गुरुवार, 25 जुलाई 2019

18 राज्यों में पॉलिथीन पर पूर्ण प्रतिबंध

18 राज्यों ने प्लास्टिक थैलों पर लगाया पूरी तरह प्रतिबंध



नई दिल्ली !  केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) ने राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) को बताया कि 18 राज्यों ने प्लास्टिक थैलों के इस्तेमाल पर पूरी तरह रोक लगा दी है। पांच अन्य प्रदेशों ने धार्मिक एवं ऐतिहासिक स्थानों पर प्लास्टिक थैलों के इस्तेमाल पर आंशिक रोक लगाई है।
सीपीसीबी ने एनजीटी को यह भी बताया कि 12 राज्य और केंद्र शासित प्रदेश प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन नियमों को लेकर कार्ययोजना पेश कर चुके हैं। उसने एनजीटी के चेयरमैन जस्टिस एके गोयल की पीठ को बताया, '18 राज्य प्लास्टिक के थैलों या उत्पादों पर पूरी तरह प्रतिबंध लगा चुके हैं। इनके अलावा आंध्र प्रदेश, गुजरात, जम्मू-कश्मीर, केरल और बंगाल ने धार्मिक या ऐतिहासिक स्थानों पर प्लास्टिक के थैलों या उत्पादों पर आंशिक रूप से प्रतिबंध लगा रखा है।'


सीपीसीबी ने यह भी कहा कि सात राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों असम, बिहार, गोवा, मणिपुर, मेघालय, पुडुचेरी और तेलंगाना ने प्लास्टिक के थैलों पर प्रतिबंध नहीं लगाया है। एनजीटी ने बोर्ड को 30 सितंबर तक प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन नियम-2016 के क्रियान्वयन पर स्टेटस रिपोर्ट पेश करने और संबंधित राज्यों तथा केंद्र शासित प्रदेशों को आगे कार्रवाई करने के लिए कहने का निर्देश दिया। एनजीटी ने कहा कि क्रियान्वयन में देरी को लेकर जुर्माना वसूली के मुद्दे पर 16 अक्टूबर को होने वाली इस मामले की अगली सुनवाई के दौरान विचार किया जाएगा। एनजीटी, प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन नियम, 2016 के क्रियान्वयन तथा इससे संबंधित मामलों पर दाखिल सीपीसीबी की याचिका पर सुनवाई कर रहा था।


आपसी सहयोग कर रहे हैं भारत-नेपाल:योगी

एक दूसरे को सहयोग कर रहे भारत-नेपाल : योगी


 लखनऊ ! नेपाल के राजदूत नीलाम्बर आचार्य ने बुधवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से उनके सरकारी आवास पर मुलाकात की। भारत और नेपाल के बीच व्यापार, धार्मिक, सांस्कृतिक और अन्य क्षेत्रों में आपसी सहयोग पर चर्चा हुई। योगी ने कहा कि भारत और नेपाल की आत्मा एक है और दोनों देश आपसी सहयोग से व्यापार समेत कई क्षेत्रों में कार्य कर रहे हैं।
नीलाम्बर आचार्य ने कुंभ की सफलता पर योगी को बधाई देते हुए कहा कि नेपाल के प्रधानमंत्री हमेशा भारत से बेहतर संबंध बनाने के लिए तत्पर हैं। भारत से टूटकर पाकिस्तान अलग हुआ है लेकिन पाकिस्तान के साथ भारत का वैसा सौहार्द नहीं है जितना कि नेपाल के साथ है। आचार्य ने बताया कि उन्होंने दो वर्ष तक बहराइच के सरकारी इंटर कालेज में पढ़ाई की है। नेपाल के राजदूत ने कहा कि यह खबर बनती है कि नेपाल ने पानी छोड़ दिया है जिससे उत्तर प्रदेश में बाढ़ आ गई।


