नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को केन्द्र को निर्देश दिया कि कोविड-19 के मरीजों का इलाज कर रहे डाक्टरों और स्वास्थ्यकर्मियों के अस्पतालों के निकट ही पृथकवास के लिये उठाये गये कदमों के बारे में उसे अवगत कराया जाये। न्यायमूर्ति एल नागेश्वर राव, न्यायमूर्ति संजय किशन कौल और न्यायमूति बी आर गवई की पीठ ने इस मामले की वीडियो कांफ्रेन्सिंग के माध्यम से सुनवाई के दौरान केन्द्र को यह निर्देश दिया। पीठ ने केन्द्र की ओर से पेश सालिसीटर जनरल तुषार मेहता से कहा कि वह इस बारे में जानकारी प्राप्त करके अगले सप्ताह उसे अवगत करायें। इस मामले में याचिकाकर्ता डा आरूषि जैन की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने कहा कि सरकारी अस्पतालों के रेजीडेन्ट डाक्टरों को सात से 14 दिन की ड्यूटी करने के बाद पृथकवास किया जाना चाहिए। लेकिन इन चिकित्सकों को उन स्थानों पर पृथकवास कराया जा रहा है जहां उन्हें कमरे, बाथरूम साझा करने पड़ रहे हैं जबकि व्यवस्था ऐसी होनी चाहिए जिसमें सामाजिक दूरी बनी रहे। रोहतगी ने कहा कि इस तरह की व्यवस्था पृथकवास के मकसद को ही विफल करेगी और कोरोना योद्धा बीमार पड़ेंगे।
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
पायलट ने फ्लाइट अटेंडेंट को प्रपोज किया
पायलट ने फ्लाइट अटेंडेंट को प्रपोज किया अखिलेश पांडेय वारसॉ। अक्सर लोग अपने प्यार का इजहार किसी खास जगह पर करने का सोचते हैं। ताकि वो पल ज...
-
यूपी में ग्रीष्मकालीन अवकाश की घोषणा: परिषद संदीप मिश्र/बृजेश केसरवानी लखनऊ/प्रयागराज। उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा परिषद की ओ...
-
महर्षि कश्यप के पुत्र पक्षीराज गरुड़ को भगवान विष्णु का वाहन कहा गया है। एक बार गरुड़ ने भगवान विष्णु से मृत्यु के बाद प्राणियों की स्थिति, ...
-
55 साल की उम्र में भी बरकरार है खूबसूरती कविता गर्ग मुंबई। 55 की उम्र में भी यह हसीना बेहद खूबसूरत दिखती है, और मलाइका की हॉटनेस उसकी ...
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
Thank you, for a message universal express.