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सोमवार, 21 फ़रवरी 2022

स्वास्थ्य के लिए बेहद फायदेमंद है बैंगन, जानिए

स्वास्थ्य के लिए बेहद फायदेमंद है बैंगन, जानिए      

सरस्वती उपाध्याय        

विभिन्न मौसमों में अलग-अलग फल और सब्जियों का सेवन किया जा सकता है, ये बहुत पौष्टिक होते हैं। ये हमारे शरीर के लिए बहुत फायदेमंद होते हैं। ये फूड्स कई तरह से आपकी मदद करते हैं। वजन कम करने से लेकर शरीर में पानी के स्तर को बनाए रखने तक ये सब्जियां और फल आपके लिए बहुत अच्छी होते है। ऐसा ही एक पौष्टिक फूड है। जिसे आप अपने आहार में शामिल कर सकते हैं और वो है बैंगन। गर्मागर्म बैंगन की सब्जी के साथ रोटी का खाने का मजा ही अलग है। विशेष रूप से सर्दियों की शाम को इस फूड को खाने का अलग ही आनंद है। बैंगन केवल स्वाद से भरपूर होता है, बल्कि स्वास्थ्य के लिए भी बहुत फायदेमंद होता है।

बैंगन के स्वास्थ्य लाभ...

वजन कम करने में मदद करता है: बैंगन फाइबर में उच्च और कैलोरी में कम होते हैं। आप इन्हें वजन घटाने की डाइट में शामिल कर सकते हैं। फाइबर आपके पाचन तंत्र को स्वस्थ रखता है। इससे आपको देर तक भरा हुआ भी महसूस होता है।

अधिक मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट: बैंगन न केवल विटामिन और मिनरल जैसे कई पोषक तत्वों का पावरहाउस है, बल्कि इसमें उच्च मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट भी होते हैं।एंटीऑक्सीडेंट शरीर को फ्री रेडिकल्स से होने वाले नुकसान से बचाने में मदद करते हैं। अगर आप एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर फूड्स का सेवन करते हैं, तो आप अपने शरीर को हृदय रोग और कैंसर जैसी पुरानी बीमारियों से बचा सकते हैं।

ब्लड शुगर के स्तर को नियंत्रित करने में मदद: शोध के अनुसार नियमित रूप से बैंगन का सेवन करने से ब्लड शुगर के स्तर को नियंत्रित करने में मदद मिल सकती है।बैंगन में फाइबर की मात्रा अधिक होती है। ये आपके पेट के लिए बहुत अच्छा होता है। आप जितना अधिक फाइबर का सेवन करेंगे, आपका ब्लड शुगर का स्तर उतना ही अधिक नियंत्रण में रहेगा।

मस्तिष्क के स्वास्थ्य को बनाए रखने में मदद: बैंगन में मौजूद फाइटोन्यूट्रिएंट्स कोशिका झिल्ली को प्रोटेक्ट करते हैं। ये मस्तिष्क के स्मृति कार्य को बढ़ावा देते हैं।बैंगन में मौजूद तत्व में ब्रेन ट्यूमर से बचने की क्षमता होती है।

एनीमिया को रोकता है: अपने आहार में पर्याप्त आयरन न मिलना आपके स्वास्थ्य के लिए बहुत खतरनाक हो सकता है। आयरन की कमी से एनीमिया हो सकता है. इस कारण आपको थकान और कमजोरी महसूस हो सकती है। आयरन से भरपूर बैंगन जैसे फूड्स खाने से एनीमिया जैसी स्वास्थ्य स्थितियों से निपटने में मदद मिल सकती है।

शुक्रवार, 18 फ़रवरी 2022

एंटीऑक्सिडेंट गुणों से भरपूर हैं विटामिन-सी, जानिए

एंटीऑक्सिडेंट गुणों से भरपूर हैं विटामिन-सी, जानिए   

मो. रियाज          
पानी में घुलनशील पोषक तत्व, विटामिन-सी एंटीऑक्सिडेंट गुणों से भरपूर होता है। जो त्वचा को फायदा पहुंचाने के साथ ही प्रतिरक्षा को भी मज़बूत करते हैं। यह पोशक तत्व फलों और सब्ज़ियों में अच्छी मात्रा में पाया जाता है। विटामिन-डी की तरह, मानव शरीर विटामिन-सी का उत्पादन या भंडारण नहीं कर सकता है, इसलिए इसका अच्छी मात्रा में सेवन करना ज़रूरी हो जाता है। यह पोषक तत्व छोटी रक्त वाहिकाओं, हड्डियों, दांतों और कोलेजन ऊतक के लिए भी ज़रूरी होता है। आमतौर पर लोगों को लगता है कि नींबू और संतरे में विटामिन-सी की सबसे ज़्यादा मात्रा होती है, लेकिन सच यह है कि इसके अलावा भी कई ऐसे फल और सब्ज़ियां हैं, जिनमें विटामिन-सी भरपूर मात्रा में पाया जाता है। 
अनन्नास: कुछ लोगों को अनन्नास का जूस पसंद होता है, तो किसी को कटा हुआ फल और कुछ लोग ऐसे भी हैं जो इसे पिज़्ज़ा पर भी पसंद करते हैं। आप इस फल को चाहे कैसे भी खाएं, लेकिन यह भी जान लें कि अनन्नास विटामिन-सी का बेहतरीन स्त्रोत है। अनन्नास की एक सर्विंग में 79 मिलीग्राम विटामिन-सी मौजूद होता है। इसके अलावा, यह फल रक्त शर्करा के स्तर को अच्छी तरह से बनाए रखते हुए हड्डियों को मज़बूत बनाने में मदद कर सकता है। 
अमरूद: इस फल का आनंद अक्सर सर्दियों की धूम में बैठकर लिया जाता है। अमरूद में कैलोरी कम कैलोरी होने के साथ फाइबर और कार्बोहाइड्रेट भी मौजूद होती है। विटामिन-सी के मामले में एक अमरूद आपको 126एमजी पोषण दे सकता है। 
कीवी: गहरे हरे रंग का यह फल ग्लासेमिट इंडेक्स में बेहद कम होता है और इसलिए डायबिटीज़ के मरीज़ों को इसे खाने की सलाह दी जाती है। हालांकि, जो एक चीज़ जिसकी वजह से इस फल को ज़रूर खाना चाहिए। इसमें मौजूद विटामिन-सी की मात्रा। 
शिमला मिर्च: इसमें कोई शक़ नहीं कि फलों में विटामिन-सी की भरपूर मात्रा होती है, लेकिन सब्ज़ियों की बात करें तो शिमला मिर्च इस मामले में सबसे आगे है। फिर चाहे लाल, पीली या फिर हरी ही क्यों न हो। इन सभी में विटामिन-सी की अच्छी मात्रा होती है।

शुक्रवार, 11 फ़रवरी 2022

तुलसी की चाय का सेवन करना फायदेमंद, जानिए

तुलसी की चाय का सेवन करना फायदेमंद, जानिए    

सरस्वती उपाध्याय        

सभी लोग चाय और कॉफी से ही अपनी दिन की शुरुआत करते हैं। चाय और कॉफी के बिना मानों उनकी जिंदगी अधूरी-सी है। खासकर चाय में तो कई तरह के फ्लेवर मौजूद हैं। किसी को ग्रीन टी पसंद है तो कोई कडक़ चाय या नींबू की चाय का जायका लेना पसंद करता है। वहीं तुलसी की चाय पीने वालों की भी कमी नहीं है। क्योंकि, इस चाय का सेवन शारीरिक समस्याओं से राहत देने में बेहद फायदेमंद है। आइए इस चाय को बनाने का तरीका और इसके फायदे जानें।

तुलसी की चाय बनाने का तरीका...

