शनिवार, 15 फ़रवरी 2020

भाजपाः कई राज्यों के अध्यक्षों को बदला

BJP ने किया कई राज्यों के अध्यक्षों में किए फेरबदल
    


नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी ने कई राज्यों के अपने अध्यक्षों में फेरबदल किया है। बीजेपी अध्यक्ष जे पी नड्डा ने मध्य प्रदेश, सिक्किम और केरल के मौजूदा बीजेपी अध्यक्ष को हटाकर दुसरे लोगों को कमान सौंपीं है। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने राकेश सिंह के स्थान पर विष्णु दत्त शर्मा को मध्यप्रदेश भाजपा का अध्यक्ष नियुक्त किया है जो राकेश सिंह की जगह लेंगे। शर्मा खजुराहो से भाजपा सांसद हैं। वह वर्तमान में वे भाजपा के प्रदेश महामंत्री हैं। इसके अलावा भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने दल बहादुर चौहान को सिक्किम राज्य अध्यक्ष और के सुरेंद्रन को केरल भाजपा अध्यक्ष नियुक्त किया है। वहीं, दल बहादुर चौहान को सिक्किम बीजेपी का अध्यक्ष बनाया गया है। के. सुरेंद्रन को केरल बीजेपी का अध्यक्ष बनाया गया है। बता दें कि विष्णु दत्त शर्मा 2013 में भाजपा में शामिल हुए थे। वह वर्तमान में मध्यप्रदेश भाजपा के महामंत्री हैं। वह 1986 से ही विद्यार्थी परिषद् में सक्रिय हैं। 1993-94 में उन्हें मध्य भारत का प्रदेश संगठन मंत्री बनाया गया था। 2007-2014 के बीच उन्होंने मध्यक्षेत्र (मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़) के क्षेत्रीय संगठन मंत्री का कार्यभार संभाला था। 2007-09 में उन्होंने राष्ट्रीय महामंत्री की जिम्मेदारी संभाली थी।


लालू से मिले शत्रुघ्न, लिया हाल-चाल

रांंची । शनिवार को राष्ट्रीय जनता दल के अध्यक्ष और चारा घोटाला मामले में सजायाफ्ता लालू प्रसाद से मुलाकात का दिन है। रिम्स अस्पताल में इलाजरत राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद से मिलने आज फ़िल्म अभिनेता और पूर्व सांसद शत्रुध्न सिन्हा पहुंचे है। दोनो ही नेताओ के बीच वर्तमान राजनीतिक घटनाक्रम को लेकर सियासी मंथन भी होने के कयास लगाए जा रहे है। वही इसी साल होनेवाले विधानसभा चुनाव के तैयारियों को लेकर दोनो नेताओ के बीच गुप्तगु होने की संभावना है। हलाकि तमाम अटकलों पर विराम लगाते हुए पूर्व सांसद शत्रुघ्न सिन्हा उर्फ बिहारी बाबू ने कहा है कि लालू प्रसाद हमारे पारिवारिक मित्र है तथा उनका हाल जानने वह आज रिम्स पहुंचे है। रिम्स अस्पताल के पेइंग वार्ड में भर्ती लालू प्रसाद से मुलाकात के बाद पूर्व सांसद ने कोई राजनीतिक चर्चा नही की है।


रेलवे का एक ही जवाब, फंड नहीं है

आकाशुं उपाध्याय


नई दिल्ली। रेलवे के तमाम कांट्रेक्टर्स/सप्लायर्स पिछले कुछ महीनों से अत्यधिक परेशान हैं, क्योंकि पिछले कुछ महीनों से उनके बिलों का भुगतान रेल प्रशासन द्वारा नहीं किया जा रहा है। इससे कांट्रेक्टर और सप्लायर न तो अपनी देनदारी चुका पा रहे हैं और न ही अपने कर्मचारियों के वेतन का भुगतान कर पा रहे हैं।


कई कांट्रेक्टरों और सप्लायरों ने कानाफूसी.कॉम को फोन करके अपनी आपबीती सुनाई। उनका कहना था कि कई महीनों से उनके फाइनल बिलों का भुगतान रेलवे ने नहीं किया है। एक सप्लायर ने यह भी कहा कि उसने पिछले साल जुलाई में कुछ मेडिकल इंस्ट्रूमेंट्स की सप्लाई का अपना करीब 35-36 लाख का बिल पश्चिम रेलवे को सब्मिट किया था, जिसका भुगतान आज तक नहीं किया गया है। उक्त सप्लायर का यह भी कहना था कि इतने लंबे समय तक बिल रोककर रखा जाता है, तब भी उस पर रेलवे द्वारा कोई व्याज नहीं दिया जाता है।


