रविवार, 15 दिसंबर 2019

साफिन 22 साल की उम्र में बने आईपीएस

 नई दिल्ली! संघ लोक सेवा आयोग में सफलता हासिल कर भारतीय प्रशासनिक सेवा अधिकारी या भारतीय पुलिस सेवा अधिकारी  बनने के लिए युवा दिलो-जान लगा देते हैं। उस पद पर पहुंचने वाले ज्यादातर युवा की अपनी एक कहानी होती है। कहानी मेहनत, संघर्ष और दृढ़ इरादों की। ऐसी ही एक कहानी हम आज आपको बता रहे हैं।  प्रेमिका से मिलने पहुंचा युवक, महिलाओं ने मिलकर किया ऐसा की हो गयी मौत


ये कहानी है! साफिन हसन की। साफिन जिन्होंने 2017 यूपीएससी परीक्षा में 570 रैंक हासिल की और मात्र 22 साल की उम्र में भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारी बने। न जाने ऐसी कितनी रातों को इन्हें खाना तक नसीब नहीं हुआ। ऐसी कई मुश्किलों को मात देकर साफिन हसन ने अपना लक्ष्य हासिल किया है। देश के सबसे कम उम्र के इस आईपीएस अधिकारी को जामनगर में नियुक्ति दी गई है। वे 23 दिसंबर से पुलिस अधीक्षक के रूप में कार्यभार संभालेंगे।


जापानी बुखार से दो की मौत, तीसरा भर्ती

बीजापुर। जिले के भैरमगढ़ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में जापानी बुखार से एक ही परिवार के दो मासूमों की मौत हो गई। इसके अलावा परिवार के तीसरे बच्चे में भी जापानी बुखार के लक्षण मिले हैं, लेकिन उनकी हालात सामान्य बताई जा रही है। 
प्राप्त जानकारी के अनुसार मासूम चांदनी चौहान 03 वर्ष को माता-पिता ने बुखार के ईलाज के लिए भैरमगढ़ स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया था। डॉक्टर ने चांदनी को मेडिकल कालेज जगदलपुर भेज दिया, जहां चांदनी ने 03 दिसंबर को दम तोड़ दिया। चांदनी के ब्लड सैम्पल में जापानी इन्सेफेलाइटिस के लक्षण पाये गये थे। जिसके बाद स्वास्थ्य महकमा मृतक चांदनी चौहान के गांव पिनकोंडा पहुंचा, जहां चांदनी के भाई राहुल, बहन प्रिया चौहान के ब्लड सैम्पल्स लेकर मेडिकल कालेज भेजा गया जिसमें दोनों बच्चों में भी जापानी इन्सेफेलाइटिस पॉजिटिव पाया गया है। रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद 04 दिसंबर को प्रिया चौहान को भी मेडिकल कालेज में भर्ती किया गया था, जहां प्रिया ने भी ईलाज के दौरान दम तोड़ दिया। जबकि राहुल चौहान अभी सुरक्षित है।


यूपी में आलू-सरसों की फसलों को नुकसान

लखन! उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ समेत प्रदेश के अनेक जिलों में हुई बारिश और ओलावृष्टि के कारण आलू, टमाटर और सरसों आदि की फसलों को भारी नुकसान होने की खबर है। संभल से प्राप्त रिपोर्ट केअनुसार गुरुवार शाम जिले में बेमौसम बरसात और ओलावृष्टि होने लगी और यह सिलसिला देर रात तक जारी रहा। ओले गिरने से आलू,सरसों और सब्जी की फसलों को सबसे अधिक नुकसान हुआ है। ग्रामीणों के अनुसार करीब एक घंटे तक ओले बरसते रहे, जिससे किसानों के खेतों में खड़ी फसलें चौपट हो गई।


शुक्रवार सुबह किसान खेतों पर पहुंचे तो पानी भरा और फसलों को टूटा देख उनके होश उड़ गए। अनुमान है कि जिले में 9900 हेक्टेयर भूमि पर आलू की फसल बोई गई है ,जो पूरी तरह से बर्बाद हो गई।


