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शनिवार, 18 फ़रवरी 2023

'यूट्यूब' के प्रमुख बनेंगे भारतीय-अमेरिकी मोहन 

'यूट्यूब' के प्रमुख बनेंगे भारतीय-अमेरिकी मोहन 

अकांशु उपाध्याय/अखिलेश पांडेय 

नई दिल्ली/वाशिंगटन डीसी/लखनऊ। सुजन वोजिस्की द्वारा यूट्यूब के सीईओ का पद छोड़े जाने के बाद भारतीय-अमेरिकी नील मोहन यूट्यूब के प्रमुख बनेंगे। मोहन ने स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी से बैचलर ऑफ साइंस और स्टैनफोर्ड ग्रैजुएट स्कूल ऑफ बिजनेस से एमबीए किया है। एक्सेंचर और माइक्रोसॉफ्ट जैसी कंपनियों में काम कर चुके मोहन 7 वर्षों से अधिक समय से यूट्यूब के चीफ प्रोडक्ट ऑफिसर हैं। नील मोहन ने कहा कि वह इस महत्वपूर्ण मिशन को जारी रखने के लिए उत्साहित हैं और एक नए भविष्य की आशा कर रहे हैं।

उन्होंने ट्वीट किया, धन्यवाद, सुसान वोजिकी, वर्षों से आपके साथ काम करना अद्भुत रहा है। आपने YouTube को रचनाकारों और दर्शकों के लिए एक असाधारण घर बना दिया है। मैं इस महत्वपूर्ण मिशन को जारी रखने के लिए उत्साहित हूं। टिकटॉक और फेसबुक की रील्स जैसी शॉर्ट-फॉर्म वीडियो सेवाओं और नेटफ्लिक्स जैसी स्ट्रीमिंग सेवाओं के साथ प्रतिस्पर्धा के बीच यूट्यूब के विज्ञापन राजस्व में लगातार दूसरी तिमाही में गिरावट आई है।

बता दें कि Susan Wojcicki ने एक पत्र लिखकर अपने इस्तीफे का एलान किया। उन्होंने कहा कि वे अपने जीवन का एक नया अध्याय शुरू करने जा रही है। वे अपनी फैमिली, हेल्थ और पर्सनल प्रोजेक्ट को लेकर नया काम शुरू करेंगी।

यूट्यूब के नवनियुक्त प्रमुख नील मोहन को ट्विटर ने 2011 में नौकरी की पेशकश की थी। ट्विटर ने गूगल में कार्यरत भारतीय मूल के मोहन को अपनी प्रोडक्ट लाइन-अप में सुधार करने की पेशकश की थी। टेकक्रंच की रिपोर्ट के मुताबिक, गूगल ने नील को रुकने के लिए $100 मिलियन का स्टॉक दिया था जिसके बाद वह रुक गए थे।

भारतीय मूल के नील मोहन को यूट्यूब का नया प्रमुख नियुक्त किया गया है। इससे पहले शनैल ने भारतीय मूल की लीना नायर व बाटा ने संदीप कटारिया को सीईओ नियुक्त किया था। वहीं, गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई, माइक्रोसॉफ्ट के सीईओ सत्या नडेला, एडोबी के सीईओ शांतनु नारायण और आईबीएम के सीईओ अरविंद कृष्णा भी भारतीय मूल के हैं।

जान लीजिए कौन हैं Neal Mohan?

लखनऊ के सेंट फ्रांसिस कॉलेज में 12वीं की पढ़ाई पूरी करने के बाद नील मोहन अमेरिका चले गए जहां उन्होंने स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में ग्रेजुएशन किया। नील मोहन लंबे समय से सुसान वोजिकी के सहयोगी रहे, साल 2007 में DoubleClick अधिग्रहण के साथ Google में शामिल हुए।

नील मोहन को साल 2015 में YouTube में चीफ प्रोडक्ट ऑफिसर नियुक्त किया गया था। उन्होंने YouTube शॉर्ट्स, म्यूजिक और सब्सक्रिप्शन ऑफरिंग बनाने पर ध्यान केंद्रित किया। इससे पहले, मोहन माइक्रोसॉफ्ट के साथ काम कर चुके हैं और स्टिच फिक्स और जीनोमिक्स और बायोटेक्नोलॉजी कंपनी 23andMe के बोर्ड में रहे।

मोहन ने साल 1996 में एक्सेंचर (उस समय एंडरसन कंसल्टिंग कहलाती थी) के साथ काम शुरू किया था। बाद में वह नेटग्रैविटी नामक एक स्टार्टअप में शामिल हो गए, जिसे बाद में इंटरनेट विज्ञापन फर्म डबलक्लिक द्वारा अधिग्रहित कर लिया गया।

सेंट फ्रांसिस स्कूल से स्टैंनफोर्ड तक तय किया सफर

नील मोहन ने लखनऊ के सेंट फ्रांसिस स्कूल से कक्षा नौ से 12 तक की पढ़ाई पूरी की थी। इसके बाद इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में डिग्री लेने के लिए स्टैंडफोर्ड यूनिवर्सिटी चले और वहीं बस गए। कक्षा नौ में उनकी क्लास टीचर रहीं प्रो. निशी पांडेय ने क्लास ग्रुप फोटो साझा करते हुए बताया कि बैठे बच्चों के ठीक पीछे वाली पहली पंक्ति में एकदम बाएं...नील मोहन है। वह क्लास का होनहार छात्र था।

शुक्रवार, 17 फ़रवरी 2023

बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री को 'प्रॉपेगंडा' वीडियो करार दिया 

बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री को 'प्रॉपेगंडा' वीडियो करार दिया 

अकांशु उपाध्याय/सुनील श्रीवास्तव 

नई दिल्ली/लंदन। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लेकर डॉक्यूमेंट्री वीडियो बनाने वाली बीबीसी के ऊपर ब्रिटिश सांसद ने सवालिया निशान उठाते हुए बीबीसी की इस डॉक्यूमेंट्री को प्रॉपेगंडा वीडियो करार दिया है। शुक्रवार को अपनी बेबाकी का दावा करने वाली खबर एजेंसी बीबीसी की ओर से भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लेकर बनाई गई डॉक्यूमेंट्री पर बड़े सवाल उठाते हुए ब्रिटिश सांसद वह ब्लैकमैन ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने बीबीसी की इस डॉक्यूमेंट्री को प्रॉपर गंडा वीडियो करार देते हुए इसे भद्दी पत्रकारिता बताया है। 

उन्होंने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लेकर बनाई गई इस डॉक्यूमेंट्री को रिलीज ही नहीं होना चाहिए था। इस डॉक्यूमेंट्री में इस बात को ही नजरअंदाज किया गया है कि वर्ष 2002 में हुए गुजरात दंगों के मामले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ दावों की खुद सुप्रीम कोर्ट द्वारा जांच की जा चुकी है और सुप्रीम कोर्ट ने उनके ऊपर लगे आरोपों को गलत पाया है। ब्रिटिश सांसद ब्लैकमैन ने बीबीसी के भारत की राजधानी दिल्ली और आर्थिक राजधानी मुंबई में हुए आयकर के छापों को लेकर भी बेबाकी से अपनी बात कही है। उन्होंने कहा है कि आयकर विभाग या अन्य एजेंसियों के छापे कोई नई बात नहीं है। पहले भी ऐसा हो चुका है।

गुरुवार, 16 फ़रवरी 2023

गांजे के विज्ञापन दिखाने वाला पहला प्लेटफॉर्म 'ट्विटर'

गांजे के विज्ञापन दिखाने वाला पहला प्लेटफॉर्म 'ट्विटर'

अखिलेश पांडेय 

वाशिंगटन डीसी। माइक्रो ब्लॉगिंग साइट ट्विटर पहला ऐसा सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म बन गया है, जहां पर आपको गांजे के विज्ञापन देखने को मिल सकते हैं। दरअसल, ट्विटर ने अमेरिका में कंपनियों को अपने ब्रांड्स की मार्केटिंग करने की मंजूरी दे दी है। इससे पहले ट्विटर ने गांजे से बनने वाले सीबीडी टॉपिकल प्रोडक्ट्स के विज्ञापनों को मंजूरी दी थी।हालांकि, दूसरी दिग्गज सोशल मीडिया कंपनी फेसबुक और उसकी सहायक कंपनियां इंस्टाग्राम और टिकटॉक, गांजे के विज्ञापन को नहीं दिखाने की नीति का पालन करती हैं, क्योंकि संघीय स्तर पर गांजा गैरकानूनी है।

अमेरिका के 21 राज्यों में गांजे के इस्तेमाल को कानूनी मंजूरी मिली हुई है। वहीं, 37 राज्यों में गांजे के मेडिकल इस्तेमाल को मंजूरी दी गई है। हालांकि, केवल दो ऐसे राज्य – इडाहो, नेब्रास्का, हैं जो कि गांजे के कानूनी इस्तेमाल को मंजूरी नहीं देते हैं। ट्विटर ने कहा है कि वह कैनबिज कंपनियों को विज्ञापन की तब तक मंजूरी देगी जब तक कि उनके पास आवश्यक लाइसेंस है। कंपनी ने आगे कहा कि वह इस बात का ध्यान रखेगी कि कंपनियां केवल वहीं तक विज्ञापनों की पहुंच बना सकें जहां गांजे के कानूनी इस्तेमाल के लिए उन्हें लाइसेंस मिला हुआ है। इसके साथ ही, वह इस बात का भी ध्यान रखेगी कि कंपनियां 21 साल से कम उम्र के लोगों को निशाना न बना पाएं।

