सोमवार, 30 मार्च 2020

जीवन-मृत्यु का संघर्ष है कोरोना वायरस

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने पलायन कर रहे लोगों से अपील की है कि वह ध्यान रखें कि जहां पर हैं ,वहीं पर रहें, क्योंकि कोई भी दिल्ली से या अन्य स्थान से सीधे अपने घर नहीं पहुंचेगा ,उसे 14 दिन सरकारी कैंप में ही रहना पड़ेगा। मौर्य ने कहा कि लोग अफवाहों पर बिल्कुल ध्यान न/न दें। उन्होंने कहा है कि कोरोना के खिलाफ लड़ाई जीवन और मृत्यु के बीच की लड़ाई है, इस लड़ाई को हमें जीतना है। इसलिए हमें कठोर कदम उठाने हैं और धैर्य व संयम बनाये रखना बहुत जरूरी है।उन्होंने कहा है कि कोरोना वायरस ने दुनिया को कैद कर दिया है । यह ज्ञान ,विज्ञान, गरीब संपन्न, कमजोर ,ताकतवर, हर किसी को चुनौती दे रहा है। यह न/न तो राष्ट्र की सीमाओं में बंधा है, न/न हीं यह कोई क्षेत्र देखता है और न/न ही कोई मौसम। इसलिए हम सबको सोशल डिस्टेंसिंग बनाकर ही हर हाल में रहना है और जरूरी भी है की बीमारी व उसके प्रकोप से शुरुआत मे ही निपटना चाहिए, बाद में रोग असाध्य हो जाते है।मौर्य ने कहा है कि कोरोना वायरस के विरुद्ध महायुद्ध में लाक डाउन रूपी की लक्ष्मण रेखा को कतई नहीं लांघना है ,घर पर रहकर ही स्वयं व परिवार को सुरक्षित बचाना है। उन्होंने अपनी अपील में कहा है कि कोरोना से जंग जारी है, बचने और बचाने में ही समझदारी है। चन्द दिनों की कसौटी में खरा उतरना हम सबकी जिम्मेदारी है।कोरोना से निपटने के लिए सरकार द्वारा किए गये प्रबन्धों का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा है कि इस संबंध में सरकार पूरी प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रही है और अधिकारियों व कर्मचारियों की टीमें भी पूरी मुस्तैदी से लगी हुई है ।उन्होंने आम जनमानस से भीअपील की है कि वह सरकार द्वारा किए जा रहे प्रयासों में सहयोग प्रदान करें । उन्होंने कहा कि खाद्यान्न का वितरण किया जा रहा है। दूध वितरित किया जा रहा है। पब्लिक ऐड्रेस सिस्टम के माध्यम से लोगों को जागरूक किया जा रहा है।उपमुख्यमंत्री ने कहा कि सी एम हेल्पलाइन से प्रधानों एवं पार्षदों से संपकर् किया जा रहा है । आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति व बुनियादी सुविधाओं का विशेष ध्यान रखा जा रहा है । मुनाफाखोरी/जमाखोरी पर अंकुश लगाने के पूरे प्रयास किए जा रहे हैं । दवाओं की आपूर्ति की भी पर्याप्त व्यवस्था की गई है।उन्होंने बताया कि कोविड-19 महामारी के द्दष्टिगत लॉकडाउन के दौरान अन्य राज्यों में कार्य करने वाले प्रदेश के निवासी मूल जिलो को जो पहुंच रहे हैं , महामारी फैलने से रोकने के लिए इन लोगों को जनसामान्य से अलग रखने के निर्देश दिए गए हैं और इन व्यक्तियों को सीधे उनके घर ले जाने के बजाय धर्मशाला, हॉस्टलों आदि में क्वारेंटाइन करने की व्यवस्था की जा रही है, वहीं पर उनके खानपान की भी व्यवस्था की जा रही है। विभिन्न राज्यों में प्रदेश के रह रहे लोगों के बारे में नोडल अधिकारी बनाए गए हैं और उन नोडल अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि वह लॉक- डाउन अवधि मे उन्हे वहां पर रहने के लिए तैयार करें तथा उस राज्य के प्रशासन से समन्वय कर उनके रहने ,खाने आदि की व्यवस्था सुनिश्चित करायेगे।


पलायन को लेकर दिल्ली सरकार चिंतित

 विभिन्न राज्यों ने अपने-अपने क्षेत्रों में अन्य राज्यों से लगती सीमाओं को सील किए जाने का दावा किया है। ...