धोबहा ड्रेन से जल निकासी की संस्तुति : मुख्यमंत्री : मुख्यमंत्री ने कहा कि नेपाल के नवलपरासी स्थित नेपाल बांध के समानांतर बनाई गई धोबहा ड्रेन से जल निकासी की संस्तुति गंडक हाई लेवल कमेटी ने की है। कमेटी ने पांच स्थानों पर पुल बनाए जाने की भी संस्तुति की है। राजदूत ने बताया कि कैलास मानसरोवर यात्र पर जाने वाले उत्तर प्रदेश के यात्रियों की सुविधा के लिए नेपाल सरकार के दूतावास द्वारा सिमीकोट एयरपोर्ट पर एक स्वागत कक्ष व सहायता बनाने पर विचार चल रहा है।


क्लीन-ऐप से मौके पर पहुंचने लगे कर्मचारी

क्लीन एप से मौके पर पहुंचने लगे सफाई कर्मी


औरैया ! जनपद की सफाई व्यवस्था दुरुस्त रखने एवं सफाई कर्मियों की शत-प्रतिशत क्षेत्र में उपस्थिति तय करने के लिए जिलाधिकारी अभिषेक सिंह ने एक मोबाइल एप औरैया क्लीन इनिशिएटिव तैयार कराया है। पॉयलट प्रोजेक्ट के तौर पर अभी केवल इसमें 100 सफाई कर्मियों को जोड़ा गया है। इसके अलावा अभी इस एप पर 488 लोकेशन अपलोड कह गई हैं।
 इस एप पर 410 लोकेशनों पर सफाई कर्मी पहुंचे। इसके अलावा 30 सफाई कर्मियों ने गलत लोकेशन से अपनी उपस्थित दर्ज कराई। वहीं 21 सफाई कर्मियों ने जल्दी-जल्दी लोकेशन अपलोड कर दी। जिससे माना जा रहा है कि इन 21 सफाई कर्मियों ने अपने क्षेत्र में काम नहीं किया है। जिलाधिकारी अभिषेक सिंह ने बताया कि इस एप के माध्यम से सफाई कर्मियों पर लगने वाले आरोपों की जांच आसानी से हो सकेगी। इसके अलावा यदि प्रधान उन्हें गलत तरीके से परेशान कर रहा है तो उसकी भी जांच इस एप के माध्यम से की जा सकेगी। जिले में 821 सफाई कर्मी हैं।


अनहोनी की आशंका बनी रहेगी:मिथुन

राशिफल 



 मेष ----प्रेम-प्रसंग में सफलता प्राप्त होगी। प्रसन्नता में वृद्धि होगी। भागदौड़ अधिक रहेगी। स्वास्थ्‍य का पाया कमजोर रहेगा। जल्दबाजी में कोई निर्णय न लें। कोई दु:खद समाचार प्राप्त हो सकता है। विवाद से बचें। व्यापार-व्यवसाय अच्छा चलेगा।



वृष---- भूमि व भवन संबंधी कार्य लाभदायक रहेंगे। रोजगार प्राप्ति के लिए किसी प्रभावशाली व्यक्ति का सहयोग प्राप्त होगा। व्यापार-व्यवसाय से संतुष्टि होगी। जीवन सुखमय व्यतीत होगा। भाग्य का साथ मिलेगा। दूसरों के काम में दखल न दें। शत्रु नतमस्तक होंगे।


मिथुन ----किसी बात के बारे में अनहोनी की आशंका रहेगी। विवाद से क्लेश हो सकता है। शारीरिक कष्ट की आशंका है। प्रेम-प्रसंग में अनुकूलता रहेगी। कोर्ट व कचहरी के कार्यों में सफलता प्राप्त होगी। घर-बाहर प्रसन्नता का वातावरण रहेगा। कारोबार अच्‍छा चलेगा। प्रमाद न करें।



