शनिवार, 11 जनवरी 2020

च्यवनप्राश खाने के जानिए 10 फायदे

रायपुर। सर्दी के दिनों में च्यवनप्राश का सेवन करना सेहत के लिए बेहद फायदेमंद होता है, यह तो आाप जानते होंगे। लेकिन च्यवनप्राश खाने के यह 10 फायदे बेशक आप नहीं जानते होंगे। जरूर जानिए च्यवनप्राश के 10 बेमिसाल फायदे…
1 सर्दी के दिनों में च्यवनप्राश का सेवन करना, शरीर में गर्माहट पैदा कर ठंड के दुष्प्रभावों से बचाता है। इसके अलावा च्यवनप्राश खाने से आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता में भी वृद्धि होती है और बीमारियां दूर रहती हैं।
2 सर्दी, खांसी, फ्लू और कफ हो जाने पर च्यवनप्राश खाना फायदेमंद होता है। सर्दी में प्रतिदिन सुबह और शाम के समय च्यवनप्राश खाने से सर्दी से पैदा होने वाली बीमारियां नहीं होती। 3 पाचन से जुड़ी परेशानियों में च्यवनप्राश बहुत फायदेमंद है, इसे रोजाना खाने से पाचन की सभी परेशानियां खत्म हो जाती हैं और पाचन तंत्र मजबूत होता है।
4 च्यवनप्राश में आंवला और अन्य जड़ी बूटियां होती है, जो आपके शरीर को विटामिन और मिनरल्स देता है और इससे आपकी क्रियाशीलता में वृद्धि होती है साथ ही सेक्स पावर में भी इजाफा होता है। 5 अगर आपके बाल सफेद हो रहे हैं, तो च्यवनप्राश खाना आपके लिए एक बेहतरीन उपाय है। रोजाना च्यवनप्राश खाना आपके सफेद होते बालों को भी काला करने की क्षमता रखता है। इससे नाखून भी मजबूत होते हैं।
6 सर्दी में खांसी होना आम बात है, लेकिन अगर आप पुरानी खांसी से भी परेशान हैं, तो च्यवनप्राश जरूर खाएं। इससे आपको खांसी से बिल्कुल निजात मिल जाएगी। इसके अलावा च्यवनप्राश आपके हीमोग्लोबिन को भी बढ़ाता है।
7 छोटे बच्चों में होने वाली कई समस्याएं सिर्फ च्यवनप्राश खाने से दूर हो सकती हैं। सर्दी के कारण भी बच्चे सेहत से जुड़ी परेशानियों से जूझते हैं। च्यव नप्राश का नियमित सेवन बच्चों को अंदरूनी शक्ति देता है। 8 महिलाओं के लिए भी च्यवनप्राश खाना बहुत लाभकारी है। अगर माहवारी नियमित नहीं हो रही हो, तो नियमित च्यवनप्राश का सेवन आपको मासिक धर्म से जुड़ी समस्याओं से दूर रखता है। 9 बच्चे हों या बड़े, नियमित च्यवनप्राश का सेवन दिमाग की सक्रियता को बढ़ाता है और एकाग्रता में वृद्धि करता है। इससे मानसिक तनाव में कमी आती है और दिमाग स्वस्थ रहता है। 10 यह शरीर के आंतरिक अंगों की सफाई तक हानिकारक तत्वों को बाहर निकालने में मदद करता है। इसके अलावा यह रक्तचाप के स्तर को नियंत्रित रखने में मददगार है।