ट्विटर की इस घोषणा की, अधिकतर कैनबिज कंपनियों ने सराहना की। कई राज्यों में गांजे और उसके मेडिकल इस्तेमाल का कारोबार करने वाली कंपनी क्रेस्को लैब्स ने कहा कि यह गांजे के कानूनी मार्केट के लिए एक बड़ी जीत है। Trulieve Cannabis Corp ने बुधवार को ट्विटर पर एक साथ कई राज्यों के लिए विज्ञापन की शुरुआत कर दी।बता दें कि, कोविड-19 महामारी के बाद अमेरिका की कैनबिज इंडस्ट्री को रेगुलेटरी और आर्थिक चुनौतियों के कारण गिरावट का सामना करना पड़ा है।अवैध मार्केट भी उनके ग्राहकों में सेंध लगा रहा है जिसके कारण उनके दामों में गिरावट आ रही है। अमेरिकी कैनबिज कंपनी Curaleaf को हाल ही में अपने वर्कफोर्स में 10 फीसदी की कटौती करनी पड़ी और तीन अमेरिकी राज्यों में अपने अधिकतर कामकाज को रोकना पड़ा है।

सोमवार, 13 फ़रवरी 2023

डब्ल्यूएचओ ने 'बर्ड फ्लू' को लेकर अलर्ट जारी किया 

डब्ल्यूएचओ ने 'बर्ड फ्लू' को लेकर अलर्ट जारी किया 

अकांशु उपाध्याय/सुनील श्रीवास्तव 

नई दिल्ली/वाशिंगटन डीसी। दुनिया का सबसे खतरनाक वायरस कोरोना से हर कोई वाकिफ होगा। इसके कई नए वेरिएंट सामने आते रहे हैं और तबाही का मंजर दिखाते रहे हैं। अब हाल ही में विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने एक नए वायरस को लेकर अलर्ट जारी कर दिया है। बता दें कि डबल्यूएचओ ने बर्ड फ्लू को दुनिया के लिए एक नया खतरा बताया है। बर्ड फ्लू को एवियन फ्लू कहा जाता है, जो समुद्री पक्षी, बत्तख, मुर्गी आदि को संक्रमित करता है। बर्ड फ्लू एवियन इन्फ्लूएंजा टाइप ए वायरस के संक्रमण से होने वाली एक गंभीर बीमारी है। ये बीमारी स्तनधारी पक्षियों के साथ साथ इंसाओं को भी संक्रमित कर सकती है। 

चार स्ट्रेन ज्यादा खतरनाक
हाल ही में डबल्यूएचओ की तरफ से एक एनालिसिस में कहा गया है कि ये बीमारी सिर्फ पक्षियों को ही नहीं बल्कि इंसानों के लिए भी खतरा पैदा कर सकती है। इसके H5N1, H7N9, H5N6 और H5N8 के चार स्ट्रेन ज्यादा खतरनाक हैं। इसमें से H5N1 वायरस के मामले स्तनधारी जीवों में पाए गए हैं। डबल्यूएचओ ने बताया कि बर्ड फ्लू एक जूनोटिक वायरस है, इसलिए फिलहाल इसके फैलने का खतरा जानवरों में ज्यादा है। लेकिन, ध्यान रखें कि कोरोना वायरस के शुरुआती स्ट्रेन भी जूनोटिक थे, जिन्होंने 2019 में म्यूटेट होकर इंसानों में तेजी फैलना शुरू किया था। इसलिए स्वास्थ्य संगठन इस वायरस के मामलों पर बारीकी से नजर बनाए हुए है।

इन बातों का रखें ख्याल 
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने इस दौरान कहा कि लोग मरे हुए या बीमार जंगली जानवरों को न छुएं और न ही कलेक्ट करें, बल्कि उन्हें स्थानीय अधिकारियों को रिपोर्ट करें। डबल्यूएचओ राष्ट्रीय अधिकारियों के साथ काम कर रहा है, ताकि स्थिति की बारीकी से निगरानी की जा सके और मनुष्यों में H5N1 संक्रमण के मामलों की अच्छे से स्टडी की जा सके। सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन के मुताबिक, बर्ड फ्लू वायरस के संक्रमण से इंसानों में बीमारी बिना किसी लक्षण या हल्के बीमारी से लेकर गंभीर बीमारी तक हो सकती है। स्थिति गंभीर होने पर पीड़ित मरीज की मौत भी हो सकती है।

इंसानों में पाया जानेवाला लक्षण

  • बहुत तेज बुखार
  • मांसपेशियों में दर्द होना
  • सिरदर्द
  • खांसी व सांस फूलना
  • डायरिया
  • पेट दर्द
  • छाती में दर्द
  • नाक या मसूडों से खून आना
  • आंख आना

शनिवार, 11 फ़रवरी 2023

सिर्फ ऑनलाइन ही भरे जा सकते हैं 'हज' आवेदन 

सिर्फ ऑनलाइन ही भरे जा सकते हैं 'हज' आवेदन 

हज 2023 से आवेदन शुरू 


अकांशु उपाध्याय/अखिलेश पांडेय 

नई दिल्ली/रियाद। अल्हम्दुलिल्लाह हज 2023 के आवेदन शुरू हो चुके हैं। हज आवेदन सिर्फ ऑनलाइन ही भरे जा सकते हैं। आवेदन की आखिरी तारीख 10 मार्च 2023 है। हज 2023 पर जाने का इरादा रखने वाले लोग याद रखें, कि इस बार उनको फार्म भरने एवं हज के पैसे जमा करने के लिए बहुत ही कम समय मिलेगा। इस लिए अपने सभी कागज़ात तथा पैसे का इंतज़ाम कर के रखें, तथा सभी हाजी लोग निम्नलिखित महत्वपूर्ण दस्तावेज बिल्कुल तैयार रखें...

1- वालिद पासपोर्ट ( जिसकी Validity 2024 के 03 फरवरी तक हो)।

2- आधार कार्ड (सभी हाजियों के)।

3- पैन कार्ड (सभी हाजियों के)।

4- सेविंग बैंक खाते की पासबुक या कैंसिल चेक (कवर हैड बनने वाले हाजी की)

5- ब्लड ग्रुप रिपोर्ट 

6- कोरोना वैक्सीन सर्टिफिकेट ( कम से कम दो डोज़ या अतिरिक्त तीसरी डोज़)।

7- दो पासपोर्ट साइज फोटो (जिनकी पीछे की बैकग्राउंड सफेद होनी चाहिए)।

8- हाजी का अपना ई. मेल Email Address व मोबाइल नंबर।

9- नोमानी, यानी हाजी के किसी वारिस का आधार कार्ड  व मोबाइल नंबर व ई. मेल।

10- (ऑप्शनल) फीस जमा करने के लिए किसी भी बैंक खाते का डेबिट/क्रेडिट कार्ड।

बुधवार, 8 फ़रवरी 2023

भूकंप: तुर्की के 10 प्रांतों में 'आपातकाल' की घोषणा 

भूकंप: तुर्की के 10 प्रांतों में 'आपातकाल' की घोषणा 

डॉक्टर सुभाषचंद्र गहलोत 

अंकारा/डमस्कस। तुर्की और सीरिया में भीषण भूकंप आने के बाद मृतकों की संख्या बढ़कर 8000 से अधिक हो गई है। भूकंप के बाद तुर्की के राष्ट्रपति रेचप तैयप एर्दोआन ने देश के 10 प्रांतों में 3 महीने के आपातकाल की घोषणा की है। तुर्की के 12,000 से अधिक राहत व बचाव कर्मी प्रभावित क्षेत्रों में काम कर रहे हैं।

सोमवार को आए भूकंप ने तुर्की और सीरिया की कमर तोड़ दी है। इस आपदा में करीब 8 हजार लोगों की मौत हो चुकी है और ये आंकड़ा लगातार बढ़ता जा रहा है। रेस्क्यू ऑपरेशन लगातार चलाया जा रहा है और अस्पताल पीड़ितों से पटे पड़े हैं। इस भीषण आपदा के बीच भारत लगातार तुर्की और सीरिया को मदद पहुंचा रहा है। भारत ने राहत सामग्री के अलावा 30 बिस्तरों की चिकित्सा सुविधा वाले इंडियन आर्मी फील्ड अस्पताल को भी मौके पर भेजा है। 

गौरतलब है कि तुर्की के दक्षिणी प्रांत कहरामनमारस में सोमवार को स्थानीय समयानुसार सुबह 4:17 बजे 7.7 तीव्रता का भूकंप आया। इसके कुछ मिनट बाद देश के दक्षिणी प्रांत गजियांटेप में 6.4 तीव्रता का भूकंप आया और कहरामनमारस में फिर दोपहर बाद 01:24 बजे 7.6 तीव्रता का भूकंप आया। चीन का 82 सदस्यीय बचाव दल चार्टर्ड एयर चाइना के विमान से 8,000 किमी से अधिक की उड़ान भरने के बाद बुधवार को स्थानीय समयानुसार सुबह 4:30 बजे तुर्की के अदाना हवाई अड्डे पर पहुंचा।

भूकंप ने तुर्की और सीरिया को काफी नुकसान पहुंचाया है। मरने वालों की संख्या लगातार बढ़ रही है और आशंका जताई गई है कि हजारों लोग मलबे के नीचे दबे हुए हैं। इस बीच बर्फबारी और खराब मौसम की वजह से रेस्क्यू ऑपरेशन में परेशानी आ रही है। खराब मौसम की वजह से हेलिकॉप्टर की लैंडिंग नहीं हो पा रही है। ऐसे में राहत सामग्री सड़क के रास्ते ही पहुंच पा रही है। 

