शुक्रवार, 10 सितंबर 2021

सीजी: पुलिस की मौजूदगी में कुछ ग्रामीणों से चर्चा

दुष्यंत टीकम         
रायपुर। ग्राम सरोरा में संभव इस्पात पावर के विस्तारीकरण हेतु जनसुनवाई दिनांक 03 सितंबर को पंचायत भवन सरोरा में रखा गया था। सरपंच बिहारी राम वर्मा के द्वारा ग्रामीणों को इसकी सुचना नहीं दिया गया था और न ही इसकी मुनियादि गांव में कराई गई थी। ग्रामीणों ने बताया कि बिहारी राम महिंद्रा, हाईटेक, अपनी मनमर्जी से कंपनी से मिली सी.एस. आर की राशि को खर्च करता है, जिसका कोई हिसाब नही है। महिंद्रा कंपनी की जनसुनवाई में सरपंच ने कंपनी का खुलकर बहुत विरोध किया था और अब गुपचुप तरिके से मोटी रकम लेकर एनओसी दिया है। जिसके विरोध मे जनसुनवाई में ग्रामीण सरपंच से स्पष्टी करण चाहते थे किन्तु सरपंच मुँह छिपा कर स्वयं पंचयत भवन में दरवाजा अंदर से बंदकर लगभग 10 महिला पंच व कुछ अन्य पंच उपसरपंच के साथ बैठ गए वे स्वयं से अंदर में बैठे थे।
किसी ने उन्हें नहीं रोका था व पुलिस की मौजूदगी में कुछ ग्रामीणों से चर्चा भी अंदर बुलाकर की है। किन्तु उन्हें खुद अपने द्वारा कम्पनी से लिए गए पैसे के कारण जनता का सामना करने में शर्मिंदगी महसूस हो रही थी व जनता को मुँह दिखाने लायक नहीं है। इसलिए बाहर निकलकर लोगों को कोई जवाब नहीं दे पाए। सरपंच से ग्रामीण उक्त एन ओ सी दिए जाने का स्पष्टी करण चाहते थे। किन्तु सरपंच के पास कोई जवाब नहीं है। कई पंच प्लाट से राशि मिलने व मोटरसायकिल खरीदने कई बात स्वीकार भी कर चुके है। सरपंच ने प्रशासनिक अधिकारियो के जाने के बाद थाना प्रभारी तिल्दा से मिलकर गांव का लाइट बंद करा दिया व ग्रामीणों पर बिना किसी चेतावनी के लाठीचार्ज कराया गया जिससे कई लोगों को चोट आई है व देर रात्रि 14 ग्रामीणों पर कई धाराओं मे थाना नेवरा मे प्रकरण दर्ज कराया गया है। सरपंच व थानाप्रभरी के इस तरह के व्यवहार से ग्रामीण अचमभीत है व आसपास के अन्य पंचयत के ग्रामीण से बैठक कर आज 200 ग्रामीणों के हस्ताक्षर से गृह मंत्री जिलाधिकारी व एस पी को आवेदन देकर झूठे मुकदमे वापस लेने व थानाप्रभारी द्वारा लाठी चार्ज किये जाने की जाँच कराने व महेंद्र स्पोंज प्लांट को दिए गए एन ओ सी को रद्द करने की मांग को लेकर, भेट कर आवेदन सोपे है। अगर मुकदमा वापस नहीं हुआ, लाठी चार्ज के खिलाफ थानाप्रभारी पर कारवाही नहीं हुई व एन ओ सी रद्द नहीं हुआ तो ग्रामीण आसपास के 10 गांव के जनता को लेकर थाने का सरपंच का व महेंद्र पॉवर प्लांट का घेराव करेंगे जिसकी सम्पूर्ण जवाबदारी प्रशासन की होंग। 
अगर सरपंच ने घुस नहीं लिया है तो अपनी स्थिति स्पष्ट करे मुँह छिपाने व जनता के प्रति जवाबदारी से वे भाग नहीं सकते। दो घंटे तक एडीएम बाहर गाड़ी में बैठे रहे व सरपंच एक बार भी जनता के बिच आकर नहीं समझा सके इस्से साफ जाहिर है। सरपंच जनता का विश्वास खो चुके है। आप प्रशासन के लोगों को कोई सहयोग नहीं कर सकते तो किस बात के गांव के मुखिया हो। सिर्फ प्लांट से दलाली खाने के लिए बैठे हो। सरपंच गांव के हो व निवास रायपुर में है हप्ते में दो दिन जाकर पंचयत में मजमा लगाकर महिला समूह कोई इकट्ठा कर मीटिंग करते हैं।
बिजली बिल महिला समूह के लिए दिए है व दो किलो सब्जी नहीं हुआ है। इसकी भी जाँच ग्रामीण चाहते है। स्वयं बेजा कब्जा किया है व ग्रामीणों को पेशी बुलाकर पंचयत भवन में न्यायाधीश बनकर चपरासी से बाहर आवाज लगाकर बुलाकर बेइइजत कर रहा है। जिससे ग्रामीण भारी आक्रोशित है व यही गुस्सा निकला है। अगर समय रहते व्यवहार में सुधार नहीं हुआ तो बड़ी घटना कभी भी घट सकती है।

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