शुक्रवार, 27 मार्च 2020

ऑनलाइन बिजली बिल पर शुल्क नहीं

लखनऊ। बिजली बिलों के ऑनलाइन भुगतान पर उपभोक्ताओं को अब किसी भी प्रकार का शुल्क नहीं देना होगा। कोरोना लॉकडाउन को देखते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी के निर्देशों के अनुक्रम में यूपीपीसीएल ने उपभोक्ताओं के हित में नए दिशा निर्देश जारी कर दिए हैं।


अभी तक डेबिट व क्रेडिट कार्ड के जरिये भुगतान पर बैंकिंग कंपनियों द्वारा शुल्क लिया जा रहा था। अब इस शुल्क का भुगतान यूपीपीसीएल करेगा। विद्युत उपभोक्ता अपने बिलों का ऑनलाइन भुगतान ई-निवारण ऐप के जरिये कर सकते हैं। इसे गूगल प्ले स्टोर डाउनलोड किया जा सकता है। किसी भी कठिनाई पर उपभोक्ता हेल्पलाइन 1912 पर फोन कर समस्या का समाधान पा सकते हैं। उपभोक्ताओं को एसएमएस द्वारा भी बिलों के भुगतान का लिंक साझा किया जा रहा है। विषम परिस्थितियों में भी कारपोरेशन उपभोक्ताओं को निर्बाध विद्युत आपूर्ति के लिए प्रयासरत है।कारपोरेशन उपभोक्ताओं से अपील भी करता है कि वह अपना बिल ऑनलाइन माध्यमों के जरिये जमा करें जिससे विद्युत उत्पादकों का ससमय भुगतान किया जा सके।


3 बच्चों को कुएं में फेंका, 2 की मौत

सोनभद्र। उत्तर प्रदेश में सोनभद्र जिले के बीजपुर थाना क्षेत्र में बुधवार रात एक मानसिक बीमार महिला ने अपने तीन मासूम बच्चों को कथित रूप से कुंए में फेंक दिया। इनमें दो बच्चों की मौत हो गई है। बीजपुर के थाना प्रभारी निरीक्षक (एसएचओ) श्यामबहादुर यादव ने गुरुवार को बताया कि पिंडारी गांव पंचायत के कोहरमरा टोला निवासी मानसिक बीमार महिला देवंती देवी बुधवार रात करीब 10 बजे अपने तीन बच्चों अन्नू (6) अनुज (3) और दीपांशु (1) को घर से कुछ दूरी पर बने कुंए में फेंक दिया और बच्चों के कुंए में गिरने की अफवाह फैलाकर गांव से फरार हो गई है।


उन्होंने बताया, “ग्रामीणों की मदद से तीनों बच्चों को कुंए से बाहर निकालकर अस्पताल ले जाया गया, जहां चिकित्सकों ने अनुज और दीपांशु को मृत घोषित कर दिया और प्राथमिक उपचार के बाद अन्नू को घर भेज दिए हैं।” उन्होंने बताया, “महिला मानसिक रूप से बीमार बताई जा रही है। महिला का पति विजय चेन्नई में एक निजी कंपनी में काम करता है और महिला घर में अपने बुजुर्ग सास-ससुर व बच्चों संग रहती है।” यादव ने बताया कि इस संबंध में महिला के खिलाफ एक मुकदमा दर्जकर दोनों बच्चों के शव पोस्टमॉर्टम के लिए भेजे गए हैं, फरार महिला की तलाश की जा रही है।


हरियाणा में शराब के ठेके हुए बंद

चंडीगढ़। हरियाणा में शराब के सभी ठेके शुक्रवार से बंद रहेंगे। कोरोना वायरस को लेकर पूरे देश में जारी लॉकडाउन के बावजूद हरियाणा में शराब के ठेके अभी तक लगातार खुले रहे। हरियाणा के सभी जिलों में लॉकडाउन घोषित किया जा चुका है। लेकिन यहां शराब की दुकानों को खोलने की इजाजत दी गई थी।