तुर्की और सीरिया में आए भूकंप की वजह से लगातार मौतों का आंकड़ा बढ़ रहा है। अभी तक करीब 8 हजार लोगों की मौत हो चुकी है लेकिन विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इस आपदा में करीब 20 हजार लोगों के मरने की आशंका जताई है। सीरिया में भूकंप से तबाही के बाद 6 टन राहत सहायता लेकर भारतीय वायुसेना का विमान सीरिया रवाना हो गया है। भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने विमान की रवानगी का वीडियो ट्वीट कर बताया कि खेप में जीवन रक्षक दवाएं और आपातकालीन चिकित्सा वस्तुएं शामिल हैं। उन्होंने लिखा, भारत इस त्रासदी से प्रभावित लोगों के साथ एकजुटता से खड़ा है।

भारत ने तुर्की में भीषण भूकंप के बाद हुई तबाही के मद्देनज़र वहां 30 बेड की मेडिकल यूनिट स्थापित करने के लिए सेना का दल भेजा है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा, मेडिकल यूनिट के शुरुआती कॉम्पोनेंट्स को वायुसेना के सी17 विमान से 45 सदस्यीय मेडिकल टीम के साथ...भेजा गया है। यूनिट में एक्स-रे मशीन और वेंटिलेटर्स भी होंगे।

सीरिया में भूकंप के बाद मलबे के नीचे एक 7-वर्षीय सीरियाई लड़की की अपने भाई को बचाने की तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हो गई है। संयुक्त राष्ट्र के प्रतिनिधि मोहम्मद सफा ने तस्वीर शेयर कर ट्वीट किया, वे 17 घंटों तक मलबे के नीचे दबे रहे। तस्वीर पर एक यूज़र ने कहा, चमत्कार होते हैं। सीरिया के आफरीन शहर में भूकंप के बाद मलबे में दबी एक महिला ने एक बच्ची को जन्म दिया है। सीरिया के पत्रकारों के अनुसार, बच्ची के माता-पिता को बचाया नहीं जा सका। वहीं, बच्ची को मलबे से निकाले जाने का एक वीडियो भी सामने आया है, जिसमें एक शख्स बच्ची को सुरक्षित स्थान पर ले जाता दिखा।

सोमवार, 6 फ़रवरी 2023

तुर्की-सीरिया में भूकंप, 2300 से अधिक लोगों की मौंत

तुर्की-सीरिया में भूकंप, 2300 से अधिक लोगों की मौंत

डॉक्टर सुभाषचंद्र गहलोत 

अंकारा/डमस्कस। दक्षिण-पूर्वी तुर्की और दक्षिणी सीरिया में सोमवार को आए 7.8 की तीव्रता के शक्तिशाली भूकंप में 2300 से अधिक लोगों की मौंत हो गई। भूकंप से सैकड़ों इमारतों को नुकसान पहुंचा है। हताहतों की संख्या बढ़ने की आशंका है, क्योंकि बचावकर्मी अब भी प्रभावित इलाकों में मलबे में फंसे लोगों की तलाश में जुटे हैं। सीमा के दोनों ओर भूंकप का झटका सूर्योदय से पहले महसूस हुआ और लोगों को सर्दी तथा बारिश के बावजूद बाहर आना पड़ा। भूकंप से कई इमारतें ध्वस्त हो गई हैं और भूकंप उपरांत झटके अब भी महसूस किए जा रहे हैं। विभिन्न शहरों में बचावकर्मी और निवासी ध्वस्त हुई इमारतों से जिंदा लोगों को निकालने की कोशिश कर रहे हैं।

भूकंप में ध्वस्त हुए तुर्किये के एक अस्पताल और सीरिया के गिने-चुने अस्पतालों से नवजातों सहित मरीजों को सुरक्षित बाहर निकालना पड़ा। तुर्किये के शहर अदाना के एक निवासी ने बताया कि उसके आसपास की तीन इमारतें ध्वस्त हो गई हैं। पत्रकारिता के छात्र मुहम्मद फतीह यवुज ने बताया कि मलबे में जिंदा फंसे एक व्यक्ति ने बचावकर्मियों द्वारा निकाले जाने की कोशिश के दौरान कहा, ‘‘अब मुझमें कोई ताकत नहीं बची है।’’

तुर्की के राष्ट्रपति रजब तैयब एर्दोआन ने कहा, ‘‘भूकंप वाले क्षेत्र में कई इमारतों का मलबा को हटाने का काम जारी है, हम नहीं जानते कि मृतकों और घायलों की संख्या कितनी बढ़ेगी।’’ उन्होंने कहा, ‘‘उम्मीद है कि हम इस विपदा वाले दिन को हमारी एकता और देश के प्रति एकजुटता पीछे छोड़ देगी।’’ भूकंप का केंद्र तुर्किये का दक्षिण पूर्वी प्रांत कहरमनमारस था और झटके दूर काहिरा तक महसूस किए गए। दमिश्क में भी लोगों को भूकंप की वजह से सड़कों पर आना पड़ा और बेरूत में जब झटके महसूस हुए, तब लोग सो रहे थे। भूकंप सीरिया के उस क्षेत्र में आया, जहां एक दशक से अधिक समय से गृह युद्ध जारी है और प्रभावित इलाका सरकार और विद्रोहियों में बंटा हुआ तथा उनके चारों ओर रूस समर्थित सरकारी सेनाएं तैनात हैं।

वहीं, तुर्की वाले इलाके में संघर्ष की वजह से लाखों शरणार्थी बसे हुए हैं। विरोधियों के कब्जे वाले सीरियाई इलाके में लड़ाई की वजह से विस्थापित 40 लाख लोग रह रहे हैं। इनमें से कई उन इमारतों में रह रहे थे, जो पहले से ही बमबारी की वजह से क्षतिग्रस्त थे। व्हाइट हेलमेट नामक विपक्षी आपात संगठन ने एक बयान में कहा कि सैकड़ों परिवार मलबे में दबे हैं। बचावकर्मियों ने बताया कि पहले ही संसाधनों की किल्लत से जूझ रहे चिकित्सा केंद्र और अस्पताल जल्द घायलों से भर गए। एसएमएस चिकित्सा संगठन के मुताबिक सैन्य अस्पताल सहित कई अस्पतालों को खाली कराया गया है। यह इलाका प्रमुख भूकंप संभावित क्षेत्र में पड़ता है और वर्ष 1999 में उत्तर पश्चिमी तुर्की में आए इसी तरह के शक्तिशाली भूकंप में करीब 18 हजार लोगों की मौत हुई थी।

अमेरिकी भूगर्भ सर्वेक्षण के अनुसार, भूकंप का केंद्र गजियांतेप से करीब 33 किलोमीटर दूर 18 किलोमीटर की गहराई पर था। प्रांतों में इसके झटके महसूस किए गए। सर्वेक्षण के मुताबिक, कुछ घंटे के बाद 7.5 तीव्रता का एक और भूकंप महसूस किया गया, जिसका केंद्र पूर्व के केंद्र से महज 100 किलोमीटर दूर था। तुर्किये की आपदा प्रबंधन एजेंसी ने बताया कि यह अलग भूकंप था और झटके के बाद दर्जनों और झटके आने की आशंका है।

एजेंसी के ओरहान ततार ने संवाददाताओं को बताया कि दो झटकों के बाद सैकड़ों झटकों की आशंका है। सीरिया के अलेप्पो और हामा शहर से लेकर तुर्की के दियारबाकीर तक हजारों इमारतों के ध्वस्त होने की सूचना है। राष्ट्रपति ने बताया कि भूकंप से करीब 3000 इमारतें ध्वस्त हो गई हैं। उपराष्ट्रपति ने बताया कि भूमध्य सागरीय तटीय शहर इस्कानदेरोन में एक अस्पताल ध्वस्त हो गया, लेकिन हताहतों की संख्या की तत्काल जानकारी नहीं मिली है।

तुर्की के टेलीविजन स्टेशन ने तस्वीरें प्रसारित की हैं, जिनमें उनके स्टूडियो में रखी टीवी की स्क्रीन चार या पांच टुकड़ों में बट गई। कहरमनमारस शहर में बचाव कर्मियों ने दो बच्चों को जिंदा मलबे से निकाला है और तस्वीरों में दिख रहा है कि बर्फ से ढके मैदान में उन्हें स्ट्रेचर पर लिटाया गया है। अब तक तुर्किये की मदद के लिए दर्जनों देशों के अलावा यूरोपीय संघ और नाटो ने पेशकश की है और तलाशी व बचाव दल से लेकर चिकित्सा और धन भेज रहे हैं।

नॉटिंघम ट्रेंट यूनिवर्सिटी में प्राकृतिक खतरे के विशेषज्ञ डॉ. स्टीवन गॉडबाई ने कहा कि प्रभावित इलाकों से जो तस्वीरें आ रही हैं, उससे प्रतीत होता है कि उल्लेखनीय जान की हानि हुई है, इलाके में सर्दी और गृह युद्ध ने बचाव कार्य में लगे कर्मियों की जटिलता बढ़ा दी है। तुर्किये में लोग भूकंप प्रभावित इलाकों को छोड़कर बाहर जाना चाहते हैं जिसकी वजह से यातायात जाम की स्थिति उत्पन्न हो गई है और आपात टीम को घटनास्थलों पर पहुंचने में मुश्किल का सामना करना पड़ रहा है।