सामग्री: तुलसी की 5 से 6 पत्तियां, एक कप पानी, एक चौथाई चम्मच चायपत्ती, थोड़ा सा दूध (वैकल्पिक), चीनी या शहद (स्वादानुसार)।
चाय बनाने का तरीका: सबसे पहले एक पैन में पानी को अच्छे से गर्म करें, फिर उसमें चायपत्ती डालें और जब पानी में उबाला आ जाए तो तुलसी की पत्तियां और दूध डालकर फिर से उबालें। अब चाय को एक कप में छानकर निकालें और इसमें शहद या चीनी मिलाकर इसका सेवन करें।

सांस से जुड़ी समस्याओं के जोखिम को करें कम: तुलसी की चाय का सेवन सांस से संबंधित कई समस्याओं से राहत दिलाने में काफी मदद कर सकता है। एक शोध के अनुसार, यह चाय एंटी-ऑक्सीडेंट गुण से समृद्ध होती है, जो ब्रोंकाइटिस, अस्थमा और इओसिनोफिलिक लंग्स डिजीज (फेफड़े से जुड़ी बीमारी) आदि बीमारियों के जोखिम को कम कर सकती है। इसलिए सांस की बीमारियों से ग्रस्त लोगों के लिए तुलसी की चाय का सेवन करना चाहिए। ब्लड प्रेशर को बेहतर तरीके से संचालित रखने में भी तुलसी की चाय का सेवन फायदेमंद है। एक शोध के मुताबिक, तुलसी की चाय में एंटी-ऑक्सीडेंट के साथ-साथ कई पोषक तत्व मौजूद होते हैं, जिस कारण इसका पर्याप्त मात्रा में सेवन ब्लड प्रेशर को सही ढंग से संचालित करने में मददगार है। अगर कोई ब्लड प्रेशर से संबंधित दवा का सेवन कर रहा है तो डॉक्टर की सलाह लेकर उसकी जगह तुलसी की चाय का सेवन कर सकता है।

मौसमी एलर्जी को दूर करने में है सहायक: अगर मौसम में बदलाव होते ही आपको एलर्जी की समस्या हो जाती है तो इससे बचाव के लिए तुलसी की चाय का सेवन लाभकारी सिद्ध हो सकता है। दरअसल तुलसी की चाय में रोजमेरिनिक एसिड सम्मिलित होता है जो एंटी-एलर्जेनिक के साथ-साथ एंटी-इन्फ्लेमेटरी प्रभाव से युक्त होता है। ये दोनों प्रभाव मिलकर मौसमी एलर्जी से बचाव करने में सहायक हो सकते हैं। इसलिए सीजनल एलर्जी को दूर करने के लिए इस चाय को डाइट में शामिल किया जा सकता है।

मधुमेह ग्रसितों के लिए है बेहद लाभकारी: मधुमेह के जोखिमों को कम करने में भी तुलसी की चाय का सेवन कारगर है। एक शोध के अनुसार, इसमें एंटी-हाइपरग्लाइसेमिक एजेंट होते हैं, जो शरीर में शुगर के स्तर को नियंत्रित कर मधुमेह के जोखिम को कम करने में सहायक साबित हो सकता है। विशेषज्ञों के अनुसार, तुलसी की चाय शरीर में इंसुलिन का स्तर बनाए रखने में मदद करती है, जिससे खून में शुगर को नियंत्रित करने में मदद मिल सकती है।

गुरुवार, 10 फ़रवरी 2022

स्मूदी-डिटॉक्स वाटर ड्रिंक पीने के फायदें, जानिए

स्मूदी-डिटॉक्स वाटर ड्रिंक पीने के फायदें, जानिए      

सरस्वती उपाध्याय        
अपने शरीर को डिटॉक्सीफाई करना बेहद जरूरी है। स्मूदी और डिटॉक्स वाटर ड्रिंक पीने कई स्वास्थ्य लाभ प्रदान करते हैं। सही सामग्री के साथ पीने में काफी टेस्टी लगते हैं। डॉक्टर्स के अनुसार शरीर के विषहरण तंत्र को सुचारू रूप से काम करने के लिए हर दिन कम से कम 30 ग्राम फाइबर की आवश्यकता होती है। इसका अधिकांश भाग फलों और सब्जियों से आना चाहिए। आज हम आपकों दिल और स्वास्थ्य में सुधार के लिए कुछ डिटॉक्स ड्रिंक के बारे में बताने जा रहे हैं। जिन्हें घर पर बना सकते हैं।

सेब, चुकंदर और गाजर डिटॉक्स ड्रिंक: यह मिश्रण जादू की तरह काम करता है। डिटॉक्स ड्रिंक दिल को स्वस्थ रखने के लिए पोषक तत्वों से भरपूर होता है। रक्तचाप का स्तर भी नियंत्रिच रहता है। इसके अलावा पेय में कैरोटीनॉयड की उच्च सामग्री कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने में भी मदद करती है।

सेब का सिरका और नींबू का रस: एक गिलास पानी में कुछ एसीवी और नींबू का रस मिलाएं। स्वाद और पोषण के लिए कुछ दालचीनी पाउडर और शहद शामिल करें। यह पेय रक्त शर्करा और रक्तचाप के स्तर को नीचे रखेगा। वह पाचन और वजन घटाने में सहायता करेगा।

ग्रीन टी डिटॉक्स ड्रिंक: ग्रीनट टी स्वास्थ्य को बढ़ावा देने के लिए काफी शक्तिशाली हथियार है। यह कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम रखने और हृदय रोग पैदा करने वाले ऑक्सीडेंट से लड़ने में मदद करेगा।

अदरक, लहसुन और नींबू डिटॉक्स ड्रिंक: अदरक और लहसुन को उबालकर छान लें। इसमें एक पूरा नींबू का रस निचोड़ें। यह खराब कोलेस्ट्रॉल से छुटकारा पाने के लिए मजबूत डिटॉक्स ड्रिंक है। सभी विषाक्त पदार्थों को भी बाहर निकालता है।

हरा रस: अपने डिटॉक्स ड्रिंक रेसिपी के लिए विभिन्न प्रकार की हरी सब्जियों में से चुनें, जो प्रतिरक्षा-बढ़ाने वाले एंटीऑक्सिडेंट और खनिजों से भरपूर हों। पालक, अजवाइन, पुदीने के पत्ते, पत्ता गोभी, करेले का मिश्रण बना सकते हैं।

शनिवार, 5 फ़रवरी 2022

सहजन की फली के फायदें, जानिए पोषक तत्व

सहजन की फली के फायदें, जानिए पोषक तत्व      

सरस्वती उपाध्याय        

सहजन की फली के फायदे आपने खूब सुने होंगे। कई बार तमाम डिशेज में इसका इस्तेमाल भी किया होगा।लेकिन क्या आप जानते हैं कि सहजन के पत्ते भी पोषक तत्वों का खजाना होते हैं। इसके पत्तों में कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, कैल्शियम, पोटेशियम, आयरन, मैग्नीशियम, विटामिन-ए, सी और बी कॉम्‍प्लेक्स जैसे तत्वों के अलावा 40 से अधिक प्रकार के एंटीऑक्‍सीडेंट पाए जाते हैं। आप सहजन की हरी पत्तियों की सब्जी बनाकर खा सकते हैं। इसके अलावा पत्तियों को सुखाकर पाउडर बनाकर भी खाया जा सकता है। आयुर्वेद में इन पत्तियों को कई तरह की बीमारियों के इलाज में इस्तेमाल किया जाता है। यहां जानिए इसके फायदों के बारे में।

इम्युनिटी मजबूत करने के लिए: जिन लोगों का इम्यून सिस्टम कमजोर हो, उन्हें सहजन के पत्ते जरूर खाने चाहिए। इसमें इतने पोषक तत्व होते हैं, जो आपकी इम्युनिटी को बहुत आसानी से बढ़ाते हैं। इससे प्रतिरक्षा कोशिकाओं की कार्यक्षमता काफी अच्छी होती है और तमाम वायरस और बैक्टीरिया से आपका शरीर बचा रहता है।

किडनी स्टोन में फायदेमंद: कहा जाता है कि अगर आपको किडनी स्टोन की परेशानी है तो आपको सहजन के पत्ते जरूर खाने चाहिए। ये स्टोन को तोड़कर यूरिन के माध्यम से बाहर निकालने में मददगार माने जाते हैं। साथ ही किडनी स्टोन की परेशानी से आपका बचाव भी करते हैं।