हालांकि, अब सरकार ने शराब के ठेकों को बंद करने का आदेश जारी किया है। हरियाणा सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, “हरियाणा सरकार द्वारा दिए गए आदेश के मुताबिक शराब के सभी ठेके गुरुवार रात 12 बजे के बाद नहीं खोले जा सकेंगे, इसके बाद शराब के ठेके खोलने वाले दुकानदारों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।” इससे पहले भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) शासित राज्य हरियाणा के गुरुग्राम, फरीदाबाद, सोनीपत, रोहतक सहित सभी जिलों में शराब की दुकाने खुली थीं। प्रधानमंत्री ने 24 मार्च की रात को देश में 21 के दिन के लॉकडाउन का ऐलान करते हुए यह स्पष्ट किया था कि इस दौरान सिर्फ आवश्यवक वस्तुओं और सेवाओं से संबंधित लोग ही घरों से बाहर निकल सकेंगे। इन आवश्यक वस्तुओं में राशन, दूध, दवा, सब्जी आदि शामिल की गई हैं और शराब के ठेके इसमें शामिल नहीं हैं। इसके बावजूद यहां शराब की दुकाने खुलना हैरान करने वाला है। हालांकि, हरियाणा में सभी पब, बीयर बार, रेस्टोरेंट्स बंद हैं। कांग्रेस नेता दीपेंद्र हुड्डा ने हरियाणा में शराब के ठेके खुले रखने पर कहा, “प्रधानमंत्री जी के 21 के लॉकडाउन अनुरोध का पूर्ण पालन कराने की बजाय हरियाणा की सरकार शराब के ठेको को खोलकर जनता के स्वास्थ्य से खिलवाड़ कर रही है। आखिर किसकी शह पर शराब के ठेके खुले हुए हैं? सरकार के जिम्मेदार लोग निजी स्वार्थ-धन लोलुपता से ऊपर उठकर देशहित मे काम करें।


मेडिकल कॉलेज और अस्पताल अधिग्रहित

रायपुर। राज्य सरकार ने निजी मेडिकल कॉलेज और अस्पताल रिम्स को कोरोना के इलाज के लिये अधिग्रहित कर लिया है। राजधानी रायपुर से लगे ग्राम गोढ़ी में स्थित 350 बिस्तर के इस अस्पताल को राज्य शासन ने स्टाफ और समस्त संसाधनों के साथ अधिग्रहित किया है। हालांकि इससे पहले प्रदेश के सभी निजी अस्पतालों को अधिग्रहित करने का सरकार की तरफ से आदेश जारी किया गया था। लेकिन कुछ घंटों बाद इस आदेश को वापस ले लिया गया था। इस आदेश के बाद संशोधित आदेश जारी कर केवल रिम्स को अधिग्रहित किया गया है।


स्वास्थ्य संचालक द्वारा गुरुवार को जारी आदेश में कहा गया है कि डब्ल्यूएचओ ने कोराना वायरस के संक्रमण को देखते हुए हेल्थ इमरजेन्सी घोषित किया है। छत्तीसगढ़ सरकार एपिडेमिक डिजीस एक्ट 1897 (कमांक 3) के सेक्शन 2, 3 एवं 4 के तहत् प्रदत्त शक्तियों के तहत अस्पताल का अधिग्रहण कर रही है। वर्तमान परिस्थितियों में राज्य में अधिसूचित संक्रामक रोग कोरोना वायरस कोविड-19 के संक्रमण की स्थिति को देखते हुए, यह आवश्यक हो गया है कि उक्त संकामक रोग के प्रसार को रोकने एवं नियंत्रण हेतु राज्य के निजी चिकित्सा महाविद्यालय/नर्सिंग होम/ हॉस्पीटल का अधिग्रहण किया जाना आवश्यक है। आदेश में कहा गया है कि छत्तीसगढ एपिडेमिक डिजीस कोविङ-19 विनियम 2020 की कंडिका 3 के तहत् प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए रायपुर इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साईस, भानसोज रोड, गोढी, जिला रायपुर को मय समस्त मानव संसाधन एवं उपलब्ध चिकित्सा संसाधनों सहित दिनांक 25 मार्च 2020 से आगामी आदेश तक के लिए अधिग्रहित किया जाता है।


