शुक्रवार, 25 अक्तूबर 2019

जिंदा जलाने के मामले में 16 को फांसी

ढाका! बांग्लादेश की एक अदालत ने बीते बुधवार को 19 वर्षीय एक छात्रा को जिंदा जलाकर उसकी हत्या करने के मामले में 16 लोगों को मौत की सजा सुनाई। बता दें कि इस घटना के विरोध में देशभर में व्यापक प्रदर्शन हुए थे। नुसरत जहां रफी ने एक मदरसे के मौलाना के खिलाफ यौन उत्पीड़न की शिकायत वापस लेने से इनकार कर दिया था।
जब जज ने कहा, 'कानून से ऊपर कोई नहीं'
मौलाना के खिलाफ शिकायत वापस नहीं लेने पर केरोसिन छिड़ककर नुसरत जहां रफी को जिंदा जला दिया गया था। बतै दें कि 15 लोगों की भीड़ ने किशोरी को बेरहमी से जलाया जिसमें वह 80% से भी ज्यादा जल गई थीं। बाद में इलाज के दौरान छात्रा ने दम तोड़ दिया। खबरों के अनुसार, किशोरी की हत्या का आदेश आरोपी मौलाना ने जेल से ही दिया था। उधर, अभियोजक हाफिज अहमद ने अदालत में फैसला सुनाए जाने के बाद संवाददाताओं से कहा कि, 'यह फैसला साबित करता है कि बांग्लादेश में कोई हत्यारा कानून से नहीं बचेगा। हमारे यहां कानून का शासन है।'
शिकायत के बाद जिंदा जलाया था:-
19 साल की नुसरत जहां रफी को उनके स्कूल की छत पर ही जिंदा जलाया गया था। बता दें कि उन्होंने स्कूल के मौलाना पर यौन शोषण की शिकायत की थी। शिकायत वापस नहीं लेने के कारण उन्हें स्कूल की छत पर मिट्टी का तेल डालकर आग लगाकर हत्या कर दी थी।


लोकवाणी पर होगी नए दौर की बात

रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की मासिक रेडियोवार्ता लोकवाणी की चौथी कड़ी का प्रसारण आगामी 10 नवम्बर को होगा। लोकवाणी का प्रसारण छत्तीसगढ़ स्थित आकाशवाणी के सभी केन्द्रों, एफ.एम. रेडियो और क्षेत्रीय न्यूज चैनलों से सुबह 10.30 से 10.55 बजे तक होगा। उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने समाज के हर वर्ग की भावनाओं, सवालों और सुझावों से अवगत होने तथा अपने विचार साझा करने के लिए लोकवाणी रेडियोवार्ता प्रारंभ की है। लोकवाणी में इस बार का विषय 'नगरीय विकास का नया दौर' रखा गया है। इस संबंध में कोई भी व्यक्ति आकाशवाणी रायपुर के दूरभाष नम्बर 0771-2430501, 2430502, 2430503 पर आगामी 28, 29 एवं 30 अक्टूबर को अपरान्ह 3 से 4 बजे के बीच फोन करके अपने सवाल रिकार्ड करा सकते हैं।


रेलवे का इतंजाम, वेटिंग होगी कंफर्म

रायपुर। रेलवे यात्रियों की हर परेशानी को दूर करने में लगा हुआ है! ताकि यात्रियों की यात्रा को आसान किया जा सके। इसको ध्यान में रखते हुए रेलवे यात्री को सीट व ट्रेन नंबर उपलब्ध कराने के लिए त्योहारी सीजन में एक्स्ट्रा डिब्बे लगाये जा रहे है ताकि सफर करने वाले यात्रियों को सीट कंफ़र्म को लेकर कोई परेशानी न हो। रेलवे प्रशासन द्वारा इसी क्रम में यात्रियों की सुविधा हेतु विभिन्न गाडियों में स्थायी रूप से अतिरिक्त कोच लगाये जा रहे हैं जिससे अधिकाधिक यात्रियों को कंफर्म सीट की सुविधा प्राप्त होगी। जिसका विवरण इसप्रकार है-


1 गाडी संख्या 18247/18248 बिलासपुर-रींवा-बिलासपुर एक्सप्रेस में 01 अतिरिक्त स्थायी एसी-3 कोच की सुविधा यात्रियों को बिलासपुर से 31 दिसम्बर 2019 से तथा रींवा से 01 जनवरी 2020 से प्राप्त होगी।
2 गाडी संख्या 12853/12854 दुर्ग-भोपाल-दुर्ग अमरकंटक एक्सप्रेस में 01 अतिरिक्त स्थायी एसी-1 सह एसी-2 कोच की सुविधा यात्रियों को दुर्ग से 31 दिसम्बर 2019 से तथा भोपाल से 01 जनवरी 2020 से प्राप्त होगी।
3 गाडी संख्या 18241/18242 दुर्ग-अम्बिकापुर-दुर्ग एक्सप्रेस में 01 अतिरिक्त स्थायी एसी-1 सह एसी-2 कोच की सुविधा यात्रियों को दुर्ग से 31 दिसम्बर 2019 से तथा भोपाल से 01 जनवरी 2020 से प्राप्त होगी।


कांग्रेस का सरकार विरोधी प्रदर्शन

महासमुंद। प्रदेश कांग्रेस कमेटी के निर्देश पर जिला कांग्रेस कमेटी के मार्गदर्शन में शहर कांग्रेस कमेटी एवं ग्रामीण कांग्रेस कमेटी द्वारा देश में आर्थिक मंदी के लिए जिम्मेदार केंद्र के भाजपा सरकार की गलत आर्थिक नीतियों के विरोध में कांग्रेस भवन चौक में एक दिवसीय धरना प्रदर्शन किया। सर्वप्रथम संचालन करते हुए प्रभारी महामंत्री हरदेव ढिल्लों ने बताया कि केंद्र सरकार के गलत आर्थिक नीतियों के कारण आर्थिक मंदी से कई कारखाने बंद हो गए बैंक फेल होते जा रहे हैं। धरने को संबोधित करते हुए जिलाध्यक्ष आलोक चंद्राकर ने कहा कि केंद्र के मोदी सरकार के गलत आर्थिक नीतियों जिनमें जीएसटी नोटबंदी के साथ ही सरकारी संस्थाओं के निजीकरण के कारण देश आर्थिक मंदी से जूझ रहा है। वर्ष 2014 के पूर्व कांग्रेस पार्टी की मनमोहन सरकार देश की जनता के जेब में पैसा डालने का काम करती थी और अभी छत्तीसगढ़ में भूपेश सरकार भी जनता की जेब में पैसा डालने का काम ही कर रही है। उसके ठीक विपरीत केंद्र की मोदी सरकार जनता के जेबों में डाका डालने का काम कर रही है।