कर्क---- कोई बड़ा व्यय अचानक सामने आ सकता है। आर्थिक स्थिति बिगड़ सकती है। भावना में बहकर कोई निर्णय न लें। किसी व्यक्ति से अकारण विवाद हो सकता है। व्यापार ठीक चलेगा। शारीरिक कष्ट का कारण किसी तरह की लापरवाही हो सकती है। समय ठीक नहीं है।


सिंह--- सुख के साधन प्राप्त होंगे। बकाया वसूली के प्रयास सफल रहेंगे। किसी लंबी यात्रा की योजना बन सकती है। नए काम मिलेंगे। कारोबार में वृद्धि होगी। भाग्य का साथ मिलेगा। स्वास्थ्‍य अच्‍छा रहेगा। नौकरी में प्रभाव बढ़ेगा। चोट लगने से बचें। प्रमाद न करें।


कन्या---- स्वास्थ्य का ध्यान रखें। जोखिम व जमानत के कार्य टालें। बेरोजगारी दूर करने के प्रयास सफल रहेंगे। व्यावसायिक यात्रा सफल रहेगी। किसी बड़ी समस्या का निराकरण सहज ही होगा। सुख के साधनों पर व्यय होगा। नौकरी में उच्चाधिकारी प्रसन्न रहेंगे। प्रमाद न करें।


तुला ----किसी सही बात का भी विरोध हो सकता है। अच्छी खबर प्राप्त होगी। आर्थिक उन्नति के लिए नई योजना बनेगी। समाजसेवा की प्रेरणा प्राप्त होगी। मान-सम्मान मिलेगा। आय में वृद्धि होगी। समय की अनुकूलता रहेगी। नए अनुबंध होंगे।



वृश्चिक ----थोड़े प्रयास से ही कार्यसिद्धि होगी। कार्य की प्रशंसा होगी। मित्रों का सहयोग कर पाएंगे। आत्मसंतुष्टि रहेगी। धन प्राप्ति के नए स्रोत प्राप्त हो सकते हैं। भाग्य का साथ रहेगा। जोखिम उठाने का साहस कर पाएंगे। व्यापार-व्यवसाय अच्‍छा चलेगा।


धनु -----व्यापार-व्यवसाय अच्छा चलेगा। नौकरी में प्रभाव बढ़ेगा। फालतू खर्च होगा। शारीरिक कष्ट की आशंका है। चिंता तथा तनाव रहेंगे। घर में अतिथियों का आगमन होगा। उत्साहवर्धक सूचना प्राप्त होगी। लेन-देन में जल्दबाजी न करें।


मकर---- जीवनसाथी के बारे में चिंता रहेगी। किसी लंबी यात्रा की योजना बनेगी। आर्थिक उन्नति होगी। पूजा-पाठ में मन लगेगा। कानूनी अड़चन दूर होकर स्थिति अनुकूल होगी। लाभ के अवसर हाथ आएंगे। विवेक से कार्य करें। कार्य में सफलता मिलेगी। विवाद से बचें।


कुंभ---- कुसंगति से बचें। वाहन व मशीनरी के प्रयोग में विशेष सावधानी रखें। किसी भी तरह की बहस में हिस्सा न लें। भावना में बहकर महत्वपूर्ण निर्णय न लें। कीमती वस्तुएं संभालकर रखें। व्यापार-व्यवसाय अच्छा चलेगा। शत्रु शांत रहेंगे। नौकरी में कार्यभार रहेगा।


मीन--- स्वादिष्ट भोजन का आनंद प्राप्त होगा। यात्रा मनोरंजक रहेगी। विद्यार्थी वर्ग अध्ययन आदि में सफलता प्राप्त करेगा। संगीत आदि में रुचि रहेगी। नौकरी में कोई नया कार्य करने से प्रभाव बढ़ेगा। कोई गलत निर्णय ले सकते हैं, सावधान रहें।


'तप'अध्यात्मवाद से,भौतिकवाद से?

