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सोमवार, 14 नवंबर 2022

विश्वविद्यालय के पास स्थित मकान से 4 शव बरामद 

विश्वविद्यालय के पास स्थित मकान से 4 शव बरामद 

डॉक्टर सुभाषचंद्र गहलोत

मॉस्को/वाशिंगटन डीसी। अमेरिका में इदाहो विश्वविद्यालय परिसर के पास स्थित एक मकान से चार शव बरामद हुए हैं। पुलिस ने इस सिलसिले में जांच शुरू कर दी है। प्रशासन की ओर से जारी एक प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, मॉस्को पुलिस विभाग के अधिकारी घटना की जानकारी मिलने के बाद तुरंत मौके पर पहुंचे।

यह मकान विश्वविद्यालय परिसर से एक ब्लॉक दूर है। अधिकारियों ने मृतकों की पहचान, मौत की वजह, उनमें से कोई छात्र है या नहीं, इस संबंध में कोई विस्तृत जानकारी नहीं दी। पुलिस ने बताया कि परिवार को घटना की सूचना देने के बाद ही कोई भी जानकारी साझा की जाएगी। इदाहो विश्वविद्यालय के अधिकारियों ने घटना के बाद करीब एक घंटे तक छात्रों को बाहर नहीं निकलने दिया, ताकि जांचकर्ता यह सुनिश्चित कर सकें कि इलाके में उनकी जान को कोई खतरा नहीं है।

युंगाड़ा के पूर्वी भाग तक पहुंची महामारी 'इबोला'

युंगाड़ा के पूर्वी भाग तक पहुंची महामारी 'इबोला'

अखिलेश पांडेय 

कंपाला। पूर्वी अफ्रीकी राज्य युगांडा में बेहद घातक संक्रामक महामारी 'इबोला' का प्रकोप इसके पूर्वी भाग तक पहुंच गया है। युंगाड़ा के स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि संक्रामक महामारी इबोला देश के पूर्वी भाग तक फैल गयी है। स्वास्थ्य मंत्री रुथ एकेंग ने रविवार को ट्वीट किया कि देश के पूर्वी हिस्से में स्थित जिन्जा जिले में 45 वर्षीय पुरुष की मौत की पुष्टि हुई है। 

एकेंग ने ट्वीट किया कि युवक की मृत्यु दस नवंबर को उसके घर पर हुई। एकेंग के ट्वीट के अनुसार, उनके भाई की भी इस बीमारी की चपेट में आने के कारण इससे पहले तीन नवंबर को मौत हो चुकी है। उनके भाई राजधानी कंपाला से जिंजा गये थे जहां वे बीमार हो गए और दस दिनों तक बीमार रहने के बाद तीन नवंबर को उनकी मृत्यु हो गई थी। स्वास्थ्य मंत्रालय के छह नवंबर तक के आंकड़ों के अनुसार बीस सितंबर को महामारी की सूचना के बाद से देश में 135 पुष्ट मामले दर्ज किए गए हैं। 

गुरुवार, 10 नवंबर 2022

अमेरिका की जनता ने फिर साबित किया, हम कौन हैं

अमेरिका की जनता ने फिर साबित किया, हम कौन हैं

अखिलेश पांडेय 

वाशिंगटन डीसी। अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा कि मतदान के जरिए अमेरिका की जनता ने एक बार फिर साबित कर दिए कि हम कौन हैं। बाइडेन ने उनकी डेमोक्रेटिक पार्टी के मध्यावधि चुनाव में उम्मीद से बेहतर प्रदर्शन करने के बाद यह बयान दिया। रिपब्लिकन और डेमोक्रेटिक पार्टी 100 सदस्य-अमेरिकी सीनेट में 48-48 सीट पर है, जबकि प्रतिनिधि सभा में डेमोक्रेटिक पार्टी की 183 सीट के मुकाबले रिपब्लिकन पार्टी 207 सीट के साथ आगे है। रिपब्लिकन पार्टी के 218 का आंकड़ा पार करने की उम्मीद है, लेकिन मध्यावधि चुनाव में जीत हासिल करने के लिए 250 सीट पाने की उम्मीद बहुत कम है। कई दशकों में किसी भी मौजूदा राष्ट्रपति का मध्यावधि चुनाव में यह बेहतरीन प्रदर्शन है।

बाइडेन ने व्हाइट हाउस में एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि वह अपनी नीतियों पर कायम रहेंगे जो ‘‘अभी तक कामयाब’’ साबित हुई है। उन्होंने कहा, ‘‘ अभी तक पूरे परिणाम नहीं आए हैं… मीडिया व विशेषज्ञ रिपब्लिकन के बेहतरीन प्रदर्शन का पूर्वानुमान लगा रहे थे लेकिन ऐसा नहीं हुआ। मुझे पता है कि आप मेरे निरंतर आशावादी रवैये से कुछ नाराज थे, लेकिन मैं इस पूरी प्रक्रिया के दौरान खुश था। मुझे लगता है कि हम अच्छा करेंगे।’’ अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा, ‘‘ किसी भी सीट पर हार दुखद है, कई अच्छे डेमोक्रेटिक उम्मीदवार नहीं जीते… हालांकि पिछले 40 साल में किसी भी डेमोक्रेटिक राष्ट्रपति के शासनकाल की तुलना में प्रतिनिधि सभा में हम कम सीट हारे.. आखिरी बार 1986 में मध्यावधि चुनाव में हमारा प्रदर्शन सबसे अच्छा रहा था।

अमेरिकी संसद भवन (कैपिटल हिल) में छह जनवरी को हुए हमले पर बाइडेन ने कहा कि गृहयुद्ध के बाद से ऐसा कभी कुछ नहीं हुआ। गौरतलब है कि पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने तीन नवंबर 2020 को हुए राष्ट्रपति चुनाव में हार स्वीकार नहीं की थी और उन्होंने चुनाव में धोखाधड़ी के आरोप लगाए थे। ट्रंप के इन आरोपों के बीच उनके समर्थकों ने छह जनवरी को संसद भवन परिसर में कथित तौर पर हिंसा की थी। बाइडन ने कहा, ‘‘ गृहयुद्ध के बाद से ऐसा कभी कुछ नहीं हुआ। मैं ज्यादा बढ़ा-चढ़ाकर बात नहीं करना चाहता, पर वास्तव में गृहयुद्ध (1861-1865) के बाद से ऐसा कभी कुछ नहीं हुआ।

बुधवार, 9 नवंबर 2022

भारत के साथ मिलकर काम करने को प्रतिबद्ध यूएसए 

भारत के साथ मिलकर काम करने को प्रतिबद्ध यूएसए 

अकांशु उपाध्याय/अखिलेश पांडेय 

नई दिल्ली/वाशिंगटन डीसी। राष्ट्रपति जो बाइडेन नीत अमेरिकी सरकार का कहना है कि वह रूस से दूरी बनाने के दौरान भारत के साथ मिलकर काम करने को प्रतिबद्ध है। व्हाइट हाउस ने यह जानकारी दी। व्हाइट हाउस के अनुसार, ऐसे कई देश हैं जिन्होंने इस कठिन तथ्य को पहचान लिया है कि रूस ऊर्जा या सुरक्षा क्षेत्र में विश्वसनीय स्रोत नहीं है।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नेड प्राइस ने मंगलवार को दैनिक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि जब रूस के साथ भारत के संबंधों की बात आती है, तो अमेरिका ने लगातार यह स्पष्ट किया है कि यह एक ऐसा रिश्ता है, जो कई दशकों में विकसित और मजबूत हुआ है। और वास्तव में यह शीत युद्ध के दौरान बना और मजूबत हुआ जब अमेरिका, भारत के लिए आर्थिक, सुरक्षा व सैन्य भागीदार बनने की स्थिति में नहीं था।

उन्होंने कहा, ‘‘अब परिस्थितियां बदल गई हैं। पिछले 25 साल में इसमें बदलाव आया है। यह वास्तव में एक विरासत है, एक द्विपक्षीय विरासत, जिसे इस देश ने पिछले 25 साल में हासिल किया है। वास्तव में राष्ट्रपति जॉर्ज डब्ल्यू. बुश के प्रशासन ने सबसे पहले इसकी शुरुआत की थी।’’ प्राइस ने कहा कि अमेरिका ने आर्थिक, सुरक्षा और सैन्य सहयोग समेत हर क्षेत्र में भारत के साथ अपनी साझेदारी को गहरा करने की कोशिश की है।