प्रदेश कांग्रेस संयुक्त महासचिव डॉ रश्मि चंद्राकर ने कहा कि केंद्र सरकार केवल चंद उद्योगपतियों के हित में काम कर रही है किसान गरीब मध्यम वर्ग परेशान है। प्रदेश सचिव नरेंद्र दुबे ने कहा कि मोदी सरकार के द्वारा किए गए घोटालों के पूरे आंकड़ों के साथ तथ्यों को रखते हुए बताया कि मोबाइल सेक्टर और कई कारखाने बंद हो गए हैं जिसके कारण लोग बेरोजगार हो गए हैं। धरने का सफल संचालन जिला कांग्रेस के प्रभारी महामंत्री हरदेव ढिल्लों ने किया। धरने को संबोधित करने वाले कांग्रेसजनों में जिला कांग्रेस के उपाध्यक्ष राजेंद्र चंद्राकर, नगरपालिका के पूर्व उपाध्यक्ष द्वय मनोजकांत साहू, नानू भाई विधायक प्रतिनिधि दाऊलाल चंद्राकर, शहर कांग्रेस अध्यक्ष जसबीर ढिल्लों, ग्रामीण अध्यक्ष हुलास गिरी गोस्वामी, प्रदेश सचिव प्रवीण चंद्राकर, जिला महामंत्री गौरव चंद्राकर, शहर महिला कांग्रेस अध्यक्ष लक्ष्मी देवांगन, माया पांडे, पार्षद संजय शर्मा, धरने में उपस्थित कांग्रेसजनों का आभार शहर महामंत्री हार्दिक सोना ने किया। धरने के पश्चात सडक़ किनारे स्थानीय कुम्हारों से दीपावली त्यौहार के लिए कांग्रेसजनों ने दीये खरीदे।


डीएम ने की विकास कार्यों की समीक्षा

धमतरी। ऐतिहासिक नहर सत्याग्रह का गवाह रहे गौरव ग्राम कण्डेल के सुव्यवस्थित विकास तथा योजनाओं के क्रियान्वयन को लेकर कलेक्टर रजत बंसल ने शुक्रवार सुबह संबंधित विभागों के अधिकारियों की बैठक लेकर विभागीय गतिविधियों को संचालित करने के लिए कार्ययोजना तथा नवीन प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश अधिकारियों को दिए। विशेष तौर पर महात्मा गांधी के प्रवास को स्मृतिपूर्ण बनाने कण्डेल की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि का उत्थान शासन की योजनाओं के माध्यम से करने की बात कही।


कलेक्टर ने धमतरी विकासखण्ड के गौरव ग्राम कण्डेल के ग्राम पंचायत कार्यालय में विभिन्न विभागों के अधिकारियों की बैठक ली। उन्होंने नहर के टेल एण्ड एरिया, जहां पानी नहीं पहुंच पाता, उस जगह का सर्वे कराकर प्रतिवेदन तैयार करने के निर्देश जल संसाधन विभाग के कार्यपालन अभियंता को दिए। इसी तरह स्वास्थ्य विभाग को नशामुक्ति कार्यक्रम संचालित करने के साथ-साथ कुपोषित बच्चों को चिन्हांकित कर उन्हें सुपोषित करने हेतु संभावनाएं तलाशकर रूपरेखा तैयार करने के लिए निर्देशित किया। पशुपालन विभाग के अधिकारी को गरवा कार्यक्रम से संबंधित कार्यों को प्राथमिकता से करने के लिए निर्देशित किया। साथ ही चरवाहों को विभाग के एप से पंजीकृत करने के अलावा गांव में दुग्ध उत्पादन और पशुचारा की उपलब्धता के लिए भी कार्ययोजना तैयार करने के निर्देश दिए। इसके अलावा शिक्षित युवाओं का समूह बनाकर गौठान से स्वरोजगार के लिए खाका तैयार करने की बात कही। उप संचालक कृषि ने गौठान में 10 नाडेप टैंक तैयार करने के प्रस्ताव के अलावा गांव की उच्च भूमि का मैदानी सर्वे जल्द कराए जाने की जानकारी दी। कलेक्टर ने ग्रामीण अर्थव्यवस्था पर विशेष फोकस करते हुए बाड़ी कार्यक्रम के तहत सब्जीवर्गीय फसलों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से बीज, उत्पादन और संरक्षण के साथ-साथ ग्राम में बेहतर फसल लेने के लिए प्लानिंग करने की बात कही। समाज कल्याण विभाग के अधिकारी को कलेक्टर ने ग्राम के दिव्यांगजनों और वृद्धजनों का सर्वेक्षण कराने तथा उन्हें सृजनात्मक व स्वरोजगारमूलक कार्यों से जोड़ने के निर्देश दिए।


इसी प्रकार मछलीपालन विभाग द्वारा कण्डेल के 7 तालाबों में मछलीपालन करने के लिए निर्देशित किया। उन्होंने लोक निर्माण विभाग के कार्यपालन अभियंता को छाती से कण्डेल मार्ग चैड़ीकरण के लिए प्रस्ताव तैयार कर शासन को प्रेषित करने के निर्देश दिए, साथ ही ग्राम के भीतर सी.सी. रोड निर्माण के लिए भी प्लानिंग करने निर्देशित किया। मुख्यमंत्री की घोषणा के अनुरूप कण्डेल में महाविद्यालय खोले जाने के लिए भी उच्च शिक्षा विभाग से पत्राचार करने के निर्देश कलेक्टर ने दिए। इसके अलावा ग्राम में कुटीर उद्योग, माटीकला तथा चरखा के माध्यम से बुनकरी से संबंधित प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करने, स्कूलों में कैरियर गाइडेंस एवं काउंसिलिंग आयोजित करने, सोलर एनर्जी पार्क स्थापित करने, अतिक्रमणमुक्त कराकर वृहत् पैमाने में वृक्षारोपण करने के निर्देश संबंधित विभाग के अधिकारियों को दिए। इसके पहले जिला पंचायत के सी.ई.ओ. विजय दयाराम के. ने विभाग के अधिकारियों को नवीन प्रस्ताव एवं कार्ययोजना तैयार करने के लिए निर्देशित किया। इस अवसर पर स्थानीय सरपंच सहित विभिन्न विभाग के अधिकारीगण मौजूद थे।


नदी में मिली संदिग्ध युवती की लाश

अम्बिकापुर। सीतापुर थाना अंतर्गत बीते दिवस मांड़ नदी में एक 25 वर्षीय युवती की नदी में औंधे मुंह पड़ी लाश मिली थी। बीती रात सैकड़ों ग्रामीणों ने लड़की की हत्या की आशंका जताते हुए गांव मे कैंडल मार्च निकाला और लड़की की रहस्यमयी तरीके से नदी में डूबने से हुई मौत की गुत्थी सुलझाने के लिए पुलिस को आवेदन देने का निर्णय लिया। ताकि युवती के रहस्यमय मौत से पर्दा उठ सके युवती की मौत हादसे में हुई है अथवा किसी ने हत्या करके फेंकी है। ज्ञात हो कि सीतापुर थाना अंतर्गत ग्राम ढेलसरा निवासी शकुंतला नागवंशी 25 वर्ष बीते 11 अक्टूबर की शाम 6 बजे अपने घर के पीछे बहने वाली मांड़ नदी शौच करने गई हुई थी जहां से वो अचानक रहस्यमयी तरीके से लापता हो गई थी। अगली सुबह युवती का शव काफी दूर नग्नअवस्था में औंधे मुंह नदी में पाई गई थी। घटना की सूचना के बाद पुलिस घटनास्थल पहुंची और नदी से शव बाहर निकलवाने के बाद सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में उसका पोस्टमार्टम कराया।जहां लड़की की पानी मे डूबने से मौत होने की पुष्टि की गई थी।