देखरेख के अभाव में दम तोड़ रहे गोवंश

कानपुर! महाराजपुर के जाना गांव (किशनपुर) की कान्हा उपवन गोशाला में देखरेख के अभाव में गोवंश एक-एक कर दम तोड़ रहे हैं। यहां शुक्रवार को ग्रामीणों को मौके पर आठ गायें मरी मिलीं। वहीं, गोवंश के शव कुत्ते नोचते नजर आए। एक गाय काफी चुटहिल नजर आई। गाय की नांदी में सड़ा भूसा पड़ा था। इस अव्यवस्था को लेकर ग्रामीणों ने रोष जताया है। 


नगर निगम ने 717.68 लाख की लागत से बेसहारा पशु के लिए यह गोशाला बनवाई थी। यहां जानवरों को न खाने को भूसा मिल रहा है और न चोकर। सैकड़ों की संख्या में गोवंश चाहरदिवारी में कैद है। किशनपुर निवासी राकेश कुमार, बल्लू , रामेश्वर व जाना गांव निवासी विमल ने बताया कि शुक्रवार सुबह 11 बजे गोशाला पहुंचे। यहां एक गाय के शरीर पर काफी चोटें मिलीं।
पता चला कि उसे कर्मचारियों ने मारा था। वहीं, पास मृत पड़ी गाय और नवजात गोवंश को कुत्ते नोच रहे थे। नांदी में सड़ा भूसा भरा था। मौके पर किशनपुर के हरिचंद्र व श्रीराम के अलावा मदारपुर के 4-6 लोग मिले। ये लोग गोवंश की देखरेख करते हैं। ग्रामीणों के अनुसार वहां मौजूद कर्मचारियों ने बताया कि उन्हें पांच बोरा भूसा और एक बोर चोकर रोज खर्च करने के लिए कहा गया है।


ग्रामीणों  के मुताबिक गोशाला में करीब 1500 गोवंश हैं। इस लिहाज से जानवरों का पेट नहीं भर पाता है। यहां गोवंश की नादियों में एक हफ्ते पहले भरा गया पानी मिला। ग्रामीणों को मौके पर आठ गाये मरी मिलीं। करीब आधा दर्जन गाय कीचड़ से सनी बीमार मिली। इसके अलावा तीन दिन पहले मरे नवजात गोवंश के शव को कुत्ते नोच रहे थे। ग्रामीणों के मुताबिक इसे कुत्तों ने ही मारा था। ग्रामीणों का आरोप है कि बीमार गोवंश को भरपेट चारा नहीं मिल पा रहा। आरोप है कि यहां आने वाले भूसे व चोकर को सस्ते दामों पर बेच दिया जाता है।


 नहीं लगा सके शव ठिकाने


ग्रामीणों के अनुसार गोवंश के शव रात को बाहर निकाल दिए जाते हैं। रोज मरने वाले गोवंश को जेसीबी से गंगा किनारे या कहीं न कहीं दबा दिया जाता है। यहां चारा, चोकर रखने के लिए सुरक्षित स्थान नहीं है। इसके अलावा कई गाय दूध दे रहीं है, जिसे कर्मचारी मिलकर बेच देते हैं। सूत्रों की माने तो जेसीबी आदि पीएम आगमन की तैयारी में लगी हैं। इस कारण गोवंश के शवों को ठिकाने नहीं लगाया जा सका।