उन्होंने कहा, ‘‘यह एक ऐसा बदलाव है जिस पर हम हमेशा से स्पष्ट रहे हैं, यह रातों-रात नहीं हो सकता यहां तक कि कुछ महीनों या शायद कुछ वर्षों में भी संभव नहीं है। भारत एक बड़ा देश है, एक विशाल देश है, एक बड़ी अर्थव्यवस्था है जिसकी कई जरूरते हैं।’’ प्राइस ने एक सवाल के जवाब में कहा, ‘‘इसलिए, भारत से जिस बदलाव व पुनर्व्यवस्था की उम्मीद करते हैं, उसको लेकर मौजूदा प्रशासन भारत के साथ काम करने को लेकर प्रतिबद्ध है। यह न केवल मौजूदा प्रशासन के लिए बल्कि आने वाली सरकारों के लिए भी महत्वपूर्ण होगा।’’ भारत द्वारा रूस से तेल की खरीदी पर किए एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि अमेरिका ने तेल और गैस, ऊर्जा क्षेत्र को लेकर रूस पर लगाए गए प्रतिबंधों में छूट सोच-समझकर दी है।

उन्होंने कहा, ‘‘भारत में ऊर्जा की अत्यधिक मांग है वह रूस से तेल और ऊर्जा के अन्य स्रोत हासिल करता है यह कोई ऐसी चीज नहीं है जो लगाए गए प्रतिबंधों के विरुद्ध हो।’’ प्राइस ने कहा कि अमेरिका पहले भी स्पष्ट कर चुका है कि अब रूस के साथ हमेशा की तरह व्यापार करने का समय नहीं है और यह दुनिया भर के देशों पर निर्भर करता है कि वे रूस के साथ उन आर्थिक संबंधों को कम करने के लिए क्या कर सकते हैं।

यह कुछ ऐसा है जो सामूहिक हित में है, लेकिन यह दुनिया भर के देशों के द्विपक्षीय हित के लिए भी जरूरी है कि समय के साथ-साथ रूसी ऊर्जा पर अपनी निर्भरता में कमी करना सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा, ‘‘ ऐसे कई देश हैं जिन्होंने इस कठिन तथ्य को पहचान लिया है कि रूस ऊर्जा के क्षेत्र में विश्वसनीय स्रोत नहीं है। रूस सुरक्षा संबंधी क्षेत्र में विश्वसनीय आपूर्तिकर्ता नहीं है। रूस पर किसी भी क्षेत्र में भरोसा नहीं किया जा सकता।’’

इजरायल: नेतन्याहू ने आश्चर्यजनक रूप से वापसी की

इजरायल: नेतन्याहू ने आश्चर्यजनक रूप से वापसी की

अखिलेश पांडेय 

वाशिंगटन डीसी/जेरूसलम। इज़रायल के राजनीतिक जादूगर ने एक बार फिर कर दिखाया। 2021 में पद से हटाए गए नेतन्याहू इजरायल के पहले प्रधान मंत्री हैं, जिन्हें महाभियोग का सामना करना पड़ा और उनके खिलाफ भ्रष्टाचार के मुकदमे अभी भी चल रहे हैं। ऐसे में बेंजामिन नेतन्याहू ने आश्चर्यजनक रूप से वापसी की है। केवल चार वर्षों में चार अनिर्णायक चुनावों के बाद, एक नवंबर को पांचवें राष्ट्रीय चुनाव में इजरायल ने नेतन्याहू के दक्षिणपंथी दल को निर्णायक जीत दिलाई।

कुछ मायनों में यह एक बड़े आश्चर्य के रूप में नहीं आना चाहिए। नेतन्याहू वर्षों से उनके राजनीतिक जीवन को खत्म बताने वालों को धता बता रहे हैं। उन्होंने 1999 में अपनी हार के बाद जीत हासिल की, फिर 2006 के चुनावों में एक अपमानजनक हार के बाद वह फिर जीतकर आए। अब, राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों नफ्ताली बेनेट और यायर लैपिड के लिए पिछले साल प्रीमियरशिप हारने के बाद नेतन्याहू के करियर को खत्म करने की घोषणा करने वाले पंडित एक बार फिर गलत साबित हुए हैं।

नेतन्याहू की जीत का मतलब है कि लगभग चार साल तक इजरायल को पंगु बनाने वाला गतिरोध आखिरकार खत्म हो सकता है, जिसे अब 64 सीटों का बहुमत दिया गया है। लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि उनकी परेशानी खत्म हो जाएगी – बल्कि बढ़ भी सकती है। इजरायल की राजनीति के एक विद्वान के रूप में, मेरा मानना ​​​​है कि शासन से जुड़ा एक दु:स्वप्न इजरायल के सबसे लंबे समय तक प्रधान मंत्री रहे नेतन्याहू की प्रतीक्षा कर रहा है।

लिबरल, तुलनात्मक रूप से
नेतन्याहू इजरायल के इतिहास में सबसे दक्षिणपंथी और धार्मिक सरकार बनाने के लिए तैयार हैं। उनकी दक्षिणपंथी लिकुद पार्टी अति-राष्ट्रवादी और अति-रूढ़िवादी सहयोगियों के साथ गठबंधन में शासन करेगी। इन पार्टियों में से एक, धुर दक्षिणपंथी रिलीजियस ज़ियोनिस्ट पार्टी के कट्टरपंथी एजेंडे में वेस्ट बैंक, जिसे वह इसराइल में शामिल करना चाहते हैं, में यहूदी बस्तियों का निरंकुश विस्तार करना; सैनिकों को अपने वरिष्ठ अधिकारियों से पूर्व अनुमति, जैसा कि फिलहाल नियम है, के बिना फिलिस्तीनी हमलावरों पर गोली चलाने में सक्षम बनाना; ‘‘वफादार’’ अरब नागरिकों को इज़राइल में उनके घरों से निष्कासित करना; और टेंपल माउंट पर यहूदी प्रार्थना की अनुमति देना शामिल है। दशकों से अल-अक्सा मस्जिद परिसर में प्रार्थना करने की अनुमति नहीं होने के चलते इस कार्य को मुसलमानों द्वारा एक उकसावे के रूप में देखा जाएगा पार्टी सामाजिक मुद्दों पर भी गहरी रूढ़िवादी है, उदाहरण के लिए पार्टी ने येरूशलम प्राइड परेड पर प्रतिबंध लगाकर समलैंगिक अधिकारों को वापस लेने का आह्वान किया है।

ऐसी नीतियां न केवल अंतरराष्ट्रीय समुदाय और कई इजरायलियों और फिलिस्तीनियों के लिए खतरनाक हैं, बल्कि वे नेतन्याहू को उनके अगले कार्यकाल में अंतहीन सिरदर्द देने का भी दम रखती हैं। हालांकि लंबे समय से इज़राइल के प्रमुख दक्षिणपंथी नेता होने के बावजूद, नेतन्याहू अपने कुछ नए राजनीतिक सहयोगियों की धुर-दक्षिणपंथी, धार्मिक विचारधारा को साझा नहीं करते हैं। मेरी 2014 की किताब, ‘‘व्हाई हॉक्स बीकम डव्स’’ में, मैं पूर्व प्रधानमंत्रियों और नेतन्याहू के प्रतिद्वंद्वियों एरियल शेरोन और एहुद ओलमर्ट के एक पूर्व-शीर्ष सहयोगी को यह कहते हुए उद्धृत करता हूं कि नेतन्याहू हालांकि ‘‘दक्षिणपंथी लोगों से घिरे हुए हैं, फिर भी इस समूह के सबसे उदार व्यक्ति हैं ”।

