दिया है,इस मामले की जांच आगे भी जारी रहेगी। कल ही इस मामले में तीन लोग गिरफ्तार किये गए थे,प्रदेश शासन ने आईएएस अधिकारी आई.पी.पांडेय को विशेष सचिव आबकारी के पद से हटाकर राजस्व परिषद् के सदस्य के पद पर स्थानांतरित कर दिया है,एस.टी.एफ की रिपोर्ट के बाद ये कार्यवाही की गयी है 

 

दरअसल एक ऑडियो वायरल होने के बाद प्रदेश सरकार के निर्देश पर वायरल ऑडियो की जांच शुरू की गयी तो यूपी एसटीएफ के आईजी अमिताभ यश और एसएसपी विशाल विक्रम सिंह ने गाज़ियाबाद से पीयूष अग्रवाल नाम के एक युवक को गिरफ्तार किया,जिसने कानपुर विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष के पद पर नियुक्ति कराने के लिए एक आईएएस अफसर से 15 लाख रुपये ठग लिए और बताया था कि सौदा सवा करोड़ में तय हुआ था जिसके पेशगी के आईएएस अफसर ने 15 लाख दे भी दिए थे एसटीएफ द्वारा गिरफ्तार किए गए पीयूष अग्रवाल ने पूछताछ में बताया कि उससे गौरी कांत दीक्षित नाम का एक व्यक्ति मिला था। जिसने एक आईएएस अफसर की कानपुर विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष के पद पर नियुक्ति कराने के लिए सवा करोड़ रुपए खर्च करने की बात कही थी। गौरी कांत ने उसकी लखनऊ के कमलेश से मुलाकात कराई थी।जिसके बाद हुए सौदे के मुताबिक आईएएस आई.पी .पांडेय के दो रिश्तेदार 15 लाख रुपए एक लिफाफे में लेकर आए थे, जिसमे से उसने दो लाख कमलेश और दो लाख गौरीकांत को देकर, शेष 11 लाख अपने पास रख लिए थे और दिल्ली आ गया था। इसके बाद उसने आईएएस के स्थानांतरण का बहुत प्रयास किया जो अभी सफल नहीं हो सका। इसके बाद गौरी कांत उस पर पैसा वापसी का दबाव बनाने लगा। लॉकडाउन में इधर उधर रुपए खर्च हो जाने के कारण वह वापस करने की स्थिति में नहीं था और तभी गौरी कांत ने उससे बातचीत की ऑडियो को वायरल कर दिया।एसटीएफ ने पीयूष अग्रवाल के खिलाफ लखनऊ के विभूतिखंड थाना में धोखाधड़ी के मामले में मुकदमा दर्ज कर आगे की कार्रवाई शुरू कर दी थी |जिसके बाद एस.टी.एफ ने इस मामले में गौरी कान्त दीक्षित और कमलेश कुमार सिंह को भी गिरफ्तार कर लिया था |

 

फिर पूरी कहानी खुलकर ये सामने आयी कि कानपुर में विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष के पद के लिए एक आईएएस अफसर ने सवा करोड़ रुपये देने तय किये,जिसमे से 15 लाख बतौर बयाना दे भी दिया गया था लेकिन लॉक डाउन के चलते तबादले बंद है, तो अफसर परेशान हो गए और उन्होंने अपने 15 लाख वापस मांगे ,मामला यहीं से बिगड़ गया,क्योंकि जो बयाना आया था वो तो पीयूष अग्रवाल,गौरीकान्त और कमलेश बाँट चुके थे,इसलिए वापस लौटाने को लेकर दिक्कत हो रही थी,इसी मामले में कमलेश ने पीयूष से हुई बात रिकॉर्ड कर ली और गौरीकांत ने ऑडियो वायरल करा दी,ये मामला जैसे ही शासन में पहुंचा तो वहां हडकंप मच गया और तत्काल इस पूरे मामले में एस.टी.एफ को जांच करने के आदेश दे दिए गए | आदेश के बाद जब एस.टी.एफ के आईजी अमिताभ यश ने ये जांच शुरू की तो सारा मामला खुलकर आ गया और तीन की गिरफ्तारी हो गयी |

इस प्रकरण में एस.टी.एफ ने एक प्रेस बयान जारी करके बताया था कि आईजी अभिताभ यश के निर्देशन में प्रभारी एसएसपी विशाल विक्रम सिंह द्वारा उप निरीक्षक शिवनेत्र सिंह, के नेतृत्व में टीम गठित कर जांच की जा रही थी। उक्त जाॅच के क्रम में लाखोें की ठगी करने वाले गिरोह का भण्डाफोड़ करते हुये अभियुक्त पीयूष अग्रवाल को एस0टी0एफ0 टीम द्वारा -21.05.2020 को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था। छानबीन के बाद प्रकाश में आये अभियुक्तों गौरी कान्त दीक्षित एवं कमलेश कुमार सिंह को भी एसटीएफ टीम द्वारा विजयीपुर अण्डरपास गोमतीनगर जनपद लखनऊ से गिरफ्तार कर लिया गया है | गिरफ्तार उपरोक्त अभियुक्तों में गौरीकान्त दीक्षित ने पूछताछ पर बताया कि मैं एवं पीयूष अग्रवाल गाजियाबाद में एक ही सोसायटी में रहते है और हमारे पारिवारिक सम्पर्क है, हम लोग धोखाधडी के कार्यो में लिप्त रहते हैं। मेरे गिरोह का सरगना पीयूष अग्रवाल (कथित दलाल) है। जो एक सामाजिक कार्यकर्ता एवं डी0डी0 न्यूज का पत्रकार है। इसी कारण उसके तमाम बडे अधिकारियों से सम्बन्ध है जिसका प्रभाव दिखाकर वह लोगों को अपने जाल में फंसाकर ट्रान्सफर करवाने के नाम पर, हम लोगों के सहयोग से धोखाधडी करके पैसा ठग लेता है।