उल्लेखनीय है कि प्रत्येक टेंडर या सप्लाई ऑर्डर जारी करने से पहले ही निर्धारित मात्रा में संबंधित अधिकारियों द्वारा अपना कमीशन कांट्रेक्टर या सप्लायर से एडवांस में ले लिया जाता है। तथापि समय पर बिल भुगतान की जिम्मेदारी कोई अधिकारी नहीं लेता है। यही स्थिति टेंडर जारी करने वाले विभाग से लेकर लेखा विभाग तक समान रूप से लागू है। रेल अधिकारियों का सिर्फ एक ही जवाब है कि फंड नहीं है।


उन्होंने बताया कि अब यह हालत है कि कोई अधिकारी काम करने के लिए भी दबाव नहीं बना रहा है, इसके चलते रेलवे के लगभग सभी काम ठप पड़ गए हैं। कांट्रेक्टर्स का यह भी कहना है कि जो काम पूरे हो जाते हैं, और जिनका फाइनल बिल सब्मिट हो जाता है अथवा फाइनल भुगतान भी हो जाता है, उन कार्यों के लिए जमा कराई गई ईएमडी, सिक्योरिटी डिपॉजिट और बैंक गारंटी भी रेलवे द्वारा समय से नहीं लौटाई जाती है। इन्हें लौटाने में भी सालों लगा दिए जाते हैं। यही नहीं, यह वापस लेने के लिए भी कांट्रेक्टर्स और सप्लायर्स को अलग से दस्तूरी देनी पड़ती है।


मुंबई सेंट्रल डिवीजन, पश्चिम रेलवे के तमाम कांट्रेक्टर्स और सप्लायर्स ने 31 जनवरी को बाकायदा एक पत्र लिखकर मंडल रेल प्रबंधक (डीआरएम) को वर्क एक्जीक्यूशन में आने वाली परेशानियों और लंबे समय से बिलों का भुगतान न होने से अवगत कराया है।


एनआईए को भीमा कोरेगांव हिंसा की जांच

मुंबई। महाराष्ट्र की गठबंधन सरकार में शामिल दलों के बीच सामंजस्य में कमी फिर सामने आई है। शिवसेना के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने एक ऐसा कदम उठाया है जिसका शिवसेना के सहयोगी दल राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रमुख शरद पवार ने मुखरता से विरोध किया था। पिछले महीने महाराष्ट्र सरकार ने भीमा कोरेगांव हिंसा (Bhima-Koregaon Violence) की जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी को सौंपे जाने का विरोध किया था। लेकिन अब मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने इसकी मंजूरी दे दी है। हालांकि महाराष्ट्र सरकार के इस कदम को एनसीपी प्रमुख शरद पवारने गलत बताया है।


राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) प्रमुख शरद पवार ने पिछले माह आरोप लगाया था कि केंद्र ने भंडाफोड़ होने के डर से भीमा-कोरेगांव हिंसा मामले की जांच एनआईए को सौंपी है। पवार ने कहा था कि अन्याय के खिलाफ बोलना नक्सलवाद नहीं है। उन्होंने ने कहा था कि ” मेरे खयाल से सरकार को डर है कि उसका भांडा फूट जाएगा। इसलिए (मामले को एनआईए को सौंपने का) फैसला किया गया है।” पवार ने एल्गार परिषद मामले में कार्यकर्ताओं के खिलाफ पुणे पुलिस की कार्रवाई की जांच कराने के लिए सेवानिवृत न्यायाधीश के नेतृत्व में विशेष जांच दल गठित करने की मांग की थी।


कुपोषण पर पोषण वाटिका करेगी वार

सुपोषण वाटिका की ताजी सब्जियां कर रही पोषण ऊर्जा का संचार


परिषदीय विद्यालयों में शिक्षक व छात्रों के संयुक्त प्रयास से जैविक तरीके से उगाई जा रही शुद्ध व ताजी सब्जियांं