एक अलग विचारधारा
निश्चित रूप से, नेतन्याहू के पास एक रूढ़िवादी विश्वदृष्टि है। फिर भी, वह एक धर्मनिरपेक्ष, व्यावहारिक और जोखिम से बचने वाले राजनेता भी हैं। उनका लचीलापन वर्षों से कई मौकों पर प्रदर्शित होता रहा है। अपने पहले कार्यकाल में, उन्होंने ओस्लो शांति प्रक्रिया को जारी रखा, जिसकी उन्होंने विपक्ष के नेता के रूप में तीखी आलोचना की थी, हेब्रोन प्रोटोकॉल और वाई रिवर मेमोरेंडम पर हस्ताक्षर किए, जिसके कारण वेस्ट बैंक के क्षेत्रों से इजरायल की वापसी हुई। गाजा पट्टी से 2005 के एकतरफा विघटन के लिए उन्होंने तीन बार वोट किया – फिर वापसी के विरोध में इस्तीफा दे दिया। और जून 2009 में, उन्होंने द्वि-राज्य समाधान का सार्वजनिक रूप से समर्थन करके एक फ़िलिस्तीनी राज्य के लिए अपने आजीवन विरोध को त्याग दिया।

फिर, उन्होंने बाद में अपनी स्थिति उलट दी। नेतन्याहू ने 2009 में राष्ट्रपति बराक ओबामा की मांग को भी स्वीकार कर लिया, ताकि शांति वार्ता को फिर से शुरू करने के लिए यहूदी बस्ती के निर्माण में 10 महीने की रोक लग सके – बातचीत जो अंततः किसी अंजाम तक नहीं पहुंच पाई। इसी तरह, अतीत में, नेतन्याहू ने चरमपंथियों के प्रभाव को कम करने के लिए मध्यमार्गी घटकों के साथ व्यापक-आधार वाले गठबंधन बनाने का प्रयास किया। लेकिन अब नेतन्याहू समर्थक और विरोधी गुट इजरायल की राजनीति में मजबूती से शामिल हो गए हैं और ऐसे में नेतन्याहू के पास वैचारिक रूप से संकीर्ण, धुर दक्षिणपंथी गठबंधन बनाने के अलावा कोई वास्तविक विकल्प नहीं है।

खुद का बनाया राक्षस
वास्तव में, धुर दक्षिणपंथ का उदय, जिसे वह तैयार कर रहे हैं, बड़े पैमाने पर नेतन्याहू का अपना खुद का बनाया एक राक्षस है। जैसे-जैसे इजरायली समाज दक्षिणपंथ की ओर जा रहा है, वह अधिक धार्मिक और रूढ़िवादी बन गया है, नेतन्याहू ने अपने आधार का विस्तार करने के लिए दक्षिण और वाम के बीच विवाद को बढ़ाया। पिछले एक दशक में नेतन्याहू ने खुद अपने देश में लोकलुभावन राष्ट्रवाद की लहर दौड़ाई है। उन्होंने और उनके वफादारों ने आलोचकों को – चाहे वे मीडिया के सदस्य हों, सुरक्षा प्रतिष्ठान के पूर्व वरिष्ठ सदस्य, राजनीतिक मध्यमार्गी या फिर चाहे रूढ़िवादी समर्थक से प्रतिद्वंद्वी बने साथी – वामपंथी, आउट-ऑफ-टच अभिजात्य बताकर उनकी आलोचना की।

एक चुनौती बहुत दूर?
संभावित कलह के अग्रदूत के रूप में, नेतन्याहू पहले ही संकेत दे चुके हैं कि उनकी सरकार रिलीजियस जिओनिस्ट पार्टी के होमोफोबिक एजेंडे को समायोजित करने के लिए एलजीबीटीक्यू अधिकारों के संबंध में यथास्थिति में बदलाव नहीं करेगी। पिछली मिसाल को देखते हुए, मेरा मानना ​​​​है कि यह भी संभव है कि वह टेंपल माउंट पर यहूदियों को प्रार्थना करने से रोककर यथास्थिति बनाए रखेंगे – एक ऐसी स्थिति जिसका उन्होंने अतीत में पालन किया है। हालांकि टेंपल माउंट पर यहूदी उपासकों की चढ़ाई को नियंत्रित करना उनके लिए मुश्किल हो सकता है, जो हाल के वर्षों में काफी बढ़ गया है।

नए गठबंधन की प्राथमिकताओं में शीर्ष पर रहना, हालांकि, एक ऐसा मुद्दा है जिससे नेतन्याहू को व्यक्तिगत रूप से लाभ होगा: न्यायपालिका में सुधार जैसे परिवर्तनों का व्यावहारिक प्रभाव अदालतों और अटॉर्नी जनरल के अधिकार को कमजोर करना होगा। नेतन्याहू के मुकदमे को रद्द करने वाला कानून पारित करना भी कार्ड में हो सकता है। अपने राजनीतिक और व्यक्तिगत हितों का पीछा करते हुए इजरायल के नाजुक लोकतंत्र को संरक्षित करना एक बड़ी चुनौती साबित हो सकती है – जिसपर पार पाना नेतन्याहू जैसे राजनीतिक जादूगर को भी दुर्गम लग सकता है।

मंगलवार, 8 नवंबर 2022

ट्विटर: मस्क ने एक छोटी टीम को साथ में रखा

ट्विटर: मस्क ने एक छोटी टीम को साथ में रखा

सुनील श्रीवास्तव 

सैन फ्रांसिस्को/वाशिंगटन डीसी। दुनिया के सबसे धनी व्यक्ति एलन मस्क ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म ‘ट्विटर’ के अधिग्रहण और व्यापक छटनी के बाद अपने दोस्तों और विश्वास-पात्रों की एक छोटी टीम को साथ में रखा है, जिनमें भारतीय मूल के सॉफ्टवेयर इंजीनियर श्रीराम कृष्णन भी शामिल हैं। टीम को इस सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के लिए अपने दृष्टिकोण को लागू करने का काम सौंपा गया है। बीबीसी की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि जाहिर तौर पर इसमें भारतीय मूल के सॉफ्टवेयर इंजीनियर और ट्विटर के पूर्व कार्यकारी श्रीराम कृष्णन शामिल हैं, जिन्होंने पिछले साल कंपनी छोड़ दी थी।

पूर्व सीईओ पराग अग्रवाल और अन्य भारतीय मूल के अधिकारियों की अनौपचारिक बर्खास्तगी के बाद, उद्यम पूंजी फर्म आंद्रेसेन होरोविट्ज़ या ए16जेड में काम कर रहे कृष्णन ने पिछले सप्ताह ट्वीट किया कि वह ‘मस्क को अस्थायी रूप से मदद कर रहे है।’ बीबीसी ने कहा कि यह फिलहाल यह साफ नहीं है कि कृष्णन किस पद से जुड़ेंगे, इस संबंध में जब टिप्पणी के लिए संपर्क किया गया, तो कृष्णन ने कहा कि वह ‘ट्विटर से संबंधित किसी भी चीज़ में अभी मदद नहीं कर सकते।’

यह कहना भी मुश्किल है कि इस समय मस्क के साथ उनका जुड़ाव कितना करीब है, हालांकि रिपोर्टों ने उन्हें बार-बार अपने ‘नजदीकी सर्कल’ के हिस्से के रूप में वर्णित किया है। सिलिकॉन वैली गर्ल नामक एक यूट्यूब को 2021 के एक साक्षात्कार में, कृष्णन ने कहा कि उन्हें और उनकी पत्नी आरती राममूर्ति को पहली बार मस्क का तब पता चला जब उन्होंने कुछ साल पहले ‘ट्विटर से जुड़े कुछ मामलों’ में मदद की और उन्होंने ‘उसके माध्यम से एक रिश्ता बनाया।” द न्यूयॉर्क टाइम्स के अनुसार, कई साल पहले कैलिफोर्निया में स्पेसएक्स के मुख्यालय के एक निजी दौरे के दौरान युगल ने मस्क से मुलाकात की।

कृष्णन दंपत्ति व मस्क के बीच सबसे प्रमुख मुलाकात फरवरी 2021 में हुई जब मस्क एक टॉक शो में दिखाई दिए, जिसे युगल ने क्लब हाउस में होस्ट किया था। बीबीसी ने बताया कि सोशल मीडिया के अविश्वसनीयता के दौर में – दुनिया के सबसे अमीर आदमी को एक विशेष ‘केवल एक आमंत्रण ’ ऐप पर दिखाया गया था , और शो बहुत अधिक ट्रेंड करने लगा।