      नईदिल्ली। विभिन्न राज्यों ने अपने-अपने क्षेत्रों में अन्य राज्यों से लगती सीमाओं को सील किए जाने का दावा किया है। इस बीच दिल्ली सरकार का कहना है कि अभी भी हरियाणा और पंजाब से श्रमिकों का पैदल पलायन जारी है। दिल्ली सरकार पहले भी स्पष्ट कर चुकी है कि दिल्ली की सीमाओं पर एकत्र हुए हजारों श्रमिकों में पंजाब, हरियाणा और राजस्थान से पलायन करके आए लोग शामिल हैं।
       विभिन्न स्थानों से पैदल यात्रा करके अपने घर जाने की जुगत में लगे श्रमिकों के मुद्दे पर दिल्ली के उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा, पंजाब, हरियाणा से आज भी मजदूरों का पलायन जारी है। पूरे देश में खतरनाक हालात हैं। मनीष सिसोदिया ने इसका सबूत देते हुए बाकायदा एक वीडियो ट्वीट किया है, जिसमें श्रमिकों का एक जत्था पंजाब के जीरकपुर से निकल कर उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद स्थित अपने घर के लिए सड़कों पर पैदल ही निकल पड़ा है।
     दिल्ली सरकार व उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने इस दौरान लोगों से अपने अपने घरों में बने रहने की अपील की। सिसोदिया ने कहा, दुनिया के सबसे विकसित देश अमेरिका में भी कोरोना मरीजों को हॉस्पिटल में इलाज नहीं मिल पा रहा है। मरीजों की संख्या ही इतनी है। अगर देश को इन हालात से बचाना है तो एक ही तरीका है, लॉकडाउन का पालन कर घर में रहें। उन्होंने लोगों से कहा, बड़ी परेशानी को टालने के लिए छोटी-छोटी परेशानियां तो झेलनी पड़ेंगी।
     इससे पहले रविवार को दिल्ली के उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा था, दिल्ली के बॉर्डर पर जो लोग हैं वो केवल दिल्ली से नहीं बल्कि हरियाणा, पंजाब, राजस्थान तक से आए लोग हैं। हालांकि, दिल्ली सरकार दिल्ली की सीमाओं पर एकत्र हुए सभी लोगों को भोजन और उनके ठहरने की व्यवस्था करवाने को लेकर गंभीर है। दिल्ली सरकार ने इसके लिए बॉर्डर के आस-पास ही कई कैंप लगाना भी शुरू कर दिया है।
     उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा, कोरोना के खिलाफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी का लॉकडाउन सफल हो सके इसके लिए इस वक्त दिल्ली में जो भी है उसे छत और खाना देने की जिम्मेदारी हमारी (दिल्ली सरकार की) है लेकिन इससे मिलकर लडऩा होगा।


हरियाणाः 33 में से 17 हुए ठीक

चण्डीगढ। भारत सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा 29 मार्च सांय 7.30 बजे जारी रिपोर्ट के अनुसार हरियाणा में कोरोना से संक्रमित 5 और मरीजों के स्वस्थ होने पर उन्हें छुट्टी दे दी गई l रिपोर्ट के मुताबिक कुल कोरोना संक्रमित 33 लोगों में अब 17 लोग ठीक हो चुके हैं l स्वास्थ्य मंत्रालय कि 28 मार्च की रिपोर्ट में हरियाणा में कोरोना के मरीजों के ठीक होने की संख्या 12 बताई गई थी l इस से जाहिर है कि 5 अन्य मरीज स्वस्थ हुए l यह आंकड़ा हरियाणा में कोरोना की जंग में जुटे चिकित्स्कों समाज सेवी संस्थाओं ओर तमाम प्रशासनिक अमले,पुलिस प्रशासन व् सत्ता रूढ़ दल के लिए उत्साह वर्धक है l
हरियाणा की जनता को भी इसके लिए पूरा श्रेय दिया जाना चाहिए जिसने लॉक डाउन का पूरा सम्मान किया l सोशल मीडिया पर चली अफवाहों के बावजूद ज्यादात्तर जनता ने अपना पूरा समय घरों के भीतर ही बिताया l हरियाणा से प्रवासी मजदूरों के पलायन के समाचार भी सिमित ही रहे l एक दुक्का जगहों (दिल्ली एनसीआर) को अपवाद मान लिया जाये तो कोई ज्यादा खबरें मजदूरों के पलायन की नहीं आई l


