रविवार, 18 अगस्त 2019

'इंशाअल्लाह' की शूटिंग में होगी देरी

मुंबई । बॉलीवुड सुपरस्टार सलमान खान इन दिनों अपनी फिल्म दबंग 3 की शूटिंग में व्यस्त हैं। इस फिल्म के आखिरी शेड्यूल की शूटिंग जयपुर में चल रही है। फिल्म की शूटिंग लगभग खत्म होने वाली है। जिसके बाद सलमान खान पद्मावत निर्देशक संजय लीला भंसाली की अगली फिल्म इंशाल्लाह की शूटिंग मुंबई में शुरू करेंगे। इंशाअल्लाह में सलमान खान के साथ आलिया भट्ट मुख्य भूमिका में नजर आएंगी। साथ ही बताया जा रहा है कि मुंबई के बाद इस फिल्म की शूटिंग का अगला शेड्यूल अमेरिका के फ्लॉरिडा में हो सकता है। इसके अलावा सलमान खान अपने पॉपुलर टीवी रियलिटी शो बिग बॉस सीजन 13 की शूटिंग भी मुंबई में शुरू करेंगे। अब सलमान के फैंस के लिए निराश करने वाली खबर आई है कि इंशाअल्लाह की शूटिंग शुरु होने में देरी होगी।खबरों की माने तो दबंग सीरीज की तीसरी फिल्म की शूटिंग को निपटाते ही सलमान काम से ब्रेक लेकर अपने पूरे परिवार के साथ एक ब्रेक लेकर अमेरिका में छुट्टी बिताने जाने वाले हैं। इसके बाद ही वह वापस आकर अपनी फिल्म इंशाअल्लाह और बिग बॉस 13 की शूटिंग के लिए वक्त निकालेंगे। यह भी कहा जा रहा है कि इस फिल्म की शूटिंग अगस्त में ही शुरू होनी थी। लेकिन सलमान और आलिया के टाइट शेड्यूल की वजह से शूटिंग अब सितंबर के पहले हफ्ते में मुंबई में शुरू होगी। सलमान खान की सभी फिल्मों की तरह इंशाल्लाह को भी पूरा होने में लगभग 100 दिन लगेंगे। वहीं अगर बात करें सलमान खान के टीवी रियलिटी शो बिग बॉस सीजन 13 की बात करें। सूत्रों ने बताया कि यह सलमान के लिए हर हफ्ते का मामला है और वह इस साल लोनावाला के बजाय मुंबई में उसी की शूटिंग करेंगे।


भंसाली प्रोडक्शन से जुड़े सूत्रों की मानें तो फ़िल्म की शूटिंग मुंबई के स्टूडियो से शुरू होगी और उसके बाद फ़िल्म के कुछ सीन उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश में शूट होंगे और उसके बाद फ़िल्म का एक शेडयूल अमेरिका में शूट होगा। आपको बता दें कि इंशाअल्लाह में सलमान खान और आलिया भट्ट की जोड़ी पर्दे पर पहली बार साथ नज़र आएगी। इस फ़िल्म में आलिया भट्ट का किरदार गंगा किनारे रहने वाली लड़की का होगा इसीलिए फ़िल्म के सीन हरिद्वार और ऋषिकेश में भी शूट होंगे।


तान्या देओल ने करीना को जड़ा थप्पड़

मुंबई । सनी देओल की रवैया के बारे में तो आप जानते ही हैं। सनी देओल ने हमेशा ऐसी फिल्में की है। जिनमें उन का दबंग अंदाज देखने को मिलता है। लेकिन अब धीरे-धीरे सनी देओल की फिल्मी पर्दे से दूरी बनती जा रही है क्योंकि उनकी उम्र भी काफी ज्यादा हो गई है। उनको अच्छी फिल्में ऑफर नहीं हो रही लेकिन सनी देओल जैसा ही रवैया उनके खानदान में भी है।