द गुड टाइम शो, जो तब से अन्य प्लेटफार्मों पर चला गया है, अमेरिका में बेहद लोकप्रिय है। पॉडकास्ट जो इंटरनेट संस्कृति, राजनीति और सिलिकॉन वैली में नवीनतम घटनाओं की अतिव्यापी दुनिया में एक झलक पेश करता है, इसमें कृष्णन और राममूर्ति जाने पहचाने नाम है। कंपनी की वेबसाइट के अनुसार, ए16जेड के सह-संस्थापक, मार्क एंड्रीसेन का कहना है कि कृष्णन ‘शायद दुनिया के एकमात्र व्यक्ति हैं जिन्होंने हमारे समय के तीन सबसे बड़े सोशल प्लेटफार्मों में वरिष्ठ उत्पाद पदों पर काम किया है।’ इस 37 वर्षीय व्यक्ति ने ट्विटर के अलावा माइक्रोसॉफ्ट, याहू, स्नैप और फेसबुक में भी काम किया है।

राममूर्ति ने अपनी दो कंपनियां शुरू करने से पहले फेसबुक और नेटफ्लिक्स में काम किया है। दोनो को मिलाकर , उन्हें एक अच्छी तरह से जुड़े ‘तकनीकी शक्ति युगल’ के रूप में वर्णित किया गया है। कृष्णन का जन्म चेन्नई में एक मध्यम आय वाले परिवार में हुआ था। उन्होंने यूट्यूब चैनल को बताया था कि उनका जीवन उस समय बदल गया जब उन्होंने 1990 के दशक के अंत में अपने पिता को एक कंप्यूटर खरीदने के लिए मना लिया। उन्होंने चैनल को 2021 के साक्षात्कार में बताया, “इसकी कीमत लगभग 60,000-70,000 रुपये थी, जो मेरे पिता के वेतन का एक बड़ा हिस्सा था। मैंने उनसे कहा कि मैं इसे अपनी पढ़ाई के लिए इस्तेमाल करूंगा।”

पर उसके पास अभी भी इंटरनेट नहीं था क्योंकि डायल-अप कनेक्शन महंगा था। इसलिए वह खुद को मूल बातें सिखाने और हर रात अभ्यास करने के बजाय कोडिंग किताबें खरीदता था। 2002 में अन्ना विश्वविद्यालय, चेन्नई में इंजीनियरिंग की पढ़ाई के दौरान कृष्णन राममूर्ति से ऑनलाइन मिले। कृष्णन ने साक्षात्कार में कहा, “हमारी पहली डेट में से एक 1999 की सिलिकॉन वैली फिल्म की बिट-टोरेंट कॉपी को अपने छोटे से कमरे में देखने के दौरान थी।” उनका बड़ा ब्रेक कुछ महीने बाद आया जब माइक्रोसॉफ्ट पर कृष्णन के ब्लॉग पोस्ट में से एक को कंपनी के एक कार्यकारी ने देखा, जिसने 2005 में इस युगल को काम पर रखा।

वर्ष 2007 में, कृष्णन अमेरिका चले गए और राममूर्ति छह महीने बाद उनके साथ आ गयी। माइक्रोसॉफ्ट में काम करने के बाद यह जोड़ी दूसरी बड़ी टेक कंपनियों में चली गई। उन्हें 2017 में अमेरिकी नागरिकता मिली थी। कृष्णन ने अतीत में समझाया कि पिछले दिसंबर में उन्होंने पॉडकास्टर्स के रूप में अपना करियर शुरू किया। इसलिए उन्होंने महामारी के दौरान तकनीकी स्थान के बारे में बातचीत करने के लिएलोक प्रिय हुए क्लब हाउस में जाने का फैसला किया।

बीबीसी ने कहा कि यह साक्षात्कार विश्लेषण और विशेषज्ञों के साथ स्पष्ट प्रतिक्रिया के साथ तैयार किया गया है ,जिसमें फेसबुक के सह-संस्थापक मार्क जुकरबर्ग भी शामिल हैं। कृष्णन अतीत में मस्क के खुले प्रशंसक रहे हैं, उन्होंने उन्हें ‘प्रेरणादायक व्यक्ति और एक प्रतिष्ठित संस्थापक’ के रूप में वर्णित किया है। उन्होंने ट्विटर के लिए मस्क के दृष्टिकोण का भी खुलकर समर्थन किया है और माइक्रोब्लॉगिंग वेबसाइट पर डी-प्लेटफ़ॉर्मिंग जैसी प्रथाओं की आलोचना की है।

उन्होंने पिछले महीने ट्विटर पर लिखा था, “अतिरिक्त न्यायिक इंटरनेट पुलिस जो आपके प्लेटफॉर्म पर प्रवर्तन की ओर ले जाती है, वह डायस्टोपियन अधिनायकवाद का मार्ग है।” बीबीसी की रिपोर्ट में कहा गया है कि ऐसी अटकलें हैं कि मस्क ने कृष्णन ( एक क्रिप्टोकरेंसी विशेषज्ञ ) को अपने बिटकॉइन को ट्विटर के साथ एकीकृत करने के लिए मंच पर ले लिया होगा।

महिला प्रोफेसर को ‘अमेजन रिसर्च अवार्ड’ मिला

महिला प्रोफेसर को ‘अमेजन रिसर्च अवार्ड’ मिला

अखिलेश पांडेय/सुनील श्रीवास्तव 

वाशिंगटन डीसी/न्यूयॉर्क। अमेरिका में एक यूनिवर्सिटी में कंप्यूटर साइंस की भारतीय-अमेरिकी महिला प्रोफेसर को नकारात्मक यूजर अनुभवों को कम करने वाला टूल डिजाइन करने के लिए ‘अमेजन रिसर्च अवार्ड’ मिला है। कंसास यूनिवर्सिटी ने एक बयान में कहा कि पवित्रा प्रभाकर अमेजन से पुरस्कार प्राप्त करने वालों में से एक हैं। प्रभाकर वर्तमान में राष्ट्रीय विज्ञान फाउंडेशन में एक कार्यक्रम निदेशक के रूप में कार्यरत हैं और फिलहाल अवकाश पर हैं।

टूल का उपयोग मशीन लर्निंग-आधारित सॉफ्टवेयर सिस्टम के यूजर अनुभव में व्यवधान पैदा करने वाले बदलावों को कम करने के लिए किया जाएगा। क्योंकि उत्पाद को समय के साथ परिष्कृत और नए सिरे से प्रशिक्षित किया जाता है। प्रभाकर ने कहा, ‘‘परियोजना का विस्तृत उद्देश्य यह है कि मशीन लर्निंग आधारित प्रणाली के दो संस्करण समान हैं या अलग इस बारे में वे स्वत: बता पाएं।’’

प्रभाकर ने अर्बाना-कैम्पेन में यूनिवर्सिटी ऑफ इलिनोइस से कंप्यूटर साइंस में डॉक्टरेट और अप्लायड मैथेमैटिक्स में मास्टर की डिग्री ली है। इसके बाद उन्होंने कैलिफोर्निया इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में सेंटर फॉर द मैथेमैटिक्स ऑफ इन्फॉर्मेशन पोस्टडॉक्टरल फेलोशिप की।

अमेरिकी लोकतंत्र की रक्षा के लिए मतदान करें, आग्रह 

अमेरिकी लोकतंत्र की रक्षा के लिए मतदान करें, आग्रह 

डॉक्टर सुभाषचंद्र गहलोत 

वाशिंगटन डीसी। अमेरिकी प्रतिनिधिसभा की अध्यक्ष नैन्सी पेलोसी ने कहा कि उनके पति पर क्रूर हमले का उनके मध्यावधि चुनाव के बाद कांग्रेस में बने रहने के फैसले पर असर पड़ेगा। पेलोसी ने अमेरिका के लोगों से आग्रह किया, ‘अमेरिकी लोकतंत्र की रक्षा के लिए मतदान करें।