अमेरिका-फ्रांस समेत कई के यात्री परामर्श

नई दिल्ली! नागरिकता संशोधन कानून को लेकर पूर्वोत्तर में बिगड़े हालात को देखते हुए अमेरिका, फ्रांस, ब्रिटेन, इजरायल, सिंगापुर और कनाडा समेत कई देशों ने अपने नागरिकों के लिए यात्रा परामर्श जारी किया है! इन देशों ने कहा है कि अगर उन्हें जाना बहुत जरूरी है तो ही इन राज्यों में जाएं और सावधानी बरतें! पूर्वोत्तर में बड़े पैमाने पर हो रहे विरोध प्रदर्शनों में अब तक तीन लोगों की जान जा चुकी है जबकि कई लोग घायल हुए हैं! कई इलाकों में कर्फ्यू लगाने के साथ इंटरनेट और मोबाइल सेवाओं पर पाबंदी लगा दी गई है! प्रदर्शनकारी नागरिकता (संशोधन) कानून को वापस लेने की मांग कर रहे हैं. इस कानून के तहत 31 दिसंबर, 2014 तक पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से आए हिंदू, सिख, जैन, पारसी, ईसाई और बौद्ध समुदाय के लोगों को भारतीय नागरिकता देने का प्रावधान है!


अमेरिका ने अपने नागरिकों को हिदायत दी है कि पूर्वोत्तर की यात्रा के दौरान वे एहतियात बरतें! परामर्श में यह भी कहा गया है कि अमेरिकी सरकार ने प्रदर्शन के मुख्य केंद्र असम के लिए आधिकारिक यात्राएं अस्थायी रूप से रद्द कर दी है!परामर्श के अनुसार, 'भारत के पूर्वोत्तर राज्यों में मौजूद अमेरिकी नागरिकों को नागरिकता (संशोधन) विधेयक को मंजूरी मिलने के बाद वहां हो रहे प्रदर्शन और हिंसा के बारे में मीडिया में आ रही खबरों पर नजर रखते हुए सावधानी बरतनी चाहिए! कुछ इलाकों में प्रशासन ने कर्फ्यू लगाया है! इंटरनेट एवं मोबाइल सेवाएं भी बाधित हो सकती हैं! कई हिस्सों में परिवहन प्रभावित हो सकता है!'


अमेरिकी दूतावास ने पूर्वोत्तर राज्यों में रह रहे अपने नागरिकों के लिए सावधानियों को सूचीबद्ध किया है और उनसे 'प्रदर्शनों एवं जन अशांति' वाले इलाकों में जाने से बचने, अपने आस-पास की स्थिति से अवगत रहने तथा अन्य लोगों के बीच 'सामान्य बने रहने' का निर्देश दिया है!


प्रशासन की ओर से कहा गया है कि अमेरिकी नागरिक विदेश यात्रा के दौरान अमेरिकी विदेश विभाग की वेबसाइट चेक करते रहें! वेबसाइट पर विश्‍व के वर्तमान हालात, यात्रा संबंधी चेतावनी, यात्रा अलर्ट और देश विशेष के बारे में जानकारी होती है! इंडिया टुडे के अनुसार, ब्रिटेन ने अपने नागरिकों को कहा है कि जब तक भारत में हालात सामान्य नहीं हो जाते हैं तब तक वह भारत की यात्रा करने से बचें! परामर्श में कहा गया है कि अगर उन्हें भारत की यात्रा करनी है और पूर्वोत्तर राज्यों में जाना बेहद जरूरी है तो मीडिया में आ रही खबरों पर नजर रखें और स्थानीय अधिकारियों द्वारा दिए गए निर्देशों का पालन करें!


इजरायल ने अपने नागरिकों के लिए परामर्श जारी करते हुए उन्हें असम और पूर्वोत्तर भारत के अन्य राज्यों में यात्रा न करने को कहा है! वहीं, फ्रांस ने परामर्श जारी करते हुए कहा कि असम के लिए हवाई यात्रा पर पाबंदी और यात्री किसी भी तरह की भीड़ से दूर रहें, खबरों को देखते रहें और भारतीय प्रशासन के आदेशों (खासकर कर्फ्यू की स्थिति में) का पालन करें!