दरअसल आप बॉबी देओल की पत्नी तान्या देओल को तो जानते होंगे। तान्या देओल अपने पति बॉबी देओल से ज्यादा सुर्खियों में रहती हैं। लेकिन सन 2001 में आने वाले एक ऐसी घटना को अंजाम दे दिया। जिससे कम ही लोग रूबरू होंगे। 2001 में बॉबी देओल अपनी अजनबी फिल्म की शूटिंग कर रहे थे। जिसमें उनके अपोजिट करीना कपूर काम कर रही थीं।शूटिंग पर बॉबी देओल के साथ उनकी पत्नी तान्या देओल और करीना कपूर के साथ उनकी मां बबीता जाया करती थीं। करीना कपूर की मां बबीता ने किसी बात के चलते बॉबी देओल को भला बुरा कह दिया और यह सब कुछ तान्या देओल को अच्छा नहीं लगा। इसलिए उन्होंने बबीता पर भी कुछ कमेंट कर दिया और यह सब कुछ करीना कपूर सहन नहीं कर पाईं और उन्होंने अपनी मां का पक्ष लिया।और इसी बात के चलते करीना कपूर और तान्या देओल के बीच बहस होने लगी और तान्या देओल ने करीना कपूर को जोरदार थप्पड़ मार दिया। यह मामला गर्म पड़ता इसी बीच अक्षय कुमार ने दोनों का बीच बचाव किया। लेकिन इस झगड़े को तान्या देओल ने माफी मांग कर शांत कर दिया। लेकिन आज भी करीना कपूर उस घटना को बुरे सपने की तरह सोचती होंगी।


यूपी कैबिनेट का किया जाएगा विस्तार

लखनऊ। उत्तर प्रदेश कैबिनेट में जल्द ही फेरबदल हो सकता है और योगी मंत्रिमंडल में नए चेहरों को जगह मिल सकती है। शनिवार शाम को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सूबे की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल से मुलाकात की। दोनों के बीच करीब आधे घंटे तक बातचीत चली। इस मुलाकात के बाद से योगी मंत्रिमंडल के विस्तार की अटकलें तेज हो गई हैं।बताया जा रहा है कि यह मुलाकात बेहद अहम थी, जिसको पूरी तरह से गोपनीय रखा गया। इस दौरान सीएम योगी और राज्यपाल आनंदीबेन पटेल के बीच राज्य में होने वाले कैबिनेट फेरबदल और नए मंत्रियों को शामिल करने को लेकर चर्चा हुई।इस मुलाकात के बाद से 20 अगस्त तक यूपी मंत्रिमंडल में फेरबदल के कयास लगाए जा रहे हैं। माना जा रहा है कि जल्द ही योगी मंत्रिमंडल में नए चेहरे शामिल होंगे और कुछ मंत्रियों की छुट्टी होगी। इसके साथ ही कई मंत्रियों के विभाग भी बदले जाएंगे।इससे पहले शुक्रवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह ने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और बीजेपी के कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात की थी। इस बैठक में बीजेपी के संगठन महामंत्री बीएल संतोष भी शामिल हुए थे। इस दौरान चारों नेताओं के बीच यूपी में मंत्रिमंडल में फेरबदल को लेकर लंबी चर्चा हुई थी।


बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह से मुलाकात के बाद खबर आई थी कि इन चारों नेताओं ने मंत्रिमंडल में संभावित फेरबदल को आखिरी रूप दिया है। आपको बता दें कि हालिया लोकसभा चुनाव में इलाहाबाद सीट से रीता बहुगुणा जोशी, कानपुर से सत्यदेव पचौरी और आगरा से एसपी सिंह बघेल ने जीत दर्ज की थी। इसके बाद तीनों नेताओं ने योगी मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया था।इसके अलावा ओम प्रकाश राजभर भी योगी सरकार का साथ छोड़ चुके हैं। इन चारों मंत्रियों के विभाग दूसरे सहयोगी मंत्री संभाल रहे हैं। उत्तर प्रदेश में सीएम योगी समेत मंत्रिमंडल में कुल 43 सदस्य हैं, जबकि अधिकतम 60 मंत्री बनाए जा सकते हैं। इस तरह से करीब एक दर्जन मंत्री बनाए जाने की गुंजाइश है।


संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का स्वागत:इमरान

नई दिल्‍ली। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद द्वारा कश्मीर पर बंद कमरे में विचार-विमर्श करने का शनिवार को स्वागत करते हुए कहा कि इस विवाद को हल करना विश्व निकाय की ”जिम्मेदारी” है।खान ने ट्विटर पर कहा कि पांच दशक में यह पहली बार है जब ”दुनिया के सर्वोच्च कूटनीतिक फोरम” ने कश्मीर और वहां मौजूद ”गंभीर स्थिति” के मुद्दे को उठाया। उन्होंने कहा, ”मैं संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की बैठक का स्वागत करता हूं।”खान ने कहा कि इस मुद्दे पर परिषद के 11 प्रस्ताव हैं और यह बैठक ”इन प्रस्तावों की पुन: पुष्टि” के लिए हुई। उन्होंने कहा कि इस विवाद का समाधान निकालना ”इस विश्व निकाय की जिम्मेदारी” है।