डेमोक्रेटिक पार्टी की नेता पेलोसी ने ‘सीएनएन’ को दिए साक्षात्कार में पार्टी के सदन में बहुमत खोने पर भविष्य को लेकर अपने मंसूबे स्पष्ट नहीं किए। हालांकि कई लोगों का मानना है कि ऐसी स्थिति में पेलोसी और अन्य पद छोड़ेंगे। पति पर हुए हमले की बात करते हुए पेलोसी की आंखे नम हो गई और उन्होंने कहा, पति के साथ जो हुआ उससे दुखी हूं, साथ ही में देश के लिए भी दुखी हूं। उन्होंने कहा, मैं बस चाहती हूं कि लोग मतदान करें और हम चुनाव के नतीजों का सम्मान करेंगे। उम्मीद करते हैं कि दूसरा पक्ष भी नतीजों का सम्मान करेगा।

कांग्रेस में बने रहने के संबंध में किए सवाल पर पेलोसी ने कहा कि वह सिर्फ इतना कहना चाहेंगी कि उनके पति पर हुए हमले से उनकी सोच बदली है। पेलोसी ने पहले भी कभी अपने भविष्य की रणनीतियों को लेकर सार्वजनिक रूप से चर्चा नहीं की है। पेलोसी ने ‘सीएनएन’ से कहा, पिछले एक दो सप्ताह में जो हुआ उससे मेरा फैसला यकीनन प्रभावित होगा। अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के सहयोगियों और ट्विटर के नए मालिक एलन मस्क सहित कई शीर्ष रिपब्लिकन नेताओं ने पेलोसी के पति पर हुए हमले का मजाक उड़ाया था।

पेलोसी ने कहा, दुष्प्रचार को रोकने के लिए रिपब्लिकन को कुछ तो संदेश देना होगा। हम चाहते हैं कि देश इस सबसे उबरे।’’ गौरतलब है कि मध्यावधि चुनाव से 11 दिन पहले एक व्यक्ति पेलोसी के घर में जबरन घुस गया और उनके पति पॉल पेलोसी पर हमला किया। आरोपी व्यक्ति ने अधिकारियों को बताया कि वह परिवार के सैन फ्रांसिस्को स्थित घर में घुस गया और पॉल के सिर पर हथौड़े से वार करने से पहले पेलोसी को ढूंढ रहा था। पॉल को इलाज के बाद गत बृहस्पतिवार को अस्पताल से छुट्टी मिल गई थी।

विश्व दिवस के रूप में नामित 18 नवंबर, प्रस्ताव 

विश्व दिवस के रूप में नामित 18 नवंबर, प्रस्ताव 

अखिलेश पांडेय 

वाशिंगटन डीसी। संयुक्त राष्ट्र महासभा ने बाल यौन शोषण, दुर्व्यवहार और हिंसा की रोकथाम और उपचार के लिए हर साल 18 नवंबर को विश्व दिवस के रूप में नामित करने के लिए एक प्रस्ताव अपनाया है। प्रस्ताव सभी सदस्य देशों, संयुक्त राष्ट्र प्रणाली के प्रासंगिक संगठनों और अन्य अंतरराष्ट्रीय संगठनों, विश्व नेताओं, विश्वास अभिनेताओं, नागरिक समाज और अन्य प्रासंगिक हितधारकों को प्रत्येक वर्ष इस विश्व दिवस को इस तरह से मनाने के लिए आमंत्रित करता है जिसे वह इसके लिए सबसे उपयुक्त मानते हो। 

यह बाल यौन शोषण से प्रभावित लोगों के बारे में जन जागरूकता बढ़ाने और बाल यौन शोषण, दुर्व्यवहार और हिंसा को रोकने और समाप्त करने की आवश्यकता और अपराधियों को जवाबदेह ठहराने की अनिवार्यता को प्रोत्साहित करता है।

उत्तरजीवियों और पीड़ितों की न्याय और उपचार तक पहुंच सुनिश्चित करना, साथ ही उनके कलंक को रोकने और समाप्त करने, उनके उपचार को बढ़ावा देने, उनकी गरिमा की पुष्टि करने और उनके अधिकारों की रक्षा करने की आवश्यकता पर खुली चर्चा की सुविधा प्रदान करना।

सोमवार, 7 नवंबर 2022

तकनीकी खराबी के कारण दुर्घटनाग्रस्त हुआ विमान

तकनीकी खराबी के कारण दुर्घटनाग्रस्त हुआ विमान

मोमीन मलिक 

आबुधाबी/रियाद। लड़ाकू विमान ‘एफ-15एस’ तकनीकी खराबी के कारण दुर्घटनाग्रस्त हो गया। हालांकि उसके दोनों पायलट सुरक्षित बाहर निकलने में कामयाब रहे। सऊदी अरब ने सोमवार को यह जानकारी दी।

सरकारी सऊदी प्रेस एजेंसी ने सेना के हवाले से बताया कि रायल सऊदी एयर फोर्स एफ-15 राज्य के पूर्वी प्रांत में किंग अब्दुलअज़ीज़ एयर बेस के आसपास एक प्रशिक्षण मिशन पर था। उन्होंने बताया कि तकनीकी खराबी के पीछे की वजह का पता लगाने के लिए जांच की जा रही है।

पीएम के अनुरोध पर विचार कर सकते हैं न्यायाधीश

पीएम के अनुरोध पर विचार कर सकते हैं न्यायाधीश 

अखिलेश पांडेय/सुनील श्रीवास्तव

इस्लामाबाद। पाकिस्तान के प्रधान न्यायाधीश उमर अता बंदियाल, इमरान खान के आरोपों की जांच के वास्ते ‘‘सभी न्यायाधीशों का एक आयोग’’ गठित करने के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के अनुरोध पर सोमवार को विचार कर सकते हैं। मीडिया की एक खबर में यह जानकारी दी गई। खान ने शरीफ और गृह मंत्री के साथ-साथ एक वरिष्ठ सैन्य अधिकारी पर उन पर हमले की साजिश रचने का आरोप लगाया है।

रिपोर्ट के अनुसार, उच्चतम न्यायालस में सोमवार को एक व्यस्त दिन रहेगा, जहां कई बड़े मामलों पर सुनवाई होनी है। प्रधान न्यायाधीश खान के आरोपों पर अपने साथी न्यायाधीशों से भी सलाह-मशविरा करेंगे। पंजाब प्रांत के वजीराबाद इलाके में शहबाज के खिलाफ एक प्रदर्शन मार्च के दौरान गत बृहस्पतिवार को दो बंदूकधारियों ने खान पर गोली चला दी थी।

गोली उनके दाहिने पैर में लगी थी। पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी (पीटीआई) के प्रमुख खान (70) ने हमले के एक दिन बाद आरोप लगाया था कि उनकी हत्या की नाकाम कोशिश में प्रधानमंत्री शहबाज, गृह मंत्री राणा सनाउल्लाह और मेजर जनरल फैसल नसीर में शामिल हैं। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने खान के आरोपों की जांच के लिए उच्चतम न्यायालय द्वारा ‘‘सभी न्यायाधीशों का एक आयोग’’ गठित करने की शनिवार को मांग की थी।

प्रधानमंत्री शहबाज ने लाहौर में एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘मैं पाकिस्तान के प्रधान न्यायाधीश से वरिष्ठ और कनिष्ठ न्यायाधीशों सहित सभी न्यायाधीशों का एक आयोग (फुल कोर्ट कमीशन) गठित करने का अनुरोध करता हूं।’’ खबर के अनुसार, सूत्रों ने बताया कि उच्चतम न्यायालय ‘‘सभी न्यायाधीशों का एक आयोग’’ गठित के संबंध में प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के आधिकारिक अनुरोध का इंतजार कर रहा है।

खबर में सूत्रों के हवाले से कहा गया, ‘‘ प्रधान न्यायाधीश इमरान खान की हत्या के प्रयास की जांच के लिए एक आयोग (फुल कोर्ट कमीशन) गठित करने के प्रधानमंत्री मियां मोहम्मद शहबाज शरीफ के अनुरोध पर उच्चतम न्यायालय के अपने साथी न्यायधीशों से आज (सोमवार को) सलाह-मशविरा करेंगे।’’ सूत्रों ने कहा, ‘‘ प्रधान न्यायाधीश को प्रधानमंत्री कार्यालय से आधिकारिक अनुरोध मिलने के बाद, न्यायिक आयोग के गठन की संभावना के सभी पहलुओं पर गौर किया जाएगा।’’