कनाडा ने अपने नागरिकों को विरोध के कारण अरुणाचल प्रदेश, असम, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम और नागालैंड की गैर-आवश्यक यात्रा से बचने की सलाह दी है! वहीं, सिंगापुर के विदेश मंत्रालय ने पूर्वोत्तर भारत के लिए एक यात्रा नोटिस जारी किया, जिसमें सिंगापुर के लोगों को सतर्कता और सावधानी बरतने की सलाह दी गई है!


भाजपा सांसद की गाड़ी पर ईंटों से हमला

कोलकाता! पश्चिम बंगाल में फिर भाजपा नेता पर हमला हुआ है। इस बार हमला बैरकपुर से भाजपा के सासंद अर्जुन सिंह पर हमला हुआ है। सांसद अर्जुन सिंह ने कहा है कि उन्हें बम से उड़ाने की कोशिश की गई है।


मीडिया से बातचीत करते हुए अर्जुन सिंह ने कहा कि ' कांकिनारा से लौटते वक्त मेरी कार पर कुछ असामाजिक तत्वों ने ईंट से हमला किया और फिर कार पर एक बम फेंका गया। पश्चिम बंगाल में कानून व्यवस्था नाम की कोई चीज नहीं है। राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू कर देना चाहिए।' च्च्इस हमले में भाजपा सांसद अर्जुन सिंह की कार का शीशा टूट गया। हालांकि सांसद इस हमले में बाल-बाल बच गए।


भाजपा सांसद ने इस हमले का सीधा आरोप टीएमसी के कार्यकर्ताओं पर लगाया है। सांसद की कार पर तब हमला किया गया जब वो कंकिनारा से लौट रहे थे। सूत्रों के अनुसार, अर्जुन सिंह की कार के पर पहले तो ईंट पत्थर से हमला किया फिर उसके पास एक बम भी फेंक दिया गया।


हमले के बाद अर्जुन सिंह ने कहा टीएमसी ने गुंडों ने मेरी कार पर ईंट फेंके। इसके बाद मैं अपनी कार से बाहर आया और देखा कि एक व्यक्ति जमीन पर पड़ा है। उस व्यक्ति का नाम गणेश सिंह है।इसके बाद अचानक मेरी कार पर बम फेंका गया।च्च्उन्होंने राज्य सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि पश्चिम बंगाल में कानून व्यवस्था चरमरा गई है। इसको ध्यान में रखते हुए राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू किया जाए। यह पहली बार नहीं है, जब भाजपा सांसद अर्जुन सिंह पर हमला किया गया है। इससे पहले भी उन पर हमले हो चुके हैं। इससे पहले पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना में उन पर हमला हुआ था और उनकी कार में जमकर तोडफ़ोड़ किया गया था।


निर्भया-कांड: शाह को खून से लिखा पत्र

 नई दिल्ली! निर्भया गैंगरेप के दोषियों को जल्द से जल्द फांसी पर लटकाने की मांग देश के हर कोने से उठने लगी है। दोषियों की दया याचिका को एक बार राष्ट्रपति की तरफ से खारिज किए जाने के बाद इसका रास्ता भी साफ हो जाएगा। इधर तिहाड़ जेल प्रशासन ने इन दोषियों को फांसी देने के लिए जल्लाद की तलाश करनी शुरू कर दी है।


इन्हीं सब के बीच लखनऊ से एक महिला ने खून से लिखा एक लेटर गृह मंत्री अमित शाह को भेजकर मांग की है कि दोषियों को फांसी देने की अनुमति उन्हें दी जाए। उसका कहना है कि जिस बर्बरता के साथ उन्होंने एक महिला के साथ की थी 
मेरी मांग है कि उसके सजा देने का हक भी एक महिला को ही मिलना चाहिए |


अमित शाह को चिट्ठी लिखने वाली ये महिला International shooter वर्तिका सिंह है। उसने मांग की है कि निर्भया के दोषियों को फांसी पर लटकाने का अधिकार मुझे जाना जाए। 
उसने आगे कहा कि इससे देश को एक संदेश जाएगा कि फांसी देने का काम भी एक महिला कर सकती है।मैं चाहती हूं कि एक्टर्स और सांसद मेरी मांग का समर्थन करें। मुझे उम्मीद है कि ये समाज में बदलाव लाएगा।


