मंगलवार, 10 नवंबर 2020

हवाई जहाज उड़ने से पहले उछला 'भूमि विवाद'

बरेलीः हवाईजहाज उड़ने से पहले उछला भूमि विवाद, दो महिलाओं ने मांगी नौकरी


राकेश शर्मा


बरेली। सिविल एन्क्लेव (एयरपोर्ट) का विवादों से भी गहरा नाता है। अभी तक हवाईजहाज उड़ा नहीं है। हवाई जहाज उड़ाने के लिये बरेली से लेकर लखनऊ और दिल्ली तक पैरवी हो रही है। अब नया विवाद खड़ा हो गया है। एयरपोर्ट को कुछ भूमि देने वाली मुड़िया अहमदनगर गांव की दो महिला किसान मुन्नी देवी और ऊषा देवी ने सरकारी नौकरी की मांग कर दी।
पहले दोनों महिलाओं ने राज्यपाल के नाम एयरपोर्ट अथॉरिटी के लिये अधिग्रहण हुई भूमि में खुद को सह खातेदार बनवा लिया था। नायब तहसीलदार रिठौरा की कोर्ट ने महिलाओं के हक में एक पक्षीय निर्णय देकर बरेली से लेकर लखनऊ तक के अधिकारियों की दिक्कतें बढ़ा दी थीं। अब महिलाओं ने नयी मांग कर दी। महिलाओं ने मुआवजे के बदले सरकारी नौकरी की मांग उठायी है। पांच साल के बाद नौकरी की मांग उठने पर अधिकारी टेंशन में आ गये हैं। प्रशासनिक अधिकारियों को समझ नहीं आ रहा कि महिलाओं के प्रार्थनापत्र पर क्या सुनवाई की जाये। महिलाओं ने कुछ भूमि का अभी तक मुआवजा नहीं लिया है। मुआवजा न लेने की बात कहते हुए दोनों ने नौकरी की मांग की है।
विशेष भूमि अध्याप्ति अधिकारी कार्यालय में प्रार्थना पत्र पहुंचने के बाद अधिकारी अब इसी उधेड़बुन में लगे हैं कि यह मसला कैसे हल किया जाए। अब इस मामले का हल ढूंढने के लिये भूमि अधिग्रहण करने वाली कमेटी के सभी पदाधिकारियों की दीपावली के बाद 18 नवंबर को बैठक बुलायी गयी है।
इस बैठक में अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व मनोज कुमार पांडेय, विशेष भूमि अध्याप्ति अधिकारी मदन कुमार, एसडीएम सदर विशु राजा, तहसीलदार सदर आदि शामिल होंगे। बैठक बुलाने के पीछे महिलाओं को नौकरी देने के मामले का हल ढूंढना है। बैठक बुलाने का पत्र तैयार हो गया है। विशेष भूमि अध्याप्ति अधिकारी कार्यालय में तैयार हुए पत्र पर सोमवार को विशेष भूमि अध्याप्ति अधिकारी मदन कुमार ने हस्ताक्षर भी कर दिये हैं।
महिलाओं की इतनी भूमि अधिग्रहण हुई
सिविल एन्क्लेव के निर्माण लिए वर्ष 2015 में आपसी समझौता के आधार पर मुड़िया अहमदनगर के कई किसानों की भूमि अधिग्रहण की गई थी। इसमें मुन्नी देवी और ऊषा देवी की भूमि भी अधिग्रहण हुई थी। बताते हैं कि 0.255 हेक्टेयर भूमि ऊषा देवी और इतनी भूमि मुन्नी देवी की अधिग्रहण की गयी।
2018 में दिया आदेश कोरोना काल में हुआ था। निरस्त
वर्ष 2017 में दोनों महिलाओं ने राज्यपाल के नाम दर्ज भूमि में सह खातेदार बनने के लिए नायब तहसीलदार रिठौरा की कोर्ट में अपील की। नायब तहसीलदार की कोर्ट ने अक्टूबर, 2018 में मुड़िया अहमदनगर की मुन्नी देवी और ऊषा देवी की अपील पर सुनवाई करते हुए एयरपोर्ट अथॉरिटी का पक्ष सुने बगैर फैसला सुनाते हुए दोनों को सह खातेदार बना दिया था। यह मामला उच्चाधिकारियों तक पहुंचा। अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व मनोज कुमार पांडेय ने नाराजगी जताते हुये तहसीलदार सदर को मामले की सुनवाई करने के निर्देश दिये। तहसीलदार ने कोरोना काल में मामले की सुनवाई कर नायब तहसीलदार के आदेश को निरस्त कर दिया था। लेकिन महिलाओं का मसला फिर भी हल नहीं हुआ।              


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