जरवलरोड, (बहराइच)। परिषदीय विद्यालयों में पढ़ने वाले बच्चों को पढ़ाई के साथ साथ मिलने वाले मिड डे मील के लिए ताजी सब्जियों की कमी दूर करने हेतु स्कूल में पोषण वाटिका विकसित करने की बेसिक शिक्षा विभाग की योजना धरातल पर उतरने लगी है। जिले के 3453 परिषदीय विद्यालयों में बच्चों को रोजाना मिड-डे मील परोसा जाता है, अक्सर निरीक्षण के दौरान खाने में ताजी सब्जियां नहीं पाई जाती थी जिसके पीछे मुख्य वजह सुबह खाना बनाते समय बाजार से ताजी सब्जियों की उपलब्धता रसोई तक नही हो पाना रहती थी। विभागीय निर्देशानुसार प्रत्येक विद्यालय परिसर में व स्कूल की छतों पर, गमलों, जूट के बैग आदि में मौसमी फल व सब्जियां उगाये जाने के निर्देश हुए जिस पर अमल भी शुरू हुआ। जिले के विभिन्न विकास खंडों में पोषण वाटिका में तैयार सब्जियां की खुशबू रसोई में आनी शुरू हो गयी है। स्कूलों में शिक्षक- छात्रों के संयुक्त प्रयास से आलू, टमाटर, गोभी, लौकी, हरी मिर्च, हरा धनिया, मूली, पालक, भिंडी, बैंगन आदि उगाए जा रहे हैं। मौसम व मेन्यू के हिसाब से शिक्षक सब्जी का चयन करते हैं। पोषण वाटिका की देखरेख में छात्रों का सहयोग लिया जाता है। जरवल विकास खण्ड के प्राथमिक विद्यालय धनराजपुर  में शिक्षिकाओ, बच्चों तथा रसोइयों की मदद से ताजी मौसमी सब्जियां उगाई जा रही हैं जिनका रोजाना बनने वाले मिड डे मील के लिए  मेन्यू के अनुसार प्रयोग किया जाता है। अब दोपहर की थाली में ताजी सब्जियों से बच्चों को न सिर्फ आवश्यक पोषक तत्व मिलते हैं बल्कि स्कूल की पोषण वाटिका में की गयी मेहनत से उनमें स्वावलम्बन की भावना का भी विकास हो रहा है। “बाजार से नही खरीदते सब्जी”-सोमिता राज, प्रभारी प्रधानाध्यापिका, प्रा० वि०-धनराजपुर। “स्कूल में बनने वाले भोजन के लिए प्रयास होता है कि बाजार से सब्जी न खरीदनी पड़े। हम बच्चों की सेहत को ध्यान में रखकर पूर्णत: जैविक विधि से सब्जियां उगाते हैं। इन सब्जियों में रासायनिक उर्वरक, कीटनाशक का प्रयोग कतई नहीं किया जाता है।


 कैलाश नाथ राना की रिपोर्ट


सुरक्षा को लेकर 'शिव-मंदिरों' का निरीक्षण

विभोर सक्सेना


रामपुर। फाल्गुन माह को देखते हुए पुलिस अधीक्षक संतोष कुमार मिश्रा ने महाशिवरात्रि को लेकर मन्दिरो की सुरक्षा व्यवस्ता का जायजा लिया। निर्देश द्वारा आगामी महाशिवरात्रि पर्व के दृष्टिगत लिया गया, रठौण्डा स्थित शिवमंदिर की सुरक्षा व्यवस्था का जायजा। सीसीटीवी कैमरे, पुलिस पेट्रोलिंग सम्बन्धी दिये गये आवष्यक दिशा निर्देश।


आगामी महाशिवरात्रि पर्व के दृष्टिगत पुलिस अधीक्षक, रामपुर  द्वारा थाना मिलक क्षेत्रान्तर्गत रठौण्डा स्थित शिवमंदिर की सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लेते हुए, मंदिर के पुजारी एवं कमेटी के सदस्यों से वार्ता की गयी। सुरक्षा को देखते हुए मंदिर के अन्दर जाने वाले मुख्यद्वार एवं बाहयद्वार पर सीसीटीवी कैमरे, मुख्य-मुख्य चैराहों पर बैरिकेटिंग एवं पुलिस डयूटियाॅ और पुलिस पेट्रोलिंग सम्बन्धी सम्बन्धित को आवश्यक दिशा निर्देश दिये गये।