नागरिकता विधेयक में परिवर्तन के संकेत

 नई दिल्ली! नागरिकता संशोधन कानून में कुछ बदलाव देखने को मिल सकते हैं। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने इसका इशारा कर दिया है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शनिवार को कांग्रेस पर नागरिकता संशोधन अधिनियम के खिलाफ हिंसा भड़काने का आरोप लगाया। साथ ही रैली में यह इशारा दिया कि क्रिसमस के बाद वह इस मुद्दे पर विचार कर सकते हैं। 
बता दें कि नागरिकता कानून के खिलाफ देश के कई हिस्सों में प्रदर्शन तेज है और खासकर पूर्वोत्तर के राज्यों में इसका असर विस्तार से दिख रहा है।


अमित शाह ने झारखंड चुनाव के दौरान अमित शाह ने गिरिडीह, बाघमारा और देवघर विधानसभा क्षेत्रों में चुनावी जनसभाओं में पूर्वोत्तर के लोगों को आश्वासन दिया कि इस अधिनियम से उनकी संस्कृति, भाषा, सामाजिक पहचान और राजनीतिक अधिकार प्रभावित नहीं होंगे।


असम और पूर्वोत्तर के अन्य राज्यों के लोगों को आश्वस्त करना चाहता हूं कि उनकी संस्कृति, सामाजिक पहचान, भाषा, राजनीतिक अधिकारों को नहीं छुआ जाएगा तथा नरेंद्र मोदी सरकार उनकी रक्षा करेगी।


अमित शाह ने कहा कि मेघालय के मुख्यमंत्री कोनराड संगमा और उनकी सरकार के मंत्रियों ने इस मुद्दे पर चर्चा को लेकर शुक्रवार को उनसे मुलाकात की है। उन्होंने कहा कि मेघालय में समस्या है। मैंने उन्हें समझाने का प्रयास किया कि कोई मुद्दा नहीं है। उसके बाद भी उन्होंने मुझसे कुछ बदलाव करने को कहा। अमित शाह ने आगे कहा, ” मैंने संगमा जी को क्रिसमस के बाद समय मिलने पर मेरे पास आने को कहा है। हम मेघालय के वास्ते रचनात्मक तरीके से समाधान ढूंढने के लिए सोच सकते हैं। किसी को डरने की जरूरत नहीं है।


राहुल गांधी पर प्रहार करते हुए शाह ने कहा कि कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष बस शोर मचा रहे हैं और उन्हें भारत के इतिहास की जानकारी नहीं है और उन्होंने अपनी आंखों पर 'इतालवी चश्मा' लगा रखा है। 
उन्होंने कहा, ” हमारी पार्टी की युवा ईकाई का एक जिलाध्यक्ष भी यह बता सकता है कि झारखंड में पांच साल के भाजपा शासन में क्या-क्या विकास कार्य हुए और राहुल गांधी की कांग्रेस ने 55 साल के अपने शासन दौरान क्या कार्य किये।


उन्होंने कहा, ” राहुल गांधी और हेमंत सोरेन कहते हैं कि कश्मीर मुद्दा झारखंड चुनाव में क्यों महत्वपूर्ण है?…. 
इस राज्य के युवा देश की सीमा को सुरक्षित रख रहे हैं। लेकिन राहुल गांधी इतिहास नहीं जानते, क्योंकि उन्होंने आंखों पर इतालवी चश्मे लगा लिये हैं। अमित शाह ने कांग्रेस पर नक्सलवाद को बढ़ावा देने, कश्मीर को आतंकवादियों के हाथों में सौंप देने और अयोध्या मुद्दे को सालों तक लटकाने का भी आरोप लगाया। 