खान के बयान से एक दिन पहले संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने न्यूयॉर्क में एक अनौपचारिक बैठक में कश्मीर के मुद्दे को उठाया। पाकिस्तान ने इसे बड़ी सफलता मिलने का दावा किया है।असल में कश्मीर पर सुरक्षा परिषद की बैठक बेनतीजा रही जिससे पाकिस्तान और उसके मित्र देश चीन की इस मुद्दे का अंतरराष्ट्रीयकरण करने की कोशिशों को धक्का लगा। 15 सदस्यीय संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के अधिकतर सदस्यों ने इसे नयी दिल्ली और इस्लामाबाद के बीच द्विपक्षीय मुद्दा बताया।


बैठक की जानकारी रखने वाले सूत्रों ने बताया कि चीन अगस्त महीने के लिए सुरक्षा परिषद के अध्यक्ष पोलैंड द्वारा किए गए विचार-विमर्श के बाद कोई नतीजा निकालने या बयान जारी करने पर जोर दे रहा था। बहरहाल, सुरक्षा परिषद के ज्यादातर सदस्यों ने कहा कि कोई बयान जारी नहीं होना चाहिए या कोई नतीजा नहीं निकालना चाहिए।चीन और पाकिस्तान के अनुरोध पर अनौपचारिक बैठक पूरी होने के बाद संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि सैयद अकबरुद्दीन ने मीडिया से कहा कि भारत का रुख यही था और है कि संविधान के अनुच्छेद 370 संबंधी मामला पूर्णतया भारत का आतंरिक मामला है और इसका कोई बाह्य असर नही है ।


बोरी में बंद नाले में मिला बच्ची का शव

गाजियाबाद। अभय खंड स्थित नाले के अंदर बोरे में बंद मासूम बच्ची का शव मिलने से इलाके में सनसनी फैल गई। मृतका की शिनाख्त गाजियाबाद खोड़ा थाना क्षेत्र की एक कालोनी से पांच दिन पूर्व लापता मासूम के रूप में हुई। शिनाख्त होने पर पुलिस ने शव पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। शव देखने में चार से पांच दिन पुराना प्रतीत हो रहा था। पुलिस रिपोर्ट दर्ज कर मामले की जांच में जुटी है।शनिवार सुबह करीब 11 बजे राहगीर ने एनएच नौ के पास नाले के अंदर बोरे पर मक्खियां भिनभनाते देखकर उसमें शव होने की आशंका जताते हुए इंदिरापुरम थाना पुलिस को सूचना दी। सूचना पर पहुंची पुलिस ने बोरे को बाहर निकलवाया। बोरा खोलने पर उसमें मासूम लड़की का शव बरामद हुआ। शव देखने में चार से पांच दिन पुराना प्रतीत हो रहा था। पुलिस ने शव कब्जे में लेकर शिनाख्त के लिए खोड़ा समेत अन्य थानों में संपर्क किया। कुछ देर बाद मृतका की शिनाख्त खोड़ा थाना क्षेत्र की एक कालोनी में रहने वाले युवक ने अपनी भांजी के रूप में की।


12 अगस्त से लापता थी बच्ची: बच्ची अपने नाना के पास रहती थी। मामा ने बताया कि 12 अगस्त को सुबह करीब 11 बजे वह घर में खेलते-खेलते संदिग्ध परिस्थिति में लापता हो गई थी। परिजनों ने खोड़ा थाने में उसकी गुमशुदगी दर्ज कराई थी। जानकारी मिलने पर एसपी सिटी और पुलिस क्षेत्रधिकारी ने घटना स्थल का मौका मुआयना किया।


हत्या की वजह स्पष्ट नहीं: पुलिस क्षेत्रधिकारी इंदिरापुरम अंशु जैन ने बताया कि मृतका के शरीर पर किसी प्रकार के चोट के निशान नहीं मिले हैं। प्रारंभिक जांच में मामला रंजिश का प्रतीत हो रहा है। हत्या के अलावा अन्य कोणों पर भी जांच की जा रही है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।