देहरादून से जल्दी शुरू होगी हवाई यात्रा

नई दिल्ली। नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने प्रदेश में तीसरे चरण के तहत पंतनगर-चंड़ीगढ़, पंतनगर-लखनऊ, पंतनगर-कानपुर, देहरादून- प्रयागराज व पिथौरागढ़-पंतनगर हवाई सेवा जल्द शुरू करेगा। मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह ने बताया कि केंद्रीय नागरिक उड्डयन राज्यमंत्री हरदीप सिंह पुरी को वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से यह अवगत कराया है। मुख्य सचिव ने बताया कि नागरिक उड्डयन मंत्रालय प्रदेश में प्रथम चरण की चयनित वायुयान सेवा देहरादून-पंतनगर और दूसरे चरण की वायुयान सेवा देहरादून-पिथौरागढ और पिथौरागढ़-हिंडन संचालित कर रहा है। उन्होंने देहरादून एयरपोर्ट के विस्तारीकरण की जानकारी देते हुए बताया कि वर्तमान में देहरादून एयरपोर्ट की रनवे की लंबाई 2140 मीटर है। यहां से वर्तमान में अधिकतम 130 से 140 यात्रियों का विमान उड़ान भर सकता है।


एयरपोर्ट के विस्तारीकरण के बाद रनवे की लंबाई 2765 मीटर हो जाएगी। इसके बाद यहां से एयरबस ए 321 एवं ए 320 की उड़ान संभव हो जाएगी। दूसरे चरण में 3500 मीटर के रनवे का निर्माण करने का प्रदेश सरकार द्वारा सैद्धांतिक निर्णय लिया गया है। उन्होंने नान शिड्यूल आपरेट सिस्टम के माध्यम से सेवाएं शुरू करने का भी अनुरोध किया। मुख्य सचिव ने कहा कि इससे प्रदेश सरकार पर व्यय भार कम पड़ेगा। इन हवाई रूटों पर चलेगी हेली सेवा मुख्य सचिव ने अवगत कराया कि प्रदेश के लिए चयनित हेली सेवाओं में आठ हैलीपेड की डीपीआर डीजीसी के मानकों के आधार पर बना दी गई है और शीघ्र ही कार्यदायी संस्था कार्य आरंभ कर देगी। हेली सेवाओं के लिए वायुमार्गों का चयन इस प्रकार है।


अल्मोड़ा-पंतनगर, अल्मोड़ा-पिथौरागढ़, चिन्लायीसौंड-सहस्त्रधारा, देहरादून-मसूरी, देहरादून-नई टिहरी, देहरादून-रामनगर, धारचूला-हल्द्वानी, गौचर-जोशीमठ, गौचर-सहस्त्रधारा, गौचर-श्रीनगर, हल्द्वानी-धारचूला, हल्द्वानी-हरिद्वार, हरिद्वार-हल्द्वानी, जोशीमठॉ-गौचर, मसूरी-देहरादून, नैनीताल-पंतनगर, नई टिहरी-देहरादून, नई टिहरी-श्रीनगर, पंतनगर-अल्मोड़ा, पंतनगर-नैनीताल, पंतनगर-रामनगर, पिथौरागढ़-अल्मोड़ा, रामनगर-देहरादून, रामनगर-पंतनगर, सहस्त्रधारा-चिन्यालीसौंड़, सहस्त्रधारा-गौचर, श्रीनगर-गौचर, श्रीनगर-नई टिहरी।


द्रोपदी का किरदार निभाएगी दीपिका

मुंबई! बॉलीवुड की लीडिंग लेडी दीपिका पादुकोण अपने फिल्मी सफर में कई विभिन्न किरदारों के साथ अपने अभिनय का जादू बिखेर चुकी है और अब अभिनेत्री महाभारत की “द्रौपदी” को बड़े पर्दे पर पेश करने के लिए तैयार है। महाभारत की पौराणिक कहानी को एक बार फिर बड़े पर्दे पर उतारा जाएगा जिसमें बॉलीवुड की क्वीन दीपिका पादुकोण मुख्य भूमिका निभाएंगी। दिलचस्प बात यह कि, इस बार महाभारत की कहानी को द्रौपदी के नज़रिए से जनता के सामने रखा जाएगा। महाभारत हमेशा से भारत की सबसे लोकप्रिय और सबसे महत्वपूर्ण कहानियों में से एक रही है। हालाँकि, इस फिल्म की नवीनता यह कि इस फ़िल्म को द्रौपदी के नज़रिए से बनाया जाएगा, जिसकी कल्पना पहले इस तरह नहीं की गई है।


पिता ने दो बच्चों को उतारा मौत के घाट

मस्तूरी पचपेड़ी- शुक्रवार की सुबह क्षेत्रवासियों के लिए दिल दहला देने वाली रही, पचपेड़ी थाना क्षेत्र से आई इस खबर ने सभी को सोचने पर मजबूर कर दिया कि आखिर एक पिता कैसे अपनी संतान को मौत के घाट उतार सकता है। पचपेड़ी थाना क्षेत्र के सोनसरी में घटी इस घटना से पूरे क्षेत्र में सनसनी है। पुलिस से प्राप्त जानकारी के अनुसार सोनसरी में रहने वाले कलयुगी पिता ने अपने दो बच्चों को गला घोंटकर कुएं में फेंक दिया जिससे उनकी मौत हो गई। पुलिस ने बताया कि ग्राम सोनसरी(सोन) में दसरथ विश्कर्मा अपनी पत्नी से आये दिन झगड़ा करता था जिसके कारण पत्नी अपने 4 बच्चों में से दो बच्चों को लेकर जांजगीर चाँपा अपने मायके में रहने लगी वही दो बच्चों को लेकर पिता दसरथ गाँव मे ही रहने लगा कल शाम से ही दसरथ विश्कर्मा अपने ही घर मे आतंक मचाने लगा था! जहाँ उसके पिता द्वारा झगड़ा न करने की बार बार समझाइश दी गई! फिर भी नही माना इतने में रात करीब 2 बजे घर मे सो रहे सुमित विश्कर्मा उम्र 10 वर्ष पुत्री आशा विश्कर्मा को पास ही स्थित बाड़ी के कुएं में फेंक दिया! जिसमें दोनों बच्चों की पानी मे डूबने से मौके पर ही मौत हो गई! सुबह सुबह इस घटना के बारे की सूचना पूरे गाँव मे आग की तरह फैल गई! आरोपी के पिता द्वारा पुलिस को घटना की सूचना दी गई, जहाँ मौके पर पहुँची पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर आगे की कार्रवाई कर रही है!