शाह ने कहा कि कांग्रेस भाजपा पर मुसलमानविरोधी होने का आरोप लगाती है लेकिन यही राजग सरकार है जो तीन तलाक कानून लायी। अमित शाह ने मतदाताओं से राज्य से वाम चरमपंथ को उखाड़ फेंकने के लिए भाजपा सरकार को फिर से सत्ता में लाने की अपील की।


राहुल के खिलाफ मानहानि का केस करेंगे

नई दिल्ली वीर सावरकर को लेकर दिए गए कांग्रेस नेता राहुल गांधी के बयान के बाद महाराष्‍ट्र की सियासत गरमा गई है! शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा कि हम नेहरू और गांधी का सम्मान करते हैं, उन्हें सावरकर का अपमान नहीं करना चाहिए. नेहरू-गांधी की तरह सावरकर ने भी देश के लिए अहम योगदान दिया है! वहीं वीर सावरकर के पोते रंजीत सावरकर ने रविवार को कहा कि इस मुद्दे पर मैं महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से मुलाकात करूंगा! रंजीत सावरकर ने राहुल गांधी के खिलाफ मानहानि केस करने की बात कही है!


रंजीत सावरकर ने कहा कि कोई भी उनके बारे में इतने असम्मानजक तरीके से बात नहीं करता है! राहुल गांधी की प्रतिक्रिया बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है! वह इस तरह के बयान देने के आदी हो चुके हैं! उन्होंने बताया, 'जवाहरलाल नेहरू ने एक शिवाजी को लुटेरा बोला था, लेकिन उन्हें फिर अपनी टिप्पणी के लिए माफी मांगनी पड़ी थी! वह अपने परिवार की गलतियों को बार बार दोहरा रहे हैं!'


रंजीत सावरकर ने कहा, 'आजादी के बाद भी 1950 तक जवाहरलाल नेहरू किंग जॉर्ज को भारत का राजा मानते थे! हमें राष्ट्रीय स्वतंत्रता सेनानियों और नेताओं का अपमान नहीं करना चाहिए! महाराष्ट्र में शिवसेना को कांग्रेस के मंत्रियों को हटा देना चाहिए और अल्पमत की सरकार चलानी चाहिए |
क्योंकि BJP उनके खिलाफ वोट देने नहीं जा रही है! ये मेरी मांग है! हम राहुल गांधी के खिलाफ कल हाई कोर्ट में मानहानि का मुकदमा दायर करने जा रहे हैं!


अटल घाट पर फिसल कर गिरे पीएम मोदी

कानपुर। कानपुर नगर मे नमामि गंगे योजना के तहत नेशनल गंगा काउंसिल की पहली मीटिंग करने सिलसिले मे आए देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अटल घाट पर वापसी के समय फिसल कर गिर गए। जिसके बाद उन्हे एसपीजी के जवानो ने उठाया। इस दौयन वहाँ अफरा तफरी का माहौल हो गया, हालांकि यहाँ बताते चलें कि उक्त घटना क्रम मे अच्छी बात यह रही कि पीएम मोदी को कोई चोट नहीं आई, जिस समय यह घटना हुई, उस समय प्रदेश के मुखिया योगी आदित्य नाथ और उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत मौजूद रहे। पीएम मोदी के पैर फिसल कर गिरने का वीडियो सोशल मीडिया मे खूब वायरल हो रहा है। ज्ञात हो कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रीय गंगा परिषद की पहली बैठक की अध्यक्षता की। वह इस महत्वाकांक्षी नमामि गंगे परियोजना की समीक्षा करने के लिए यूपी के कानपुर में आए थे। पीएमओ की तरफ से पहले ही यह जानकारी दी गयी थी कि वह गंगा की सफाई के पहलुओं पर किए गए कार्यों की प्रगति की समीक्षा करेंगे और विचार-विमर्श करेंगे।