पश्चिमी यूपीः पॉजिटिव मामले से हड़कंप

लखनऊ। कोरोना वायरस पश्चिमी यूपी में भी पैर पसार चुका है। यहां शामली और बागपत में एक-एक पाॅजिटिव मामले सामने आने के बाद हड़कंप मचा हुआ है। वहीं शुक्रवार को सहानपुर जनपद में स्वास्थ्य विभाग की कोरोना सर्विलांस टीम ने ऐसे ही पांच संदिग्ध पांच पुलिसकर्मियों को आईआईटी सहारनपुर के कैंपस में क्वारंटीन कराया है। बताया गया कि ये पुलिसकर्मी बाहरी जिलों से आए हैं।


कोरोना वायरस का खतरा बढ़ता ही जा रहा है। पांच पुलिसकर्मियों में कोरोना वायरस के लक्षण पाए जाने के बाद स्वास्थ्य विभाग अलर्ट हैं। सभी पांच संदिग्ध मरीजों के सैंपल जांच के लिए भेज गए हैं। साथ ही उन्हें क्वांरटीन किया गया है। इनके अलावा फतेहपुर में बनाए गए स्पेशल कोरोना वार्ड में एक और मरीज को भर्ती कराया गया है। इस वार्ड में एक मरीज पहले से ही भर्ती है। इस बीच कुछ सूचनाएं मिलने पर तीन और संदिग्ध मरीजों को लेने के लिए कोरोना सर्विलांस टीमों की एम्बुलेंस निकली हैं। एक दिन पहले ही जिले में कोरोना के चार संदिग्ध मरीजों को भर्ती कराया गया था। इनके नमूने जांच के लिए भेजे गए थे। इनमे देवबंद में मरीजों के मिलने के बाद वहां मस्जिद को सैनेटाइज कराया गया था। सीएमओ डॉक्टर बीएस सोढ़ी का कहना है कि हर तरह के मरीजों की पूरी निगरानी की जा रही है। शहर या देहात जहां से भी सूचनाएं आ रहीं हैं, उन्हें फॉलो कर मरीज़ों को भर्ती कराया जा रहा है। इसके साथ ही उनकी कॉउंसलिंग कराई जा रही है।


743 लोगों को 'होम क्वारेन्टाइन'

गरियाबंद। विश्व सहित भारत में कोरोना वायरस की चपेट लगातार बढ़ रही है। करोड़ों लोग घरों में कैद हो गए हैं। इसी बीच छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले में विदेश से लौटे 5 व्यक्तियों के साथ 743 लोगों को होम क्वारेन्टाइन किया गया है। गरियाबंद स्वास्थ्य विभाग से मिली जानकारी के अनुसार प्रशासन ने इन लोगों को 14 से 28 दिनों के लिए होम क्वारेन्टाइन में रहने का निर्देश दिए गए हैं। उनके घर के सामने निगरानी में रखे जाने के संबंध में सूचना चस्पा की गई है। साथ ही निगरानी में रखे गये व्यक्तियों को निर्देश दिया गया है कि निगरानी अवधि के दौरान किसी भी स्थिति में घर से बाहर न निकल पाए।


प्रशासन के निर्देश पर जिले में अधिकारी-कर्मचारियों की टीम गठित कर नोवल कोरोना-19 वायरस के समुदाय में संक्रमण व प्रसार के नियंत्रण करने हेतु समुदाय स्तर पर कम्युनिटी सर्विलेन्स के लिए होम क्वारेन्टाइन किए गए घरों के आसपास के 50 घरों का सर्वे कर संभावित संक्रमित व्यक्तियों की खोज की जा रही है। प्रशासन के अलावा जनप्रतिनिधियों और आम नागरिकों से अपील की गई होम क्वारेन्टाइन किये गये व्यक्तियों से दूरी बनाकर रहे साथ उनके सतत निगरानी के निर्देश दिए गए हैं।