क्या है भविष्य की परफेक्ट प्लानिंग

नई दिल्ली। आगे के लिए जब भी कोई प्लान बनाया जाता है तो उसमें गलतियां हो ही जाती हैं। यह गारंटी नहीं दी जा सकती कि कोई भी गलती ना हो और प्लान पूरी तरह से परफेक्ट हो । ऐसा ही अभी हमारे देश में हुआ है। इसलिए जो लोग शहरों से गांव जाना चाहते हैं खासतौर से छोटी-छोटी फैक्ट्रियों में काम करने वाले लोग अपने अपने घर जाना चाहते हैं। वह बहुत डरे हुए हैं शहरों में उनके लिए ना रहने को जगह है ना खाने को उनके पास कोई पैसा है। ऐसे में उनका यह सोचना कि अगर हम मरें तो क्यों ना अपने जन्म स्थान पर ही जाकर मरें, गांव में ही जाकर मरें। ऐसे में उनको उनके घर भेजना, सरकार की जिम्मेदारी हो जाती है। लेकिन इसके साथ भी एक और समस्या लगी हुई है कल को जब यह बीमारी दूर हो जाएगी और फिर हमारे देश में सब काम पहले की तरह होने लगेगा तब यह फैक्ट्रियां भी शुरू होंगी लेकिन उनमें काम करने के लिए मजदूर नहीं होंगे तब यह फैक्ट्रीयां कैसे चलेंगी। इसलिए यह एक बहुत बड़ी समस्या हो गई है हालांकि अभी भी उस बात को सोचकर आज उनके लिए कुछ निजाम किया जा सकता है और कुछ मजदूरों को रोका जा सकता है यदि हम आकर्षक प्रबंध करें जो कुछ लोगों को रोक ले तो  कुछ समस्या हल हो सकती है।  इन काम करने वाले मजदूरों का शहरों में रुकना बहुत जरूरी है । इस वक्त हम केवल यही सोच रहे हैं कि इनकी सबसे बड़ी जरूरत है इन्हें इनके गांव पहुंचाना।  इस वक्त हम यह नहीं सोच रहे हैं कि बाद में क्या होगा और क्या जरूरत पेश आएगी। अगर हम आज उनके शहरों में रुकने के लिए कुछ ऐसे आकर्षक प्रबंध करें जिन्हें देखकर वेअपने आप रुक ना चाहे तो समस्या का कुछ आंशिक हल हो सकता है यह बात बहुत विचारणीय है।


महामारी के खिलाफ जागरूकता बढ़ाएं

नई दिल्ली। कोविड-19 कोरोना वायरस के खिलाफ संघर्ष में अग्रणी शॉर्ट वीडियो प्लेटफॉर्म लाईकी ने महान क्रिकेटर युवराज सिंह की ओर से समर्थित हैल्थ टेक ब्रांड हैल्थियंस के साथ साझेदारी की है। इस साझेदारी के तहत कोरोना की वैश्विक महामारी के खिलाफ जागरुकता बढ़ाई जाएगी, जिससे दुनिया के 185 देश प्रभावित हो चुके हैं। इस सहयोग के तहत हैल्थियंस से जुड़े अनेक डॉक्टर्स इस मामले में लाईकीयर्स को जानकारी देंगे। पांच दिनों की अवधि में भारत के अग्रणी डोरस्टेप हैल्थ टेस्ट प्रदाताओं में से एक, हैल्थियंस से जुड़े डॉक्टर्स एवं न्यूट्रिशनिस्ट लाईव सत्रों के माध्यम से लोगों को जानकारी प्रदान करेंगे। लाईकी की ऑफिशियल भारतीय टीम की ओर से आयोजित कराए जा रहे इन सत्रों के दौरान लाईकीयर्स की इस महामारी से जुड़ी शंकाओं का समाधान किया जाएगा। इस अभियान के तहत मेडिकल प्रोफेशनल्स इस महामारी के प्रति जागरुकता बढ़ाते हुए स्वास्थ्य के बारे में स्मार्ट एवं उपयोगी टिप्स देंगे।