संस्था और सन्न्यास 
लोगों की एक मूर्खता है । सन्यासी को देखते ही पूछते हैं कि 'तुम किस संस्था के हो' ? राम सुख दास 'गीता प्रेस' संस्था से जुड़े थे । उस संस्था ने उन के जरिये खूब आर्थिक लाभ कमया । रामसुख दास जीवन के अन्तिम चरण में गीता भवन ऋषिकेश में रहते थे । मैं भी उन दिनों ऋषिकेश में ही रहता था । एक दिन हमने सुना कि वे गीता भवन छोड़ के राजस्थान चले जायेंगे । कारण था कि गीताभवन के ट्रस्टियों ने उनके साथ कुछ धोखा किया था । हमने पता लगाया घटना सही थी । बाद में ट्रस्टियों ने उनकी बात को मजबूरन मान लिया तो वे नहीं गये । 
रामसुख दास के देहांत होनेपर गीताप्रेस वालों ने उनका जैसा अंतिम संस्कार किया खुद निर्मल अखाड़े के श्रीमहन्त ज्ञान देव ने वह देख कर हमारे पास दुःख व्यक्त करने लगे । विधिपूर्वक एक सन्त का जो अन्तिम क्रिया कर्म विहित है उसे भी गीताप्रेस वालों ने नहीं किया । रामसुख दास जी के साथ जितने सन्त रहते थे उन सबको बाद में क्रमशः अत्यन्त अपमानित ढंग से गीता भवन से बाहर निकाल दिया गया कुमारी-कंकण-न्याय से साधु को असंग और एकान्त में रहना चाहिये कोई भी धार्मिक संस्थान यथार्थ आध्यात्मिक तपोभूमि नहीं है । वह धर्म और अध्यात्म के नाम पर होनेवाले समस्त अपराधों का सुरक्षित स्थान है ।


अवधूत ज्ञानानन्द 


शिव स्त्रोत महिमा एवं कथा (कावड़-यात्रा विशेष)

इस स्तोत्र के निर्माण पर एक अत्यंत ही रोचक कथा प्रचलित है। एक समय की बात है जब चित्ररथ नामक शिवभक्त राजा हुए जिन्होंने अपने राज्य में कई प्रकार के पुष्पों का एक उद्यान बनवाया, वह शिवपूजन के लिये पुष्प वहीं से ले जाते थे। महान् शिवभक्त गंधर्व पुष्पदंत देवराज इंद्र की सभा के मुख्य गायक थे, एक दिन उनकी नजर उस सुंदर उद्यान पर पड़ी और वह मंत्रमुग्ध हो गए, उन्होंने उसी उद्यान से पुष्प तोड़े तथा प्रस्थान किया। मायावी गंधर्व पर किसी की नजर नहीं पड़ी पर जब राजा को इसका पता चला तो उसने चोर को पकड़ने के कई असफल प्रयास किए। राजा को एक तरकीब सूझी उसने शिव पर अर्पित पुष्प आदि उद्यान के पथ पर बिछा दिया। अगले दिन जब पुष्पदंत वहाँ आए तो उनकी नजर उन शिव निर्माल्य वस्तुओं पर नहीं पड़ी जिससे उनके पद ही उनपर पड़ गए। गंधर्वराज को शिव के क्रोध का भाजन करना पड़ा तथा उनकी सारी शक्तियाँ समाप्त हो गईं। जब उनको अपनी भूल का आभास हुआ तब उन्होंने एक शिवलिंग का निर्माण कर उसकी पूजा की तथा प्रार्थना के लिये कुछ छंद बोले, शिव प्रसन्न हुए, उनकी शक्तियाँ लौटा दी तथा यह आशीर्वाद दिया कि उनके द्वारा उच्चारित छंद समूह भविष्य में शिवमहिम्नस्तोत्र के नाम से प्रचलित होगा तथा उनके हृदय में स्थान प्राप्त करेगा और पुष्पदंत द्वारा बनाये स्वरित शिव स्त्रोत मे कुल 43 श्लोक हैं ! जिसमें  शिव की संपूर्ण महिमा का भक्ति भाव से बखान किया गया है! जो शिव को अति प्रिय भी है! स्त्रोत का निरंतर पाठन वाला आस्थावान व्यक्ति शिव के परम पद को प्राप्त होता है! यह शिव स्त्रोत की महिमा है! पुष्पदंत के द्वारा निर्मित शिवलिंग पुष्पदंतेश्वर महादेव के नाम से प्रसिद्ध होगा जिसके दर्शन मात्र से पाप कटेगा।