उत्पीड़न,ब्लैकमेल के कारण डीसीपी ने दी जान

राणा ओबरॉय


चंडीगढ़ । डीसीपी विक्रम कपूर को एक विडियो के जरिए ब्लैकमेल किया जा रहा था, जिसमें वह एक महिला के साथ थे। ब्लैकमेलिंग का आरोप एसएचओ अब्दुल शहीद पर है। कहा गया है कि वह 2 करोड़ रुपये की मांग कर रहे थे।डीसीपी विक्रम कपूर की आत्महत्या के मामले में एक नया खुलासा हुआ है। पता चला है कि कपूर को हनी ट्रैप में फंसाया गया था, जिससे वह परेशान थे। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, उन्हें एक विडियो के जरिए ब्लैकमेल किया जा रहा था, जिसमें वह एक महिला के साथ थे। ब्लैकमेलिंग का आरोप एसएचओ अब्दुल शहीद पर है। कहा गया है कि वह 2 करोड़ रुपये की मांग कर रहे थे।आरोपी एसएचओ शहीद को गुरुवार को गिरफ्तार कर लिया गया था। शुक्रवार को उन्हें सस्पेंड कर चार दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया गया था। सूत्रों से जानकारी मिली है कि एसएचओ शहीद ने एक महिला की सहायता से कपूर को फंसाया। दोनों की एक विडियो भी कथित रूप से एसएचओ के पास थी, जिससे वह कपूर को ब्लैकमेल कर रहे थे।


डीसीपी खुदकुशी: फोन कॉल डीटेल पर टिकी जांच


सूत्र ने कहा, 'शहीद ने इसमें अपनी महिला दोस्त की मदद ली थी। विडियो बनाकर डीसीपी से 2 करोड़ रुपये की मांग की गई। कपूर इस टेंशन में थे कि वह इतने रुपयों का इंतजाम कैसे करें? कपूर ने गुजारिश के लिए शहीद को फोन किया, लेकिन वह कपूर को गालियां देने लगे।'
ज्यादा प्रेशर के लिए पत्रकार का सहारा


कपूर पर ज्यादा प्रेशर बनाने के लिए शहीद ने एक लोकल पत्रकार (सतीश मलिक) की भी मदद ली थी। इस बीच वह पत्रकार कपूर के खिलाफ खबरें करने लगा था। मलिक मजदूर मोर्चा नाम का एक अखबार चलाता है। इस अखबार में वह सीनियर पुलिस अफसर, नेताओं और जजों के खिलाफ ही स्टोरीज किया करता था। 2003 में मलिक को मर्डर के केस मे पकड़ा गया था। उसपर धोखाधड़ी का भी केस था।हालांकि, पुलिस की तरफ से अभी यह नहीं बताया गया है कि कपूर को ब्लैकमेल क्यों किया जा रहा था। उन्होंने बस इतना बताया कि मामले की जांच एसआईटी को सौंप दी गई है।


एसएचओ का रेकॉर्ड साफ नहीं


शहीद के बारे में पता चला है कि वह 20 साल पहले पुलिस में सिपाही के तौर पर भर्ती हुए थे। उसके पिता आईपीएस अफसर के घर काम करते थे। उनके कहने पर ही शहीद को नौकरी मिलने में आसानी हुई थी। अपनी नौकरी के दौरान उनका रेकॉर्ड भी साफ नहीं है। सिपाही से एसएचओ तक के सफर पर भी काफी सवाल उठ रहे हैं।


रैली से नहीं हुआ,हुड्डा की राजनीति का निर्णय

फरिदाबाद। पिछले दिनों हरियाणा के कई इलाकों में इस गुट द्वारा बड़ी बड़ी रैलियों का आयोजन भी किया गया था l इस गुट की पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व के पास पहुँच होने के कारण वहां केंद्रीय नेतृत्व को फीड बैक भी इसी गुट द्वारा दी जाती है। राजनैतिक विश्लेषकों का मानना है जो फीड बैक इस गुट द्वारा दी जाती है। वह निश्चित तौर पर हरियाणा की राजनीती में कांग्रेस के इन दोनों नेताओं को लड़वाने और खुद का वर्चस्व बढ़ने के लिए कारगर होती है। यह भी माना जा रहा है कई पर्दे के पीछे से राजनीति के मोहरे चलने वाले इस गुट पर कांग्रेस का केंद्रीय नेतृत्व पूरा भरोसा करता है और राहुल गाँधी के साथ श्रीमती सोनिया गाँधी का भी उसे पूरा आशीर्वाद प्राप्त है। 
बतादें कि एक दौर में सोनिया गांधी ने हरियाणा के दिग्गज नेता भजनलाल को दरकिनार कर हुड्डा को तरजीह दी थी। सोनिया से रिश्ते में खटास तब आई थी, जब 2016 में हुड्डा ने कांग्रेस के राज्यसभा कैंडिडेट आरके आनंद का सपॉर्ट करने से मना कर दिया था। इसका नतीजा रहा कि आरके आनंद हार गए और निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर सुभाष चंद्रा जीतकर राज्यसभा पहुंच गए। हाई कमान का करीबी इस गुट के नेता इसी बात को लेकर हुड्डा के खिलाफ कांग्रेस आला कमान को भड़काता रहता है।


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