अधिकारियों ने लोगों से सड़कों पर नहीं आने की अपील की है। इलाके की मस्जिदों को उन लोगों के लिए खोल दिया गया है जिनके घर क्षतिग्रस्त हो गए हैं, क्योंकि इलाके में तापमान शून्य के करीब है। भूकंप की वजह से गैजियांतेप की पहाड़ी पर स्थित ऐतिहासिक कैसल को नुकसान पहुंचा है। किले की दीवार और निगरानी स्तंभों को भारी नुकसान पहुंचा है। वहीं, उत्तर-पश्चिमी सीरिया में कब्जे वाले इदलिब प्रांत में भूकंप ने एक नया संकट खड़ा कर दिया, जो पहले ही कई वर्षों से रूसी और सरकार के हवाई हमलों को झेल रहा है।

यह क्षेत्र भोजन से लेकर चिकित्सकीय आपूर्ति तक हर चीज के लिए तुर्की पर निर्भर है। सभी राहत सामग्री तुर्किये के रास्ते ही इदलिब पहुंचती है। उत्तर पश्चिमी सीरिया में विपक्ष के ‘सीरियन सिविल डिफेंस’ ने विद्रोहियों के कब्जे वाले क्षेत्र में स्थिति को ‘‘विनाशकारी’’ बताते हुए कहा कि इमारतें ढहने से कई लोग मलबे में दब गए हैं। तुर्किये की सीमा के नजदीक सीरियाई विद्रोहियों के कब्जे वाले छोटे शहर अजमरिन में कई बच्चों के शव कंबल में लपेटकर अस्पताल लाए गए हैं।

सीरिया के पुरातत्व व संग्रहालय महानिदेशक ने बताया कि भूकंप की वजह से ईसाई धर्मयोद्धाओं द्वारा निर्मित मरकब या निगरानी दुर्ग की दीवारें, मीनार और कुछ अन्य दीवारें ध्वस्त हो गईं, जिनसे प्राचीन काल में भूमध्य सागर पर नजर रखी जाती थी। तुर्किये के मुताबिक, भूकंप से देश के 10 प्रांतों में 1500 से अधिक लोगों की मौत हुई है और 8500 से अधिक लोग घायल हुए हैं। सीरिया के स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, सीरिया में भूकंप से मारे गए लोगों की संख्या बढ़कर 430 हो गई है और करीब 1280 अन्य घायल हुए हैं। व्हाइट हेलमेट के मुताबिक, सीरिया में विद्रोहियों के कब्जे वाले इलाके में कम से 380 लोगों की मौत हुई है।

हालांकि, एसएएमएस ने मृतकों की संख्या 135 बताई है। दोनों संगठनों ने घायलों की संख्या सैकड़ों बताई है। सीरिया की राजधानी दमिश्क में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए और लोग भय के चलते सड़कों पर आ गए। लेबनान में भी लोगों ने करीब 40 सेकंड तक कंपन महसूस किया। लेबनान की राजधानी बेरूत में कई लोग घरों से बाहर निकल आए और कार की मदद से इमारतों से दूर चले गए। तुर्किये के हतय प्रांत के विधायक हुसैन यायमन ने बताया कि उनके परिवार के कई सदस्य ध्वस्त मकान के मलबे में दब गए हैं। उन्होंने हबेरतुर्क टेलीविजन चैनल को बताया, ‘‘कई लोग मलबे में दबे हैं। कई इमारतें ध्वस्त हो गई हैं। और लोग बारिश व सर्दी के बीच सड़कों पर हैं।’’

रविवार, 5 फ़रवरी 2023

'राष्ट्रपति' मुशर्रफ का पार्थिव शरीर पाक लाया जाएगा 

'राष्ट्रपति' मुशर्रफ का पार्थिव शरीर पाक लाया जाएगा 

डॉक्टर सुभाषचंद्र गहलोत 

इस्लामाबाद/आबूधाबी। पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति जनरल परवेज मुशर्रफ (सेवानिवृत्त) का पार्थिव शरीर पाकिस्तान लाया जाएगा। खबरों में यह जानकारी दी गई है। दुबई में देश के महावाणिज्य दूतावास ने रविवार को पूर्व सैन्य शासक का पार्थिव शरीर उनके देश वापस भेजने के लिए अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) जारी किया। वर्ष 1999 में कारगिल युद्ध की साजिश रचने वाले मुशर्रफ का रविवार को एक लाइलाज बीमारी से वर्षों तक जूझने के बाद दुबई के एक अस्पताल में निधन हो गया। वह 79 वर्ष के थे। मुशर्रफ पाकिस्तान में अपने खिलाफ आपराधिक आरोपों से बचने के लिए 2016 से संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) में रह रहे थे। 

रिपोर्ट के अनुसार, मुशर्रफ के परिवार ने दुबई में पाकिस्तानी वाणिज्य दूतावास में एक आवेदन दायर कर उनके पार्थिव शरीर को दफनाने के लिए पाकिस्तान ले जाने की अनुमति मांगी थी। खबर के अनुसार, मुशर्रफ का पार्थिव शरीर पाकिस्तान लाने के लिए एक विशेष सैन्य विमान नूर खान एयरबेस से दुबई के लिए उड़ान भरेगा।

खबर में हालांकि इस संबंध में विस्तृत जानकारी नहीं दी गई है। इस बीच खबर के अनुसार, दुबई में पाकिस्तान के महावाणिज्य दूतावास ने उनके पार्थिव शरीर को पाकिस्तान वापस भेजने के लिए अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी किया है। समाचार एजेंसी ने महावाणिज्यदूत हसन अफजल खान के हवाले से खबर में कहा, ‘‘हम परिवार के संपर्क में हैं और वाणिज्य दूतावास हर संभव मदद करेगा। वाणिज्य दूतावास ने अनापत्ति प्रमाण-पत्र जारी कर दिया है।’’

पाकिस्तान के पूर्व 'राष्ट्रपति' मुशर्रफ का निधन

पाकिस्तान के पूर्व 'राष्ट्रपति' मुशर्रफ का निधन

डॉक्टर सुभाषचंद्र गहलोत 

इस्लामाबाद/आबूधाबी। पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ का रविवार को निधन हो गया। वे 79 साल के थे। पाकिस्तान मीडिया ने सूत्रों के हवाले से यह खबर दी है। मुशर्रफ लंबे समय से बीमार चल रहे थे। दुबई के अस्पताल में उनका इलाज किया जा रहा था, वहीं उनका निधन हो गया।

लंबे समय से अमाइलॉइडोसिस बीमारी से परेशान थे

मुशर्रफ कई महीने से अस्पताल में भर्ती थे। उनके परिवार ने ट्विटर पर जानकारी देते हुए कहा था कि वे अमाइलॉइडोसिस नाम की बीमारी से जूझ रहे हैं, जिसके चलते उनके सभी अंगों ने काम करना बंद कर दिया है। अब रिकवरी की भी कोई गुंजाइश बाकी नहीं है। मुशर्रफ के परिवार ने 8 महीने पहले मुशर्रफ की यह तस्वीर जारी की थी, तब वे दुबई के अस्पताल में भर्ती थे। मुशर्रफ के परिवार ने 8 महीने पहले मुशर्रफ की एक तस्वीर जारी की थी, तब वे दुबई के अस्पताल में भर्ती थे।

ब्रिटेन की नेशनल हेल्थ सर्विस (NHS) के मुताबिक, अमाइलॉइडोसिस दुर्लभ और गंभीर बीमारियों का समूह है। इसमें इंसान के शरीर में अमाइलॉइड नाम का असामान्य प्रोटीन बनने लगता है। यह दिल, किडनी, लिवर, नर्वस सिस्टम, दिमाग आदि अंगों में जमा होने लगता है, जिस वजह से इन अंगों के टिशूज ठीक से काम नहीं कर पाते।

सेना में जुड़े मुशर्रफ, 1965 में भारत से लड़े थे युद्ध, पाकिस्तान ने माना वीर

कॉलेज की पढ़ाई खत्म करने के बाद 21 साल की उम्र परवेज मुशर्रफ ने बतौर जूनियर अफसर पाकिस्तानी आर्मी जॉइन कर ली। उन्होंने 1965 के युद्ध में भारत के खिलाफ लड़ाई लड़ी। ये युद्ध पाकिस्तान हार गया। बावजूद इसके बहादुरी से लड़ने के लिए पाक सरकार की ओर से मुशर्रफ को मेडल दिया गया। 1971 के युद्ध में भी मुशर्रफ की महत्वपूर्ण भूमिका रही। जिसे देखते हुए सरकार ने उन्हें कई बार प्रमोट किया। 1998 में परवेज मुशर्रफ जनरल बने। उन्होंने भारत के खिलाफ़ कारगिल की साजिश रची। लेकिन बुरी तरह से असफल रहे। अपनी जीवनी ‘ ‘इन द लाइन ऑफ फायर – अ मेमॉयर’ में जनरल मुशर्रफ ने लिखा कि उन्होंने कारगिल पर कब्जा करने की कसम खाई थी। लेकिन नवाज शरीफ की वजह से वो ऐसा नहीं कर पाए।

जिस नवाज शरीफ ने बनाया सेनाध्यक्ष, उन्हें ही सत्ता से बाहर किया

1998 में तत्कालीन पाक पीएम नवाज शरीफ ने परवेज मुशर्रफ पर भरोसा करके उन्हें पाकिस्तानी सेना का प्रमुख बनाया। लेकिन एक साल बाद ही 1999 में जनरल मुशर्रफ ने नवाज शरीफ का तख्तापलट कर दिया और पाकिस्तान के तानाशाह बन गए। उनके सत्ता संभालते ही नवाज शरीफ को परिवार समेत पाकिस्तान छोड़ना पड़ा था।

सत्ता में रहते हुए जनरल मुशर्रफ ने बलूचिस्तान में आजादी की मांग करने वालों के साथ काफी बुरा सुलूक किया। सैकड़ों लोगों की हत्या कर दी गई। यही कारण है कि सत्ता जाने के बाद में बलूच महिलाओं ने अमेरिका से जनरल मुशर्रफ को वैश्विक आतंकवादी घोषित करने की मांग की थी।