शक्ति स्वरूप है अष्टमी (अध्यात्म)

हिन्दुओं के शक्ति साम्प्रदाय में भगवती दुर्गा को ही दुनिया की पराशक्ति और सर्वोच्च देवता माना जाता है! शाक्त-साम्प्रदाय ईश्वर को देवी के रूप में मानता है। वेदों में तो दुर्गा का व्यापाक उल्लेख है, किन्तु उपनिषद में देवी "उमा हैमवती" (उमा, हिमालय की पुत्री) का वर्णन है। पुराण में दुर्गा को आदिशक्ति माना गया है। दुर्गा असल में शिव की पत्नी आदिशक्ति का एक रूप हैं! शिव की उस पराशक्ति को प्रधान प्रकृति, गुणवती माया, बुद्धितत्व की जननी तथा विकाररहित बताया गया है। एकांकी (केंद्रित) होने पर भी वह माया शक्ति संयोगवश अनेक हो जाती है। उस आदि शक्ति देवी ने ही सावित्री(ब्रह्मा जी की पहली पत्नी), लक्ष्मी, और पार्वती(सती) के रूप में जन्म लिया और उसने ब्रह्मा, विष्णु और महेश से विवाह किया था। तीन रूप होकर भी दुर्गा (आदि शक्ति) एक ही है।


देवी दुर्गा के स्वयं कई रूप हैं (सावित्री, लक्ष्मी एव पार्वती से अलग)। मुख्य रूप उनका "गौरी" है, अर्थात शान्तमय, सुन्दर और गोरा रूप। उनका सबसे भयानक रूप "काली" है, अर्थात काला रूप। विभिन्न रूपों में दुर्गा भारत और नेपाल के कई मन्दिरों और तीर्थस्थानों में पूजी जाती हैं। कुछ दुर्गा मन्दिरों में पशुबलि भी चढ़ती है। भगवती दुर्गा की सवारी शेर है। आदि शक्ति का प्राकृटय अष्टमी को ही माना गया है, ऐसी मान्यता है! महागौरी-आदिशक्ति अपने संपूर्ण वैभव को गौरव के साथ अष्टमी के दिन सृष्टि रूप होकर इस संसार में पूर्ण रूप से प्रकट हो जाती है! उसके पश्चात नौ रूपों के अनुसार कार्य सिद्धि में लीन हो जाती है! परा शक्ति मां दुर्गा इस संसार में नारी रूप में प्रत्येक नारी में समाहित है! जिसका अनुसरण प्रत्येक नारी अपने स्वभाव और विवेक के अनुसार करती है! नारी के सभी रूपों में आदि शक्ति व्याप्त है,चाहे वह रूप चंडिका हो, काली का हो, अन्नपूर्णा का हो,स्कंदमाता का हो !लेकिन वेद-शास्त्र और उपनिषदों-पुराणों में अष्टमी के दिन को देवी से जोड़कर ही देखा जाता है! इसी कारण अष्टमी को दुर्गा अष्टमी कहा जाता है!


पायलट ने फ्लाइट अटेंडेंट को प्रपोज किया

पायलट ने फ्लाइट अटेंडेंट को प्रपोज किया  अखिलेश पांडेय  वारसॉ। अक्सर लोग अपने प्यार का इजहार किसी खास जगह पर करने का सोचते हैं। ताकि वो पल ज...