यह सत्र 28 मार्च 2020 से शुरू हो गई और उसके बाद रविवार, सोमवार, मंगलवार एवं बुधवार को जारी रहेंगे। शाम 6 बजे से 7 बजे तक रोज एक घंटे का सत्र होगा। हैल्थियंस के को-फाउंडर दीपक साहनी, डॉक्टर प्रणव, डॉक्टर दीपक पाराशर एवं न्यूट्रिशनिस्ट सौम्या शताक्षी इस अभियान के दौरान लाईकीयर्स से बात करेंगे। यह पाँच दिवसीय इंटरैक्टिव सत्र लाखों लाईकी यूज़र्स को लाभान्वित करेगा, जिनके पास लॉकडाऊन की इस अवधि में जानकारी प्राप्त करने का इंटरनेट के अलावा दूसरा कोई साधन नहीं है। इस अभियान के बारे में अभिषेक दत्ता, हेड, लाईकी इंडिया ने कहा, ‘‘हमारी सामाजिक जिम्मेदारी है कि हम इस संकट के समय लाईकीयर्स को उनकी जरूरत की सभी जानकारी प्रदान करेंगे। यह भी जरूरी है कि जानकारी का स्रोत विश्वसनीय एवं भरोसेमंद हो। इसलिए हमने युवराज सिंह की ओर से समर्थित हैल्थियंस के साथ साझेदारी की है, ताकि हम लाखों लोगों को कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में सहयोग कर सकें और उन्हें घर पर रहते हुए सर्वाधिक जानकारी प्रदान कर सकें।“


स्पेन में मचाया तांडव, 838 की मौत

स्पेन। दुनिया भर में कोरोना वायरस से मरने वालों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है। कोरोना वायरस के कारण स्पेन देश को तबाही की कगार पर पहुंचा दिया है। स्पेन में कोरोना वायरस से अभी तक 6500 से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है। स्पेन में कोरोना से 24 घंटे में रिकॉर्ड 838 मौतें दर्ज की गई है। स्पेन ने रविवार को गत 24 घंटों में रिकॉर्ड 838 लोगों की कोरोना के संक्रमण से मौत की पुष्टि की। इसके साथ ही देश में इस संक्रमण से मरने वालों की तादाद 6,528 हो गई है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि स्पेन में अबतक 78,797 लोगों के कोरोना वायरस से संक्रमित होने की पुष्टि हुई है। इस प्रकार देश में 24 घंटे के भीतर संक्रमितों की संख्या में 9.1 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। कोरोना वायरस से इटली के बाद स्पेन दूसरा देश है जहां पर सबसे अधिक मौतें हुई हैं।