थाना समाधान दिवस में पुलिस अधीक्षक रामपुर संतोष कुमार मिश्रा द्वारा थाना मिलक परिसर में फरियादियों की समस्याओं को सुना गया तथा थाना क्षेत्र के सम्भ्रान्त व्यक्तियों से की गयी वार्ता,पुलिस अधीक्षक रामपुर संतोष कुमार मिश्रा द्वारा थाना मिलक, रामपुर पर आयोजित हो रहे थाना समाधान दिवस में अचानक पहुॅचकर फरियादियों की समस्याओं को सुना गया एवं उनके निस्तारण हेतु सम्बन्धित को आवश्यक दिशा निर्देेश दिये गये तथा थाना मिलक क्षेत्र के सम्भ्रान्त व्यक्तियों से वार्ता की गयी और उनको सुरक्षा का भरोसा दिलाया गया।
शासन के मंशा के अनुरूप प्रत्येक माह के प्रथम एवं तृतीय शनिवार को जनपद के समस्त थानों पर थाना समाधान दिवस मनाया जाता है, जिसमें प्रत्येक विभाग के अधिकारी/कर्मचारियों द्वारा फरियादियों की समस्याओं को सुना जाता है और उनके निस्तारण हेतु टीमों द्वारा तुरन्त मौके पर पहॅुचकर निस्तारण कराया जाता है।


पुलिस अधीक्षक, रामपुर सन्तोष कुमार मिश्रा द्वारा थाना मिलक, रामपुर का किया गया आकस्मिक निरीक्षण
पुलिस अधीक्षक, रामपुर  सन्तोष कुमार मिश्रा द्वारा थाना मिलक, रामपुर का अचानक निरीक्षण किया गया, निरीक्षण के दौरान थाना कार्यालय पर बने अपराध रजिस्टर, त्यौहार रजिस्टर, विवेचना रजिस्टर, भूमि विवाद रजिस्टर, डयूटी रजिस्टर, फ्लाई सीट, आदि एवं उनके रख रखाव, उनमें अंकित की जाने वाली प्रविष्टियों को चैक किया गया। साथ ही थाना परिसर में बने बैरक, मैस, मालखाना, कंम्प्यूटर रूम की साफ-सफाई को चैक किया गया। सन्तरी पहरा डयूटी पर लगे आरक्षी से सन्तरी के कर्तव्य के बारे में पूछा गया। बीट आरक्षियों की बीट बुक को भी चैक किया गया एवं थाना प्रभारी मिलक को आवश्यक दिशा-निर्देश दिये।


प्यार में पागल बेटी ने की 'मां की हत्या'

अश्वनी उपाध्याय


गाजियाबाद। दिल्ली से सटे यूपी के गाजियाबाद में प्यार में पागल एक नाबालिग बेटी ने अपनी ही मां की हत्या कर दी। दिल्ली के बृज विहार थाने में तैनात दिल्ली पुलिस की हेड कांस्टेबल शशि शुक्ला को उसी की नाबालिग बेटी ने साजिश के तहत प्रेमी के साथ मिलकर मौत के घाट उतार दिया। शुरुआती रिपोर्ट के मुताबिक हत्या का कारण मां का प्रेमी और प्रेमिका (बेटी) के बीच आना था जो इस महिला पुलिसकर्मी की बेटी को रास नहीं आ रहा था। इस सनसनीखेज हत्या के बाद पूरा पुलिस महकमा सकते में है।


मामले की जब जांच की गई तो सच सामने आया। पुलिस को शुरुआती जांच में बेटी पर इस हत्या में शामिल होने का शक हुआ और जब पुलिस ने नाबालिग बेटी से सख्ती से पूछताछ की तो वो टूट गई और पूरे मामले का खुलासा कर दिया। बताया जा रहा है कि महिला पुलिसकर्मी अपनी नाबालिग बेटी को बार-बार लड़के से दूर रहने के लिए फटकार लगाती थी, जो उसे पसंद नहीं था। इसलिए उसने अपनी मां को रास्ते हटाने की खौफनाक साजिश रच दी। गुनाह कुबूलने के बाद  पुलिस ने आरोपी लड़की और उसके प्रेमी को गिरफ्तार कर लिया है।