नशा छोड़े 2 साल 10 महीने हो गए

मुम्बई। फिल्म डैडी, सड़क और दिल है के मानता नहीं जैसी सुपरहिट फिल्मों में अपने शानदार अभिनय के जरिए कभी सिल्वर स्क्रीन पर राज करने वाली पूजा भट्ट पिछले कई समय से फिल्मों से दूर हैं! लेकिन एक्ट्रेस सोशल मीडिया पर आए दिन अपनी पर्सनल लाइफ की जानकारी देती रहती हैं!
एक्ट्रेस पूजा भट्ट कई बार अपनी शराब की लत का जिक्र कर चुकी हैं! 47 वर्षीय अभनिेत्री ने हाल ही में अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर एक बेहद भावुक पोस्ट लिखी है! अपनी पोस्ट में उन्होंने लिखा,नशा छोड़े हुए दो साल और 10 महीने हो गए!
उन्होंने तस्वीरें पोस्ट करते हुए लिखा, आज मुझे नशा छोड़े हुए दो साल और 10 महीने हो गए! अब अतीत को प्रतिबिंबित करने और आत्मसात करने का समय है, आखिरकार कल किसने देखा है? आप में से जो कोई भी अपने अंदर के राक्षस से लड़ाई लड़ रहा है और लत से जूझ रहा है, आपको पता होना चाहिए कि आप अकेले नहीं हैं! अगर मैं कर सकती हूं तो आप भी कर सकते हैं! अगर आप लड़खड़ाते हैं और गिरते हैं तो खुद को संभालिए और फिर आगे बढ़ये! बदले में सिर्फ एक नहीं बल्कि कई तरीके के ईनाम मिलेंगे!


हरियाणा में सरकार बनाने का फार्मूला

चंडीगढ़। हरियाणा विधानसभा चुनाव 2019 के रिजल्ट आने के बाद शुक्रवार को मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर दिल्ली पहुंचे हैं! वो यहां बीजेपी के कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा समेत अन्य वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात करेंगे! बीजेपी से जुड़े सूत्रों के मुताबिक खट्टर आलाकमान के समक्ष नई सरकार बनाने का फॉर्मूला पेश करेंगे! इसके अलावा वो दिल्ली में हरियाणा के निर्दलीय विधायकों से मुलाकात करेंगे! बता दें कि गुरुवार देर शाम बीजेपी की सांसद सुनीता दुग्गल सिरसा से जीते गोपाल कांडा समेत छह निर्दलीय विधायकों को चार्टर्ड प्लेन से लेकर दिल्ली पहुंची थीं!
गुरुवार को आए चुनाव नतीजे में किसी भी पार्टी की सरकार बनती नहीं दिख रही है! भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) 40 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी हैै! वो साधारण बहुमत से छह सीटें दूर है! वहीं कांग्रेस ने 31 सीटें जीती हैं जबकि दुष्यंत चौटाला की जन नायक जनता पार्टी को 10 सीटें मिली हैं! सिरसा से हरियाणा जनहित पार्टी के टिकट पर चुनाव जीते गोपाल कांडा के संकेत दिए हैं कि वो बीजेपी को समर्थन करेंगे! गुरुवार शाम गोपाल कांडा और रानियां से जीते निर्दलीय विधायक रणजीत सिंह चौटाला को लेकर बीजेपी की सांसद सुनीता दुग्गल दिल्ली रवाना हुईं! इन सभी को एक चार्टर प्लेन से दिल्ली लाया गया है!



हार के बाद विपक्ष का बढ़ा हौसला

नई दिल्ली। महाराष्ट्र और हरियाणा के चुनाव नतीजे जहां भाजपा के लिए ज्यादा उत्साहजनक नहीं रहे, वहीं विपक्ष को हार के बावजूद थोड़ी राहत जरूर मिली है। लोकसभा चुनावों में भाजपा की भारी जीत से एकदम निढाल पड़ चुके विपक्ष को अपने प्रदर्शन में सुधार से थोड़ा हौसला मिला है। भले ही दोनों राज्यों में भाजपा सरकार बना रही हो, लेकिन उसकी सीटें घटी हैं और विपक्ष का प्रदर्शन बेहतर हुआ है।
चुनाव नतीजों से विपक्ष को साफ संकेत मिले हैं कि यदि वह रणनीति बनाकर तैयारी के साथ मैदान में उतरे तो भाजपा का मुकाबला कर सकता है। वैसे दोनों राज्यों में भाजपा की सीटें घटने के पीछे पार्टी के पास कई तर्क हो सकते हैं। मसलन, महाराष्ट्र में पिछली बार उसने ज्यादा सीटों पर चुनाव लड़ा था, या उसे दोनों राज्यों में थोड़ा सत्ता विरोधी लहर झेलनी पड़ी।मगर, यह भी देखना होगा कि महाराष्ट्र में शिवसेना के साथ गठबंधन होने के बावजूद दोनों सहयोगियों की सीटें घटी हैं। एनसीपी और कांग्रेस अपनी सीटें बढ़ाने में कामयाब रहीं। एनसीपी का प्रदर्शन तो कहीं बेहतर रहा। कांग्रेस बिना तैयारी के मैदान में उतरी फिर भी उसकी सीटें बढ़ती दिख रही हैं।
हरियाणा में भी कांग्रेस गुटबाजी की लड़ाई से जूझती रही और आखिरी समय में उसने इस प्रकार तैयारी की, जैसे रस्म अदायगी कर रही हो। फिर भी उसका प्रदर्शन काफी बेहतर रहा।
चुनाव नतीजों से कुछ संकेत साफ हैं। एक तो दोनों राज्यों में यदि कांग्रेस बेहतर तैयारी के साथ मैदान में उतरी होती तो उसका प्रदर्शन और बेहतर हो सकता था। इन चुनावों में स्थानीय मुद्दे ज्यादा हावी रहे। अनुच्छेद 370 को हटाने से भाजपा जैसे चमत्कार की उम्मीद कर रही थी, वह नहीं हुआ। हो सकता है कि इसका थोड़ा लाभ हुआ हो, लेकिन स्थानीय मुद्दे ही ज्यादा हावी रहे। तीसरे, महाराष्ट्र में मराठाओं और हरियाणा में जाटों की नाराजगी पार्टी को झेलनी पड़ी है। चुनावों के बाद अब कुछ ही महीनों के भीतर झारखंड और दिल्ली के चुनाव हैं। माना जा रहा है कि इन नतीजों से विपक्ष का हौसला बढ़ेगा और वह आक्रामकता के साथ मैदान में उतरेगा। मगर, भाजपा के पास भी अपनी रणनीति दुरुस्त करने का समय है।