योगी का अच्छे प्रशासक का उदाहरण

दिल्ली-लखनऊ। बगल में बच्चा… दूसरे छोटे बच्चे का हाथ पकड़े परिवारों का या पिट्ठू लटकाए युवकों के दिल्ली से पैदल ही अपने-अपने घरों के लिए निकल पड़े हजारों हजार लोगों को संभाल पाना आसान काम नहीं है। ऐसे में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ संवेदनशील और कुशल प्रशासक के रूप में सामने आए हैं। उन्होंने तमाम विरोधों और आलोचनाओं की परवाह न करते हुए पहले दिन तो आनंद विहार से ही बसों का संचालन किया। उस पर जब दिल्ली और बिहार की सरकारों ने राजनीति शुरू की तो उसमें न पड़ते हुए वे स्वयं ही व्यवस्थाओं के संचालन के लिए मोर्चे पर आ गए। रविवार को वे स्वयं लखनऊ- आगरा एक्सप्रेस वे के मोहान रोड टोल सेंटर पर पहुंच गए। पैदल ही अपने घर जा रहे लोगों को रोका। उनसे एक निश्चित दूरी संवाद किया। इसके बाद जांच के उपरांत ही घरों तक भिजवाने का आश्वासन दिया।मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने साफ तौर पर घोषणा की है कि बाहरी राज्यों से उत्तर प्रदेश में जो भी आ गए हैं, उन सभी की जिम्मेदारी प्रदेश सरकार की है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि बाहरी राज्यों के कामगारों के लिए सभी तरह की सुविधाएं मुहैया करवाई जाएं, जिससे उन्हें पलायन की जरूरत न पड़े। दूसरी तरफ उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों के लिए रविवार को भी बसों का संचालन जारी रहा। अब ये बसें आनंद विहार के बजाय गाजियाबाद के लालकुआं से मिल रही हैं। आनंद विहार से लालकुआं की दूरी 17 किलोमीटर है। लोग इस दूरी को पैदल नापने को मजबूर हैं। यह इसलिए किया गया है कि लोगों को पलायन से हतोत्साहित किया जा सके। मगर परिवार के परिवार और झुंड के झुंड जो घरों के लिए निकल पड़े हैं, वे रुकने को तैयार ही नहीं हैं। बस मिले तो ठीक। नहीं मिले तो ठीक। पैदल ही चलने और घर पहुंचने का संकल्प तो मन में है ही। रास्ते में अनेक स्थानों पर सेवाभावी लोग उनके खाने और पीने के पानी का इंतजाम कर रहे हैं। कहीं खाने के डिब्बे, बांटे जा रहे हैं तो कहीं केले, सेव या बिस्कुट के पैकेट।


14 से आगे नहीं बढ़ेगा 'लाक डाउन'

नई दिल्ली। कोरोना वायरस के बढ़ते प्रसार को रोकने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश में 21 दिनों के लॉकडाउन को लागू किया है। हालांकि कुछ रिपोर्ट्स में कहा जा रहा है कि लॉकडाउन की समयसीमा बढ़ सकती है। जिसपर कैबिनेट सचिव राजीव गौबा का कहना है कि 21 दिनों की लॉकडाउन अवधि को बढ़ाने की सरकार की कोई योजना नहीं है। उन्होंने इसे लेकर आ रही रिपोर्ट्स पर हैरानी जताई।


सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के पत्र सूचना कार्यालय (पीआईबी) ने ट्वीट कर बताया कि कैबिनेट सचिव राजीव गौबा ने मीडिया में आ रही उन खबरों का खंडन किया है जिनमें दावा किया जा रहा है कि सरकार बंद को आगे बढ़ा सकती है। पीआईबी ने कहा, ‘मीडिया में आ रही खबरें और कुछ अफवाहों में दावा किया जा रहा है कि सरकार 21 दिन के बंद की अवधि खत्म होने के बाद इसे और बढ़ा सकती है। कैबिनेट सचिव ने इन खबरों से इनकार किया और कहा कि वे निराधार हैं।


सरकार ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से प्रवासी मजदूरों के भारी पलायन को देखते हुए लॉकडाउन को सख्ती से लागू करने को कहा है। सरकार ने स्थानीय अधिकारियों द्वारा लॉकडाउन को लागू करने और लॉकडाउन की अवधि के दौरान प्रवासी मजदूरों को किसी भी कठिनाई का सामना नहीं होने देने के लिए कई नियम लागू किए हैं।


सरकार ने कोविड-19 प्रतिक्रिया गतिविधियों के नियोजन और कार्यान्वयन के लिए 11 सशक्त समूहों का गठन किया है। इन 11 टीमों में 80 वरिष्ठ सिविल सेवक शामिल होंगे। पिछले हफ्ते गौबा ने राज्य के मुख्य सचिवों और केंद्र शासित प्रदेशों के प्रशासकों से 18 जनवरी से भारत आए 15 लाख से अधिक अंतरराष्ट्रीय यात्रियों के संपर्क में आने वाले लोगों का पता लगाने के लिए कहा था।


क्या है भारत की स्थिति
देश में कोरोना वायरस से मरने वालों की संख्या 27 हो गई है। स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक देश में कुल मरीजों की संख्या 1047 है। इसमें 95 मरीज स्वस्थ हो चुके हैं। वर्तमान में भर्ती मरीजों की संख्या 924 है।