इस बीच विधि क्षेत्र के जुड़े कुछ लोगों ने कहा कि प्रधानमंत्री के पास प्रधान न्यायाधीश से ऐसा कोई अनुरोध करने का अधिकार नहीं है। घटना के बाद से प्राथमिकी दर्ज करने को लेकर भी गतिरोध बना हुआ है। खान की पार्टी के प्राथमिकी में सेना के जनरल का नाम शामिल करने का आग्रह करने के बाद यह विवाद खड़ा हुआ।

300 किलोग्राम हेरोइन सहित 10 लोग गिरफ्तार किए

300 किलोग्राम हेरोइन सहित 10 लोग गिरफ्तार किए

डॉक्टर सुभाषचंद्र गहलोत 

कोलंबो। श्रीलंका में हमबंटोटा समुद्र तट से 300 किलोग्राम हेरोइन सहित 10 संदिग्ध लोगों को गिरफ्तार किया गया है। यह जानकारी डेली मिरर ने सोमवार को अपनी रिपोर्ट में दी। रिपोर्ट के मुताबिक श्रीलंका की नौसेना, विशेष कार्यबल (एसटीएफ) तथा पुलिस नारकोटिक्स ब्यूरो (पीएनबी) ने संयुक्त रूप से अभियान चलाकर गिरफ्तार किया है। श्रीलंका की नौसेना ने बताया कि संदिग्धों के पास से मछली पकड़ने वाली दो नाव तथा एक डोंगी ( छोटी नाव) बरामद किया गया है।

'कमांड सिस्टम’ को पंगु बनाने की तैयारी, ऑपरेशन

'कमांड सिस्टम’ को पंगु बनाने की तैयारी, ऑपरेशन 

अखिलेश पांडेय 

सियोल। उत्तर कोरिया की सेना ने सोमवार को कहा कि उसने हाल में मिसाइल परीक्षण अपने प्रतिद्वंद्वियों दक्षिण कोरिया और अमेरिका के हवाई अड्डों जैसे ठिकानों को निशाना बनाने और उनके ऑपरेशन 'कमांड सिस्टम’ को पंगु बनाने की तैयारी के तौर पर किए थे। उत्तर कोरिया की यह घोषणा उनके नेता किम जोंग-उन की उनके प्रतिद्वंद्वियों के सैन्य अभ्यास के विस्तार के आगे घुटने न टेकने की प्रतिबद्धता को रेखांकित करती है।

हालांकि कुछ विशेषज्ञों का कहना है कि किम ने अपने परमाणु शस्त्रागार का आधुनिकीकरण करने और दक्षिण कोरिया तथा अमेरिका से भविष्य में कोई भी वार्ता में अपना पक्ष मजबूत करने के लिए ऐसा किया है। उत्तर कोरिया ने पिछले हफ्ते दर्जनों मिसाइलें दागीं और युद्धक विमानों का अभ्यास किया, जिस कारण दक्षिण कोरिया और जापान के कुछ क्षेत्रों से लोगों को निकालने के लिए ‘अलर्ट’ जारी किया गया था।

उत्तर कोरिया ने अमेरिका और दक्षिण कोरिया के संयुक्त सैन्य अभ्यास के विरोध में यह प्रक्षेपण किए थे। उत्तर कोरिया इस तरह के अभ्यास को युद्ध का पूर्वाभ्यास बताता है। अमेरिका और दक्षिण कोरिया के अधिकारियों ने इस कार्रवाई पर कहा था कि वे अपने संयुक्त प्रशिक्षण कार्यक्रमों को और अधिक बढ़ाएंगे। उन्होंने उत्तर कोरिया को आगाह किया कि परमाणु हथियारों के इस्तेमाल से किम के शासन का अंत होगा। सरकारी मीडिया ने कोरियाई पीपुल्स आर्मी के जनरल स्टाफ के हवाले से कहा, ‘‘ कोरियाई पीपुल्स आर्मी के इस तरह के हालिया सैन्य अभियान (उत्तर कोरिया को) एक स्पष्ट जवाब है कि दुश्मनों की उत्तेजक सैन्य चालें जितनी उग्रता से जारी रहेंगी, उतने ही उचित तरीके से एवं निर्ममता से केपीए उसका मुकाबला करेगा।’’

उत्तर कोरिया की सेना ने कहा कि उसने ‘‘दुश्मन के ऑपरेशन कमांड सिस्टम को पंगु बनाने’’ के मकसद से एक बैलिस्टिक मिसाइल का परीक्षण किया। उसने सुपर-लार्ज, मल्टीपल-लॉन्च मिसाइलों और सामरिक बैलिस्टिक मिसाइलों का भी प्रक्षेपण किया। उसने विशेष रूप से अमेरिकी सरजमीं को निशाने बनाने में सक्षम एक अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल के एक कथित प्रक्षेपण का उल्लेख नहीं किया।

हालांकि इसके मुख्य समाचार पत्र ने पिछले सप्ताह परीक्षण गतिविधियों के दौरान इंटरकांटिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल (आईसीबीएम) जैसी मिसाइल की एक तस्वीर जारी की थी। कुछ विशेषज्ञों का कहना है कि पिछले हफ्ते किए गए प्रक्षेपण में कम दूरी तक मार करने वाले परमाणु-सक्षम हथियार शाामिल थे जो दक्षिण कोरिया और अमेरिकी सैन्य ठिकानों सहित कई प्रमुख सैन्य ठिकानों को निशाना बनाने में सक्षम हैं।

पूर्व पीएम इमरान पर हमले की प्राथमिकी दर्ज, आदेश

पूर्व पीएम इमरान पर हमले की प्राथमिकी दर्ज, आदेश 

अखिलेश पांडेय 

इस्लामाबाद। पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को पंजाब पुलिस प्रमुख फैसल शाहकर को 24 घंटे के भीतर पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के अध्यक्ष एवं पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान पर हमले की प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश दिया। शीर्ष अदालत में इस मामले की सुनवाई के दौरान पाकिस्तान के मुख्य न्यायाधीश उमर अता बंदियाल ने हमले की प्राथमिकी दर्ज नहीं किये जाने पर स्वत: संज्ञान लेने की चेतावनी दी।

गौरतलब है कि पीटीआई के अध्यक्ष खान तीन नवंबर को पंजाब के वजीराबाद में पार्टी के एक लाॅन्ग मार्च का नेतृत्व करने के दौरान गोली लगने से घायल हो गए थे। इस हमले में पीटीआई के एक समर्थक मौज्जाम नवाज की मौत हो गयी, जबकि पूर्व प्रधानमंत्री सहित अन्य 14 घायल हो गये थे। शीर्ष अदालत के 25 मई के आदेश का उल्लंघन करने के लिए इमरान के खिलाफ आंतरिक मंत्रालय द्वारा दायर एक अवमानना ​​याचिका की सुनवाई में यह मामला उठाया गया था, जिसने उस समय इस्लामाबाद में पार्टी की ‘आजादी मार्च’ की सभा की सीमा के बारे में बताया था।

मुख्य न्यायाधीश बंदियाल ने पंजाब के महानिरीक्षक (आईजी) से यह भी पूछा कि प्राथमिकी दर्ज क्यों नहीं की गई, जो वीडियो लिंक के माध्यम से सुप्रीम कोर्ट की लाहौर रजिस्ट्री से सुनवाई कर रहे थे। उन्होंने कहा,“ हमें बताएं कि प्राथमिकी कब दर्ज की जाएगी। ” उन्होंने प्राथमिकी दर्ज नहीं करने का ठोस कारण भी जानना चाहा। मुख्य न्यायाधीश बंदियाल ने कहा, “ हमला हुए 90 घंटे हो चुके हैं और फिर भी इस मामले पर कोई प्राथमिकी दर्ज नहीं की गयी है, आखिर क्यों। इसके बिना जांच कैसे शुरू होगी और बिना प्राथमिकी के सबूतों के साथ भी छेड़छाड़ की जा सकती है। ”