हाई हील की सैंडल रोज पहनना खराब

किसी खास मौके पर हाई हील की सैंडिल पहनने में कोई बुराई नहीं है लेकिन इसका हर रोज नियमित रूप से इस्तेमाल आपकी सेहत को कई तरह से नुकसान पहुंचा सकता है। अगर आप लंबे समय तक हाई हील्स पहने रहती हैं कुछ समय बाद आपको कई तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है। हर दिन के फुटवेअर के तौर पर हाई हील्स पहनने से पहले इसके घातक साइड इफेक्ट्स के बारे में जरूर जान लें…
स्पाइन और घुटनों पर असर हाई हील की सैंडिल पहनने से स्पाइन के डिस्टर्ब होने का डर बना रहता है। साथ ही साथ हाई हील की सैंडिल पहनने से घुटनों पर बहुत दबाव पड़ता है जिसकी वजह से हाई हील पहनने वालों को अक्सर घुटने में दर्द की शिकायत बनी रहती है। इतना ही नहीं इससे वजन का संतुलन भी बिगड़ जाता है जिसकी वजह से सभी ज्वाइंट्स और हड्डियों पर विपरीत प्रभाव पड़ता है। बिगड़ सकता है आपका पॉश्चर
हाई हील्स पहनने से आपके पैरों पर दबाव बढ़ जाता है। वहीं शरीर का ऊपरी हिस्सा संतुलन बनाने की कोशिश करता है और कई बार इस बैलेंस बनाने के चक्कर में आप अजीबोगरीब तरीके से खड़े होने लगती हैं जिससे शरीर का पॉश्चर बिगड़ जाता है। पीठ के निचले हिस्से में दर्द हाई हील्स में पैरों को उतना आराम नहीं मिलता जितना नॉर्मल हील या फ्लैट फुटवेअर में। यह पैरों को पूरी तरह से सपॉर्ट नहीं देती जिसके कारण पीठ में दर्द, सूजन और अकडऩ पैदा होने लगती है। इससे बचने के लिए डॉक्टर हाई हील की बजाय आरामदायक स्लीपर या सैंडल पहनने की सलाह देते हैं। रक्त वाहिकाएं ब्लॉक हो सकती हैं
हाई हील्स पहनने से पैरों की हड्डियों और उंगलियों में तनाव पैदा होता है जिससे ब्लड वेसल्स ब्लॉक हो जाती हैं और कुछ गंभीर परिस्थितियों में रक्त वाहिकाएं टूट भी जाती हैं जिससे पैरों में असहनीय दर्द होता है और पैरों में बहुत बेचैनी होती है। इसलिए पैरों की सेहत का ध्यान रखते हुए हाई हील पहनने से जितना संभव हो बचना चाहिए।
उंगलियों में होता है हाइपरटेंशन हाई हील्स पहनने से उंगलियों में हाइपर टेंशन होता है, यह कहना है डॉक्टर्स का। दरअसल, जितनी ज्यादा ऊंची हील होती है, पैरों के आगे वाले हिस्से पर उतना ही अधिक भार पड़ता है। इससे पैरो में थकान और दर्द जैसी कई समस्याएं उत्पन्न होने लगती हैं। हाई हील पहनने से घुटनों पर लगभग 26 फीसदी तक दबाव बढ़ जाता है। टखने में मोच आ सकती है ्चीहील वाली सैंडल पहनने पर टखने में मोच आने की संभावना सबसे ज्यादा होती है क्योंकि हील की शेप के कारण पैरों को उचित सरफेस नहीं मिल पाता है। हाई हील्स तभी पहनना चाहिए जब आपको सतह पर ही टहलना या चलना हो। अगर आपको गड्ढों से भरे और उबड़ खाबड़ असमतल रास्ते पर चलना हो तो हाई हील पहनना भारी पड़ सकता है। काफ मसल्स में दर्द काफ मसल्स में दर्द या सूजन हाई हील पहनने का एक अलग साइड इफेक्ट है। हाई हील के कारण मांसपेशियों की नसें सूज जाती है जिससे पैरों में बहुत अधिक दर्द होता है। कई बार स्थिति इतनी गंभीर हो जाती है कि चलने फिरने में काफी तकलीफ होती है और डॉक्टर के पास जाना पड़ता है। जब तक आप हाई हील पहनी रहती हैं तब तक पैरों में कसाव और दबाव अधिक रहता है। इस कारण दर्द होना लाजिमी है। लिंगामेंट कमजोर होने का खतरा
ऊंची एड़ी के सैंडल पहनने की आदत के कारण लिंगामेंट्स समय से पहले ही कमजोर हो जाते हैं जिससे आपको हड्डियों से जुड़ी समस्या हो सकती है। आमतौर पर महिलाओं की उम्र बढऩे पर उन्हें जोड़ों एवं हड्डियों में दर्द का सामना करना पड़ता है लेकिन हाई हील्स पहनने के कारण यह समस्या एक उम्र में पहुंचने से पहले ही उत्पन्न हो सकती है। इसलिए अपने पैरों को चोट से बचाने के लिए ग्लैमरस हाई हील सैंडल पहनने से बचना चाहिए।