छत्तीसगढ़ में 62 हजार परिवारों को राशन

रायपुर। कोरोना वायरस (कोविड-19) के संक्रमण से बचाव और रोकथाम के उपायों के तहत चल रहे लॉकडाउन के दौरान छत्तीसगढ़ के सभी शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में 62 हजार 172 गरीबों और जरूरतमंद परिवारों को निशुल्क भोजन और निशुल्क राशन सामग्री उपलब्ध कराई जा रही है। जिससे इन परिवारों को बड़ी राहत मिली है।


मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने सभी जिला कलेक्टरों को इस कार्य को पूरी संवेदनशीलता से करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा है कि  इस चुनौतीपूर्ण समय में कोई भी व्यक्ति भूखा ना रहे। मुख्यमंत्री के आव्हान पर अनेक समाजसेवी संस्थाएं गरीबों और जरूरतमंद परिवारों की मदद के लिए सामने आयी और जिला प्रशासन के अधिकारियों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर इस कार्य मे सहयोग दे रही हैं।


पूरे प्रदेश में 62 हजार 172 लोगों को भोजन और राशन सामग्री उपलब्ध कराई गई है। प्रदेश में संबंधित जिलों में जिला प्रशासन द्वारा 14 हजार 467 व्यक्तियों और 4015 परिवारों को निशुल्क राशन सामग्री वितरित की गई है, जबकि 28 हजार 227 लोगों के भोजन की व्यवस्था की गई है। समाजसेवी संगठनों द्वारा पूरे प्रदेश में 18 हजार 638 व्यक्तियों और 18 हजार 097 परिवारों के लिए भोजन और निशुल्क राशन सामग्री का प्रबंध किया गया है। इनमें से राजधानी रायपुर में 9 हजार व्यक्तियों और 22 हजार परिवारों को भोजन और राशन सामग्री उपलब्ध कराई गई है। रायपुर में 9000 लोगों के लिए भोजन की व्यवस्था की गई है जबकि 4000 जरूरतमंद परिवारों को निशुल्क राशन सामग्री वितरित की गई है । इसके अलावा स्वयंसेवी संगठनों द्वारा 18 हजार परिवारों के लिए भोजन और राशन की व्यवस्था की गई है। इसी प्रकार सरगुजा जिले में 11हजार 550 जरूरतमंद लोगों के लिए भोजन और राशन की व्यवस्था की गई है। इनमें से 4900 लोगों के भोजन की व्यवस्था और 1500 लोगों को निशुल्क राशन तथा स्वयंसेवी संगठनों द्वारा 5150 लोगों के लिए भोजन और राशन की व्यवस्था की गई है। बस्तर जिले में इस योजना के माध्यम से 5963 जरूरतमंद व्यक्तियों को मदद की जा रही है। बस्तर जिले में 2180 लोगों के भोजन की व्यवस्था की गई है और 1033 परिवारों को निशुल्क राशन सामग्री दी गई है जबकि स्वयंसेवी संस्थाओं द्वारा बस्तर जिले में 2750 लोगों के भोजन की और राशन की व्यवस्था की गई है।


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राजनांदगांव जिले में 3565 लोगों को राशन और भोजन उपलब्ध कराया जा रहा है। जिला प्रशासन द्वारा राजनांदगांव में 2831 लोगों के भोजन की व्यवस्था की गई है और 734 परिवारों को निशुल्क राशन सामग्री वितरित की गई है। इसी प्रकार दुर्ग जिले में 2918, रायगढ़ जिले में 2882, कोरबा जिले में 2769, धमतरी जिले में 2380 लोगों के भोजन और निशुल्क राशन की व्यवस्था की गई है। गौरेला-पेंड्रा- मरवाही जिले में 2306 लोगों के लिए, बलौदा बाजार-भाटापारा जिले में 1885, सुकमा जिले में 1792 लोगों के लिए, जांजगीर-चांपा जिले में 1556 लोगों के लिए, जशपुर जिले में 1270, सूरजपुर जिले में 1180 लोगों के भोजन और निशुल्क राशन की व्यवस्था जिला प्रशासन द्वारा स्वयंसेवी संगठनों और समाजसेवियों तथा दानदाताओं की मदद से की गई है। बिलासपुर जिले में 1179, बीजापुर जिले में 1039, बालोद में 942, कांकेर में 886, महासमुंद में 854, बलरामपुर में 869, मुंगेली जिले में 841, कोंडागांव में 633, दंतेवाड़ा में 628, नारायणपुर में 437, बेमेतरा जिले में 205 और कोरिया जिले में 486 व्यक्तियों और 112 जरूरतमंद परिवारों  के निशुल्क राशन और भोजन की व्यवस्था से इन्हें राहत पहुंचाया गया है।