दिल की सेहत रखते दुरुस्त: सहजन के पत्तों में ओमेगा-3 फैटी एसिड की अच्‍छी मात्रा होती है। ऐसे में ये दिल के रोगियों के लिए काफी अच्छा माना जाता है। इसे खाने से बैड कोलेस्ट्रॉल कम होता है और गुड कोलेस्ट्रॉल बढ़ता है। साथ ही ये पत्ते आपके बीपी को भी कंट्रोल करते हैं। ऐसे में आपका दिल सेहतमंद बना रहता है।

डायबिटीज के रोगियों के लिए: जिन लोगों को डायबिटीज की समस्या है, उनके लिए भी सहजन की पत्तियां काफी लाभकारी मानी जाती हैं। इसके पत्तों में मधुमेह विरोधी और एंटीऑक्‍सीडेंट गुण होते हैं। ऐसे में ये शरीर में ग्लोकोज के स्तर को नियंत्रित करने में मददगार माने जाते हैं।

पेट के लिए लाभकारी: आयुर्वेद में पेट की सफाई पर विशेष ध्यान दिया जाता है। क्योंकि अधिकतर बीमारियों की जड़ पेट ही होता है। अगर आपका भी पेट अक्सर खराब रहता है तो सहजन के पत्ते मददगार हो सकते हैं।इनमें फाइबर की प्रचुर मात्रा होती है जो कब्ज जैसी परेशानी से बचाव करते हैं। साथ ही आंतों में जमा किसी भी हानिकारक पदार्थ को आसानी से बाहर निकाल देते हैं।

शुक्रवार, 4 फ़रवरी 2022

स्वास्थ्य और बालों के लिए फायदेमंद हैं फूड्स डाइट

स्वास्थ्य और बालों के लिए फायदेमंद हैं फूड्स डाइट 

मोमीन अहमद          

सर्दी के मौसम सर्दी-जुकाम जैसी कई स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ता है। ऐसे में जरूरी है कि आप ऐसे फूड्स डाइट में शामिल करें। जो इम्युनिटी बढ़ाने में आपकी मदद करते हों। इन फूड्स को डाइट में शामिल करने से ये न केवल आपकी इम्युनिटी बढ़ाएंगे। बल्कि ये आपको मौसमी स्वास्थ्य समस्याओं से बचाने में मदद करते हैं। आप अपने आहार में गोंद, हरी सब्जियां और तिल के बीज जैसे सुपरफूड्स शामिल कर सकते हैं। ये आपके जोड़ों और हड्डियों के स्वास्थ्य, त्वचा और बालों के लिए बहुत फायदेमंद हैं। क्योंकि ये पोषक तत्वों से भरपूर होते हैं। आइए जानें और कौन से फूड्स डाइट में शामिल कर सकते हैं और इनके क्या फायदे हैं।

गोंद: सर्दियों के मौसम में आप गोंद के लड्डू का सेवन कर सकते हैं। इन लड्डू को बनाने के लिए गोंद को घी में भूनना होता है और इसमें पिसी हुई चीनी मिलाकर लड्डू बनाए जाते हैं। ये फाइबर से भरपूर होते हैं। ये हड्डियों के लिए अच्छे होते हैं। पाचन तंत्र को स्वस्थ रखते हैं और आपको ऊर्जावान रखते हैं।

हरी सब्जियां: सर्दियों में आप कई तरह की हरी सब्जियों को डाइट में शामिल कर सकते हैं। इसमें पालक, मेथी, पुदीना, हरी प्याज, सरसों जैसे साग आदि शामिल हैं। इनका सेवन आप करी, सूप और सलाद के रूप में कर सकते हैं। ये एंटीऑक्सीडेंट, फाइबर, विटामिन से भरपूर होते हैं। इसमें एंटी इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं। ये हाथों और पैरों में जलन को भी कम करने में मदद करते हैं।

जड़ वाली सब्जियां: शलजम और शकरकंद जैसी सब्जियों का सेवन टिक्की और सब्जी के रूप में किया जा सकता है। आप इन्हें भूनकर भी नमक और मिर्च पाउडर के साथ खा सकते हैं। ये वजन घटाने और पाचन तंत्र को स्वस्थ रखने में मदद करती हैं।

तिल के बीज: सफेद तिल हों या काले तिल को चिक्की, लड्डू, चटनी के रूप में खाएं या फिर भुने हुए तिल को करी और सलाद में मसाला के रूप में इस्तेमाल करें। ये आवश्यक फैटी एसिड, विटामिन ई से भरपूर होते हैं। ये हड्डियों, त्वचा और बालों के लिए अच्छे होते हैं।

मूंगफली: मूंगफली को आप कई तरह के व्यंजन में शामिल कर सकते हैं। इन्हें पोहा और लड्डू आदि में भी इस्तेमाल कर सकते हैं। ये विटामिन बी, अमीनो एसिड, पॉलीफेनोल्स से भरपूर होती हैं। ये आपके हृदय के लिए बहुत फायदेमंद हैं।

घी: दाल और करी में तड़का लगाने के लिए घी का इस्तेमाल करें। इसका इस्तेमाल आप चावल, भाकरी और रोटियों में भी कर सकते हैं। इसमें आवश्यक फैटी एसिड होते हैं। ये विटामिन डी, ए, ई से भरपूर होता है. ये खाने के स्वाद को बढ़ाने के अलावा सेहत के लिए भी फायदेमंद होता है।

कोरोना, अंतिम स्टेज में पहुंचे कैंसर के मरीज

कोरोना, अंतिम स्टेज में पहुंचे कैंसर के मरीज 

मोहम्मद रियाज 

नई दिल्ली। हर साल 4 फरवरी को विश्व कैंसर दिवस मनाया जाता है। दुनियाभर में कैंसर से हर साल लाखों लोगों की मौत होती है। कोरोना महामारी के बाद से कैंसर के मरीजों की स्थिति काफी खराब हो गई है। संक्रमण के डर के वजह से कैंसर के लक्षण वाले रोगी समय पर अस्पताल नहीं पहुंचे। इससे उनकी स्थिति काफी बिगड़ गई। अब हालात ऐसे हो गए हैं कि कई मरीजों का कैंसर आखिरी स्टेज में पहुंच गया है। इससे यह लोग जिंदगी और मौत के बीच संघर्ष कर रहे हैं।

फोर्टिस रिसर्च इंस्टीट्यूट के ऑनकोलॉजी विभाग के डॉक्टर नितेश रस्तोगी ने बताया कि कोविड के बाद कैंसर के उपचार और निदान में काफी बदलाव देखा गया है। कोरोना से पहले देखा जाता था कि स्‍तन, अंडाशय और कोलोरेक्‍टल कैंसर के मरीजों के कैंस का शुरुआती स्टेज में ही पता चल जाता था और इलाज भी हो जाता था, लेकिन कोरोना के डर के कारण लोग अस्पताल आने से बचते रहे। उन्हें कैंसर से ज्यादा डर कोरोना से लगा। इसलिए मरीज समय पर अस्पताल नहीं आए। इस कारण अब हालत बिगड़ने पर वह आखिरी स्टेज में मरीज़ अस्‍पताल पहुंच रहे हैं। ऐसे में उनके इलाज में काफी चुनौती का सामना करना पड़ रहा है। डॉ. नितेश ने कहा कि कोरोना के समय इन मरीजों को महसूस हो गया था कि उनके स्‍वास्‍थ्‍य में कुछ गड़बड़ हुई है, लेकिन वे कोविड से संक्रमित होने के डर की वजह से अस्‍पताल जाने और डॉक्‍टरों से सलाह लेने से बचते रहे थे।

कोरोना की वजह से इलाज का खर्च भी बढ़ा

डॉ. नितेश ने कहा कि कोरोना के कारण इलाज में हुई देरी की वजह से इलाज का खर्च बढ़ गया। उपचार के चलते पैदा होने वाले साइड इफेक्‍ट्स (Side effects) भी और जटिल हुए। डॉ. नितेश का कहना है कि कोरोना की वजह से कैंसर जैसी  बीमारी का इलाज ना कराना घातक साबित हो सकता है। कोरोना नहीं भी हुआ तो कैंसर जानलेवा बन सकता है। इसलिए अब समय आ गया है कि लोगों इस बारे में जागरूक हो। कैंसर के लक्षण दिखने पर तुरंत इलाज शुरू कराएं। डॉक्‍टरों के साथ मिलकर या वर्चुअल आधार पर सलाह भी लें सकते हैं।