एशा गुप्ता खुद बनाती है रोज अपना खाना

मुंबई। बॉलीवुड अभिनेत्री एशा गुप्ता ने कहा कि वह प्रतिदिन अपना खाना खुद बनाती हैं। जन्नत 2 की अभिनेत्री ने यह खुलासा के साथ बाचतीच में किया। उन्होंने हाल ही में देवरस के अनुभवात्मक मंच द डोजर्स क्लब के दूसरे चरण के लिए शेफ विक्की रत्नी के साथ कोलैबोरेट किया है। शहर के सबसे लोकप्रिय रेस्तरां में पॉप अप की अपनी सीरीज के साथ द डोजर्स क्लब ग्रहकों को एक अनूठा भोजन और हाइबॉल अनुभव प्रदान करता है।
यह पूछे जाने पर कि आप कितनी बड़ी फूडी हैं? एशा ने कहा, हां मैं फूडी (खाने की शौकीन) हूं। मैं शाकाहारी हूं, लेकिन इसलिए शायद विक्की द्वारा तैयार किया गए खाने में कई शाकाहारी विकल्प मौजूद होते हैं।
अपने पसंदीदा भोजन पर बात करते हुए उन्होंने कहा, घर का बना हुआ उत्तर-भारतीय खाना। उन्होंने कहा कि उनका पसंदीदा रेस्तरां दिल्ली के कुतुब स्थित ओलिव और मुंबई का याचुचा है। एशा ने कहा, मुझे ताजा खाना खाना पसंद है, इसलिए मैं अपना खान रोज खुद बनाती हूं। इसके अलावा मैं कम नमक खाती हूं पर मुझे तीखा पसंद है।


अजय की 100वीं फिल्म तानाजी की गई पसंद

मुंबई। अजय जेवगन अपनी फिल्म तान्हाजी: द अनसंग वॉरियर को लेकर काफी उत्साहित हैं, जो शुक्रवार 10 जनवरी को सिनेमाघरों में रिलीज़ हो चुकी है। यह फिल्म अजय देवगन की बॉलिवुड में 100वीं फिल्म है, इसलिए भी यह उनके करियर की बेहद खास फिल्म कही जा रही है। यह फिल्म उन्होंने सबसे पहले स्कूल के बच्चों को दिखाई है, जिसकी तस्वीरें उन्होंने अपने ट्विटर पर शेयर भी किया है।
मेकर्स के साथ मिलकर अजय ने बच्चों के लिए यह स्पेशल स्क्रीनिंग रखी है। फिल्म देखने के बाद स्कूली बच्चों ने अजय से ऑटोग्राफ भी लिए और उनके साथ ढेर सारी तस्वीरें भी क्लिक करवाई। बता दें कि तान्हाजी एक ऐसी ऐतिहासिक फिल्म है, जो मराठा साम्राज्य की शूरवीरता को भव्य अंदाज में दर्शाने में कामयाब रही है। इस कहानी में जांबाजी, रोमांस, थ्रिल, विश्वासघात जैसे सारे एलिमेंट्स हैं और उस पर सोने पर सुहागा कहलाने वाला 3 डी इफेक्ट्स जो पूरी फिल्म को शुरू से अंत तक देखने लायक बनाता है। कहानी इतिहास के उस पन्ने की है, जहां औरंगजेब (ल्यूक केनी) पूरे हिंदुस्तान पर मुगलिया परचम को लहराने की रणनीति बना रहा है और दक्खन (दक्षिण) शिवाजी महाराज(शरद केलकर) अपने स्वराज्य को लेकर ली गई कसम के प्रति कटिबद्ध है। इतिहास में यह युद्ध (4 फरवरी 1670) को सिंहगढ़ का युद्ध के नाम से दर्ज है।


1 सालः हादसे में 156 लोगों की जान गई

रायपुर। छत्तीसगढ़ के इस जिले में यमराज बनकर दौड़ रहे वाहन, 5 साल में 707 लोगों के खून से लाल हुईं सडक़ें, 1016 घायल
 वर्ष 2019 में ही इस जिले में 156 लोगों की सडक़ हादसे में हो चुकी है मौत, घायलों की संख्या 268, आए दिन हो रहे सडक़ हादसे के कारण घरों में पसर रहा मातम।

छत्तीसगढ़ के इस जिले में यमराज बनकर दौड़ रहे वाहन, 5 साल में 707 लोगों के खून से लाल हुईं सडक़ें, 1016 घायल