राहुल का मोदी को पत्र, संकट में साथ

नई दिल्ली। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है। पत्र में उन्होंने इस घोर संकट के समय में उनके साथ रहने और कांग्रेस पार्टी के लाखों कार्यकर्ताओं की ओर से आपको पूरा सहयोग प्रदान करने की बात कही है। भारत में कोरोना की महामारी को रोकने के लिए केंद्र सरकार द्वारा उठाए गए हर कदम में हम अपना हर संभव सहयोग दे रहे हैं।


कोविड-19 वायरस को तेजी से बढ़ने से रोकने के लिए दुनिया तत्काल कठोर उपाय करने को मजबूर हुई है और भारत में भी इस समय तीन हफ्तों का लॉकडाऊन चल रहा है। मुझे आप से आग्रह करना चाहिए कि आप पूरे देश में हुए इस लॉकडाऊन के हमारे नागरिकों, हमारे समाज एवं हमारी अर्थव्यवस्था पर होने वाले विनाशकारी प्रभाव पर गंभीरता से चिंतन करें।


हमें यह समझना आवश्यक है कि भारत की परिस्थितियां विशिष्ट हैं। हमें पूर्ण लॉकडाऊन की कार्ययोजना पर काम कर रहे अन्य बड़े देशों के मुकाबले कुछ अलग उपाय करने की जरूरत है। भारत में उन गरीबों की संख्या, जिनका जीवन दैनिक मजदूरी पर निर्भर है, इतनी ज्यादा है, कि हम आर्थिक कार्यों पर पूरी तरह से एकतरफा लॉकडाऊन नहीं लगा सकते। पूरी तरह से आर्थिक शटडाऊन कोविड-19 वायरस की वजह से होने वाली मौतों की संख्या को बहुत ज्यादा बढ़ा सकता है। यह महत्वपूर्ण है कि केंद्र सरकार द्वारा ज्यादा विस्तृत एवं केंद्रित दृष्टिकोण अपनाया जाए, जिसमें देश के नागरिकों के वास्तविक जीवन की सच्चाईयों पर पूरी तरह से गौर किया गया हो। हमारी प्राथमिकता बुजुर्गों व कमजोरों को अन्य लोगों से पृथक करने एवं उन्हें वायरस से सुरक्षा देने पर होनी चाहिए। इसके साथ ही युवाओं को बुजुर्गों के नज़दीक व संपर्क में जाने से उन्हें होने वाले खतरों के बारे में साफ तौर से एवं पूर्ण रूप से जागरुक करना चाहिए।


भारत में लाखों बुजुर्ग गांवों में रहते हैं। पूर्ण लॉकडाऊन एवं आर्थिक गतिविधियों पर शटडाऊन के कारण लाखों युवा बेरोजगार होकर अपने-अपने गांव में पलायन करने पर मजबूर हो जाएंगे, जिससे उनके माता-पिता, दादा-दादी एवं बुजुर्गों के संक्रमित होने का खतरा बढ़ जाएगा। इससे बड़ी संख्या में लोगों के जान गंवाने का खतरा है।