 

 कमलेश कुमार सिंह से हमारे पुराने सम्बन्ध है। कमलेश कुमार सिंह ने मुझसे एक आई0ए0एस0 अधिकारी की पोस्टिंग उपाध्यक्ष कानपुर नगर विकास प्राधिकरण के पद पर कराने के लिये कहा था, जिस पर मैने पीयूष अग्रवाल से ट्रान्सफर कराने के लिए बात किया, तब पीयूष अग्रवाल ने मुझसे कहा कि वह इस कार्य को करवा देगा, लेकिन इसमें 1 करोड रूपया खर्च होगा और इसके ऊपर जो तय होगा उसे हम तीनों आपस में बांट लेंगे। यह डील सवा करोड़ (1.25 करोड़) में फाइनल हुई। इस कार्य हेतु पीयूष अग्रवाल, मेरे साथ एवं कई बार अकेले जनपद गाजियाबाद से लखनऊ आया। मैने ही पीयूष अग्रवाल की कमलेश से मुलाकात लखनऊ में कराई थी। गौरीकान्त ने बताया कि मेरे ही कहने पर कमलेश ने 2 मार्च को होटल सिलवर सेवन में जाकर पीयूष अग्रवाल को एडवांस के पन्द्रह लाख रूपया एक लिफाफे में दिया था, जिसमें से उसी समय दो लाख रूपया पीयूष अग्रवाल ने कमलेश कुमार सिंह को दे दिया था, तथा दो लाख मेरे (गौरीकान्त दीक्षित) बैंक खाते में जमा करवा दिया था। शेष 11 लाख रूपये लेकर पीयूष अग्रवाल इटावा होते हुये दिल्ली चला गया था। ट्रान्सफर कराने हेतु पीयूष अग्रवाल ने काफी प्रयास किया किन्तु लाकडाउन होने के चलते किसी से सम्पर्क नहीं हो सका, जिसके कारण काम नहीं हो पाया। 

उक्त पैसा मैने एवं पीयूष अग्रवाल ने मिलकर धोखाधड़ी से किसी को देने के नाम पर लिया था, और यह सोचा था कि पीयूष अग्रवाल अपने सम्पर्को के माध्यम से काम करवा देगा। इसी बीच मुझे थाना नेव सरांय दिल्ली पुलिस ने फ्राड के पुराने मामले में गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था, मेरी जमानत पीयूष अग्रवाल ने भाग दौड करके करायी थी। जब मै जमानत पर रिहा होकर आया तब कमलेश कुमार सिंह ने फोन पर बताया कि ट्रान्सफर वाला काम नही हो पाया है। मेरी बात खराब हो रही है, मैने कई बार पीयूष अग्रवाल से फोन करके कहा कि काम नही हो पा रहा है तो मेरा पैसा वापस करवा दो। जिसके लिए पीयूष अग्रवाल तैयार नही हुआ और कमलेश कुमार सिंह पैसा वापस करने के लिए दबाव बनाने लगे, तब हमारा और पीयूष अग्रवाल का आपस मे विवाद हो गया, तब मैने फोन करके कमलेश कुमार सिंह से कहा कि पीयूष अग्रवाल से बात कर लो और उसकी रिकार्डिग करके मुझे भेज दो जिस पर कमलेश ने पीयूष अग्रवाल से बातचीत की और रिकार्डिग मुझे भेज दिया। 

मैने उक्त रिकार्डिग पत्रकार के माध्यम से वायरल करा दिया था, और बताया कि जो आडियो क्लिप मैने पत्रकार को भेजी है, उसमें पीयूष अग्रवाल व कमलेश कुमार सिंह के बीच में हुई वार्ता ही है। कमलेश कुमार सिंह ने पूछताछ में स्वीकारोक्ति करते हुये बताया कि जो बाते गौरीकान्त दीक्षित ने बताया है ,वही सत्य हैं। एस0टी0एफ0 टीम द्वारा अभियुक्तों गौरीकान्त दीक्षित एवं कमलेश कुमार सिंह कोे गिरफ्तार कर मु0अ0सं0-242/2020 धारा-420,467,468, 471,201,120बी भा0दं0वि0 व 66 आई0टी0 ऐक्ट थाना विभूतिखण्ड जनपद लखनऊ में दाखिल किया गया अग्रिम विधिक कार्यवाही थाना विभूतिखण्ड पुलिस द्वारा की जा रही है।

 

एसटीएफ की इसी रिपोर्ट के बाद प्रदेश शासन ने आज इस मामले में रुपये देने वाले अधिकारी को विशेष सचिव आबकारी के पद से हटाकर राजस्व परिषद् में भेज दिया है,इस मामले में आगे भी कार्यवाही किये जाने की सम्भावना है |

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