कैंसर मरीजों का इलाज बडे़ स्तर पर प्रभावित हुआ

आकाश हेल्थकेयर के ऑनकोलॉजी डिपार्टमेंट हेड डॉक्टर प्रवीण जैन बताते हैं कि  कोविड-19 महामारी ने कैंसर मरीजों के इलाज़ को बुरी तरह से प्रभावित किया है। कई अस्पतालों में कैंसर मरीजों की रूटीन केयर तक में रुकावट आई है। इस वजह से गंभीर कैंसर मरीजों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा है। संक्रमण के डर की वजह से पूरी तरह से सुरक्षा उपकरण पहनकर मरीजों का इलाज़ किया गया। कैंसर मरीजों को इस बीमारी से तो खतरा था कि लेकिन कम इम्यूनिटी के कारण उनको कोविड होने का डर भी सबसे ज्यादा था। कई कैंसर के मरीज कोविड के डर के कारण समय पर इलाज़ भी नहीं करा रहे थे। इस समस्या से निपटने के लिए हमने कैंसर मरीजों के साथ भी संपर्क बनाए रखा। उन्हें प्रोत्साहित किया कि वे कोविड की चिंताओं के कारण इलाज़ को बीच न छोड़े।

एम्स की ओपीडी में  कैंसर मरीज 51 फीसदी कम हुए

कोरोना महामारी के कारण कैंसर का इलाज इस कदम प्रभावित हुआ है कि दिल्ली एम्स की ओपीडी में कैंसर मरीज 51 फीसदी तक कम हो गए हैं। एम्स के सर्जिकल ऑन्कोलॉजी विभाग के प्रोफेसर एस. वी. एस देव के एक शोधपत्र में यह जानकारी सामने आई है। इसके मुताबिक, एम्स की ओपीडी में कोरोना काल से पहले साल 2019 में 179500 कैंसर मरीज फॉलोअप के लिए आए और 13728 नए मरीज पंजीकृत हुए थे, जबकि कोरोना काल के दौरान साल 2020 में ओपीडी में सिर्फ 79800 कैंसर मरीज फॉलोअप के लिए आए और 6675 ही नए कैंसर मरीजों ने रजिस्ट्रेशन कराया।

यह हैं कैंसर के लक्षण

राजीव गांधी कैंसर अस्पताल के डॉक्टर विनीत तलवार बताते हैं कि कैंसर एक ऐसी बीमारी है जिसमें शरीर में अनियंत्रित रूप कोशिकाएं बढ़ने लगती हैं। कैंसर शरीर में कहीं भी हो सकता है। अगर इनमें से दो-तीन लक्षण भी दिख रहे हैं तो तुकंत डॉक्टरों की  सलाह लेनी चाहिए।

गुरुवार, 14 अक्तूबर 2021

सेहत के लिए भी काफी फायदेमंद होता हैं जीरा

अकांशु उपाध्याय       
नई दिल्ली। जीरा एक ऐसा मसाला है। जो भारतीय किचन में कसाफी आराम से मिल जाता है। जीरा का इस्तेमाल खाने में चड़का लगाने के लिए किया जाता है। जीरे का स्वाद काफी अच्छा होता है। यह सिंपल सी सब्जी का भी टेस्ट बदल कर रख देता है। जीरा स्वाद के अलावा सेहत के लिए भी काफी फायदेमंद होता है। जीरा का सेवन करने से पाचन शक्ति काफी मजबूत होती है।लेकिन क्या आप जानते हैं जीरा खाने से आपकी सेहत को नुकसान भी पहुंचता है। कई बार यह आपके लिए नुकसानदायक भी हो सकता है। इसलिए ज्यादा मात्रा में जीरे का सेवन नहीं करना चाहिए। आइए जानते है जीरे के साइडइफेक्ट्स।
जलन- जीरे का अधिक सेवन करने से सीने में जलन की समस्या होने लगती है। साथ ही इससे पाचन संबंधी समस्या भी दूर होती है।
लीवर डैमेज का खतरा- जीरे का अधिक सेवन करने से किडनी को नुकसान पहुंचता है। ऐसे में जीरे का कम सेवन करना चाहिए।

डकार की समस्या- जीरे का ज्यादा सेवन करने से डकार की समस्या हो सकती है। डकार से आपकी आंत के रास्ते और पेट में जमी गैस निकलती है। 

शुगर लेवल होता है कम-  जीरे का अधिक मात्रा में सेवन करने से शरीर में ब्लड शुगर का लेवल कम हो दाता है।

शुक्रवार, 8 अक्तूबर 2021

स्वास्थ्य: सबसे ज्यादा एनर्जी देने वाला फल है केला

अकांशु उपाध्याय     
नई दिल्ली। केला सबसे ज्यादा एनर्जी देने वाला फल है। केले में पाए जाने वाले विटामिन, प्रोटीन और अन्य पोषक तत्व एक स्वस्थ शरीर के लिए बेहद जरूरी होते हैं। अगर आप शारीरिक कमजोरी से जूझ रहे हैं तो केले को अपनी डाइट में शामिल करें, इससे आपको गजब के फायदे मिलेंगे।
केले में पाए जाने वाले पोषक तत्वों पर नजर डालें तो इसमें विटामिन-ए, विटामिन-बी और मैग्नीशियम मिलता है, इसके अलावा विटामिन-सी, पोटैशियम और विटामिन-बी6, थायमिन, राइबोफ्लेविन भी होता है. केले में 64.3 प्रतिशत पानी, 1.3 प्रतिशत प्रोटीन, 24.7 प्रतिशत कार्बोहाइड्रेट पाया जाता है। यह सभी तत्व एक स्वस्थ शरीर के लिए जरूरी होते हैं।
डाइट एक्सपर्ट डॉक्टर रंजना सिंह के अनुसार, केले में पोटेशियम पाया जाता है, जिससे हमारी मसल्स में क्रैंप नहीं आते हैं। केले में कार्बोहाइड्रेट पाया जाता है, जो हमारे शरीर को एनर्जेटिक रखता है और हम थकान कम महसूस करते हैं। सुबह टाइम एक्सरसाइज से पहले अगर आप दो केले खा लेंगे तो एक्सरसाइज के दौरान आप ज्यादा थकान महसूस नहीं करेंगे।
केला में भरपूर मात्रा में कार्बोहाइड्रेट होता है। इसे खाने से पेट जल्दी भर जाता है। अगर सुबह-सुबह ऑफिस या कॉलेज जाने के चक्कर में ब्रेकफास्ट छूट जाता है तो एक केला खाकर निकलें, क्योंकि केला खाने से इंस्टेंट एनर्जी मिलती है। यह आपको दिनभर की ऊर्जा देता है।
केले में ट्रिप्टोफैन नामक तत्व पाया जाता है। इस ट्रिप्टोफैन की वजह से हमारे शरीर में सेरोटोनिन बनता है। सेरोटोनिन को हैप्पी हार्मोन भी कहा जाता है। इससे तनाव दूर रहता है।