आज कुंभ मेले का पहला शाही स्नान

ऋषिकेश। वर्ष 2021 में होने वाले कुंभ मेले के दौरान एक शाही स्नान ऋषिकेश में भी करने की मांग नगर निगम और संतों ने रखी थी। जिस पर शासन ने अपनी स्वीकृति दे दी है।
       इस संबंध में नगर निगम की मेयर अनीता ममगाई ने प्रेस वार्ता कर जानकारी दी। बताया कि 16 फरवरी 2021 को ऋषिकेश में शाही स्नान कराने की स्वीकृति शासन की ओर से दी गई है। इस संबंध में अब जल्दी ही साधु संतों से वार्ता कर शाही स्नान की तैयारियों को परवान चढ़ाने के प्रयास किए जाएंगे। इस संबंध में अपार मेला अधिकारी ललित नारायण मिश्रा ने नगर निगम को पत्र जारी कर व्यवस्थाएं बनाने के लिए भी निर्देशित किया है। बताया नगर निगम शाही स्नान को सुव्यवस्थित तरीके से संपन्न कराने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ेगा। शहर को दुल्हन की तरह सजाया जाएगा। हर संभव व्यवस्थाओं को पूरा करने की कोशिश की जाएगी। इसी के साथ एक सवाल के जवाब में उन्होंने बताया कि शाही स्नान में अतिक्रमण को भी रोड़ा बनने नहीं दिया जाएगा। निगम समय-समय पर अभियान चलाकर अतिक्रमण हटा रहा है। इसी कड़ी में शाही स्नान को लेकर विशेष अभियान भी चलाया जाएगा। जिसमें अतिक्रमण को साफ कर साधु-संतों के लिए पैदल चलने के लिए व्यवस्था बनाई जाएगी। बताया इतिहास में पहली बार ऋषिकेश में शाही स्नान किया जाएगा। जिससे ऋषिकेश का नाम अब पूरी दुनिया में और बेहतर तरीके से पहचाना जाएगा। पत्रकार वार्ता में संत समिति के अध्यक्ष महंत विनय सारस्वत, महंत अखिलेश भारती,मंहत धर्मदास, मंहत हरि दास,मंहत धर्मानंद गिरी,मंहत नित्यानंद गिरी,मंहत रामेश्वर गिरी,मंहत कृषणानंद,मंहत नित्यानंद पुरी, पार्षद राजेश दिवाकर, पार्षद विजेंद्र मोघा, पार्षद मनीष मनवाल, जिला मंत्री पंकज शर्मा, राजपाल ठाकुर, आदि मौजूद रहे।


कैसे और कब उठी विवादों की दीवार

तारिक आज़मी की मोरबतियाँ – जैतपुरा थाना क्षेत्र के सरैया में आखिर कैसे और कब उठी ये विवादों की दीवार



तारिक आज़मी


वाराणसी। कुछ संवेदनशील थाना क्षेत्रो में जोड़ा जाए तो जैतपुरा भी एक क्षेत्र है। अतिसंवेदनशील तो नही कम से कम संवेदनशील तो कहा ही जा सकता है। इस क्षेत्र के संवेदनशील होने के मुख्य कारको में एक कारण यहाँ की शिक्षा भी है। जी हां, सही समझा अल्प शिक्षित इस क्षेत्र में कई बार विवाद केवल और केवल शिक्षा की कमी के वजह से ही हो जाता है। दो लभनी के बाद एक दुसरे के साथ दो थप्पड़ लेन देन की घटना को भी बड़े स्तर से दिखाने की कोशिश हो जाती है। मगर जब आप गहराई में जाए तो निकलेगा कि खोदा पहाड़ और निकला चूहा।


बहरहाल, ऐसे ही संवेदनशील क्षेत्र के सरैया पुलिस चौकी अंतर्गत अमरपुर बटलोहीया में आज कल विवादों की उठी एक दिवार चर्चा का कारण बनी हुई है। समतल संपत्ति पर रातो रात दिवार खडी करके विवादों को न्योता देने वाले वैसे अक्सर पुलिस चौकी के आसपास मंडराते ही दिखाई देते है। मगर शायद स्थानीय पुलिस मामले की गंभीरता को नही आकलन कर पा रही है। प्रकरण कुछ इस प्रकार है कि अमरपुर बटलोहीया में एक छोटी सी संपत्ति है। संपत्ति को जलेबिया मोड़ के नाम से भी लोग जानते है। संपत्ति विवादों का केंद्र है और इसका प्रकरण न्यायालय में विचाराधीन है। संपत्ति खुली हुई थी और आम जन मानस आने जाने का रास्ता भी समझते थे। अचानक इस संपत्ति पर रातो रात दिवार खडी हो गई। अब अचानक एक पक्ष रातो रात दिवार खडी कर डाले और उसको शासन प्रशासन का खौफ न हो तो बात समझ से थोडा परे आपको भी नज़र आएगी।