अपने पीछे एक ‘विवादित विरासत’ छोड़ गए है राष्ट्रपति 

अपने पीछे एक ‘विवादित विरासत’ छोड़ गए है राष्ट्रपति 

अकांशु उपाध्याय/अखिलेश पांडेय 

नई दिल्ली/इस्लामाबाद। रणनीतिक मामलों के विशेषज्ञों ने रविवार को कहा कि पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ अपने पीछे एक ‘‘विवादित विरासत’’ छोड़ गए हैं। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के पूर्व सैन्य तानाशाह परवेज मुशर्रफ 1999 के करगिल युद्ध के सूत्रधार थे। हालांकि, बाद में मुशर्रफ को एहसास हुआ, कि उन्हें अपने देश की स्थिरता के लिए भारत के साथ अच्छे संबंध रखने की जरूरत है। पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति जनरल (सेवानिवृत्त) परवेज मुशर्रफ का रविवार को दुबई के एक अस्पताल में निधन हो गया। वह 79 वर्ष के थे। मुशर्रफ ने 1999 में सैन्य तख्तापलट कर लोकतांत्रिक रूप से चुनी हुई सरकार को गिरा दिया और नौ साल तक देश पर शासन किया।

पाकिस्तान में तैनात रहे पूर्व भारतीय उच्चायुक्त जी. पार्थसारथी और टी.सी.ए. राघवन ने मुशर्रफ की विरासत को ‘‘विवादित’’ बताया और कहा कि उन्होंने करगिल युद्ध के बाद महसूस किया कि अगर भारत के साथ अच्छे संबंध नहीं रखे गए तो पाकिस्तान में कुछ भी बदलाव नहीं आएगा। राघवन ने कहा कि भारत और पाकिस्तान के बीच बेहतर संबंधों का दौर 2004 में तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व में शुरू हुआ था और यह प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के कार्यकाल के दौरान नवंबर 2008 में मुंबई में हुए आतंकी हमले तक जारी रहा।

पाकिस्तान के पूर्व विदेश मंत्री खुर्शीद महमूद कसूरी के अपनी किताब ‘नाइदर ए हॉक, नॉर ए डव’ में किए गए इस दावे के बारे में पूछे जाने पर कि भारत और पाकिस्तान वाजपेयी और मुशर्रफ के बीच 2001 के आगरा शिखर सम्मेलन के दौरान कश्मीर समस्या का समाधान खोजने के करीब थे, राघवन ने कहा, ‘‘ऐसा था और इसमें थोड़ी सच्चाई है।’’ उन्होंने पीटीआई-भाषा से कहा कि मुशर्रफ के कार्यकाल में भारत-पाकिस्तान संबंधों में उतार-चढ़ाव दोनों देखे गए।

राघवन ने कहा, ‘‘मुशर्रफ करगिल युद्ध के सूत्रधार थे, लेकिन इसके बाद उन्होंने यह भी महसूस किया कि उन्हें भारत के साथ अच्छे संबंध रखने की जरूरत है और उन्होंने इस संबंध में अच्छी प्रगति की। विशेष रूप से नियंत्रण रेखा पर तनाव कम करके तथा सीमा पार व्यापार और लोगों की आवाजाही की शुरुआत करके कुछ सकारात्मक कदम उठाए गए। तो यह एक दोहरे प्रकार की विरासत है।’’

पार्थसारथी ने कहा, ‘‘जब मैं उच्चायुक्त था, मैं मुशर्रफ को व्यक्तिगत रूप से जानता था। वह करगिल युद्ध के सूत्रधार थे और उन्हें विश्वास था कि वह करगिल में पूरे पहाड़ी क्षेत्रों पर नियंत्रण करने में सफल होंगे और हमारे संचार तंत्र को प्रभावित कर सकेंगे।’’ उन्होंने कहा कि करगिल युद्ध में हार के बाद मुशर्रफ को अपने देश में आलोचनाओं का सामना करना पड़ा। पार्थसारथी ने  कहा, ‘‘इस बात को लेकर कुछ संदेह था कि तत्कालीन प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को युद्ध के बारे में पूरी जानकारी थी या नहीं।’’

शनिवार, 4 फ़रवरी 2023

भारत, फ्रांस और यूएई ने महत्वाकांक्षी रूपरेखा पेश की

भारत, फ्रांस और यूएई ने महत्वाकांक्षी रूपरेखा पेश की

अकांशु उपाध्याय/अखिलेश पांडेय 

नई दिल्ली/पेरिस/आबूधाबी। भारत, फ्रांस और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) ने शनिवार को एक त्रिपक्षीय ढांचे के तहत रक्षा, परमाणु ऊर्जा और प्रौद्योगिकी के क्षेत्रों में सहयोग के लिए एक महत्वाकांक्षी रूपरेखा पेश की। विदेश मंत्री एस जयशंकर, उनकी फ्रांसीसी समकक्ष कैथरीन कोलोना और यूएई के शेख अब्दुल्ला बिन जायद अल नाहयान के बीच फोन पर बातचीत के दौरान योजना को अंतिम रूप दिया गया।

एक संयुक्त बयान में कहा गया है कि यह स्वीकार किया गया कि रक्षा तीनों देशों के बीच घनिष्ठ सहयोग का क्षेत्र है। बयान में कहा गया है कि तीनों पक्षों ने त्रिपक्षीय ढांचे के तहत सौर और परमाणु ऊर्जा पर ध्यान देने के साथ ऊर्जा के क्षेत्र में परियोजनाओं को निष्पादित करने पर सहमति जताई। इसमें कहा गया है, ‘‘यह स्वीकार किया गया कि रक्षा तीन देशों के बीच घनिष्ठ सहयोग का क्षेत्र है। इसलिए, तीन देशों के रक्षा बलों के बीच सहयोग और प्रशिक्षण के लिए रास्ते तलाशे जाने के प्रयास किये जायेंगे।’’ भारत, फ्रांस और संयुक्त अरब अमीरात भी खाद्य सुरक्षा और चक्रीय (सर्कुलर) अर्थव्यवस्था में सहयोग को बढ़ावा देने पर सहमत हुए और एकल उपयोग वाले प्लास्टिक के प्रदूषण और मरुस्थलीकरण जैसे प्रमुख मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करने की प्रतिबद्धता जताई।

बयान के अनुसार, त्रिपक्षीय पहल स्थायी परियोजनाओं पर उनके देशों की विकास एजेंसियों के बीच सहयोग का विस्तार करने के लिए एक मंच के रूप में काम करेगी। तीनों देशों के विदेश मंत्रियों के बीच पिछले साल 19 सितंबर को त्रिपक्षीय प्रारूप के तहत पहली बार बैठक हुई थी। बैठक में, वे आपसी हित के विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग का विस्तार करने के लिए एक औपचारिक त्रिपक्षीय सहयोग पहल स्थापित करने पर सहमत हुए थे।

बयान में कहा गया है, ‘‘इसी संदर्भ में आज तीनों मंत्रियों के बीच इस पहल के क्रियान्वयन के लिए एक रूपरेखा अपनाने के लिए फोन पर बातचीत हुई।’’ जयशंकर ने एक ट्वीट में कहा कि उन्होंने उन परियोजनाओं पर चर्चा को आगे बढ़ाया, जो इस क्षेत्र को लाभान्वित करेंगी। उन्होंने कहा, ‘‘फ्रांसीसी विदेश मंत्री कोलोना और संयुक्त अरब अमीरात के विदेश मंत्री जायद अल नाहयान के साथ आज शाम सार्थक बातचीत हुई।

क्षेत्र को फायदा पहुंचाने वाली व्यावहारिक परियोजनाओं को लेकर न्यूयार्क की चर्चाओं को आगे बढ़ाया।’’ बयान में कहा गया है कि तीनों पक्ष इस बात पर सहमत हुए कि त्रिपक्षीय पहल सौर और परमाणु ऊर्जा पर ध्यान देने के साथ ऊर्जा के क्षेत्र में सहयोग परियोजनाओं को तैयार करने और उनके कार्यान्वयन को बढ़ावा देने के लिए एक मंच के रूप में काम करेगी। इसमें कहा गया है, ‘‘इस उद्देश्य के लिए, तीन देश स्वच्छ ऊर्जा, पर्यावरण और जैव विविधता पर ठोस परियोजनाओं को आगे बढ़ाने के लिए हिंद महासागर रिम एसोसिएशन (आईओआरए) के साथ काम करने की संभावना तलाशेंगे।’’ इन प्रयासों के तहत जी20 की भारत की अध्यक्षता और 2023 में संयुक्त अरब अमीरात द्वारा सीओपी-28 की मेजबानी के तहत त्रिपक्षीय कार्यक्रमों की एक श्रृंखला का आयोजन किया जाएगा।

बयान में कहा गया है कि तीनों देश संक्रामक रोगों से उभरते खतरों के साथ-साथ भविष्य की महामारियों का मुकाबला करने के उपायों को लेकर भी विचारों का आदान-प्रदान करेंगे। इसके अनुसार, इस संबंध में, विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ), गावी-द वैक्सीन एलायंस, और यूनीटेड जैसे बहुपक्षीय संगठनों में सहयोग को प्रोत्साहित किया जाएगा।