मंगलवार, 28 सितंबर 2021

रेसिपी: स्वास्थ्य के लिए बना सकते हैं सूजी के लड्डू

अकांशु उपाध्याय    
नई दिल्ली। अगर आप भी मीठा खाने के शोकीन हैं तो आज हम आपके लिए लेकर आंए हैं। सूजी के लड्डू की ऐसी रेसिपी जिसको सुनकर आप के मुंह में भी पानी आ जाएगा। मिठाई घर पर बनाना बेहद आसान है। यह लड्डू आप कभी भी बना सकती हैं। अगर आपके बच्चों का मीटा खाने का मन करे तो आप तुरंत ये लड्डू अपने बच्चों को बनाकर खिला सकती हैं साथ ही आप इन लड्डुओं को स्टोर कर के भी रख सकती हैं। आइये तो जानते हैं इन स्वादिष्ट लड्डूओं की रेसिपी। 
सूजी का लड्डू के लिए सामग्री
1. एक कप सूजी
2. ढेड़ कप मैदा
3. दो कप पाउडर शुगर
4. एक कप घी
5. ड्राई फ्रूट्स
6. इलायची के कुछ दाने
 सूजी के लड्डू बनाने के लिए सबसे पहले एक कड़ाई लें और उसको गरम होने के लिए गैस पर रखें।
इसके बाद एक कप सूजी को कड़ाई में डालें और धीमी आंच पर सूजी को अच्छे से भून लें और हल्का गोल्डन होने तक भूनते रहें।
इसके बाद सूजी को ठंडा होने के लिए अलग बर्तन में कर के रख दें।
अब उसी कड़ाई में ढेड़ कप मैदा को हल्का भून लें जब तक उसका रंग सुनहरा न हो जाए।
इसके बाद एक छोटे पैन में घी गर्म कर लें और ड्राई फ्रूट्स को घी में डाले और अच्छे से भून लें।
इसके बाद भूनी हुई सूजी और मैदा को भी इस मिश्रण में मिला लें और साथ ही दो कप पाउडर शुगर को भी अच्छे से मिला लें। इसके बाद इस मिश्रण में इलायची के कुछ दानों को पीसकर डालें। इलायची के कुछ दाने डालने से आपके लड्डुओं का टेस्ट और भी अच्छा हो जाएगा।इसके बाद मिश्रण में से छोटे-छोटे लड्डू बना लें और एयरटाइट कंटेनर में रख लें।

शुक्रवार, 24 सितंबर 2021

गर्मी के मौसम में खाएं जाने वाला फल है आलूबुखारा

आलूबुखारा आमतौर पर गर्मी के मौसम में खाया जाने वाला फल है। यह दिखने में एक रंगीन, सुंदर, और स्वादिष्ट फल है। इसमें एंटी ऑक्सीडेंट की मात्रा काफी अधिक होती है। जो हमारे शरीर को कई बीमारियों से दूर रखती है जैसे आंखों का सूखापन, डायबिटीज, मोटापा व कैंसर आदि।
आलूबुखारा एक बहुत ही स्वादिष्ट फल है। इससे हमारे शरीर में स्वास्थ्य संबंधी बहुत सारी समस्याओं का अंत होता है। यह हमारे शरीर में कोलेस्ट्रॉल की मात्रा को कम करता है तथा हमारे इम्यूनिटी सिस्टम को अच्छा बनाता है। आलूबुखारा में विटामिन A, विटामिन C, विटामिन K, फाइबर, पोटेशियम, कॉपर और मैग्नीज आदि तत्व पाए जाते हैं, जो हमारे शरीर के लिए काफी लाभदायक होते हैं। आलूबुखारा गर्मियों के मौसम में खाया जाने वाला फल है। यह हमारे शरीर को आंतरिक रूप से ठंडा रखता है। यह हमारी त्वचा के लिए लाभदायक है और हमारे नर्वस सिस्टम को भी अच्छा बनाए रखने में सहयोग करता है।
पूरी दुनिया में आलूबुखारा की दो हजार से ज्यादा प्रजातियां पाई जाती हैं। इसके सेवन से हाई ब्लड प्रेशर की समस्या खत्म हो जाती है और शरीर में आयरन की मात्रा भी बढ़ जाती है।
आलूबुखारा के सेवन से हमारे शरीर का वजन नियंत्रित रहता है। इसमें हमारे शरीर में फैट की मात्रा बहुत कम हो जाती है। यदि आपको ज्यादा भूख लगती है तो आलूबुखारा के सेवन से इस समस्या को भी समाप्त किया जा सकता है।

आलूबुखारा में विटामिन C तत्व पाया जाता है। जिससे हमारे शरीर का इम्यूनिटी सिस्टम मजबूत होता है। आलूबुखारा के सेवन से हमारे शरीर को ऊर्जा प्राप्त होती है।
आलूबुखारा एक ऐसा फल है, जिसके सेवन से बालों को भी सुंदर बनाया जा सकता है। यह बालों से संबंधित किसी भी समस्या से राहत दिलाने में सक्षम है।
आलूबुखारा के अंदर विटामिन K तथा ओमेगा 3 पाया जाता है, जो कि हमारे हृदय को स्वस्थ बनाए रखने में सहायक होता है। इसके सेवन से रक्त नहीं जमता है और ब्लड प्रेशर भी ठीक बना रहता है। इसमें पोटेशियम की मात्रा भी प्रचुर मात्रा में पाई जाती है। इसके सेवन से हार्ट अटैक का खतरा लगभग समाप्त हो जाता है।
आलूबुखारा में विटामिन A तथा बीटा कैरोटीन पाया जाता है। यह विटामिन A की सहायता से हमारी आंखों को स्वस्थ बनाता है। इसके सेवन से हमारी आंखें हानिकारक यूवी किरणों से भी सुरक्षित रहती है।
आलूबुखारा के अंदर बहुत से गुण पाए जाते हैं। इसी कारण यह हमारे शरीर को कई गंभीर रोगों से निजात दिलाता है। साथ ही शरीर की हड्डियों को भी मजबूत बनाने में सहायता प्रदान करता है।
आलूबुखारा गर्भवती महिलाओं के लिए काफी लाभदायक होता है। यह गर्भ में पल रहे शिशु के लिए भी लाभदायक होता है। गर्भावस्था में महिला तथा बच्चों को पेट संबंधी होने वाली समस्याओं से बचाने के लिए आलूबुखारा का सेवन करने की सलाह दी जाती है।
आलूबुखारा एक एंटी कैंसर एजेंट है, जो कैंसर और ट्यूमर की कोशिकाओं को बढ़ने से रोकता है। इसमें कई अन्य तरह के पोषक तत्व भी होते हैं, जो हमारे शरीर में कैंसर कोशिकाओं को एक्टिव होने से रोकते हैं। इसके सेवन से फेफड़े और मुंह का कैंसर भी नहीं होता है।
वैसे तो फलों के सेवन से शरीर को कभी कोई नुकसान नहीं होता है। आलूबुखारा एक ऐसा फल है जो हमारी स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं को ठीक करने के साथ-साथह गर्मियों के मौसम में भी हमारे शरीर को तरोताजा बनाए रखता है।