प्रमुख दादी की 104 वर्ष की उम्र में निधन

राणा ओबराय


ब्रह्माकुमारी की प्रमुख दादी जानकी का 104 वर्ष की उम्र में निधन, देश-विदेश में फैली शोक की लहर

नई दिल्ली। ब्रह्माकुमारी संस्थान की प्रमुख राजयोगिनी दादी जानकी का शुक्रवार को निधन हो गया। 104 साल की उम्र में उन्होंने माउण्ट आबू के ग्लोबल हास्पिटल में 27 मार्च को प्रातः 2 बजे अंतिम सांस ली। संस्थान के मुख्यालय शांतिवन में दोपहर 3:30 बजे उनका अंतिम संस्कार होगा। उनके निधन की खबर से देश-विदेश में संस्था के अनुयायियों में शोक की लहर है। दादी जानकी को 2007 में बनी मुख्य प्रशासिका: ब्रह्माकुमारीज संस्था की पूर्व मुख्य प्रशासिका राजयोगिनी दादी प्रकाशमणि के देहावसान के पश्चात 25 अगस्त, 2007 को ब्रह्माकुमारीज संस्थान की मुख्य प्रशासिका का कार्यभार सौंपा गया। तब से लेकर आज तक वे देश और दुनिया भर में अमन, चैन और सुख शांति की स्थापना के लिए कार्यरत थीं। ब्रह्माकुमारी संस्थान की प्रमुख ब्रह्माकुमारीज संस्थान की मुख्य प्रशासिका राजयोगिनी दादी जानकी इसी साल 1 जनवरी को 104 वर्ष की हुई थीं। 104 वर्ष की उम्र में भी 140 देशों में फैले अंतरराष्ट्रीय आध्यात्मिक संस्थान का संचालन करने वाली वे दुनिया की पहली मुख्य प्रशासिका हैं। उनके संसथान से करीब बीस लाख लोग जुड़े हैं और 46 हजार बहनों की वह अभिभावक थीं। दादी के नाम दुनिया की पहली मुख्य प्रशासिका का खिताब तो है ही, साथ में 104 साल की उम्र में 12 महीने में 4 माह तक भारत के कई शहरों और दस देशों में 72 हजार किमी की यात्रा का विश्व रिकॉर्ड भी उन्होंने बनाया है। 1916 में जन्मी दादी जानकी प्रात: चार बजे उठकर ज्ञान, ध्यान, राजयोग और लोगों से मिलना जुलना प्रारंभ करती थीं।ब्रह्माकुमारी संस्थान की प्रमुख दादी जानकी ने 46 हजार बहनों की ऐसी रूहानी सेना तैयार की है जो लोगों में आध्यात्मिकता के जरिए ज्ञान, राजयोग और साधना से मूल्यनिष्ठता को स्थापित करता है। दादी जानकी स्वच्छता के संदर्भ में हमेशा से एक्टिव रहीं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वच्छ भारत मिशन का उन्हें ब्रांड एम्बेसडर बनाया था। कक्षा चौथी तक पढ़ी दादी जानकी ने ईश्वरीय सेवाओं के लिए पश्चिमी देशों को चुना। 1970 में पहली बार लंदन गईं और 35 वर्षों तक वहीं रहकर सौ से ज्यादा देशों में ईश्वरीय संदेश को पहुंचाया। हजारों-लाखों लोगों को जीवन जीने की कला सिखाई। आज उनके निधन पर देश-विदेश में शोक की लहर है।


लोगों के लिए 'पेयजल आपूर्ति' सुनिश्चित की जाएं

लोगों के लिए 'पेयजल आपूर्ति' सुनिश्चित की जाएं  इकबाल अंसारी  चेन्नई। तमिलनाडु में गर्मी दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है। इसे देखते हुए मु...