पुलिस महानिदेशक शाहकर ने पंजाब सरकार से अलग हटने का फैसला किया है और मुख्यमंत्री परवेज इलाही के नेतृत्व में प्रांत में मौजूदा राजनीतिक व्यवस्था के साथ काम करने से इनकार कर दिया है। पुलिस महानिदेशक ने अदालत को अवगत कराया, “ हमने प्राथमिकी दर्ज करने के संबंध में पंजाब के मुख्यमंत्री से बात की है और उन्होंने कुछ आपत्तियां व्यक्त की हैं। ''

उन्होंने कहा कि इस हमले में मारे गए व्यक्ति के वारिसों की शिकायत पर भी प्राथमिकी दर्ज की जानी चाहिए। पुलिस महानिदेशक शाहकर ने टिप्पणी की कि पंजाब में चार साल में आठ आईजी बदले गए हैं। इस पर मुख्य न्यायाधीश ने कहा, “ हमें यह मत बताओ कि पुलिस के पास क्या विकल्प हैं … आपराधिक न्याय प्रणाली और न्याय दिलाना हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है।

कानून के अनुसार काम करें, अदालत आपके साथ है। ” उन्होंने कहा, “आईजी साहब, आप अपना काम करो। अगर कोई हस्तक्षेप करता है, तो अदालत उनके काम में हस्तक्षेप करेगी। ” प्राथमिकी दर्ज नहीं होने पर स्वत: संज्ञान लेने की चेतावनी देते हुए मुख्य न्यायाधीश बंदियाल ने कहा,“ आईजी साहब, आप स्वत: संज्ञान लेने वाली नोटिस में जवाबदेह होंगे। ”

पूर्व प्रधानमंत्री इमरान ने राष्ट्रपति अल्वी को लिखा पत्र 

पूर्व प्रधानमंत्री इमरान ने राष्ट्रपति अल्वी को लिखा पत्र 

अखिलेश पांडेय 

इस्लामाबाद। पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने राष्ट्रपति आरिफ अल्वी को पत्र लिखकर कहा है कि वह सरकार में ‘‘दुष्ट तत्वों’’ के हाथों सत्ता के ‘‘दुरुपयोग’’ को रोकने के लिए तत्काल कार्रवाई करें। रविवार को राष्ट्रपति को लिखे एक पत्र में, खान ने कहा कि पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) की सरकार हटने के बाद से, देश को “झूठे आरोपों, उत्पीड़न, गिरफ्तारी और हिरासत में प्रताड़ना के बढ़ते मामलों’’ का सामना करना पड़ा है।

रिपोर्ट के अनुसार, 70 वर्षीय खान ने आरोप लगाया है कि गृह मंत्री राणा सनाउल्लाह उन्हें “बार-बार जान से मारने की धमकी” देते रहे हैं और उन्हें सूचना मिली थी कि प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ, गृह मंत्री राणा सनाउल्लाह तथा एक वरिष्ठ सैन्य अधिकारी द्वारा उनकी हत्या कराने की साजिश रची जा रही है। खान ने कहा, ‘‘इस हफ्ते की शुरुआत में हमारे लॉन्ग मार्च के दौरान साजिश को अंजाम दिया गया, लेकिन अल्लाह ने मुझे बचा लिया और हत्या का प्रयास विफल हो गया।’’

उन्होंने राष्ट्रपति से कहा कि वह पाकिस्तान की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ करने वाली इन गंभीर चीजों का संज्ञान लें। पाकिस्तान के राष्ट्रपति अल्वी पीटीआई से ही जुड़े थे। खान ने उनसे आग्रह किया कि वह दोषियों की पहचान करने के लिए जांच का नेतृत्व करें और घटना के जिम्मेदार लोगों को दंडित कराएं।

रविवार, 6 नवंबर 2022

एयरपोर्ट में लैंडिंग के दौरान क्रैश हुआ यात्री 'विमान'

एयरपोर्ट में लैंडिंग के दौरान क्रैश हुआ यात्री 'विमान'

सुनील श्रीवास्तव 

डोडोमा। तंजानिया में रविवार को एक यात्री विमान एयरपोर्ट में लैंडिंग के दौरान झील में क्रैश हो गया। बताया गया है कि प्रिशीजन एयरलाइंस का घरेलू विमान जिस वक्त बुकोबा में लैंड करने जा रहा था, ठीक उसी वक्त पायलट का नियंत्रण छूट गया और विमान एयरपोर्ट के पास तालाब में गिर गया। इस घटना के सामने आते ही प्रशासन ने रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू कर दिया। फिलहाल किसी के हताहत होने की खबर नहीं है।

अभी यह साफ नहीं है कि विमान में कितने यात्री सवार थे। हालांकि, राहत-बचाव कर्मियों ने तालाब में गिरे 15 लोगों को बाहर निकाल लिया है।

‘ब्लू टिक’ के साथ सब्सक्रिप्शन सेवा शुरू, घोषणा

‘ब्लू टिक’ के साथ सब्सक्रिप्शन सेवा शुरू, घोषणा

अखिलेश पांडेय 

सैन फ्रांसिस्को। ट्विटर ने 7.99 डॉलर प्रति माह के शुल्क पर सत्यापित खातों को दिए जाने वाले ‘ब्लू टिक’ के साथ सब्सक्रिप्शन सेवा शुरू करने की घोषणा की है। अमेरिका में मध्यावधि चुनाव से पहले कंपनी के मालिक एलन मस्क द्वारा खाते को सत्यापित करने की प्रणाली में बदलाव करने की कोशिशों के बीच यह कदम उठाया गया है। अमेरिका, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड और ब्रिटेन में एप्पल आईओएस उपकरणों के लिए ट्विटर ने ताजा जानकारी देते हुए कहा कि जो उपयोगकर्ता सत्यापन के साथ ट्विटर ब्लू पर अब नया खाता बनाएंगे, वे जानी-मानी हस्तियों, कंपनियों और नेताओं के खाते की तरह अपने खातों में नीला निशान प्राप्त कर सकेंगे।

बहरहाल, ट्विटर के कर्मचारी एश्थर क्रोफोर्ड ने शनिवार को ट्वीट किया कि ‘नयी ब्लू सेवा अभी शुरू नहीं हुई है, लेकिन यह जल्द की शुरू होगी। लोग हमें नए अपडेट लाते देख सकते हैं, क्योंकि हम परीक्षण और बदलाव की दिशा में सक्रिय हैं। अभी यह स्पष्ट नहीं है कि सब्सक्रिप्शन सेवा कब से शुरू होगी। क्रोफोर्ड ने ट्विटर पर एक संदेश में बताया कि यह अभी शुरू नहीं हुई है, लेकिन जल्द ही शुरू होगी।

ट्विटर ने इस मामले में अभी कोई टिप्पणी नहीं की है। हर किसी के नीला निशान हासिल कर सकने से भ्रम की स्थिति पैदा हो सकती है और मंगलवार को अमेरिका में चुनाव से पहले इसका दुष्प्रचार के लिए इस्तेमाल हो सकता है, लेकिन मस्क ने फर्जीवाड़ा करने वालों द्वारा नेताओं एवं निर्वाचन अधिकारियों आदि के सत्यापित खातों को अपना खाता बता सकने की आशंका से जुड़े सवाल पर शनिवार को कहा, ट्विटर किसी और की पहचान को अपनी पहचान दिखाने की कोशिश करने वालों का खाता निलंबित कर देगा और पैसा रख लेगा।

उन्होंने कहा, यानी अगर धोखेबाज लोग 10 लाख बार ऐसा करते हैं तो इससे मुफ्त में काफी धन मिलेगा। ट्विटर ने अपने कर्मचारियों की बड़े पैमाने पर छंटनी की है और कई लोगों को आशंका है कि इससे सोशल मीडिया मंच पर सत्यापन संबंधी प्रणाली पर असर पड़ेगा। इस मंच का इस्तेमाल सार्वजनिक एजेंसियां, चुनाव बोर्ड, पुलिस विभाग और समाचार संस्थान लोगों को विश्वसनीय सूचना देने के लिए करते हैं।

यह बदलाव ट्विटर द्वारा 2009 में शुरू की गई मौजूदा सत्यापन प्रणाली को खत्म कर देगा, जो इस मकसद से शुरू की गई थी कि धोखेबाज लोग हाई-प्रोफाइल एवं जानी-मानी हस्तियों के खातों को अपने खातों के रूप में न दिखा पाएं। ट्विटर पर इस समय 4,23,000 सत्यापित खाते हैं। मस्क ने लंबे विवाद के बाद 27 अक्टूबर को 44 अरब डॉलर में ट्विटर का अधिग्रहण पूरा किया था।

ट्विटर जानी-मानी हस्तियों के खातों को सत्यापित करने के लिए ब्लू टिक बैज का इस्तेमाल करता है, ताकि आम लोगों को खातों की वैधता के बारे में पता चल सके। भारत समेत दुनियाभर में माइक्रो-ब्लॉगिंग मंच ट्विटर के कर्मचारियों की छंटनी के बीच मस्क ने अपने कदम को सही ठहराते हुए कहा था कि कंपनी के हर दिन लाखों डॉलर का नुकसान झेलने की स्थिति में उनके पास छंटनी के अलावा कोई विकल्प ही नहीं बचा था। ट्विटर को अप्रैल-जून की तिमाही में 27 करोड़ डॉलर का शुद्ध घाटा हुआ था, जबकि एक साल पहले की समान तिमाही में उसे 6.6 करोड़ डॉलर का लाभ हुआ था।

भारत में कब शुरू होगा ?