शनिवार, 18 सितंबर 2021

खाने-पीने के जरिए पेट तक पहुंच सकते हैं किटाणु

वाशिंगटन डीसी। पूरे घर में किचन सबसे ज्यादा इस्तेमाल होने वाली जगह होती है। ऐसे में खाना बनाते वक्त गंदगी भी सबसे ज्यादा किचिन में ही फैलती है। हम रोजमर्रा की क्लीनिंग में स्लैब और बर्तनों को तो अच्छी तरह से साफ कर लेते हैं, लेकिन किचन में ऐसी कई जगह होती हैं जहां बैक्टीरिया पनपने लगते हैं। इन जगहों पर या तो हमारा ध्यान नहीं जाता या हफ्तों तक यहां सफाई का नंबर नहीं आ पाता है। ऐसे में किचन में कीटाणु पैदा होने लगते हैं। किचिन में पनपने वाले ये कीटाणु खाने-पीने के जरिए आपके पेट तक पहुंच सकते हैं।
जिससे आपकी और आपके परिवार की सेहत बिगड़ सकती है। इसलिए आपको रसोई में सफाई का बहुत ध्यान रखने की जरूरत है। हम आपको किचिन की ऐसी चीजें या जगह बता रहे हैं जहां सफाई की सबसे ज्यादा जरूरत होती ह। आप इन जगहों को जरूर साफ रखें।
रसोई में स्लैब साफ करने और हाथ पोछने वाले कपड़े सबसे ज्यादा गंदे होते हैं। इन कपड़ों में काफी कीटाणु होते हैं।। इससे कीटाणु आपके खाने में पहुंच सकते हैं। कोशिश करें कि रसोई में इस्तेमाल होने वाले कपड़े की जगह टिशू पेपर इस्तेमाल करें। अगर कपड़े का इस्तेमाल कर रहे हैं तो इसे रोजाना साबुन से साफ करें।रसोई में स्लैब साफ करने और हाथ पोछने वाले कपड़े सबसे ज्यादा गंदे होते हैं। इन कपड़ों में काफी कीटाणु होते हैं।। इससे कीटाणु आपके खाने में पहुंच सकते हैं। कोशिश करें कि रसोई में इस्तेमाल होने वाले कपड़े की जगह टिशू पेपर इस्तेमाल करें। अगर कपड़े का इस्तेमाल कर रहे हैं तो इसे रोजाना साबुन से साफ करें।रसोई में चाकू और चॉपिंग बोर्ड का इस्तेमाल सबसे ज्यादा किया जाता है, लेकिन कई बार लोग इनकी साफ-सफाई में लापरवाही बरतते हैं। आपको जानकर हैरानी होगी कि चाकू और चॉपिंग बोर्ड कीटाणुओं का हॉटस्पॉट्स हो सकता है। इसलिए चॉपिंग बोर्ड्स और चाकू को इस्तेमाल करने के बाद हमेशा अच्छी तरह से साफ कर लें। पके हुए खाने और कच्चे खाने के लिए अलग-अलग बोर्ड और चाकू का इस्तेमाल करें।
 किचन में खाना बनाते वक्त कई बार दरवाजे, फ्रिज और अलमारी के हैंडल छूने पड़ते हैं, लेकिन ध्यान रखें इन जगहों पर सबसे ज्यादा कीटाणु होने का खतरा रहता है। ऐसे में आप यहां लगे बैक्टीरिया के संपर्क में आ जाते हैं। ऐसे में किचिन में ज्यादा छूए जाने वाली सतहों को हमेशा साफ रखना चाहिए। दरवाजे, फ्रिज और हैंडल को अच्छी तरह साबुन और गर्म पानी से साफ कर लें।

गुरुवार, 16 सितंबर 2021

अपनी त्वचा की देखभाल करना सभी के लिए जरूरी

अकांशु उपाध्याय      
नई दिल्ली। अपनी त्वचा की देखभाल करना हम सभी के लिए बेहद जरूरी है। ऐसा इसलिए क्योंकि ये हमारे शरीर की ऊपरी और सबसे नाजुक परतों में से एक है, जिससे हमारी शरीर की सुंदरता भी जुड़ी हुई है। गर्मी के मौसम में सबसे ज्यादा लोगों को चिंता अपनी स्किन की होने लगती है। खासतौर पर चेहरे की स्किन। इस मौसम में चिलचिलानी धूप से चेहरे की रौनक जाने का डर सताने लगता है। ऐसा इसलिए क्योंकि धूप की वजह से चेहरे पर टैनिंग होने का खतरा सबसे ज्यादा रहता है। ऐसे में अगर आप अपने चेहरे को ग्लोइंग बनाना चाहते हैं तो ये 5 टिप्स अपनाएं।स्किन को अंदर से साफ करने का काम करता है। इसके लिए बस आप टमाटर के रस को लें और चेहरे पर लगाएं। कुछ देर बाद जब रस सूख जाएं तो हल्के हाथ से स्किन को रब करें और चेहरे को पानी से धो लें। इससे आपका चेहरा साफ हो जाएगा।अगर आप गर्मियों में अपनी त्वचा की नैचुरल तरीके से देखभाल करना चाहते हैं तो एलोवेरा को अपने फेस पर जरूर लगाएं। इसके लिए आप घर पर एलोवेरा का पेड़ भी लगा सकते हैं और उससे एलोवेरा जेल को चेहरे पर लगाएं या फिर बाजार से भी एलोवेरा जेल का ट्यूब खरीद सकते हैं। आप एलोवेरा जेल को चेहरे पर कभी भी लगा सकते हैं। हालांकि रात में सोते वक्त चेहरे को साफ करने के बाद इसे लगाना ना भूलें।
खाने के स्वाद के अलावा दही चेहरे की स्किन के लिए फायदेमंद होता है। दही से त्वचा को नमी मिलती है। इसके साथ ही चेहरे के गंदे कण बाहर निकल जाते हैं। ये टैनिंग को भी हटाता है और चेहरे की स्किन को हेल्दी बनाए रखता है।
नींबू में विटामिन सी प्रचुर मात्रा में होता है। इसके रस को अगर आप चेहरे पर लगाएंगे तो चेहरे पर चमक आ जाएगी। साथ ही ये चेहरे से गंदगी भी साफ हो जाएगी।

 

बुधवार, 15 सितंबर 2021

नींबू के रस के साथ बनाएं जातें हैं आलू कुरकुरे

दुष्यंत टीकम        
रायपुर। सभी आलू प्रेमियों के लिए, आलू कटलेट, ब्रेड रोल, आलू पकोड़ा और आलू सैंडविच जैसे कई आलू बेस्ड डिश हैं। इस स्वादिष्ट डिश को आलू कुरकुरे कहा जाता है। इस डिश को नाश्ते के रूप में या ब्रंच के लिए परोसा जा सकता है। ये डिश रसोई के अनुकूल इनग्रेडिएंट्स जैसे आलू, आटा, हरी मिर्च, पुदीना के पत्ते, दबाए हुए चावल, नींबू के रस और सीजनिंग के साथ बनाए जाते है। इस आलू कुरकुरे रेसिपी को अपनी पसंद की चटनी और केचप के साथ गर्मा-गर्म परोसें। इस रेसिपी को पॉट लक, गेम नाइट, किटी पार्टी, बर्थडे, पिकनिक के दौरान बनाकर देखें। ये आपके बच्चे का पसंदीदा टिफिन आइटम भी हो सकता है। इस रेसिपी को जरूर ट्राई करें, इसे रेट करें और हमें बताएं कि ये कैसी बनी?
आलू कुरकुरे की सामग्री
4 सर्विंग्स
3 आलू
1 बड़ा चम्मच हरी मिर्च
1 चम्मच नींबू का रस
1/2 कप पाउडर प्रेस्ड राइस
आवश्यकता अनुसार नमक
1/2 कप मैदा
1/2 कप पुदीने के पत्ते
1 छोटा चम्मच जीरा पाउडर
आवश्यकता अनुसार रिफाइंड तेल सबसे पहले आलू को कुकर में उबाल लें। एक चॉपिंग बोर्ड पर, पुदीने के पत्ते, हरी मिर्च को काट लें। आलू उबालने के बाद पानी निकाल दीजिए, आलू को ठंडा होने दीजिए। आलू को छीलकर एक बाउल में मैश कर लें।
मैश किए हुए आलू की कटोरी में, पुदीने के पत्ते, नमक, जीरा पाउडर, नींबू का रस और हरी मिर्च डालें। इन्हें आपस में अच्छी तरह मिलाएं। मिक्सचर से बॉल्स बना लें और उन्हें एक तरफ रख दें।
एक बाउल में मैदा और पानी (आवश्यकतानुसार) डालकर गाढ़ा पेस्ट बना लें। इस पेस्ट में एक-एक करके बॉल्स डुबोएं और उन्हें पाउडर चावल के गुच्छे में रोल करें। बॉल्स को चारों तरफ से अच्छी तरह कोट कर लें।
मध्यम आंच पर रखी एक कढ़ाई में तेल गर्म करें। बॉल्स को चारों तरफ से सुनहरा होने तक डीप फ्राई कर लें। इन्हें टिश्यू पेपर से ढकी प्लेट में निकाल लीजिए ताकि एक्स्ट्रा तेल निकल जाए। अपनी पसंद के डिप के साथ गर्मा-गर्म परोसें।

इन स्टेप्स को फॉलो करके आप अपने घर पर आसानी से इस आलू कुरकुरे के डिश को बना सकते हैं और अपने परिवार और दोस्तों के साथ एक छोटे गेट-टुगेदर में इसे भी हिस्सा बना सकते हैं। आलू कुरकुरे के इस डिश को खाना लोग बहुत ज्यादा पसंद करते हैं।