क्रोध व उत्तेजना पर नियंत्रण रखे:वृष

राशिफल


मेष:–प्रयास सफल रहेंगे। जोखिम उठाने का साहस कर पाएंगे। नौकरी में नई जिम्मेदारी मिल सकती है। सामाजिक काम करने की इच्छा प्रबल होगी। मान-सम्मान मिलेगा। वाणी में संयम रखें। दूसरों के कार्य में हस्तक्षेप न करें। आय के नए स्रोत प्राप्त हो सकते हैं। कारोबार में वृद्धि होगी।


वृष:–घर में अतिथियों का आगमन होगा। किसी मांगलिक कार्य में भाग लेने का अवसर प्राप्त हो सकता है। दूर से शुभ समाचार की प्राप्ति होगी। आत्मविश्वास बढ़ेगा। क्रोध व उत्तेजना पर नियंत्रण रखें। ईर्ष्यालु व्यक्तियों से सावधान रहें। धन प्राप्ति सु्गम होगी।


मिथुन:–भाग्योन्नति के प्रयास सफल रहेंगे। व्यावसायिक यात्रा मनोनुकूल रहेगी। अप्रत्याशित लाभ के योग बनते हैं। रोजगार प्राप्ति के प्रयास सफल रहेंगे। किसी बड़ी समस्या का हल मिल सकता है। व्यस्तता के चलते स्वास्थ्य खराब हो सकता है। धनार्जन होगा।


कर्क:-किसी अपने ही व्यक्ति से कहासुनी हो सकती है। आय में कमी होगी। अप्रत्याशित खर्च सामने आ सकते हैं। स्वास्थ्य का पाया कमजोर रहेगा। चिंता तथा तनाव रहेंगे। आशा व निराशा के भाव रहेंगे। खर्च से हाथ तंग रहेगा। व्यापार-व्यवसाय ठीक चलेंगे। जोखिम बिलकुल न उठाएं।


सिंह:-बकाया वसूली के प्रयास सफल रहेंगे। व्यावसायिक यात्रा सफल रहेगी। कारोबार में वृद्धि होगी। नौकरी में प्रभाव बढ़ेगा। लाभ के अवसर
हाथ आएंगे। घर-बाहर प्रसन्नता रहेगी। भाग्य का साथ मिलेगा। जीवनसाथी के स्वास्थ्य की चिंता रहेगी। थकान व कमजोरी रह सकती है।


कन्या:-शत्रु सक्रिय रहेंगे। चुगलखोरों से सावधान रहें। वाणी में हल्के शब्दों के प्रयोग से बचें। नई आर्थिक योजना बनेगी। कार्यप्रणाली में सुधार होगा। काफी समय से रुके काम पूर्ण हो सकते हैं। मान-सम्मान मिलेगा। व्यापार-व्यवसाय मनोनुकूल लाभ देगा। प्रमाद न करें।


तुला:–घर-परिवार की चिंता रहेगी। लेन-देन में जल्दबाजी न करें। शारीरिक कष्ट संभव है। पूजा-पाठ में मन लगेगा। तीर्थयात्रा की योजना बनेगी। कोर्ट-कचहरी व सरकारी कार्यालय के काम मनोनुकूल रहेंगे। आय में वृद्धि होगी। घर-बाहर प्रसन्नता रहेगी। जल्दबाजी से बचें!


वृश्चिक:–पुराना रोग उभर सकता है। वाहन, मशीनरी व अग्नि आदि के प्रयोग में लापरवाही न करें। शारीरिक हानि हो सकती है। किसी भी तरह के विवाद में भाग न लें। स्वाभिमान को चोट पहुंच सकती है। लेन-देन में सावधानी रखें। कुसंगति से बचें। महत्वपूर्ण निर्णय टालें।


धनु:–कुंआरों को वैवाहिक प्रस्ताव मिल सकता है। दांपत्य जीवन में आनंद रहेगा। कोर्ट व कचहरी तथा सरकारी कार्यालयों में रुके कार्य मनोनुकूल रहेंगे। आय के नए स्रोत प्राप्त हो सकते हैं। भाग्य का साथ मिलेगा। घर-बाहर प्रसन्नता रहेगी। प्रमाद न करें।


मकर:–आवश्यक वस्तु गुम हो सकती है। समय पर नहीं मिलेगी। तनाव रहेगा। घर के वृ‍द्धजनों के स्वास्थ्य की चिंता रहेगी। कोई बड़ी समस्या खड़ी हो सकती है। भय रहेगा। भूमि व भवन संबंधी बाधा दूर होकर उन्नति के मार्ग प्रशस्त होंगे। लाभ होगा।


कुंभ:–किसी मनोरंजक यात्रा का आयोजन हो सकता है। विद्यार्थी वर्ग अपने शिक्षण-अध्ययन संबंधी कार्य में सफलता प्राप्त करेगा। स्वादिष्ट भोजन का आनंद प्राप्त होगा। जल्दबाजी में कोई कार्य न करें तथा विवाद की स्थिति न आने दें। कोई अरुचिकर घटना संभव है।


मीन:–कोई बड़ी धनहानि की आशंका है। लापरवाही न करें। भावना को वश में रखें। मन की बात किसी को न बतलाएं। नौकरी में अपेक्षाएं बढ़ेंगी। धैर्यशीलता की कमी रहेगी। क्रोध व उत्तेजना पर नियंत्रण रखें। व्यवसाय ठीक चलेगा। आय में निश्चितता रहेगी। भागदौड़ होगी।


