बुधवार, 15 अप्रैल 2020

कोरोनाः चीन ने रोका नदी का पानी

बीजिंग/ बैंकाक। कोरोना महासंकट के बीच इस महामारी का गढ़ रहे चीन का एक और अमानवीय चेहरा सामने आया है। चीन ने दक्षिण पूर्व एशियाई देशों में बहने वाली मेकांग नदी में पानी का बहाव बहुत कम कर दिया है। इससे चार देशों थाइलैंड, लाओस, कंबोडिया और वियतनाम में भीषण सूखा पड़ गया है। इन देशों में हालात इतने खराब हो गए हैं कि किसानों और मछुआरों को प्रदर्शन करना पड़ा है। चीन के इस कदम के बाद ब्रह्मपुत्र नदी को लेकर भी संदेह के बादल उमड़ने लगे हैं।


न्‍यूयॉर्क टाइम्‍स की रिपोर्ट के मुताबिक इस साल फरवरी के अंतिम दिनों में चीन जब कोरोना से जूझ रहा था, उस समय उसके विदेश मंत्री को अचानक लाओस जाना पड़ा था। दरअसल, दक्षिण पूर्वी एशियाई देशों की जीवनधारा कही जाने वाली मेकांग नदी में पानी कम होने के बाद लाओस के किसानों और मछुआरों ने जोरदार प्रदर्शन किया था। इसके बाद चीन के विदेश मंत्री वांग यी को लाओस जाना पड़ा। चीन के इंज‍िनियरों ने कम किया बहावः चीनी विदेश मंत्री ने कहा था कि वह किसानों और मछुआरों के दर्द को समझते हैं। उन्‍होंने दावा किया कि चीन भी इस साल सूखे का सामना कर रहा है और इससे मेकांग नदी में पानी कम हो रहा है। चीन के दावे के उलट अमेरिकी जलवायु विज्ञानियों के शोध से खुलासा हुआ है कि ऐसा पहली बार है जब चीन सूखे का सामना नहीं कर रहा है। उन्‍होंने कहा कि तिब्‍बत के पठार से मेकांग नदी निकलती है और चीनी इंज‍िन‍ियरों ने सीधे तौर पर नदी के पानी के बहाव को बहुत कम कर दिया है। इस रिपोर्ट को लिखने वाले एलन बसिष्‍ट ने कहा, 'सैटलाइट से मिले आंकड़े झूठ नहीं बोलते हैं और तिब्‍बत के पठार पर भी विशाल जलराशि मौजूद है। जल संकट की हालत यह है कि कंबोडिया और थाइलैंड जैसे देश भी पानी की बहुत कमी महसूस कर रहे हैं।' उन्‍होंने कहा, 'चीन ने बहुत बड़े पैमाने पर अपने पास ही रोक लिया है।' दरअसल, पूरी दुनिया में मेकांग नदी सबसे उपजाऊ नदियों में शामिल है।


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