सुबह होने पर जब लोगो ने खुली संपत्ति पर खडी दिवार देखा तो चर्चा का केंद्र बन बैठा। कुछ तो तफरी लेने के लिए जिन्नाती दिवार का नाम भी इसको देने लगे। मगर मामले में लोग सिर्फ चर्चा करके कुछ वक्त के लिए मूकदर्शक बनना चाहते थे, और बने हुवे भी है। इस दिवार के खड़े हो जाने की जानकारी दुसरे पक्ष को फोन पर किसी ने दिया जो शहर के बाहर कारोबारी सिलसिले में रहता है। कल दोपहर वह पक्ष भी शहर में वापस आया और दिवार देख कर उसके पेशानी पर शिद्दत की दरार तक खडी हो गई। सुना जा रहा है कि स्थानीय चौकी इंचार्ज से संपर्क करने पर जब दुसरे पक्ष को राहत मिलती नही दिखाई दी, तो उसने तत्काल जिलाधिकारी को प्रकरण के सम्बन्ध में प्रार्थना पत्र दे डाला। अब इस विवादो की दिवार पर बीती रात को देर रात पुलिस पहुची और डायल 112 की शिकायत का हवाला देकर दोनों पक्षों को पुलिस चौकी लेकर चली गई। पुलिस चौकी पर साहब ने रौबदार तरीके से मामले को हैंडल किया और दोनों पक्ष को हड़का डाला। एक पक्ष जिसने इस विवादित संपत्ति पर विवादों की दिवार खडी किया था उसका कहना था कि दूसरा पक्ष मन में प्लान बना कर बैठा है कि आज देर रात दीवार को तोड़ देगा। चौकी इंचार्ज महोदय ने प्रकरण सुना तो दुसरे पक्ष को जमकर हड़का डाला और कहा बिना आदेश के दीवार पर हाथ न लगे। अब बात जो समझ में नहीं आई कि दरोगा जी का कहना बिलकुल सही है कि विवादित संपत्ति पर बिना आदेश के कुछ नही होगा। दीवार तोडना तो दूर उसको हाथ लगाना भी गलत होगा। मगर चौकी इंचार्ज साहब एक बात नही बता पा रहे है कि जब संपत्ति विवादित थी तो फिर ये विवादों की दीवार किसके आदेश पर खडी कर दी गई। कही साहब ने खुद तो मौखिक आदेश नही दे दिया था।


दूसरी बात समझ से परे थी कि जब दुसरे पक्ष ने मन में सोचा था दीवार को गिराने के लिए तो आखिर कितनी जोर से सोचा कि मन की बात बाहर निकल का दुसरे पक्ष को पहुच गई और दुसरे पक्ष से साहब तक पहुच गई। लगता है कि मन शायद ऊँचा सुनता होगा और मन को सुनाने के लिए जोर से सोच लिया होगा और दीवारो के कान तो होते ही है ये जग जाहिर है। बस मन की बात ऊँचे स्वर में होने के कारण दीवारों के कानो ने सुन लिया होगा और साहब ने न्याय व्यवस्था को संभाल लिया और कहा कि बिना आदेश के कोई काम नही होगा। मगर साहब बिना आदेश के विवादों की दीवार जब खडी हुई तो उस समय क्या हुआ था आदेशो का


बहरहाल, इस विवादित संपत्ति पर विवादों की दीवार उठा क्षेत्र में चर्चा का विषय बना हुआ है। शायद जो चर्चाये इस दीवार को लेकर है वही किसी न किसी रोज़ किसी विवाद का कारण बन जाए। हमको क्या करना है। विवाद पर भी तो समाचार बनेगा।