एसपीजी जवान भी लड़खड़ाया 


वायरल हो रहे वीडियो मे साफ देखा जा सकता है कि पीएम मोदी के साथ हुई फिसलने की घटना के ठीक आगे आगे चल रहे एसपीजी के जवान का भी पैर सीढ़ियो मे फंसा था, लेकिन वह सजग जवान अपने को संभालते हुये गिरने से बच गया, और आगे बढ़ गया। 


सीढ़ियाँ है ऊंची नीची 


अटल घाट पर बनी सीढ़ियों को बारीकी से देखने पर पता चलता है कि जिस सीढ़ी पर प्रधानमंत्री मोदी का पैर फंसा है वह अन्य सभी सीढ़ियों से ज्यादा ऊंचाई की थी। जिससे हुआ यह कि नीचे बनी अन्य सीढ़ियों की तरह ही सामान्य तौर पर चल रहे पीएम मोदी का पैर उस ऊंचाई तक नहीं उठ सका और सीढ़ी से फंस गया, जिससे वह आगे की ओर झुकते चले गए और पहले हाथों के पंजे फिर बाएँ हाथ की कोहनी जमीन पर टकराई। इतने मे ही एसपीजी के जवानो ने संभाल लिया। और पीएम मोदी बिना किसी को कुछ कहे ही आगे बढ़ गए। 


मंडलायुक्त ने सर्वेक्षण दौरान सीढ़ियों को सुधारने की कही थी बात 


मिली जानकारी अनुसार जिस समय कानपुर मंडलायुक्त ने अटल घाट का सर्वेक्षण किया था। उस समय मौके पर मौजूद अधिकारियों से उन्होने सीढ़ियों को सुधारने की बात कही थी। यदि इस बात को सत्यता मान लें तो मंडलायुक्त ने उक्त स्थिति को भाँप लिया था। या यूं कहे कि मंडलायुक्त सीढ़ियों की बनावट मे कमी देखी, और उसे सुधारने के लिए अपने अधीनस्थों को सुधार के लिए कहा भी, लेकिन मंडलायुक्त की इस बात को अमल मे न लेकर अधिकारियों ने लापरवाही बरती। जिससे पीएम मोदी के साथ इस प्रकार की घटना घटित हो गयी।


'नमामि गंगे अभियान' के विरुद्ध प्रदर्शन

लखनऊ। गंगा सफाई अभियान को लेकर हमेशा तत्पर रहने वाले बीएचयू के ख्यात न्यूरोलॉजिस्ट प्रो. विजयनाथ मिश्र ने शनिवार को गंगा स्वच्छता के लिए लखनऊ के जीपीओ स्थित गांधी प्रतिमा पार्क में प्रदर्शन किया। इस दौरान प्रो. मिश्र ने बताया की मोदी सरकार पिछले 6 वर्षों में सिर्फ वाराणसी में गंगा सफाई के लिए अरबों रुपये खर्च कर चुकी है। इसके बाद भी गंगा की स्थिति जस की तस बनी हुई है। उन्होंने बताया कि वाराणसी में गंगा में अब भी 40 नालो का पानी गिर रहा है। जिसके चलते गंगा का पानी बेहद प्रदूषित हो गया है। पानी मे आर्सेनिक, एल्मोनियम, क्रोमियम जैसे खरनाक तत्व की मात्रा बढ़ती जा रही है। जिसके कारण नदी के किनारे रहने वाले लोगों में पार्किशन, डिमेंशिया जैसी बीमारियां बढ़ रही हैं


उन्होंने इस पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि यदि हम गंगा को लेकर अब भी जागरूक नहीं हुए तो गंगा भी वरुणा और असि नदी की तरह एक दिन नाले में तब्दील हो जाएंगी। उन्होंने कहा कि सीवेज ट्रीटमेंट के लिए आधुनिक तकनीक अपनानी होगी तभी कुछ बदलाव दिखेगा।इसके साथ ही प्रो. मिश्र ने प्रदर्शन स्थल से ही पीएम नरेंद्र मोदी व सीएम योगी आदित्यनाथ को ट्वीट भी किया।


 


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