रामानुजगंज। बलरामपुर-रामानुजगंज जिले की सडक़ें आए दिन किसी के खून से लाल हो रहीं हैं, दरअसल यहां कि सडक़ों के नाम इतनी दुर्घटनाएं हैं कि इन पर चलना खतरे से खाली नहीं। क्लिंकर, गिट्टी और बाक्साइट लोड भारी वाहनों सहित तेज रफ्तार चार पहिया वाहन सडक़ों पर मौत बन कर दौड़ रहे हैं, लेकिन इन पर नियंत्रण लगा पाने वाला कोई नहीं है। बीते 5 सालों में 707 मौतें इन्हीं सडक़ों के नाम है, वहीं 1016 लोग घायल हो चुके हैं। इन घायलों में कइयों की मौत भी हो चुकी है। वहीं जिले में वर्ष 2019 में सडक़ दुर्घटना में 156 लोगों की मौत हुई, वहीं 268 लोग घायल हुए। गौरतलब है कि बलरामपुर रामानुजगंज जिले में सडक़ों की स्थिति अत्यंत दयनीय होने एवं तेज रफ्तार के साथ ओवरलोड वाहन, यातायात के नियमों का पालन नहीं किए जाने से अधिकांश सडक़ दुर्घटनाएं होती हैं। 2018 में मृतकों की संख्या 187 थी, घायलों की संख्या 233 थी, 2019 में यह आंकड़ा घटा मृतकों की संख्या 156 रही परंतु घायलों की संख्या में वृद्धि हुई। 2019 में घायल 268 हुए।


ऋषभ पंत ने उर्वशी को किया ब्लॉक

मुंबई। बॉलीवुड और क्रिकेट का नाता काफी पुराना रहा है। ऐसे में एक बार फिर क्रिकेट और बॉलीवुड एक साथ जुड़कर सुनने को मिल रहे हैं लेकिन इस बार मामला जरा अलग है। दरअसल भारतीय क्रिकेट टीम के विकेटकीपर ऋषभ पंत ने बॉलीवुड एक्ट्रेस उर्वशी रौतेला को ब्लॉक कर दिया है।अंग्रेजी वेबसाइट स्पॉटब्वॉय के मुताबिक पिछले कुछ वक्त से बॉलीवुड अभिनेत्री लगातार उर्वशी रौतेला को कॉन्टेक्ट करने की कोशिश कर रही थीं। जिसके बाद क्रिकेटर ने उन्हें ब्लॉक करने का फैसला कर दिया।  बताया जा रहा है कि दोनों ने एक दूसरे को फोन कॉल और व्हाट्सएप से ब्लॉक कर दिया है। उर्वशी के पीआर मैनेजर ने खबर की पुष्टि की हैं। बता दें कि कुछ वक्त पहले तक ऐसी खबरें सुनने को मिल रही थी किं उर्वशी और ऋषभ एक दूसरे को डेट कर रहे हैं लेकिन नए साल के खास मौके पर विकेटकीपर बल्लेबाज ने अपनी गर्लफ्रेंड ईशा नेगी के साथ सोशल मीडिया पर तस्वीरें  साझा कर सारी खबरों को अफवाह करार दे दिया।


एक्टिंग के दौरान शाहिद कपूर हुए जख्मी

नई दिल्ली। अभिनेता शाहिद कपूर अपनी आगामी फिल्म 'जर्सी' के एक सीक्वेंस की शूटिंग के दौरान यहां घायल हो गए। सूत्र ने बताया, शाहिद एक दम सही तरीके से खेल रहे थे और शॉट से पहले रिहर्सल भी किया था, लेकिन अचानक से आई गेंद उनके निचले होंठ पर जा लगी, जिससे वहां से खून निकलने लगा! उन्हें तुरंत इलाज के लिए डॉक्टर के पास ले जाया गया। सूत्र ने बताया, "घाव को बंद करने के लिए डॉक्टरों को उनके होंठ पर टांके लगाने पड़े। इन सब की वजह से उनका निचला होंठ काफी सूज गया है, जिस कारण फिल्म की शूटिंग वह दोबारा तभी शुरू कर पाएंगे, जब उनके घाव ठीक हो जाएंगे। घाव को ठीक करने के लिए शाहिद अपनी तरह से हरसंभव प्रयास कर रहे हैं, ताकि वह चार से पांच दिनों में शूटिंग पुन: शुरू कर सकें।" फिल्म का निर्देशन गौतम तिन्ननुरी कर रहे हैं।