तुफां भी हार जाते हैं, कश्ती जिद पर हो

वरिष्ठ पत्रकार शंकर पांडेय



दिल्ली में विधानसभा चुनाव के परिणाम ‘आप’ और अरविंद केजरीवाल के पक्ष में गये हैं। केजरीवाल उसी दिल्ली में तीसरी बार अपनी सरकार बनाएंगे जहां से नरेन्द्र मोदी बतौर प्रधानमंत्री देश चलाते हैं। बहरहाल दिल्ली विधानसभा चुनाव में भाजपा की बुरी हार फिर चर्चा में है। दिल्ली विधानसभा को चुनाव में तो भाजपा ने चुनाव में किये गये वायदों को दरकिनार करके हिन्दू गौरव जैसे मुद्दों में चुनाव लडऩे में कोई संकोच नहीं किया, गोलीमार देना चाहिये, हिन्दुस्तान-पाकिस्तान का मैच, शाहीनबाग मुद्दों को जमकर उठाया गया, केजरीवाल ने पूरा चुनाव अपने कार्यकाल सहित शिक्षा, स्वास्थ्य, पीने का साफ पानी, प्रदूषण और बिजली के सुधार पर केन्द्रित किया था, एक टीवी कार्यक्रम में एंकर द्वारा हनुमान चालीसा से जुड़ा एक सवाल पूछा और उन्होंने सस्वर हनुमान चालीसा का पाठ कर उन लोगों के सोच पर भी हमला किया जो उन्हें हिन्दु विरोधी ठहरा रहे थे। इधर भाजपा के गली-कूचे के नेताओं सहित कुछ शीर्ष नेताओं ने तो दिल्ली की 70 सीटों वाली विधानसभा चुनाव जीतने हिन्दुस्तान-पाकिस्तान, शाहीनबाग, कश्मीर और राममंदिर के नाम पर फोकस करने की बात करते रहे।



ऐन विधानसभा चुनाव के पहले राममंदिर ट्रस्ट की घोषणा करके भाजपा ने चुनावी विमर्श में एक और महत्वपूर्ण मुद्दा भी जोडऩे का प्रयास किया। अगर इस घोषणा के बाद आम आदमी पार्टी के लोग चुनाव आयोग जाते और आचार संहिता की अनदेखी का मामला उठाते तो उनको राममंदिर विरोधी भी ठहराने में भाजपा पीछे नहीं रहती। बहरहाल केजरीवाल दिल्ली में अपने 5 साल के कार्यकाल में किये गये विकास कार्यों पर ही वोट मांगते रहे। उन्होंने तो यहां तक कहा कि यदि मेरी सरकार ने 5 साल में कार्य नहीं किया है तो मुझे वोट मत देना, इतनी साफगोई से बात करने का किसी मुख्यमंत्री या पार्टी नेता का पहला अवसर था।


बहरहाल दिल्ली में विधानसभा चुनाव भाजपा के लिए प्रतिष्ठा का सवाल बना था। पार्टी का सबसे बड़़ा मुद्दा राममंदिर के निर्माण की घोषणा चुनाव पूर्व करना तथा मंदिर निर्माण ट्रस्ट की घोषणा करना भी था कोई भी राजनीति शास्त्र का विद्यार्थी समझ सकता है कि इसका भी लाभ लेने की रणनीति भाजपा की थी। पुलवामा सहित पाक में घुसकर मारने के नाम पर पिछला लोकसभा चुनाव का परिणाम जरूर भावनात्मक मुद्दे पर भाजपा के पक्ष में गया पर पिछले 2 सालों में 7 राज्यों में भाजपा की असफलता की चर्चा भी रही। छत्तीसगढ़ में 15 सालों की डॉ. रमन सिंह सरकार को 15 सीटों में सिमटा दिया गया, राजस्थान, म.प्र., झारखंड, महाराष्ट्र में गैर भाजपा सरकार बनी, हरियाणा में जोड़-तोड़ कर जरूर भाजपा की फिर सरकार बनी और दिल्ली में तो 70 सीटों में महज 8 सीटों पर ही भाजपा के विधायक जीत सके, 62 सीटों पर जीतकर आप में भाजपा के तमाम भावनात्मक मुद्दों पर पानी फेर दिया दिल्ली के विधानसभा चुनावमें भाजपा सरकार के लगभग सभी मंत्री, 200 के आसपास सांसद, स्वयं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और भाजपा के रणनीतिकार अमित शाह सहित भाजपा के नवनियुक्त अध्यक्ष जे.पी. नड्डा ने भी कमान संभाली पर सरकार बनाने में असफल रहे वहीं कुछ सालों पहले ही राजनीति में जन्मी ‘आप’ पार्टी तीसरी बार सरकार बनाने में सफल रही। जहां तक कांग्रेस की बात है तो उसे इस बार भी एक भी सीट नहीं मिली वैसे यह कहा जा सकता है कि कांग्रेस के बड़े नेताओं ने दिल्ली विधानसभा चुनाव में वह रूचि नहीं ली जिसकी उम्मीद की जा रही थी। राहुल और प्रियंका ने एक-दो स्थानों पर जरूर प्रचार किया।