एलन मस्क ने कहा है कि भारत में एक महीने के अंदर ट्विटर ब्लू के शुरू होने की उम्मीद की जा सकती है। दरअसल, एक ट्विटर यूज़र ने मस्क से इस बारे में पूछा था जिसपर मस्क ने कहा, उम्मीद है…एक महीने के अंदर। ट्विटर ब्लू फिलहाल अमेरिका, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया, न्यूज़ीलैंड और यूके में आईओएस यूज़र्स के लिए उपलब्ध है।

इंडोनेशिया: 6.1 तीव्रता का भूकंप, झटके महसूस किए

इंडोनेशिया: 6.1 तीव्रता का भूकंप, झटके महसूस किए

डॉक्टर सुभाषचंद्र गहलोत 

जकार्ता। मध्य इंडोनेशिया के उत्तरी सुलावेसी प्रांत में रविवार को भूकंप के झटके महसूस किए गए। देश की मौसम विज्ञान, जलवायु विज्ञान और भूभौतिकी एजेंसी ने कहा कि उत्तरी सुलावेसी प्रांत में 6.1 तीव्रता के भूकंप के झटके महसूस किए गए। एजेंसी ने कहा कि भूकंप सुबह सात बजकर 03 मिनट जकार्ता समय पर आया।

भूकंप का केंद्र केपुलुआन सीतारो जिले से 69 किलोमीटर दक्षिण-पश्चिम में और समुद्र तल के नीचे 255 किलोमीटर की गहराई पर था। भूकंप के झटके पास के उत्तरी मालुकु प्रांत में भी महसूस किए गए। एजेंसी ने सुनामी की चेतावनी जारी नहीं की है।

राज्याभिषेक: विशेष सार्वजनिक अवकाश घोषित 

राज्याभिषेक: विशेष सार्वजनिक अवकाश घोषित 

अखिलेश पांडेय 

लंदन। ब्रिटेन में महाराजा चार्ल्स तृतीय के राज्याभिषेक के अवसर पर विशेष सार्वजनिक अवकाश घोषित किया गया है। महाराजा चार्ल्स तृतीय का राज्याभिषेक अगले साल छह मई से तीन दिवसीय कार्यक्रम के दौरान लंदन के वेस्टमिंस्टर एबे में होगा। महारानी एलिजाबेथ द्वितीय के पिछले महीने निधन के बाद उनके पुत्र 73 वर्षीय चार्ल्स को ब्रिटेन का महाराजा घोषित किया गया था। महारानी एलिजाबेथ द्वितीय की ताजपोशी पर भी सार्वजनिक अवकाश घोषित किया गया था। ब्रिटेन के नए प्रधानमंत्री ऋषि सुनक ने कहा, ‘‘नए महाराजा का राज्याभिषेक हमारे देश के लिए एक अद्भुत क्षण है।

इस ऐतिहासिक अवसर पर मुझे पूरे ब्रिटेन के लिए अगले साल एक अतिरिक्त सार्वजनिक अवकाश की घोषणा करते हुए खुशी हो रही है।’’ इस अवकाश की घोषणा के बाद अब अगले साल मई में तीन लंबे सप्ताहांत होंगे। एक मई और 29 मई को पहले ही सार्वजनिक अवकाश है।

शनिवार, 5 नवंबर 2022

मध्यावधि चुनाव, भारतीय मूल के 5 नागरिक शामिल

मध्यावधि चुनाव, भारतीय मूल के 5 नागरिक शामिल

सुनील श्रीवास्तव 

वाशिंगटन डीसी। अमेरिका में आठ नवंबर को प्रतिनिधि सभा के लिए होने वाले मध्यावधि चुनाव की दौड़ में भारतीय मूल के पांच अमेरिकी नागरिक भी शामिल हैं। अगर चुनावी विश्लेषकों की राय पर गौर किया जाए तो इन भारतीय-अमेरिकियों के प्रतिनिधि सभा के लिए चुने जाने की 100 फीसदी की संभावना है। चार मौजूदा सांसद एमी बेरा, राजा कृष्णमूर्ति, रो खन्ना और प्रमिला जयपाल के पुन: निर्वाचित होने की उम्मीद है। चारों डेमोक्रेटिक पार्टी के हैं। प्रतिनिधि सभा में भारतीय अमेरिकियों के तथाकथित ‘समोसा कॉकस’ में उद्यमी और कारोबारी श्री थानेदार भी शामिल हो सकते हैं जो मिशिगन के 13वें कांग्रेसनल डिस्ट्रिक्ट से चुनाव लड़ रहे हैं। इनमें सबसे वरिष्ठ सदस्य बेरा कैलिफोर्निया की सातवीं कांग्रेसनल डिस्ट्रिक्ट से प्रतिनिधि सभा के लिए छठी बार चुनाव लड़ रहे हैं। वहीं, खन्ना, कृष्णमूर्ति और जयपाल लगातार चौथी बार प्रतिनिधि सभा की दौड़ में शामिल हैं।

राजनीतिक विशेषज्ञों के अनुसार, चारों उम्मीदवार अपने रिपब्लिकन प्रतिद्वंद्वियों के खिलाफ मजबूत स्थिति में है और थानेदार की स्थिति भी मजबूत दिख रही है। थानेदार अगर निर्वाचित होते हैं तो वह बेरा, खन्ना, कृष्णमूर्ति और जयपाल के साथ अगली कांग्रेस में पांचवें भारतीय-अमेरिकी होंगे। चेन्नई में जन्मीं जयपाल (57) प्रतिनिधि सभा में निर्वाचित होने वाली पहली और इकलौती भारतीय-अमेरिकी महिला है। इस चुनाव में एक अन्य भारतीय-अमेरिकी मैरीलैंड राज्य में इतिहास रचने को तैयार हैं। मैरीलैंड हाउस ऑफ डेलीगेट्स की पूर्व सदस्य अरुणा मिलर डेमोक्रेटिक पार्टी के टिकट पर राज्य के लेफ्टिनेंट गवर्नर पद पर चुनाव लड़ रही हैं।

राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार उनका जीतना तय है। अगर ऐसा होता है तो वह मैरीलैंड में इस पद पर निर्वाचित होने वाली पहली भारतीय अमेरिकी होंगी। इस बीच, डेमोक्रेट्स और रिपब्लिकन पार्टी के प्रत्याशियों ने आठ नवंबर को होने वाले मध्यावधि चुनाव के मद्देनजर भारतीय-अमेरिकियों तक पहुंचने के प्रयास तेज कर दिए हैं। ‘द वाशिंगटन पोस्ट’ ने शुक्रवार को कहा कि कुछ कड़े मुकाबलों में भारतीय-अमेरिकी महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।

पायलट ने फ्लाइट अटेंडेंट को प्रपोज किया

पायलट ने फ्लाइट अटेंडेंट को प्रपोज किया  अखिलेश पांडेय  वारसॉ। अक्सर लोग अपने प्यार का इजहार किसी खास जगह पर करने का सोचते हैं। ताकि वो पल ज...