बिल गेट्स ने शेफ बरनाथ के साथ रोटी बनाकर खाई

बिल गेट्स ने शेफ बरनाथ के साथ रोटी बनाकर खाई

अकांशु उपाध्याय/सुनील श्रीवास्तव 

नई दिल्ली/वाशिंगटन डीसी। माइक्रोसॉफ्ट के को-फाउंडर और दुनिया के चौथे सबसे अमीर शख्स बिल गेट्स ने शेफ एटान बरनाथ के साथ रोटी बनाकर खाई। गेट्स ने एक वीडियो शेयर किया जिसमें दोनों रोटी बनाकर उस पर घी लगाते दिख रहे हैं। बकौल गेट्स, एटान हाल ही में बिहार में सामुदायिक कैंटीन दीदी की रसोई की महिलाओं से मिले और परफेक्ट रोटी बनाना सीखा। माइक्रोसॉफ्ट के संस्थापक और अरबपति बिल गेट्स के रोटियां बनाने का वीडियो काफी वायरल हो चुका है। इसमें बिल गेट्स, शेफ ईटन बर्नथ के साथ है और चम्मच से आटा गूंथते दिख रहे हैं।

वीडियो में गेट्स रोटियां भी बेलते हैं और फिर रोटी को घी के साथ चटकारे लेकर खाते हैं। इस वीडियो को शेफ ईटन बर्नथ ने अपने ट्विटर अकाउंट पर शेयर किया है। अब इस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रतिक्रिया भी आई है। उनकी टिप्पणी भी सोशल मीडिया पर काफी सुर्खियां बटोर रही है। पीएम मोदी ने गेट्स के रोटी बनाने की कोशिशों की तारीफ करते हुए कहा, यह शानदार था, साथ ही उन्हें बाजरा जैसे हेल्दी ऑप्शन भी सुझाए। भारत में इन दिनों बाजरे की रोटी ट्रेंड में है, जो हेल्दी होता है। कई बाजरे के व्यंजन भी हैं जिन्हें आप बनाकर देख सकते हैं।  इस ट्वीट में पीएम ने स्माइली इमोजी का भी इस्तेमाल किया है। 

वीडियो की शुरुआत में शेफ ईटन बर्नथ माइक्रोसॉफ्ट के संस्थापक बिल गेट्स का परिचय करवाते हैं। फिर वह गेट्स को नई डिश यानी भारतीय रोटी के बारे में बताते हैं। इसके बाद बिल गेट्स आटा गूंथते और रोटियां बेलते नजर आते हैं। इसी बीच बर्नथ, गेट्स को बताते हैं कि उन्होंने रोटी बनाना भारत यात्रा के दौरान बिहार में रोटी बनाना दीदी की रसोई की महिलाओं से सीखा था। उन्होंने कहा कि मैं भारत में गेहूं की खेती करने वाले किसानों से भी मिला था।

वीडियो की शुरुआत में शेफ ईटन बर्नथ माइक्रोसॉफ्ट के संस्थापक बिल गेट्स का परिचय करवाते हैं। फिर वह गेट्स को नई डिश यानी भारतीय रोटी के बारे में बताते हैं। इसके बाद बिल गेट्स आटा गूंथते और रोटियां बेलते नजर आते हैं।

30 वर्षीय 'कुत्ता' सबसे पुराने कुत्ते के रूप में नामित 

30 वर्षीय 'कुत्ता' सबसे पुराने कुत्ते के रूप में नामित 

अखिलेश पांडेय 

लिस्बन। पुर्तगाल में रहने वाले 30 वर्षीय कुत्ते को गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स द्वारा दुनिया के सबसे पुराने कुत्ते के रूप में नामित किया गया है। 11 मई, 1992 को पैदा हुआ बोबी न केवल सबसे उम्रदराज़ जीवित रहने वाला कुत्ता है बल्कि वह अब तक का सबसे पुराना कुत्ता है। वो आज पूरी तरह 30 साल और 268 दिन का हो चुका है। और यूएस में ओहियो के एक चिहुआहुआ स्पाइक (chihuahua spike) के ठीक दो हफ्ते बाद नए रिकॉर्ड धारक को प्रमाणित किया गया था, जिसे शीर्षक से सम्मानित किया गया था।

बोबी एक शुद्ध नस्ल Rafeiro do Alentejo है, जो 12 से 14 साल की औसत जीवन प्रत्याशा वाले पशुधन संरक्षक कुत्ते की नस्ल है। गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स ने कहा कि उनकी जन्म तिथि की पुष्टि पुर्तगाली सरकार के पालतू डाटाबेस और पशु चिकित्सकों के राष्ट्रीय संघ द्वारा की गई थी। पिछला सबसे पुराना कुत्ता ब्लूई नाम का एक ऑस्ट्रेलियाई मवेशी कुत्ता था। जिसकी उम्र 29 साल और पाँच महीने थी। बोबी ने अपना पूरा जीवन कोस्टा परिवार के साथ पुर्तगाल के लेइरिया के ग्रामीण गांव कॉन्किरोस में गुजारा है। वह तीन भाई-बहनों के साथ एक आउटबिल्डिंग में पैदा हुआ था जहाँ परिवार ने लकड़ी जमा की थी, लेकिन उनके पास पहले से ही बहुत सारे जानवर थे और पिल्लों को नीचे रखना पड़ा, और बोबी भाग गया।

कोस्टा ने कहा कि बॉबी की लंबी उम्र के लिए कुछ सबसे बड़े योगदान कारक "शांत, शांतिपूर्ण वातावरण" में रहते हैं, "शहरों से दूर" और उनका आहार है। बोबी ने हमेशा "जो हमने खाया," वही उसने खाया है, उन्होंने कहा कि उन्हें कभी भी जंजीर या पट्टे पर नहीं बांधा गया है। उन्होंने कहा कि बोबी की मां जीरा 18 साल की उम्र तक जीवित रहीं, और उनके कुत्तों में से एक चिकोटे 22 साल तक जीवित रहा।

"बॉबी खास हैं, क्योंकि उन्हें देखना उन लोगों को याद करने जैसा है जो हमारे परिवार का हिस्सा थे और दुर्भाग्य से अब यहां नहीं हैं, जैसे मेरे पिता, मेरे भाई या मेरे दादा-दादी जो पहले ही इस दुनिया को छोड़ चुके हैं। बोबी उन पीढ़ियों का प्रतिनिधित्व करते हैं।" जोड़ा गया। उसकी उम्र के कारण, बोबी की दृष्टि खराब हो गई है और वह इन दिनों कम साहसी है, वह आग से आराम करना पसंद करता है। गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स ने कहा, "जन्म के समय निंदा किए जाने से लेकर अब तक का सबसे पुराना सत्यापित कुत्ता होने तक, बोबी की कहानी एक चमत्कारी कहानी है।" 

गुरुवार, 2 फ़रवरी 2023

2027-28 तक तीसरी अर्थव्यवस्था बनेगा 'भारत'

2027-28 तक तीसरी अर्थव्यवस्था बनेगा 'भारत'

अकांशु उपाध्याय/सुनील श्रीवास्तव 

नई दिल्ली/न्यूयॉर्क। जाने-माने अर्थशास्त्री अरविंद पनगड़िया ने कहा है कि भारत उच्च वृद्धि के मार्ग पर लौटने को तैयार है, उन्होंने भरोसा जताया कि देश 2027-28 तक दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा। नीति आयोग के पूर्व उपाध्यक्ष एवं कोलंबिया विश्वविद्यालय में प्रोफेसर पनगड़िया ने कहा कि मौजूदा समय में भारत विश्व की पांचवी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है। उन्होंने कहा, ‘‘बस और पांच साल की बात है, 2023 तो चल ही रहा है। 2027-28 तक भारत तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था होगा।’’ वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार को संसद में आम बजट पेश किया जिसमें कहा गया है कि 2023-24 में भारत के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि 6.5 फीसदी रहेगी।

पनगड़िया ने कहा कि आर्थिक समीक्षा से जो बात निकल कर सामने आई है, उससे कहीं अधिक मजबूत अर्थव्यवस्था के बारे में पता चलता है, जो उस अर्थव्यवस्था से और मजबूत होगी जो आज 6.5 फीसदी की दर से वृद्धि कर रही है। उन्होंने कहा, ‘‘आज भारत जिस स्थिति में है उसे देखते हुए कहा जा सकता है कि यह सात फीसदी से अधिक की वृद्धि दर तक पहुंच जाएगा।’’ अर्थशास्त्री ने यह भी कहा कि भारत आज जिस जगह खड़ा है, वह 2003 के समान है, जब वृद्धि दर आठ फीसदी के निकट पहुंच गई थी और फिर देश ने कई वर्षों तक उसी दर से वृद्धि जारी रखी थी। पनगड़िया ने कहा कि उच्च वृद्धि को लेकर उनके अनुमान का आधार वे सुधार है। जो कोविड महामारी के दौरान किए गए और साथ ही अर्थव्यवस्था की कमजोरियों को दूर किया गया।

उन्होंने कहा कि बैंकों और कॉरपोरेट जगत के बहीखाते अब काफी मजबूत हैं। उन्होंने कहा कि भारत आने वाले कई वर्षों तक निश्चित ही सबसे तेजी से वृद्धि करने वाली प्रमुख अर्थव्यवस्था होगा। उन्होंने अनुमान जताया कि भारत इन वर्षों में करीब सात फीसदी की वृद्धि दर निश्चित तौर पर हासिल करेगा और यदि अर्थव्यवस्था को और खोलने के लिए कदम उठाए जाते हैं, तो आठ फीसदी की वृद्धि दर आसानी से हासिल हो सकेगी।

मंगलवार, 31 जनवरी 2023

वार्षिक वन क्षेत्र वृद्धि में तीसरे स्थान पर 'भारत'

वार्षिक वन क्षेत्र वृद्धि में तीसरे स्थान पर 'भारत'

