शुक्रवार, 29 अप्रैल 2022

ग्रामीण क्षेत्रों में 8 घंटे तक 'बिजली' कटौती

ग्रामीण क्षेत्रों में 8 घंटे तक 'बिजली' कटौती 

भानु प्रताप उपाध्याय 
शामली। भीषण गर्मी के बीच बिजली की कटौती लोगों का पसीना छुड़ा रही है। शहर में जहां फाल्ट और ट्रिपिग से मुश्किल बढ़ गई हैं। वहीं देहांत में हाल और भी ज्यादा खराब है। शहरी इलाकों में 6 घंटे तो ग्रामीण क्षेत्रों में 8 घंटे तक बिजली कटौती हो रही है। किसानों के सामने भी सिंचाई का संकट खड़ा हो रहा है। उपभोक्ताओं को कटौती के साथ ही लो वोल्टेज से भी जूझना पड़ रहा हैं। हालांकि अफसरों का दावा है कि बिजली आपूर्ति शेडयूल के हिसाब से चल रही है।जिले में बिजली आपूर्ति गड़बड़ा रही है। भीषण गर्मी के बीच हो रही कटौती से ग्रामीण व शहरी इलाकों के साथ ही सिंचाई व्यवस्था भी प्रभावित हो रही है।
जनपद में 92 बिजलीघरों के माध्यम से आपूर्ति होती है। 
अभी तक पुराने शेडयूल पर ही विद्युत आपूर्ति दी जा रही है। ऊर्जा निगम की ओर से जारी शेडयूल में जिला मुख्यालय पर 24 घंटे आपूर्ति का दावा है, लेकिन 18 घंटे भी मुश्किल ही आपूर्ति मिल पा रही है। 
वहीं तहसील स्तर पर 20 घंटे, ग्रामीण एरिया में 18 व एग्रीकल्चर फीडर पर 10 घंटे शेडयूल के हिसाब से दी जा रही है, लेकिन सचाई यही है कि सभी क्षेत्रों में बिजली कटौती हो रही है। बिजली फाल्ट व मरम्मत कार्य चलता रहता है। ऐसे में मेंटीनेंस के नाम पर समय से अधिक की कटौती की जा रही है। यदि कहीं दो घंटे में मरम्मत कार्य पूरा होता है तो वहां भी तीन घंटे तक आपूर्ति बाधित रहती है। हालांकि अफसरों का दावा है कि छोटे फाल्ट के दो घंटे और फाल्ट बड़ा हो तो अधिकतम 24 घंटे में आपूर्ति सुचारू की जाती है। लाइन पर मरम्मत कार्य के कारण पहले ही उपभोक्ताओं को सूचना दी जाती है। पुराने शेडयूल पर ही आपूर्ति ऊर्जा निगम के अधिशासी अभियंता ब्रह्मपाल सिंह के मुताबिक, बिजली के शेड्यूल में कोई बदलाव नहीं किया गया है, शेडयूल के हिसाब से जिला मुख्यालय पर 24 घंटे आपूर्ति है। 
तहसील स्तर पर 20 घंटे व ग्रामीण एरिया में 18 घंटे आपूर्ति चल रही है। एग्रीकल्चर फीडर पर 10 घंटे बिजली मिल रही है। कटौती के कोई आदेश नहीं है। बिजली आपूर्ति सुचारू तरीके से चल रही है। इन ट्रांसमिशन बिजलीघरों से हो रही विद्युत सप्लाई जिले में 34021 नलकूप उपभोक्ता है। बिजली कटौती से खेतों की सिचाई प्रभावित हो रही है। भाकियू जिलाध्यक्ष कपिल खाटियान ने बताया कि इस मौसम में गन्ना व चारे की फसल को सिचाई की आवश्यकता है, लेकिन बिजली कटौती से सिचाई नहीं हो पा रही है। जिले के सवा लाख से अधिक किसानों को मुश्किलें हो रही है। नहीं कराई बेहतर लापिग-चापिग जिले में लाइनों के नजदीक से गुजर रहे पेड़ों की कटाई-छंटाई करानी होती है, लेकिन महकमे ने इस ओर कोई खास दिलचस्पी नहीं ली है। यही वजह है कि आए दिन पेड़ लाइन पर टूटकर गिर जाते है और बिजली आपूर्ति बाधित होती है। गुरुवार को जिला अस्पताल के निकट पेड़ की डाली टूटकर लाइन पर गिर गई। इससे आपूर्ति बाधित हुई है। हालांकि अधिकारियों ने इसे तेजी से ठीक करा दिया।

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