स्वास्थ्य: हल्दी को पानी में मिलाकर पीने का फायदा

हल्दी कई औषधीय गुणों से भरपूर होती है। ये तो आप सभी जानते हैं। लेकिन इस गुणकारी हल्दी का इस्तेमाल लोगों ने कोरोना की पहली वेब से अपनी डाइट में ऐसे शामिल किया कि इसकी उन्हें आदत ही पड़ गई है। हल्दी का इस्तेमाल खाने में रंगत लाने के अलावा सेहत को दुरुस्त रखने के लिए भी खूब किया गया। कुछ लोगों ने हल्दी को दूध में मिलाकर पिया तो कुछ लोगों ने हल्दी को एक गिलास पानी में मिलाकर पिया। हल्दी में प्राकृतिक रूप से एंटी इंफ्लेमेटरी और एंटी ऑक्सीडेंट्स प्रचुर मात्रा में होते हैं। जो कि रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में कारगर साबित हुआ। आज हम आपको हल्दी को पानी में मिलाकर पीने से सेहत को क्या फायदा होता है ये बताएंगे।
ज्यादातर लोग दिल से संबंधित बीमारी से परेशान हैं। ऐसे में हल्दी वाले पानी को पीना आपके लिए लाभदायक होगा। जिन लोगों को हार्ट की समस्या होती है उन्हें हल्दी वाले पानी को जरूर पीना चाहिए। ये खून को गाढ़ा होने से बचाती है। जिससे हार्ट अटैक की आशंका कम होती है।
जिन लोगों को जलन या फिर शरीर के किसी हिस्से में सूजन है तो वो अपनी डाइट में हल्दी वाले पानी को शामिल करें। हल्दी कई औषधीय गुणों से युक्त होती है। हल्दी में पाया जाने वाला कुर्कुमिन तत्व सूजन और जोड़ों में होने वाले दर्द में असरदार है। इसलिए रोज सुबह एक चुटकी हल्दी को पानी में डालकर जरूर पिएं।
अगर आपको डाइजेशन की दिक्कत है तो आप रोजाना एक गिलास हल्दी वाले पानी का सेवन करें। हल्दी में एंटी ऑक्सीडेंट्स, एंटी इंफ्लेमेटी तत्व पाए जाते हैं। जो कि आपकी सेहत के लिए फायदेमंद होते हैं।
लिवर की समस्या से जूझ रहे व्यक्तियों को हल्दी का पानी पीने से आराम मिलेगा। हल्दी के पानी में मौजूद टॉक्सिस लिवर सेल्स को फिर से ठीक करता है। इसके साथ ही हल्दी और पानी में मिले हुए गुण लिवर को संक्रमण से बचाने का काम करते हैं।आजकल ज्यादातर लोग बढ़े वजन की समस्या से परेशान हैं। अगर कोई मोटापे की समस्या से जूझ रहा है तो वो एक चुटकी हल्दी को पानी में डालकर पी लें। ये शरीर में आसानी से घुल जाता है। इसके साथ ही फैट बढ़ाने वाले टिश्यू को बनने से रोकता है।

गुरुवार, 9 सितंबर 2021

बीमारियों से बचाने में वाइन पीना बेहद फायदेमंद

अकांशु उपाध्याय               
नई दिल्ली। वाइन और दिल के बीच के रिश्ते को नकारा नहीं जा सकता है। वैज्ञानिक शोधों में भी ये बात स्पष्ट की गई है कि लोअर हार्ट की बीमारियों से बचाने में वाइन पीना फायदेमंद साबित होता है। अब ताज़ा रिसर्च के मुताबिक एल्कोहॉल फ्री वाइन पीना भी दिल को उतना ही फायदा देने वाला है, जितना एल्कोहॉल वाली रेड वाइन देती है।
वैज्ञानिकों के मुताबिक एल्कोहॉल फ्री वाइन भी सेहत को उतना ही फायदा देती हैं, जितनी एल्कोहॉल वाली वाइन। ये बात हैं की ओर से किए गए एक शोध में बताई गई है। इनके शरीर पर सीमित मात्रा में एल्कोहॉल लेने के प्रभाव देखे जा रहे थे।
रिसर्च में 40 से 69 साल की उम्र के 4 लाख 50 हज़ार लोगों को शामिल किया गया था।  शोध में पाया गया कि उन लोगों में दिल की बीमारी का खतरा कम पाया गया, जिन्होंने एक हफ्ते में 11 ग्लास वाइन पी थी। इन लोगों में ड्रिंक नहीं करने वाले और ज्यादा ड्रिंक करने वाले से 40 फीसदी कम कोरोनरी हार्ट डिज़ीज़ का खतरा था। ऐसा ही रिजल्ट उन लोगों में भी देखने को मिला, जो रोज़ाना नॉन एल्कोहॉल वाली वाइन पी रहे थे। ऐसा इसलिए था, क्योंकि वाइन की खूबियां एल्कोहॉल से नहीं, बल्कि अंगूर के ज़रिये आ रही थीं। अंगूर में पाए जाने वाले हाई एंटी ऑक्सीडेंट्स या पॉलीफेनल्स के चलते दिल की इनर लाइनिंग अच्छे से फंक्शन करने लगती है।
शोध में पाया गया कि जिन लोगों ने हफ्ते में 8-11 ग्लास रेस वाइन पी, उनमें दिल की बीमारी का खतरा कम हुआ। ठीक ऐसा ही उन लोगों के साथ भी हुआ, जिन्होंने एल्कोहॉल फ्री वाइन पी. मुख्य रिसर्चर डॉक्टर रुलोल्फ  का कहना है कि अंगूर से बनी हुई एल्कोहॉल और दिल के बीच के अच्छे रिश्ते को नकारा नहीं जा सकता है। ऐसा ही एल्कोहॉल फ्री वाइन के साथ भी है, क्योंकि पॉलीफेनल्स दोनों ही वाइन में पाए जाते हैं। हालांकि रिसर्च में ये बात भी कही गई है कि जो लोग बियर, साइडर और स्पिरिट जैसी चीज़ें पीते हैं, उनमें कैंसर का खतरा बढ़ जाता है।

 

रविवार, 5 सितंबर 2021

डेयरी उत्पाद से संबंधित प्रावधानों का उल्लंघन

अकांशु उपाध्याय        
नई दिल्ली। नियामक ने कहा, चूंकि ई-कॉमर्स खाद्य कारोबार परिचालकों (एफबीओ) द्वारा काफी उत्पाद बेचे जाते हैं। ऐसे में सभी ई-कॉमर्स कंपनियों को निर्देश दिया गया है कि वे ऐसे उत्पादों को अपने मंच से हटाएं। ये वो उत्पाद होंगे जिन्हें डेयरी के नाम से बेचा जा रहा है। यह डेयरी उत्पाद से संबंधित नियामकीय प्रावधानों का उल्लंघन है।
एफएसएसएआई ने राज्यों को पौधों से बनने वाले पेय और खाद्य उत्पादों के लिए डेयरी लेबल के इस्तेमाल की जांच का भी निर्देश दिया है। एफएसएसएआई ने स्पष्ट किया है कि भविष्य में भी इस तरह के उत्पाद की बिक्री की अनुमति नहीं दी जाएगी।
जांच के आदेश एफएसएसएआई ने राज्यों के खाद्य सुरक्षा विभागों को निर्देश दिया है कि वे एफबीओ द्वारा बेचे जाने वाले ऐसे उत्पादों की जांच करें। नियामक ने कहा है कि यदि एफबीओ द्वारा उत्पाद लेबल का उल्लंघन कर कोई सामान बेचा जा रहा है, तो उन्हें इसमें संशोधन के लिए 15 दिन का समय मिलेगा। एफएसएसएआई ने कहा कि इन कदमों से खाद्य एवं सुरक्षा अधिनियम-2005 का उल्लंघन करने वाले एफबीओ के खिलाफ उचित प्रवर्तन कार्रवाई सुनिश्चित हो सकेगी।

