शनिवार, 10 अगस्त 2019

डिजिटल इंडिया चुनौती और बाधाएं

भारत सरकार की संस्था 'भारत ब्रॉडबैंड नेटवर्क लिमिटेड' नेशनल ऑप्टिकल फाइबल नेटवर्क जैसी परियोजना को कार्यान्वयित करेगी जो डिजिटल इंडिया कार्यक्रम की देखरेख करेगा। बीबीएऩएल ने यूनाइटेड टेलीकॉम लिमिटेड को 250,000 गाँवों को एफटीटीएच ब्रॉडबैंड आधारित तथा जीपीओएन के द्वारा जोड़ने का आदेश दिया है। यह 2017 तक (अपेक्षित) पूर्ण होने वाली डिजिटल इंडिया परियोजना को सभी आधारभूत सुविधाएं मुहैया कराएगी।


डिजिटल इंडिया भारत सरकार की आश्वासनात्मक योजना है। कई कम्पनियों ने इस योजना में अपनी दिलचस्पी दिखायी है। यह भी माना जा रहा है कि ई-कॉमर्स डिजिटल इंडिया प्रोजेक्ट को सुगम बनाने में मदद करेगा। जबकि, इसे कार्यान्वयित करने में कई चुनौतियाँ और कानूनी बाधाएं भी आ सकती हैं। कुछ लोगों का यह भी मानना है कि देश में डिजिटल इंडिया सफल तबतक नहीं हो सकता जबतक कि आवश्यक बीसीबी ई-गवर्नेंस को लागू न किया जाए तथा एकमात्र राष्ट्रीय ई-शासन योजना (National e-Governance Plan) का अपूर्ण क्रियान्वयन भी इस योजना को प्रभावित कर सकता है। निजता सुरक्षा, डाटा सुरक्षा, साइबर कानून, टेलीग्राफ, ई-शासन तथा ई-कॉमर्स आदि के क्षेत्र में भारत का कमजोर नियंत्रण है। कई कानूनी विशेषज्ञों का यह भी मानना है कि बिना साइबर सुरक्षा के ई-प्रशासन और डिजिटल इंडिया व्यर्थ है। भारत ने साइबर सुरक्षा चलन ने भारतीय साइबर स्पेस की कमियों को उजागर किया है। यहाँ तक कि अबतक राष्ट्रीय साइबर सुरक्षा योजना 2013 अभी तक क्रियानवयित नहीं हो पायी है। इन सभी वर्तमान परिस्थियों में महत्वपूर्ण आधारभूत सुरक्षा का प्रबंधन करना भारत सरकार के लिए कठिन कार्य होगा। तथा इस प्रोजेक्ट में उचित ई-कचरा प्रबंधन के प्रावधान की भी कमी है।


डिजिटल इंडिया की निगरानी 
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1. प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में बनी कमेटी


2. वित्त मंत्री, आईटी मंत्री, मानव संसाधन मंत्री, शहरी विकास मंत्री और स्वास्थ्य मंत्री होंगे सदस्य


3. प्रधानमंत्री के प्रमुख सचिव, कैबिनेट सचिव, व्यय, योजना, टेलीकॉम और कार्मिक सचिव विशेष आमंत्रित


4. सूचना सचिव कमेटी के संयोजक


डिजिटल इंडिया पर खर्च 
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1- मौजूदा योजनाओं में एक लाख करोड़


2- नई योजनाओं और गतिविधियों में 13 हजार करोड़


3- 2019 तक डिजिटल इंडिया का असर


4- 2.5 लाख गांवों में ब्रॉडबैंड और फोन की सुविधा


5- 2020 तक नेट जीरो आयात


6- 4 लाख पब्लिक इंटरनेट प्वाइंट


7- 2.4 लाख स्कूलों, विश्वविद्यालयों में वाई-फाई


8- आमलोगों के लिए वाई-फाई हॉट स्पॉट


9- 1.7 करोड़ लोगों को आईटी, टेलीकॉम और इलेक्ट्रॉनिक में ट्रेनिंग और रोजगार


10- 1.7 करोड़ लोगों को सीधे रोजगार


11- 8.5 करोड़ लोगों को अप्रत्यक्ष रोजगार


12- सभी सरकारों में इ-शासन


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