शुक्रवार, 17 जनवरी 2020

पिता ने केजरीवाल के सिर फोड़ा ठीकरा

नई दिल्ली। निर्भया से गैंगरेप और हत्या के दोषियों में से एक मुकेश सिंह की दया याचिका को गृह मंत्रालय ने राष्ट्रपति के पास भेज दिया है। 16 दिसंबर, 2012 को दिल्ली में हुई इस खौफनाक घटना के एक अन्य दोषी विनय शर्मा की माफी याचिका भी राष्ट्रपति के पास पहुंची थी, लेकिन उसने बाद में यह कहते हुए अर्जी वापस ले ली थी कि इसके लिए उसकी राय नहीं ली गई थी। अब एक अन्य दोषी मुकेश की याचिका को गृह मंत्रालय ने गुरुवार रात को राष्ट्रपति के पास भेज दिया। इस बीच, निर्भया की मां ने पीएम नरेंद्र मोदी से दोषियों को जल्द फांसी दिलवाने की मांग की है।


इससे पहले पटियाला हाउस कोर्ट ने डेथ वॉरंट को रद्द करने की मांग वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि 22 जनवरी को फांसी नहीं हो सकती है। अदालत ने मुकेश की दया याचिका पर फैसला न होने की दलील मानते हुए कहा कि राष्ट्रपति का फैसला जब तक नहीं आता है, तब तक फांसी नहीं दी जा सकती है। चूंकि राष्ट्रपति से दया याचिका खारिज होने के बाद भी दोषी को फांसी पर लटकाने से पहले कम-से-कम 14 दिनों का वक्त मिलता है, ऐसे में डेथ वॉरंट में तय तारीख 22 जनवरी को फांसी नहीं दी जा सकेगी।
पिता ने फोड़ा केजरीवाल पर ठीकरा
इस बीच दोषियों की फांसी लगातार टलते रहने से आहत निर्भया के परिजनों ने दिल्ली सरकार पर आक्रोश जाहिर किया है। निर्भया के पिता ने हमारे सहयोगी चैनल टाइम्स नाउ से कहा कि दिल्ली सरकार तब तक सोई रही, जब तक हम लोग नहीं आगे बढ़े। उन्होंने कहा कि आखिर दिल्ली सरकार ने जेल अथॉरिटी से पहले क्यों नहीं कहा था कि आप फांसी के लिए नोटिस जारी कीजिए। तब तक उन्होंने जेल प्रशासन से कुछ नहीं कहा। उन्होंने कहा कि यदि इलेक्शन से पहले कोई फैसला नहीं आता है तो इसके जिम्मेदार अरविंद केजरीवाल होंगे। उन्होंने कहा कि अरविंद केजरीवाल ने सत्ता में आने के लिए निर्भया केस का इस्तेमाल किया।
निर्भया की मां ने पीएम मोदी से की बड़ी अपील
निर्भया की मां ने पीएम नरेंद्र मोदी से दोषियों को फांसी की सजा को जल्द अमल में लाने की मांग की है। उन्होंने कहा, ‘मैं सबसे दूर होकर, सिर्फ हाथ जोड़कर कानून से अपना इंसाफ मांगा। लेकिन अब मैं जरूर कहना चाहूंगी कि जब 2012 में घटना हुई तो इन्हीं लोगों ने हाथ में तिरंगा लिया, काली पट्टी बांधी और महिलाओं की सुरक्षा के लिए खूब रैलियां की और खूब नारे लगाए। लेकिन, आज यही लोग उस बच्ची की मौत के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं। कोई कह रहा है कि आपने रोक दिया, कोई कह रहा है कि हमें पुलिस दे दीजिए, मैं दो दिन में दिखाऊंगा। मैं अब जरूर कहना चाहूंगी कि ये अपने फायदा के लिए उनकी फांसी को रोके हैं और हमें इस बीच में मोहरा बनाया। इन दोनों लोगों के बीच में मैं पिस रही हूं। मैं यही कहना चाहती हूं, खासतौर पर प्रधानमंत्री जी से कि आपने 2014 में ही ये बोला था कि अब बुहत हुआ नारी पर वार, अबकी बार मोदी सरकार। तो मैं आपसे हाथ जोड़कर कहना चाहती हूं कि जिस तरह से आप दोबारा सरकार में आए हैं, जिस तरह से आपने हजारों काम किया तीन तलाक हटाए, अब कानून में संशोधन करिए क्योंकि कानून बनाने से नहीं होता है। मैं आपसे हाथ जोड़कर कहना चाहती हूं कि बच्ची की मौत के साथ मजाक मत होने दीजिए और उन चारों मुजरिमों को 22 तारीख को फांसी पर लटकाइए और समाज को दिखाइए कि आप देश के रखवाले हैं। हम महिलाओं को सुरक्षा दे सकते हैं।’


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