पर्यावरण में ध्वनि-वायु प्रदूषण

दिवाली खुशियों एवं रौशनी का त्यौहार है लेकिन दिवाली के दौरान छोड़े जाने वाले तेज आवाज के पटाखे पर्यावरण पर कहर बरपाने के अलावा जन स्वास्थ्य के लिये खतरे पैदा कर सकते हैं। दिवाली के दौरान पटाखों एवं आतिशबाजी के कारण दिल के दौरे, रक्त चाप, दमा, एलर्जी, ब्रोंकाइटिस और निमोनिया जैसी स्वास्थ्य समस्याओं का खतरा बढ़ जाता है और इसलिये दमा एवं दिल के मरीजों को खास तौर पर सावधानियां बरतनी चाहिये। नौएडा स्थित मेट्रो हास्पीटल्स एंड हार्ट इंस्टीट्यूट के निदेशक पद्मविभूषण डा. पुरूषोत्तम लाल बताते हैं कि पिछले कई सालों से यह देखा जा रहा है कि दिवाली के बाद अस्पताल आने वाले हृदय रोगों, दमा, नाक की एलर्जी, ब्रोंकाइटिस और निमोनिया जैसी बीमारियों से ग्रस्त रोगियों की संख्या अमूमन दोगुनी हो जाती है। साथ ही जलने, आंख को गंभीर क्षति पहुंचने और कान का पर्दा फटने जैसी घटनायें भी बहुत होती हैं। डा. लाल ने आम लोगों को पटाखे नहीं छोड़ने अथवा धीमी आवाज वाले पटाखे छोड़ने की सलाह देते हुये कहा कि दिल और दमे के मरीजों को खास तौर पर पटाखों से पूरी तरह दूर रहना चाहिये। दिवाली के दौरान पटाखों के कारण वातावरण में आवाज का स्तर 15 डेसीबल बढ़ जाता है जिसके कारण श्रवण क्षमता प्रभावित होने, कान के पर्दे फटने, दिल के दौरे पड़ने, सिर दर्द, अनिद्रा और उच्च रक्तचाप जैसी समस्यायें उत्पन्न हो सकती हैं। तेज आवाज करने वाले पटाखों को चलाने का सबसे अधिक असर बच्चों, गर्भवती महिलाओं और दिल तथा सांस क मरीजों पर पड़ता है। दिवाली के दौरान छोड़े जाने वाले पटाखों के कारण वातावरण में हानिकारक गैसों तथा निलंबित कणों का स्तर बहुत अधिक बढ़ जाने के कारण फेफड़े, गले तथा नाक संबंधी गंभीर समस्यायें भी उत्पन्न होती हैं। उन्होंने बताया कि दिल तथा दमा के मरीजों के लिये दिवाली का समय न केवल पटाखों के कारण बल्कि अन्य कारणों से भी मुसीबत भरा होता है। दिवाली से पहले अधिकतर घरों में रंग-रोगन कराया जाता है, घरों की सफाई की जाती है। लेकिन पेंट की गंध, घरों की मरम्मत और सफाई से निकलने वाली धूल दमा के रोगियों के साथ-साथ सामान्य लोगों के लिये भी खतरनाक साबित हो सकती है। अंदरूनी प्रदूषण के अलावा बाहरी प्रदूषण और दिवाली के पटाखे से निकलने वाले धुएं, रसायन और गंध दमा के रोगियों के लिए घातक साबित होते हैं। इसलिए दिवाली के दिन और उसके बाद के कुछ दिनों में भी दमा के रोगियों को हर समय अपने पास इनहेलर रखना चाहिये और पटाखों से दूर रहना चाहिये। इन दिनों उनके लिये सांस लेने में थोड़ी सी परेशानी या दमे का हल्का आघात भी घातक साबित हो सकता है।


शुष्क और गीली रंगोली

रंगोली दो प्रकार से बनाई जाती है। सूखी और गीली। दोनों में एक मुक्तहस्त से और दूसरी बिंदुओं को जोड़कर बनाई जाती है। बिंदुओं को जोड़कर बनाई जाने वाली रंगोली के लिए पहले सफेद रंग से जमीन पर किसी विशेष आकार में निश्चित बिंदु बनाए जाते हैं फिर उन बिंदुओं को मिलाते हुए एक सुंदर आकृति आकार ले लेती है। आकृति बनाने के बाद उसमें मनचाहे रंग भरे जाते हैं। मुक्तहस्त रंगोली में सीधे जमीन पर ही आकृति बनाई जाती है। पारंपरिक मांडना बनाने में गेरू और सफ़ेद खड़ी का प्रयोग किया जाता है। बाज़ार में मिलने वाले रंगोली के रंगों से रंगोली को रंग बिरंगा बनाया जा सकता है। रंगोली बनाने के झंझट से मुक्ति चाहने वालों के लिए अपनी घर की देहरी को सजाने के लिए 'रेडिमेड रंगोली' स्टिकर भी बाज़ार में मिलते हैं, जिन्हें मनचाहे स्थान पर चिपकाकर रंगोली के नमूने बनाए जा सकते हैं। इसके अतिरिक्त बाजार में प्लास्टिक पर बिंदुओं के रूप में उभरी हुई आकृतियाँ भी मिलती हैं, जिसे जमीन पर रखकर उसके ऊपर रंग डालने से जमीन पर सुंदर आकृति उभरकर सामने आती है। अगर रंगोली बनाने का अभ्यास नहीं है तो इन वस्तुओं का प्रयोग किया जा सकता है। कुछ साँचे ऐसे भी मिलते हैं जिनमें आटा या रंग का पाउडर भरा जा सकता है। इसमें नमूने के अनुसार छोटे छेद होते हैं। इन्हें ज़मीन से हल्का सा टकराते ही निश्चित स्थानों पर रंग झरता है और सुंदर नमूना प्रकट हो जाता है। रंगोली बनाने के लिए प्लास्टिक के स्टेंसिल्स का प्रयोग भी किया जाता है। गीली रंगोली चावल को पीसकर उसमें पानी मिलाकर तैयार की जाती है। इस घोल को ऐपण, ऐपन या पिठार कहा जाता है। इसे रंगीन बनाने के लिए हल्दी का प्रयोग भी किया जाता है। इसके अतिरिक्त रंगीन रंगोली बाज़ार में मिलने वाले पोस्टर, क्रेयॉन, फ़ेब्रिक और एक्रिलिक रंगों से भी बनाई जाती हैं।


ऋत्विज अथवा ऋतुओ का यजन

अनेक प्रकार के यज्ञ हुआ करते थे। यज्ञ उस युग का सबसे बड़ा सांस्कृतिक समारोह होता था। ये यज्ञ साधारण भी होते थे--और असाधारण भी। कुछ यज्ञों को तो राजा-महाराजा ही कर सकते थे, जैसे अश्वमेध, राजसूय, आदि। पर कुछ यज्ञ नियमित रूप से सब आर्य गृहस्थों को करने पड़ते थे। इन यज्ञों का क्रम गोपद ब्राह्मण में इस प्रकार बताया गया है-


अग्न्याधान, पूर्णाहुति, अग्निहोत्र, दशपूर्णयास, आग्रहायण (ग्ववसस्येष्ठि) चातुर्मास्य, पशुवध, अग्नि-ष्टोम, राजसूय, बाजपेय, अश्वमेध, पुरूषमेध, सर्वमेध, दक्षिणावाले बहुत दक्षिणा-वाले और असंख्य दक्षिणावाले।


इनमें अग्न्याधान और अग्निहोत्र प्रतिदिन के यज्ञ थे। हर अमावस और पूर्णिमा के दिन दशपूर्णमास यज्ञ होते थे। फाल्गुन पूर्णिमा, आषाढ़ पूर्णिमा और कार्तिक पूर्णिमा को चातुर्मास्य यज्ञ किये जाते थे। उतरायण-दक्षिणायन के आरम्भ में जो यज्ञ होते थे--वे आग्रहायण वा नवसस्येष्ठि यज्ञ कहलाते थे। इसी प्रकार भिन्न-भिन्न प्रकार के उद्देश्यों को लेकर भिन्न-भिन्न यज्ञ होते थे। यह आग्रहायण या नवसस्येष्ठि यज्ञ ही आगे दीपावली का त्यौहार बन गया।


यज्ञ चाहे छोटे हैं या बड़े, पर्वों ही में होते थे। पर्व, जोड़ या संधि को कहते हैं। यह सन्धि पर्व ऋतु और काल सम्बन्धी हुआ करती थी। सायं-प्रात: संधि, पक्ष संधि, मास संधि, ऋतु संधि, चातुर्मास्य संधि, अयन संधि, पर यज्ञ होते थे। ये संधियाँ पर्व कहाती थीं। यज्ञ समाप्ति पर अवभृथ स्नान होता था। अब यज्ञों की परिपाटी तो बन्द हो गई है, पर पर्वों पर विशेष तीर्थों पर स्नान अब भी धर्म कृत्य माना जाता था।