अकांशु उपाध्याय/सुनील श्रीवास्तव 

नई दिल्ली/वाशिंगटन डीसी। सरकार की स्वच्छ ऊर्जा, जलवायु परिवर्तन और गरीबी उन्मूलन से संबंधित नीतियों के कारण दुनिया में वार्षिक वन क्षेत्र वृद्धि में भारत तीसरे स्थान पर आ गया है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को संसद में आर्थिक समीक्षा 2022-23 पेश करते हुए कहा कि भारत विश्‍व के सबसे महत्‍वाकांक्षी स्‍वच्‍छ ऊर्जा वितरण और पारेषण कार्यक्रमों में प्रमुखता से भागीदारी कर रहा है और जलवायु परिवर्तन की समस्‍या से निपटने के लिए अपने कर्तव्‍यों के प्रति वचनबद्ध है।

उन्होंने कहा कि भारत का जलवायु दृष्टिकोण विकास के साथ गंभीरता से जुड़ा हुआ है। भारत ने गरीबी उन्मूलन के उपायों और अपने सभी नागरिकों का आधारभूत कल्‍याण सुनिश्चित करने के लिए लक्ष्‍य निर्धारित किए हैं। उन्होंने बताया कि भारत का वन क्षेत्र वर्ष 2010 से 2020 के बीच की अवधि में औसत वार्षिक वन क्षेत्र की बढ़ोतरी के संबंध में वैश्विक रूप से तीसरा स्‍थान है।

समीक्षा के अनुसार इस वृद्धि का श्रेय मुख्‍य रूप से राष्‍ट्रीय और राज्‍यों सरकारों की नीतियों तथा मजबूत ढांचे को ही जाता है। इनसे वन क्षेत्र को बढ़ावा मिला और उनका संरक्षण सुनिश्चित हुआ है। ग्रीन इंडिया मिशन तथा प्रतिपूरक वनीकरण कोष प्रबंधन और योजना प्राधिकरण आदि योजनाओं का इस उपलब्धि में विशेष महत्‍व है। भारतीय राज्‍यों में अरुणाचल प्रदेश के वनों में सर्वाधिक कार्बन स्‍टॉक मौजूद हैं, वहीं जम्‍मू-कश्‍मीर में अधिकतम प्रति हेक्‍टेयर कार्बन स्‍टॉक 173.41 टन है। श्रीमती सीतारमण ने कहा कि भारत ने पारिस्थिकी तंत्र के संरक्षण के लिए केन्‍द्रीय प्रयासों के महत्‍वपूर्ण हिस्‍सों के रूप में भारत में 75 रामसर स्‍थल हैं। वर्ष 2021 के दौरान देश में मैंग्रोव क्षेत्र में 364 वर्ग किलोमीटर की वृद्धि हुई है।

भारत नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में निवेश के लिए बहुत कम समय में पंसदीदा स्‍थल बन गया है। वर्ष 2014 से 2021 की अवधि के दौरान भारत में नवीकरणीय ऊर्जा के लिए 78.1 अरब डॉलर का निवेश आया था। आर्थिक समीक्षा के अनुसार वर्ष 2029-30 के अंत तक संभावित स्‍थापित क्षमता 800 गीगा वाट से अधिक होने की उम्‍मीद है, जिसमें से 500 गीगा वाट के लिए गैर-जीवाश्‍म ईंधन का इस्‍तेमाल होगा। यह अनुमान लगाया गया है कि 2014-15 की तुलना में 2029-30 तक औसत उत्‍सर्जन दर में करीब 29 प्रतिशत की गिरावट आएगी। भारत को एक स्‍वतंत्र ऊर्जा राष्‍ट्र बनाने और महत्‍वपूर्ण क्षेत्रों को डी-कार्बोनाइज करने के उद्देश्‍य से सरकार ने 19,744 करोड़ रुपये के प्रारंभिक परिव्‍यय के साथ राष्‍ट्रीय हरित हाईड्रोजन मिशन को स्‍वीकृति प्रदान की है।

इसके परिणाम स्‍वरूप 2050 तक कुल कार्बन डाइ ऑक्‍साइड उर्त्‍सन में 3.6 गीगा टन की कमी आएगी। समीक्षा में कहा गया है कि भारतीय रिजर्व बैंक ने वित्‍त वर्ष 2022-23 के लिए सॉवरेन ग्रीन बॉन्‍ड जारी करने के उद्देश्‍य से एक सांकेतिक कलेंडर जारी किया है। इन बॉन्‍ड का कुल मूल्‍य 16,000 करोड़ रुपये है। समीक्षा के अनुसार भारत ने 2018 में ही बाघों की संख्‍या दोगुनी करने का लक्ष्‍य हासिल कर लिया था, जबकि इसके लिए समय-सीमा चार वर्ष बाद 2022 तक के लिए निर्धारित थी। एशियाई शेरों की संख्‍या में भी बहुत तेज गति से बढ़ोतरी हुई है, जहां वर्ष 2015 में 523 शेर थे, 2020 में उनकी संख्‍या बढ़कर 674 हो गई है।

शनिवार, 28 जनवरी 2023

हिमालयी क्षेत्र में सुरक्षा को लेकर आशंका जताई 

हिमालयी क्षेत्र में सुरक्षा को लेकर आशंका जताई 

अकांशु उपाध्याय/इकबाल अंसारी/अखिलेश पांडेय 

नई दिल्ली/लद्दाख/बीजिंग। लद्दाख पुलिस के शीर्ष अधिकारियों ने हिमालयी क्षेत्र में सुरक्षा को लेकर अपने अध्ययन में आशंका जताई है कि भविष्य में चीनी सैनिकों के साथ भारतीय सैनिकों की झड़पें बढ़ सकती हैं। चीन की ओर से सीमा के उस पार लगातार सैन्य बुनियादी ढांचा खड़ा किया जा रहा है, जिससे हालात बिगड़ने के आसार हैं। लद्दाख पुलिस ने स्थानीय खुफिया इनपुट के आधार पर तैयार अपनी रिपोर्ट में अभी और झड़प होने की आशंका जताई है। दिल्ली में संपन्न डीजीपी-आईजी बैठक में यह रिपोर्ट साझा की गई। 

रिपोर्ट में कहा गया है कि 2020 में लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा के पास हुई झड़प में कई भारतीय जवान शहीद हुए। सैन्य एवं रणनीतिक वार्ताओं के चलते सीमा पर तनाव कम हुआ है लेकिन इसके बाद पिछले साल दिसंबर में अरुणाचल प्रदेश में पूर्वी सीमा पर चीनी सैनिकों ने भारतीय जवानों के साथ झड़प की। तब भी हमारे जवानों ने उन्हें पीछे हटने को मजबूर किया। 2013-14 के बाद से दो से तीन साल के अंतराल में एलएसी पर लगातार तनाव की स्थिति पैदा होती रही है।

शुक्रवार, 27 जनवरी 2023

कोका-कोला ने स्मार्टफोन ब्रांड के साथ कोलैब किया 

कोका-कोला ने स्मार्टफोन ब्रांड के साथ कोलैब किया 

अकांशु उपाध्याय/सुनील श्रीवास्तव 
नई दिल्ली/वाशिंगटन डीसी। ठंडा मतलब कोका-कोला ये सुनकर आपको कोल्ड ड्रिंक की याद आ जाती होगी और आपके मुंह में पानी। लेकिन अब सॉफ्ट ड्रिंक कंपनी अपना स्मार्टफोन लॉन्च करने जा रहीं हैं। इस के लिए कोका-कोला ने एक स्मार्टफोन ब्रांड के साथ कोलैब किया है। 

खबरों के अनुसार, कोला फोन को भारत में इस तिमाही में लॉन्च किया जा सकता है। हालांकि, किस ब्रांड के साथ ये फोन आएगा इसके बारे में जानकारी नहीं दी गई है। लेकिन, अनुमान लगाया जा रहा है कि रियलमी का फोन कोका-कोला एडिशन के साथ आ सकता है। शेयर की गई इमेज का डिजाइन भी हाल ही में लॉन्च हुए Realme 10 4G से मिलता है।

यह हो सकती है फोन की स्पेसिफिकेशन्स...

Coco-Cola के साथ फोन पर रेड एसेंट दिया गया है। इसके बारे में दूसरी जानकारी सामने नहीं आई है। अगर Realme 10 4G के स्पेसिफिकेशन्स की बात करें तो इसमें 6.5-इंच की FHD+ AMOLED स्क्रीन दी गई है। इसका रिफ्रेश रेट 90Hz का है। इस फोन में MediaTek Helio G99 प्रोसेसर दिया गया है। इसके साथ 8GB रैम और 128GB तक की इंटरनल मेमोरी दी गई है। फोन Android 13 बेस्ड Realme UI पर काम करता है। 

फोन में 50-मेगापिक्सल का प्राइमरी कैमरा 2MP B&W पोट्रेट कैमरा के साथ दिया गया है। इसके फ्रंट में सेल्फी और वीडियो कॉल के लिए 16-मेगापिक्सल का कैमरा दिया गया है। इसमें साइड माउंटेड फिंगरप्रिंट सेंसर दिया गया है। इसके साथ 3.5mm का ऑडियो जैक भी दिया गया है। ये 5,000mAh बैटरी के साथ आता है।