यूपी सीएम योगी को पत्रकारों से खतरा

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की जान को खतरा है। इसके लिए आईबी व अन्य खुफिया एजेंसियों ने अलर्ट जारी किया है। एजेंसियों के मुताबिक आतंकी पत्रकार बनकर गोरखनाथ मंदिर में मुख्यमंत्री पर हमला कर सकते हैं। इस सूचना के बाद पुलिस प्रशासन ने शहर के पत्रकारों की सूची ली और एलआईयू जांच कराने के बाद सबका फोटोयुक्त पहचान पत्र बना दिया है। अब मुख्यमंत्री के कार्यक्रम की कवरेज के लिए गोरखनाथ मंदिर में वही पत्रकार प्रवेश कर सकेंगे, जिनके पास पुलिस से जारी पहचान पत्र रहेगा।
जानकारी के मुताबिक, दो महीने पहले खुफिया एजेंसियों ने गोरखनाथ मंदिर में ही मुख्यमंत्री पर हमला होने की अलर्ट जारी किया था। इसके बाद पुलिस ने मंदिर का सुरक्षा घेरा बढ़ा दिया। मंदिर के आसपास हथियारबंद अतिरिक्त फोर्स भी बढ़ा दी गई। दरअसल, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ गोरखनाथ मंदिर में पत्रकारों से सहजता से मिलते हैं। खुफिया सूचना के मुताबिक इसका फायदा आतंकी उठा सकते हैं। वे पत्रकारों के बीच में शामिल होकर जानलेवा हमला कर सकते हैं। खुफिया एजेंसियों के अलर्ट को पुलिस, प्रशासन ने गंभीरता से लिया। फोटोयुक्त पहचान पत्र अब बनकर तैयार हैं। इसे जल्द ही अधिकृत पत्रकारों को उपलब्ध करा दिया जाएगा।
एसएसपी डॉ. सुनील कुमार गुप्ता ने कहा कि पत्रकारों को असुविधा ना हो और उनकी पहचान हो सके इसके लिए पहचान पत्र बनवाया गया है। जल्द ही मीडिया हाउस से अधिकृत पत्रकारों को फोटोयुक्त पहचान पत्र मुहैया कराया जाएगा। इसके बाद मुख्यमंत्री के कार्यक्रम में उन्हीं पत्रकारों की इंट्री होगी, जिनके पास पहचान पत्र होगा। हालांकि मंदिर की सुरक्षा कई स्तरीय हैं। वहां सुरक्षा में कवच वाहन भी रहता है।


7 बच्चों का बाप 3, बच्चों की मां 'फरार'

दरभंगा। जिले के बहादुरपुर क्षेत्र में शिवदास की पत्नी मालती देवी ने शुक्रवार को संबंधित थाने में एक मामला दर्ज कराया हैं। उनके पति एक पड़ोसन के साथ फरार हो गया है। मालती देवी ने बताया कि उनकी शादी 18 वर्ष पूर्व हुई थी। उन्हें पांच बेटी एवं दो बेटे हैं। पिछले दो वर्षों से उनके पति का गांव की ही एक पड़ोसन महिला से के साथ गुप्त प्रेम संबंध चल रहा था। गुरुवार की रात अचानक उस  महिला और महिला के तीनों बच्चों के साथ लेकर पति फरार हो गया। जबकि अपने सातों बच्चों को छोड़ गए। पीड़िता ने अपने पति के विरुद्ध पत्नी ने कानूनी कार्यवाही की गुहार लगायी है।


पायलट ने फ्लाइट अटेंडेंट को प्रपोज किया

पायलट ने फ्लाइट अटेंडेंट को प्रपोज किया  अखिलेश पांडेय  वारसॉ। अक्सर लोग अपने प्यार का इजहार किसी खास जगह पर करने का सोचते हैं। ताकि वो पल ज...