छपाक देखने सीएम पहुंचे श्याम टाकीज

रायपुर। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल आज राजधानी में छपाक मूवी देखने श्याम टाकीज पहुंचे है। जेएनयू के आंदोलन में फ़िल्म अभिनेत्री दीपिका पादुकोण के पहुंचने के बाद से यह फ़िल्म ज्यादा चर्चा में आई है। छत्तीसगढ़ सरकार ने फ़िल्म छपाक को टैक्स फ्री किया है। भूपेश बघेल पूर्व में ही कह चुके थे कि वे यह मूवी जरूर देखेंगे। आज ट्वीट कर उन्होंने जानकारी दी और राजधानी रायपुर की श्याम टाकीज में वे दोपहर 3 बजे का शो देखने पहुंचे।


दर्दनाक सड़क दुर्घटना में तीन की मौत

कोरबा। कोरबा में एक दर्दनाक सड़क दुघर्टना हुआ है। दुघर्टना में 2 बच्चे सहित तीन लोगों की दर्दनाक मौत हो गई। जानकारी के अनुसार एक व्यक्ति दो बच्चों को लेकर कटघोरा की तरफ जा रहा था, तभी सामने से आ रही टैंकर ने बाइक को ठोकेर मार दी। बाइक सवार परदेशी बिरहोर अपने पड़ोस के दो बच्चों को अपने साथ लेकर घुमने निकला था। पुलिस ने अपराध पंजीबद्ध कर जांच में लिया है। बताया जा रहा है टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि तीनों अस्पताल पहुंचते ही तीनों की मौत हो गई।


रायपुर : राज्य स्तरीय कुकिंग स्पर्धा में प्रथम स्थान रहा बीजापुर


रायपुर। स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा आयोजित राज्य स्तरीय कुकिंग स्पर्धा में बीजापुर जिले के महिला स्व सहायता समूह का भोजन सबसे स्वादिस्ट रहा। स्पर्धा में बीजापुर ने पहला स्थान प्राप्त किया। निर्णायकों के साथ ही बच्चों ने भी भोजन को चखकर बताया। बीजापुर जिले के महिला स्व-सहायता समूह को प्रथम स्थान हासिल होने पर विजेताओं को 07 हजार रूपये एवं स्मृति चिन्ह पुरस्कार के रूप में प्रदान किया गया। शिक्षा विभाग द्वारा पहली बार स्कूलों में मध्यान्ह भोजन बनाने वाले महिला स्व-सहायता समहों के लिए कुकिंग स्पर्धा आयोजित की गई थी। स्पर्धा ब्लाक स्तर, जिला स्तर एवं राज्य स्तर पर हुई। जिसमें 07 जनवरी एवं 08 जनवरी 2020 को जे. आर. दानी शासकीय उच्चतर माध्यमिक कन्या शाला कालीबाड़ी चौक रायपुर में आयोजित स्पर्धा में राज्य के 26 जिलों के 52 स्व-सहायता समूहों ने हिस्सा लिया।


यहां पढ़ें : स्कूल के सामने छात्र ने बनाई टिक-टॉक वीडियो, कहा तूने मेरी जिंदगी खराब कर दी!


प्रतियोगिता दो चरणों में हुई जिसमें प्रथम चरण में सभी प्रतिभागियों को अपनी पसंद का व्यंजन बनाना था इसमें खास बात यह रही कि इसमें प्राथमिक स्कूल के 10 बच्चों के लिए भोजन बनाया गया था इसमें लागत उतनी ही लगाई थी जितनी मध्यान्ह भोजन योजना के तहत राज्य शासन से उपलब्ध कराई जाती है। प्रथम चरण में 52 टीमों में से 16 टीमों को द्वितीय चरण के लिए चयनित किया गया। प्रतियोगिता के अंतिम दिन 16 टीमों के मध्य पुनः प्रतियोगिता हुई। जिसमें सभी प्रतिभागियों को एक ही व्यंजन बनाने का टॉस्क दिया गया था जिसमंें बीजापुर जिले के महिला स्व सहायता समूह द्वारा सबसे स्वादिष्ट एवं गुणवत्तायुक्त बनाकर प्रथम स्थान हासिल किया।


कश्मीर में लगी पाबंदी पर एससी सख्त

कश्मीर में लगी पावंदियो पर सख्त टिप्पणी की सुप्रीम कोर्ट सुनील पटेल

कश्मीर। सुप्रीम कोर्ट ने कश्मीर में लगी पावंदियो पर सख्त टिप्पणी की है। बता दें सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इंटरनेट को अनिश्चितकाल के लिए बंद नहीं कर सकते हैं। इंटरनेट को पूरी तरह से बैन करना सख्त कदम है।


सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि सरकार अपने सभी आदेशों की एक हफ्ते के अंदर समीक्षा करे। सुप्रीम कोर्ट कहा कि अपने सभी आदेशों को दोबारा देखे सरकार। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि गैर जरूरी आदेशों को वापस ले सरकार। सुप्रीम कोर्ट की कश्मीर में पाबंदियों पर टिप्पणी की है।


ओमान के सुल्तान काबूस बिन सैद का निधन

ओमान। ओमान के सुल्तान काबूस बिन सैद अल सैद की 79 साल की उम्र में निधन हो गया है। काबूस अरब जगत में सबसे लंबे समय तक सुल्तान रहे। बताया जा रहा है कि उन्हें कैंसर था, जिसका बेल्जियम से इलाज कराकर वह पिछले महीने ही लौटे थे। 1970 में  ब्रिटेन के समर्थन से सुल्तान काबूस ने अपने पिता को गद्दी से हटाया और खुद ओमान के सुल्तान बने। उन्होंने ओमान की तरक्की के लिए तेल से होने वाली कमाई का प्रयोग किया। सुल्तान काबूस शादीशुदा नहीं थे, इसलिए उनके उत्तराधिकारी के तौर पर अब कोई नहीं है। ओमानी सल्तनत के नियमों के मुताबिक तख्त के खाली रहने के तीन दिनों के अंदर शाही परिवार परिषद नया सुल्तान चुनेगी। बता दें कि शाही परिवार परिषद में करीब 50 पुरुष सदस्य हैं। मरने से पहले सुल्तान एक बंद लिफाफा छोड़कर गए हैं। इसमें उन्होंने ओमान के सुल्तान की गद्दी के लिए अपनी पसंद बताई है। अगर परिवार तीन दिन में नए सुल्तान को लेकर सहमति नहीं बना पाता है तो रक्षा परिषद के सदस्य, सुप्रीम कोर्ट के अध्यक्ष, सलाहकार परिषद और राज्य परिषद उस बंद लिफाफे को खोलेंगे, जिसमें सुल्तान काबूस ने नए सुल्तान को लेकर अपनी पसंद बताई है। फिर उस व्यक्ति को ही ओमान का नया सुल्तान बनाया जाएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को ओमान के सुल्तान काबूस बिन सैद अल सैद के निधन पर शोक जताते हुए उन्हें क्षेत्रीय शांति का प्रतीक बताया। प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट किया कि महामहिम सुल्तान काबूस बिन सैद अल सैद के निधन के बारे में जानकर मुझे गहरा दुख हुआ है। वह एक दूरदर्शी नेता थे, जिन्होंने ओमान को एक आधुनिक और समृद्ध राष्ट्र में बदल दिया। पीएम मोदी ने कहा कि सुल्तान काबूस भारत के सच्चे दोस्त थे और उन्होंने भारत तथा ओमान के बीच साझेदारी को मजबूत बनाने में सशक्त भूमिका निभाई।


प्राधिकृत प्रकाशन विवरण

यूनिवर्सल एक्सप्रेस    (हिंदी-दैनिक)


जनवरी 12, 2020, RNI.No.UPHIN/2014/57254


1. अंक-155 (साल-01)
2.  रविवार, जनवरी 12, 2020
3. शक-1941, पौष - कृष्ण पक्ष, तिथि- प्रतिपदा, संवत 2076


4. सूर्योदय प्रातः 07:13,सूर्यास्त 05:340
5. न्‍यूनतम तापमान -5 डी.सै.,अधिकतम-14+ डी.सै., कोहरे की संभावना।


समाचार-पत्र में प्रकाशित समाचारों से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है। सभी विवादों का न्‍याय क्षेत्र, गाजियाबाद न्यायालय होगा।
7. स्वामी, प्रकाशक, मुद्रक, संपादक राधेश्याम के द्वारा (डिजीटल सस्‍ंकरण) प्रकाशित।


8.संपादकीय कार्यालय- 263 सरस्वती विहार, लोनी, गाजियाबाद उ.प्र.-201102


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पायलट ने फ्लाइट अटेंडेंट को प्रपोज किया

पायलट ने फ्लाइट अटेंडेंट को प्रपोज किया  अखिलेश पांडेय  वारसॉ। अक्सर लोग अपने प्यार का इजहार किसी खास जगह पर करने का सोचते हैं। ताकि वो पल ज...