4 बच्चों को एक ही समय में जन्म देंगी 2 जुड़वां बहनें 

4 बच्चों को एक ही समय में जन्म देंगी 2 जुड़वां बहनें 

डॉक्टर सुभाषचंद्र गहलोत 

सिडनी/पर्थ। अगर कोई बच्चा जन्म लेता है, तो उसके परिवार में खुशी का माहौल छा जाता है, लेकिन हो जाएं अगर जुड़वा बच्चे तो सोने पर सुहागा जैसा कारनामा हो जाता है। कुछ ऐसा ही मामला सामने आया है। लेकिन वह अन्य के मुकाबले हैरत करने वाला है। जानकर आपको थोड़ी हैरानी तो होगी लेकिन जो बताने जा रहे हैं। वह बिल्कुल सच है। ऑस्ट्रेलिया में एक जैसी दिखने वाली जुडवा बहनों की चर्चा दुनिया भर में हो रही है। एक जैसी दिखने वाली दोनों बहनों की दिनचर्या  एक जैसी तो है ही, लेकिन उनके ड्रीम भी बिल्कुल मिलते-जुलते हैं।

दोनों बहनें साथ में खाना खाने से लेकर एक साथ बाथरूम तक, हर काम साथ करतीं हैं। यही नहीं, दोनों बहनें एक ही समय में एक ही व्यक्ति से गर्भवती होने की तैयारी कर रही हैं। दोनों एक ही शख्स से चार बच्चों को एक ही समय में जन्म देना चाहती हैं। बता दें, ऑस्ट्रेलिया के पर्थ में रहने वालीं दोनों बहनें एना और लुसी डेसिनक 37 साल की हैं। दोनों के मंगेतर एक ही हैं। दोनों जुड़वा बहनें अपने पति  बेन बायरन से अपना सपना पूरा करना चाहती हैं। दोनों ही अपनी प्रेग्नेंसी को सिंक्रोनाइज करने की वजह से वायरल हो रही हैं और चाहती हैं कि एक ही समय में चार बच्चों को जन्म दें।

बुधवार, 25 जनवरी 2023

'पीटीआई' पार्टी के वरिष्ठ नेता चौधरी को अरेस्ट किया 

'पीटीआई' पार्टी के वरिष्ठ नेता चौधरी को अरेस्ट किया 

अखिलेश पांडेय 

इस्लामाबाद। पाकिस्तान के अधिकारियों ने देश में बढ़ते राजनीतिक तनाव के बीच पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) पार्टी के वरिष्ठ नेता फवाद चौधरी को बुधवार को गिरफ्तार कर लिया। पार्टी नेता फर्रुख हबीब ने बताया कि चौधरी को लाहौर में उनके आवास से हिरासत में लिया गया। हबीब ने ट्वीट किया, ‘‘यह आयातित सरकार पागल हो गई  है।’’

पार्टी के आधिकारिक ट्विटर अकाउंट पर कुछ वीडियो भी डाले गये जिनमें पुलिस की गाड़ियां दिखाई दे रही हैं और पार्टी ने दावा किया कि इनमें पुलिस चौधरी को गिरफ्तार कर ले जा रही है। चौधरी (52) को इन अटकलों के बीच गिरफ्तार किया गया है कि सरकार पीटीआई के अध्यक्ष और पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को गिरफ्तार कर सकती है।

इन अटकलों के बाद खान के लाहौर स्थित जमान पार्क आवास पर बड़ी संख्या में पार्टी कार्यकर्ता जमा हो गए। चौधरी की गिरफ्तारी के बाद पाकिस्तान में राजनीतिक तनाव और बढ़ गया है जहां इमरान खान के नेतृत्व में विपक्ष मध्यावधि चुनाव कराने की मांग कर रहा है। पाकिस्तान में आम चुनाव अगस्त में होने हैं। हालांकि, खान आकस्मिक चुनाव कराने की मांग कर रहे हैं।

भागीदारी को गठजोड़ के स्तर पर ले जाने का निर्णय 

भागीदारी को गठजोड़ के स्तर पर ले जाने का निर्णय 

अकांशु उपाध्याय/सुनील श्रीवास्तव 

नई दिल्ली/काहिरा। भारत और मिस्र ने रक्षा उद्योगों के क्षेत्र में सहयोग को और मज़बूत करने, आतंकवाद से निपटने संबंधी सूचना एवं खुफिया जानकारी का आदान-प्रदान बढ़ाने सहित अपनी द्विपक्षीय भागीदारी को सामरिक गठजोड़ के स्तर पर ले जाने का निर्णय किया है। मिस्र के राष्ट्रपति अब्दुल फतह अल-सीसी के साथ बैठक के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, ‘‘ दोनों देशों के बीच सामरिक समन्वय पूरे क्षेत्र में शांति और समृद्धि के क्षेत्र में मददगार होगा। इसलिए आज की बैठक में राष्ट्रपति सीसी और मैंने, हमारी द्विपक्षीय भागीदारी को सामरिक गठजोड़ के स्तर पर ले जाने का निर्णय लिया है।’’ उन्होंने कहा कि सुरक्षा खतरों को लेकर भारत और मिस्र चिंतित हैं, तथा हम इस बात पर एकमत हैं कि आतंकवाद मानवता के लिए सबसे गंभीर खतरा है। उन्होंने कहा, ‘‘ दोनों पक्ष इस बात पर सहमत हुए कि सीमापार आतंकवाद को समाप्त करने के लिए ठोस कदम उठाना जरूरी है।’’

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘‘ हमने आज अपने रक्षा उद्योगों के बीच सहयोग को और मज़बूत करने, आतंकवाद से निपटने संबंधी सूचना एवं खुफिया जानकारी का आदान-प्रदान बढ़ाने का भी निर्णय लिया है।’’ उन्होंने कहा कि इस वर्ष भारत ने अपनी जी20 की अध्यक्षता के दौरान मिस्र को अतिथि देश के रूप आमंत्रित किया है, जो हमारी विशेष मित्रता को दर्शाता है। मोदी ने कहा कि हमने द्विपक्षीय व्यापार को अगले पांच साल में 12 अरब डॉलर पर पहुंचाने का फैसला किया है। मिस्र के राष्ट्रपति अब्दुल फतह अल-सीसी तीन दिवसीय राजकीय यात्रा पर मंगलवार को यहां पहुंचे हैं। बुधवार को हैदराबाद हाउस में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति अल सीसी ने कई विषयों पर चर्चा की। मिस्र के राष्ट्रपति अल-सीसी ने प्रधानमंत्री मोदी के साथ वार्ता के बाद कहा, ‘‘ हमने क्षेत्रीय, वैश्विक मुद्दों पर बातचीत की; द्विपक्षीय रक्षा सहयोग पर भी विचार-विमर्श किया।’’

दोनों नेताओं के बीच बैठक के बाद छह समझौतों/समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए और दोनों देशों के राजनयिक संबंधों की 75वीं वर्षगांठ पर एक स्मृति डाकटिकट का आदान प्रदान किया गया। भारत और मिस्र के बीच हुए समझौतों में एक महत्वपूर्ण समझौता दोनों देशों के संबंधों को ‘सामरिक भागीदारी’ के स्तर पर ले जाने का है जिसमें राजनीतिक, सुरक्षा, रक्षा, ऊर्जा और आर्थिक संबंधों के आयाम शामिल हैं। दोनों देशों ने राजनयिक संबंधों की 75वीं वर्षगांठ पर एक स्मृति डाकटिकट का आदान प्रदान किया।

यह आदान प्रदान भारत की ओर से रेल, संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव और मिस्र की ओर से वहां के संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री डॉ. अहमद समीह तलत ने किया। सके अलावा दोनों देशों ने भारत के कम्प्यूटर आपात प्रतिक्रिया दल और मिस्र के कम्प्यूटर आपात प्रतिक्रिया दल के बीच साइबर सुरक्षा के क्षेत्र में सहयोग पर समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए। भारत और मिस्र ने सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र में सहयोग, संस्कृति के क्षेत्र में सहयोग तथा युवा मामलों के क्षेत्र में सहयोग पर समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए।

इसके साथ ही, दोनों देशों के बीच प्रसारण के क्षेत्र में सहयोग पर भी समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर हुए। यह भारत के प्रसार भारती और मिस्र के नेशनल मीडिया आथोरिटी के बीच हुआ। इससे पहले, विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति अल सीसी के बीच बैठक की तस्वीर के साथ ट्वीट किया, ‘‘ मिस्र के साथ हमारे संबंधों, एशिया के साथ अफ्रीका के सम्पर्कों के नैसर्गिक सेतु को प्रगाढ़ बनाते हुए।’’

उन्होंने कहा, ‘‘ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति अल सीसी ने दोनों देशों के बहुआयामी संबंधों को गति प्रदान करने के लिये बातचीत की जो सभ्यतागत, सांस्कृतिक और आर्थिक सम्पर्कों और लोगों के बीच गहरे संबंधों पर आधारित है।’’ सीसी 26 जनवरी को होने जा रहे गणतंत्र दिवस समारोह में मुख्य अतिथि हैं। उनके साथ एक उच्चस्तरीय प्रतिनिधिमंडल भी आया है। यह पहला मौका है, जब मिस्र के राष्ट्रपति को गणतंत्र दिवस समारोहों में मुख्य अतिथि के तौर पर आमंत्रित किया गया है।

मिस्र की सेना की एक टुकड़ी भी गणतंत्र दिवस परेड में हिस्सा लेगी। वहीं, बुधवार को सुबह मिस्र के राष्ट्रपति अब्दुल फतह अल-सीसी का राष्ट्रपति भवन में पारंपरिक स्वागत किया गया। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता बागची ने ट्वीट किया, ‘‘ राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने राष्ट्रपति भवन में मिस्र के राष्ट्रपति अल सीसी का पारंपरिक स्वागत किया।’’ इस अवसर पर वहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनकी आगवानी की। बागची ने बताया कि मिस्र के राष्ट्रपति को 21 तोपों की सलामी दी गई।

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