बुधवार, 18 अगस्त 2021

स्वास्थ्य: पनीर के दही वड़े बनाने की जानिएं रेसिपी

दुष्यंत टीकम                   
रायपुर। अक्सर दाल के बने दही वड़े खाएं होंगे। लेकिन क्या आपने कभी पनीर के दही वड़े खाएं है? अगर नहीं तो आज हम आपके लिए पनीर के दही वड़े बनाने की रेसिपी लेकर आए हैं। 
सामग्री
पनीर 200 ग्राम
उबले आलू - 2
जीरा - 2 छोटे चम्मच
तेल - तलने के लिए
अरारोट - 2 बड़े चम्मच
दही - 4 कप
हरी चटनी - 1/2 कप
मीठी चटनी - 1/2 कप
हरी मिर्च - 1 (बारीक कटी हुई)
नमक - स्वादानुसार
हींग- चुटकीभर
लहसुन और लाल मिर्च का पेस्‍ट- 1 छोटा चम्मच
विधि
इसे बनाने के लिए आप सबसे पहले एक बाउल में पनीर, आलू और थोड़ा अरारोट का आटा मिक्स करें।
इसके बाद अब इसमें हरी मिर्च, नमक डालकर मसलकर गूंथें।
फिर पैन में धीमी आंच पर गर्म करें और वड़े के मिक्सचर को हाथ से गोलाकार करके फैलाएं और हल्का सा दबाव कर फ्राई करें।
अब एक कटोरी में दही फेंट कर लाल मिर्च और लहसुन का पेस्ट डालें।
फिर अब इसमें जीरा, लहसुन और हींग का तड़का लगाकर दही में मिक्स करें।
फिर प्लेट में वड़े रखकर ऊपर से फेंटा हुआ दही डालें।
इसके ऊपर हरा धनिया, खट्टी-मीठी चटनी डालकर सर्व करें।

गुरुवार, 12 अगस्त 2021

अरहर दाल को तुअर की दाल के रूप में मानतें हैं

इकबाल अंसारी          
दालें भारतीय भोजन पकाने का एक खास हिस्सा हैं। जब दाल की बात आती है, तो अरहर की दाल अरहर दाल) सबसे लोकप्रिय पाई जाती है। क्योंकि वजन घटाने सहित स्वास्थ्य-लाभ गुणों से भरपूर है। अरहर दाल को तुअर की दाल के रूप में भी जाना जाता है। अरहर की दाल को अक्सर चावल के साथ परोसा जाता है। शाकाहारियों के लिए यह स्पेशल दाल, प्रोटीन और हेल्दी कार्ब्स का एक बड़ा सोर्स है। प्रोटीन समग्र स्वास्थ्य के लिए आवश्यक है। क्योंकि हमारे शरीर को ऊतकों के निर्माण और मरम्मत के लिए इसकी आवश्यकता होती है।
प्रोटीन से भरपूर भोजन आपके पेट को लंबे समय तक भरा हुआ महसूस कराने में मदद कर सकता है। इससे फिटनेस फ्रीक और वजन कम करने की कोशिश करने वालों को फायदा हो सकता है। यहां हम आपको अरहर दाल के कई लाभ बता रहे हैं और इन्हें पढ़ने के बाद आप जानेंगे कि क्यों इसे रोजाना के आहार में शामिल करना जरूरी है।
अरहर की दाल पोटेशियम से भरपूर होती है। पोटेशियम, वैसोडिलेटर के रूप में कार्य करने के लिए जाना जाता है। जो ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल करने में मददगार होता है। यदि आप हाई ब्लड प्रेशर से पीड़ित हैं, तो आप हृदय रोगों की चपेट में आ सकते हैं। ऐसे में आपको अपनी डाइट में अरहर की दाल को शामिल करना काफी फायदेमंद हो सकता है।
​वजन घटाने में मददगार अरहर...
जब आप अपने आहार में प्रोटीन की अधिक मात्रा वाला भोजन शामिल करते हैं तो आप लंबे समय तक तृप्त रहते हैं। ऐसे में रोजाना डाइट में अरहर की दाल को शामिल करने से आपको अपने वजन को घटाने के लक्ष्यों को पूरा करने में काफी मदद मिल सकती है। ऐसे में आप वसायुक्त और ऑइली फूड यानी चिकनाई वाले खाद्य पदार्थों के सेवन से दूर रह सकते हैं, जो केवल कैलोरी को बढ़ाते हैं।
​पाचन स्वास्थ्य को बढ़ावा देती है तुअर...
अरहर दाल आहार फाइबर का एक समृद्ध स्रोत है, जो पाचन तंत्र को बढ़ाने में योगदान देती है। फाइबर, मल को ऊपर उठाने में एक उठाने में एक अहम रोल निभाता है। साथ ही कब्ज और ब्लोटिंग को कम करने में मदद करता है।
​इस तरह से करें अरहर का सेवन...
आप अरहर की दाल का प्रयोग दाल के अलावा खिचड़ी के रूप में भी कर सकते हैं। अरहर दाल की खिचड़ी एक हल्का और आरामदायक भोजन है जो पेट संबंधी समस्याओं के लिए बहुत ही फायदेमंद है। खास बात ये है कि अरहर की दाल और इसकी खिचड़ी दोनों ही आहार जल्दी ही खाने योग्य तैयार हो जाते हैं।
अरहर की दाल यह लगभग सभी भारतीय घरों में एक क्लासिक स्टेपल डिश है। इसे चावल और गर्म तली हुई सब्जियों के साथ मिलाकर खाएं और फिर आपका दिन भर का काम हो गया।

मंगलवार, 10 अगस्त 2021

हलवाई स्टाइल में आलू गोभी बनाने की रेसिपी

दुष्यंत टीकम                     
रायपुर। हलवाई स्टाइल में बनाइए आलू गोभी की सब्जी और खिलाइए सब वाह वाह कहते रह जाएंगे। तो आइए जानते हैं, हलवाई स्टाइल में आलू गोभी बनाने की रेसिपी।
सामग्री :
फूलगोभी (टुकड़ों में कटा हुआ) - 1
आलू (टुकड़ों में कटा हुआ) - 1
मटर - 1 छोटी कटोरी
प्याज (टुकड़ों में कटा हुआ) - 1
लहसुन - 8-10 कलियां
अदरक - 1 छोटा टुकड़ा
हरी मिर्च - 2
टोमैटो प्यूरी - 1 छोटी कटोरी
हल्दी - 1 छोटा चम्मच
लाल मिर्च पाउडर - 1 छोटा चम्मच
धनिया पाउडर - 1 छोटा चम्मच
गरम मसाला - 1 छोटा चम्मच
तेल - जरूरत के अनुसार
नमक - स्वादानुसार
विधि:
इसे बनाने के लिए सबसे पहले आप धीमी आंच में एक पैन में तेल गर्म करके इसमें फूलगोभी और आलू डालकर हल्का सुनहरा होने तक फ्राई कर लें।
फिर हल्का फ्राई होते ही फूलगोभी और आलू को एक प्लेट में निकालकर रख लें।
अब इसी पैन में थोड़ा और तेल डालकर गर्म करने के लिए रखें।
इसी बीच प्याज, लहसुन, अदरक और हरी मिर्च का पेस्ट तैयार करें।
फिर तेल के गर्म होते ही तैयार पेस्ट डालकर सुनहरा होने तक भूनें।
जैसे ही पेस्ट तेल छोड़ने लगे टोमैटो प्यूरी डालकर भून लें।
 इसमें हल्दी, लाल मिर्च पाउडर, धनिया पाउडर और नमक मिक्स करें।
फिर मसालों के भुनते ही फ्राइड गोभी-आलू और साथ में मटर डालकर कड़छी से चलाते हुए अच्छे से मिला लें।
अब सब्जी को ढककर 15 से 20 मिनट के लिए पकाएं।
फिर तय समय के बाद गरम मसाला डालें और 1 मिनट बाद आंच बंद कर दें।
 हलवाई स्टाइल आलू गोभी की सब्जी तैयार है। इसे आप रोटी के साथ सर्व करें।

लोगों के लिए 'पेयजल आपूर्ति' सुनिश्चित की जाएं

लोगों के लिए 'पेयजल आपूर्ति' सुनिश्चित की जाएं  इकबाल अंसारी  चेन्नई। तमिलनाडु में गर्मी दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है। इसे देखते हुए मु...