हमें सामाजिक सुरक्षा के जाल को तत्काल मजबूत करने एवं कामकाजी गरीबों को आश्रय व सहयोग देने के लिए हर उपलब्ध सार्वजनिक संसाधन का प्रभावशाली उपयोग करना पड़ेगा। सरकार द्वारा घोषित किया गया वित्तीय पैकेज पहला अच्छा प्रयास है। लेकिन इस पैकेज में घोषित सहायता को शीघ्रता से दिया जाना बहुत आवश्यक है। कृपया इसके क्रियान्वयन की तिथियों के साथ एक स्पष्ट रोडमैप की घोषणा करके उसे लागू कराएं। बड़ी जनसंख्या वाले स्थानों में उतने ही बड़े और समर्पित अस्पताल होने चाहिए, जिनमें हजारों बेड और वैंटिलेटर उपलब्ध हों। यह जरूरी है कि हम ये सुविधाएं और आवश्यक उपकरण उतना जल्दी स्थापित करें, जितना किसी भी मानवीय साधन द्वारा संभव है। साथ ही यह भी आवश्यक है कि हम टेस्ट्स की संख्या बढ़ाएं, जिससे वायरस के फैलाव की सही व वास्तविक स्थिति का हमें पता चल सके, ताकि उस पर नियंत्रण किया जा सके।


सरकार द्वारा अचानक लॉकडाऊन घोषित किए जाने से अत्यधिक अफरा तफरी व भ्रम की स्थिति पैदा हो गई है। हजारों प्रवासी मजदूरों को अपना आवास छोड़ना पड़ा क्योंकि वो उसका किराया देने की स्थिति में नहीं थे। यह जरूरी है कि इस समय सरकार हस्तक्षेप करे और उन्हें किराया देने के लिए तत्काल राशि उपलब्ध कराए। फैक्ट्री, छोटे उद्योग एवं निर्माण स्थल बंद हो गए हैं, हजारों प्रवासी मजदूर अपने घर पैदल जाने की कोशिश कर रहे हैं और विभिन्न राज्यों की सीमाओं पर रुके हुए हैं। दैनिक मजदूरी के बिना पोषण एवं मौलिक सुविधाओं के अभाव में, वो नाजुक स्थिति में आ गए हैं। दूर स्थित अपने घरों में जाते हुए वे आश्रयस्थल के लिए संघर्ष कर रहे हैं। यह आवश्यक है कि हम उन्हें आश्रय प्रदान करने में सहयोग करें और सीधे उनके बैंक खातों में पैसे पहुंचाएं, जिससे वो अगले कुछ महीनों के कठिन समय का सामना कर सकें।


यह भी आवश्यक है कि इस समय हम अपने मुख्य वित्तीय एवं सामरिक संस्थानों के चारों ओर एक रक्षात्मक कवच स्थापित करें, जिससे वो वायरस और कुछ हफ्तों के आर्थिक शटडाऊन के बाद होने वाले नुकसान का सामना कर सकें। पुर्ननिर्माण में हमारे असंगठित क्षेत्र एवं छोटे व मध्यम व्यवसाय और किसानों के विस्तृत नेटवर्क की महत्वपूर्ण भूमिका होने वाली है। इसलिए यह जरूरी है कि हम समय रहते सही कदम उठाते हुए उनसे बातचीत करें, उनका भरोसा बढ़ाएं और उनके हितों की सुरक्षा सुनिश्चित करें। इस मुश्किल चुनौती से लड़ने व जीतने के लिए हम केंद्र सरकार के साथ मिलकर खड़े हैं।


प्राधिकृत प्रकाशन विवरण

यूनिवर्सल एक्सप्रेस    (हिंदी-दैनिक)


मार्च 31, 2020, RNI.No.UPHIN/2014/57254


1. अंक-232 (साल-01)
2. मंगलवार, मार्च 31, 2020
3. शक-1942,चैैत्र-शुक्ल पक्ष, तिथि-सप्तमी, 2077


4.सूर्योदय प्रातः 06:20,सूर्यास्त 06:40।
5. न्‍यूनतम तापमान 14+ डी.सै.,अधिकतम-27+ डी.सै., बरसात की संभावना बनी रहेगी।


6.समाचार-पत्र में प्रकाशित समाचारों से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है। सभी विवादों का न्‍याय क्षेत्र, गाजियाबाद न्यायालय होगा।
7. स्वामी, प्रकाशक, संपादक राधेश्याम के द्वारा (डिजीटल सस्‍ंकरण) प्रकाशित।


8.संपादकीय कार्यालय- 263 सरस्वती विहार, लोनी, गाजियाबाद उ.प्र.-201102


9.संपर्क एवं व्यावसायिक कार्यालय-डी-60,100 फुटा रोड बलराम नगर, लोनी,गाजियाबाद उ.प्र.,201102


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