कार्तिक पूर्णिमा, वैसाखी पर्व, कुम्भ पर्व आदि में आज भी हरिद्वार-प्रयाग नासिक आदि क्षेत्रों में बड़े-बड़े स्नान होते हैं। कार्तिक पूर्णिमा का गंगा स्नान बहुत प्रसिद्ध है। आर्यों में उतरायण और दक्षिणायन का बहुत विचार किया जाता था। `नान्य: पन्था विद्यतेस्नाय' ऋतुओं में ही यज्ञ करने से यज्ञ कर्ता का नाम ऋत्विज अर्थात ऋतुओं में यजन करने वाला प्रसिद्ध हुआ। यजन से यज्ञों में ज्योतिष ज्ञान की आवश्यकता पड़ती थी, तथा यज्ञ समारोहों ही से ऋतु के साथ ग्रहनक्षत्रों के परिवर्तन का पता चल जाता था। मधुश्च माध्वश्च वासन्ति कावृतू (१३/२५) शुक्रश्च शुविश्च श्रेष्मावृतू (१४/६) नभश्च नभश्यश्च वार्षिकावृतू (१४/१५) तपश्च तपस्यश्च शैशिरावृतू (१५/५७) (यजुर्वेद १५/५७) द्वेसूती अश्रुष्वं पितृणांमहं देवानायु (युजु १९/४०) षड़ाहु: शीतान् षडु यास उष्णनृतुं बूत (अथर्व ८/९/१७) दीवाली अयन परिवर्तन का त्यौहार है। इस समय सूर्य दक्षिणायन होते हैं। साथ ही नयाशस्य--धान्य आता है, इसलिए खील खाई जाती है, तथा दीपोत्सव मनाया जाता है। दिवाली के बाद गोवर्धन होता है। यह घरेलू पशुओं के पूजन का त्यौहार था, जिसे पशुन्द्य यज्ञ कहते थे। इसके बाद यम द्वितीया है, जब भाई बहिन के घर जाता है। यह यम-यमी की स्मृति में है। जिसका उल्लेख देव में है। लक्ष्मी पूजा दिवाली पर लक्ष्मी पूजा होती है। यजुर्वेद के।।। श्रीश्चते लक्ष्मीश्च पल्या, प्रसिद्ध मन्त्र है। इसमें श्री और लक्ष्मी नाम की दो वेश्याओं का उल्लेख है। महीधर उवट भाषा में यही लिखा है। कालान्तर में श्री नामी देवी के अंशों को दुर्गा-काली, भवानी, भैरवी, चण्डी, अन्नपूर्णा, चामुण्डा आदि रूप कल्पित कर लिए गए।


प्राचीन दिपावली का त्यौहार

दीपावली  या दिवाली,अर्थात "रोशनी का त्योहार" शरद ऋतु (उत्तरी गोलार्द्ध) में हर वर्ष मनाया जाने वाला एक प्राचीन हिंदू त्योहार है। दीवाली भारत के सबसे बड़े और प्रतिभाशाली त्योहारों में से एक है। यह त्योहार आध्यात्मिक रूप से अंधकार पर प्रकाश की विजय को दर्शाता है।भारतवर्ष में मनाए जाने वाले सभी त्यौहारों में दीपावली का सामाजिक और धार्मिक दोनों दृष्टि से अत्यधिक महत्त्व है। इसे दीपोत्सव भी कहते हैं। 'तमसो मा ज्योतिर्गमय' अर्थात् 'अंधेरे से ज्योति अर्थात प्रकाश की ओर जाइए' यह उपनिषदों की आज्ञा है। इसे सिख, बौद्ध तथा जैन धर्म के लोग भी मनाते हैं। जैन धर्म के लोग इसे महावीर के मोक्ष दिवस के रूप में मनाते हैं तथा सिख समुदाय इसे बन्दी छोड़ दिवस के रूप में मनाता है।


माना जाता है कि दीपावली के दिन अयोध्या के राजा राम अपने चौदह वर्ष के वनवास के पश्चात लौटे थे।अयोध्यावासियों का ह्रदय अपने परम प्रिय राजा के आगमन से प्रफुल्लित हो उठा था। श्री राम के स्वागत में अयोध्यावासियों ने घी के दीपक जलाए। कार्तिक मास की सघन काली अमावस्या की वह रात्रि दीयों की रोशनी से जगमगा उठी। तब से आज तक भारतीय प्रति वर्ष यह प्रकाश-पर्व हर्ष व उल्लास से मनाते हैं। यह पर्व अधिकतर ग्रिगेरियन कैलन्डर के अनुसार अक्टूबर या नवंबर महीने में पड़ता है। दीपावली दीपों का त्योहार है। भारतीयों का विश्वास है कि सत्य की सदा जीत होती है झूठ का नाश होता है। दीवाली यही चरितार्थ करती है- असतो माऽ सद्गमय, तमसो माऽ ज्योतिर्गमय। दीपावली स्वच्छता व प्रकाश का पर्व है। कई सप्ताह पूर्व ही दीपावली की तैयारियाँ आरंभ हो जाती हैं। लोग अपने घरों, दुकानों आदि की सफाई का कार्य आरंभ कर देते हैं। घरों में मरम्मत, रंग-रोगन, सफ़ेदी आदि का कार्य होने लगता है। लोग दुकानों को भी साफ़ सुथरा कर सजाते हैं। बाज़ारों में गलियों को भी सुनहरी झंडियों से सजाया जाता है। दीपावली से पहले ही घर-मोहल्ले, बाज़ार सब साफ-सुथरे व सजे-धजे नज़र आते हैं।


दीवाली नेपाल, भारत, श्रीलंका, म्यांमार, मारीशस, गुयाना, त्रिनिदाद और टोबैगो, सूरीनाम, मलेशिया, सिंगापुर, फिजी, पाकिस्तान और ऑस्ट्रेलिया की बाहरी सीमा पर क्रिसमस द्वीप पर एक सरकारी अवकाश है।


डोडा बर्फी बनाने की विधि

एक नज़र
रेसिपी क्विज़ीन :इंडियन
कितने लोगों के लिए :1 - 2
समय :30 मिनट से 1 घंटा
मील टाइप :वेज


आवश्यक सामग्री
4 कप दूध
डेढ़ कप ताजी क्रीम
3 चम्मच दलिया
2 कप चीनी
एक बड़ा चम्मच घी
एक कप काजू, बारीक कुटे हुए
एक कप बादाम, बारीक कटे हुए
2 बड़े चम्मच कोको पाउडर
2 बड़े चम्मच पिस्ता, लंबे कटे हुए


विधि: एक पैन में घी डालें, जब यह गरम हो जाए तब इसमें दलिया डालकर मध्यम आंच पर हल्का भूरा होने तक भून लें! इसे निकाल कर अलग रख लें! अब एक भारी तले की कड़ाही में दूध डालकर मध्यम आंच पर उबालें. जब दूध उबल जाए तब इसमें क्रीम डालें और दूध गाढ़ा होने तक उबालें! इसमें करीब 40 मिनट लगेंगे! अगर दूध बर्तन में लगता है तो चम्मच से छुड़ाते रहें! अब दूध में दलिया और चीनी डालकर मिक्स करें और 20 मिनट तक पकाएं! चम्मच से चलाते रहें ताकि दूध बर्तन की साइड में न चिपके!
अब इसमें कोको पाउडर, काजू और बादाम डालें और इसे तब तक पकाएं जब तक यह बड़ी लोई जैसा नहीं हो जाता! या फिर दूध व घी नहीं छोड़ने लगता! इसमें लगभग 15 मिनट लगेंगे! अब एक थाली में घी लगा लें और तैयार मिश्रण को इसमें फैला लें! इसके बर्फी के आकार के पीस काट लें और पिस्ता डालकर हल्के हाथ से चम्मच से दबा दें! डोडा बर्फी तैयार है, ठंडा होने के बाद इसे सर्व करें!


नोट : इस मिठाई को बनाने के बाद 15 दिन तक फ्रिज में रखा जा सकता है!


राम का राष्ट्रवाद उपदेश

गतांक से...
 मुनिवरो, राजाओ ने प्रश्न् किया कि राजा कौन है, जिस राजा के राष्ट्र में विज्ञान पराकाष्ठा पर हो और विज्ञान का सदुपयोग होता हो! उस राजा का राष्ट्र पवित्र होता है! वह राजा पवित्र होता है! मानव देखो जिस राजा के राष्ट्र में विज्ञान अपनी पराकाष्ठा पर नहीं रहता है! वह विज्ञान के वांग्मय में प्रवेश हो जाता है और वह विज्ञान मानव का राष्ट्र का मौलिक गुण बनकर रहता है! मौलिक गुण क्यों? क्योंकि राष्ट्र को ऊंचा बनाने वाला वह मानव देखो स्वीकृत कहलाता है! तो देखो राष्ट्र और मानवता दोनों ही अपने में तत्पर रहने चाहिए! जिससे समाज में एक महानता की ज्योति उत्पन्न हो जाए! तो आओ मेरे प्यारे, देखो राजाओं ने कहा प्रभु क्या राजा के राष्ट्र में विज्ञान होना अनिवार्य है? भगवान राम ने कहा कि अनिवार्य नहीं है,परंतु विज्ञान होना चाहिए उसका सदुपयोग होना चाहिए! उसके जीवन में एक महानता की ज्योति होनी चाहिए! देखो विज्ञान अपने में अभिमान बनकर के विज्ञान अपने में निखत्त्सुक बनने से राष्ट्र की प्रतिभा नष्ट हो जाती है! तो विचार विनिमय क्या है? मैंने बहुत पुरातन काल में कहा था कि मानव को अहिंसा परमो धर्म अपनाना चाहिए! इसको अपनाने से ही समाज में एक महानता का प्रदर्शन होता है! मुझे भगवान राम का जीवन स्मरण आता रहता है! भगवान राम रात्रि के समय प्रभु का चिंतन करते रहते थे! भयंकर वनों में भी जहां सिंह राज अपनी गर्जना कर रहा है! मानव प्रत्येक प्राणी अपनी ध्वनि कर रहा है और उसमें वह ध्वनित हो रहा है! इसी प्रकार प्रत्येक राजा जब अपने में ध्वनित बनने के लिए विवेक अमृत का पान करता है! उससे विवेक जागरूक हो जाता है और वह विवेक ही मानव का जीवन कहलाया जाता हैं! तो इसलिए प्रत्येक मानव के हृदय में विवेक होना चाहिए! जिस विवेक के द्वारा राष्ट्र और प्रजा दोनों पवित्र बनते हैं! भगवान राम के जीवन की गाथा मुझे स्मरण आती रहती है! एक समय बेटा वह प्रातः कालीन भ्रमण कर रहे थे भ्रमण करते-करते कुछ समय व्यतीत हो गया! भ्रमण करते-करते अपने को आभा में नियुक्त करने लगे! वह अपने में अपनी कृतिका को ऊंचा बनाते हुए सिंह राज के आंगन में उस से खिलवाड़ करने लगे! भ्रमण करते-करते जब सिंह राज से खिलवाड़ कर रहे थे तो कहीं से लक्ष्मण भी भ्रमण करते हुए आ गए! वह सिंह राज से खिलवाड़ कर रहे हैं! कह रहे हैं तू अहिंसा में परिणत होने वाला है! तू कितना महान है वह सिंह राजू से खिलवाड़ करते रहते थे समय व्यतीत होता रहता है! इसी प्रकार जब मानव प्रत्येक प्राणी मात्र से स्नेह करने लगता है तो देखो एक खिलवाड़ करता रहता है! नागराज से भी खिलवाड़ होता रहता है, नागराज एक वायु में गुथा प्राणी है! जब अपने में वह रत हो जाता है अपने में धारयामी बन जाता है! याज्ञिक बन जाता है! तो देखो उसके जीवन में अहिंसा परमो धर्म की एक आभा का जन्म हो जाता है और वही जन्म वृत्तियों में रत हो करके वह मानव के जीवन का मानसिक रूप बन करके उनके ह्रदय में निहित हो जाता है!


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प्राधिकृत प्रकाशन विवरण

यूनिवर्सल एक्सप्रेस    (हिंदी-दैनिक)


October 26, 2019 RNI.No.UPHIN/2014/57254


1. अंक-83 (साल-01)
2. शनिवार ,26 अक्टूबर 2019
3. शक-1941,अश्‍विन,कृष्णपक्ष, तिथि- त्रयोदशी-चतुर्दशी संवत 2076


4. सूर्योदय प्रातः 06:21,सूर्यास्त 05:55
5. न्‍यूनतम तापमान -21 डी.सै.,अधिकतम-30+ डी.सै., हवा की गति धीमी रहेगी।
6. समाचार-पत्र में प्रकाशित समाचारों से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है। सभी विवादों का न्‍याय क्षेत्र, गाजियाबाद न्यायालय होगा।
7. स्वामी, प्रकाशक, मुद्रक, संपादक राधेश्याम के द्वारा (डिजीटल सस्‍ंकरण) प्रकाशित।


8.संपादकीय कार्यालय- 263 सरस्वती विहार, लोनी, गाजियाबाद उ.प्र.-201102


9.संपर्क एवं व्यावसायिक कार्यालय-डी-60,100 फुटा रोड बलराम नगर, लोनी,गाजियाबाद उ.प्र.,201102


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पायलट ने फ्लाइट अटेंडेंट को प्रपोज किया

पायलट ने फ्लाइट अटेंडेंट को प्रपोज किया  अखिलेश पांडेय  वारसॉ। अक्सर लोग अपने प्यार का इजहार किसी खास जगह पर करने का सोचते हैं। ताकि वो पल ज...